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Dipika Kakar is back home from hospital; Husband Shoaib Ibrahim shares her health update and asks fans to keep her in prayers - Times of India
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SC: 'मातृत्व अवकाश लेना महिलाओं का अधिकार', इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कर डाली तीखी टिप्पणी
पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि मातृत्व अवकाश लेना महिलाओं का अधिकार है। यह मातृत्व का अभिन्न हिस्सा है।
हाईकोर्ट ने कर दिया था इनकारसुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाई कोर्ट के निर्णय को खारिज करते हुए कहा कि महिला अपने पहले विवाह से दो बच्चों के बावजूद तीसरे बच्चे के लिए मातृत्व अवकाश की हकदार है। हाईकोर्ट ने तमिलनाडु की सरकारी स्कूल की एक शिक्षिका को मातृत्व अवकाश देने से इनकार कर दिया था।
जस्टिस अभय एस. ओका और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा, पूरी दुनिया में मां बनने के अधिकारों को मान्यता दी गई है, जिसमें मातृत्व लाभ शामिल हैं। मातृत्व अवकाश मातृत्व लाभ का अभिन्न हिस्सा है। अदालत ने संविधान के अनुच्छेद 21 के व्यापक दायरे पर जोर दिया, जो जीवन के अधिकार की गारंटी देता है।
काफी व्यापक है जीवन के अधिकार का दायरासुप्रीम कोर्ट ने कहा, अनुच्छेद 21 के तहत जीवन का अर्थ जीवन के पूर्ण अर्थ से है। जीवन के अधिकार में स्वास्थ्य का अधिकार, गरिमा के साथ जीने का अधिकार और गोपनीयता का अधिकार भी शामिल है। अदालत ने अनुच्छेद 42 का भी उल्लेख किया, जिसमें कार्य की न्यायपूर्ण और मानवता के अनुकूल परिस्थितियों और मातृत्व राहत के प्रविधान हैं।
यह है मामलातमिलनाडु के धर्मपुरी जिले के एक सरकारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में अंग्रेजी की शिक्षिका के पहले विवाह से दो बच्चे हैं। 2017 में तलाक के बाद से बच्चे उनके पूर्व पति की कस्टडी में हैं।
2018 में, उन्होंने पुनर्विवाह किया और 2021 में गर्भवती हुईं। उन्होंने 17 अगस्त 2021 से 13 मई 2022 तक मातृत्व अवकाश के लिए आवेदन किया।
उनका अनुरोध तमिलनाडु के अधिकारियों ने मौलिक नियम (एफआर) 101(ए) का हवाला देकर अस्वीकार कर दिया। इस नियम के तहत मातृत्व अवकाश उन महिलाओं को मिलता है जिनके दो से कम बच्चे हैं। महिला ने इस फैसले को मद्रास हाई कोर्ट में चुनौती दी।
हाई कोर्ट की खंडपीठ ने इस निर्णय को पलट दियाहाई कोर्ट की एकल पीठ ने उनके पक्ष में फैसला दिया और शिक्षा विभाग को मातृत्व अवकाश देने का आदेश दिया। हालांकि, राज्य सरकार ने अपील की। हाई कोर्ट की खंडपीठ ने इस निर्णय को पलट दिया, जिसके बाद शिक्षिका ने शीर्ष अदालत का रुख किया।
दो से अधिक बच्चों वाली महिलाओं के लिए मातृत्व अवकाश पर नहीं है रोकशीर्ष अदालत ने इस तथ्य पर गौर किया कि मातृत्व लाभ संशोधन कानून, 2017 के तहत दो से अधिक बच्चों वाली महिलाओं के लिए मातृत्व अवकाश पर रोक नहीं है। इसके बजाय यह कानून मातृत्व अवकाश की अवधि को सीमित करता है। दो से कम बच्चों वाली महिलाओं के लिए 26 सप्ताह और अधिक बच्चों वाली महिलाओं के लिए 12 सप्ताह का मातृत्व अवकाश मिलता है।
'कानून की नजर में अपराध, लेकिन लड़की...', सुप्रीम कोर्ट ने माफ कर दी रेप के दोषी की सजा; जानिए पूरा मामला
माला दीक्षित, नई दिल्ली। कई बार कानून धरा रह जाता है और कोर्ट को मामले की परिस्थितियों को देखते हुए कानून से परे जाकर न्याय करना पड़ता है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक ऐसा ही फैसला सुनाया है। नाबालिग से दुष्कर्म कानून की निगाह में गंभीर अपराध है, लेकिन पीड़िता ऐसा नहीं मानती।
