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NEET Paper Leak: संजीव मुखिया ने पूछताछ में खोले कई अहम राज, पेपर लीक मामले में कुछ बड़े लोगों की उड़ेगी नींद!

Dainik Jagran - April 27, 2025 - 8:36pm

राज्य ब्यूरो, पटना। लंबी लुक्का-छिपी के बाद गिरफ्त में आए पेपर लीक कांड के मास्टर माइंड संजीव मुखिया से पूछताछ में आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) को कई ऐसी जानकारियां मिली हैं, जिससे आने वाले दिनों में कई बड़े लोगों की नींद उड़ने वाली है।

संजीव मुखिया ने अपराध का रास्ता क्यों चुना, किन परीक्षाओं में उसकी सेटिंग थी ऐसी तमाम जानकारियां उसने ईओयू को पूछताछ में दी है।

दरअसल, मुखिया अपनी पत्नी को राजनीतिक मुकाम दिलाकर बड़ी शख्सियत बनाना चाहता था इसकी वजह से उसने पेपर लीक जैसे आपराधिक रास्ते को चुना।

जनकारी के अनुसार, पूछताछ के दौरान सीबीआइ और झारखंड पुलिस के अधिकारी भी मौजूद रहे। पूछताछ के क्रम में रिमांड अवधि पूरी होने के बाद संजीव मुखिया को रविवार की रात ही वापस न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।

सूत्रों ने बताया की संजीव मुखिया से और जानकारी मिलने की उम्मीद जांच एजेंसी को है इसलिए सोमवार को उसे वापस रिमांड पर लेने के प्रयास होंगे।

लगातार पूछताछ कर रहे हैं ईओयू के अधिकारी

संजीव मुखिया को गिरफ्तार करने के बाद ईओयू के अधिकारी उससे लगातार पूछताछ कर रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि संजीव मुखिया ने पूछताछ में दावा किया कि उनसे अपनी राजनीतिक पहुंच और सेंटिंग की बदौलत कई सफेदपोश और उनके स्वजनों को लाभ पहुंचाया।

कई लोगों के बच्चों को मेडिकल तक की परीक्षा भी पास कराई। संजीव मुखिया ने रेलवे भर्ती बोर्ड, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी में सेंटिग का दावा भी किया।

इस रास्ते को चुनने की वजह पूछने पर उसने स्पष्ट तौर पर स्वीकार किया कि वह अपनी पत्नी को राजनीतिक रूप से स्थापित करना चाहता था।

जिसके लिए उसे पैसों की दरकार थी और उसने पैसों के लिए पेपर लीक और सेंटिग के अवैध कारोबार का सहारा लिया और इसे विस्तार भी दिया।

तीन राज्यों में थी संजीव मुखिया की धमक

उसने बताया कि बिहार, झारखंड से लेकर पश्चिम बंगाल तक की प्रतियोगी परीक्षाओं में उसकी धमक थी। उसने बिहार में सिपाही बहाली, शिक्षक भर्ती और नीट यूजी परीक्षाओं के पेपर लीक से संबंधित मामलों में कई नामों का उद्भेदन भी किया।

उसने यह जानकारी भी ईओयू टीम को दी कि फरारी के दौरान वह लाभार्थियों के घरों को अपना ठिकाना बनाता था। सीबीआइ ने जिस वक्त उसके ठिकाने पर छापा मारा उस वक्त वह बिहारशरीफ में ही रुका हुआ था। छिपने के लिए संजीव मुखिया ने पटना के पीरबहोर, अगमकुआं और बाढ़ इलाके में भी अपना ठिकाना बनाया था।

यहां बता दें कि मई 2024 में मेडिकल की प्रारंभिक परीक्षा से संबंधित नीट (यूजी) के प्रश्न पत्र लीक मामले की जांच सीबीआइ कर रही है। प्रश्न पत्र लीक की घटना झारखंड के हजारीबाग स्थित एक स्कूल से हुई थी, इसलिए झारखंड पुलिस की टीम भी पूछताछ में शामिल हुई।

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बिहार में 12 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है हेमंत की पार्टी! महागठबंधन के सामने रख दी लिस्ट, RJD की बढ़ी टेंशन

Dainik Jagran - April 27, 2025 - 8:17pm

जागरण संवाददाता, पटना। महागठबंधन के भीतर सीटों की गुत्थी ऐसी उलझी है कि किसी दूसरे सहयोगी के लिए शायद ही गुंजाइश बने।

इस बीच झारखंड के सीमावर्ती विधानसभा क्षेत्रों में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) अपनी संभावना का आकलन करने लगा है।

इससे राजद की चिंता बढ़ी हुई है, क्योंकि उन क्षेत्रों से उसे इस बार बड़ी आशा है। ऐसे में प्रयास यह है कि झामुमो को किसी तरह बिहार से दूर रहने के लिए मना लिया जाए।

