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Weather Update: इन 8 राज्यों में लू की चेतावनी, राजस्थान में रेड अलर्ट; जानिए यूपी-बिहार समेत अपने राज्य का हाल

Dainik Jagran - National - April 8, 2025 - 7:50pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Mausam Ki Jankari: देश की राजधानी दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत में भीषण गर्मी (Heat Wave) का प्रकोप देखने को मिल रहा है। उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब समेत कई राज्यों में लगातार तापमान में बढ़त देखने को मिल रही है। कुछ शहरों में तो पारा रिकॉर्ड तोड़ रहा है।

इस बीच भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने कई राज्यों में हीट वेव (Heat Wave) को लेकर चेतावनी जारी की है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अपने ताजा अपडेट में बताया कि अगले दो दिनों तक दिल्ली, पश्चिमी राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात के कुछ हिस्सों में हीट वेव का प्रकोप रहेगा।

पिछले 24 घंटे के मौसम का हाल

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) द्वारा दिए गए ताजा अपडेट के अनुसार, पिछले 24 घंटों में पश्चिमी राजस्थान के अधिकांश हिस्सों में लू की स्थिति रही। वहीं, राजधानी दिल्ली में भी तापमान 40 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया। दिल्ली में सोमवार को इस मौसम की पहली लू चली।

मौसम विभाग ने बताया कि गत 24 घंटों में हिमाचल प्रदेश, पंजाब के कुछ स्थानों पर भीषण गर्मी की स्थिति रही। हरियाणा-चंडीगढ़ और पश्चिमी मध्य प्रदेश, गुजरात क्षेत्र के कुछ स्थानों पर भीषण गर्मी की स्थिति रही। वहीं, त्रिपुरा में कुछ स्थानों पर आंधी तूफान देखने को मिला।

अगले 24 घंटे के मौसम का पूर्वानुमान

मौसम विभाग द्वारा जारी पूर्वानुमान में बताया गया कि 09 अप्रैल को पश्चिमी राजस्थान के कई स्थानों पर लू चलने की संभावना है, इसको देखते हुए रेड अलर्ट जारी किया गया है। सोमवार को राजस्थान का बाड़मेर सबसे गर्म रहा। जहां पर तापमान 45 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसके अलावा बुधवार को सौराष्ट्र और कच्छ, पूर्वी राजस्थान, पंजाब, हरियाणा चंडीगढ़ और दिल्ली के कुछ स्थानों पर लू चलने की संभावना है।

वहीं, 08 से 10 अप्रैल के दौरान पश्चिमी मध्य प्रदेश के कुछ स्थानों पर गर्म रात की स्थिति की संभावना है। इसके साथ राजस्थान, मराठवाड़ा, मध्य महाराष्ट्र और 08 अप्रैल को पंजाब, हरियाणा चंडीगढ़ और दिल्ली में भी भीषण गर्मी का सितम देखने मिल सकता है। मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले 2 दिनों तक तापमान में कमी होनी की कोई संभावना नहीं है।

इन राज्यों में बारिश की संभावना

जहां एक ओर उत्तर भारत में गर्मी का सितम देखने मिल रहा है। वहीं, दक्षिण भारत के कई हिस्सों में बारिश देखने को मिल रही है। इस बीच मौसम विभाग ने बताया कि 08 और 09 अप्रैल को तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल, तटीय आंध्र प्रदेश और यनम, केरल और माहे, तटीय आंध्र प्रदेश और यनम तेलंगाना, कर्नाटक में गरज, बिजली और तेज हवाओं के साथ हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है।

इसके अलावा 08-12 अप्रैल के दौरान पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में भी हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। 09 अप्रैल को बिहार के कुछ हिस्सों में ओलावृष्टि हो सकती है। 09 और 10 अप्रैल को असम और मेघालय में छिटपुट स्थानों पर भारी वर्षा की संभावना है।

इसलिए पड़ रही इतनी गर्मी

मौसम विज्ञानियों का कहना है कि अप्रैल में ही इस साल इतनी अधिक गर्मी पड़ने की वजह जलवायु परिवर्तन एवं ग्लोबल वार्मिंग का असर तो है ही, पश्चिमी विक्षोभों का अभाव भी है। मार्च में 90 प्रतिशत तक कम वर्षा दर्ज हुई तो अप्रैल में अभी तक एक बूंद भी नहीं बरसी है। इस पर भी हवा की दिशा अब दक्षिणी पूर्वी हो गई है।

