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भारत के सामने 4 दिन नहीं टिक सकता पाकिस्तान..., बाबा रामदेव बोले- 'अगला गुरुकुल कराची और लाहौर में खुलेगा'
नई दिल्ली, एएनआई। भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे संघर्ष को जल्द ही युद्ध में बदलने के कयास लगाए जा रहे हैं। इसी बीच योग गुरु बाबा रामदेव का बयान भी सामने आ गया है। बाबा रामदेव ने पाकिस्तान को खूब खरी-खोटी सुनाई है। उनका कहना है कि पाकिस्तान पहले ही आंतरिक कलह से जूझ रहा है, ऐसे में अगर युद्ध होता है तो पाकिस्तान, भारत के सामने 4 दिन भी नहीं टिक सकेगा।
यही नहीं, बाबा रामदेव ने कड़े शब्दों में कहा कि अगले कुछ दिन में हमें कराची में गुरुकुल बनाना चाहिए और इसके बाद लाहौर का नंबर होगा। पाकिस्तान अपने आप ही टूट जाएगा।
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बाबा रामदेव का बयानबाबा रामदेव ने रविवार को दिल्ली के भारत मंडपम में आयजित संस्कृति जागरण महोत्सव में शिरकत की थी। ऐसे में मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा -
पाकिस्तान अपने आप ही टूट जाएगी। पख्तून, बलूचिस्तान के लोग आजादी की मांग कर रहे हैं। इन जगहों पर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) से भी खराब स्थिति है। पाकिस्तान के पास भारत से लड़ने की ताकत नहीं है। युद्ध में वो चार दिन नहीं टिक सकता है। मुझे लगता है कि कुछ दिनों में हमें कराची और इसके बाद लाहौर में गुरुकुल बनाना होगा।
#WATCH | Delhi: Yog guru Baba Ramdev says, "...I think that in a few days we will have to build the next Gurukul in Karachi and another in Lahore. Pakistan is going to break on its own. Pakhtun, the people of Balochistan, are demanding their independence. The situation in POK is… pic.twitter.com/Qivx5ensvr
— ANI (@ANI) May 4, 2025 आतंक के आकाओं को धूल चटाएगा भारत- बीजेपीबीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने भी पाकिस्तान की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि "पाकिस्तान ने सेना पर से अपना भरोसा खो दिया है। उसे जवाबी कार्रवाई का डर सता रहा है। भारत ने अभी तक पूरा जवाब नहीं दिया है। अगर भारत अपनी पर आया तो आतंक के मास्टरमाइंड के टुकड़े-टुकड़े हो जाएंगे। पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत आतंक के आकाओं को धूल चटाने के लिए तैयार है।"
कांग्रेस अपनी आंखें खोले- बीजेपीप्रदीप भंडारी ने कांग्रेस पार्टी पर भी तंज कसा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को भी राष्ट्रीय रुख का समर्थन करना चाहिए। वो आगे आकर राष्ट्रीय संकल्प का हिस्सा बनें। मुझे उम्मीद है कि कांग्रेस अपनी आंखें खोलेगी।
सेना पर छोड़ा फैसलाबता दें कि 22 अप्रैल को पहलगाम की बैसरन घाटी पर कुछ आतंकियों ने 26 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। ऐसे में पीएम मोदी बदले के तरीके, लक्ष्य और समय का फैसला सेना पर छोड़ दिया है। पाकिस्तान को सख्त संदेश देते हुए भारत ने सिंधु जल समझौता भी रद कर दिया है।
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Bihar Weather Today: बिहार के 8 जिलों में बारिश और तूफान बरपाएंगे कहर, IMD का ऑरेंज अलर्ट
