Feed aggregator
Trump's 50% steel tariff to have limited direct impact but China dumping a worry: Analysts - Moneycontrol
- Trump's 50% steel tariff to have limited direct impact but China dumping a worry: Analysts Moneycontrol
- Trump tariffs live updates: Mexico threatens countermeasures if US keeps 50% metal tariffs BBC
- GOI Needs Nerves Of Steel Times of India
- Heavy metal duties kick in as US awaits 'best offers' from nations The Economic Times
- Canada steelworkers urge Ottawa to counter Trump Hindustan Times
क्या है राजा रघुवंशी की मर्डर मिस्ट्री का सच? हनीमून मनाने इंदौर से गए मेघालय, खाई में मिली लाश; पत्नी की तलाश जारी
डिजिटल डेस्क. नई दिल्ली। उत्तर पूर्व अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। देशों-विदेश से लोग इन राज्यों में वेकेशन लेकर हनीमून तक मनाने आते हैं। इंदौर का एक कपल भी कुछ दिनों पहले मेघायल हनीमून मनाने पहुंचा था। 11 मई को राजा रघुवंशी और सोनम रघुवंशी की शादी हुई थी।
दोनों 20 मई को हनीमून मनाने मेघायल पहुंचे थे। हालांकि, मेघायल में दोनों के साथ जो कुछ हुआ उसकी कहानी सुनकर लोग पूरी तरह स्तब्ध हैं। दोनों के परिवारवालों ने इस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरों (CBI) से जांच की मांग की है। मेघालय पुलिस ने इस हत्या का मामला बताया है।
पुलिस ने जानकारी दी कि 22 मई को कपल किराए के स्कूटर पर मावलखियात गांव पहुंचा और वहां से नोंग्रियाट गांव में प्रसिद्ध 'लिविंग रूट ब्रिज' देखने के लिए 3000 सीढ़ियां उतरकर गया। वे रात भर एक होमस्टे में ठहरे थे। फिर 23 मई को सुबह वहां से दोनों निकले थे। इसके कुछ घंटों के बाद दोनों लापता हो गए।
राजा की मां और सोनम के बीच क्या हुई थी बात?लापता होने से ठीक पहले सोनम ने अपनी सास यानी राजा की मां से फोन पर बातचीत की थी। राजा की मां ने बताया कि जिस दिन मेरी सोनम से बातचीत हुई थी उस दिन सोनम ने व्रत (उपवास) रखा था। सोनम और राजा दोनों पैदल यात्रा कर रहे थे। मैंने सोनम से कुछ खाने के लिए कहा था, लेकिन उसने मना कर दिया। सोनम ने कहा था कि मैं घुमने के चक्कर में व्रत थोड़ी तोड़ दूंगी। सोनम ने सास के कहा था की वो ट्रेकिंग कर रही है। वो बाद में बात करेगी। इसके बाद कॉल कट गया।
पूर्व खासी हिल्स के पुलिस अधीक्षक विवेक सिएम ने मीडिया को बताया, हमने पीड़ित का मोबाइल फोन और हत्या में इस्तेमाल हथियार, एक चाकू बरामद किया है। इस चाकू का इस्तेमाल केवल इस अपराध के लिए किया गया था। राजा के भाई सचिन रघुवंशी ने जानकारी दी कि शव इतना सड़ चिका था कि चेहरा पहचानना भी मुश्किल था। राजा की सोने की अंगूठियां, चेन और बटुआ गायब है।
मेघायल के मुख्यमंत्री कोनराज के. संगमा ने भी इस मामले पर चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा हम पर्यटकों को अपने परिवार की तरह मानते हैं। मैं व्यक्तिगत रूप से तलाशी और बचाव कार्यों की निगरानी कर रहा हूं। इस घटना पर मध्य प्रदेश सरकार ने भी शोक जताया है।
यह भी पढ़ें: Indore News: शिलांग हनीमून पर गया कपल अचानक हुआ गायब, अनहोनी की आशंका; परिवार ने सरकार से लगाई गुहार
नेहरू सरकार ने नियम तोड़कर किसे बनाया था CJI, बीआर गवई ने क्यों किया 61 साल पुराने किस्से का किया जिक्र?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश में न्यायाधीशों की नियुक्ति करने के लिए बने कॉलेजियम सिस्टम को लेकर समय-समय पर सवाल उठते रहे हैं। कई दफा कॉलेजियम सिस्टम को लेकर सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार के बीच तकरार भी देखने को मिलती रही है। इस बीच प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई (CJI BR Gavai) ने जजों की नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर नेहरू और इंदिरा गांधी का नाम लेकर कांग्रेस सरकार की गलतियां याद दिलाईं। उन्होंने कहा कि सरकार ने मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति करते समय दो बार सबसे सीनियर जजों को नजरअंदाज कर दिया था।
CJI बीआर गवाई ने जजों की नियुक्ति को लेकर यह टिप्पणी ब्रिटेन के सुप्रीम कोर्ट की ओर से आयोजित एक गोलमेज सम्मेलन में की। सीजेआई यहां 'न्यायिक वैधता और सार्वजनिक विश्वास बनाए रखना' विषय पर संबोधित कर रहे थे।
