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'हेलो पुलिस, बहुत बदबू आ रही है...', घर में घुसते ही मिली पिता समेत 2 बच्चों की लाश; तेलंगाना में हैरान करने वाली वारदात
संगारेड्डी (तेलंगाना), एएनआई। तेलंगाना के संगारेड्डी से एक दिल दहलाने वाला मामला सामने आया है। एक शख्स ने पहले अपने दो बच्चों की जान ली और फिर खुद भी आत्महत्या कर ली। इस घटना को तीन दिन बीत गए, लेकिन किसी को कानों कान खबर तक नहीं लगी।
घर से बदबू आने पर पड़ोसियों ने पुलिस को इसकी सूचना दी। वहीं जब पुलिस मौके पर पहुंची तो 3 लाशें देखकर दंग रह गई। इस घटना से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है।
बेटा,बेटी और पिता की लाशपुलिस के अनुसार, मृतक की पहचान सुभाष के रूप में हुई है, जो एक लैब टेक्नीशियन था। वहीं उसका 13 साल का बेटा ऋतिक और 9 साल की बेटी आराध्या भी घर में मृत मिले। पुलिस को शक है कि दिनों बच्चों को मारकर सुभाष ने खुद भी फांसी लगा ली।
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संगारेड्डी में कोंडापुर पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर ने बताया-
बीते दिन रात को 9 बजे पुलिस के पास फोन आया कि एक कमरे से अजीब सी बदबू आ रही है। पुलिस जब मौके पर पहुंची तो 3 बच्चे और उनके पिता को मृत पाया।
क्या थी आत्महत्या की वजह?इंस्पेक्टर ने आगे कहा कि "शुरुआती जांच में पुलिस को संदेह है कि पिता ने पहले अपने दोनों बच्चों को मारा और फिर खुद फांसी लगा ली। उसके ऐसा करने की स्पष्ट वजह सामने नहीं आई है। मगर मुमकिन है कि पत्नी के साथ झगड़ा होने के बाद सुभाष ने इतना बड़ा कदम उठाया हो।
3 दिन से कमरे में बंद थीं लाशेंइंस्पेक्टर के अनुसार, यह घटना 3 दिन पहले की है। तीनों लाशें घर में पड़े-पड़े सड़ने लगी थीं। बदबू आने पर पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना दी। हमने इस मामले में FIR लिख ली है। तीनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।
पुलिस कर रही जांचपुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस हत्याकांड को लेकर कई सवाल हैं, जिनके जवाब अभी तक नहीं मिले हैं। पुलिस मामले की तह तक जाने की कोशिश कर रही है। परिवारिक झगड़े समेत सभी एंगल से इसकी जांच की जाएगी।
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मणिपुर में सुरक्षाबलों का कड़ा एक्शन, प्रतिबंधित संगठनों के 11 उग्रवादी गिरफ्तार; भारी मात्रा में हथियार बरामद
एएनआई, इंफाल। मणिपुर में उग्रवादियों के खिलाफ सुरक्षा बलों की कार्रवाई जारी है। अब सुरक्षाबलों ने उग्रवादियों के खिलाफ एक तलाशी अभियान शुरू किया। अभियान में प्रतिबंधित संगठनों के 11 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है।
मणिपुर पुलिस ने इसकी जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि राज्य में सुरक्षा बलों ने खुफिया जानकारी के आधार पर तलाशी अभियान चलाया और इंफाल पूर्वी जिले के केराओ वांगखेम और आसपास के इलाकों में विभिन्न प्रतिबंधित संगठनों कांगलीपाक कम्युनिस्ट पार्टी (पीपुल्स वार ग्रुप), पीएलए और केसीपी (अपुनबा) के 11 उग्रवादियों को गिरफ्तार किया।
हथियारों का जखीरा बरामदसुरक्षा बलों ने अभियान से कई राइफलें, गोला-बारूद, मांग पत्र, आधार कार्ड, बम, युद्ध उपकरण और बहुत कुछ सहित हथियारों का जखीरा बरामद किया।
