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Bihar Politics: बिहार की सियासत में आने वाला है नया मोड़! PK की नई रणनीति से राजद में मच सकती है खलबली

Dainik Jagran - March 9, 2025 - 6:00pm

विकाश चन्द्र पाण्डेय, पटना। इस बार जन सुराज पार्टी (जसुपा) के सूत्रधार प्रशांत किशोर (पीके) को आगे कर तेजस्वी यादव को उस राघोपुर में ही घेरे रखने की रणनीति बनाई जा रही, जहां से विधानसभा के पिछले दो चुनाव वे जीत चुके हैं।

जसुपा की यह रणनीति अभी प्रारंभिक चरण मेंं है, फिर भी राजद सजग हो गया है। दूसरी तरफ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) इसकी परिकल्पना मात्र से ही प्रफुल्लित हो रहा।

महागठबंधन में नेतृत्व को लेकर सर्व-सम्मति बन गई है, यह कहना जल्दबाजी होगी। अलबत्ता राजद में तेजस्वी को कोई चुनौती नहीं।

अब तो पार्टी के नाम-निशान पर भी उनका अधिकार सुप्रीमो लालू प्रसाद के बराबर हो गया है। मुख्यमंत्री पद के लिए वे राजद से एकमात्र चेहरा हैं।

पिछले चुनावों में पार्टी का प्रचार अभियान भी उन्हीं के बूते रहा है। ऐसे में तेजस्वी अगर अपने ही विधानसभा क्षेत्र में घिर जाते हैं तो विरोधी दलों के लिए शेष बिहार में राजद से लड़ाई और सहज हो जाएगी।

राजनीतिक गलियारे मेंं आकलन है कि इसी रणनीति के अंतर्गत पीके को राघोपुर के मैदान में उतारने का प्रयास है।

विधानसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक अभ्यर्थियों से जसुपा अभी आवेदन ले रही। पीके स्वयं बता चुके हैं कि किसी कार्यकर्ता ने राघोपुर से उनके नाम का प्रस्ताव किया है।

पार्टी प्रवक्ता विवेक कुमार का कहना है कि जाति-संप्रदाय के दलदल मेंं धकेल दी गई बिहार की राजनीति मेंं पीके एक स्वच्छ विकल्प हैं।

उनकी उपस्थिति मात्र से ही पार्टियां बेकल हैं। वे जिस मैदान में होंगे, वहां से बाजी मारेंगे। हालांकि, अभी यह तय नहीं कि पीके चुनाव लड़ेंगे या नहीं और लड़ेंगे भी तो राघोपुर या किसी दूसरे क्षेत्र से!

राघोपुर का सामाजिक समीकरण इस दियारे में राजद को अपनी संभावना के लिए आश्वस्त करता है। हालांकि, 2010 में जदयू के सतीश कुमार यहां पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को मात दे चुके हैं।

उस चुनाव परिणाम से जसुपा व राजग का आकलन है कि राजद का यह यदुवंशी किला भी अभेद्य नहीं। लगभग 30 प्रतिशत यादव और 21 प्रतिशत राजपूत के साथ यहां अनुसूचित जाति में 12 प्रतिशत पासवान और आठ प्रतिशत रविदास मतदाता हैं।

इस भरोसे तेजस्वी यहां स्वयं को सुरक्षित पाते हैं। हालांकि, राजपूत और अनुसूचित जाति के मतोंं मेंं विभाजन की गुंजाइश के साथ अति-पिछड़ा वर्ग के भरोसे विरोधी खेमा भी उत्साहित है।

विधानसभा के पिछले चुनाव में लोजपा को मिले 24947 वोट इस उत्साह को कुछ और बढ़ा देते हैं। फिर भी राजद का भरोसा कायम है। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन की प्रतिक्रिया कुछ ऐसी ही है।

वे कहते हैं कि पीके भी जानते हैं कि राघोपुर में क्या हश्र होना है। वहां से चुनाव लड़ने की चर्चा सुर्खियों में बने रहने का उनका एक इवेंट है।

