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'सिर्फ कोटा में ही इतनी सुसाइड क्यों?', सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता; राजस्थान सरकार को लगाई फटकार

Dainik Jagran - National - 52 min 20 sec ago

पीटीआई, नई दिल्ली। आए दिन राजस्थान के कोटा से स्टूडेंट्स द्वारा आत्महत्या की खबर सामने आती रहती है। इसी मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अब राज्य सरकार को फटकार लगाई है और स्थिति को गंभीर बताया है।

राज्य सरकार को लगाई फटकार

न्यायमूर्ति जेपी पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर महादेवन की पीठ ने कहा कि इस साल अब तक शहर से 14 आत्महत्या के मामले सामने आ चुके हैं। न्यायमूर्ति पारदीवाला ने राज्य सरकार की ओर से पेश वकील से पूछा कि एक राज्य के रूप में आप क्या कर रहे हैं?

राज्य सरकार के वकील ने क्या जवाब दिया?

न्यायाधीश ने कहा, ये बच्चे आत्महत्या क्यों कर रहे हैं और केवल कोटा में ही क्यों? क्या आपने एक राज्य के रूप में इस पर विचार नहीं किया? हालांकि, वकील ने जवाब देते हुए कहा कि आत्महत्या के मामलों की जांच के लिए राज्य में एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया था।

बता दें, सुप्रीम कोर्ट IIT खड़गपुर में पढ़ने वाले छात्र की मौत के मामले में सुनवाई कर रहा था। 4 मई को छात्र अपने छात्रावास के कमरे में फांसी के फंदे से लटका पाया गया था। एक अन्य मामले की भी सुनवाई हुई, जिसमें एक लड़की NEET की परीक्षा देने वाली थी और वह कोटा में अपने कमरे में लटकी मिली थी। लड़की अपने माता-पिता के साथ रहती थी।

FIR दर्ज होने में हुई देरी पर SC ने उठाए सवाल

सर्वोच्च न्यायालय की पीठ को पता चला कि आईआईटी खड़गपुर के छात्र के मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई थी, लेकिन 8 मई को दर्ज की गई एफआईआर में चार दिन की देरी पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल भी उठाया। पीठ ने कहा, "इन बातों को हल्के में न लें। यह बहुत गंभीर बातें हैं।"

पीठ ने सुप्रीम कोर्ट के 24 मार्च के उस फैसले का हवाला दिया, जिसमें उच्च शिक्षण संस्थानों में छात्रों की आत्महत्या के लगातार मामलों पर ध्यान दिया गया था और छात्रों की मानसिक स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को दूर करने और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए एक राष्ट्रीय टास्क फोर्स का गठन किया गया था।

पीठ ने कहा कि ऐसे मामलों में तुरंत एफआईआर दर्ज करना जरूरी है। पीठ ने अदालत में मौजूद संबंधित पुलिस अधिकारी से पूछा, "आपको FIR दर्ज करने में चार दिन क्यों लगे?" हालांकि, पुलिस अधिकारी ने कहा कि FIR दर्ज कर जांच की जा रही है।

पीठ ने क्या-क्या निर्देश दिए?
  • आईआईटी खड़गपुर के अधिकारियों ने आत्महत्या के बारे में पता चलने के बाद पुलिस को इस बारे में सूचित किया।
  • पीठ आईआईटी खड़गपुर के वकील और पुलिस अधिकारी के स्पष्टीकरण से संतुष्ट नहीं थी।
  • पीठ ने कहा, "हम इस मामले पर बहुत सख्त रुख अपना सकते थे। हम संबंधित क्षेत्राधिकार वाले पुलिस थाने के प्रभारी पुलिस अधिकारी के खिलाफ अवमानना ​​का मुकदमा भी चला सकते थे।"
  • पीठ ने एफआईआर दर्ज होने और जांच की प्रगति के बारे में कुछ भी कहने से परहेज किया।
  • पीठ ने कहा कि जांच सही दिशा में तेजी से की जानी चाहिए।
  • कोटा आत्महत्या मामले में पीठ ने एफआईआर दर्ज न किए जाने को गलत बताया।

Ban On Fantasy Apps: 'बॉलीवुड सेलिब्रिटिज-क्रिकेटर्स देते हैं बढ़ावा', सट्टेबाजी ऐप्स पर नकेल की तैयारी; SC से बैन करने की मांग