CJI बीआर गवई ने क्या कहा?सीजेआई ने कहा -भारत में न्यायिक नियुक्तियों में प्राथमिकता विवाद का एक बड़ा मुद्दा है। साल 1993 तक सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में जजों की नियुक्ति में आखिरी फैसला कार्यपालिका (सरकार) का होता था। उस वक्त देश के प्रधान न्यायाधीश की नियुक्ति में सरकार ने दो बार न्यायाधीश के फैसले की अनदेखी करते हुए परंपरा के उलट फैसला किया था।
साल 1964 में सीजेआई पद व्यवस्था के मुताबिक, जस्टिस सैयद जफर इमाम और जस्टिस हंस राज खन्ना को बनाया जाना था, लेकिन उस वक्त जवाहरलाल नेहरू सरकार ने दोनों वरिष्ठ जजों में से किसी को भी सीजेआई नहीं बनाया। दोनों को स्वास्थ्य संबंधी समस्या से पीड़ित होने की बात कहकर जस्टिस पी बी गजेंद्रगडकर को प्रधान न्यायाधीश का पद सौंप दिया था।
आखिर कौन हैं, वो सीजेआई थे, जिनकों नेहरू सरकार में सीनियर जजों को नजरअंदाज कर चीफ जस्टिस नियुक्त गिया था। आइए हम आपको बताते हैं...
सीजेआई गवई ने नेहरू के समय सीजेआई बनने वाले जिन न्यायाधीश का जिक्र किया, उनका नाम न्यायमूर्ति पी.बी. गजेंद्रगडकर (P.B. Gajendragadkar) है।
न्यायमूर्ति पी.बी. गजेंद्रगडकर देश के सातवें मुख्य न्यायाधीश थे। उनका पूरा नाम प्रहलाद बालाचार्य गजेंद्रगडकर था।
पी बी गजेंद्रगडकर का जन्म 16 मार्च, 1901 में बंबई प्रेसीडेंसी के सतारा के ब्राह्मण परिवार गजेंद्रगडकर बालाचार्य के घर हुआ था। उनके पिता बालाचार्य संस्कृत के विद्वान थे।
पी.बी. गजेंद्रगडकर ने 1924 में डेक्कन कॉलेज (पुणे) से पोस्ट ग्रेजुएशन और 1926 में आईएलएस लॉ कॉलेज से एलएलबी की थी। इसके बाद वह अपीलीय पक्ष में बम्बई बार में शामिल हो गए। साल 1945 में पी बी गजेंद्रगडकर को बंबई हाईकोर्ट का जज नियुक्त किया गया था। फिर जनवरी, 1956 में पदोन्नत सर्वोच्च न्यायालय की बेंच में शामिल किया गया।
इसके बाद साल 1 फरवरी, 1964 में पी.बी. गजेंद्रगडकर भारत के प्रधान न्यायाधीश बने। न्यायमूर्ति पी.बी. गजेंद्रगडकर 15 मार्च, 1966 तक सीजेआई के रहे।
सीजेआई पद से सेवानिवृत्त होने के बाद केंद्रीय विधि आयोग, राष्ट्रीय श्रम आयोग, महंगाई भत्ता आयोग, प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया, बैंक पुरस्कार आयोग, जम्मू-कश्मीर जांच आयोग, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय जांच आयोग और भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान जांच आयोग जैसे कई आयोगों का नेतृत्व किया।
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के अनुरोध पर उन्होंने दक्षिण भारत में गांधीग्राम ग्रामीण संस्थान के मानद कार्यालय का आयोजन किया।
पी.बी. गजेंद्रगडकर पर लगते रहे कई आरोप?आरोप नंबर -1
न्यायमूर्ति पी.बी. गजेंद्रगडकर को नेहरू सरकार में जज नियुक्ति व्यवस्था के विरुद्ध जाकर देश का प्रधान न्यायाधीश बनाया गया था। इस कारण उन पर नेहरू और इंदिरा का विशेष हाथ होने के आरोप लगते रहे।
आरोप नंबर-2
जब सीजेआई के पद से रिटायर हुए तो न्यायाधीश शांति भूषण का नाम आया, लेकिन गजेंद्रगडकर उनकी उम्र का हवाला देते हुए नियुक्ति रोक दी थी, जब उस वक्त शांति भूषण 40 साल के थे। न्यायाधीश शांति भूषण का नाम फिर कभी सीजेआई के लिए आगे नहीं बढ़ाया गया और वे सीजेआई की कुर्सी के बेहद नजदीक पहुंचकर भी सीजेआई नहीं सके। बाद में जब जनता पार्टी की सरकार बनी तो न्यायाधीश शांति भूषण मोरारजी देसाई की सरकार में कानून मंत्री बने थे।
शांति भूषण बने कानून मंत्री तो सताने लगा था डरगजेंद्रगडकर को रिटायरमेंट के बाद लॉ कमीशन का चेयरमैन बना दिया गया। उसके कुछ दिनों बाद न्यायाधीश शांति भूषण मोरारजी देसाई की सरकार में कानून मंत्री बन गए थे, तब गजेंद्रगडकर को अपनी चेयरमैन के पद से हटाए जाने का डर सताने लगा था।
यह भी पढ़ें- 'CJI चुनने में नेहरू सरकार ने की थी मनमानी', मुख्य न्यायाधीश गवई बोले- जजों का स्वतंत्र रहना जरूरी
इसका जिक्र करते हुए पूर्व कानून मंत्री शांति भूषण ने अपनी आत्मकथा में लिखा- 'लॉ कमीशन के चेयरमैन रहते हुए पी बी गजेंद्रगडकर उनसे कई बार मिले और हर बार पद से न हटाने के लिए मान-मनुहार की।'
यह भी पढ़ें- 'तब नेहरू को पहुंच गई थी ठेस...', न्यायिक स्वतंत्रता पर क्या बोले वरिष्ठ वकील केके वेणुगोपाल?
