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Patna News: हाथीदह में नहाने गए 5 युवकों में 3 की मौत, मातम में बदला शादी समारोह; शव बरामद
संवाद सहयोगी,बाढ़ (पटना)। Patna News: मोकामा प्रखंड के हाथीदह थाना क्षेत्र अंतर्गत दरियापुर में गंगा स्नान के दौरान तीन युवकों की डूबकर मृत्यु हो गई।जानकारी के अनुसार दरियापुर गंगा घाट पर गंगा नदी में स्नान कर रहे 5 युवक डूब गए।मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने तत्काल छलांग लगाकर डूबने से दो युवकों को बचा लिया जबकि तीन युवक गहरे पानी में समा गए।
मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने तत्काल तीनों युवकों को पानी से निकाला और अस्पताल ले गए।लेकिन चिकित्सकों ने तीनों को मृत घोषित कर दिया।मृतक की पहचान दरियापुर निवासी मो. मेराज,मो. इब्राहिम व मो. अमीर के रूप में हुई है।सोमवार को मृतक मोहम्मद इब्राहिम के फुफेरे भाई की शादी थी।बेगुसराय बारात जानी थी और तैयारी चल रही थी।
मृतक मोहम्मद इब्राहिम, मोहम्मद आमिर और मोहम्मद मेराज पड़ोसी हैं और बचपन के साथी हैं।सभी बारात जाने की तैयारी कर रहे थे।शादी की बज रही शहनाई अचानक मातम में बदल गयी।ग्रामीणों के अनुसार यह हादसा नदी में बालू की अवैध कटाई के कारण हुआ है।
गांव में हाहाकार मच गयाहादसे के बाद दरियापुर गांव मातम में तब्दील हो गया, गांव में हाहाकार मच गया। इसके पहले भी अवैध कटाई ने पिछले एक सालो में तीन दर्जन से अधिक लोगों की डूबने से मौत मोकामा में हो चुकी है।लोगों ने हरेक हादसे के बाद अधिकारियो से एसडीआरएफ की तैनाती मोकामा में किये जाने की मांग की लेकिन आजतक नहीं हो पाया है।जिससे बेगूसराय रेस्क्यू टीम बुलाया जाता है, जिसे आने में काफ़ी वक्त लगता है, तबतक हादसे के शिकार लोगों की मौत हो जाती है।
हाथिदह थाना अध्यक्ष का आया बयानहाथिदह थाना अध्यक्ष दिनेश ठाकुर ने बताया कि सूचना मिली थी कि तीन बच्चे डूब गए हैं। जिसके बाद पुलिस को तुरंत मौके पर पहुंची और तीनों बच्चों का शव निकालकर पोस्टमार्टम के लिए अनुमंडल अस्पताल भेज दिया है। जहां पोस्टमार्टम की प्रक्रिया के बाद शव को परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि घटना 12:00 बजे दिन की है।12:00 दिन को सभी स्नान करने के लिए गए थे।जिसमें तीन बच्चे की डूबने से मौत हो गई है। वहीं उन्होंने बताया कि स्थानीय गोताखोर और स्थानीय लोगों की मदद से करीब एक घंटे बाद तीनों का शव बाहर निकल गया है। वहीं परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है शादी समारोह मातम में तब्दील हो गई है।
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Bihar News: बिहार के इंजीनियरिंग कॉलेजों के रिजल्ट में भारी गड़बड़ी से नाराज छात्रों का हंगामा, प्रमोट करने की मांग
जागरण संवाददाता, पटना। Bihar News: राज्य के 38 इंजीनियरिंग कालेजों के सत्र 2023-27 के सेकेंड सेमेस्टर के विद्यार्थियों का रिजल्ट खराब होने के बाद सोमवार को काफी संख्या में अभ्यर्थियों ने बिहार इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय के समक्ष जमकर बबाल काटा।
बताया जाता है कि सत्र 2023-27 के सेकेंड सेमेस्टर में करीब 11 हजार विद्यार्थियों में से 1,300 को ईयर बैक लगा है। इससे आक्रोशित विद्यार्थी यूनिवर्सिटी पहुंच कर जमकर हंगामा किया। हंगामा कर रहे विद्यार्थी प्रमोट करने की मांग कर रहे थे।
सुबह 10 से शाम चार बजे तक जारी रहा प्रदर्शनविद्यार्थियों का प्रदर्शन सुबह 10 से शाम चार बजे तक जारी रहा, इसके कारण करीब दो घंटे तक मीठापुर इलाका जाम रहा। बाद में काफी संख्या में पहुंची पुलिस ने सभी को व्यवस्थित करा कर जाम हटवाया। विद्यार्थियों का कहना था कि कई को 0.01 तो कई को 0.02 से फेल कर दिया गया है।