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Ban On Fantasy Apps: 'बॉलीवुड सेलिब्रिटिज-क्रिकेटर्स देते हैं बढ़ावा', सट्टेबाजी ऐप्स पर नकेल की तैयारी; SC से बैन करने की मांग

Dainik Jagran - National - 1 hour 41 min ago

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश में बढ़ते अवैध सट्टेबाजी ऐप्स पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की मांग कर एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई है, जिसपर विचार करने पर सहमति जताई गई। याचिका दायर कर ऑनलाइन गेमिंग ऐप्स और फैंटेसी स्पोर्ट्स ऐप्स पर सख्त नियम और कानून बनाने की भी मांग की गई है।

SC ने केंद्र को भेजा नोटिस

इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश सूर्यकांत औक न्यायमूर्ति एनके सिंह की पीठ ने केंद्र को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। हालांकि, अभी राज्य सरकारों को नोटिस जारी नहीं किया गया है।

ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने की मांग करने वाले याचिकाकर्ता ने खुद को 'एक प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता, मानवतावादी और ग्लोबल पीस इनिशिएटिव का अध्यक्ष, जो विश्व स्तर पर शांति और न्याय को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है' बताया है।

क्यों दायर की याचिका?

याचिकाकर्ता ने कहा कि यह जनहित याचिका (PIL) दायर कर लाखों लोगों के हित में और अवैध सट्टेबाजी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है। बता दें, इसी साल मार्च में तेलंगाना में 25 बॉलीवुड सेलिब्रिटिज, क्रिकेटरों और फेमस लोगों के खिलाफ सट्टेबाजी ऐप्स को बढ़ावा देने का मामला दर्ज हुआ था।

याचिकाकर्ता ने इस मामले को भी हवाला अपनी याचिका में दिया है। इसके अलावा, तेलंगाना में 24 लोगों द्वारा आत्महत्या करने से संबंधित एक समाचार लेख का भी हवाला दिया गया है।

इसमें कहा गया है कि यह याचिका भारतीय युवाओं और कमजोर नागरिकों को अनियमित ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुए के खतरों से बचाने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में दायर की गई थी।

'किस्मत का खेल है फैंटेसी ऐप्स'

याचिकाकर्ता ने कहा कि यह याचिका फैंटेसी स्पोर्ट्स और कौशल-आधारित गेमिंग की आड़ में संचालित खतरनाक ऑनलाइन सट्टेबाजी बिजनेस से भारत के युवाओं की सुरक्षा के लिए दायर की गई थी।

याचिका में कहा गया है, "ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह की सट्टेबाजी स्वाभाविक रूप से भाग्य का खेल है, कौशल का नहीं। इसलिए यह जुए की श्रेणी में आता है, जो सार्वजनिक दुआ अधिनियम 1867 के तहत कई राज्यों में प्रतिबंधित है।"

'हाईवे से अतिक्रमण हटाओ', सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को दिया निर्देश; तीन महीने में मांगी रिपोर्ट

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कर्नाटक में दुष्कर्म के 7 आरोपियों ने जमानत मिलते ही मनाया जश्न, निकाली विक्ट्री परेड; हावेरी में फैला आक्रोश

Dainik Jagran - National - 1 hour 42 min ago

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कर्नाटक के हावेरी जिले से हैरान करने वाला मामला सामने आया है। ये मामला 16 महीने पुराना यानी जनवरी 2024 का है, जब 7 लोगों ने मिलकर महिला के साथ गैंग रेप किया था। लोग महिला को घसीटकर पास के जंगल में ले गए थे और उसके साथ रेप किया। अब इन 7 लोगों को जमानत मिल गई है।

इसके बाद आरोपियों ने विजय जुलूस निकाला है। बाइक,कार,संगीत और जोरदार जश्न के नारे के साथ एक विजयी सार्वजनिक जुलूस निकाला गया।

