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JEE Advanced 2025 Admit Card: जेईई एडवांस्ड के लिए आज जारी होगा प्रवेश पत्र, 18 मई को होगी परीक्षा

Dainik Jagran - May 12, 2025 - 6:00am

जागरण संवाददाता, पटना। देश भर के आईआईटी सहित अन्य संस्थानों में नामांकन के लिए होने वाली जेईई एडवांस्ड्ड 2025 परीक्षा (JEE Advanced 2025 Exam) के लिए प्रवेश पत्र 12 मई को जारी होगा। पूर्व में प्रवेश पत्र जारी करने की तिथि 11 मई निर्धारित था, इसमें बदलाव करते हुए 12 मई की सुबह 10 बजे निर्धारित किया गया है। परीक्षा का आयोजन 18 मई को होगा।

परीक्षा में भाग लेने के इच्छुक अभ्यर्थी अपना प्रवेश पत्र सुबह 10 बजे से डाउनलोड कर सकते है। परीक्षा का आयोजन करने वाली आईआईटी कानपुर ने नोटिस जारी कर कहा है कि जेईई एडवांस्ड 2025 के लिए अभ्यर्थी 12 मई सुबह 10 बजे से अपना प्रवेश पत्र डाउनलोड कर सकते हैं।

प्रवेश पत्र डाउनलोड करने के लिए उम्मीदवारों को अपना मोबाइल नंबर, जन्मतिथि और जेईई एडवांस्ड रजिस्ट्रेशन नंबर दर्ज करना होगा।

परीक्षा में पर्स और हैंडबैग प्रतिबंधित

प्रवेश पत्र में दिए जाने वाले विवरण पर ध्यान दें तो इसमें अभ्यर्थी का पूरा नाम, रोल नंबर, जेईई मेन आवेदन संख्या, पासपोर्ट साइज फोटो, हस्ताक्षर, जन्मतिथि, पत्राचार पता, श्रेणी, और परीक्षा केंद्र का नाम व पता शामिल रहेगा। किसी भी प्रकार की त्रुटि होने पर एनटीए से संपर्क कर सकते हैं।

जेईई एडवांस्ड 2025 के दौरान उम्मीदवारों को कुछ वस्तुओं को साथ ले जाने की अनुमति है, जबकि कई चीजें सख्त रूप से प्रतिबंधित हैं। परीक्षा केंद्र में उम्मीदवार केवल प्रवेश पत्र, एक वैध फोटो पहचान पत्र (जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट, वोटर आईडी, स्कूल/कॉलेज आईडी या ड्राइविंग लाइसेंस) और पेंसिल ही साथ ले जा सकते हैं।

इसके अलावा, किसी भी अतिरिक्त वस्तु को अनुमति नहीं दी जाएगी। वहीं, स्मार्ट या डिजिटल घड़ियां, पेजर, मोबाइल फोन, लॉग टेबल, ब्लूटूथ डिवाइस, पाउच, कैलकुलेटर, पेन ड्राइव, पर्स और हैंडबैग जैसी वस्तुएं पूरी तरह से प्रतिबंधित हैं. इन वस्तुओं को परीक्षा केंद्र में लाना न सिर्फ नियमों के विरुद्ध है, बल्कि इससे आपकी परीक्षा में शामिल होने की अनुमति भी रद हो सकती है।

बिहार से शामिल होंगे 15,476 अभ्यर्थी

जेईई एडवांस्ड के लिए राज्य के 15,476 अभ्यर्थी शामिल होंगे। जेईई एडवांस्ड के लिए नौ जिलों में परीक्षा केंद्र बनाया गया है। इनमें आरा, औरंगाबाद, भागलपुर, दरभंगा, गया, मुजफ्फरपुर, पटना, पूर्णिया, रोहतास शामिल है।

परीक्षा 18 मई को दो शिफ्ट में आयोजित होगी। पहली शिफ्ट सुबह नौ से 12 बजे तक व दूसरी पाली दोपहर 2:30 बजे से 5:30 बजे तक चलेगी।