मोबाइल फोन और एक आधार कार्ड जब्तमणिपुर पुलिस ने 5 मई को बयान जारी कर कहा कि सुरक्षा बलों ने नाओरेम रबीचंद्र सिंह (30), येंगकोकपम प्रेमचन सिंह (22), निंगथौखोंगजम विकास सिंह, सनाबम रतन सिंह (60) को गिरफ्तार किया और उनके पास से 4-4 जिंदा राउंड से भरी 2 एके राइफल, मैगजीन के साथ 1 एम4 राइफल, 5 जिंदा राउंड से भरी 1 एसएलआर राइफल, 5 जिंदा राउंड से भरी 1 .303 राइफल, .303 राइफल के 25 गोला-बारूद और 1 वायरलेस सेट बरामद किया। रतन सिंह से दो मोबाइल फोन और एक आधार कार्ड जब्त किया गया।
4 अन्य कैडर गिरफ्तारइम्फाल पूर्व में मंटिरिपुखरी फ्रेंच कॉलोनी में एक अन्य अभियान में, केसीपी (पीडब्ल्यूजी) के 4 अन्य कैडरों को 5 मई को गिरफ्तार किया गया। वाहेंगबाम बिमल मैती (25), सोरेनशांगबाम संजना देवी (25), और सेनजाम जेम्स सिंह वांगखेइमायुम तरुण सिंह को गिरफ्तार किया गया और कैडरों से 2 पिस्तौल, प्रतिबंधित संगठन के 5 मांग पत्र, 5 मोबाइल, 2 आधार कार्ड, 3 हाथ के दस्ताने और 1 छलावरण टोपी जब्त की गई।
पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के एक सक्रिय कैडर को भी गिरफ्तार किया गया, जिसकी पहचान मोइरनथेम ओकेन (55) के रूप में हुई, कैडर के पास से 2 पिस्तौल, 1 हथगोला, 1 डेटोनेटर, 3 मोबाइल फोन और 1 स्लिंग बैग बरामद किया गया।
जाति जनगणना पर मल्लिकार्जुन खरगे का पीएम मोदी को पत्र, कांग्रेस अध्यक्ष ने क्या की मांग?
नई दिल्ली, पीटीआई। केंद्र सरकार ने हाल ही में जाति जनगणना कराने की घोषणा की थी। ऐसे में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से तेलंगाना मॉडल पर आधारित कास्ट सर्वे करवाने की अपील की है। उनका कहना है कि आरक्षण से 50 प्रतिशत की सीमा हटाने के साथ-साथ अनुच्छेद 15(5) के तहत एससीसटी और ओबीसी समुदायों को निजी शिक्षण संस्थानों में आरक्षण दिया जाए।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम मोदी को पत्र लिखते हुए जाति जनगणना पर सभी राजनीतिक पार्टियों से सलाह मशवरा करने की मांग की है।
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खरगे का पत्रमल्लिकार्जुन खरगे ने अपने पत्र में लिखा कि, "जाति जनगणना को किसी से विभाजनकारी नहीं माना जा सकता है। इस तरह की कोई भी प्रक्रिया हमारे समाज के पिछड़े, उत्पीड़ित और हाशिए पर पड़े वर्गों को उनके अधिकार देता है।"
पहलगाम हमले का किया जिक्रबीते दिन पीएम मोदी को लिखे इस पत्र में मल्लिलकार्जुन खरगे ने कहा-
हाल ही में हुए पहलगाम के कायराना हमले में पूरा देश एकजुट हो गया था। ठीक उसी तरह हमारा महान राष्ट्र और उसमें रहने वाले नेक दिल लोग एक साथ आकर इसका समर्थन करेंगे।
खरगे ने क्या कहा?मल्लिकार्जुन खरगे का कहना है कि " कांग्रेस का मानना है कि कि सामाजिक और आर्थिक न्याय के लिए जाति जनगणना करवाना बेहद जरूरी है। इससे लोगों को बराबरी का दर्जा और अवसर मिलेगा, जैसा हमारे संविधान की प्रस्तावना भी लिखा हुआ है।
Following the CWC meeting on May 2nd, the Congress President Shri Mallikarjun @kharge ji wrote to the PM last night on Mr. Modi's sudden and desperate U-turn on the caste census - even as the nation's anguish and anger at the brutal Pahalgam terror attacks continued unabated.… pic.twitter.com/1wIgUXFqk6
