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Bihar Weather: अगले 24 घंटे में बिगड़ने वाला है बिहार का मौसम, IMD ने जारी किया यलो अलर्ट
जागरण संवाददाता, पटना। Bihar Weather: पछुआ के कारण शुष्क बने हुए प्रदेश के मौसम में बदलाव के आसार हैं। सात से 11 अप्रैल तक प्रदेश के अधिसंख्य भागों में गरज-तड़क के साथ हल्की वर्षा व तेज हवा चलने को लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया है।
बिहार में दिखेगा वेस्टर्न डिस्टर्बेंस का असरमौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ (वेस्टर्न डिस्टर्बेंस) गर्त के रूप में पूर्वोत्तर असम व आसपास के क्षेत्रों पर चक्रवाती हवा का क्षेत्र बना हुआ है। आठ अप्रैल को पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र को प्रभावित करेगा।
इन जिलों में बारिश के आसारइसके कारण सात अप्रैल को सीतामढ़ी, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, वैशाली, शिवहर, समस्तीपुर, सुपौल , अररिया, किशनगंज, मधेपुरा, सहरसा, पूर्णिमा, कटिहार, भागलपुर, बांका, जमुई, मुंगेर, खगड़िया के कुछ स्थानों पर 40-50 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से हवा चलने की संभावना है। इस दौरान बादल गरजने, बिजली गिरने और हल्की वर्षा को लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया है।
ओले गिरने की भी संभावनाआठ अप्रैल को किशनगंज, पूर्णिया, अररिया, सुपौल, मधुबनी, दरभंगा में गरज-तड़क के साथ ओला गिरने को लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया है।
नौ अप्रैल तक प्रदेश के अधिसंख्य भागों में हल्की वर्षा के साथ तेज हवा चलने की संभावना है। मौसम में आने वाले बदलाव को लेकर मौसम विज्ञान केंद्र ने लोगों के साथ पशुओं को भी सुरक्षित रखने की सलाह दी है।
48 घंटे में बढ़ेगा तापमानप्रदेश में अगले 24-48 घंटे के दौरान मौसम शुष्क रहने की संभावना है। 48 घंटे के दौरान प्रदेश के अधिसंख्य भागों के अधिकतम तापमान में एक से तीन डिग्री की वृद्धि की संभावना है। इसके बाद तापमान में गिरावट आने से मौसम सामान्य बना रहेगा।
शनिवार को डेहरी रहा प्रदेश में सबसे गर्मशनिवार को पटना का अधिकतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री ऊपर चढ़ने के साथ 39.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जबकि 39.8 डिग्री सेल्सियस के साथ डेहरी में प्रदेश का सर्वाधिक अधिकतम तापमान दर्ज किया गया।
शनिवार को पटना सहित आसपास इलाकों का मौसम पछुआ के कारण शुष्क बना रहेगा। सीतामढ़ी के पुपरी , मधुबनी, फारबिसगंज, अगवानपुर को छोड़ कर पटना सहित शेष जिलों के अधिकतम तापमान में वृद्धि दर्ज की गई।
प्रमुख शहरों के तापमान में वृद्धिबीते 24 घंटों के दौरान पटना सहित अधिसंख्य भागों के अधिकतम तापमान में वृद्धि दर्ज की गई। पटना के अधिकतम तापमान में 1.4 डिग्री सेल्सियस, गया में 2.3 डिग्री, औरंगाबाद में 2.9 डिग्री, डेहरी में 2.8 डिग्री, भोजपुर में 1.6 डिग्री, वैशाली में 1.4 डिग्री, जमुई में 1.5 डिग्री, बांका में 1.6 डिग्री, वैशाली में 1.4 डिग्री, कटिहार में 1.6 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि दर्ज की गई।
प्रमुख शहरों का तापमान शहरअधिकतम (तापमान डिग्री सेल्सियस में)
न्यूनतम (तापमान डिग्री सेल्सियस में) पटना 39.0 23.3 गया 39.5 20.6 भागलपुर 38.6 22.2 मुजफ्फरपुर 37.4 20.0
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Waqf Bill: वक्फ संशोधन बिल को मिली राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की मंजूरी, अस्तित्व में आया नया कानून
