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'सिर्फ कोटा में ही इतनी सुसाइड क्यों?', सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता; राजस्थान सरकार को लगाई फटकार

Dainik Jagran - National - May 23, 2025 - 2:51pm

पीटीआई, नई दिल्ली। आए दिन राजस्थान के कोटा से स्टूडेंट्स द्वारा आत्महत्या की खबर सामने आती रहती है। इसी मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अब राज्य सरकार को फटकार लगाई है और स्थिति को गंभीर बताया है।

राज्य सरकार को लगाई फटकार

न्यायमूर्ति जेपी पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर महादेवन की पीठ ने कहा कि इस साल अब तक शहर से 14 आत्महत्या के मामले सामने आ चुके हैं। न्यायमूर्ति पारदीवाला ने राज्य सरकार की ओर से पेश वकील से पूछा कि एक राज्य के रूप में आप क्या कर रहे हैं?

राज्य सरकार के वकील ने क्या जवाब दिया?

न्यायाधीश ने कहा, ये बच्चे आत्महत्या क्यों कर रहे हैं और केवल कोटा में ही क्यों? क्या आपने एक राज्य के रूप में इस पर विचार नहीं किया? हालांकि, वकील ने जवाब देते हुए कहा कि आत्महत्या के मामलों की जांच के लिए राज्य में एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया था।

बता दें, सुप्रीम कोर्ट IIT खड़गपुर में पढ़ने वाले छात्र की मौत के मामले में सुनवाई कर रहा था। 4 मई को छात्र अपने छात्रावास के कमरे में फांसी के फंदे से लटका पाया गया था। एक अन्य मामले की भी सुनवाई हुई, जिसमें एक लड़की NEET की परीक्षा देने वाली थी और वह कोटा में अपने कमरे में लटकी मिली थी। लड़की अपने माता-पिता के साथ रहती थी।

FIR दर्ज होने में हुई देरी पर SC ने उठाए सवाल

सर्वोच्च न्यायालय की पीठ को पता चला कि आईआईटी खड़गपुर के छात्र के मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई थी, लेकिन 8 मई को दर्ज की गई एफआईआर में चार दिन की देरी पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल भी उठाया। पीठ ने कहा, "इन बातों को हल्के में न लें। यह बहुत गंभीर बातें हैं।"

पीठ ने सुप्रीम कोर्ट के 24 मार्च के उस फैसले का हवाला दिया, जिसमें उच्च शिक्षण संस्थानों में छात्रों की आत्महत्या के लगातार मामलों पर ध्यान दिया गया था और छात्रों की मानसिक स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को दूर करने और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए एक राष्ट्रीय टास्क फोर्स का गठन किया गया था।

पीठ ने कहा कि ऐसे मामलों में तुरंत एफआईआर दर्ज करना जरूरी है। पीठ ने अदालत में मौजूद संबंधित पुलिस अधिकारी से पूछा, "आपको FIR दर्ज करने में चार दिन क्यों लगे?" हालांकि, पुलिस अधिकारी ने कहा कि FIR दर्ज कर जांच की जा रही है।

पीठ ने क्या-क्या निर्देश दिए?
  • आईआईटी खड़गपुर के अधिकारियों ने आत्महत्या के बारे में पता चलने के बाद पुलिस को इस बारे में सूचित किया।
  • पीठ आईआईटी खड़गपुर के वकील और पुलिस अधिकारी के स्पष्टीकरण से संतुष्ट नहीं थी।
  • पीठ ने कहा, "हम इस मामले पर बहुत सख्त रुख अपना सकते थे। हम संबंधित क्षेत्राधिकार वाले पुलिस थाने के प्रभारी पुलिस अधिकारी के खिलाफ अवमानना ​​का मुकदमा भी चला सकते थे।"
  • पीठ ने एफआईआर दर्ज होने और जांच की प्रगति के बारे में कुछ भी कहने से परहेज किया।
  • पीठ ने कहा कि जांच सही दिशा में तेजी से की जानी चाहिए।
  • कोटा आत्महत्या मामले में पीठ ने एफआईआर दर्ज न किए जाने को गलत बताया।

Ban On Fantasy Apps: 'बॉलीवुड सेलिब्रिटिज-क्रिकेटर्स देते हैं बढ़ावा', सट्टेबाजी ऐप्स पर नकेल की तैयारी; SC से बैन करने की मांग

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Ban On Fantasy Apps: 'बॉलीवुड सेलिब्रिटिज-क्रिकेटर्स देते हैं बढ़ावा', सट्टेबाजी ऐप्स पर नकेल की तैयारी; SC से बैन करने की मांग