पीड़िता ने तो उसे बचाने के लिए ऐड़ी चोटी एक कर दी। कर्ज लेकर लाखों रुपये कानूनी लड़ाई में खर्च कर दिए, छोटी बच्ची साथ लिए दर-दर भटकी। पीडि़ता का संघर्ष देख कर सुप्रीम कोर्ट का दिल पसीज गया। कोर्ट ने अभियुक्त को नाबालिग से दुष्कर्म का दोषी तो ठहराया लेकिन उसकी सजा माफ कर दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसलाशीर्ष अदालत ने संविधान के अनुच्छेद 142 में प्राप्त विशेष शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए यह फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि यह मामला सभी की आंखे खोलने वाला है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में राइट टु प्राइवेसी ऑफ एडोल्सेन्ट के नाम से स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई कर रहा था। सर्वोच्च अदालत ने कहा कि कानून के मुताबिक, उसके पास अभियुक्त को सजा देकर जेल भेजने के सिवाय कोई विकल्प नहीं है लेकिन इस मामले में पीड़ता के परिवार ने, समाज ने और कानूनी तंत्र ने पीड़िता के साथ पहले ही बहुत अन्याय किया है, पीड़िता ने बहुत तनाव और कष्ट झेला है अब उसके पति को जेल भेज कर कोर्ट उसके साथ और अन्याय नहीं कर सकता।
जानिए क्या है पूरा मामला?पश्चिम बंगाल के इस मामले में 14 वर्षीय पीड़िता से 25 वर्षीय युवक ने दुष्कर्म किया था जिसके लिए निचली अदालत ने पोक्सो कानून में 20 साल की सजा सुनाई थी। लेकिन केस के तथ्यों के मुताबिक पीड़िता युवक से प्यार करती थी और वह स्वयं घर से भागी थी। उसने अभियुक्त से शादी कर ली है और उसकी अब एक छोटी बच्ची भी है और अब उसकी सारी चिंता अपने पति को बचाने और छोटे से परिवार को साथ रखने की है। ये फैसला न्यायमूर्ति अभय एस ओका और उज्जवल भुइयां की पीठ ने कलकत्ता हाई कोर्ट के एक फैसले के खिलाफ दाखिल अपील और स्वत: संज्ञान लेकर की जा रही सुनवाई में दिए।
कलकत्ता हाईकोर्ट ने की थी विवादित टिप्पणीइस मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट ने विवादित टिप्पणी की थी और कहा था कि लड़कियों को अपनी सेक्स इच्छा पर नियंत्रण रखना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के इस टिप्पणी के आदेश को रद कर दिया था। उस आदेश में हाई कोर्ट ने नाबालिग से दुष्कर्म के जुर्म में पोक्सो कानून में निचली अदालत से अभियुक्त को सुनाई गई 20 साल की कैद की सजा रद कर दी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 20 अगस्त 2024 को विस्तृत फैसला दिया था और हाई कोर्ट का सजा रद करने का आदेश खारिज कर दिया था और निचली अदालत का सजा का आदेश बहाल कर दिया था लेकिन सजा निलंबित रखी थी और तीन सदस्यीय विशेषज्ञ कमेटी बनाई थी उससे रिपोर्ट मांगी थी।
कोर्ट ने कमेटी की रिपोर्ट देखने और न्यायमित्र के सुझाव देखने के बाद यह फैसला सुनाया है। कोर्ट ने फैसले में कहा कि कमेटी की रिपोर्ट देखने से पता चलता है कि पीड़िता घटना को गंभीर अपराध नहीं मानती जिसके कारण उसे इतना झेलना पड़ा। ये सब इसलिए हुआ क्योंकि पीड़िता को शुरुआत में जानकारी नहीं दी गई। ये हमारे समाज की, हमारे कानूनी तंत्र की, और उसके परिवार की खामियों को उजागर करता है।
पीड़िता के पुनर्वास का कोर्ट ने दिया आदेशकोर्ट ने कहा कि मामले को देखने के बाद उन्हें लगता है कि अगर अभियुक्त को जेल भेजा गया तो सबसे ज्यादा पीड़िता ही भुगतेगी। 2018 में जब की यह घटना है उससे अब वह बेहतर स्थिति में है और अपने छोटे से परिवार में आराम से है। वह अभियुक्त के साथ अपनी बेटी पर ध्यान दे रही है और उसे अच्छी शिक्षा देना चाहती है। पीड़िता स्कूल जाने लगी है और आगे पढ़ना चाहती है। कोर्ट ने पीड़िता के पुनर्वास का आदेश देते हुए अभियुक्त की आगे की सजा माफ कर दी। हालांकि कोर्ट ने कहा है कि यह केस भविष्य के लिए नजीर नहीं होगा।