पीटीआई, नई दिल्ली। वक्फ संशोधन विधेयक, 2025 कानून बन गया है। मैराथन बहस के बाद संसद के दोनों सदनों से पारित विधेयक को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने शनिवार देर रात मंजूरी दे दी। इसके साथ ही राष्ट्रपति मुर्मु ने मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, 2025 को भी अपनी स्वीकृति दे दी।
सरकार ने एक अधिसूचना में कहा कि संसद से पारित वक्फ संशोधन अधिनियम, 2025 को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है। इससे पहले लोकसभा और राज्यसभा से वक्फ (संशोधन) विधेयक गरमागरम बहस के बाद पारित कर दिया था।
वहीं, नए कानून को कांग्रेस, एआईएमआईएम और आम आदमी पार्टी (आप) ने अलग-अलग याचिकाओं के साथ सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
अब पूरे देश में नया वक्फ कानून लागू हो जाएगानए कानून का उद्देश्य पक्षपात, वक्फ संपत्तियों का दुरुपयोग और वक्फ संपत्तियों पर अतिक्रमण को रोकना है। सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार ने कहा है कि यह कानून मुस्लिम विरोधी नहीं है। वहीं, राष्ट्रपति मुर्मु के हस्ताक्षर के बाद वक्फ (संशोधन) विधेयक कानून बन गया है। अब पूरे देश में नया वक्फ कानून लागू हो जाएगा।
मुसलमान वक्फ अधिनियम- 1923 को निरस्त कर दियासंयुक्त समिति की रिपोर्ट के बाद लोकसभा और राज्यसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक- 2025 पारित किया गया। इस विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार, वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन से संबंधित हितधारकों के सशक्तिकरण, सर्वेक्षण, पंजीकरण और मामले के निपटान की प्रक्रिया में सुधार लाना है। इसके अलावा मुसलमान वक्फ अधिनियम- 1923 को भी निरस्त कर दिया गया है।
वक्फ बिल पर राज्यसभा में 13 तो लोकसभा में 12 घंटे चली बहसराज्यसभा में इस बिल पर करीब 13 घंटे तक चर्चा चली। यह विधेयक लोकसभा में करीब 12 घंटे तक चली मैराथन बहस के बाद पारित हुआ था। इसके बाद विधेयक को कानून बनने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पास उनकी मंजूरी के लिए भेजा गया था जिस पर उन्होने हस्ताक्षर कर कानून बनाने को मंजूरी दे दी है।
जेपी नड्डा ने वक्फ अधिनियम से निपटने के तरीके को लेकर कांग्रेस पर कड़ा प्रहार किया था और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने इस कानून को इस तरह से बनाया है जिससे कथित तौर पर भू-माफियाओं को मदद मिल रही है।
ओवैसी ने फाड़ दी थी बिल की कॉपीएआइएमआइएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने इसे मुसलमानों पर हमला बताते हुए लोकसभा में विधेयक की प्रति फाड़ दी थी।
बिल का विरोध करने वालों को चेतावनी देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा था कि यह संसद द्वारा बनाया गया कानून है और इसे सभी को मानना पड़ेगा। यदि तुष्टीकरण के लिए कांग्रेस ने 2013 में वक्फ कानूनों को अति कठोर नहीं बनाया होता, तो आज यह संशोधन लाने की जरूरत ही नहीं पड़ती।
किरेन रिजिजू ने कही ये बातअल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा था कि वक्फ विधेयक से विपक्षी पार्टियां मुसलमानों को डरा रही हैं। उनका कहना था कि दुनिया में अल्पसंख्यकों के लिए भारत से ज्यादा सुरक्षित कोई देश नहीं है।
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वक्फ संपत्ति के नाम पर बड़ा हेरफेर, कागज में मस्जिद और दरगाह; हकीकत में चल रही दुकान
