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Weather Update: दिल्ली-यूपी समेत इन राज्यों में गर्मी से राहत, तेज आंधी के साथ गिरी बारिश की बूंदें

Dainik Jagran - National - May 16, 2025 - 5:17pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली एनसीआर में शुक्रवार शाम को अचानक मौसम में बदलाव देखने को मिला है। इस समय आसमान में काले बादल छाए हैं और तेज बारिश हो रही है। इसके साथ ही तेज हवाएं चल रही हैं। मौसम विभाग ने कुछ देर पहले बताया था कि दिल्ली समेत कई राज्यों में मौसम बदलेगा और हल्की बारिश हो सकती है।

दिल्ली में बदला मौसम का मिजाज

दिल्ली एनसीआर में शुक्रवार शाम अचानक मौसम बदल गया है। आसमान में काले बादल छाए हैं और दिल्ली के कई हिस्सों में झमाझम बारिश हो रही है। वहीं, इसके साथ तेज हवाएं भी चल रही हैं। अचानक मौसम बदलने के कारण लोगों को गर्मी से राहत मिली है।

VIDEO | Rain lashes parts of Delhi-NCR. Visuals from Sansad Marg.

(Full video available on PTI Videos - https://t.co/n147TvqRQz) pic.twitter.com/dxuRgB7fO9

— Press Trust of India (@PTI_News) May 16, 2025

बता दें कि राजधानी दिल्ली समेत आसपास के क्षेत्रों में आज तापमान में काफी बढ़ोतरी देखने को मिली। सुबह से ही खिली तीखी धूप के कारण लोगों को भीषण गर्मी का सामना करना पड़ा है।

VIDEO | Rainfall lashes parts of Delhi-NCR. Visuals from North Block.

(Full video available on PTI Videos - https://t.co/n147TvqRQz) pic.twitter.com/zioFj2k7sZ

— Press Trust of India (@PTI_News) May 16, 2025

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जानिए पिछले 24 घंटों के मौसम का हाल

गत 24 घंटों के मौसम की बात करें तो छत्तीसगढ़, सौराष्ट्र और कच्छ, झारखंड, मध्य प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर 60-80 किमी प्रति घंटे की गति से तूफानी हवाएं चलीं। इसके अलावा महाराष्ट्र, मराठवाड़ा, पश्चिम बंगाल के गंगा के मैदानी इलाकों में तूफानी हवाएं चलीं। कुछ जगहों पर बूंदाबादी भी देखने को मिली।

मौसम विभाग ने बताया कि अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, पश्चिमी मध्य प्रदेश, कोंकण समेत अन्य तटीय इलाकों में भारी बारिश देखने को मिली। वहीं, हिमाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल के गंगा के मैदानी इलाकों, झारखंड और पश्चिमी मध्य प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर ओलावृष्टि देखने को मिली।

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इन राज्यों में लू की चेतावनी

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, 16 और 17 मई को दक्षिण-पश्चिम उत्तर प्रदेश, 16 से 22 मई तक पश्चिमी राजस्थान, 18 और 19 मई को उत्तरी मध्य प्रदेश में लू चलने की संभावना है। इसके अलावा 16 और 17 मई को बिहार और ओडिशा में गर्म और आर्द्र मौसम रहने की संभावना है।

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हरे कृष्ण मंदिर पर बेंगलुरु की इस्कॉन सोसाइटी को मिला अधिकार, सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला

Dainik Jagran - National - May 16, 2025 - 5:15pm

आईएएनएस, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने स्वामी प्रभुपाद जी की संस्था इस्कॉन के आपसी संपत्ति विवाद का पटाक्षेप करते हुए यह स्पष्ट किया कि बेंगलुरु का इस्कॉन मंदिर असल में इस्कॉन सोसाइटी मुंबई का नहीं है, बल्कि यह इस्कॉन सोसाइटी बेंगलुरु का है, जो कर्नाटक समाज अधिनियम के तहत पंजीकृत है।