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पटना वालों के लिए अच्छी खबर, दीघा के दूधिया मालदह आम को मिलेगा जीआइ टैग
नीरज कुमार, पटना। राजधानीवासियों के लिए अच्छी खबर है कि दीघा के दूधिया मालदह आम को जीआइ टैग प्रदान किया जाएगाा। इसके लिए बिहार कृषि विश्वविद्यालय के मीठापुर कृषि अनुसंधान संस्थान के विज्ञानियों ने प्रस्ताव तैयार किया है। दीघा का दूधिया मालदह राजधानी की पहचान रहा है, इसके संरक्षण के लिए भी आवश्यक कदम उठाये जाएंगे। साथ ही इसको बढ़ावा देने के लिए सरकार विशेष योजना तैयार की जा रही है।
दूधिया मालदह का मीठास अन्य आमों से अलगमीठापुर कृषि अनुसंधान संस्थान के निदेशक डा. शिवनाथ दास का कहना है कि दीघा के दूधिया मालदह आम की मीठास अन्य आमों से एकदम अलग है। यहां की मिट्टी की बनावट भी विशेष प्रकार की है। इसकी सबसे बड़ी विशेषता है कि जिस मिट्टी पर दूधिया मालदह आम की खेती होती है, वह मिट्टी गंगा एवं सोन के पानी से सिंचित होती रही है। पूर्व में यहां पर गंगा एवं सोन का संगम हुआ करता था। वर्तमान में गंगा एवं सोन का संगम के मनेर के पास है। परंतु पूर्व के वर्षों में वेटेनरी कालेज, दीघा एवं चिड़ियाघर से सोन बहा करता था।
कुर्जी से लेकर मनेर तक अच्छी मिट्टीदीघा के दुधिया मालदह आम के लिए कुर्जी मोड़ से लेकर मनेर तक की मिट्टी काफी अच्छी है। वर्तमान में राजधानी में बिहार विद्यापीठ, लोयाला हाईस्कूल, संत माइकल हाईस्कूल, संत जेवियर कालेज, आत्मदर्शन सहित कई संस्थानों में दीघा दूधिया मालदह के आमों के पेड़ मौजूद हैं। मनेर के कई किसानों ने भी मालदह आम के पौधे लगाये हैं।
1907 के गजेटियर में है दीघा मालदह का वर्णन1907 में प्रकाशित गजेटियर में दीघा मालदह आम का वर्णन है। इससे पता चलता है कि पटना शहर के आसपास दीघा मालदह आम की खेती होती थी। वर्तमान में पटना जिले में लगभग 190 हेक्टेयर में दुधिया मालदह की खेती की जा रही है। अब तक मीठापुर कृषि अनुसंधान संस्थान की ओर से राजधानी के आसपास 1500 पेड़ों की पहचान की गई है। फिलहाल दीघा के दूधिया मालदह दो हजार मीट्रिक टन उत्पादन हो रहा है।
मीठापुर में होगा पांच हजार मालदह आम के पौधे का वितरणदीघा के दूधिया मालदह आम को बढ़ावा देने के लिए मीठापुर कृषि अनुसंधान संस्थान की ओर से अगले माह पांच हजार पौधे का वितरण किया जाएगा। इसके अलावा यहां पर गुलाबखास, दशहरी, आम्रपाली सहित अन्य आमों के पौधों का वितरण किसानों के बीच किया जाएगा।
लीची एवं नींबू के पौधे भी मिलेंगेमीठापुर कृषि अनुसंधान संस्थान में इस वर्ष राजधानीवासियों एवं किसानों को नींबू, अमरूद, लीची एवं कटहल के पौधे मुहैया कराये जाएंगे। संस्थान की ओर से पौधे तैयार कर लिये गए हैं। वर्षा का इंतजार किया जा रहा है। जैसे ही मानसून की वर्षा शुरू होगी पौधे का वितरण प्रारंभ कर दिया जाएगा।
बिहार के अनुसूचित जाति और जनजाति क्षेत्रों में हो रहा समग्र विकास, शिविर में आए आवेदनों का तेजी से निपटारा
डिजिटल डेस्क, पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आदेश पर बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के मौके पर सभी जिलों में समग्र सेवा अभियान चलाने की कार्य योजना तैयार की गई। राज्य के 60 हजार से अधिक छोटे-बड़े अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति टोलों में डॉ. अंबेडकर समग्र सेवा अभियान के तहत विशेष विकास शिविर आयोजित किए गए थे। इनमें 22 प्रमुख योजनाओं से संबंधित आवेदन प्राप्त किए गए।