जागरण संवाददाता, पटना। Bihar Weather Today: प्रदेश में पुरवा के प्रभाव से उमस भरी गर्मी लोगों को परेशान कर रही है। मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार पश्चिम बंगाल के गंगा तटीय क्षेत्र और इसके आसपास के उत्तरी भागों के ऊपर हवा का चक्रवातीय परिसंचरण बना हुआ है।
इनके प्रभाव से पटना सहित 30 जिलों में झोंके के साथ 40-50 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से तेज हवा चलने के साथ गर्जन के आसार है। कुछ स्थानों पर छिटपुट वर्षा हो सकती है।
मौसम विभाग ने जारी किया ऑरेंज अलर्टमौसम विभाग ने प्रदेश के आठ जिलों सुपौल, मधेपुरा, सहरसा, अररिया, किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार एवं खगड़िया जिले में वज्रपात, मेघ गर्जन व 50-80 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से हवा चलने को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
प्रदेश में जारी रहेगा पुरवा का प्रभावप्रदेश के अधिसंख्य भागों में आंशिक रूप से बादल छाए रहने के साथ पुरवा का प्रभाव बना रहेगा। सात मई तक प्रदेश के उत्तरी व दक्षिणी भागों के अधिसंख्य भागों में गरज के साथ कुछ स्थानों पर छिटपुट वर्षा की संभावना है। इसके बाद मौसम में बदलाव हो सकता है।
बीते 24 घंटों के दौरान इन जिलों में हुई बारिशबीते 24 घंटों के दौरान प्रदेश के पश्चिमी चंपारण, कटिहार, गया, समस्तीपुर, मधेपुरा, औरंगाबाद, किशनगंज, सुपौल, पूर्णिया के अलग-अलग भागों में वर्षा दर्ज की गई। पश्चिम चंपारण के रामनगर में सर्वाधिक वर्षा 65.0 मिमी वर्षा दर्ज की गई।
डेहरी रहा सबसे गर्मरविवार को पटना सहित अधिसंख्य भागों के अधिकतम तापमान में कमी दर्ज की गई। पटना का अधिकतम तापमान 35.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। 37.2 डिग्री सेल्सियस के साथ डेहरी में प्रदेश का सर्वाधिक अधिकतम तापमान दर्ज किया गया।
प्रमुख शहरों में दर्ज हुई वर्षापश्चिम चंपारण के चनपटिया में 34.2 मिमी, कटिहार के बरारी में 31.2 मिमी, पश्चिम चंपारण के बगहा में 27.0 मिमी, गया के इमामगंज में 15.4 मिमी, समस्तीपुर के मोहनपुर में 12.0 मिमी, कटिहार के कुरसेला में 12.2 मिमी, गया के डुमरिया में 8.2 मिमी, समस्तीपुर के पटोरी में 6.8 मिमी वर्षा दर्ज की गई।
गया के मानपुर में 6.2 मिमी, औरंगाबाद में 6.0 मिमी, गया में 4.2 मिमी, औरंगाबाद के रफीगंज में 3.6 मिमी, शेखपुरा में 3.0 मिमी, औरंगाबाद के दाउदनगर में 2.4 मिमी, गया के डोभी में 2.4 मिमी, पूर्णिया के भवानीपुर में 2.0 मिमी वर्षा दर्ज की गई।
प्रमुख शहरों का तापमान शहर अधिकतम (तापमान डिग्री सेल्सियस में)न्यूनतम (तापमान डिग्री सेल्सियस में) पटना 35.1 25.6 गया 36.2 21.5 भागलपुर 35.0 24.8 मुजफ्फरपुर 33.2 26.2
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Pahalgam Terror Attack: लेफ्टिनेंट विनय नारवाल की पत्नी को सोशल मीडिया पर क्यों किया जा रहा ट्रोल? NCW ने जताई आपत्ति
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पहलगाम हमले में जान गंवाने वाले भारतीय नौसेना के अफसर लेफ्टिनेंट विनय नारवाल की पत्नी हिमांशी नारवाल के बयान को लेकर सोशल मीडिया पर की जा रही ट्रोलिंग पर राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने सख्त आपत्ति जताई है। आयोग ने कहा कि किसी महिला को उसके विचारों या निजी जीवन को लेकर निशाना बनाना किसी भी सूरत में कबूल नहीं किया जा सकता।
