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Business News - May 19, 2025 - 6:30am
Categories: Business News

दो चरणों में होगा भारत-ईयू व्यापार समझौता, वार्ता का एक और दौर रहा सफल

Dainik Jagran - National - May 19, 2025 - 6:12am

पीटीआई, नई दिल्ली। भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) के बीच प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर वार्ता का एक और दौर पूरा हो गया है। एक अधिकारी ने बताया कि 16वें दौर की वार्ता में दोनों पक्षों के बीच दो चरणों में समझौता करने पर सहमति जताई है।

वैश्विक व्यापार के अनिश्चित माहौल, खासतौर पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ घोषणा से बने हालातों के चलते व्यापार समझौता दो चरणों में करने में सहमति बनी है।

अधिकारी ने बताया कि हालिया वार्ता में दोनों पक्षों ने वस्तुओं, सेवाओं और निवेश में बाजार पहुंच के प्रस्तावों पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

भारत ने भारत ने ऑस्ट्रेलिया के साथ भी व्यापार समझौतों पर दो चरणों में बातचीत की थी और अब अमेरिका के साथ भी इसी दृष्टिकोण से वार्ता की जा रही है।

यदि दोनों पक्षों के बीच व्यापार समझौता होता है तो भारत के रेडिमेड गारमेट्स, औषधियां, स्टील, पेट्रोलियम उत्पाद और इलेक्ट्रिकल मशीनरी जैसे सामान ईयू के बाजारों में अधिक प्रतिस्पर्धी हो सकते हैं।

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किसानों के लिए आज का दिन बेहद खास, CM नीतीश कई योजनाओं का करेंगे शुभारंभ; अब से ढेरों काम हो जाएंगे आसान

Dainik Jagran - May 19, 2025 - 6:00am

राज्य ब्यूरो, पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोमवार को कृषि भवन, मीठापुर में कृषि से संबंधित कई योजनाओं शुभारंभ करेंगे।

इस मौके पर कृषि विभाग में नवनियुक्त प्रखंड उद्यान पदाधिकारियों को नियुक्ति/नियोजन पत्र का वितरण किया जाएगा। नीतीश कुमार खरीफ महाभियान-2025 का शुभारंभ करेंगे। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता उप मुख्यमंत्री एवं कृषि मंत्री विजय सिन्हा करेंगे।

कार्यक्रम में कृषि अभियंत्रण महाविद्यालय, आरा (भोजपुर) का कार्यारंभ, अनुमंडल स्तर पर कृषि भवनों के निर्माण का शिलान्यास के साथ ही ‘बिहार कृषि’ मोबाइल एप का लोकार्पण किया जाएगा।

बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा कृषि विभाग में अनुशंसित 315 अभ्यर्थियों को प्रखंड उद्यान पदाधिकारी के पद के लिए नियुक्ति पत्र का वितरण किया जाएगा, जिसमें 150 अभ्यर्थी महिलाएं है।

कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा की व्यवस्था को और सुदृढ़ बनाने हेतु आरा (भोजपुर) में 144.72 करोड़ रुपये लागत से कृषि अभियंत्रण महाविद्यालय, आरा (भोजपुर) का कार्यारंभ भी मुख्यमंत्री करेंगे। साथ ही, 62 अनुमंडल स्तर पर कृषि भवनों के निर्माण का शिलान्यास किया जाएगा।

किसानों को कृषि विभाग की सभी योजनाओं की जानकारी उपलब्ध कराने के लिए बिहार कृषि मोबाईल एप की शुरुआत होगी।

किसानों की ऐसी मदद करेगा एप

यह एप किसानों को विभिन्न योजनाओं में आवेदन करने, उनकी स्थिति जानने, स्वीकृति और पुष्टि जैसी महत्वपूर्ण जानकारियों को सहजता से प्राप्त करने की सुविधा प्रदान करेगी।

इसके माध्यम से कृषि से जुड़ी सभी सेवाएं और सूचनाएं डिजिटल रूप से सुलभ हो जाएगी। एप की यह विशेषता है कि इसमें किसानों के लिए डिजिटल पासबुक की व्यवस्था की गई है, जो बैंक पासबुक की तरह कार्य करती है।