14 अप्रैल से 17 मई तक आयोजित सभी शिविरों में 22 लाख 99 हजार 405 आवेदन प्राप्त हुए। इसमें 9 हजार 477 आवेदन आधारभूत संरचनाओं तथा 22 लाख 89 हजार 928 आवेदन विभिन्न योजनाओं को पूरा करने की मांग को लेकर प्राप्त हुए हैं। इन पर संबंधित विभाग के स्तर से क्रियान्वयन की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। एक तिहाई मामलों का निष्पादन करते हुए संबंधित व्यक्ति को इसका लाभ भी दिया जा चुका है।
विकास की ओर बढ़ते कदम
आधारभूत संरचनाओं से संबंधित कुल 9 हजार 477 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 3 हजार 114 कार्य सफलतापूर्वक पूर्ण किए जा चुके हैं। शेष 4 हजार 652 मामलों में कार्य प्रगति पर है। बड़ी बात ये है कि इस श्रेणी में प्राप्त हुए सभी आवेदनों में अबतक 32.86 प्रतिशत का निपटारा कर लिया गया है। वहीं, विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन से संबंधित 22 लाख 89 हजार 928 आवेदनों में से 9 लाख 92 हजार 203 को स्वीकृत किया गया है। इनमें 43.48 प्रतिशत आवेदनों का निपटारा कर दिया गया है।
विद्यालय निर्माण की स्थिति
आधारभूत संरचनाओं की जरूरतों से संबंधित विद्यालय निर्माण के लिए कुल 207 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इनमें से 45 स्थलों पर काम पूरा हो चुका है। वहीं, 151 विद्यालय निर्माण के मामले प्रक्रियाधीन हैं। बड़ी बात ये है कि मुजफ्फरपुर जिले से विद्यालय निर्माण के लिए सर्वाधिक 24 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इनमें तीन पर काम पूरा हो चुका है जबकि 21 विद्यालय निर्माण के मामले प्रक्रियाधीन हैं। वहीं, नवादा से कुल 14 आवेदन प्राप्त हुए हैं, इनमें 11 पर काम पूर्ण हो चुके हैं जबकि तीन मामले प्रक्रियाधीन हैं। वहीं, सीवान, वैशाली और गोपालगंज जिले से विद्यालय निर्माण के लिए कुल 12 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इनमें सीवान में एक जगह पर काम पूर्ण हो चुका है जबकि तीन प्रक्रियाधीन है। वैशाली में भी एक जगह पर काम पूरा हो चुका है, वहीं 11 विद्यालय निर्माण के मामले प्रक्रियाधीन है। गोपालगंज में 12 जगहों पर स्कूल निर्माण के मामले प्रक्रियाधीन है।
अन्य जिलों की बात करें तो अररिया से 2, अरवल से 4, औरंगाबाद से 4, बांका से 10, बेगूसराय और भागलपुर से 1, भोजपुर से 12, दरभंगा से 5, पूर्वी चंपारण से 10, गया से 11, कैमूर से 3, कटिहार से 2, किशनगंज से 3, लखीसराय से 3, मधुबनी से 8, मुंगेर से 5, पटना से 7, नालंदा से 4, रोहतास से 6, सहरसा से 8, समस्तीपुर से 3, सारण से 11, सीतामढ़ी से 4, सुपौल से 3 और पश्चिम चंपारण से 1 विद्यालय निर्माण के आवेदन प्राप्त हुए हैं।
आंगनबाड़ी निर्माण की वर्तमान स्थिति
आधारभूत संरचनाओं की जरूरतों से संबंधित आंगनबाड़ी निर्माण के लिए कुल 632 आवेदन प्राप्त हुए। इनमें से 172 स्थलों पर काम पूरा हो चुका है, जबकि 437 निर्माण के मामले प्रक्रियाधीन हैं। विद्यालय निर्माण की तरह आंगनबाड़ी निर्माण को लेकर भी मुजफ्फरपुर से सर्वाधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं। मुजफ्फरपुर में सबसे अधिक 49 आवेदन मिले हैं। इनमें 18 आंगनबाड़ी निर्माण के काम पूरे हो गये हैं, वहीं, 30 प्रक्रियाधीन हैं। नवादा से भी 40 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इनमें 33 जगहों पर निर्माण के काम पूर्ण हो चुके हैं और 7 प्रक्रियाधीन है। सीवान से कुल 36 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इनमें 8 पर काम पूरा हो चुका है और 14 आंगनबाड़ी निर्माण के कार्य प्रक्रियाधीन है। वैशाली से कुल 33 आवेदन मिले हैं, इनमें 10 पर काम पूरा हो चुका है और 23 प्रक्रियाधीन है।