इसमें काफी विद्यार्थियों को एक से पांच अंक भौतिकी में देकर फेल किया गया है। अगर विश्वविद्यालय मामले में जल्द निर्णय नहीं लेती है तो हंगामा जारी रहेगा।
विश्वविद्यालय प्रशासन के अनुसार 87 प्रतिशत विद्यार्थी पास व 13 प्रतिशत को ईयर बैक लगा है। 87 प्रतिशत में कई को प्रमोट किया गया है। जिन विद्यार्थी का फाइव सीजीपीएस से कम है उन्हें ही ईयर बैक लगाया गया है।
भौतिकी में सबसे अधिक हुए फेलबिहार इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय में सेकेंड सेमेस्टर के विद्यार्थियों ने बताया कि दिसंबर में हुए सेकेंड सेमेस्टर परीक्षा में सबसे अधिक भौतिकी में फेल हुए हैं। इसमें कई विद्यार्थी को एक, दो व पांच अंक प्राप्त हुए हैं। भौतिकी में 14 अंक का आब्जेक्टिव प्रश्न पूछा गया था। विद्यार्थियों ने कहा, यह गलत तरीका है।
वहीं, इस मामले पर परीक्षा नियंत्रक डा. बिजेंद्र कुमार ने कहा कि विद्यार्थियों को अगर लग रहा है कि उत्तरपुस्तिका में कोई गड़बड़ी हुई है तो आरटीआइ के तहत उत्तरपुस्तिका की मांग कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि मात्र 13 प्रतिशत विद्यार्थी को ईयर बैक लगा है।
विश्वविद्यालय में प्रमोट का नियम नहीं है। इन विद्यार्थियों को दोबारा परीक्षा देना होगा। अगर किसी विद्यार्थी को फस्ट व सेकेंड सेमेस्टर मिला कर फाइव सीजीपीए प्राप्त नहीं होता है तो ईयर बैक लग जाएगा। परीक्षा नियंत्रक ने कहा कि इस बार मात्र 13 प्रतिशत विद्यार्थियों को इयर बैक लगा है, जबकि पिछले वर्ष 22 प्रतिशत को ईयर बैक लगा था।
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Bihar Cabinet: बिहार में मंत्रियों की बल्ले-बल्ले, सैलरी-भत्ते बढ़े; सरकारी कर्मचारियों के लिए भी बड़ा फैसला
डिजिटल डेस्क, पटना। Bihar Cabinet Meeting: बिहार में मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मंत्रियों के वेतन और भत्ते में इजाफा कर दिया गया है। नीतीश कैबिनेट की बैठक में इसे मंजूरी दी गई है।
सीएम नीतीश कुमार ने कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता करते हुए अलग-अलग विभागों से जुड़े कुल 27 एजेंडे पर मुहर लगाई है। इसके साथ ही सरकारी कर्मचारियों के लिए भी बड़ा फैसला लिया गया है।
इन विभागों से जुड़े 27 प्रस्तावों पर लगाई मुहरबता दें कि नीतीश कैबिनेट की बैठक मंगलवार को सुबह 11 बजे हुई। इसमें कृषि, नगर विकास और आवास विभाग, मद्य निषेध; उत्पाद एवं निबंधन विभाग, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, सामान्य प्रशासन विभाग, शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, वित्त विभाग, खान एवं भूतत्तव विभाग, मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग, उद्योग विभाग से जुड़े कुल 27 प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई है।
नीतीश कैबिनेट में ये फैसले भी हुए?- कृषि विभाग में लिपिक संवर्ग में 2590 पदों के पुनर्गठन को मंजूरी दी गई है।
- नरकटियागंज में निलंबित नगर कार्यपालक पदाधिकारी सुधीर कुमार को बर्खास्त करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है।
- केंद्र के अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत 2.0) के तहत बक्सर में जलापूर्ति योजना के लिए 156 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं।
- इसी तरह मोतिहारी में सीवरेज नेटवर्ग परियोजना के लिए 399 करोड़ से अधिक की राशि स्वीकृत की गई है।