इसमें किसान को प्राप्त सभी लाभ, अनुदान, आवेदन की स्थिति, भुगतान की जानकारी आदि सुव्यवस्थित रूप से दर्ज रहेंगे।

इसके अतिरिक्त पौधा संरक्षण सलाह, फसलों के बाज़ार मूल्य, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, बिहार कृषि रेडियो, मौसम संबंधित जानकारी आदि महत्वपूर्ण सूचनाएं उपलब्ध रहेंगी।

कृषि सचिव संजय अग्रवाल ने बताया कि इस कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, जल संसाधन विभाग के मंत्री विजय चौधरी, स्वास्थ्य एवं विधि मंत्री मंगल पांडेय, भवन निर्माण मंत्री जयंत राज विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे।

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पहलगाम हमले से सीजफायर तक..., विदेश सचिव संसदीय समिति को पाक से संघर्ष की जानकारी देंगे

Dainik Jagran - National - May 19, 2025 - 5:45am

पीटीआई, नई दिल्ली। विदेश सचिव विक्रम मिसरी सोमवार को पहलगाम आतंकी हमले के बाद हुए भारत-पाकिस्तान सैन्य संघर्ष के बारे में संसदीय समिति को जानकारी देंगे। यह बैठक पहलगाम हमले का बदला लेने के लिए भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा ऑपरेशन सिंदूर चलाए जाने और उसके बाद दोनों देशों के बीच सैन्य कार्रवाइयों की पृष्ठभूमि में हो रही है।

मिसरी सोमवार और मंगलवार को कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अध्यक्षता वाली समिति को भारत और पाकिस्तान को लेकर विदेश नीति से जुड़े घटनाक्रम के बारे में जानकारी देंगे।

इन मुद्दों पर दी जाएगी जानकारी

भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी की अध्यक्षता वाली जल संसाधन संबंधी समिति को विभिन्न सरकारी विभागों के अधिकारियों द्वारा बाढ़, नदी तटों की सुरक्षा और मानसून के दौरान राहत उपायों सहित सीमा पार बहने वाली नदियों जैसे मुद्दों पर जानकारी दी जाएगी।

विदेश मंत्री जयशंकर करेंगे तीन देशों की यात्रा

वहीं, विदेश मंत्री एस जयशंकर सोमवार को नीदरलैंड, डेनमार्क और जर्मनी की छह दिवसीय यात्रा पर जाएंगे। इस दौरान आतंकवाद को पाकिस्तान के निरंतर समर्थन को उजागर किए जाने की उम्मीद है।

बता दें कि भारतीय और पाकिस्तानी सेना के बीच संघर्ष के बाद यह जयशंकर की पहली विदेश यात्रा होगी। यह यात्रा भारत की चल रही कूटनीतिक गतिविधियों का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य रणनीतिक संबंधों को गहरा करना और प्रमुख यूरोपीय साझेदारों के साथ सहयोग बढ़ाना है।

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मणिपुर में सुरक्षाबलों का बड़ा एक्शन, वसूली करने वाले 350 से अधिक उग्रवादी अब तक गिरफ्तार

Dainik Jagran - National - May 19, 2025 - 5:45am

पीटीआई, नई दिल्ली। मणिपुर में सुरक्षाबलों ने अब तक जबरन वसूली करने वाले 350 से अधिक उग्रवादियों को गिरफ्तार किया है। यह अभियान फरवरी के मध्य से चला था। ये वैवाहिक विवादों के समाधान तथा सरकारी टेंडर में हिस्सा मांगते थे।

प्रशासन द्वारा आम जनता को निर्देश जारी किया गया है कि वे किसी भी जबरन वसूली के प्रयास की सूचना पुलिस को दें। अधिकारियों के अनुसार, राष्ट्रपति शासन के बाद सुरक्षाबलों के दबाव का सामना कर रहे उग्रवादियों को फंडिंग नहीं हो रही है। इससे वे काफी परेशान हैं।