हावेरी के अक्की अलूर शहर में हुई परेड

यह परेड हावेरी के अक्की अलूर शहर में हुई, जहां मोटरबाइक और कारों का एक काफिला स्थानीय सड़कों से रिहा किए गए व्यक्तियों के साथ दिखाई दिया था। वीडियो में आरोपी मुस्कुराते हुए और विजय चिन्ह दिखाते हुए दिखाई दे रहे हैं, जिससे आक्रोश फैल गया है। वहीं सोशल मीडिया पर विजय जुलुस का वीडियो वायरल होने के बाद लोग उनकी रिहाई पर तरह-तरह के सवाल खड़े रहे हैं।

जमानत के बाद लोगों में गुस्सा

लोगों ने बाइक, कार, संगीत और जोरदार जश्न के नारे के साथ एक विजयी सार्वजनिक जुलूस निकाला गया।इसके बाद आरोपियों ने विजय जुलूस निकाला है। आरोपियों के विजय जुलूस निकालने की घटना से पूरे हावेरी जिले में आक्रोश है। 

 कई महीनों तक हिरासत में रखा गया 

हावेरी सेशन कोर्ट ने सात मुख्य आरोपियों को जमानत दी है। इनके नाम हैं, आफताब चंदनकट्टी, मदार साब मंडक्की, समीवुल्ला लालनवर, मोहम्मद सादिक आगासिमानी, शोएब मुल्ला, तौसीप चोटी और रियाज सावीकेरी। 26 साल की महिला के साथ सामूहिक बलात्कार के सिलसिले में गिरफ्तारी के बाद से सभी को कई महीनों तक न्यायिक हिरासत में रखा गया था।

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'आतंकियों पर हमले को खुद पर अटैक मानता है पाकिस्तान', अमित शाह ने पाकिस्तान को एक बार फिर किया बेनकाब

Dainik Jagran - National - 2 hours 14 min ago

एएनआई, नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में 22वें सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) अलंकरण समारोह (22nd Border Security Force BSF Investiture Ceremony) और रुस्तमजी मेमोरियल लेक्चर (Rustamji Memorial Lecture) को संबोधित करते हुए ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भारत ने केवल पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया।

केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा, "ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) तब हुआ जब हमारे प्रधानमंत्री की दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति, हमारी खुफिया एजेंसियों की सटीक जानकारी और सेना की मारक क्षमता का अद्भुत प्रदर्शन एक साथ आए। जब ​​ये तीनों एक साथ आए तो ऑपरेशन सिंदूर मुमकिन हुआ"

हमारा देश कई दशकों से पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद (Pakistan Sponsored Terrorism) का सामना कर रहा है। पाकिस्तान ने कई बड़ी घटनाओं को वर्षों से अंजाम दिया है, लेकिन उसे उचित जवाब नहीं दिया गया...2014 में नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने, भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार बनी और पहला बड़ा हमला उरी में हमारे सैनिकों पर हुआ, उन्हें जिंदा जलाने का दुस्साहस किया गया और हमने उरी के तुरंत बाद सर्जिकल स्ट्राइक करके पहली बार आतंकवादियों के ठिकानों में घुसकर उन्हें करारा जवाब देने का काम किया।

अमित शाह, केंद्रीय गृह मंत्री

'भारतीय सेना की जाबांजी की तारीफ कर रही दुनिया'

अमित शाह बोले, "पहलगाम में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों ने बेकसूर लोगों को उनके परिवारों के सामने उनका धर्म पूछकर मार दिया गया। ऑपरेशन सिंदूर उस हमले का जवाब है और आज दुनिया ने भारतीय सशस्त्र बलों की वीरता की भूरी-भूरी प्रशंसा की है।"

पहलगाम आतंकी हमले के बाद 8 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया गया था और ऑपरेशन के कुछ ही मिनटों के भीतर हमने नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया, जिनमें से दो मुख्यालय थे। हमने पाकिस्तानी सेना के ठिकानों, एयरबेसों को नष्ट नहीं किया। हमने केवल उन लोगों को दंडित किया जिन्होंने भारतीय धरती पर पाप किए थे।