हालांकि, झारखंड के चुनाव में सहयोगी राजद ने जिस तरह दावेदारी की थी, उसे लेकर इसकी संभावना कम है कि झामुमो अपने कदम पीछे खींच ले।

राजद झारखंड में झामुमो का पुराना सहयोगी है। झामुमो को भी बिहार में ऐसी ही भूमिका की अपेक्षा रही है। उसके लिए वह एक दशक से प्रयासरत है, लेकिन बात कभी बनी नहीं।

विधानसभा के पिछले चुनाव में तो कटुता इस स्तर तक बढ़ी कि झामुमो ने राजनीतिक मक्कारी का आरोप लगाते हुए राजद से राजनीतिक रिश्ते की समीक्षा तक की चेतावनी दी थी।

तब उसका कहना था कि झारखंड सरकार में राजद के एकमात्र विधायक सत्यानंद भोक्ता को श्रम मंत्री बनाया गया, लेकिन राजद राजनीतिक शिष्टाचार भूल गया है।

तेजस्वी यादव का नेतृत्व पुराने दिनों को याद रखना नहीं चाहता। शिकायत लालू प्रसाद से भी हुई। यह कहते हुए कि झामुमो उनका आदर करता है, लेकिन प्रश्न यह कि लालू सामाजिक न्याय के अंतर्गत राजनीतिक भागीदारी की बात करते हैं, तो उनका यह सिद्धांत झामुमो के संदर्भ में क्यों गुम हो गया?

इस क्षोभ के साथ झामुमो ने सात सीटों (झाझा, चकाई, कटोरिया, धमदाहा, मनिहारी, पीरपैंती, नाथनगर) पर प्रत्याशी उतार दिए। कोई सफलता तो नहीं मिली, लेकिन चकाई और कटोरिया में उसने राजद का खेल बिगाड़ दिया।

झामुमो ने बिगाड़ दिया था खेल

एक राजनीतिक दल के रूप में झामुमो ने 1980 के चुनाव से दांव आजमाना शुरू किया। झारखंड के गठन से पहले भी उसके हिस्से की सीटें दक्षिणी बिहार वाली ही हुआ करती थीं।

विभाजन के बाद उसे बिहार में एक बार चकाई में सफलता तो मिली, लेकिन उसे वह अगले चुनाव में दोहरा नहीं पाया। 2010 में यह सफलता सुमित कुमार सिंह के सहारे मिली थी, जो 2020 में वहां निर्दलीय विजयी रहे।

हालांकि, उनकी जीत मेंं झामुमो को मिले 16985 मतों की बड़ी भूमिका रही है। राजद की सावित्री देवी वहां मात्र 581 मतों से मात खाई थीं।

राजद से बलिदान की अपेक्षा

2019 में राजद को झारखंड में सात सीटें मिली थीं। एकमात्र चतरा में सत्यानंद भोक्ता सफल रहे थे। 2024 में भी उसे सात सीटें मिलीं। वोट प्रतिशत में वृद्धि के साथ उनमें से चार में वह सफल रहा।

झारखंड सरकार में संजय यादव के रूप में हिस्सेदारी भी है। अब झामुमो इसका प्रतिदान झारखंड के सीमावर्ती एक दर्जन विधानसभा क्षेत्रों (तारापुर, कटोरिया, मनिहारी, झाझा, बांका, ठाकुरगंज, रूपौली, रामपुर, बनमनखी, जमालपुर, पीरपैंती और चकाई) के रूप में चाहता है। महागठबंधन में इनमें से अधिसंख्य पर अभी राजद की दावेदारी है।

झामुमो की पसंदीदा सीटें

तारापुर, कटोरिया, मनिहारी, बांका, पीरपैंती, रामपुर, ठाकुरगंज, रूपौली, बनमनखी, जमालपुर, झाझा, चकाई

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Bihar Politics: 4 मई को होने जा रही बिहार महागठबंधन की बड़ी बैठक, अब इन मुद्दों पर होगा RJD-Congress का फोकस

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Bihar Politics: 4 मई को होने जा रही बिहार महागठबंधन की बड़ी बैठक, अब इन मुद्दों पर होगा RJD-Congress का फोकस

Dainik Jagran - April 27, 2025 - 6:44pm

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के दिन धीरे-धीरे नजदीक आ रहे हैं। इसके साथ ही तमाम दल अपनी तैयारियों को मुकम्मल रूप देने में जुट गए हैं।

आइएनडीआइए गठबंधन भी आगे बढ़ते हुए अपनी तैयारियों को चुनाव घोषणा के पूर्व अंतिम रूप देने में जुटा है। इस गठबंधन की अब तक तीन बैठकें हुई हैं।