जागरण टीम, नई दिल्ली। वक्फ संपत्ति को लेकर बड़े पैमाने पर अनियमितता रही है। ज्यादातर संपत्ति का लेखा-जोखा नहीं है। अगर किसी का रिकॉर्ड है तो कागज में कुछ, जबकि धरातल पर कुछ और संपत्ति मिल रही है। बरेली के आंवला के पक्का कटरा में वक्फ नंबर 610444 में संपत्ति के रूप में एक मकान दर्ज है, लेकिन मौके पर 21 दुकान, दो मकान और एक मस्जिद मिली।
हाथरस में वक्फ की जमीन तहसील में निजी रूप में दर्जहाथरस के सिकंदराराऊ में वक्फ की जमीन तहसील में निजी रूप में दर्ज है। यह तो सिर्फ बानगी है। जानकारी के मुताबिक, केंद्र सरकार ने बिल पेश करने से पहले ही अलग-अलग एजेंसियों से देशभर में वक्फ संपत्तियों का सर्वे कराया था।
85 से अधिक सर्वेयर की टीम लगाई गईंअल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय ने बिहार, उत्तराखंड, दिल्ली व उत्तर प्रदेश में सर्वे के लिए एएमयू इंटरडिसिप्लिनरी डिपार्टमेंट आफ रिमोट सेंसिंग को नोडल एजेंसी बनाया था। जिसके लिए 85 से अधिक सर्वेयर की टीम लगाई गईं। इसमें आइआइटी कानपुर व जामिया मिलिया विश्वविद्यालय की टीम ने सहयोग किया। उत्तर प्रदेश में प्रोजेक्ट कोआर्डिनेटर प्रो. खुर्शीद अहमद ने बताया कि वक्फ की संपत्तियों का बुरा हाल है।
उत्तर प्रदेश वक्फ की जमीन का होगा सर्वेउत्तर प्रदेश वक्फ बोर्ड ने सर्वे को अभी तक सत्यापित नहीं किया है। यह होने के बाद ही केंद्र सरकार को फाइनल रिपोर्ट दी जाएगी। इसके लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिख चुके हैं। बताया कि प्रदेश के 27 जिलों की 87,735 संपत्तियों का सर्वे हुआ था और इसकी रिपोर्ट भारतीय वक्फ प्रबंधन प्रणाली(वामसी) पोर्टल पर फोटो सहित अपलोड है, लेकिन दो वर्ष पहले भेजी गई इस रिपोर्ट का उप्र वक्फ बोर्ड (सुन्नी/शिया) ने सत्यापन नहीं कराया है।
विरोध के बाद सर्वे भी रोक दिया गया था। सर्वे में हजारों वक्फ संपत्तियां ऐसी पाई गई थीं दर्ज तो मस्जिद, दरगाह और कब्रिस्तान के रूप में हैं लेकिन कहीं दुकान तो कहीं मकान बना लिए गए हैं।
इन शहरों में चला था सर्वेअलीगढ़ के अलावा आजमगढ़, हरदोई, जौनपुर, बाराबंकी, बरेली, बस्ती, बिजनौर, गोंडा, खीरी, मुजफ्फरनगर, रामपुर, शाहजहांपुर, कानपुर देहात, सीतापुर, वाराणसी, प्रयागराज, फर्रुखाबाद, मेरठ, सहारनपुर, मुरादाबाद, आगरा, बुलंदशहर, लखनऊ, मथुरा व पीलीभीत में सर्वे 2022 तक चला।
सर्वेयर को मौलाना ने धमकायारामपुर में सर्वेयर अजेंद्र और जिकर उल्ला को एक मौलाना ने पकड़ लिया था। धमकी भी दी। महिलाएं भी विरोध में आ जाती थीं। सर्वेयर राहिल अली को तो एक घंटे बिठाए रखा। मथुरा में भी टीम को बंधक बना लिया। डीएम के हस्तक्षेप पर छोड़ा गया था।
छग में पांच हजार करोड़ से अधिक वक्फ की संपत्ति, आमदनी पांच लाख भी नहींछत्तीसगढ़ में राज्य वक्फ बोर्ड की संपत्ति की अनुमानित कीमत पांच हजार करोड़ रुपये से अधिक आंकी जा रही है। रायपुर में ही संपत्तियों की कीमत 1,380 करोड़ है। इसके बावजूद बोर्ड को सालाना पांच लाख रुपये की आमदनी भी नहीं हो रही है। अनेक संपत्तियों की फर्जी रजिस्ट्री भी हो चुकी है। रायपुर में ही 24 फर्जी रजिस्ट्री के मामले चल रहे हैं। इनमें से करीब 10 रजिस्ट्री को शून्य घोषित किया जा रहा है।
वक्फ की जमीन पर प्रभावशाली लोगों ने दुकान, शोरूम खोल लीराज्य वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सलीमराज ने बताया कि प्रदेशभर की पांच हजार करोड़ की संपत्ति में से लगभग 90 प्रतिशत पर रसूखदारों का कब्जा है। रायपुर में जीई रोड पर ईओडब्ल्यू कार्यालय के समीप मस्जिद की जगह पर कब्जा किया जा चुका है। शहर के सबसे व्यस्ततम मालवीय रोड स्थित वक्फ बोर्ड की अनेक संपत्तियों की अवैध रजिस्ट्री करवाकर प्रभावशाली लोगों ने दुकान, शोरूम खोल ली हैं।