अमित शाह, केंद्रीय गृह मंत्री

आतंकियों पर हमले को खुद पर हमला मानता पाकिस्तान: अमित शाह

केंद्रीय मंत्री ने कहा, "हमें लगता था कि हमने आतंकियों पर हमला किया है, लेकिन पाकिस्तान ने साबित कर दिया कि वह आतंकवाद को प्रायोजित करता है... पाकिस्तान, आतंकियों पर हमले को खुद पर हमला मानता है। जब पाकिस्तानी सेना ने हमारे नागरिक ठिकानों और हमारे सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला करने की कोशिश की, तो भारतीय सेना ने कड़ा जवाब दिया। उनके एयरबेस पर हमला करके अपनी मारक क्षमता का परिचय दिया।"

उन्होंने कहा, "आज पाकिस्तान की पोल खुल गई है कि भारत में आतंकवाद पाकिस्तान प्रायोजित है...जब हमने पाकिस्तान में आतंकवादी स्थलों पर हमला किया तो पाकिस्तानी सेना ने जवाबी कार्रवाई की...पाकिस्तानी सेना के अधिकारी आतंकवादियों के अंतिम संस्कार में शामिल हुए।"

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Corona Cases in India: फिर डराने लगा कोरोना, गुजरात-महाराष्ट्र समेत इन राज्यों में सामने आए नए केस; पढ़ें अपडेट

Dainik Jagran - National - 2 hours 40 min ago

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Covid 19:  भारत में कोरोना के मामले में एक बार फिर से बढ़ोतरी देखी जा रही है। तमिलनाडु, महाराष्ट्र, कर्नाटक, ओडिशा के बाद अब गुजरात में कोरोना के 15 और नए मामले सामने आए हैं। ये मामले गुजरात के अहमदाबाद से सामने आए हैं।

गुजरात में कोरोना के मरीजों में कोरोना का जेएन.1 वैरिएंट मिला है।15 मरीजों का इलाज किया जा रहा है। बताया जा रहा है ये वैरिएंट ओमिक्रॉन के प्रकार का ही है। ओमिक्रॉन वैरिएंट पहली बार अगस्त 2023 में सामने आया था।

लोगों का किया जा रहा इलाज

वहीं स्वास्थ्य अधिकारी ने लोगों को आश्वस्त किया है कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि सभी मरीज अस्पताल में भर्ती हुए बिना घर पर ही ठीक हो रहे हैं।

'चिंता की जरूरत नहीं'

गुजरात की अतिरिक्त निदेशक (सार्वजनिक स्वास्थ्य) डॉ. नीलम पटेल का भी इस मामले में बयान सामने आया है। उन्होंने कहा, ये मामले इस समय गुजरात या भारत के लिए बहुत चिंता का विषय नहीं हैं।

ओडिशा में कितने मामले?

ओडिशा की अगर बात करें तो कोविड-19 का एक नया मामला सामने आया है। फिलहाल मरीज की हालत स्थिर है।

केरल में कोरोना के 182 मामले

केरल में कोरोना के 182 मामले सामने आए हैं। स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने इसकी जानकारी दी है। वहीं महाराष्ट्र में कोरोना के 26 नए मामलों की पुष्टि हुई, इन्हें मिलाकर अब तक कुल 132 मामले हो गए हैं।

दिल्ली में कोरोना के 5 नए मामले, वहीं गुरुग्राम में मिले दो मरीज। हरियाणा के 4 नए केस आए हैं।

देश में कुल कितने मामले?

चीन, थाईलैंड सिंगापुर और हॉन्गकॉन्ग जैसे एशियाई देशों में कोविड मामलों में तेजी देखी जा रही है, जहां हाल ही में हॉन्गकॉन्ग में 30 से अधिक मौतें दर्ज की गईं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, देश में फिलहाल 257 सक्रिय कोविड मामले हैं।

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'कांग्रेस पर FIR हो', निशिकांत दुबे ने 1991 में पाक से हुए समझौते पर राहुल गांधी को घेरा; सुप्रिया श्रीनेत ने किया पलटवार

Dainik Jagran - National - 4 hours 30 min ago

एएनआई, नई दिल्ली। पिछले दिनों कांग्रेस सांसद और विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने विदेश मंत्री एस जयशंकर पर आरोप लगाया था कि जयशंकर ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकी ठिकानों पर हमलों के बारे में पाकिस्तान को पहले ही अगाह कर दिया था। राहुल के इन आरोपों पर अब भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने जमकर निशाना साधा है।