दरअसल, हिमांशी ने जम्मू-कश्मीर के बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले के बाद पहली बार मीडिया से बात करते हुए एक जज़्बाती अपील की थी। उन्होंने कहा था, "मैं सिर्फ यह चाहती हूं कि पूरा मुल्क विनय के लिए दुआ करे, जहां भी वो हों, सुकून में हों। और एक बात और मैं देख रही हूं कि लोग मुसलमानों और कश्मीरियों के खिलाफ नफरत फैला रहे हैं। हम ऐसा नहीं चाहते। हम सिर्फ अमन चाहते हैं, सिर्फ अमन।"
NCW का सख्त रुख: विचारों की अभिव्यक्ति पर ट्रोलिंग नामंजूरहिमांशी के इस बयान के बाद उन्हें सोशल मीडिया पर बड़े पैमाने पर ट्रोल किया गया। कई यूजर्स ने उनके शांति संदेश की आलोचना की और उन्हें निशाना बनाया। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग ने X (पूर्व में ट्विटर) पर एक बयान जारी किया।
बयान में कहा गया, "लेफ्टिनेंट विनय नारवाल जी की मृत्यु के बाद उनकी पत्नी हिमांशी नारवाल जी के एक बयान को लेकर जिस तरह सोशल मीडिया पर उन्हें निशाना बनाया जा रहा है, वह अत्यंत निंदनीय और अफसोसनाक है।"
आयोग ने आगे कहा, "किसी भी महिला को उसके विचार या निजी जीवन के आधार पर ट्रोल करना नागवार है।"
'अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता हो मर्यादित'NCW ने कहा कि विचारों से सहमति या असहमति जताना हर नागरिक का संवैधानिक हक है, लेकिन यह हमेशा शालीनता और मर्यादा के दायरे में रहकर होना चाहिए। आयोग ने भरोसा दिलाया कि वह हर महिला की इज़्जत और हिफाजत के लिए प्रतिबद्ध है।
इसके साथ ही, आयोग ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले की सख्त निंदा की और शहीद लेफ्टिनेंट विनय नारवाल समेत अन्य लोगों की मौत पर दुख प्रकट किया। बयान में कहा गया कि आतंकियों ने विनय को पहले उनका मजहब पूछा और फिर नजदीक से गोली मार दी।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में देश के अनेक नागरिकों की हत्या कर दी गई थी। इस हमले में अन्य लोगों के साथ लेफ्टिनेंट विनय नरवाल जी से उनका धर्म पूछकर उन्हें गोली मार दी गई थी। इस आतंकी हमले से पूरा देश आहत व क्रोधित है।
लेफ्टिनेंट विनय नरवाल जी की मृत्यु के पश्चात…
NCW ने कहा, "इस आतंकी हमले से पूरा मुल्क बेहद आहत है और गुस्से में भी है।" विनय नारवाल और हिमांशी की शादी कुछ ही दिन पहले हुई थी और दोनों हनीमून पर कश्मीर गए थे। वहीं, बैसरन में हुए इस हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी।
जाति जनगणना पर कांग्रेस का देशव्यापी अभियान, पार्टी ने कहा- पीएम ने अचानक हताशा में लिया इस पर यू-टर्न
संजय मिश्र, जागरण नई दिल्ली। कांग्रेस ने जाति जनगणना के सियासी विमर्श की कमान अपने हाथ थामे रहने की रणनीति के तहत एक ओर भाजपा सरकार पर दबाव बनाए रखने की रणनीति अपनाई है तो दूसरी ओर देश भर में इसको लेकर जागरूकता अभियान शुरू करने का फैसला किया है। इसके तहत ही पार्टी ने सभी प्रदेश कांग्रेस इकाइयों को जातिवार जनगणना की घोषणा का श्रेय लेने के लिए 30 मई तक पूरे देश में विधानसभा स्तर पर रैलियों से लेकर हर घर दस्तक देने का अभियान चलाने का निर्देश दिया है।
