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Monsoon Update: भूस्खलन और बारिश से नॉर्थ ईस्ट में तबाही, अब तक 19 की मौत; 12 हजार से अधिक लोग प्रभावित
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जहां देश का एक हिस्सा इस वक्त गर्मी की मार झेल रहा है, तो वहीं पूर्वोत्तर में बारिश कहर बनकर बरपी है। मिजोरम, असम और मणिपुर से लेकर त्रिपुरा और अरुणाचल प्रदेश तक चारों ओर तबाही का मंजर है। बारिश कहीं लैंड स्लाइड लेकर आई, तो कहीं फ्लैश फ्लड का कारण बनी।
अब तक इन घटनाओं में 19 लोगों की मौत की खबर है। पूर्वोत्तर में 12 हजार से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं और दर्जनों लोगों के फंसे होने की आशंका जताई जा रही है। आने वाले दिनों में भी प्रकृति का कहर थमने की कोई उम्मीद दिखलाई नहीं पड़ती। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों के लिए भयंकर बारिश का अलर्ट जारी किया है।
मिजोरम और असम में भयंकर तबाहीपूर्वोत्तर के राज्यों में कई घर बारिश में तबाह हो गए हैं, सड़कें बह गई हैं और हजारों लोग बेघर हो चुके हैं। प्रशासन बचाव अभियान में जुटा है, लेकिन लगातार हो रही बारिश से उसमें बाधा उत्पन्न हो रही है। दक्षिणी मिजोरम के लॉन्ग्टलाई शहर में लैंड स्लाइडिंग की वजह से 8 लोगों के फंसे होने की आशंका है।
मिजोरम में एक व्यक्ति के मौत की भी खबर है। वहीं असम के कामरूप मेट्रोपॉलिटन जिले में बीते 3 दिन से हो रही बारिश से 5 लोगों की मौत हो गई। गुवाहाटी और सिलचर समेत कई शहरों में हजारों की संख्या में लोग प्रभावित हुए हैं। लखीमपुर में बांध टूटने की वजह से एक बड़ा इलाका पानी में समा गया।
अरुणाचल, त्रिपुरा और मणिपुर में भी कहर- अरुणाचल प्रदेश में भी भूस्खलन से 9 लोगों की जान चली गई है। राज्य के कई हिस्से बाढ़ का सामना कर रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि एनएच 13 पर अचानक हुए भूस्खलन से एक वाहन बह गया और उसमें सवार 7 लोगों की मौत हो गई। सरकार ने लोगों से रात में यात्रा न करने का आग्रह किया है।
- त्रिपुरा में भी भारी बारिश और आंधी के चलते कई घर क्षतिग्रस्त हो गए। लोग राहत शिविरों में शरण लेने के लिए मजबूर हैं। अगरतला में हावड़ा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। त्रिपुरा में एक व्यक्ति के डूबने की खबर है। कई स्थानों पर पेड़ों के गिरने से सड़क मार्ग अवरुद्ध हो गया। आपदा नियंत्रण की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं।
- मणिपुर में भी नदियां खतरे के निशान के पास बह रही हैं। इंफाल पूर्वी में कई इलाके बाढ़ के पानी में डूब गए। शुक्रवार को अकेले इंफाल पश्चिम जिले में 197.8 मिमी की रिकॉर्ड बारिश हुई, जिससे निचले इलाकों के कई हिस्सों में अचानक बाढ़ आ गई। पूर्वोत्तर के लिए अभी बारिश का रेड अलर्ट जारी रहेगा।
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अवैध बांग्लादेशियों पर असम सरकार का एक्शन, पहले गिरफ्तार किया अब भेजा नो मेंस लैंड; जानिए वजह
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत में अवैध बांग्लादेशियों का मुद्दा काफी समय से उठता आ रहा है। इस बीच पूर्वोत्तर राज्य असम की बीजेपी सरकार ने अवैध बांग्लादेशियों के खिलाफ कड़ा कदम उठाया है। राज्य सरकार ऐसे लोगों को ढूंढ रही है, जिन्हें विदेशी ट्रिब्यूनल ने अवैध घोषित किया है।