राहुल गांधी @RahulGandhi जी यह आपकी बनाई हुई सरकार के समय का समझौता है ।1991 में आपकी पार्टी समर्थित सरकार ने यह समझौता किया कि किसी भी आक्रमण या सेना के मूवमेंट की जानकारी का आदान प्रदान भारत व पाकिस्तान एक दूसरे से करेगा।क्या यह समझौता देशद्रोह है? कांग्रेस का हाथ पाकिस्तानी… pic.twitter.com/Me8XFHm0da

— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) May 23, 2025

निशिकांत दुबे ने साल 1991 में कांग्रेस सरकार के दौरान हुए एक समझौते की याद दिलाई है, जिसमें किसी भी आक्रमण या सेना के मूवमेंट की जानकारी एक-दूसरे से शेयर करना जरूरी बताया गया था।

#WATCH | Delhi | Congress leader Supriya Shrinate says, "... First of all, Nishikant Dubey repeatedly displays his stupidity. Former PM Rajiv Gandhi withdrew support from the Chandrashekhar government on 6 March 1991. First of all, this is probably an agreement signed in April… https://t.co/LSvoHEDfvs pic.twitter.com/3hxUQPpOsL

— ANI (@ANI) May 23, 2025

राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए निशिकांत दुबे ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, "राहुल गांधी यह आपकी बनाई हुई सरकार के समय का समझौता है। 1991 में आपकी पार्टी समर्थित सरकार ने यह समझौता किया था कि किसी भी आक्रमण या सेना के मूवमेंट की जानकारी का आदान-प्रदान भारत-पाक एक-दूसरे से करेगा। क्या यह समझौता देशद्रोह है?"

निशिकांत दुबे का पोस्ट

उन्होंने लिखा, "कांग्रेस का हाथ पाकिस्तानी वोट बैंक के साथ, विदेश मंत्री एस जयशंकर पर आपत्तिजनक टिप्पणी आपको शोभा देती है? सवाल हमारी सरकार या आपकी (कांग्रेस) की सरकार का नहीं है, सवाल यह है कि 1947 से पाकिस्तान को आतंकवादी राष्ट्र मानते हैं।"

अपने पोस्ट में भाजपा सांसद ने लिखा, "78 सालों से कश्मीर के मुद्दे पर हमारी उनके साथ लड़ाई चल रही है। हमारे कश्मीर के हिस्से को पाकिस्तान अपने कब्जे में रखा है। उसके बावजूद आप छूट देते रहे, चाहे 1950 का नाहरू लियाकत समझौता हो, 1960 का सिंधु जल समझौता या फिर 1975 का शिमला समझौता।"

निशिकांत दुबे का कांग्रेस पर निशाना

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि हम संसद में भी रक्षा की रणनीति पर चर्चा नहीं करते हैं। उन्होंने कांग्रेस को साल 1991 और 1994 के समझौते की याद दिलाई और निशाना साधा है।

उन्होंने कहा, "1991 में जब आप (कांग्रेस) चंद्रशेखर के नेतृ्त्व वाली सरकार को समर्थन दे रहे थे और 1994 में जब पीवी नरसिम्हा राव की सरकार थी, तब इसे लागू किया गया और आपने लिखा कि सेना, नौसेना कहां तैनात होगी और वायु सेना कैसे काम करेगी।"

भाजपा सांसद ने कहा, क्या यह देशद्रोह नहीं है? कांग्रेस ने क्या वोटबैंक की राजनीति के लिए धोखा नहीं किया? मुझे लगता है कि भारत सरकार को इसके खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलाना चाहिए। देश के बाहर के तत्वों से लड़ाई जारी है, लेकिन अब देश के भीतर के तत्वों पर भी कार्रवाई करने का समय आ गया है।

कांग्रेस ने किया पलटवार

कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने निशिकांत दुबे के आरोपों पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि निशिकांत दुबे बार-बार अपनी मुर्खता का परिचय देते हैं। उन्होंने कहा, "पूर्व पीएम राजीव गांधी ने 6 मार्च 1991 को चंद्रशेखर सरकार से समर्थन वापस ले लिया था और यह समझौता संभवत: अप्रैल 1991 में हुआ था।"

सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, "यह समझौता शांतिकाल के लिए है और यह सुनिश्चित करने के बारे में है कि शांतिकाल में दोनों देशों की सेनाओं के बीच कोई गलतफहमी न हो। तो सबसे पहले भाजपा और निशिकांत दुबे यह स्वीकार कर रहे हैं कि विदेश मंत्री जयशंकर ने सूचना दी और राहुल गांधी जो कह रहे थे, वह सच था।"

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'हाईवे से अतिक्रमण हटाओ', सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को दिया निर्देश; तीन महीने में मांगी रिपोर्ट

Dainik Jagran - National - 4 hours 33 min ago

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को निर्देश दिया कि वह राष्ट्रीय राजमार्गों की जमीनों पर हो रहे अवैध कब्जों को रोकने के लिए अहम कदम उठाएं। इससे अनधिकृत अतिक्रमणों की जांच की जा सकती है और उनसे संबंधों आंकड़े इकट्ठा किए जा सकें। कोर्ट ने अतिक्रमण हटाने और टीमें गठित करने का निर्देश दिया है।

कोर्ट ने राज्यों की पुलिस या अन्य बलों की निगरानी में टीम बनाने और नियमित पेट्रोलिंग कराने को कहा है।न्यायमूर्ति अभय एस. ओका की अध्यक्षता वाली पीठ ने राजमार्गों की जमीन पर अवैध कब्जे के संबंध में केंद्र को कई निर्देश जारी किए।

कोर्ट ने प्रशासन को राष्ट्रीय राजमार्गों (भूमि एवं यातायात) अधिनियम, 2002 और राजमार्ग प्रशासन नियम, 2004 के तहत राष्ट्रीय राजमार्गों की निगरानी करने और राजमार्ग जमीन पर अनधिकृत कब्जे के बारे में डेटा इकट्ठा करने के लिए निरीक्षण दल गठित करने का आदेश दिया। साथ ही कोर्ट ने इसके लिए एक एसओपी तैयार करें।

कोर्ट ने क्या-क्या कहा?

इसके अलावा, कोर्ट ने भारतीय संघ को नियमित और समय पर राजमार्ग गश्त सुनिश्चित करने के लिए राज्य पुलिस या अन्य बलों से मिलकर निगरानी दल स्थापित करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने निर्देश दिया कि आदेश की तारीख से तीन महीने के अंदर दोनों निर्देशों के अनुपालन की रिपोर्ट दी जाए।

पीठ ने अपने फैसले में आगे कहा,'निगरानी दलों का कर्तव्य नियमित समय पर फैसला लेना होगा। इस अनुपालन की रिपोर्ट आज से तीन महीने के अंदर देनी होगी।

इस याचिका पर विचार कर रहा था कोर्ट

कोर्ट एक जनहित याचिका पर विचार कर रहा था, जिसमें राजमार्ग भूमि पर अवैध अतिक्रमण के मुद्दे को उठाया गया था, जिसे हटाना राजमार्गों पर यातायात की सुरक्षा के लिए जरूरी है।

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Gold price prediction: Yellow metal at 2-week high amid bond trouble. Breakout coming?