वक्फ बोर्ड की अनियमितता की जांच कराएगी राजस्थान सरकारराजस्थान की भजनलाल शर्मा सरकार प्रदेश के वक्फ बोर्ड में हुई अनियमितताओं की जांच कराएगी। गृह, राजस्व एवं अल्पसंख्यक मामलों के विभाग के अधिकारियों ने पिछले दिनों मुख्यमंत्री को बताया था कि पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में वक्फ बोर्ड में काफी अनियमितताएं हुई हैं और वक्फ के पैसों व संपतियों का दुरुपयोग किया गया है।
706 संपत्तियों पर अतिक्रमण
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने यह जानकारी दी। राज्य में वक्फ बोर्ड के पास 19044 संपत्तियां पंजीकृत हैं। इनमें 17415 संपत्तियां राजस्थान राजपत्र में प्रकाशित एवं 1629 राजपत्र के प्रकाशन के बाद दर्ज हुई हैं। इनमें से 706 संपत्तियों पर अतिक्रमण है।
बिहार में वक्फ अरबों की संपत्ति का मालिक पर कमाई कुछ लाखफुलवारीशरीफ संवाददाता के अनुसार, बिहार राज्य शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड अरबों की संपत्ति के मालिक हैं, परंतु इनसे कमाई कुछ लाख ही होती है और उसमें से आधा हिस्सा मुकदमों की पैरवी में खर्च हो जाता है। जो शेष रकम बचती है, उससे मौलाना, मोतव्वली, इमाम का वेतन, कौम की कुछ गरीब युवतियों के निकाह, स्कूल संचालन, छात्रावास और जाड़े में गरीबों के बीच कंबल वितरण आदि किया जाता है। वक्फ की संपत्तियों में कई विवादों के घेरे में हैं और मामला ट्रिब्यूनल, सिविल एवं हाई कोर्ट में चल रहा है। सारे मामलों की निगरानी बोर्ड स्वयं करता है।
शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष अफजल अब्बास ने बताया कि शिया वक्फ बोर्ड की राज्य में 327 संपत्तियां हैं। इनमें 138 का मामला ट्रिब्यूनल और 38 पटना उच्च न्यायालय में लंबित है। आमदनी का बड़ा हिस्सा केस में खर्च हो जाता है।
बिहार में कुल 2900 संपत्तियां, हजारों पर अतिक्रमणसुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष इरशादउल्लाह ने बताया कि सुन्नी वक्फ बोर्ड के पास राज्य में कुल 2900 संपत्तियां हैं, जिनमें अधिकतर परती जमीन व दरगाह हैं। सैकड़ों दुकानें भी हैं। कुल 350 मामले विभिन्न न्यायालयों में चल रहे हैं। किराए से होने वाली आमदनी को सामाजिक कार्यों में खर्च किया जाता है।
देशभर में संगठन को मजबूत करने में जुटी कांग्रेस, अब बनाएगी जिला और शहर अध्यक्षों का तीन माह का ''रिपोर्ट कार्ड''
जितेंद्र शर्मा, नई दिल्ली। अब देशभर में संगठन की मजबूत पर काम कर रही कांग्रेस ने तय किया है कि संगठन निर्माण और उसके क्रियाकलापों की बारीकी से निगरानी होगी।
जिला और शहर अध्यक्षों को टाइमलाइन बनाकर लक्ष्य सौंप दिया गया कि जून तक गांव और वार्ड स्तर पर कमेटियां बना लेनी हैं। इतना ही नहीं, पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने तो दो टूक कह दिया है कि यदि तीन माह बाद जिला और शहर अध्यक्षों का रिपोर्ट कार्ड बनेगा। जो उम्मीदों पर खरे नहीं उतरेंगे, उन्हें पद से हटा दिया जाएगा।
अलग-अलग राज्यों कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे राहुल गांधीकांग्रेस ने यह वर्ष संगठन निर्माण के लिए समर्पित किया है। इसी के तहत अलग-अलग राज्यों के समूह बनाकर पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे व पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी सहित अन्य वरिष्ठ नेता जिला व शहर अध्यक्षों के साथ बैठकें कर रहे हैं। गत दिवस शीर्ष नेताओं ने उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल आदि राज्यों के जिला व शहर अध्यक्षों के साथ बैठक की।