अन्य जिलों की बात करें तो अररिया से 16, अरवल से 7, औरंगाबाद से 15, बांका से 21, बेगूसराय से 9, भागलपुर से 9, भोजपुर से 37, बक्सर से 3, दरभंगा से 19, पूर्वी चंपारण से 32, गया से 14, गोपालगंज से 25, कैमूर से 26, कटिहार से 9, किशनगंज से कुल 14 आवेदन प्राप्त हुए हैं। लखीसराय से 13, मधुबनी से 33, पटना से कुल 24, रोहतास से 15, सहरसा से 18, समस्तीपुर से 10, सारण से 22, सुपौल से 15 और पश्चिम चंपारण से कुल 17 आवेदन प्राप्त हुए हैं।
इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि राज्य सरकार ग्रामीण और सामाजिक रूप से पिछड़े वर्गों के बीच आधारभूत विकास को प्राथमिकता दे रही है। शिक्षा और पोषण के लिए चल रहे निर्माण कार्यों की गति सराहनीय है और इसका सीधा लाभ महादलित समुदायों को मिलेगा।
पटना में फिल्मी स्टाइल में वारदात, हत्या करने निकले अपराधियों के सामने आ गई पुलिस; दोनों तरफ से फायरिंग
जागरण संवाददाता, पटना। हत्या करने निकले अपराधियों की बिक्रम में पुलिस और एसटीएफ की संयुक्त टीम से मुठभेड़ हो गई। दोनों ओर से फायरिंग की गई, जिसमें एक अपराधी के घुटने में गोली लगी। वहीं, अपराधी की पिस्टल से चली गोली से पुलिस की बोलेरो का टायर फट गया।
मौके से जख्मी विशाल (पड़रियावां, बिक्रम), रितिक कुमार यादव उर्फ सुजीत कुमार (पतसाह रोड, बिहटा), शुभम उर्फ रेयांश कुमार (बोचाचक, फुलवारीशरीफ), सोनू कुमार (हरिदासपुर, खगौल), जितेंद्र कुमार (सोताचक, परसाबाजार) और अंकित कुमार (दयानपुर, बिहटा) शामिल हैं।
आरोपितों के पास से चार पिस्टल, दो मैग्जीन, 24 कारतूस, दो मोबाइल और दो बाइक बरामद की गई। दो पिस्टल पर मेड इन यूएसए लिखा था, जबकि एक बाइक की नंबर प्लेट हिंदी में लिखी थी। सिटी एसपी पश्चिमी शरथ आरएस ने बताया कि एसटीएफ के सहयोग से वाहन चेकिंग की जा रही थी। इसी दौरान पुलिस को सफलता मिली। मुठभेड़ में जख्मी अपराधी का एम्स, पटना में उपचार चल रहा है।
उज्ज्वल को मारने निकले थे अपराधीएसटीएफ को गुरुवार की शाम गुप्त सूचना मिली कि बिक्रम थानांतर्गत दीनाबिगहा निवासी उज्ज्वल कुमार की हत्या की साजिश रची गई है। इसे अंजाम देने के लिए बिहटा के महुआर गांव का रहने वाला दयानंद दुबे उर्फ दया उर्फ छोटे गुर्गों के साथ नहर रोड से गुजरने वाला है। इसकी सूचना पर थानेदार विनोद कुमार नहर रोड पर निसरपुरा मोड़ के पास वाहन जांच करने लगे। तब तक एसटीएफ की टीम भी पहुंच गई थी। शाम करीब 7:10 बजे पुलिस ने हिंदी में नंबर लिखी बाइक को रोका, जिस पर जितेंद्र, सोनू और अंकित सवार थे। इनके पास से पिस्टल और कारतूस बरामद हुए।
बाइक लेकर खेत में गिरा विशालपुलिस पहले पकड़े गए युवकों से निसपुरा मोड़ पर पूछताछ कर ही रही थी कि तभी नौबतपुर की ओर से आ रही एक और बाइक को रुकने का इशारा किया गया। इस पर सवार जितेंद्र और सोनू बाइक से उतरकर भागने लगे, जिन्हें प्रशिक्षु दारोगा विष्णु कुमार ने दलबल के साथ दबोच लिया।
वहीं, विशाल बाइक लेकर भागने लगा। थानेदार और एसटीएफ की टीम विशाल का पीछा करने लगी। तभी उसने फायरिंग शुरू कर दी। जवाब में थानेदार ने एक और एसटीएफ के जवान साकेत कुमार ने दो राउंड फायरिंग की। इससे विशाल का बाइक पर संतुलन बिगड़ गया और वह महजपुरा सूर्य मंदिर के आगे वाहन लेकर खेत में गिर पड़ा। पुलिस ने घेराबंदी की और विशाल के नजदीक पहुंची, तब मालूम हुआ कि उसके घुटने में गोली लगी है।
नहीं मिला दयानंद, तलाश जारीजिस दयानंद दुबे उर्फ दया उर्फ छोटे को दबोचने के लिए पुलिस ने नाकाबंदी की थी, वह गिरफ्त में नहीं आ सका। उसकी तलाश में छापेमारी की जा रही है। एफएसएल की टीम ने खेत और निसरपुरा मोड़ से वहां तक पहुंचने वाले रास्ते से खोखा, मैग्जीन व पिस्टल बरामद किया। थानेदार के बयान पर प्राथमिकी की गई है। अपराधियों के हथियार और फायरिंग करने वाले पुलिसकर्मियों की सरकारी पिस्टल बैलिस्टिक जांच के लिए भेजी जाएगी।