Business News - 5 hours 13 min ago
After witnessing some profit booking due to volatility in global bond markets and a rally in Bitcoin prices, Gold June futures contracts at MCX opened flat with a positive bias at Rs 95,600/10 grams, at their 2-week high. The prices were higher by 0.07% or Rs 64.Additionally, silver July futures contracts also echoed a similar sentiment, opening slightly higher by Rs 255 or 0.26% at Rs 98,051/kg.On Thursday, gold and silver settled on a weaker note in the domestic and international markets. Gold June futures contract settled at Rs 95,536 per 10 grams with a loss of 0.07%, and silver July futures contract settled at Rs 97,796 per kilogram with a loss of 0.46%.Gold and silver showed very high volatility and gained in the early trading session but were unable to hold their gains amid profit taking from higher levels on Thursday, as volatility in the global bond markets and solid gains in Bitcoin gave reason to investors for profit booking in precious metals.The U.S. 20-year bond auction on Wednesday received lack luster response from investors, and after that, the U.S. 30-year bond yields surpassed 5.0% levels for the first time since October 2023. The Japanese 30-year bond yields also surged to record 3.18% levels on Thursday and increasing uncertainty in the global financial markets.“Weakness in the global equity and geopolitical tensions could continue to support safe-haven buying for precious metals,” said Manoj Kumar Jain of Prithvifinmart Commodity Research.“We expect gold and silver prices to remain volatile in today’s session amid volatility in the dollar index, volatility in the global bond markets and middle-east tensions; gold prices could hold its support level of $3,240 per troy ounce and silver prices could also hold $32.40 per troy ounce levels on a closing basis,” he added.Today, the US Dollar Index, DXY, was hovering near the 99.65 mark, falling 0.32 or 0.32%.How to trade gold?Manoj Kumar Jain suggested the following ranges for gold and silver on MCX:Gold has support at Rs 95,050-94600 and resistance at Rs 96,000-96,650 Silver has support at Rs 97,000-96,300 and resistance at Rs 98,500-99,300Jain suggests a buy-on-dips strategy for gold and silver amid higher volatility in the global financial markets.Gold’s trading range for today is Rs 94,600-96,650, and for silver at Rs 96,300-99,300.Gold rates in physical marketsGold Price today in DelhiStandard gold (22 carat) prices in Delhi stand at Rs 57,120/8 grams while pure gold (24 carat) prices stand at Rs 60,936/8 grams.Gold Price today in MumbaiStandard gold (22 carat) prices in Mumbai stand at Rs 56,960/8 grams while pure gold (24 carat) prices stand at Rs 60,696/8 grams.Gold Price today in ChennaiStandard gold (22 carat) prices in Chennai stand at Rs 56,736/8 grams while pure gold (24 carat) prices stand at Rs 60,528/8 grams.Gold Price today in HyderabadStandard gold (22 carat) prices in Hyderabad stand at Rs 56,744/8 grams while pure gold (24 carat) prices stand at Rs 60,496/8 grams.(Disclaimer: Recommendations, suggestions, views and opinions given by the experts are their own. These do not represent the views of The Economic Times)
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HFCL shares rise 3% after Q4 results; expects 25–30% revenue growth in FY26

Business News - 5 hours 16 min ago
HFCL shares rose 3% to Rs 87 in intraday trade on Friday on the BSE after the telecom and defence equipment maker reported its Q4FY25 earnings. The company posted a net loss of Rs 81.4 crore, compared to a profit of Rs 110 crore in the same quarter last year, mainly due to weak demand for optical fibre cables (OFC).Revenue for the quarter declined 39.6% year-on-year to Rs 800.7 crore, from Rs 1,326 crore a year ago. EBITDA turned negative at Rs 36 crore, against a positive EBITDA of Rs 195.5 crore in the year-ago period.The board has approved a 10% dividend of Rs 0.10 per equity share for FY25, subject to shareholder approval at the upcoming annual general meeting.Despite financial challenges, HFCL Managing Director, Mahendra Nahata remained optimistic, "FY25 was a year of both strategic advancement and transitional challenges. While our financial performance was impacted by the downturn in optical fibre cable demand, margin pressure from newly-launched telecom products, and slower customer offtake in our EPC business, we remained focused on strengthening the foundations for long-term growth."Also Read: Adani vs Pakistan: One Indian company bigger than entire Pakistan! Harsh Goenka gives some statsHFCL expects strong revenue growth in FY26, supported by improving domestic and global demand for optical fibre and OFC.Nahata noted that the fibre manufacturing plant, which was operating at 45% capacity, is now running at full capacity. The OFC plant, previously at 40% utilisation, is expected to hit full capacity by July 2025.The company also expects contributions from the defence segment starting Q2FY26, amid growing interest in ground surveillance radar, electronic fuses, and a newly developed drone detection radar slated for production this year. HFCL recently secured a Rs 44.36-crore tactical cable order from the Indian Army through its subsidiary HTL Limited.With a strong order book and full capacity utilisation, HFCL is targeting 25–30% revenue growth in FY26.\Also read: Honasa Consumer shares skyrocket 12% on reporting 13% YoY revenue growth in Q4Additionally, HFCL has appointed Bhunvesh Sachdeva as Senior Vice President – International Sales for its communication products business, effective May 22, 2025, following the recommendation of the Nomination, Remuneration, and Compensation Committee.(Disclaimer: Recommendations, suggestions, views and opinions given by the experts are their own. These do not represent the views of the Economic Times)
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इन एअरपोर्ट्स पर फोटो-वीडियो लेने पर लगा बैन, DGCA ने जारी किए सख्त निर्देश; नियम तोड़ने पर मिलेगी ये सजा