- मद्य निषेध विभाग के तहत प्रदेश के 6 जिलों (रोहतास, औरंगाबाद, पश्चिम चंपारण (बेतिया), बेगूसराय, किशनगंज, गोपालगंज) में टेस्टिंग लैब खोली जाएंगी। इन लैब में कुल 48 कर्मचारी काम करेंगे। ऐसे में इन पदों को स्वीकृत किया गया है।
- नवादा में केवी ग्रिड उपकेंद्र बनाने के लिए 5.64 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। यह राशि बिहार स्टेट ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड को दी जाएगी।
- प्रदेश के सभी 927 राजस्व न्यायालयों का आधुनिकीकरण किया जाएगा। इनमें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए कुल 38.12 करोड़ रुपये मंजूर हुए हैं।
- बिहार कर्मचारी चयन आयोग में डाटा एंट्री ऑपरेटर के 29 पद, कार्यालय परिचारी के 6 पद स्वीकृत किए गए हैं।
- बिहार विद्यालय परीक्षा समिति संबद्धता विनियमावली के तहत प्रदेश के अनुदान प्राप्त 628 माध्यमिक विद्यालयों को संबद्धता लेने के लिए और एक साल का समय देने के प्रस्ताव को भी मंजूर किया गया है।
- प्राथमिक और उच्च माध्यमिक स्तर के स्कूलों में बेहतर पढ़ाई और सुविधा के लिए बिहार शिक्षा प्रशासन संवर्ग नियमावली 2025 बनाने का फैसला लिया गया है।
- पटना में राजकीय तिब्बी कॉलेज एवं अस्पताल में प्रभारी प्राचार्य रहे प्रोफेसर डॉ. तबरेज अख्तर को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने का फैसला लिया गया है।
- बेगूसराय के बखरी में अनुमंडलीय अस्पताल में तैनात डॉ. रमण राज रमण को लगातार अनुपस्थित रहने के आरोप में बर्खास्त करने का फैसला लिया गया है।
- पटना में आयुष अस्पताल में कुल 36 पदों के सृजन को स्वीकृति दी गई है।
- बिहार दंत शिक्षा सेवा (ट्यूटर सहित) संवर्ग नियमावली 2025 को स्वीकृति देने के साथ लागू करने का फैसला लिया गया है।
- पटना में गुरुगोविंद सिंह सदर अस्पताल परिसर में एक भूखंड को आम रास्ते के तौर पर इस्तेमाल किए जाने को मंजूरी दी गई है।
- बिहार औषधि नियंत्रण प्रयोगशाला तकनीकी कर्मी संवर्ग (संशोधन) नियमावली 2025 बनाने को मंजूरी दी गई है।
- बिहार में आपात स्थिति के लिए 350 करोड़ रुपये का फंड है। इसमें वित्त वर्ष 2025-26 के लिए राशि को अस्थायी रूप से बढ़ाकर 10 हजार करोड़ रुपये करने का फैसला लिया गया है।
- गया में प्रेस एवं फॉर्म्स से जुड़ी पुरानी मशीनों, उपकरणों और दूसरी चीजों को नीलामी के जरिए बेचने का फैसला लिया गया है।
- इसके साथ ही सातवें राज्य वित्त आयोग के गठन का फैसला लिया गया है। आयोग के अध्यक्ष को मंत्री और सदस्य को राज्य मंत्री का दर्जा देने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है। यह सरकार के राजस्व स्रोत के बंटवारे और कर्मचारियों आदि के लिए बड़ा फैसला है।
- मुजफ्फरपुर में 100 बेड का कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) अस्पताल बनाने के लिए 2.09 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं।
- प्रदेश में कोल वितरण नीति 2007 के तहत बिहार स्टेट माइनिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड को अगले 5 साल के लिए नोडल एजेंसी बनाने के लिए नामित करने का फैसला लिया गया है।
- बिहार में मंत्री (वेतन एवं भत्ते) (समय-समय पर याथा संशोधित) नियमावली-2006 में संशोधन का फैसला लिया गया है।
- प्रदेश के विभिन्न सरकारी कार्यालयों में उर्दू अनुवादक के 1653 पदों और सहायक उर्दू अनुवादक के 3306 पदों पर बहाली का फैसला लिया गया है।
- शिक्षा विभाग में परामर्शी के 2 पदों पर भारतीय प्रशासनिक सेवा के दो अफसरों को संविदा के आधार पर नियुक्ति दी गई है। इसके तहत 2007 बैच के बैधनाथ यादव और 2010 बैच के पंकज कुमार 1 मार्च 2025 से अगले एक वर्ष तक अपनी सेवा देंगे।