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रावलपिंडी से लेकर जैकोबाबाद तक भारत ने 90 मिनट में 11 एयरबेस किए तबाह, पूरी तरीके से टूटी पाक की कमर

Dainik Jagran - National - May 12, 2025 - 2:05am

आईएएनएस, नई दिल्ली। भारतीय सेना के संयुक्त प्रयास से आपरेशन सिंदूर ने सफलता के नए आयाम स्थापित किए हैं। महज 90 मिनट में पाकिस्तान की धरती पर स्थित 11 एयरबेस को तबाह कर दिया गया। यह सब एक सुनियोजित रणनीति का हिस्सा था, जिसने भारत की शक्ति को विश्व के समक्ष पेश किया।

भाजपा ने इस उपलब्धि को सराहा है। भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने इस हमले को लेकर इंटरनेट मीडिया पर जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि आपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना ने पाकिस्तान के प्रमुख एयरबेस पर 90 मिनट तक सटीक हमले किए, जिससे पाकिस्तान की हवाई क्षमता को भारी क्षति पहुंची। इन हमलों ने पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा और जवाबी कार्रवाई की क्षमता की कमर तोड़ दी।

इन पाकिस्तानी एयर बेस को बनाया गया निशाना

भारतीय सेना ने इस हमले में नूर खान/चकलाला एयरबेस (रावलपिंडी), पीएएफ बेस रफीकी (शोरकोट), मुरीद एयरबेस (पंजाब), सुक्कुर एयरबेस (सिंध), सियालकोट एयरबेस (पूर्वी पंजाब), पसरूर एयरस्टि्रप (पंजाब), चुनियन (रडार/सपोर्ट इंस्टालेशन), सरगोधा एयरबेस (मुशफ बेस), स्कार्दू एयरबेस (गिलगित-बाल्टिस्तान), भोलारी एयरबेस (कराची के पास) और जैकोबाबाद एयरबेस (सिंध-बलूचिस्तान) को बड़ा नुकसान पहुंचाया। नूर खान एयरबेस पर भारत के हमले से पाकिस्तानीह वायु सेना और इसकी ऑपरेशनल यूनिट्स के बीच महत्वपूर्ण संबंध टूट गए।

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'जब देश संकट में हो तो सुप्रीम कोर्ट तटस्थ नहीं रह सकता', जस्टिस गवई बोले- 'संविधान ही सर्वोच्च है'

Dainik Jagran - National - May 12, 2025 - 2:00am

आईएएनएस, नई दिल्ली। भारत के 52वें चीफ जस्टिस के रूप में बुधवार (14 मई) को शपथ लेने से पहले जस्टिस बी.आर. गवई ने पहलगाम में आतंकी हमले पर दुख व्यक्त किया और कहा कि जब पूरा देश शोक में हो तो सुप्रीम कोर्ट अछूता नहीं रह सकता। 'जब देश संकट में हो तो सुप्रीम कोर्ट तटस्थ नहीं रह सकता। आखिर हम भी इस देश के जिम्मेदार नागरिक हैं, हम भी इससे प्रभावित हैं।'

मैं देश का पहला बौद्ध चीफ जस्टिस बनूंगा- जस्टिस गवई

बिहार के पूर्व राज्यपाल आर.एस. गवई के पुत्र जस्टिस गवई ने मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में कहा, ''मेरे पिता ने बाबा साहब आंबेडकर के साथ बौद्ध धर्म अपनाया था। मैं देश का पहला बौद्ध चीफ जस्टिस बनूंगा।''

मैं सभी धर्मों में विश्वास करता हूं- जस्टिस गवई

उन्होंने कहा, मैं सभी धर्मों में विश्वास करता हूं। मैं मंदिर, दरगाह, जैन मंदिर, गुरुद्वारा - हर जगह जाता हूं।'' देश के पहले बौद्ध चीफ जस्टिस बनने की दहलीज पर खड़े होने पर उन्होंने गर्व महसूस किया। संवैधानिक पदाधिकारियों द्वारा न्यायपालिका के खिलाफ कथित कड़े शब्दों के इस्तेमाल के मुद्दे पर जस्टिस गवई ने कहा, ''लोग कुछ भी कहें, लेकिन संविधान सर्वोच्च है। केशवानंद भारती की अध्यक्षता वाली 13 जजों की पीठ के फैसले में यह बात कही गई है।''