Dainik Jagran - National - 5 hours 17 min ago

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नागरिक उड्डयन मानिदेशालय (DGCA) ने देश की हवाई यात्रा को लेकर बड़ा और सख्त फैसला लिया है। डीजीसीए ने जो निर्देश जारी किया है वह उन विमानों पर लागू होगा जो सेना के हवाई अड्डों से उड़ान भरते हैं या वहां उतरते हैं।

भारत की पश्चिमी सीमा के पास मौजूद संवेदनशील एअरबेस जैसे अमृतसर, जम्मू, श्रीनगर और जैसलमेर एयरपोर्ट पर डीजीसीए का यह निर्देश सख्ती से लागू रहेगा। निर्देश में कहा गया है कि इन इलाकों से टेकऑफ या लैंडिंग के वक्त यात्रियों को विंडो शेड्स (खिड़कियों के पर्दे) नीचे रखने होंगे।

DGCA का सख्त निर्देश

डीजीसीए ने बताया कि यह नियम तब तक लागू रहेंगे जब तक विमान 10 हजार फीट की ऊंचाई तक नहीं पहुंच जाता है या फिर जमीन पर रुक नहीं जाता है। DGCA ने यह कदम देश की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया है।

दरअसल, पिछले कुछ सालों में देखा गया है कि यात्री इन संवेदनशील एअरबेस पर उड़ान भरते वक्त या टेकऑफ के दौरान खिड़की से बाहर के फोटो या वीडियो बना लेते हैं और फिर उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट कर देते हैं।

फोटो-वीडियो की नहीं होगी अनुमति

इन तस्वीरों में सेना की गतिविधियां, एअरबेस की बनावट और दूसरी संवेदनशील हिस्से भी दिख गए हैं, इससे देश की सुरक्षा से जुड़ी जानकारी लीक होने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए डीजीसीए ने विंडे शेड्स लगाए रखने का फरमान जारी किया है।

डीजीसीए ने अपने निर्देश में साफ कहा है कि यात्रियों द्वारा सैन्य हवाईअड्डों पर फोटो या वीडियो लेने की अनुमति नहीं होगी। अगर कोई यात्री इस नियम को तोड़ता हुआ पाया जाता है तो उस पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

नियम तोड़ने वालों को क्या मिलेगी सजा?

नियम तोड़ने वालों पर नागरिक उड्डयन नियमों के तहत जुर्माना या दूसरी सजा भी हो सकती है। एअरलाइनों को कहा गया है कि वे यात्रियों के इस बारे में जानकारी फ्लाइट से पहले और फ्लाइट के दौरान और बार-बार दें। इसके लिए केबिन क्रू को खास ट्रेनिंग भी दी जाएगी।

एअरलाइनों को करना होगा बदलाव
  • अब एअरलाइनों को अपनी रूटीन प्रक्रिया में बदलाव करना होगा।
  • एअरलाइनों को यह सुनिश्चित करना होगा कि टेकऑफ और लैंडिंग के समय सभी खिड़कियों के पर्दे नीचे रहें।
  • एअरलाइंस अपने ग्राउंड स्टाफ और केबिन क्रू को स्पेशल ट्रेनिंग देंगी।
  • बोर्डिंग गेट पर और विमान के अंदर नोटिस बोर्ड या स्क्रीन के ज़रिए इस नियम की जानकारी दी जाएगी।
  • कुछ एयरलाइंस ने पहले से ही इन उपायों पर काम शुरू कर दिया है, जैसे कि फ्लाइट से पहले घोषणाओं में सुरक्षा नियमों को जोड़ना।
यात्रियों से क्या है उम्मीद?
  • सरकार और DGCA ने यात्रियों से अपील की है कि वे इस नियम को गंभीरता से लें और पालन करें।
  • यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे सैन्य एअरबेस से उड़ान के दौरान न तो फोटो लें और न ही वीडियो बनाएं।
  • फ्लाइट के दौरान अगर किसी को कोई कन्फ्यूजन हो, तो वे तुरंत केबिन क्रू से बात करें।

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