अभियान में कोई हीला-हवाली न हो, इसके मद्देनजर कांग्रेस नेतृत्व ने सभी प्रदेश कांग्रेस कार्यालयों में इसके लिए विशेष कंट्रोल रूम स्थापित करने तथा जिला स्तर पर पर्यवेक्षक नियुक्त करने के लिए भी कहा है।
जाति जनगणना पर पीएम के यू-टर्न का कांग्रेस का दावाजबकि भाजपा सरकार को बैकफुट पर रखने की अपनी रणनीति के तहत रविवार को कांग्रेस ने जातिवार जनगणना पर प्रधानमंत्री के यू-टर्न लेने का दावा करते हुए इसके लिए समय सीमा तय करने की चुनौती दी। कांग्रेस के संचार महासचिव जयराम रमेश ने रविवार को जारी एक बयान में कहा कि पीएम मोदी द्वारा जातिगत जनगणना के मुद्दे पर अचानक हताशा भरे यू-टर्न के पर्याप्त सबूत मौजूद हैं।
इसके तीन उदाहरण गिनाते हुए कहा 28 अप्रैल 2024 का प्रधानमंत्री का एक टीवी इंटरव्यू पहला है, जिसमें उन्होंने जातिवार जनगणना की मांग करने वालों को "अर्बन नक्सल" करार दिया था। दूसरा उदाहरण 20 जुलाई 2021 का है जब मोदी सरकार ने संसद में कहा था कि सरकार ने नीतिगत निर्णय लिया है कि जनगणना में एससी-एसटी के अलावा अन्य किसी जाति की गणना नहीं की जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट के हलफनामे का भी जिक्रतीसरे प्रमाण के तौर पर जयराम ने सुप्रीम कोर्ट में 21 सितंबर 2021 को मोदी सरकार की ओर से दाखिल हलफनामे का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें कहा गया था कि 2021 की जनगणना के दायरे से किसी भी अन्य जाति की जानकारी को बाहर रखना केंद्र सरकार का एक सतर्क नीतिगत निर्णय है।
कांग्रेस के दबाव में जातिवार जनगणना का फैसला लिए जाने का संदेश देने की कोशिश में जयराम ने तीन सवाल प्रधानमंत्री से पूछे: क्या वे ईमानदारी से स्वीकार करेंगे कि उनकी सरकार ने पिछले 11 वर्षों में जातिवार जनगणना पर अपनी नीति में आधिकारिक रूप से बदलाव किया है? दूसरा, क्या संसद तथा देशवासियों को सरकार की नीति में बदलाव के पीछे के कारण बताएंगे? तीसरा, क्या जातिवार जनगणना के लिए समय सीमा तय करेंगे?
हर राज्य में ‘संविधान बचाओ रैली’ की योजनाजातीय जनगणना पर केंद्र तथा भाजपा के बदले रुख की वजह से उसका सियासी एजेंडा हाथ से न निकल जाए, इसके मद्देनजर कांग्रेस ने सभी प्रदेश इकाइयों को अपने राज्यों में 'संविधान बचाओ रैलियां' करने का निर्देश दिया है।
इतना ही नहीं, इसकी मॉनिटरिंग के लिए प्रदेश कांग्रेस दफ्तर में विशेष कंट्रोल रूम तथा जिलों में पर्यवेक्षकों को नियुक्त कर गतिविधियों की निरंतर रिपोर्ट हाईकमान को भेजते रहने के लिए कहा गया है।
सामाजिक वर्गों के बीच प्रचार और राहुल गांधी की भूमिकाकांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से सभी प्रदेश इकाइयों को भेजे पत्र में विधानसभा स्तरीय रैलियां तथा घर-घर दस्तक अभियान 30 मई तक पूरा करने को कहा गया है।
इसमें सामाजिक कार्यकर्ताओं, शिक्षकों, वकीलों, दुकानदारों, स्वयं सहायता समूहों के बीच जाकर इस मुद्दे पर भाजपा के जातिवार जनगणना को लेकर विरोधी रुख और यू-टर्न को उजागर करने की सलाह दी गई है। विशेष रूप से जातिवार जनगणना के लिए राहुल गांधी की राजनीतिक लड़ाई तथा कांग्रेस कार्यसमिति के प्रस्तावों को साझा करने की बात कही गई है ताकि सामाजिक न्याय के प्रति पार्टी की उच्च स्तर पर प्रतिबद्धता का संदेश दिया जा सके।
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जातिवार जनगणना के साइड इफेक्ट! OBC की सूची से बाहर हो सकती हैं कई जातियां?