राजस्थान की ओर से आ रही गर्म हवा और ज्यादा गर्मी बढ़ा रही है। तब बनती है लू वाली स्थिति:-मौसम विभाग के मुताबिक जब अधिकतम तापमान 40 डिग्री से ऊपर और सामान्य से साढ़े चार से साढ़े छह डिग्री सेल्सियस ऊपर रहता है तो ऐसी स्थिति को लू की स्थिति मानी जाती है।

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स्वास्थ्य के लिए चुनौती, हर 140 लोगों में एक हेपेटाइटिस बी की चपेट में; जानिए बचाव के उपाय

Dainik Jagran - April 8, 2025 - 7:35pm

जागरण संवाददाता, पटना। लिवर को प्रभावित करने वाला हेपेटाइटिस बी जैसे खतरनाक वायरल संक्रमण का शिकंजा प्रदेश में कसता जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, अनुमान है कि प्रति 140 लोगों में से एक बच्चा या व्यस्क हेपेटाइटिस बी तो 225 में से एक हेपेटाइटिस की चपेट में है। स्वास्थ्य विभाग ने वर्ष 2024-25 में जिन 9 लाख 72 हजार 521 लोगों की स्क्रीनिंग की गई थी उनमें से 6 हजार 895 पॉजिटिव मिले थे।

इसी दौरान 3 लाख 51 हजार 89 लोगों की हेपेटाइटिस सी की स्क्रीनिंग की गई और 1 हजार 561 संक्रमित मिले। लिवर रोग विशेषज्ञ पद्मश्री अलंकृत डॉ. विजय प्रकाश के अनुसार हेपेटाइटिस बी संक्रमण लंबे समय में तक बिना इलाज के रहने पर सिरोसिस या लिवर कैंसर का कारण बन सकता है। हेपेटाइटिस ए, बी, सी, डी व ई में से हेपेटाइटिस बी को सबसे खतरनाक माना जाता है।

इसका पता चलने पर भी क्रोनिक संक्रमण में जीवनभर एंटीवायरल दवाएं खानी पड़ती है। हेपेटाइटिस बी का संक्रमण सबसे ज्यादा मां से बच्चे को होता है। यही नहीं, हेपेटाइटिस बी खून चढ़ाने, इस्तेमाल सूई के प्रयोग, असुरक्षित यौन संबंध, टैटू बनवाने, नाक-कान छिदवाने, हेपेटाइटिस पीड़ित से उसके पार्टनर या घर में साथ रहने वालों को हो सकता है।

आइजीआइएमएस बना मॉडल उपचार केंद्र, सभी जिलों में उपचार व्यवस्था:

सभी प्रकार के हेपेटाइटिस की निशुल्क जांच, निदान एवं उपचार के लिए इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान आइजीआइएमएस में आदर्श उपचार केंद्र स्थापित किया गया है। इसके अलावा आरएमआरआइ में राज्यस्तरीय प्रयोगशाला है।

वहीं, 35 जिलों एवं सभी मेडिकल कॉलेजों में एक-एक उपचार केंद्र एवं एक-एक जांच केंद्र स्थापित किया गया है। दरभंगा के बेनीपुर अनुमंडलीय अस्पताल में भी हेपेटाइटिस की जांच-दवा की मुफ्त सुविधा है।

जन्म के समय हेपेटाइटिस बी का टीका से पूरी सुरक्षा:

हेपेटाइटिस ए, सी, डी व ई उपचार से पूरी तरह ठीक हो जाते हैं। ऐसे में सरकार सबसे खतरनाक व जानलेवा हेपेटाइटिस बीच से सुरक्षा देने के लिए मुफ्त टीकाकरण करा रही है। इससे सुरक्षा जन्म के समय हेपेटाइटिस वैक्सीन देकर की जा सकती है।

थकावट, गहरे रंग की यूरिन, पीला मल, पेट में दर्द रहना, भूख खत्म होना, वजन में अप्रत्याशित कमी, त्वचा एवं आंखों में पीलापन इसके लक्षण है। गंभीर स्थिति में खून की उल्टी होती है। हेपेटाइटिस ए व ई दूषित जल व दूषित भोजन से हाेता है। हेपेटाइटिस बी, सी व डी संक्रमित रक्त एवं शरीर में मौजूद संक्रमित द्रवों से फैलते हैं।

हेपेटाइटिस से बचाव के उपाय:

हेपेटाइटिस से बचाव के लिए कुछ ज़रूरी सावधानियाँ और उपाय अपनाए जा सकते हैं। हेपेटाइटिस मुख्यतः पाँच प्रकार का होता है: A, B, C, D और E। इनमें से A और E आमतौर पर संक्रमित पानी और भोजन से फैलते हैं, जबकि B, C और D खून और शारीरिक तरल पदार्थों से फैलते हैं।

हेपेटाइटिस से बचाव के उपाय:
  • हमेशा उबला या फिल्टर शुद्ध पानी पिएं, बाहर का खुला खाना खाने से बचें।
  • हेपेटाइटिस ए व बी के लिए सुरक्षित एवं प्रभावी वैक्सीन उपलब्ध हैं। खासकर यदि जोखिम वाले क्षेत्रों में रहते या यात्रा करते हैं।
  • संक्रमित सूइयों या ब्लड से बचाव के लिए इंजेक्शन, टैटू या पियर्सिंग के लिए हमेशा नए-साफ-सुथरे उपकरणों का उपयोग करें।
  • केवल जांचे-परखे एवं लाइसेंस प्राप्त ब्लड बैंक से ही रक्त चढ़वाएं।
  • सुरक्षित यौन संबंध के लिए कंडोम का प्रयोग करें।
  • हेपेटाइटिस संक्रमित के संपर्क में हों तो उनके टूथब्रश, रेजर साझा न करें, खून या शरीर के तरल पदार्थ के संपर्क में नहीं आएं।
  • गर्भावस्था के दौरान महिलाओं की हेपेटाइटिस बी की जांच एवं संक्रमण की पुष्टि होने पर तत्काल उपचार कराएं, एवं स्वच्छ एवं ताजा भोजन करें।

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Bihar E-PACS: सितंबर तक 4000 समितियां बनेंगी ई-पैक्स, डिजिटल लेन-देन को मिलेगा बढ़ावा

Dainik Jagran - April 8, 2025 - 6:56pm

राज्य ब्यूरो, पटना। चालू वित्तीय वर्ष में चार हजार समितियों को ई-पैक्स के रूप में विकसित किया जाएगा। इसका उद्देश्य पैक्सों में डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देना है और गांवों में लोगों को डिजिटल सर्विस की सुविधाएं उपलब्ध कराना है।

सहकारिता विभाग ने सितंबर तक चिह्नित समितियों को ई-पैक्स के रूप में विकसित करने का कार्य पूरा करने का निर्देश दिया है। इसके बाद पैक्सों में कोई भी काम मैनुअल नहीं होगा। यहां प्रतिदिन के काम की ऑनलाइन एंट्री होगी। वैसे अब तक 500 समितियों को ई पैक्स के रूप में विकसित किया जा चुका है।

मैनुअल नहीं होगा ई-पैक्सों का काम

सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने राज्य के पैक्सों में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने का काम तेज करने का निर्देश दिया है। इसके लिए जिन पैक्सों को डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़ दिया गया है, उन ई-पैक्सों में निकट भविष्य में कोई भी काम मैनुअल नहीं होगा।

सहकारिता मंत्री के मुताबिक, ई-पैक्सों सभी तरह के वित्तीय लेनदेन डिजिटल रूप में हो रहे हैं जिसे और बढ़ावा दिया जा रहा है। इससे पैक्स सदस्यों को बेहतर सेवाएं देने में मदद मिलेंगी। बैंक खातों का उचित मिलान होगा। किसानों और समिति सदस्यों को जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों से ऋण सुविधा पाने में आसानी होगी।

समितियों की वित्तीय लेनदेन में किसी प्रकार की लापरवाही बरते जाने और मनमानी करने पर भी रोक लगेगी। इससे सही निगरानी करने में मदद मिलेगी। पैक्सों में जनऔषधि केंद्र, प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र, कामन सर्विस सेंटर, अनाज भंडारण आदि की सुविधा शुरू करने में मदद मिलेगी।

बिहार में निफ्टेम शुरू करने को ले खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय ने आकलन शुरू किया

दूसरी ओर, बिहार में नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ फूड टेक्नोलॉजी एंटरप्रेन्योरशिप एंड मैनेजमेंट (निफ्टेम) की स्थापना को ले खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय ने अपना आकलन आरंभ किया है। मंत्रालय के सचिव सहित अन्य अधिकारी बिहार के दौरे पर हैं। उद्योग विभाग के साथ हाजीपुर सहित उत्तर बिहार के कई जगहों पर मंत्रालय ने निफ्टेम की संभावना को देखा है।