राघोपुर में तेजस्वी के वोटों में उत्तरोत्तर वृद्धि हुई है, जबकि निकटतम प्रतिद्वंद्वी के वोट घटे हैं। रही बात लोजपा की, तो उसे जितने वोट मिले, उससे अधिक मतों (38174) के अंतर से तेजस्वी पिछली बार विजयी रहे हैं।

ऐसा है राघोपुर का समीकरण  
  • 30 प्रतिशत यादव, 21 प्रतिशत राजपूत और 20 प्रतिशत अनुसूचित जाति के मतदाता
  • 06 दशक से यादव समाज से विधायक, इनमें दो बार लालू और एक बार राबड़ी भी

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शादी के एक महीने बाद ही सैनिक पति की मौत, सेना में अधिकारी बन महिला ने पेश की मिसाल; गजब है सोनी बिष्ट की कहानी

Dainik Jagran - National - March 9, 2025 - 5:55pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। शादी के केवल कुछ दिनों बाद अगर किसी महिला के पति की मौत हो जाए, तो उस महिला के लिए ये दुर्घटना किसी सदमे से कम नहीं होती है। जिस साथी के साथ किसी युवती ने साथ रहने की कसमें खाई हों और उसके साथ कोई अनहोनी हो जाए तो उस युवती के लिए बहुत बड़ी आपदा होती है।

हालांकि, इस विकट परिस्थिति में काफी कम लोग ऐसे होते हैं, जो अपने जीवन को फिर से शुरू कर पाते हैं। ऐसी ही एक मिसाल सामने आई है। इस महिला का नाम सोनी बिष्ट है, जो उत्तराखंड की रहने वाली हैं। इनकी कहानी अपने आप में किसी मिसाल से कम नहीं है।

शादी के एक महीने बाद पति की मौत

दरअसल, करीब दो साल पहले तक सोनी बिष्ट की जिंदगी भी सामान्य लड़कियों जैसे थीं। उन्होंने सामान्य तरीके से पढ़ाई-लिखाई की। इसके बाद साल 2023 में उनकी शादी हुई। सोनी के पति नीरज भंडारी 18 कुमाऊं रेजीमेंट में सैनिक थे। हालांकि, होनी को कुछ और ही मंजूर था। शादी के महज 34 दिनों बाद ही नीरज की एक हादसे में जान चली गई। शादी के केवल 34 दिनों बाद ही सोनी बिष्ट विधवा हो गईं।

पति के मौत के बाद सोनी का हौसला टूटने लगा। परिवार भी सदमे में था। हालांकि, विपरीत परिस्थितियों के बाद भी उन्होंने वह कर दिखाया, जो अब कई लोगों के लिए किसी मिसाल से कम नहीं है। पति की मौत के बाद सोनी बिष्ट ने अपने पति के सपने को पूरा किया। सोनी को कुमाऊं रेजिमेंट के ‘वीर नारी एंट्री' के बारे में जानकारी मिली।

पिता से मिला हौसला

इसके बाद सोनी का उनके पिता ब्रिगेड ऑफ गार्ड्स बटालियन के सेवानिवृत्त सूबेदार कुंदन सिंह ने हौसला बढ़ाया। सेना के सहयोग और पिता के हौसले के कारण सोनी आज सेना में अधिकारी बन गई है। गत शनिवार को वे चेन्नई के ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी (OTA) में पासिंग आउट परेड में शामिल हुईं।

सोनी बिष्ट ने क्या कहा?

अपने बारे में बताते हुए सोनी बिष्ट ने कहा कि जब मुझे कुमाऊं रेजिमेंट के अधिकारियों से वीर नारी एंट्री के बारे में पता चला, उसके बाद मेरे पिता ने मुझे यह रास्ता चुनने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने बताया कि यह एक कठिन यात्रा थी। उन्होंने बताया कि विभिन्न परिस्थितियों के बाद भी विजय प्राप्त की। सोनी अब आर्मी ऑर्डनेंस कॉर्प्स में शामिल हो गईं हैं।