जस्टिस अभय एस. ओका और ए.जी. मसीह की खंडपीठ ने शुक्रवार को कर्नाटक हाई कोर्ट के पहले के निर्णय को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि बेंगलुरु का इस्कॉन मंदिर, असल में इस्कान सोसाइटी मुंबई नामक संस्था का है।

शीर्ष अदालत में लगाई थी याचिका

इस्कॉन, बेंगलुरु ने 2 जून, 2011 को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें हाई कोर्ट के 23 मई, 2011 के निर्णय को चुनौती दी गई थी। याचिका में इस्कॉन, बेंगलुरु के पदाधिकारी कोडंडरामा दास ने हाई कोर्ट के उस निर्णय का विरोध किया, जिसने बेंगलुरु की एक स्थानीय अदालत के 2009 के आदेश को पलट दिया था।

स्थानीय अदालत ने पहले इस्कॉन, बेंगलुरु के पक्ष में निर्णय दिया था। इसमें इसके कानूनी अधिकार को मान्यता दी गई थी और इस्कॉन, मुंबई के खिलाफ स्थायी निषेधाज्ञा जारी की गई थी।

स्थानीय अदालत ने सुनाया था फैसला
  • स्थानीय अदालत ने यह घोषित किया था कि इस्कॉन सोसाइटी बेंगलुरु, जो जुलाई 1978 में कर्नाटक समाज पंजीकरण अधिनियम के तहत पंजीकृत है, हरे कृष्ण हिल्स स्थित मंदिर संपत्ति का पूर्ण मालिक है और इस्कॉन सोसाइटी मुंबई को इसके मामलों में हस्तक्षेप करने से रोका गया था।
  • इस्कॉन सोसाइटी बेंगलुरु ने यह घोषणा करने की मांग की थी कि इस्कॉन सोसाइटी मुंबई के पास उसके पदाधिकारियों को हटाने या उसकी संपत्तियों या प्रशासन पर नियंत्रण करने का कोई अधिकार नहीं है। दूसरी ओर, इस्कॉन सोसाइटी मुंबई का कहना था कि बेंगलुरु केंद्र ने कभी भी स्वतंत्र कानूनी इकाई के रूप में कार्य नहीं किया और इस्कॉन बेंगलुरु के नाम पर या उसकी अधिग्रहित सभी संपत्तियां वास्तव में इस्कान सोसाइटी मुंबई की हैं।
  • कर्नाटक हाई कोर्ट ने यह निर्णय दिया कि बेंगलुरु के हरे कृष्ण हिल्स मंदिर परिसर का स्वामित्व व अधिकार इस्कान सोसाइटी मुंबई के पास है, और इसने स्थानीय अदालत द्वारा पारित निर्णय को पलट दिया।

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भारत का स्वदेशी 'आयरन डोम', जिसने पाक के हर ड्रोन का किया काम तमाम; जानिए क्यों खास है 'आकाशतीर'

Dainik Jagran - National - May 16, 2025 - 4:45pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर की गूंज दुनियाभर में सुनाई दे रही है। पाक के आतंकी अड्डों पर इस हमले के बाद भारत-पाक में संघर्ष तक छिड़ गया। हालांकि, यहां भी पाक सेना को मुंह की खानी पड़ी। उनके ड्रोन हमारे 'आकाशतीर' के सामने कहीं नहीं टिक पाए। 

इस आकाशतीर को स्वदेशी 'आयरन डोम' भी कहा जाता है। पाकिस्तान की सीमा से आए हर ड्रोन को पूरी तरह फेल करने का काम भी इसी आकाशतीर ने किया था।

जब पाकिस्तान की सेना ने ड्रोन और मिसाइल से हमला बोला तो उसे भारत की 'आकाशतीर' जैसी स्वदेशी अभेद्य आत्मरक्षा दीवार का सामना करना पड़ा। जिसके सामने उसके ड्रोन फुस साबित हुए। आइए, जानते हैं आखिर आकाशतीर क्या है और ये क्यों खास है...