संगठन निर्माण को लेकर सांसद शशिकांत सैंथिल ने प्रस्तुतीकरण किया। इसमें बताया गया कि इसी मई यानी अगले माह तक मंडल कांग्रेस कमेटियों का गठन कर लेना है। प्रत्येक मंडल कमेटी के अंतर्गत 15 से 20 बूथ होंगे। इसी समय सीमा में प्रदेश कांग्रेस कमेटियों को दो-दो बूथ लेवल एजेंट (बीएलए-1 और बीएलए-2) की नियुक्ति करनी है।
बूथ लेवल एजेंटों का प्रशिक्षण कार्यक्रमगांव कांग्रेस कमेटी और वार्ड कांग्रेस कमेटियों के गठन के लिए जून, 2025 तक का समय दिया गया है। जून तक ही बूथ लेवल एजेंटों का प्रशिक्षण कार्यक्रम भी पूरा करना है। इसके अलावा मतदाता सूची से संबंधित गतिविधियां लगातार चलाई जाएंगी। कार्यकर्ताओं के लिए जमीनी स्तरपर प्रशिक्षण सत्र भी सतत चलाने होंगे।
बैठक में शामिल सूत्रों ने बताया कि कुछ जिलाध्यक्षों ने सुझाव दिया कि अब कुछ राज्यों में पार्टी को अपने पैरों पर खड़ा होने के लिए बिना गठबंधन के चुनाव लड़ना चाहिए। राहुल गांधी ने उनकी भावनाओं की सराहना करते हुए कहा कि वह स्थिति भी आपको ही बनाना है।
संगठन को इतना मजबूत बनाना होगाहर विधानसभा और लोकसभा सीट पर संगठन को इतना मजबूत बनाना होगा कि यदि सहयोगी दलों से गठबंधन न हो सके तो कांग्रेस अपने बूते पर मजबूती से चुनाव लड़ सके। संदेश यही था कि संगठन की कमजोरी के चलते ही कांग्रेस को अपने कार्यकर्ताओं के मनोबल और मंशा की अनदेखी कर मजबूरन कई राज्यों में गठबंधन में चुनाव लड़ना पड़ रहा है।
निगरानी के लिए मजबूत तंत्र की रणनीतिसंगठन निर्माण से लेकर पार्टी की सभी गतिविधियों के संयोजन व समन्वय के लिए भी कांग्रेस ने नए तंत्र पर काम शुरू किया है। इसी माह अप्रैल में सभी राज्यों में स्टेट साथी केंद्र स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है।
राज्य और जिला साथी केंद्रों में वरिष्ठ नेताओं को नियुक्त किया जाएगासूत्रों ने बताया कि साथी केंद्र जिला स्तर पर भी बनेंगे। राज्य और जिला साथी केंद्रों में वरिष्ठ नेताओं को नियुक्त किया जाएगा। वह प्रत्येक गतिविधि पर नजर रखेंगे, अमल के लिए सुझाव देंगे और रिपोर्ट केंद्रीय नेतृत्व तक पहुंचाएंगे। इसी तरह मई तक सभी राज्यों में एआइसीसी रोल आब्जर्वर नियुक्त किए जाएंगे, जो मतदाना सूची संबंधी गतिविधियों और संगठन निर्माण प्रक्रियों में सहयोग के साथ निगरानी का दायित्व संभालेंगे।
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पीएम मोदी आज करेंगे पंबन ब्रिज का उद्घाटन, जानें क्यों है समुद्र में इंजीनियरिंग की अद्भुत मिसाल
पीटीआई, चेन्नई। प्राचीन तमिल संस्कृति, सभ्यता एवं तमिल-इतिहास को दर्शाने वाले और समुद्र के पानी में निर्मित देश के पहले आधुनिक वर्टिकल 'पंबन' लिफ्ट पुल का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रामनवमी के अवसर पर रविवार (छह अप्रैल) को तमिलनाडु के रामेश्वरम में करेंगे।
नई ट्रेन सेवा और एक जहाज को हरी झंडी दिखाएंगे पीएम मोदीइस दौरान प्रधानमंत्री रामेश्वरम-तांबरम (चेन्नई) नई ट्रेन सेवा और एक जहाज को हरी झंडी दिखाएंगे और पुल के संचालन को देखेंगे। इसके बाद वह रामेश्वरम में रामनाथस्वामी मंदिर में दर्शन और पूजा करेंगे। वह तमिलनाडु में 8,300 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली विभिन्न रेल और सड़क परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे और उन्हें राष्ट्र को समर्पित करेंगे।