जिसमें कई मुद्दों पर गठबंधन के सहयोगी दलों ने अपनी सहमति बना ली है। परंतु संयुक्त चुनावी घोषणा पत्र और मुद्दे जिन पर चुनाव लड़ा जाना है वे अब तक तय नहीं हैं।

जिसे देखते हुए आइएनडीआए के सहयोगी दलों ने आपसी सहमति से चार मई को एक बैठक बुलाई है। प्रस्तावित बैठक में राजद-कांग्रेस के साथ ही तीनों वाम दल और विकासशील इंसान पार्टी के तमाम जिलाध्यक्ष, महासचिव के साथ ही इनके विधायक, विधान पार्षद व सांसदों को आमंत्रित किया गया है।

24 अप्रैल को हुई थी बैठक

बैठक की अध्यक्षता महागठबंधन कार्डिनेशन कमेटी के अध्यक्ष तेजस्वी यादव स्वयं करेंगे। सूत्रों के अनुसार बैठक में कार्डिनेशन कमेटी के सहयोग के लिए चार अन्य उप कमेटियों का गठन भी होगा।

जिस पर 24 अप्रैल की बैठक में करीब-करीब सहमति बनाई जा चुकी है। कांग्रेस ने तो उप कमेटियों में सदस्य पद के लिए नेताओं के नाम भी कार्डिनेशन कमेटी अध्यक्ष को सौंप दिए हैं।

कांग्रेस से मिली जानकारी के अनुसार आगामी बैठक में सबसे पहले चुनावी घोषणा पत्र पर सहयोगी दलों के साथ संवाद होगा।

जिन मुद्दों को घोषणा में शामिल किए जाने की संभावना दलों की ओर से जताई जा रही है उनमें सरकारी महकमों में नौकरी, रोजगार के साधन, गरीबों के लिए पक्का घर, महिला वर्ग के लिए माई-बहन मान योजना, सरकार गठन पर नागरिकों को दो सौ यूनिट मुफ्त बिजली, विधि-व्यवस्था की स्थिति पर नियंत्रण, खेतों को सिंचाई के लिए अतिरिक्त बिजली आपूर्ति, खेलों को बढ़ावा देने के लिए नई खेल नीति जैसे अनेक मुद्दे हैं।

इंटरनेट मीडिया पर भी सरकार की घेराबंदी की योजना बनेगी

इसके अलावा बैठक में चुनाव मैदान के साथ इंटरनेट मीडिया पर भी सरकार की घेराबंदी की योजना बनेगी।

प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया के साथ ही वेब पोर्टल मीडिया पर सरकार को घेरने के लिए सरकार की नीतियों को आधार बनाया जाएगा।

सूत्रों की माने तो जिन योजनाओं की घोषणा एनडीए सरकार के कार्यकाल में हुई उनका आकलन कर जनता को उनकी असलियत से भी अवगत कराने की योजना है।

विधि-व्यवस्था, बढ़ती महंगाई, शिक्षा और स्वास्थ्य में गिरावट के साथ ही विशेष राज्य के दर्जे के मुद्दे पर भी सरकार की घेराबंदी की योजना पर बैठक में मुहर लगाई जाएगी।

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'सभी कानूनी सेवा समितियां अपना काम करेंगी', सुप्रीम कोर्ट जज दीपंकर दत्ता का पहलगाम हमले को लेकर बयान

Dainik Jagran - National - April 27, 2025 - 5:44pm

एएनआई, नई दिल्ली। जम्मू और कश्मीर के पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए आतंकवादी हमले पर सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस दीपंकर दत्ता ने शोक व्यक्त किया और कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने एक प्रस्ताव पारित किया है कि सभी कानूनी सेवा समितियां अपना काम करेंगी।

ANI से बातचीत करते हुए, जस्टिस दत्ता ने कहा, "हम उन सभी परिवारों के साथ हैं जो इस हमले में शिकार हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने एक प्रस्ताव लिया है। हम पीड़ितों के साथ हैं, जो भी NALSA या किसी अन्य कानूनी सेवा समिति के तहत किया जा सकता है, वे समितियां अपना काम करेंगी। हम भगवान से प्रार्थना करते हैं कि ऐसा घटना फिर से न हो।"

"अच्छे दिन की उम्मीद"

दिल्ली हाई कोर्ट के जज जस्टिस सौरभ बनर्जी ने उम्मीद जताई कि जल्दी ही अच्छे दिन आएंगे। उन्होंने कहा, "जो हुआ वह दुखद है। मुझे लगता है कि जल्द ही हम एक अच्छे दिन की शुरुआत देखेंगे, और हम देखेंगे कि हमारे कश्मीर के भाई-बहन वही विश्वास साझा करेंगे जो हम भारतीयों का है।"