पीएम मोदी ने भी जिसकी तारीफ की
  • 13 मई को पीएम मोदी पंजाब के आदमपुर एअरबेस पर गए और उन्होंने सैनिकों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि पाक ने हमारे एअरबेस, स्कूल और अस्पतालों को निशाना बनाने की कोशिश की, लेकिन सब हमारे एअर डिफेंस सिस्टम के आगे फेल रहे। 
  • पीएम मोदी ने जिस एअर डिफेंस सिस्टम की बात की वो और कोई नहीं, बल्की भारत का स्वदेशी आकाशतीर कमांड एंड कंट्रोल डिफेंस सिस्टम है। 
आकाशतीर क्या है?

आकाशतीर एक स्वदेशी निर्मित कमांड एंड कंट्रोल डिफेंस सिस्टम है। इसे डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO), भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) और इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO) ने मिलकर बनाया है। 

इसका मुख्य काम जमीन के आसपास के क्षेत्र में एअर डिफेंस करना है। इसी के साथ ये ग्राउंड पर लगे डिफेंस वेपन को भी कंट्रोल करता है। ये रडार, सेंसर और कम्युनिकेशन सिस्टम को इंटिग्रेट करके काम करता है।

कैसे काम करता है आकाशतीर?
  • आकाशतीर ने सभी पाकिस्तानी ड्रोन, मिसाइलों, माइक्रो यूएवी (मानव रहित हवाई वाहन) को नष्ट कर दिया था। दरअसल, आकाशतीर कई फीड से डेटा इकट्ठा करता है और मौसम, इलाके और रडार इंटरसेप्टर से रियल टाइम डेटा लेता है। ये दुश्मन की ओर से आ रहे किसी भी खतरे की एक दम साफ इमेज प्रोवाइड करता है और उसे हवा में ही मार गिराता है।
  • यही नहीं, ये इंटर ऑपरेटेबिलिटी का काम भी करता है। इसका मतलब है कि ये एक साथ कई मशीनों के साथ काम कर सकता है। ये सरफेस टू एअर मिसाइल, रडार सिस्टम और स्पाइडर सिस्टम से कनेक्ट करके पूरा डाटा दे सकता है।
  • ये प्लेटफॉर्म रडार सिस्टम, सेंसर और संचार तकनीकों को एक ही परिचालन ढांचे में एकीकृत करता है। 

क्यों खास है आकाशतीर?

आकाशतीर इसलिए भी कमाल की है, क्योंकि ज्यादातर एअर डिफेंस के पारंपरिक मॉडल ग्राउंड-आधारित रडार, मानव-निगरानी प्रणालियों और कमांड चेन द्वारा ट्रिगर की गई सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल बैटरियों पर बहुत अधिक निर्भर करते हैं।

वहीं, आकाशतीर तकनीक युद्ध क्षेत्रों में निचले स्तर के हवाई क्षेत्र की निगरानी और जमीन-आधारित एअर डिफेंस हथियार प्रणालियों पर नियंत्रण करता है।

आकाशतीर ने यह दिखाया है कि यह दुनिया में मौजूद किसी भी डिफेंस सिस्टम से ज्यादा कारगर है, डाटा लेता है और हमला करता है। यह व्हीकल माउंटेड सिस्टम है, जो इसे कहीं भी ले जाने में आसान बनाता है।

Source:

  • PIB (प्रेस इंफर्मेशन ब्यूरो)
  • https://www.pib.gov.in/PressReleaseIframePage.aspx?PRID=1911937

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जस्टिस बेला त्रिवेदी को फेयरवेल न देने पर CJI बीआर गवई ने जताई नाराजगी, कहा- यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण

Dainik Jagran - National - May 16, 2025 - 4:30pm

 नई दिल्ली, पीटीआई। जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की रिटायरमेंट पर उन्हें फेयरवेल पार्टी नहीं दी गई। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने इस पर आपत्ति जताई की है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के बार एसोसिएशन (SCBA) से नाराजगी जाहिर की है।

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) ने सेरेमोनियल बेंच की बैठक के दौरान कहा कि मैं सबसे सामने आपत्ति जता रहा हूं क्योंकि मैं सीधे बात करने में विश्वास रखता हूं।