पीएम कई राजमार्गों का करेंगे उद्घाटनइन परियोजनाओं में एनएच-40 के 28 किलोमीटर लंबे वालाजापेट-रानीपेट खंड को चार लेन का बनाने के कार्य का शिलान्यास और एनएच-332 के 29 किलोमीटर लंबे विलुप्पुरम-पुडुचेरी खंड को चार लेन का बनाने का काम, एनएच-32 का 57 किलोमीटर लंबा पूंडियनकुप्पम-सत्तनाथपुरम खंड और एनएच-36 का 48 किलोमीटर लंबा चोलापुरम-तंजावुर खंड शामिल हैं।
राजमार्ग कई तीर्थस्थलों और पर्यटन स्थलों को जोड़ेंगेये राजमार्ग कई तीर्थस्थलों और पर्यटन स्थलों को जोड़ेंगे, शहरों के बीच की दूरी कम करेंगे और मेडिकल कालेज एवं अस्पताल, बंदरगाहों तक तेज पहुंच सक्षम करेंगे। इसके अलावा ये स्थानीय किसानों को कृषि उत्पादों को नजदीकी बाजारों तक पहुंचाने और स्थानीय चमड़ा और लघु उद्योगों की आर्थिक गतिविधि को बढ़ावा देने में सशक्त बनाएंगे।
पीएम मोदी रामनवमी के अवसर पर इसका उद्घाटन करेंगेसूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिलान्तर्गत रामेश्वरम में पंबन पुल भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट रेलवे सी ब्रिज होगा, जो देश के रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। 535 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से बना यह पुल, जंग से क्षतिग्रस्त हुए पुराने ढांचे की जगह लेगा। पीएम मोदी रामनवमी के अवसर पर इसका उद्घाटन करेंगे।
रामेश्वरम द्वीप को जोड़ता है यह पुलयह पुल मुख्य भूमि को चार धाम तीर्थ स्थलों में से एक रामेश्वरम द्वीप से जोड़ता है। पुराने पुल को मूल रूप से मीटर गेज ट्रेनों के लिए बनाया गया था, जिसे ब्रॉड गेज यातायात के लिए मजबूत किया गया और 2007 में फिर से खोला गया। फरवरी, 2019 में रेल मंत्रालय ने पुराने ढांचे को बदलने के लिए एक नए पुल के निर्माण को मंजूरी दी।
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Patna News: आज अवतार लेंगे रामलला, झांकी को लेकर पटना में ऐसी है तैयारी; यहां जानें पूजा का शुभ मुहूर्त
जागरण संवाददाता, पटना। भगवान विष्णु के सातवें अवतार मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम का प्राकट्य उत्सव रविवार को चैत्र शुक्ल नवमी को मनाया जाएगा।
प्रभु श्रीराम का जन्म चैत्र शुक्ल नवमी को कर्क लग्न में हुआ था। इस दिन गंगा स्नान या पवित्र तीर्थों में स्नान करने से कई गुना पुण्य फल प्राप्त होगा।
राम नवमी को प्रभु राम के साथ हनुमानजी की पूजा अति फलदायी होती है। आज इस अवसर पर कई जगहों से भव्य शोभायात्रा भी निकलेगी।
सनातन धर्मावलंबी इस दिन अपने घर व मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना करेंगे। घर व मंदिर के हनुमत ध्वज को विधिवत पूजन कर बदला जाएगा।
मंदिरों में दर्शनार्थियों की अपार भीड़ उमड़ेगी। पंडित राकेश झा ने पंचांगों के हवाले से बताया कि राम नवमी पर अति शुभकारी पुनर्वसु एवं पुष्य नक्षत्र का युग्म संयोग बना रहेगा।
पुनर्वसु नक्षत्र सुबह 9:51 बजे तक दिनभर पुष्य नक्षत्र विद्यमान रहेगा। ऐसे मंगलकारी संयोग में प्रभु श्रीराम, माता सीता एवं हनुमानजी की पूजा व आराधना से यश, बल, बुद्धि, ऐश्वर्य, उन्नति, आपसी प्रेम, भौतिक सुख का विकास होता है।