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Bihar Teacher Transfer: ट्रांसफर से नाखुश शिक्षकों के लिए आया बड़ा अपडेट, पोस्टिंग के बाद करना होगा ये काम
राज्य ब्यूरो, पटना। स्थानांतरण से असंतुष्ट शिक्षक स्थानांतरित विद्यालय में योगदान के बाद अपने जिले के जिला शिक्षा पदाधिकारी के पास आवेदन कर सकेंगे। ऐसे आवेदनों का निराकरण जिला शिक्षा पदाधिकारी जिला स्थापना समिति के माध्यम से कराएंगे।
स्थानांतरण में विसंगति अथवा असंतुष्टि से संबंधित किसी प्रकार का आवेदन शिक्षा विभाग अथवा इसके निदेशालय के स्तर पर स्वीकार नहीं किया जाएगा।
शेष शिक्षक जिनके आवेदन पर अब तक विचार नहीं हुआ है, उन पर द्वितीय चरण में समीक्षोपरांत निर्णय लिया जाएगा। ऐसे शिक्षकों के लिए ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर यह विकल्प उपलब्ध कराया गया है कि वे या तो अपना आवेदन वापस ले लें अथवा उस आवेदन को डीलीट कर नये सिरे से विकल्प को भर सकते हैं।
जो शिक्षक में पूर्व में भरे गए कारण को बदलना चाहते हैं, वे भी अपना पूर्व का आवेदन डीलीट कर नये सिरे से आवेदन भी दे सकते हैं। इन सभी आवेदनों पर द्वितीय चरण में जिलों में रिक्ति की उपलब्धता एवं छात्र-शिक्षक अनुपात के आधार पर विचार किया जाएगा।
शिवहर, सीतामढ़ी, पूर्णिया, पूर्वी चंपारण, अररिया, कटिहार, खगड़िया, सुपौल, बांका, जमुई, किशनगंज, लखीसराय, भागलपुर एवं मधुबनी जिलों में छात्र-शिक्षक अनुपात औसत से काफी ज्यादा है। नया विकल्प चुनते समय शिक्षक यदि इन जिलों का विकल्प चुनते हैं, तो उस पर यथाशीघ्र विचार किया जायेगा।
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Tuberculosis: नई दवा से 6 महीने में ड्रग रेसिस्टेंट टीबी रोगियों का इलाज संभव, जानिए अहम बातें
राज्य ब्यूरो, पटना। छह माह के ड्रग रेसिस्टेंट टीबी मरीजों के इलाज में बी-पाम रेजिमेन दवा कारगर साबित हो रही है। दवा के सेवन और उसके उपयोग की सही तकनीकी से अवगत कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग की पहल पर जिलों के संचारी रोग पदाधिकारी, ड्रग रेसिस्टेंट टीबी सेंटर के मेडिकल अफसर, सांख्यिकी सहायक, लैब तकनीशियन को दो दिनों का प्रशिक्षण दिया।
अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, यक्ष्मा, ने बताया कि बिहार पहला राज्य है जिसने स्वास्थ्यकर्मियों एवं पदाधिकारियों को बी-पाम रेजिमेन का प्रशिक्षण दिया है।
प्रशिक्षण के दौरान बताया गया कि रेजिमेन से ड्रग रेसिस्टेंट टीबी से ग्रस्त मरीजों का इलाज छह महीने में संभव हो सकेगा। इसके अलावा इसके प्रयोग की विधि से भी अवगत कराया गया।
एमडीआर टीबी गाइड लाइन के मुताबिक इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के अनुसार, बी-पाम रेजिमेन से इलाज पर ड्रग रेसिस्टेंट टीबी के प्रबंधन एवं उपचार में होने वाले खर्च में कटौती होगी। इससे इलज सफलता दर में भी वृद्धि संभव है।
बिहार पासी समाज के अध्यक्ष शैलेश चौधरी ने समर्थकों के साथ ली भाजपा की सदस्यता, जायसवाल ने किया स्वागत
राज्य ब्यूरो, पटना। भाजपा प्रदेश मुख्यालय में शुक्रवार को आयोजित मिलन समारोह में बिहार पासी समाज के अध्यक्ष शैलेश चौधरी ने अपने समर्थकों के साथ भाजपा की सदस्यता ली। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने पार्टी में आने वाले सभी लोगों का स्वागत किया।
इस मौके पर जायसवाल ने कहा कि भाजपा किसी जाति, समाज या परिवार की नहीं, कार्यकर्ताओं की पार्टी है। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता इस पार्टी में अपनी मेहनत की बदौलत बड़े पदों तक पहुंचता है। उन्होंने भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने वालों से चुनाव की तैयारी में जुटने का आह्वान किया।