उग्रवादी सुलझाते हैं वैवाहिक विवाद

अधिकतर उग्रवादियों को इंफाल पूर्वी क्षेत्र से तथा इसके बाद इंफाल पश्चिमी क्षेत्र से पकड़ा गया है। अधिकारियों ने कहा कि वे व्यक्तिगत झगड़े, पारिवारिक झगड़े और यहां तक कि वैवाहिक विवाद भी सुलझाते हैं। हाल ही में मणिपुर पुलिस ने इंफाल पूर्वी से टाइगर नामक एक व्यक्ति को उस समय हिरासत में लिया, जब वह एक वैवाहिक विवाद को सुलझाने के काम में लगा था।

पुलिस ने बरामद किए लाखों रुपये और मोबाइल

बाद में उसकी पहचान प्रतिबंधित यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (यूएनएलएफ) से जुड़े लैशराम रमेश सिंह के रूप में हुई। उसने धमकियां देकर इंफाल और इसके आसपास के इलाकों में स्थित सरकारी अधिकारियों से जबरन वसूली की गतिविधियों में शामिल होने की बात कुबूल की है। उसके पास से दो मोबाइल और 21,50,000 रुपये की जबरन वसूली की रकम बरामद की गई।

अधिकारियों ने बताया कि राज्य में जबरन वसूली मुख्य रूप से प्रतिबंधित यूएनएलएफ, पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए), कांगलेई यावोल कानबा लुप (केवाईकेएल) और पीपुल्स रिवाल्यूशनरी पार्टी आफ कांगलेईपाक (पीआरईपीएके) के लोगों द्वारा की जा रही है। वर्तमान में यूएनएलएफ के सदस्यों की संख्या 530 है। इसके बाद पीएलए के 450 तथा केवाईकेएल के 25 सदस्य हैं। यूएनएलएफ अतीत में बड़े पैमाने पर जबरन वसूली में शामिल रहा है।

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'विवाहित बेटी 'आश्रित मुआवजे' की पात्र नहीं, जब तक...', सुप्रीम कोर्ट ने कहा- देखभाल करना उनका दायित्व

Dainik Jagran - National - May 19, 2025 - 4:42am

माला दीक्षित, जागरण, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मोटर वाहन अधिनियम में आश्रित मुआवजा पाने के अधिकार पर अपने एक अहम फैसले में कहा है कि विवाहित पुत्री मोटर वेहिकल एक्ट के तहत आश्रित मुआवजा पाने की पात्र नहीं है, जब तक कि वह यह साबित न कर दे कि वह मरने वाले पर आर्थिक रूप से निर्भर थी।

हालांकि, कोर्ट ने माना है कि विवाहित बेटी को कानूनी प्रतिनिधि के रूप में विचार किया जा सकता है। इसके साथ ही, कोर्ट ने दुर्घटना में मां की मौत होने पर विवाहित बेटी का मुआवजा घटाकर 50000 रुपये करने और उसे आश्रित न मानने के हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने बूढ़ी मां का मुआवजा दावा खारिज करने का हाई कोर्ट का आदेश रद कर दिया है और मां को मुआवजा देने का आदेश दिया है।

माता-पिता की देखभाल को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने माता-पिता की देखभाल के बारे में कहा है कि बूढ़े माता-पिता की देखभाल बच्चों के लिए वैसा ही कर्तव्य है जैसे नाबालिगों की देखभाल करना माता-पिता का दायित्व होता है। सुप्रीम कोर्ट ने बूढ़ी मां के मुआवजे के दावे को न सिर्फ स्वीकार किया, बल्कि मुआवजे की कुल रकम भी 15,97,000 बढ़ा कर 19,22,356 रुपये कर दी। इस मामले में 55 वर्षीय महिला पारस शर्मा की 26 जनवरी, 2008 को सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। उसकी विवाहित बेटी और साथ रह रही बूढ़ी मां दोनों ने मुआवजा दावा दाखिल किया था।

सुप्रीम कोर्ट में यह फैसला न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन की पीठ ने गत 13 मई को सुनाया। इस मामले में विवाहित बेटी और बूढ़ी मां ने राजस्थान हाई कोर्ट के 14 मई, 2018 के आदेश को चुनौती दी थी।