कामना पूर्ति हेतु शुभकारी है राम नवमीराम नवमी को राम रक्षास्त्रोत्र, रामचरितमानस, राम स्तुति, रामाष्टक, राम कवच, हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, हनुमानाष्टक, सुंदरकांड आदि का पाठ करने से शत्रु शमन, उच्च पद की प्राप्ति, मानसिक शांति, नेतृत्व क्षमता, मनोबल में वृद्धि, संबंधों में मधुरता व प्रगति के अवसरों की प्राप्ति होती है। नवरात्र के नवमी तिथि के दिन हवन, कुंवारी पूजन व सप्तशती पाठ का श्रद्धालु समापन करेंगे।
रामनवमी पूजा शुभ मुहूर्त- नवमी तिथि: आज रात्रि 11:23 बजे तक
- कर्क लग्न: पूरे दिन
- चर-लाभ-अमृत मुहूर्त: प्रातः 7:11 बजे से दोपहर 11:52 बजे तक
- अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:27 बजे से 12:17 बजे तक
- शुभ योग मुहूर्त: दोपहर 01:26 बजे से 02:59 बजे तक
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President Gives Assent To Waqf Amendment Act 2025 - Live Law
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व्यापार के क्षेत्र में भी विश्वगुरु बन सकता है भारत, होसबाले बोले- हमें एनएसई पर गर्व होना चाहिए
पीटीआई, मुंबई। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा पारस्परिक टैरिफ की घोषणाओं के कारण विश्व व्यापार में आए बड़े बदलाव के मद्देनजर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा है कि दर्शन के साथ-साथ व्यापार के क्षेत्र में भी भारत 'विश्वगुरु' बन सकता है।
शनिवार को नेशनल स्टाक एक्सचेंज (एनएसई) में शिष्टाचार भेंट के दौरान होसबाले ने कहा कि कोई भी राष्ट्र विश्वास और पारदर्शिता के बल पर ही फल-फूल सकता है। उन्होंने कहा, ''केवल दर्शन में ही नहीं, बल्कि व्यापार में भी हम विश्वगुरु बन सकते हैं।''
भारत में लंबे समय से व्यापार की परंपरा रही हैइस बारे में विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा कि विश्वगुरु बनने का मतलब है दुनिया को व्यापार और नैतिकता के अच्छे तौर-तरीकों के बारे में सिखाना है। इसमें विज्ञान, राजनीतिक क्षेत्र, परिवार और कार्यस्थल में अच्छे व्यवहार के बारे में बोलना भी शामिल है।''विश्वास और पारदर्शिता'' के मूल मंत्र के संदर्भ में होसबाले ने कहा कि समाज और राष्ट्र इन्हीं मूल्यों के बल पर फल-फूल सकते हैं। भारत में लंबे समय से व्यापार की परंपरा रही है।
हमें एनएसई पर गर्व होना चाहिएउन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ''हमें एनएसई पर गर्व होना चाहिए''। उन्होंने कहा कि भारत की आर्थिक वृद्धि की उच्च गति और लोगों के व्यवहार में बदलाव, एनएसई जैसी संस्थाओं की वजह से है।
'Hands Off!' protests: Thousands unite across US to oppose Trump and Musk's policies - India Today
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रक्षा मंत्री ने IOS सागर को दिखाई हरी झंडी, कहा- 'हिंद महासागर क्षेत्र में शांति सुनिश्चित करना भारत का लक्ष्य'
पीटीआई, कारवार। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कर्नाटक के कारवार नौसैनिक अड्डे से हिंद महासागर पोत 'सागर' को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में मुक्त नौवहन, नियम आधारित व्यवस्था और शांति सुनिश्चित करना भारत का सबसे बड़ा उद्देश्य है।
भारत किसी भी देश की संप्रभुता से समझौता किए बिना हिंद महासागर में हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। राजनाथ नौसेना कमांडरों के सम्मेलन में भाग लेने और प्रोजेक्ट सीबर्ड के तहत नौसेना बेस पर नए विकसित बुनियादी ढांचे का उद्घाटन करने के लिए कारवार पहुंचे थे।