कार्यक्रम में दरभंगा सांसद गोपालजी ठाकुर, अनुसूचित मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष विधायक लखेन्द्र पासवान, प्रदेश मीडिया सह प्रभारी अमित प्रकाश एवं प्रभात मालाकार के अतिरिक्त अन्य नेता उपस्थित थे।
चुनाव जीतने का एक ही मंत्र है, बूथ जीतें : जायसवालबूथ सशक्तीकरण अभियान के तहत शुक्रवार को बिहार भाजपा प्रदेश मुख्यालय में प्रदेशस्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। उद्घाटन भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस मौके पर संगठन को मजबूत करने, खास तौर पर बूथ इकाई को सशक्त करने पर बल दिया। कहा कि चुनाव जीतने का एक ही मंत्र है, बूथ को जीतें।
उन्होंने कहा कि पार्टी की शक्ती हमारे कर्तव्यनिष्ठ कार्यकर्ता हैं, जो कि संगठन को मजबूत बनाने और बूथ सशक्तीकरण अभियान जैसे भाजपा के विभिन्न अभियानों को सफल बनाने के लिए अथक प्रयास करते हैं।
उन्होंने उपस्थित कार्यकर्ताओं में जोश भरते हुए कहा कि आज देश में आप सभी कर्तव्यनिष्ठ कार्यकर्ताओं के बदौलत भाजपा की सरकार चल रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश का सर्वांगीण विकास हुआ है।
उन्होंने विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत सुनिश्चित करने के लिए बूथ की इकाई को मजबूत करने के लिए न केवल योजना तैयार करनी होगी, बल्कि उसे धरातल पर उतारना होगा। नगर से लेकर गांव तक के सभी बूथों पर कार्यकर्ताओं की टोली बनाई जाए। इस मौके पर संगठन महामंत्री भीखूभाई दलसानिया, प्रदेश महामंत्री शिवेश राम, राजेश वर्मा एवं जगन्नाथ ठाकुर भी उपस्थित थे।
पाकिस्तान के साथ तनाव के बीच रूस जाएंगे अजीत डोभाल, S400 को लेकर होगी जरूरी मीटिंग; जानिए कितना अहम है दौरा
एएनआई, नई दिल्ली। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल के अगले सप्ताह रूस दौरे की संभावना है। पहलगाम हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव के मद्देनजर ऐसा माना जा रहा है कि वह इस दौरान शेष एस-400 वायु रक्षा प्रणालियों की शीघ्र डिलीवरी को लेकर रूसी सरकार से बातचीत कर सकते हैं।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद आपरेशन सिंदूर के तहत भारत की ओर से पाकिस्तान पर कार्रवाई के दौरान ब्रह्मोस मिसाइलों और एस-400 ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इससे पहले पिछले साल रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में ब्रिक्स राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक के दौरान डोभाल ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की थी।
पुतिन ने भारत और रूस के बीच विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी का उल्लेख किया था और द्विपक्षीय संबंधों में सुरक्षा मुद्दों के महत्व पर जोर दिया था।
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बिहार के स्वास्थ्य मंत्री ने आइजीआइएमएस के कायाकल्प को 300 करोड़ की नई योजनाएं की स्वीकृत
जागरण संवाददाता, पटना। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि डबल इंजन सरकार व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मार्गदर्शन में कभी निचले पायदन पर रहने वाली स्वास्थ्य सेवाएं, आज कई मानकों देश में सबसे आगे हैं। शहरी क्षेत्र के आइजीआइएमएस जैसे बड़े अस्पतालों ही नहीं गांवों व जिला मुख्यालय तक में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं सुदृढ़ की जा रही हैं।
गत चार माह में 800 हेल्थ एंड वेलनसे सेंटर व हेल्थ सब सेंटर निर्माण का आदेश दिया गया। गत 20 दिन में 400 से अधिक ग्रामीण अस्पतालों का उद्धाटन या शिलान्यास किया गया है। आइजीआइएमएस में मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार किया जा रहा है। 701 करोड़ की योजनाएं पूर्व से चल रही हैं, वे इस वर्ष के अंततक पूर्ण हो जाएंगी।