हमले में मारे गए शुभम द्विवेदी के परिवार की मांग

इस बीच, हमले के शिकार शुभम द्विवेदी के परिवार ने सरकार से उसे शहीद का दर्जा देने की अपील की। हमले की भयावहता को याद करते हुए द्विवेदी की पत्नी एशनाय ने दुख और चिंता व्यक्त की और कहा कि पीड़ितों के परिवारों को अक्सर भुला दिया जाता है, इसलिये उन्होंने शहीद का दर्जा देने की मांग की।

"लोग अक्सर पीड़ितों के परिवारों को भूल जाते हैं, जैसे पुलवामा हमले के पीड़ितों, 26/11 के हमले के पीड़ितों को... हम नहीं चाहते कि शुभम को भुला दिया जाए, और इसलिये मैं सरकार से अनुरोध करती हूं कि उसे शहीद का दर्जा दिया जाए।" शुभम द्विवेदी की पत्नी

आतंकी हमले का ब्योरा

22 अप्रैल को आतंकवादियों ने जम्मू और कश्मीर के पहलगाम के बैसरन घाटी में पर्यटकों पर हमला किया, जिसमें 25 भारतीय नागरिकों और एक नेपाली नागरिक की मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए। यह हमला 2019 के पुलवामा हमले के बाद से घाटी में हुआ सबसे घातक हमला था।

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Bihar News: इस साल 1 लाख से अधिक छात्रों को गुड न्यूज देगी नीतीश सरकार, आ गया नया आदेश; DM का भी बढ़ा काम

Dainik Jagran - April 27, 2025 - 5:43pm

राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य में स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के क्रियान्वयन की गति और तेज होगी। साथ ही, हर जिले में इस योजना की निगरानी जिलाधिकारी के स्तर से करायी जाएगी।

आवेदकों को योजना के तहत शिक्षा ऋण मिलने में अनावश्यक विलंब नहीं हो, इसके लिए शिक्षा विभाग की ओर से सभी जिलाें को दिशा-निर्देश दिया गया है।

इस चालू वित्तीय वर्ष में सरकार ने एक लाख पांच हजार 456 विद्यार्थियों को स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना का लाभ देने का लक्ष्य रखा है।

इसके लिए शिक्षा विभाग ने बजट में 1023 करोड़ रुपये का प्रविधान किया है। इस योजना के अंतर्गत 12वीं कक्षा उत्तीर्ण छात्र या

छात्रा को चार प्रतिशत ब्याज दर पर चार लाख रुपये तक शिक्षा ऋण उपलब्ध कराया जाता है, जबकि महिला, ट्रांसजेंडर और दिव्यांग के लिए ब्याज की दर एक प्रतिशत तय है।

शिक्षा विभाग के एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार ने सात निश्चय कार्यक्रम के तहत उच्च शिक्षा में जरूरतमंद विद्यार्थियों को शिक्षा ऋण के क्रियान्वयन में तेजी लाने का निर्देश दिया है।

अभी तक 3 लाख 69 हजार 162 विद्यार्थियों के लिए 10,920 करोड़ रुपये की ऋण स्वीकृति दी जा चुकी है। पिछले वित्तीय वर्ष-2024-25 में इस योजना में 85 हजार विद्यार्थियों को लाभ दिया जा चुका है।

इस बार एक लाख पांच हजार 456 विद्यार्थियों को योजना का लाभ देने का प्रस्ताव है। शिक्षा विभाग का कहना है कि उच्च शिक्षा पाने के इच्छुक छात्र-छात्राओं के भविष्य को संवारने के लिए स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना बेहतर विकल्प साबित हो रही है।

इस योजना से शिक्षा ऋण लेकर छात्र हो या छात्रा मनचाहा पाठ्यक्रम में पढ़ाई कर सकते हैं। इसके जरिए आइआइटी और बीएड की पढ़ाई भी कर रहे हैं।

जिला निबंधन परामर्श केंद्र में आवेदन की सुविधा

उच्च शिक्षा में पढ़ाई के इच्छुक कोई भी विद्यार्थी स्टूडेंट क्रेडिट योजना का लाभ ले सकते हैं। इसके लिए उन्हें जिला निबंधन परामर्श केंद्र जाकर आवेदन जमा करना होगा।

आवेदन के साथ आधार कार्ड, मैट्रिक और इंटर अंक प्रमाण पत्र, शिक्षा संबंधी प्रमाण पत्र, बैंक पासबुक, नामांकन प्रमाण पत्र, संस्थान से प्राप्त शुल्क विवरण, आवेदक के माता-पिता का आधार कार्ड और दो पासपोर्ट साइज फोटो, बिजली बिल, टेलीफोन वोटर आइडी कार्ड और प्रमाण पत्र के साथ आनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

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