नीलू रंजन, जागरण। नई दिल्ली। आजादी के बाद जनगणना के साथ पहली बार होने वाली जातिवार गणना के आंकड़े आने के बाद कई जातियों को ओबीसी की सूची से बाहर होना पड़ सकता है। इसी तरह से आर्थिक, सामाजिक रूप से पिछड़ी कई जातियों की ओबीसी सूची में इंट्री भी मिल सकती है।
सरकार की कोशिश जातिवार जनगणना को आधार बनाकर ओबीसी के नाम पर हो रही जाति की राजनीति को पूरी तरह से धवस्त करने की है। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सर संघचालक मोहन भागवत के साथ चर्चा के बाद इसे हरी दे दी गई। बताया जाता है कि उक्त बैठक में गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह भी मौजूद थे।
जातिवार गणना को खत्म करने की रणनीतिउच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार लंबे समय से जातियों की गोलबंदी का हथियार बनी जातिवार गणना को हमेशा के लिए खत्म करने के लिए पूरी तरह से लंबी सोच-विचार के बाद यह फैसला लिया गया। ध्यान देने की बात है कि पलक्कड में हई आरएसएस की समन्वय समिति की बैठक में साफ किया गया कि आरएसएस जातिवार गणना के खिलाफ नहीं है, सिर्फ इसका राजनीतिक इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। इसीलिए इसे जनगणना के साथ जोड़ा गया ताकि देश में सभी धर्मों में मौजूद सभी जातियों की संख्या और उनकी आर्थिक, सामाजिक, शैक्षणिक स्थिति के ठोस आंकड़े उपलब्ध हो सके।
जातिवार गणना को स्थायी स्वरूप देने की योजनासूत्रों के अनुसार कैबिनेट की बैठक में न सिर्फ आगामी जनगणना के साथ-साथ जातिवार गणना कराने का फैसला किया गया, बल्कि आने वाले समय में इसे स्थायी स्वरूप देने पर विचार किया गया। यानी भविष्य में हर 10 साल पर होने वाली जनगणना के साथ-साथ जातिवार गणना भी की जाएगी। हर 10 साल में देश की सभी जातियों के शैक्षणिक, सामाजिक और आर्थिक आंकड़े आने की स्थिति में उन जातियों की पहचान आसानी से की जा सकेगी, जिनकी स्थिति अन्य जातियों से बेहतर होगी।
ओबीसी सूची में बदलाव के लिए ठोस आधारजाहिर है यह ओबीसी की सूची में नई जातियों को शामिल करने और पहले से शामिल जातियों को बाहर निकालने का ठोस आधार बन सकता है। वैसे यह देखना होगा कि भविष्य में उस वक्त के राजनीतिक हालात को देखते हुए तत्कालीन सरकार किस तरह से इस पर फैसला करती है। वहीं ठोस आंकड़े होने की स्थिति में ओबीसी सूची को दुरूस्त करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का विकल्प भी होगा। इस समय ठोस आंकड़े नहीं होने के कारण ऐसा नहीं हो पा रहा है।
1931 के आंकड़ों पर आधारित है आरक्षणइस समय देश में सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़ी जातियों का एक मात्र आंकड़ा 1931 की जनगणना का है और उसी के आधार पर देश में पिछड़ी जातियों की 52 फीसद आबादी निर्धारित कर उनके लिए 27 फीसद आरक्षण का प्रविधान किया गया। लेकिन अंग्रेजों ने 1941 में द्वितीय विश्व युद्ध के बीच खर्च का हवाला देकर 1941 में जातिवार गणना नहीं कराई और आजादी के बाद 1951 से विभिन्न सरकारों ने इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया।
सर्वे आधारित घोषणाओं पर भी उठते रहे सवाल1931 के आंकड़ों पर 1991 में ओबीसी आरक्षण की व्यवस्था पर सवाल खड़े किये गए, लेकिन अद्यतन आंकड़े जुटाने की कोशिश नहीं हुई। विभिन्न राज्यों में सर्वे के आधार पर समय-समय पर ओबीसी जातियां घोषित होती रहीं, लेकिन उन सर्वेक्षणों पर भी सवाल उठते रहे। 2011 में संप्रग सरकार ने सामाजिक आर्थिक जातीय जनगणना जरूरी कराई, इसे मूल जनगणना से बाहर रखकर सर्वेक्षण के रूप में किया गया। जिनमें बड़े पैमाने पर गड़बड़ी के कारण मनमोहन सिंह और नरेन्द्र मोदी दोनों सरकारों ने इसे जारी नहीं करने का फैसला किया।