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) May 6, 2025 जयराम रमेश ने शेयर किया पत्रकांग्रेस पार्टी के नेता जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए खरगे की मांग का समर्थन किया है। उन्होंने मलिल्कार्जुन खरगे का पत्र साजा करके लिखा कि, "2 मई को हुई CWC की बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बीती रात पीएम मोदी को एक पत्र लिखा। पहलगाम हमले के बाद एक तरफ पूरा देश क्रोधित है, तो दूसरी तरफ पीएम मोदी ने जाति जनगणना पर यू-टर्न ले लिया है। इस पत्र में खड़गे जी ने सरकार से 3 मांगें की हैं।"
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सुप्रीम कोर्ट का बड़ा कदम, जजों की नियुक्ति से लेकर संपत्ति तक, सबकुछ हुआ सार्वजनिक
नई दिल्ली, पीटीआई। न्यायिक प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला लिया है। सर्वोच्च अदालत के जजों ने सोमवार को अपनी संपत्ति का ब्यौरा पेश किया। जजों की संपत्ति से जुड़े दस्तावेजों को सुप्रीम कोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है, जिससे यह सभी दस्तावेज सार्वजनिक रूप से उपलब्ध रहें।
सुप्रीम कोर्ट ने दी जानकारीसुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि "1 अप्रैल 2025 को भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने सुनिश्चित किया था कि सभी जजों की संपत्ति सार्वजनिक की जाएगी। इसे वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है। अन्य जजों की संपत्ति से जुड़ी जानकारियां भी अपलोड की जा रही हैं।"
नियुक्ति प्रक्रिया भी सार्वजनिकसुप्रीम कोर्ट ने जजों की नियुक्ति प्रक्रिया को भी सार्वजनिक करने का फैसला किया है। हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जजों की नियुक्ति कैसे होती है, सर्वोच्च न्यायालय ने इसे भी पब्लिक डोमेन में रखने की घोषणा की है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि हाई कोर्ट कॉलेजियम सिस्टम कैसे काम करता है? जजों की नियुक्ति के संबंध में केंद्र सरकार और राज्य सरकारों क्या इनपुट देती हैं और सुप्रीम कोर्ट का कॉलेजियम सिस्टम कैसे काम करता है? यह सभी चीजें अब आम जनता की जानकारी में रहेंगी।
SC ने जारी किया स्टेटमेंटसुप्रीम कोर्ट ने स्टेटमेंट जारी करते हुए कहा-
9 नवंबर, 2022 से 5 मई, 2025 की अवधि के दौरान उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के रूप में नियुक्तियों के लिए सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा अनुमोदित प्रस्तावों को सार्वजनिक किया जाएगा। इनमें नाम, उच्च न्यायालय, पिछला पद, सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा सिफारिश की तारीख, न्याय विभाग द्वारा अधिसूचना की तारीख, नियुक्ति की तारीख, विशेष श्रेणी (एससी/एसटी/ओबीसी/अल्पसंख्यक/महिला) और क्या उम्मीदवार किसी मौजूदा या सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय/सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश से संबंधित है? जैसी सभी जानकारियां सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड की जा चुकी हैं।