'क्षेत्र को और अधिक शांतिपूर्ण बनाना हमारा लक्ष्य'रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण कारवार नौसैनिक अड्डे पर लोगों को संबोधित करते हुए राजनाथ ने कहा, हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की तैनाती सिर्फ हमारे लिए नहीं बल्कि मित्र देशों के लिए भी है। भारत का प्रयास हिंद महासागर क्षेत्र को और अधिक शांतिपूर्ण एवं समृद्ध बनाना है।
बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन किया- रक्षा मंत्री ने कहा कि हमारी नौसेना यह सुनिश्चित करती है कि हिंद महासागर क्षेत्र में कोई भी देश अपनी विशाल अर्थव्यवस्था या सैन्य शक्ति के आधार पर किसी दूसरे को दबा न सके। रक्षा मंत्री ने नौसैनिक अड्डे पर विभिन्न बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन भी किया। नौसेना परियोजना 'सीबर्ड' के तहत महत्वपूर्ण नौसैनिक अड्डे का विस्तार कर रही है।
- रक्षा मंत्री के कार्यालय ने 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए लिखा कि 'सागर' हिंद महासागर क्षेत्र के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह अपने समुद्री पड़ोसियों के साथ मजबूत संबंध बनाने और हिंद महासागर क्षेत्र में अधिक सुरक्षित, अधिक समावेशी और सुरक्षित समुद्री वातावरण की दिशा में काम करने की भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि करेगा।
- हिंद महासागर पोत 'सागर' (सिक्यूरिटी एंड ग्रोथ फॉर ऑल द रीजन) क्षेत्र में सुरक्षा के लिए पारस्परिक और समग्र उन्नति 'महासागर' (म्युचुअल एंड होलिस्टिक एडवांसमेंट फॉर सिक्यूरिटी एक्रास द रीजन) के दृष्टिकोण के साथ हिंद महासागर देशों के साथ निरंतर सहयोग की दिशा में एक पहल है।
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क्या कम कीमत पर उपलब्ध हो सकती है SMA की दवा? सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी को जारी किया नोटिस
पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर बीमारी स्पाइनल मस्कुलर अट्रोफी (एसएमए) की दवा रिस्डिप्लाम बनाने वाली कंपनी से पूछा है कि क्या भारत में यह दवा कम कीमत पर उपलब्ध कराई जा सकती है।
गौरतलब है कि भारत में कई मरीज इस बीमारी से पीड़ित है। एसएमए अनुवांशिक बीमारी है, जिसमें मांसपेशियों को कमजोर हो जाती हैं। पड़ोसी देशों पाकिस्तान और चीन को एसएमए की दवा की आपूर्ति सस्ती दर पर की जाती है।
दवा निर्माता कंपनी से कोर्ट ने मांगा जवाबप्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने दवा निर्माता कंपनी से तब जवाब मांगा, जब उसे एसएमए से पीड़ित 24 वर्षीय महिला सेबा की ओर से पेश वकील ने बताया कि एसएमए रोगियों के लिए दवा की कीमत पाकिस्तान और चीन में सस्ती है।
वकील ने कहा कि भारत सरकार इस बीमारी के लिए सस्ती दर पर दवा उपलब्ध कराने के लिए वैश्विक दवा निर्माता के साथ बातचीत क्यों नहीं कर सकती। पीठ ने रिस्डिप्लाम दवा बनाने वाली कंपनी मेसर्स एफ. हाफमैन-ला रोश लिमिटेड को नोटिस जारी किया। अदालत को अगली सुनवाई की तारीख पर पड़ोसी देशों में उक्त औषधि के लिए निर्धारित मूल्य से अवगत कराया जाएगा।
आठ अप्रैल को होगी अगली सुनवाईपीठ ने आदेश दिया कि यदि कीमत भारत से कम है तो कोर्ट को यह भी बताया जाए कि क्या भारत में भी दवा की आपूर्ति उसी कम कीमत पर की जा सकती है। मामले की अगली सुनवाई आठ अप्रैल को होगी।
24 फरवरी को शीर्ष अदालत ने केरल हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी, जिसमें केंद्र को सेबा को 18 लाख रुपये की दवाइयां उपलब्ध कराने के लिए कहा गया था। केंद्र ने हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है।
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