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उत्तर भारत में आंधी-बारिश का कहर, वज्रपात से मौतें; अगले दो दिन भारी बारिश का अलर्ट
जागरण टीम, नई दिल्ली। उत्तर भारत के कई राज्यों में रविवार को आंधी के बाद ही तेज बारिश और ओलावृष्टि हुई। इस दौरान वज्रपात से कई लोगों की जान चली गईं। मौसम विभाग ने अगले दो दिन भी कई जगहों पर तेज हवा के साथ ही बारिश का अनुमान जताया है। इसके बाद वर्षा में कमी आने के साथ तापमान में बढ़ोतरी होगी। उत्तर प्रदेश में वाराणसी, मीरजापुर और आजगमढ़ मंडल के कुछ जिलों में रविवार दोपहर बाद मौसम बदला और बूंदाबांदी संग तेज हवा चलने लगी।
वज्रपात से कई मौतेंवज्रपात की चपेट में आकर जौनपुर में एक महिला की मृत्यु हो गई, इसके अलावा दो लोग झुलस गए। सोनभद्र में भी वज्रपात से एक मौत हो गई, जबकि एक गंभीर रूप से झुलस गया। चंदौली में एक महिला की मौत वज्रपात की चपेट में आने से हो गई। रविवार शाम को पूरे बरेली मंडल में आंधी के साथ बरसात हुई। शाहजहांपुर के निगोही में ओले भी गिरे।
चंबा में बादल फटने से एक की मौतहिमाचल प्रदेश में तीन दिन से हो रही वर्षा व ओलावृष्टि से नुकसान बढ़ने लगा है। शनिवार रात चंबा जिले के भटियात में स्थित चेली गांव के समीप डोंडरा नाला में बादल फट गया। इससे नाले में आई बाढ़ में बहने से भेड़पालक की मौत हो गई। लगभग 100 से अधिक भेड़-बकरियां बहने से मर गईं। भेड़पालक की पहचान 65 वर्षीय अमरो पुत्र फीणू राम गांव चेली डाकघर रायपुर के रूप में हुई है। रविवार सुबह भेड़पालक का शव नाले में मिला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भेड़पालक के निधन पर शोक जताया है।
वर्षा से कैम्पटी फाल में बढ़ा पानी, दहशत में दुकानदारउत्तराखंड के अधिकांश क्षेत्रों में रविवार को अंधड़ और वर्षा के चलते पारे में गिरावट दर्ज की गई। चारधाम में दोपहर बाद हुई वर्षा से यकायक ठंड बढ़ गई। चमोली, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, टिहरी, पौड़ी के कई क्षेत्रों में दोपहर बाद आकाशीय बिजली चमकने और बादलों की गर्जन के साथ तेज हवाएं चलीं व झमाझम वर्षा हुई। उधर, मसूरी में तेज वर्षा से कैम्पटी फाल में यकायक पानी बढ़ गया।
ऐसे में सुरक्षा को देखते हुए पुलिस ने पर्यटकों को कैम्पटी फाल जाने से रोक दिया। जलस्तर बढ़ने से झरने के आसपास के दुकानदार भी दहशत में आ गए। कैम्पटी थानाध्यक्ष संजय मिश्रा ने बताया कि कैम्पटी के पास पहाड़ी से मलबा गिर गया था, जिसे जेसीबी से हटाकर आवागमन सुचारु किया गया। मौसम विज्ञान केंद्र ने अगले दो दिन अंधड़, ओलावृष्टि के साथ तेज वर्षा को लेकर आरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
पंजाब में वर्षा और ओलावृष्टि से किसान चिंतितपंजाब के कुछ जिलों में रविवार को तेज हवाओं के साथ वर्षा और ओलावृष्टि हुई। गेहूं की कटाई और खरीद के बीच इस वर्षा से किसान बेहद चिंतित हैं। वर्षा से जहां गेहूं की कटाई प्रभावित हो रही है, वहीं मंडियों में गेहूं की लिफ्टिंग की गति धीमी होने से वहां खुले में पड़ी गेहूं की फसल वर्षा से भीग जाने से किसानों के साथ-साथ आढ़ती भी परेशान हैं।
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राजनाथ सिंह और जापानी रक्षा मंत्री जन नाकातानी आज दिल्ली में करेंगे वार्ता, आतंकवाद-रक्षा सहयोग जैसे मुद्दों पर होगी बातचीत