अब लेफ्टिनेंट बनीं सोनी

महिला दिवस के खास मौके पर सोनी बिष्ट भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन गई हैं। उन्होंने ओटीए चेन्नई में पासिंग आउट परेड के बाद सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर अपना कार्यभार संभाला। सोनी को पहली तैनाती असम में मिली है। सोनी बिष्ट की ये कहानी कई लोगों के लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं है।

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'महाकुंभ के दौरान नहाने लायक था गंगा-यमुना का पानी', CPCB की नई रिपोर्ट में हुआ खुलासा

Dainik Jagran - National - March 9, 2025 - 5:23pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) ने अपनी एक ताजा रिपोर्ट में बताया है कि महाकुंभ के दौरान गंगा औ यमुना नदी का पानी नहाने के लिए तय मानकों पर खरा उतरा है। ये रिपोर्ट नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल को पेश की गई थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि डेटा वेरिएबिलिटी के कारण स्टेटिस्टिकल एनालिसिस की दरकार थी।

रिपोर्ट में कहा कि स्टेटिस्कल एनालिसिस की जरूरत इसलिए थी क्योंकि अलग-अलग तारीखों में सैंपल जमा किए गए थे और ये सभी सैंपल विभिन्न जगहों से लिए गए थे।

सही आकलन में क्या थी दिक्कतें?

सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने कहा कि अलग अलग सैंपल की वजह से पूरी नदी के पानी के सही आकलन करना बेहद मुश्किल था। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने कहा है कि उसने महाकुंभ की शुरूआत के बाद से हर सप्ताह दो बार नदी के पानी की जांच और निगरानी की है।

रिपोर्ट में कहा गया कि 12 जनवरी से लेकर 28 फरवरी तक गंगा नदी की 5 जगहों और यमुना नदी की दो जगहों पर पानी की निगरानी की गई और इसके लिए विशेषज्ञों की एक कमिटी तैनात थी।

CPCB ने पिछले महीने गंगा की पानी का बताया था गंदा

17 फरवरी को CPCB ने एनजीटी के चेयरपर्सन जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव की पैनल को बताया था कि महाकुंभ के दौरान कई स्थानों पर नहाने के लिए जल गुणवत्ता प्राथमिक मानकों पूरा नहीं करती है।

बोर्ड ने 17 फरवरी की रिपोर्ट में बताया था कि गंगा-यमुना की पानी में उच्च मात्रा में फीकल कोलीफार्म बैक्टीरिया (Fecal Bacteria)मिला है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट में बताया गया था कि पानी में फीकल कोलीफॉर्म की मात्रा 100 मिलीलीटर पानी में 2,500 यूनिट से बहुत ज्यादा मिली है।

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छत्तीसगढ़ शराब घोटालाः पूर्व आबकारी अधिकारी को सुप्रीम कोर्ट से जमानत, मगर नहीं होंगे रिहा

Dainik Jagran - National - March 9, 2025 - 4:36pm

पीटीआई, नई दिल्ली। Chhattisgarh liquor scam सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ आबकारी विभाग के पूर्व विशेष सचिव अरुण पति त्रिपाठी को कथित छत्तीसगढ़ शराब घोटाले से जुड़े धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के मामले में जमानत दे दी है। हालांकि, कोर्ट ने निर्देश दिया कि उन्हें 10 अप्रैल, 2025 को रिहा किया जाएगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि चल रही जांच प्रभावित नहीं हो।

11 महीने से हिरासत में हैं त्रिपाठी

जस्टिस अभय ओक और जस्टिस उज्ज्वल भुयान की पीठ ने कहा कि त्रिपाठी 11 महीने से हिरासत में हैं और उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में मुकदमा शुरू होने की कोई संभावना नहीं। कोर्ट ने राज्य के इस तर्क पर विचार किया कि जांच अभी भी जारी है और इसलिए उनकी रिहाई के लिए 10 अप्रैल तक का समय दिया।