भारत-पाकिस्तान संघर्ष और उसके बाद संघर्ष विराम पर बनी सहमति के बारे में उन्होंने कहा, ''युद्ध अच्छी बात नहीं है। हमारे सामने युद्ध के दो उदाहरण हैं, जो अभी भी जारी हैं। यूक्रेन में कितने दिनों से युद्ध चल रहा है और हमें इससे क्या मिला? मतलब, युद्ध से कुछ हासिल नहीं हुआ है।''

दो मिनट का मौन रखा जाएगा

22 अप्रैल के पहलगाम आतंकी हमले के बारे में उन्होंने कहा कि सुबह अखबारों से जब उन्हें घटना के बारे में पता चला तो उन्हें बहुत दुख हुआ। हमले के बाद सुप्रीम कोर्ट में हुए घटनाक्रम की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा, ''उस समय चीफ जस्टिस देश से बाहर थे। उनसे संपर्क किया गया। फिर हमने तय किया कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले में जान गंवाने वालों के लिए दो मिनट का मौन रखा जाएगा और ऐसा किया भी गया।''

आखिर हम भी इस देश के जिम्मेदार नागरिक हैं

उन्होंने कहा, ''आखिर हम भी इस देश के जिम्मेदार नागरिक हैं, हम भी इससे प्रभावित हैं। जब देश शोक में डूबा हो तो सुप्रीम कोर्ट इससे अछूता नहीं रह सकता। जब देश संकट में हो तो सुप्रीम कोर्ट तटस्थ नहीं रह सकता।''

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पाकिस्तान को चुकानी पड़ेगी आतंकवाद की कीमत, सिंधू जल संधि के निलंबन से पड़ोसी मुल्क को कड़ा संदेश

Dainik Jagran - National - May 12, 2025 - 2:00am

आईएएनएस, नई दिल्ली। पहलगाम में आतंकी हमले की पृष्ठभूमि में सिंधु जल संधि को निलंबित करने का उद्देश्य नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा पाकिस्तान को आतंकवाद की कीमत चुकाने का एक मजबूत राजनीतिक संदेश देना था।

एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने रविवार को इस आशय की जानकारी देते हुए बताया कि इस हमले का कड़ा और माकूल जवाब देने के लिए सरकार ने राजनीतिक पहलू के अलावा सैन्य और मनोवैज्ञानिक पहलुओं पर भी विचार किया और काम किया। 22 अप्रैल को हुए इस हमले में 26 पर्यटक मारे गए थे।

सिंधु जल संधि को निलंबित क्यों करना पड़ा?

भारत सरकार के रणनीतिकारों का मानना है कि जल संधि के निलंबन के माध्यम से भेजे गए सख्त संदेश का उद्देश्य पाकिस्तान के लिए आतंकवाद की कीमत को अभूतपूर्व तरीके से बढ़ाना है। नाम न बताने की शर्त पर एक अधिकारी ने कहा कि इस बात पर ध्यान देने की जरूरत है कि हमें सिंधु जल संधि को निलंबित क्यों करना पड़ा, जबकि यह संधि तीन युद्धों और चार दशकों से जारी सीमा पार आतंकवाद के बावजूद बची रही।

पाकिस्तान का आंतकवाद की कीमत चुकानी होगी

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान यह उम्मीद नहीं कर सकता कि उसके द्वारा चुने गए क्षेत्रों में सहयोग जारी रहेगा, और वह अपनी इच्छानुसार अन्यत्र सीमा पार आतंकवाद का अभियान जारी रखेगा। इसकी कीमत तो चुकानी ही पड़ेगी। मुझे लगता है कि यह बात अच्छी तरह से कही गई है कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते।

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