क्यों लिया फैसला?बता दें कि जस्टिस यशवंत वर्मा पर लगे कैश कांड के आरोपों के बाद सु्प्रीम कोर्ट ने सभी जजों की संपत्ति सार्वजनिक करने की घोषणा की थी। इसके अलावा सर्वोच्च न्यायालय और खासकर कॉलेजियम सिस्टम में जजों की नियुक्तियां अक्सर सवालों के कठघरे में आती हैं, जिसमें पारदर्शिता लाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने नियुक्ति की पूरी प्रक्रिया को वेबसाइट पर अपलोड करने का फैसला किया है।
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PAK की उड़ेगी नींद! आ रहा है INS तमाल, ब्रह्मोस मिसाइल से लैस इस वॉरशिप की क्या है खासियत?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान युद्ध के खौफ में है। पाकिस्तान को हर समय यह डर सताता रहता है कि भारत उस पर कभी भी हमला कर सकता है। पाकिस्तान की नेवी ने समुद्री रास्ते से पूरे मुल्क की घेराबंदी कर रखी है। पाकिस्तान युद्ध में भारत से जीतने के ख्वाब देख रहा है, लेकिन पाकिस्तान नौसेना को बार फिर मुंह की खानी पड़ सकती है, क्योंकि भारतीय नौसेना के बेड़े में मल्टी रोल स्टेल्श गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट 'तमाल' की एंट्री होने जा रही है।
रूस में नौसेना के क्रू को 'तमाल' का इस्तेमाल करने की ट्रेनिंग दी जा रही है। इस शिप की डिलीवरी अगले साल जून में होनी थी, लेकिन अब इसकी डिलीवरी इसी महीने के अंत में 28 मई तक की जाएगी।
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रूस में क्रू की ट्रेनिंग जारी'तमाल' को रूस के यांतर शिपयार्ड में बनाया जा रहा है। इसे दुनिया की सबसे घातक वॉरशिप में गिना जाता है। इस वॉरशिप से दुनिया की सबसे खतरनाक एंटी शिप मिसाइल ब्रह्मोस को दागा जाएगा। इससे पहले INS तुशील भारतीय नौसेना में शामिल हो चुका है।
2016 में हुआ था समझौताबता दें कि रूस और भारत के बीच 2016 में एक समझौता हुआ था, जिसके तहत रूस को 4 तलवार क्लास स्टेल्थ फ्रिगेट्स बनाने का जिम्मा सौंपा गया था। 9 दिसंबर 2024 को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने INS तुशील को भारतीय नौसेना में शामिल किया था। अब इसी कड़ी में दूसरी वॉरशिप INS तमाल भी भारतीय नौसेना के जंगी बेड़े का हिस्सा बनने जा रही है।
INS तुशील। फाइल फोटो
INS तमाल की खासियतें- INS तमाल की खासियतों पर बात करें तो इसे तलवार भी कहा जाता है।
- समंदर में 30 नॉटिकल मील प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली 'तमाल' एक बार में 3000 किलोमीटर तक की दूरी तय करने में सक्षम है।
- इससे एंटी शिप ब्रह्मोस मिसाइल भी फायर की जा सकती है।
- 'तमाल' को खासतौर पर एंटी सबमरीन वॉरफेयर के हिसाब से डिजाइन किया गया है।
- इस वॉरशिप में एंटी सबमरीन रॉकेट्स और टॉरपीडो भी मौजूद हैं।
- INS तमाल का वजन 3900 टन होगा।
- इस वॉरशिप पर एक हेलीकॉप्टर को भी तैनात किया जा सकता है।
बता दें कि भारतीय नौसेना में तलवार क्लास के वॉरशिप 2003 से ही शामिल होने लगे थे। भारतीय नौसेना के पास इस क्लास के 6 जंगी जहाज मौजूद हैं। इनमें से 4 को ब्रह्मोस मिसाइल से लेस किया जा चुका है और 2 को ब्रह्मोस से लेस करने की तैयारी चल रही है। INS तमाल भारतीय नौसेना का आखिरी इंपोर्टेड वॉरशिप होगा। इंडियन नेवी ने यह साफ कर दिया है कि इसके बाद कोई भी वॉरशिप बाहर से नहीं खरीदा जाएगा।