हाई कोर्ट ने विवाहित बेटी का मुआवजा घटा दिया था, जबकि बूढ़ी मां का मुआवजा दावा खारिज कर दिया था। हाई कोर्ट से पहले मोटर दुर्घटना ट्रिब्युनल ने दोनों के मुआवजा दावे स्वीकार करते हुए कुल 15,97,000 रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया था। ट्रिब्युनल ने माना था कि दोनों मृतक महिला के कानूनी वारिस हैं और कुछ हद तक उस पर आश्रित थे। ट्रिब्युनल ने 50 फीसद डिपेंन्डेंसी मानी थी। सुप्रीम कोर्ट के सामने विचार के लिए कानूनी सवाल था कि क्या याचिकाकर्ता (दोनों) ट्रिब्यूनल द्वारा आश्रित मान कर दिए गए मुआवजे के पात्र हैं क्योंकि दोनों का दावा था कि वे मृतक पर आश्रित थे।

ससुराल और मायके की संपत्ति में बेटी का अधिकार कहां?

इस मामले में दुर्घटना में जान गंवाने वाली पारस शर्मा की शादी हुई थी लेकिन बेटी (पहली दावाकर्ता) के जन्म के बाद ही उसके पति ने उसे छोड़ दिया था। उसके बाद उसकी मां (दूसरी दावाकर्ता) उसके साथ आकर रहने लगी। सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा कि जब एक बार बेटी की शादी हो जाती है तो सामान्य अनुमान यही होता है कि उसका अब अपने ससुराल पर अधिकार है और वह अब आर्थिक रूप से अपने पति पर आश्रित है या पति के परिवार पर निर्भर है, जबतक कि वह इससे इतर साबित न कर दे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ज्यादातर यही समझा जाता है कि उसकी मायके पर या मां पर निर्भरता समाप्त हो गई है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 166 और 168 में मृतक और दावाकर्ता के आर्थिक रिश्ते पर फोकस किया गया है। कोर्ट ने कहा कि विवाहित बेटी को मंजूरी बेरा फैसले (पूर्व फैसले) के मुताबिक कानूनी प्रतिनिधि माना जा सकता है, लेकिन वह आश्रित मुआवजा की पात्र नहीं होगी जबतक कि वह ये साबित न कर दे कि वह मरने वाले पर आर्थिक रूप से निर्भर थी। पीठ ने कहा कि रिकार्ड देखने से ये स्पष्ट है कि बेटी यह साबित करने में नाकाम रही कि वह शादी के बाद मां से आर्थिक सहारा पाती थी। इसलिए, उसे मां पर आश्रित नहीं कहा जा सकता।

धारा 140 के तहत मुआवजा

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसे में हाई कोर्ट का मंजूरी बेरा फैसले के आधार पर बेटी को मृतक का कानूनी प्रतिनिधि मानते हुए सिर्फ धारा 140 के तहत मुआवजा देना ठीक है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आश्रित न होने पर भी इस धारा में उसका हक समाप्त नहीं होता। लेकिन मां का दावा खारिज करने के हाई कोर्ट के फैसले को गलत बताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब पारस शर्मा की मृत्यु हुई, उस समय उसकी मां 70 वर्ष थी और वह पूरी तरह बेटी पर निर्भर थी और उसके साथ रहती थी, उसकी कोई अलग से आय नहीं थी। इस बात का विरोध करने वाला कोई साक्ष्य रिकॉर्ड पर नहीं है।

कोर्ट ने कहा कि बुढ़ापे में माता-पिता की देखभाल करना बच्चे का वैसा ही कर्तव्य है जैसे कि नाबालिग होने पर बच्चे की देखभाल करना माता-पिता का दायित्व होता है।

कोर्ट ने कहा कि मां आश्रित है और बेटी की असमय मौत से उसके सामने कठिनाई हो सकती है। मां का दावा विवाहित बेटी के दावे से भिन्न है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मुआवजे की फिर से गणना करते हुए मुआवजा राशि बढ़ा कर 19,22,356 रुपये कर दी और मां को 19,22,356 रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया है।

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