- स्वास्थ्य विभाग में लोक स्वास्थ्य संवर्ग और अस्पताल प्रबंधन संवर्ग के गठन के लिए विभिन्न स्तर पर कुल 20016 अतिरिक्त पदों पर बहाली को मंजूरी दी गई है।
- प्रदेश के नगर निकायों के बिजली बिल संबंधी खर्चों के भुगतान के लिए अनुपूरक बजट के तहत 301.18 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की गई है।
- बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति 2016 को नई औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति 2025 की अधिसूचना जारी होने तक प्रभावी रखने का फैसला लिया गया है।
- दैनिक भत्ता 3500 रुपये किया गया है।
- क्षेत्रीय भत्ता 70 हजार रुपये किया गया है।
- आतिथ्य भत्ता 29500 रुपये किया गया है।
- वेतन 50 हजार से 65 हजार रुपये किया गया है।
बिहार में नीतीश सरकार ने अपने मंत्रियों के वेतन और भत्तों में इजाफा किया है।
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'बोल दूंगा इनकम टैक्स वाले नहीं आएंगे...', मुद्रा योजना के लाभार्थियों से ऐसा क्यों बोले PM मोदी?
एएनआई, नई दिल्ली। मुद्रा योजना के 10 साल पूरे होने के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाभार्थियों के साथ बातचीत की। पीएम मोदी ने 'एक्स' पर लिखा, 'मैंने पूरे भारत से मुद्रा लाभार्थियों को अपने निवास पर आमंत्रित किया था। लाभार्थियों ने इस योजना से उनके जीवन में आए बदलावों के बारे में रोचक जानकारी साझा की।'
'मुद्रा योजना ने कई सपनों को हकीकत में बदला'पीएम मोदी ने लिखा, 'आज, जब हम मुद्रा योजना के 10 साल पूरे कर रहे हैं, मैं उन सभी को बधाई देना चाहता हूं, जिनके जीवन में इस योजना की बदौलत बदलाव आया है। इस दशक में मुद्रा योजना ने कई सपनों को हकीकत में बदला है। ऐसे लोगों को सशक्त बनाया है, जिन्हें पहले वित्तीय सहायता से वंचित रखा गया था। यह दर्शाता है कि भारत के लोगों के लिए कुछ भी असंभव नहीं है!'
पीएम ने आगे कहा, भारत के लोगों के लिए कुछ भी असंभव नहीं है, 33 लाख करोड़ देश के लोगों को बिना गारंटी दिए गए, इससे जीवन बदला है, सबसे ज्यादा महिलाएं आगे आई हैं।
'देश के नौजवानों के लिए है योजना'पीएम मोदी ने कहा कि मुद्रा योजना मोदी के लिए नहीं है, बल्कि देश के नौजवानों के लिए है। पीएम मोदी ने कहा- हमारे देश में बहुत कम लोग हैं, जिन्हें पता है साइलेंटली कैसे रिवॉल्योशन हो रहा है।
'सालाना टर्नओवर 12 से 50 लाख पहुंचा'पीएम मोदी को लोगों ने अपने अनुभव बताया, एक ने कहा मुद्रा लोन के बाद हमने पेट को लेकर सुविधा शुरू की। अब मुझे इसे बहुत फायदा हो रहा है। पीएम मोदी ने एक लाभार्थी से पूछा कि फिलहाल आपकी आय कितनी है? इस पर उस शख्स की झिझक देखते हुए पीएम मोदी ने कहा कि वित्त मंत्री मेरे बगल में बैठे हैं, उन्हें बोल दूंगा इनकम टैक्स वाले नहीं आएंगे।
Mudra Yojana has given opportunities to countless people to showcase their entrepreneurial skills. Interacted with some of the beneficiaries of the scheme. Their journey is inspiring. #10YearsOfMUDRA https://t.co/QcoIK1VTki
— Narendra Modi (@narendramodi) April 8, 2025एक लाभार्थी ने बताया कि मुद्रा लोन से अपना बिजनेस सेट-अप करके घर भी खरीदा है। उन्होंने बताया कि जहां पहले उनका सालाना टर्नओवर 12 लाख था, वो अब 50 लाख हो चुका है। उन्होंने पीएम मोदी को इसके लिए थैंक्यू कहा। एक ने कहा मुद्रा योजना से पहले वो 20 हजार रुपए महीना कमाता था, आज उसकी इनकम दोगुनी हो गई है।
पहली बार फ्लाइट में बैठी महिलाएक लाभार्थी ने बताया कि वह बहुत गरीबी में थीं। उन्होंने बताया कि वह पहली बार दिल्ली आईं और पहली बार ही फ्लाइट में बैठीं। उन्होंने बताया कि उन्हें लोन कैसे मिला। उन्होंने बताया कि वे एक महीने का 60 हजार रुपये इनकम कर रही हैं। पीएम मोदी ने लाभार्थी की सराहना की और उन्हें बधाई दी।