राज्य की हिमंत सरकार विदेशी ट्रिब्यूनल ने अवैध घोषित कम से कम 49 लोगों को नो मैंस लैंड भेज दिया है। बता दें कि भारत और बांग्लादेश के बीच की सीमा को नो मैंस लैंड कहा जाता है।
जानकारी के अनुसार, 27 और 29 मई को पश्चिमी और दक्षिणी असम से कम से कम 49 घोषित विदेशी नागरिकों को नो मैंस लैंड भेजा गया है।
सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामलाराज्य सरकार के इस कड़े एक्शन के बाद असम के कुछ इलाकों में हड़कंप मच गया है। टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ लोगों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटया है और इस एक्शन पर रोक लगाने की मांग की है। इस याचिका में उन्होंने अपने परिवार का पता लगाने के बारे में मांग की है।
याचिकाकर्ताओं ने शक जताया है कि उनके घरवालों को भी वापस भेज दिया है। इन लोगों ने कोर्ट से इस अभियान पर रोक लगाने की मांग की है।
राज्य के सीएम ने क्या कहा?बता दें कि राज्य के सीएम हिमंत सरमना ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि अब ट्रिब्यूनलों द्वारा विदेशी नागरिक घोषित किए गए 30,000 लो गायब हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि अभी एनआरसी अपडेट प्रक्रिया रुकी हुई है। अब इसको तेज करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि जैसे ही हमें कोई विदेशी मिलता है हम कानून के अनुसार कार्रवाई करेंगे।
आने वाले समय में होंगी कई 'पुश बैक' कार्रवाईअसम के सीएम हिमंत सरमा ने बताया कि आने वाले दिनों में इस प्रकार कि कई पुश बैक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि कोई भी घोषित विदेशी हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकता है। यदि किसी ने अपील नहीं की है तो उसका भारत में रहने का अधिकार समाप्त हो जाता है। लेकिन यदि वह दिखा दे कि उसने अपील की है तो राज्य सरकार उसको नहीं छेड़ती।
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चूहे, मधुमक्खियों से लेकर डॉल्फिन तक... ये भी करते हैं देश के सरहद की सुरक्षा, जानिए कैसे दी जाती है ट्रेनिंग
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सरहदों की हिफाजत, दुश्मनों की जासूसी और खतरों की भनक लगाने के लिए अब सेनाएं सिर्फ इंसानों और तकनीकों पर ही नहीं, जानवरों की ताकत पर भी भरोसा करने लगी हैं। कहीं चूहे विस्फोटकों का पता लगाने के लिए ट्रेन हो रहे हैं, तो कहीं हाथियों से निगरानी कराई जा रही है। भारत में मधुमक्खियों की मदद से भी एक खास मिशन पर काम हो रहा है। आधुनिक युद्ध अब सिर्फ हथियारों का नहीं, बल्कि नए-नए तरीकों की स्ट्रेटजी से लड़ा जा रहा है।
चूहे करते हैं जासूसीकंबोडिया, यूक्रेन, इजरायल और कई यूरोपीय देशों में चूहों को 'जासूस' बनाया जा रहा है। ये चूहे पल भर में खतरों को भांप कर जानकारी दे देते हैं। इनकी कद-काठी बिल्कुल सामान्य चूहों की तरह ही है, जिससे की ये दुश्मनों की नजर में नहीं आते हैं। इन चूहों को 'HeroRAT' कहा जाता है।
मधुमक्खियों करतीं हैं भारत के इस सरहद की हिफाजतभारत-बांग्लादेश सीमा पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने सबसे नए हथियार के तौर पर मधुमक्खियों को तैनात किया है।
पश्चिम बंगाल के नादिया जिले में, बीएसएफ की 32वीं बटालियन ने कंटीले तारों की बाड़ के साथ मधुमक्खी पालन के बक्से लटकाना शुरू कर दिया है। ये मधुमक्खियां सिर्फ शहद के लिए नहीं हैं। इनके अंदर मौजूद मधुमक्खियों के झुंड तस्करों और घुसपैठियों के लिए काल बनकर आते हैं। अगर कोई बाड़ तोड़ने की कोशिश करता है तो ये मधुमक्खियां उनपर टूट पड़ती हैं।