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CJI का बयान

दरअसल सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन और सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स ऑन रिकॉर्ड एसोसिएशन की ओर से जजों की रिटायरमेंट पर फेयरवेल आयोजित किए जाते हैं। हालांकि जस्टिस बेला त्रिवेदी की रिटायरमेंट पर कोई भी औपचारिक फेयरवेल नहीं रखा गया। जस्टिस गवई का कहना है कि ऐसा कोई आयोजन न करना दुर्भाग्यपूर्ण है।

यह गलत है: CJI

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष कपिल सिब्बल हैं और रचना श्रीवास्तव उपाध्यक्ष हैं। जस्टिस गवई ने दोनों की तारीफ करते हुए कहा, "मैं कपिल सिब्बल और रचना श्रीवास्तव की सराहना करता हूं, लेकिन SCBA ने जो स्टैंड लिया है वो सही नहीं है। मैं खुलकर बात रखने वाला व्यक्ति हूं, इसलिए कह रहा हूं कि यह गलत है।"

जस्टिस गवई ने कहा-

जस्टिस कई तरह के होते हैं, लेकिन जस्टिस बेला त्रिवेदी ने अपने पूरे करियर में स्पष्टता के साथ बात रखी है। वो काफी मेहनती थीं और बिना किसी डर के फैसला सुनाती थीं।

जस्टिस मसीह ने भी CJI का किया समर्थन

सीजेआई गवई के अलावा जस्टिस मसीह ने भी अपने भाषण में कहा, "जस्टिस त्रिवेदी को बार एसोसिएशन की तरफ से विदाई देनी चाहिए थी।"

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पाकिस्तान पर एक्शन है बाकी! कई देशों के दौरे पर जाएंगे भारतीय प्रतिनिधमंडल; कांग्रेस ने की यह मांग

Dainik Jagran - National - May 16, 2025 - 3:59pm

पीटीआई, नई दिल्ली। भारत सरकार आने वाले दिनों में पाकिस्तान से आतंकवाद पर भारत का रुख समझाने के लिए कई देशों में बहुदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल भेजने की योजना बना रही है। कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि वह निश्चित रूप से इसका हिस्सा होगी।

हालांकि, अभी तक सरकार की ओर से प्रतिनिधिमंडलों के बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने बताया कि केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने इस संबंध में कांग्रेस अध्यक्ष से बात की है।

जयराम रमेश ने बीजेपी पर साधा निशाना

कांग्रेस नेता ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "प्रधानमंत्री संसद का विशेष सत्र बुलाने पर सहमत नहीं हुए हैं, जिसकी मांग भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस सामूहिक इच्छाशक्ति प्रदर्शित करने और 22 फरवरी, 1994 को संसद द्वारा सर्वसम्मति से पारित प्रस्ताव को दोहराने के लिए कर रही है।"

'प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा होगी कांग्रेस'

रमेश ने दावा किया कि प्रधानमंत्री और उनकी पार्टी कांग्रेस को लगातार बदनाम कर रही है, जबकि कांग्रेस एकता और एकजुटता का आह्वान कर रही है। उन्होंने कहा, "अब अचानक प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान से आतंकवाद पर भारत का रुख स्पष्ट करने के लिए बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल विदेश भेजने का फैसला किया है।"

जयराम रमेश ने कहा, "भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस हमेशा सर्वोच्च राष्ट्रीय हित में रुख अपनाती है और भाजपा की तरह कभी भी राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों का राजनीतिकरण नहीं करती है। इसलिए, कांग्रेस निश्चित रूप से इन प्रतिनिधिमंडलों का हिस्सा होगी।"

'ऑपरेशन सिंदूर'

बता दें, ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में 7 मई की सुबह पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी बुनियादी ढांचे पर सटीक हमले कर उसे तबाह किया था। ऑपरेशन सिंदूर के तहत करीब 100 से ज्यादा आतंकवादियों का सफाया भी किया गया है।

'हर कोई चाहता है उसका नाम अखबारों में छपे', वक्फ कानून पर SC का कड़ा रुख; नई याचिकाएं की खारिज

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