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UNSC में पाकिस्तान की हुई फजीहत, भारत से तनाव पर Close Door मीटिंग में नहीं आया कोई रिजॉल्यूशन
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को लेकर बंद कमरे में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में क्लोज डोर मीटिंग हुई। यह बैठक उस समय बुलाई गई जब संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने दोनों परमाणु संपन्न पड़ोसी देशों के बीच बढ़ते तनाव पर गहरी चिंता जताई थी। उन्होंने कहा कि 'तनाव वर्षों में सबसे अधिक है' और 'हालात खतरनाक मोड़ पर पहुंच रहे हैं।'
हालांकि, इस बैठक में पाकिस्तान की फजीहत हुई क्योंकि मीटिंग में न तो कोई रिजॉल्यूशन आया न ही कोई बयान सामने आया।
इस समय सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य पाकिस्तान ने इस बैठक के लिए "बंद विचार-विमर्श" का अनुरोध किया था। यह बैठक सुरक्षा परिषद के मुख्य कक्ष में नहीं, बल्कि उसके बगल के ‘कंसल्टेशन रूम’ में हुई, जहां आमतौर पर बंद कमरे में गोपनीय बातचीत होती है।
मीडिया से बातचीत करते हुए गुटेरेस ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की निंदा की, जिसमें 26 नागरिकों की मौत हुई थी, जिनमें एक नेपाली नागरिक भी शामिल था। उन्होंने कहा, “नागरिकों को निशाना बनाना किसी भी सूरत में कबूल नहीं है। दोषियों को कानून के दायरे में लाकर सजा दी जानी चाहिए।”
गुटेरेस ने कहा कि इस नाज़ुक घड़ी में दोनों देशों को संयम बरतने और सैन्य टकराव से बचने की ज़रूरत है। उन्होंने ज़ोर देते हुए कहा, “अब समय है कि दोनों देश पीछे हटें और बातचीत की राह पर लौटें। सैन्य समाधान कोई समाधान नहीं हो सकता।”
पाकिस्तान ने क्या कहा?भारत के पूर्व स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने पीटीआई से कहा कि इस बैठक से किसी "ठोस नतीजे" की उम्मीद नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान इस मंच का इस्तेमाल करके केवल ‘धारणाएं गढ़ने’ की कोशिश कर रहा है, जिसका भारत उचित जवाब देगा। वहीं पाकिस्तान की ओर से कहा गया कि इस बैठक को लेकर उनका जो मकसद था वो पूरा हुआ।
यूएन में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि आसिम इफ्तिखार अहमद ने प्रेस वार्ता की। पाकिस्तानी अखबार डॉन के मुताबिक, उन्होंने दावा किया कि यह चर्चा पाकिस्तान के “अधिकतर उद्देश्यों को पूरा करने” में सफल रही। साथ ही उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अमन का पक्षधर है और बातचीत के लिए हमेशा तैयार है।
इफ्तिखार ने कहा, "कई सुरक्षा परिषद के सदस्य इस बात पर सहमत थे कि तमाम मुद्दों को शांति से हल किया जाना चाहिए, वो भी यूएनएससी प्रस्तावों और कश्मीरी अवाम की मर्ज़ी के मुताबिक। इसमें कश्मीर का मुद्दा भी शामिल है।"
इफ्तिखार ने कहा कि इलाके में स्थिरता सिर्फ बातचीत और अंतरराष्ट्रीय कानून की पाबंदी से ही मुमकिन है। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत ने 23 अप्रैल को जो "एकतरफा और गैरकानूनी" कदम उठाए, साथ ही सैन्य जमावड़ा और भड़काऊ बयान दिए, वे तनाव को खतरनाक स्तर तक ले गए हैं।
'पाकिस्तान टकराव नहीं चाहता है'आसिम इफ्तिखार अहमद ने कहा, "पाकिस्तान टकराव नहीं चाहता, लेकिन अगर ज़रूरत पड़ी तो अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की हिफाजत के लिए पूरी तरह तैयार है, जैसा कि संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 51 में उल्लेख है।"