ये जानवर और पक्षी कैसे करते हैं जासूसी?अमेरिका खुफिया एजेंसी ने अपने कई ऑपरेशन के लिए पक्षियों और जानवरों के इस्तेमाल किया है। जानवरों और पक्षियों की मदद से छिपकर सुनना, खुफिया जानकारी जुटाना, सुरक्षा, गुप्त संचार और फोटो निगरानी की जाती रही है। अमेरिका के अलावा भी कई देशों ने पक्षियों और जानवरों को अपने खुफिया ऑपरेशन के लिए इस्तेमाल किया है।
CIA ने एक ऐसा कैमरा बनाया जो इतना छोटा और हल्का था कि कबूतर भी उसे उठा सकता था। इस कैमरे को पक्षी की छाती पर एक छोटे से हार्नेस से बांधा गया था और पक्षी को किसी विदेशी देश के खुफिया इलाके में छोड़ा गया। जब कबूतर वापस आता था तो दुश्मन इलाके की सारी तस्वीरें कैमरे में कैद होती थी।
- जासूस बिल्लियां- साल 1964 में अमेरिका ने कुछ जासूसी बिल्लियां पालीं और उसे ट्रेनिंग दी। ये बिल्लियां किसी बातचीत को सुनने के लिए जानी जाती थीं, इनके गले में ट्रांसमीटर और रिकॉर्डर लगा होता था।
- अंडरकवर डॉग- दुनिया भर के कई देशों में डॉग को सेना में शामिल किया जाता है, लेकिन कई ऐसे डॉग होते हैं जिन्हें अंडरकवर ऑपरेशन के लिए भेजा जाता है। कुत्तों में गंध की अद्भुत क्षमता होती है जो उन्हें विस्फोटक गंधों को पहचानने में सक्षम बनाती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि उनकी नाक मनुष्य की गंध की क्षमता से 10,000 गुना बेहतर है।
- इंसेक्टोथॉप्टर मक्खी- 1970 के दशक में CIA ने "इंसेक्टोथॉप्टर" नाम का एक अविष्कार किया। ये बिल्कुल मक्खी की तरह दिखता था। इससे खुफिया जानकारी जुटाने में काफी मदद मिलती थी। ये मक्खी बंद कमरे की भीतर चल रहे गुप्त वार्ताओं की सटीक जानकारी दे देता था, जिससे दुश्मन की गतिविधियों और प्लानिंग की पता लगा लिया जाता है।
अमेरिकी नौसेना ने समंदर की तलहटी में किसी संभावित साजिश के खतरों से बचने के लिए डॉल्फिन को ट्रेनिंग देती है। ये डॉल्फिन समंदर में किसी खतरे को भांपने में महारत हासिल कर चुके होते हैं। इसके अलावा समंदर की नीचे खदानों और नौसेना की संपत्तियों को ढूंढने में भी डॉल्फिन मदद करती है।
'भारत के 6 लड़ाकू विमानों को मार गिराने का दावा झूठा', CDS अनिल चौहान ने खोली शहबाज शरीफ की पोल
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने अमेरिकी समाचार चैनल ब्लूमबर्ग को दिए इंटरव्यू में पाकिस्तान के झूठ की पोल खोलकर रख दी है। दरअसल शहबाज शरीफ ने दावा किया था कि पाकिस्तान ने भारत के 6 फाइटर जेट्स मार गिराए हैं। अब सीडीएस ने पाक के इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया है।
ब्लूमबर्ग द्वारा पूछे गए सवाल पर अनिल चौहान ने कहा- बिल्कुल गलत। हालांकि उन्होंने पाकिस्तान के संघर्ष के दौरान भारतीय जेट्स के नुकसान की बात स्वीकार की। लेकिन उन्होंने ये नहीं बताया कि कितने जेट्स को नुकसान हुआ।
सिंगापुर पहुंचे हैं अनिल चौहानबता दें कि सीडीएस अनिल चौहान शांगरी-ला डायलॉग में हिस्सा लेने के लिए सिंगापुर पहुंचे हैं। विमानों के नुकसान के सवाल पर सीडीएस ने कहा कि यह पता लगाना अधिक महत्वपूर्ण होता है कि विमानों को नुकसान क्यों हुआ, ताकि सेना अपनी रणनीति में सुधार कर सके और फिर जवाबी हमला कर सके।
India’s military confirmed for the first time that it lost an unspecified number of fighter jets in clashes with Pakistan in May.