Dainik Jagran - National - May 23, 2025 - 2:02pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश में बढ़ते अवैध सट्टेबाजी ऐप्स पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की मांग कर एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई है, जिसपर विचार करने पर सहमति जताई गई। याचिका दायर कर ऑनलाइन गेमिंग ऐप्स और फैंटेसी स्पोर्ट्स ऐप्स पर सख्त नियम और कानून बनाने की भी मांग की गई है।

SC ने केंद्र को भेजा नोटिस

इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश सूर्यकांत औक न्यायमूर्ति एनके सिंह की पीठ ने केंद्र को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। हालांकि, अभी राज्य सरकारों को नोटिस जारी नहीं किया गया है।

ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने की मांग करने वाले याचिकाकर्ता ने खुद को 'एक प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता, मानवतावादी और ग्लोबल पीस इनिशिएटिव का अध्यक्ष, जो विश्व स्तर पर शांति और न्याय को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है' बताया है।

क्यों दायर की याचिका?

याचिकाकर्ता ने कहा कि यह जनहित याचिका (PIL) दायर कर लाखों लोगों के हित में और अवैध सट्टेबाजी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है। बता दें, इसी साल मार्च में तेलंगाना में 25 बॉलीवुड सेलिब्रिटिज, क्रिकेटरों और फेमस लोगों के खिलाफ सट्टेबाजी ऐप्स को बढ़ावा देने का मामला दर्ज हुआ था।

याचिकाकर्ता ने इस मामले को भी हवाला अपनी याचिका में दिया है। इसके अलावा, तेलंगाना में 24 लोगों द्वारा आत्महत्या करने से संबंधित एक समाचार लेख का भी हवाला दिया गया है।

इसमें कहा गया है कि यह याचिका भारतीय युवाओं और कमजोर नागरिकों को अनियमित ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुए के खतरों से बचाने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में दायर की गई थी।

'किस्मत का खेल है फैंटेसी ऐप्स'

याचिकाकर्ता ने कहा कि यह याचिका फैंटेसी स्पोर्ट्स और कौशल-आधारित गेमिंग की आड़ में संचालित खतरनाक ऑनलाइन सट्टेबाजी बिजनेस से भारत के युवाओं की सुरक्षा के लिए दायर की गई थी।

याचिका में कहा गया है, "ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह की सट्टेबाजी स्वाभाविक रूप से भाग्य का खेल है, कौशल का नहीं। इसलिए यह जुए की श्रेणी में आता है, जो सार्वजनिक दुआ अधिनियम 1867 के तहत कई राज्यों में प्रतिबंधित है।"

'हाईवे से अतिक्रमण हटाओ', सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को दिया निर्देश; तीन महीने में मांगी रिपोर्ट

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कर्नाटक में दुष्कर्म के 7 आरोपियों ने जमानत मिलते ही मनाया जश्न, निकाली विक्ट्री परेड; हावेरी में फैला आक्रोश

Dainik Jagran - National - May 23, 2025 - 2:01pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कर्नाटक के हावेरी जिले से हैरान करने वाला मामला सामने आया है। ये मामला 16 महीने पुराना यानी जनवरी 2024 का है, जब 7 लोगों ने मिलकर महिला के साथ गैंग रेप किया था। लोग महिला को घसीटकर पास के जंगल में ले गए थे और उसके साथ रेप किया। अब इन 7 लोगों को जमानत मिल गई है।

इसके बाद आरोपियों ने विजय जुलूस निकाला है। बाइक,कार,संगीत और जोरदार जश्न के नारे के साथ एक विजयी सार्वजनिक जुलूस निकाला गया।

हावेरी के अक्की अलूर शहर में हुई परेड

यह परेड हावेरी के अक्की अलूर शहर में हुई, जहां मोटरबाइक और कारों का एक काफिला स्थानीय सड़कों से रिहा किए गए व्यक्तियों के साथ दिखाई दिया था। वीडियो में आरोपी मुस्कुराते हुए और विजय चिन्ह दिखाते हुए दिखाई दे रहे हैं, जिससे आक्रोश फैल गया है। वहीं सोशल मीडिया पर विजय जुलुस का वीडियो वायरल होने के बाद लोग उनकी रिहाई पर तरह-तरह के सवाल खड़े रहे हैं।