नई योजनाओं को दी गई मंजूरीइसके अलावा करीब 300 करोड़ की नई योजनाओं को मंजूरी दी गई है, जो जल्द शुरू होंगी। संस्थान को आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाओं का हब बनाया जा रहा है। जून के पहले व अंतिम सप्ताह में कई नई सुविधाएं शुरू होंगी। पांच सौ बेड के मेडिसिन ब्लाक की दो विंग का उद्घाटन हो चुका है और अन्य दो का उद्घाटन अगस्त तक होगा। वहीं 1200 बेड वाले अस्पताल के पहले कुछ ब्लाक का उद्घाटन जल्द किया जाएगा।
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने शुक्रवार को आइजीआइएमएस परिसर में 16 करोड़ से बनने वाली चारदीवारी, परिसर के चारो ओर सड़क व नाला निर्माण जैसी आधारभूत संरचनाओं के शिलान्यास समारोह में कहीं। मौके पर स्थानीय विधायक संजीव चौरसिया, बीएमएसआइसीएल के प्रबंध निदेशक धर्मेंद्र कुमार, स्वास्थ्य मंत्री के आप्त सचिव अमिताभ सिंह, आइजीआइएमएस के निदेशक डा. बिन्दे कुमार, चिकित्साधीक्षक डा. मनीष मंडल, डीन एकेडमिक्स डा. ओम कुमार, अतिरिक्त चिकित्साधीक्षक डा. समरेंद्र सिंह, नेत्र अधिकोष के प्रभारी डा. नीलेश मोहन आदि मौजूद थे।
24 घंटे बैट्रीचालित कार मरीजों को पहुंचाएगी विभागों तकस्वास्थ्य मंत्री ने आइजीआइएमएस की सुरक्षा के लिए परिसर के चारो ओर 1470 मीटर लंबी 10 फीट ऊंची, 10 इंच चौड़ी चारदीवारी जिसके ऊपर आरसीसी की दो फीट की ग्रिल लगी होगी, बनेगी। साथ ही निगरानी को चार वाच टावर बनेंगे। चारदीवारी से सटाकर छह मीटर की रोड व दो ट्रेंच जिसमें से एक से फोन-बिजली व अन्य तार तो दूसरे से पानी जाएगा। इससे संस्थान परिसर में खुले तारों का जाल खत्म हो जाएगा। परिसर के चारो ओर सड़क बनने के बाद सातो दिन 24 घंटे बैट्रीचालित कारों से मरीजों को विभिन्न विभागों में पहुंचाने की सुविधा शुरू की जाएगी। 15.99 करोड़ की लागत वाली यह योजना तीन से चार माह में पूरी हो जाएगी।
रोबो स्पाइनल मशीनों से सुसज्जित होगा फिजियोथेरेपी विभागस्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जून के पहले सप्ताह में फिजियोथेरेपी के रोबो स्पाइनल मशीन, चक्कर मशीन समेत अन्य अत्याधुनिक उपकरणों का लोकार्पण होगा। इसी माह बच्चों के लिए विशेष कैंसर वार्ड, दो माड्यूलर आपरेशन थिएटर, 24 नई डायलिसिस मशीनें व 20 बेड की क्रिटिकल केयर मेडिसिन इकाई का भी शुभारंभ होगा।
बनेगा पूर्वोत्तर भारत का प्रमुख दंत चिकित्सा संस्थानपटना : स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि आइजीआइएमएस के दंत विभाग में मुंबई व अन्य राज्यों से लोग जटिल रोगों का उपचार कराने आ रहे हैं। इसे देखते हुए इस संस्थान को डेंटल रिसर्च एवं एजुकेशन का राष्ट्रीय केंद्र बनाने के लिए पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट आफ डेंटल एजुकेशन एंड रिसर्च की स्थापना की जाएगी। इस पर 91.70 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके लिए 20291 वर्ग मीटर में आठ मंजिला भवन बनाया जाएगा। इसे पूर्वाेत्तर भारत का प्रमुख दंत चिकित्सा संस्थान बनाने की पहल की जा रही है।
स्वीकृत नई योजनाएं -------------------- लागत राशि करोड़ में
-बाउंड्री वाल, सड़क, नाला, ट्रेंच निर्माण ----16 करोड़
-मल्टी-लेवल कार पार्किंग----- 76.5 करोड़
---लेक्चर थिएटर व स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स--- 96.26 करोड़
-ब्वायज व गर्ल्स हास्टल (100-100 बेड)--- 18.45 करोड़
-पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट आफ डेंटल एजुकेशन एंड रिसर्च--- 91.70 करोड़
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