Anil Chauhan, chief of defense staff of the Indian Armed Forces, spoke to Bloomberg TV on Saturday, while attending the Shangri-La Dialogue in… pic.twitter.com/9y3GW6WJfn
— Bloomberg TV (@BloombergTV) May 31, 2025अनिल चौहान ने कहा कि 'यह अच्छी बात है कि हम अपनी टैक्टिकल गलतियों को समझने में सक्षम थे, जिन्हें हमने सुधारा और फिर दो दिनों बाद इंप्लीमेंट किया। हमने अपने सभी जेट विमानों को फिर से लंबी दूरी पर निशाना बनाकर उड़ाया।'
'फर्जी खबरों का मुकाबला करने में लगा समय'- सीडीएस अनिल चौहान ने शांगरी-ला डायलॉग के दौरान कहा कि फर्जी खबरों का मुकाबला करने का हमने निरतंर प्रयास किया। उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों का 15% समय उन फर्जी खबरों का मुकाबला करने में चला गया। सीडीएस ने कहा भारत ने हमेशा अपने नैरेटिव को ठोस आधार पर बनाया है, भले ही हम कभी-कभी उन्हें प्रस्तुत करने में धीमे रहे हों।
- उन्होंने कहा, 'इन ऑपरेशनों में सीधे तौर पर शामिल होने के नाते मैं कह सकता हूं कि साइबर ने संघर्ष में भूमिका निभाई, लेकिन इसका प्रभाव सीमित था।' बता दें कि ऑपरेशन के दौरान एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान, विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने गलत सूचना फैलाने के लिए पाकिस्तान की आलोचना की थी।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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Bank Holidays in June 2025: जून में कुल इतने दिन बंद रहेंगे बैंक, यहां देखिए छुट्टियों की पूरी लिस्ट
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Bank Holiday in June: रविवार से जून का महीना शुरू होने जा रहा है। महीने की शुरुआत के साथ कई नियमों में भी बदलाव देखने को मिलते हैं। वहीं, बैंकों में भी कई दिन अवकाश रहेंगे। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अवकाश कैलेंडर के अनुसार साप्ताहिक अवकाश के अलावा कुल पांच दिन बैंकों में छुट्टी रहेगी।
ऐसे में अगर आप जून में किसी काम के सिलसिले में बैंक जाने की प्लानिंग करने वाले हैं तो पहले ही जान लीजिए कि किन तारीखों को बैंकों में ताला लगा मिलेगा। हालांकि, बैंकों के बंद होने के बावजूद भी आप ऑनलाइन माध्यम से पैसों का लेनदेन एवं कुछ महत्वपूर्ण काम कर सकते हैं।
जानिए जून में कितने दिन बैंकों में अवकाश रहेगाबता दें कि देश के अलग- अलग हिस्सों में विभिन्न क्षेत्रीय, धार्मिक और राष्ट्रीय कार्यक्रमों और त्योहारों के कारण बैंकों में छुट्टियां विभिन्न दिनों में होती है। आइए आपको बताते हैं कि जून 2025 में कितने दिन बैंक बंद रहेंगे।
- 6 जून, शुक्रवार: ईद-उल-अजहा (बकरीद), केरल में बैंक बंद रहेंगे
- 7 जून, शनिवार: - ईद-उल-अजहा (बकरीद), पूरे भारत में बैंक बंद रहेंगे
- 11 जून बुधवार: - संत गुरु कबीर जयंती / सागा दावा, हिमाचल प्रदेश और सिक्किम में बैंक बंद रहेंगे।
- 27 जून, शुक्रवार: रथ यात्रा / कांग (रथजात्रा), ओडिशा और मणिपुर में बैंक बंद रहेंगे
- 30 जून, सोमवार: रेमना नी: मिजोरम में बैंक बंद रहेंगे।
इसके अलावा बैंक दूसरे शनिवार और चौथे शनिवार को भी बंद रहते हैं। रविवार को बैंकों में साप्ताहिक अवकाश होता है। बैंकों में छुट्टियां होने के कारण आपके कुछ काम प्रभावित हो सकते हैं। हालांकि, विभिन्न बैंक आपको ऑनलाइन माध्यम से भी सुविधाएं प्रदान करते हैं, जिसके माध्यम से आप आसानी से अपना काम कर सकते हैं।
किसी भी परेशानी से बचने के लिए आप बैंक जाने से पहले अवकाश के बारे में जरूर जान लें। जिससे आपको किसी भी परेशानी का सामना ना करना पड़े।
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