अपीलकर्ता जमानत पर रिहा होने का हकदारः SC

कोर्ट ने कहा कि अपीलकर्ता जमानत पर रिहा होने का हकदार है। हालांकि, यह सुनिश्चित करने के लिए कि जांच किसी भी तरह से प्रभावित न हो, हम निर्देश देते हैं कि अपीलकर्ता को संबंधित सत्र न्यायालय द्वारा निर्धारित उचित नियमों और शर्तों के अधीन 10 अप्रैल, 2025 को जमानत पर रिहा किया जाएगा।

त्रिपाठी को 12 अप्रैल, 2024 को छत्तीसगढ़ के रायपुर में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने गिरफ्तार किया था। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने इससे पहले 30 सितंबर, 2024 को राज्य में शराब व्यापार से संबंधित एक बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार में उनकी संलिप्तता का हवाला देते हुए उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी।

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'मैं निर्दोष हूं, मुझे फंसाया गया', अपने ही बयान से पलटी एक्ट्रेस रान्या राव; सोना तस्करी केस में और क्या कहा?

Dainik Jagran - National - March 9, 2025 - 4:24pm

एजेंसी, नई दिल्ली। Ranya Rao Gold Smuggling सोना तस्करी मामले में फंसी कन्नड़ अभिनेत्री रान्या राव ने आज पुलिस की पूछताछ के दौरान अपना बयान दिया है। रान्या राव ने सोने की तस्करी के रैकेट का हिस्सा होने से इनकार किया है। एक्ट्रेस ने कहा कि उन्हें फंसाया गया है। 

मुझे नींद नहीं आ रही हैः रान्या

रान्या ने अपने वकीलों से कहा था कि उन्हें नींद नहीं आ रही है और वे सोचती रहती हैं कि 'मैं इसमें क्यों फंस गई'। शुक्रवार को अदालत में पेश किए जाने के दौरान उन्होंने अपने वकीलों से कहा, "मैं सोचती रहती हूं कि मैं इसमें क्यों फंस गई। मेरा दिमाग हवाई अड्डे पर बिताए दिन की यादों में खो जाता है। मैं सो नहीं पाती। मैं मानसिक रूप से परेशान हूं।" 

बयान से पलटी अभिनेत्री

रान्या ने खुद को निर्दोष बताया है और यह दावा अभिनेत्री के डीआरआई को दिए गए आधिकारिक बयान के विपरीत है, जिसमें उन्होंने 17 सोने की छड़ों के साथ पकड़े जाने की बात स्वीकार की थी। बयान में यह भी कहा गया था कि वे न केवल दुबई बल्कि यूरोप, अमेरिका और मध्य पूर्व भी गई थीं। 

अधिकारी लगा रहे इस बात का पता

अधिकारी चाहते हैं कि राव यह बताएं कि अगर ऐसा हुआ है तो उन्हें किसने तस्करी में फंसाया और वे कौन सी परिस्थितियां थीं, जिनके कारण वे इसमें शामिल हुईं। यह मामला पिछले साल चेन्नई में हुई एक घटना से मिलता-जुलता लग रहा है, जहां केरल के एक सॉफ्टवेयर कर्मचारी की पत्नी को दुबई से 12 किलो सोना तस्करी करते हुए पकड़ा गया था। 

बाद में जांच में पता चला कि सोने की तस्करी में शामिल एक दोस्त ने उसे ब्लैकमेल किया था। अधिकारियों का मानना ​​है कि रान्या राव के किसी करीबी ने उसे इस काम में धकेला होगा।

12 करोड़ के सोने के साथ पकड़ी गई हैं रान्या

रान्या राव को सोमवार को बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक गुप्त बेल्ट में 12 करोड़ रुपये मूल्य के सोने के साथ गिरफ्तार किया गया था। उसे 10 मार्च तक डीआरआई की हिरासत में भेज दिया गया और अधिकारियों ने उसके घर से करोड़ों रुपये की नकदी और आभूषण भी जब्त किए।

राव कर्नाटक के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी के रामचंद्र राव की सौतेली बेटी हैं। उन्होंने राव से खुद को अलग करते हुए कहा कि उन्हें नहीं पता कि वह क्या कर रही हैं, क्योंकि वह अपने पति जतिन हुक्केरी के साथ रहती हैं। दूसरी ओर सीबीआई ने अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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