इफ्तिखार ने भारत के उस आरोप को नकार दिया जिसमें पाकिस्तान को पहलगाम आतंकी हमले का जिम्मेदार ठहराया गया था। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और सुरक्षा परिषद के सभी सदस्य इस हमले की निंदा कर चुके हैं।
इफ्तिखार ने भारत द्वारा सिंधु जल संधि को एकतरफा निलंबित करने के फैसले को भी बैठक में गंभीरता से उठाया। उन्होंने याद दिलाया कि यह संधि विश्व बैंक की मध्यस्थता में बनी थी और युद्धों के दौरान भी बरकरार रही थी।
पाकिस्तानी दूत ने कहा, "पानी ज़िंदगी है, हथियार नहीं। ये नदियां 24 करोड़ पाकिस्तानियों की ज़रूरतें पूरी करती हैं। अगर इनके बहाव को बाधित किया गया, तो यह सीधी आक्रामकता होगी, जो हर निम्न प्रवाही देश के लिए ख़तरा बन सकती है।"
(पीटीआई इनपुट के साथ)
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कनाडा में 'एंटी हिंदू' परेड के खिलाफ भारत ने जताया कड़ा विरोध, कनाडाई उच्चायोग से कहा- 'धमकियों पर हो सख्त कार्रवाई'
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कनाडा के टोरंटो में हिंदू विरोधी परेड निकाली गई। अब भारत ने कनाडा के समक्ष एंटी हिंदू परेड को लेकर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है। परेड में भारतीय नेतृत्व के खिलाफ आपत्तिजनक, धमकी भरी भाषा और अस्वीकार्य छवि का इस्तेमाल किया गया। साथ ही भारत ने देश विरोधी तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की भी मांग की है।
भारत ने परेड को लेकर नई दिल्ली में कनाडाई उच्चायोग (Canadian High Commission) के समक्ष विरोध दर्ज कराया। एक सूत्र ने इसको लेकर बताया, 'हमने टोरंटो में आयोजित परेड के बारे में कनाडाई उच्चायोग को कड़े शब्दों में अपनी चिंताएं बताईं, जहां हमारे नेतृत्व और कनाडा में रहने वाले भारतीय नागरिकों के खिलाफ अस्वीकार्य छवियां और धमकी भरी भाषा का इस्तेमाल किया गया।'
भारत विरोधी तत्वों' के खिलाफ कार्रवाई की मांगपरेड में कथित तौर पर खालिस्तान समर्थक प्रचार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित भारतीय नेताओं पर हमला करने वाली छवियां दिखाई गईं।
भारतीय पक्ष ने फिर से कनाडाई अधिकारियों से उन 'भारत विरोधी तत्वों' के खिलाफ कार्रवाई करने का एलान किया जो नफरत फैला रहे हैं और उग्रवाद तथा अलगाववादी एजेंडे की वकालत कर रहे हैं।
कनाडा में चुनाव के बाद हुआ विरोधदोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव का यह ताजा मामला कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी की आम चुनाव में जीत के कुछ दिनों बाद सामने आया है।
8 लाख हिंदुओं को देश से निकालने की मांगदरअसल टोरंटो के माल्टन गुरुद्वारा में हिंदू विरोधी परेड निकाली गई और हिंदुओं को निर्वासित करने का एलान किया गया है। खालिस्तान समर्थकों ने रैली में न सिर्फ खालिस्तान के झंडे लहराए बल्कि विदेश मंत्री एस जयशंकर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह के आपत्तिजनक पुतले भी हाथ में लिए हुए थे। इसके अलावा खालिस्तान समर्थकों ने कनाडा में रह रहे करीब 8 लाख हिंदुओं को देश से निकालने की भी मांग की।
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