इस वर्ष के केंद्रीय बजट में बिहार में निफ्टेम की स्थापना पर सहमति बनी थी। वर्तमान में देश में केवल दो जगहों पर निफ्टेम है। एक हरियाणा के कुंडली में तथा दूसरा तमिलनाडु के तंजावूर में है। बिहार में निफ्टेम की स्थापना के संबंध में कहा गया कि इसके माध्यम से बिहार में खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र की गतिविधियां बढ़ेगी। देश के पूर्वी क्षेत्र को भी इसका लाभ मिलेगा।

बिहार में फल और सब्जी की उपलब्धता यहां बड़े स्तर पर है पर खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में यहां इकाईयों की कमी है। निफ्टेम के माध्यम से बीटेक, एमटेक, की पढ़ाई 2012-13 से हो रही। इस संस्थान में खाद्य उत्पादों की जांच के लिए इनक्यूबेशन सेंटर भी होते हैं।

उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने कहा कि निफ्टेम के बिहार में शुरू होने का काफी फायदा मिलेगा। हाल के दिनों में बिहार में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग से जुड़ूे नए निवेशकों ने बिहार में अपनी इकाई स्थापित करने को रुचि दिखायी है। मखाना को लेकर भी नया माहौल बना है।

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Bihar News: नहीं काम आया राजनीतिक रसूख, हाई कोर्ट ने JDU नेता की FIR को कर दिया निरस्त; ये है पूरा मामला

Dainik Jagran - April 8, 2025 - 6:17pm

विधि संवाददाता, पटना। पटना हाई कोर्ट ने एक अहम निर्णय में मसूम खान के विरुद्ध दर्ज आपराधिक मुकदमे को दुर्भावना से प्रेरित करार देते हुए उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को निरस्त कर दिया।

न्यायाधीश चंद्रशेखर झा की एकलपीठ ने आदेश पारित करते हुए कहा कि प्रथम दृष्टया आरोपी के विरुद्ध कोई ठोस साक्ष्य नहीं है और निचली अदालत ने यंत्रवत तरीके से डिस्चार्ज याचिका को खारिज किया।

क्या था मामला?

पूर्व नगर पार्षद एवं जनता दल यूनाइटेड की जिला अध्यक्ष डॉ. कुमकुम सिन्हा ने 6 मार्च 2021 को मोतिहारी के बनजरिया थाना में प्राथमिकी दर्ज करा कर आरोप लगाया था कि 5 मार्च की शाम 7:45 बजे जब वे अपने क्लिनिक से घर लौट रही थीं, तो दो बिना नंबर प्लेट की बाइक पर सवार चार अज्ञात लोगों ने उनकी गाड़ी को रोककर 50 लाख की रंगदारी की मांग की।

उन्होंने दावा किया कि यह मांग “मसूम भाई” के फरमान पर की गई थी और भुगतान न करने पर उनके क्लिनिक में बम विस्फोट और बच्चों के अपहरण की धमकी दी गई।

याचिकाकर्ता की ओर से वरीय अधिवक्ता अमित श्रीवास्तव ने मसूम खान की ओर से तर्क दिया कि एफआईआर केवल संदेह के आधार पर दर्ज की गई थी।

उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता उस घटना स्थल पर उपस्थित नहीं थे और उनके खिलाफ लगाए गए डिजिटल माध्यम से उत्पीड़न के आरोप 2017 और 2020 की पुरानी घटनाओं पर आधारित हैं, जिनके प्रमाण भी संदेहास्पद हैं और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 65बी के तहत प्रमाणिक नहीं हैं।

क्या बोले दूसरे पक्ष के वकील?

वहीं, दूसरी ओर, विपक्षी पक्ष की ओर से अधिवक्ता अंसुल ने कहा कि मजिस्ट्रेट ने सभी पहलुओं पर विचार करते हुए ट्रायल योग्य मामला मानते हुए डिस्चार्ज याचिका खारिज की।

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि एफआईआर राजनीतिक प्रतिशोध से प्रेरित प्रतीत होती है और दर्ज घटना में याचिकाकर्ता की भूमिका केवल “शंका” पर आधारित है, जिसका कोई ठोस प्रमाण नहीं है।

मजिस्ट्रेट ने बिना उचित परीक्षण के डिस्चार्ज याचिका खारिज की, जो कि प्रक्रियात्मक न्याय के विरुद्ध है। न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि केवल प्राथमिकी और पुलिस रिपोर्ट के आधार पर किसी निर्दोष व्यक्ति को ट्रायल में घसीटना न्यायसंगत नहीं है।

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