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Bihar Politics: चुनाव से पहले फिर चर्चा में क्यों आया चारा घोटाला? सम्राट चौधरी के बयान से गरमाई सियासत

Dainik Jagran - March 29, 2025 - 6:30am

राज्य ब्यूरो, पटना। विधानसभा चुनाव को देखते हुए बहुचर्चित चारा घोटाले को लेकर नए सिरे से राजनीति जोर पकड़ने लगी है। राजद प्रमुख लालू यादव के साथ ही विपक्ष को घेरने के लिए सत्ता पक्ष ने घोटाला की राशि 950 करोड़ रुपये वसूलने के लिए हर संभव पहल की घोषणा कर राजनीति तपिश बढ़ा दी है।

उप मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि हम हर संभव उपाय कर रहे हैं, ताकि यह राशि बिहार सरकार के खजाने में वापस आ सके। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो कोर्ट जाएंगे, जांच एजेंसियों से भी बात करेंगे।

सरकारी खजाने में लौटना चाहिए चारा घोटाले का पैसा

उन्होंने कहा कि चारा घोटाले का पैसा हर हाल में सरकारी खजाने में लौटना चाहिए। सिर्फ जेल और बेल के खेल से काम नहीं चलने वाला है। यह खेल भ्रष्टाचारी लोग खेलते हैं, जो जनता के बीच रहनुमा बनने का ढोंग करते हैं और सरकारी पैसे को लूटकर जनता को गुमराह करते हैं।

ऐसे लोगों का उद्भेदन होना चाहिए, उन्हें जेल भेजा जाना चाहिए। घोटाला की राशि जनता के खजाने में वापस लाया जाना चाहिए। जनता का पैसा जनता के काम आए, इसकी संपूर्ण व्यवस्था सरकार को सुनिश्चित करेगी।

भ्रष्टाचार में डूबा है परिवार

उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने लालू परिवार पर निशाना साधते हुए कहा एक परिवार भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है और पीढ़ी दर पीढ़ी इसमें लिप्त रहा है। भ्रष्ट लोग जनता की सहानुभूति पाने के लिए कभी जाति का कार्ड खेलते हैं, तो कभी खुद को मासूम साबित करने का नाटक करते हैं।

उन्होंने कहा कि अब इनके खेल को जनता समझ चुकी है। चाहे चारा घोटाले की रकम हो या किसी अन्य घोटाले की, हर हाल में वह पैसा जनता के खजाने में वापस आना चाहिए।

सभी धर्मों का सम्मान करते हैं पीएम मोदी : प्रभाकर मिश्र

वहीं, दूसरी ओर पटना में भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रभाकर मिश्र ने कहा कि पीएम मोदी देश के सच्चे अभिभावक हैं। एक सजग एवं फिक्रमंद अभिभावक की तरह वे सभी धर्म और सभी वर्ग के लोगों का ख्याल रखते हैं।

ईद पर 32 लाख गरीब मुस्लिम भाइयों को 'सौगात-ए-मोदी' किट दिया जा रहा है ताकि कोई भी गरीब मुस्लिम भाई ईद की खुशी से महरूम न रहें। ईद की खुशियां हर गरीब के आशियाने तक पहुंचे।

भाजपा की ओर से चलाए जा रहे 'सौगात-ए-मोदी' अभियान से गरीबों तक जरूरत की सामग्री पहुंचाई जा रही है। इसके अलावा भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा की तरफ से भी जिला स्तर पर ईद मिलन समारोह का भी आयोजन किया जाएगा।

अल्पसंख्यक मोर्चे के 32 हजार पदाधिकारी 32 हजार मस्जिदों से सम्पर्क कर 32 लाख जरूरतमंदों को 'सौगात-ए-मोदी' किट के माध्यम से उपहार स्वरूप सेवइयां, खजूर, कपड़े और अन्य जरुरत के सामान उपलब्ध करा रहे हैं।

मोदी और भाजपा के इस नेक कार्य से मुस्लिमों को गुमराह करने वाले विपक्षी दलों के नेताओं की बोलती बंद हो गई है। मुस्लिम भाइयों को भी यह समझने में देर नहीं लगेगी कि पीएम मोदी एवं भाजपा ही उनकी असली हितैषी हैं।

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कर्नाटक: डिजिटल अरेस्ट के शिकार बुजुर्ग दंपती ने की आत्महत्या, 50 लाख गंवाने के बाद उठाया खौफनाक कदम

Dainik Jagran - National - March 29, 2025 - 1:00am

पीटीआई, बेलगावी। कर्नाटक के बेलगावी जिले के खानपुर तालुक में एक बुजुर्ग दंपती ने 50 लाख की साइबर धोखाधड़ी और उत्पीड़न का शिकार होने के बाद आत्महत्या कर ली। खानपुर के बीड़ी गांव निवासी 82 वर्षीय डियोगजेरोन संतन नाजरेथ और उनकी पत्नी 79 वर्षीय फ्लावियाना के कोई संतान नहीं थी।

पुलिस ने बताया कि डियोगजेरोन द्वारा छोड़े गए दो पेज के सुसाइड नोट में उन्होंने अपना जीवन समाप्त करने का निर्णय बताया है तथा अनुरोध किया है कि इसके लिए किसी को दोषी न ठहराया जाए, क्योंकि वे किसी की दया पर नहीं जीना चाहते हैं।

खुद को चाकू घोंपकर की आत्महत्या

पुलिस ने बताया कि घटना गुरुवार को तब प्रकाश में आई जब पड़ोसियों ने फ्लावियाना को बिस्तर पर मृत पाया, जबकि डियोगजेरोन का शव उनके घर के भूमिगत पानी के टैंक में मिला। महाराष्ट्र सरकार के सचिवालय के सेवानिवृत्त कर्मचारी डियोगजेरोन ने खुद की गर्दन पर चाकू घोंपकर आत्महत्या कर ली।

पुलिस ने बताया कि उसकी कलाई पर भी चोट के निशान पाए गए हैं। उन्होंने बताया कि फ्लेवियाना के जहर खाने का संदेह है, हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही इसकी पुष्टि हो पाएगी।

सुसाइड नोट में किया गया दो लोगों का जिक्र

सुसाइड नोट में डियोगजेरन ने दो व्यक्ति सुमित बिर्रा और अनिल यादव का नाम लिया है। उन्होंने लिखा कि नई दिल्ली से दूरसंचार विभाग के अधिकारी होने का दावा करने वाले बिर्रा ने उन्हें सूचित किया कि उनके नाम पर धोखाधड़ी से एक सिम कार्ड खरीदा गया था और इसका इस्तेमाल उत्पीड़न और अवैध विज्ञापनों के लिए किया जा रहा था। बिर्रा ने बाद में काल को अनिल यादव को स्थानांतरित कर दिया, जिन्होंने अपराध शाखा से होने का दावा किया।

अनिल यादव ने डियोगजेरोन की संपत्ति और वित्तीय विवरण की मांग की और सिम कार्ड के दुरुपयोग पर कानूनी परिणाम भुगतने की धमकी दी। पुलिस ने डिजिटल लेनदेन रिकार्ड का हवाला देते हुए कहा कि घोटाले का शिकार होकर डियोगजेरोन ने उन्हें 50 लाख रुपये से अधिक हस्तांतरित कर दिए, लेकिन वे और अधिक मांग करते रहे।

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