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह सोमवार को नई दिल्ली में जापान के रक्षामंत्री जन नाकातानी की मेजबानी करेंगे। सरकारी बयान के मुताबिक, इस अहम मुलाकात के दौरान दोनों नेता क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा हालात पर चर्चा करेंगे और द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को और मजबूत बनाने के तरीकों पर विचार करेंगे।
सरकार की ओर से रविवार को जारी बयान में कहा गया, "भारत और जापान के बीच लंबे अरसे से दोस्ताना रिश्ते रहे हैं, जिन्हें 2014 में विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी (Special Strategic and Global Partnership) का दर्जा मिलने के बाद और मजबूती मिली है। रक्षा और सुरक्षा दोनों देशों के संबंधों के अहम स्तंभ हैं।"
पहलगाम हमले के बाद भारत-जापान की एकजुटता पर होगा जोरपहलगाम हमले के बाद उत्पन्न हुए भौगोलिक-राजनीतिक हालात इस बैठक का एक अहम हिस्सा होंगे। उम्मीद है कि दोनों नेता इस हमले के बाद क्षेत्र में बनी स्थिति और आतंकवाद के खिलाफ मिलकर काम करने की जरूरत पर चर्चा करेंगे।
जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु ईशिबा ने हमले के बाद भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन कर हमदर्दी जताई और आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ मजबूती से खड़े रहने का ऐलान किया।
रक्षा औद्योगिक सहयोग और सैन्य समझौते पर होगा मंथनयह राजनाथ सिंह और जन नाकातानी के बीच दूसरी मुलाक़ात होगी। इससे पहले दोनों नवंबर में लाओस में ASEAN रक्षा मंत्रियों की बैठक के दौरान मिले थे। उस वक़्त उन्होंने सप्लाई और सर्विसेज़ के पारस्परिक समझौते (Reciprocal Provision of Supply and Services Agreement) पर बातचीत की थी, जो दोनों सेनाओं की interoperability यानी सहयोग क्षमता को बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना गया था।
अगर यह समझौता आगे बढ़ता है तो भारत और जापान की सेनाएं एक-दूसरे के सैन्य ठिकानों का इस्तेमाल मरम्मत और रसद (repair and replenishment) के लिए कर सकेंगी। यह द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को और ऊंचाइयों पर ले जाएगा।
चीन की बढ़ती सैन्य मौजूदगी और हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर भी होगी चर्चाबैठक में पूर्वी और दक्षिण चीन सागर (East and South China Seas) में चीन की बढ़ती सैन्य गतिविधियों की समीक्षा भी की जाएगी। ये इलाके रणनीतिक दृष्टि से बेहद अहम माने जाते हैं। दोनों देश इस क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और स्थिरता के प्रति अपनी साझी प्रतिबद्धता जताने की संभावना रखते हैं।
सरकारी बयान में कहा गया, "भारत और जापान के बीच हाल के वर्षों में रक्षा आदान-प्रदान तेजी से बढ़े हैं। रणनीतिक मुद्दों पर बढ़ती सहमति के चलते ये सहयोग और भी महत्वपूर्ण हो गया है, ख़ासतौर पर इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में।"
भारत-पाक तनाव पर भी रहेगी नजरभारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण हालात और बढ़ती जंग जैसी बयानबाजी को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय दोनों देशों से संयम बरतने और तनाव घटाने की अपील कर रहा है। ऐसे वक्त में भारत-जापान जैसे साझेदार देशों की आपसी एकजुटता और रणनीतिक संवाद और भी अहम हो जाते हैं।
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