जमानत के बाद लोगों में गुस्सा

लोगों ने बाइक, कार, संगीत और जोरदार जश्न के नारे के साथ एक विजयी सार्वजनिक जुलूस निकाला गया।इसके बाद आरोपियों ने विजय जुलूस निकाला है। आरोपियों के विजय जुलूस निकालने की घटना से पूरे हावेरी जिले में आक्रोश है। 

 कई महीनों तक हिरासत में रखा गया 

हावेरी सेशन कोर्ट ने सात मुख्य आरोपियों को जमानत दी है। इनके नाम हैं, आफताब चंदनकट्टी, मदार साब मंडक्की, समीवुल्ला लालनवर, मोहम्मद सादिक आगासिमानी, शोएब मुल्ला, तौसीप चोटी और रियाज सावीकेरी। 26 साल की महिला के साथ सामूहिक बलात्कार के सिलसिले में गिरफ्तारी के बाद से सभी को कई महीनों तक न्यायिक हिरासत में रखा गया था।

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'आतंकियों पर हमले को खुद पर अटैक मानता है पाकिस्तान', अमित शाह ने पाकिस्तान को एक बार फिर किया बेनकाब

Dainik Jagran - National - May 23, 2025 - 1:29pm

एएनआई, नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में 22वें सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) अलंकरण समारोह (22nd Border Security Force BSF Investiture Ceremony) और रुस्तमजी मेमोरियल लेक्चर (Rustamji Memorial Lecture) को संबोधित करते हुए ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भारत ने केवल पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया।

केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा, "ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) तब हुआ जब हमारे प्रधानमंत्री की दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति, हमारी खुफिया एजेंसियों की सटीक जानकारी और सेना की मारक क्षमता का अद्भुत प्रदर्शन एक साथ आए। जब ​​ये तीनों एक साथ आए तो ऑपरेशन सिंदूर मुमकिन हुआ"

हमारा देश कई दशकों से पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद (Pakistan Sponsored Terrorism) का सामना कर रहा है। पाकिस्तान ने कई बड़ी घटनाओं को वर्षों से अंजाम दिया है, लेकिन उसे उचित जवाब नहीं दिया गया...2014 में नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने, भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार बनी और पहला बड़ा हमला उरी में हमारे सैनिकों पर हुआ, उन्हें जिंदा जलाने का दुस्साहस किया गया और हमने उरी के तुरंत बाद सर्जिकल स्ट्राइक करके पहली बार आतंकवादियों के ठिकानों में घुसकर उन्हें करारा जवाब देने का काम किया।

अमित शाह, केंद्रीय गृह मंत्री

'भारतीय सेना की जाबांजी की तारीफ कर रही दुनिया'

अमित शाह बोले, "पहलगाम में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों ने बेकसूर लोगों को उनके परिवारों के सामने उनका धर्म पूछकर मार दिया गया। ऑपरेशन सिंदूर उस हमले का जवाब है और आज दुनिया ने भारतीय सशस्त्र बलों की वीरता की भूरी-भूरी प्रशंसा की है।"

पहलगाम आतंकी हमले के बाद 8 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया गया था और ऑपरेशन के कुछ ही मिनटों के भीतर हमने नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया, जिनमें से दो मुख्यालय थे। हमने पाकिस्तानी सेना के ठिकानों, एयरबेसों को नष्ट नहीं किया। हमने केवल उन लोगों को दंडित किया जिन्होंने भारतीय धरती पर पाप किए थे।

अमित शाह, केंद्रीय गृह मंत्री

आतंकियों पर हमले को खुद पर हमला मानता पाकिस्तान: अमित शाह

केंद्रीय मंत्री ने कहा, "हमें लगता था कि हमने आतंकियों पर हमला किया है, लेकिन पाकिस्तान ने साबित कर दिया कि वह आतंकवाद को प्रायोजित करता है... पाकिस्तान, आतंकियों पर हमले को खुद पर हमला मानता है। जब पाकिस्तानी सेना ने हमारे नागरिक ठिकानों और हमारे सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला करने की कोशिश की, तो भारतीय सेना ने कड़ा जवाब दिया। उनके एयरबेस पर हमला करके अपनी मारक क्षमता का परिचय दिया।"

उन्होंने कहा, "आज पाकिस्तान की पोल खुल गई है कि भारत में आतंकवाद पाकिस्तान प्रायोजित है...जब हमने पाकिस्तान में आतंकवादी स्थलों पर हमला किया तो पाकिस्तानी सेना ने जवाबी कार्रवाई की...पाकिस्तानी सेना के अधिकारी आतंकवादियों के अंतिम संस्कार में शामिल हुए।"

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