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आंध्र प्रदेश के डिप्टी CM के काफिले की वजह से छूटा 30 छात्रों का एग्जाम? आरोपों पर पुलिस ने दी ये सफाई
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है। विशाखापट्टनम में 30 छात्र अपने परीक्षा केंद्र तक नहीं पहुंच सके और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा देने में असफल रहे। ऐसा आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण के काफिले के कारण हुआ।
काफिले ने परीक्षा केंद्र तक पहुंचने के मार्ग को जाम कर दिया था। छात्रों और उनके अभिभावकों में इस घटना को लेकर भारी चिंता है। उनका कहना है कि इस घटना ने उनके शैक्षणिक भविष्य पर गहरा असर डाला है। छात्रों का भविष्य दांव पर लगा है, और वे इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
एग्जाम सेंटर के गेट से छात्रों को भेजा वापसपेंडुर्थी एआई डिजिटल जेई एडवांस्ड प्रोग्राम के छात्र संयुक्त प्रवेश परीक्षा (मुख्य) दे रहे थे। साथ ही जो राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (एनआईटी) में प्रवेश निर्धारित करता है - ने कहा कि यातायात अवरुद्ध होने के कारण वे अपने परीक्षा केंद्र पर देरी से पहुंचे। उन्होंने कहा कि सभी 30 छात्रों को परीक्षा हॉल के गेट से वापस कर दिया गया और उन्हें परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी गई।
एक छात्र की मां बी कलावती ने दावा किया कि पवन कल्याण के काफिले के लिए लागू यातायात प्रतिबंधों के कारण उनके बेटे को देरी हुई। समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया ने कलावती के हवाले से कहा कि हम ट्रैफिक में फंस गए थे। यह इसलिए रुका था क्योंकि कल्याण अराकू जा रहे थे। एक अन्य अभिभावक ने कहा कि उन्होंने उपमुख्यमंत्री से प्रभावित छात्रों के लिए परीक्षा पुनर्निर्धारित करने पर विचार करने की अपील की है।
क्या बोला AISF?ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (एआईएसएफ) ने परीक्षा के दौरान यातायात प्रबंधन में अक्षमता के लिए अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया है। एआईएसएफ का कहना है कि छात्रों को परीक्षा में बैठने का अवसर नहीं मिला।
विपक्षी वाईएसआर कांग्रेस के प्रवक्ता कार्तिक येल्लाप्रगदा ने राज्य के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री के रूप में पवन कल्याण के प्रदर्शन पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि राज्य को एक बेहतर मंत्री की आवश्यकता है, जो सिनेमाई छवि से ऊपर उठकर वास्तविक जवाबदेही प्रदान कर सके।
पुलिस ने छात्रों को ठहराया जिम्मेदारपवन कल्याण के कार्यालय से संपर्क किया गया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। इस बीच पुलिस ने एक पोस्ट में दावा किया कि छात्रों को सुबह 7 बजे तक परीक्षा केंद्रों पर पहुंचने की उम्मीद थी। पुलिस के अनुसार अगर ये 30 छात्र समय पर पहुंच जाते, तो यातायात में फंसने का कोई सवाल ही नहीं था।
पुलिस के मुताबिक छात्रों को सुबह 7 बजे परीक्षा केंद्र पर रिपोर्ट करना था, लेकिन वे देर से पहुंचे। उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण का काफिला सुबह 8:41 बजे उस क्षेत्र से गुजरा, जो छात्रों के देर से पहुंचने के समय से काफी बाद का है। इससे यह स्पष्ट होता है कि उपमुख्यमंत्री का काफिला छात्रों की देरी का कारण नहीं था।
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