Source
- सुप्रीम कोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट - www.sci.gov.in
- सुप्रीम कोर्ट ऑब्जर्वर वेबसाइट - www.scobserver.in
Metro In Dino Trailer: Anurag Basu's Take On Modern-Day Relationships Looks Promising With Fresh Onscreen Pairs - NDTV
- Metro In Dino Trailer: Anurag Basu's Take On Modern-Day Relationships Looks Promising With Fresh Onscreen Pairs NDTV
- Honoured to be part of 'Metro... In Dino': Sara Ali Khan Times of India
- Neena Gupta, Konkana to Aditya Roy Kapur, Metro In Dino cast at trailer launch India Today
- ‘Metro…In Dino’ trailer: Four couples navigate love and heartbreak in urban India Telegraph India
- Fatima Sana Shaikh's ‘Khushi Wali' Selfie With Team Metro In Dino News18
Justice Varma impeachment: Government reaches out to political parties, wants all on board - The Hindu
- Justice Varma impeachment: Government reaches out to political parties, wants all on board The Hindu
- Government confident of Parliament consensus on Yashwant Varma's removal Times of India
- Opposition demands details of Supreme Court findings on Justice Varma The Economic Times
- Impeachment motion against Justice Varma: Govt reaches out to Opposition to build consensus ahead of Monsoon Session The Indian Express
- Govt working to 'build consensus' on impeachment motion against HC Judge Yashwant Varma, says Kiren Rijiju Hindustan Times
'बहुत कुछ कह सकता हूं मगर...' कन्नड़ भाषा विवाद पर कमल हासन ने माफी मांगने से किया इनकार
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अभिनेता कमल हासन की कन्नड़ भाषा को लेकर की गई टिप्पणी पर विवाद अभी थमा नहीं है। एक तरफ उन्होंने विवाद पर माफी मांगने से इंकार कर दिया है, वहीं एक प्रेस कॉनफ्रेंस में उन्होंने कह दिया कि उनके पास एक तमिल के लिए कहने को बहुत कुछ है, लेकिन वह अभी नहीं बोलेंगे।
दरअसल कमल हासने की फिल्म ठग लाइफ गुरुवार को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है। इस फिल्म को लेकर निर्माता और विशेष तौर पर कमल हासन काफी उत्साहित हैं। इसी उत्साह में उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान कह दिया था कि कन्नड़ असल में तमिल ने निकली भाषा है।
हाईकोर्ट ने लगाई थी फटकारकमल हासन के इस बयान का कर्नाटक में जबरदस्त विरोध हुआ। कर्नाटक फिल्म चैंबर ऑफ कॉमर्स ने चेतावनी दे दी कि अगर कमल हासन ने माफी नहीं मांगी, तो उनकी फिल्म को कर्नाटक में रिलीज नहीं होने दिया जाएगा। मंगलवार को कर्नाटक हाई कोर्ट ने भी उन्हें बयान के लिए फटकार लगाई थी।
आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने भाषा विवाद पर कोई टिप्पणी करने से मना कर दिया, लेकिन ये जरूर कहा कि मेरे पास एक तमिल के तौर पर बोलने के लिए बहुत कुछ है, लेकिन मैं बाद में बात करूंगा। बता दें कि कमल हासन एक राजनेता भी हैं और मक्कल निधि मैयम के प्रमुख हैं।
लोकतंत्र में जताया भरोसा- कमल हासन ने कहा था कि हमारे देश में लोकतंत्र है और मैं कानून में भरोसा रखता हूं। कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और केरल के लिए मेरा प्यार सच्चा है। केवल एजेंडा वाले लोग ही इस पर शक कर सकते हैं। मुझे पहले भी धमकी दी गई थी। अगर मैं गलत नहीं हूं, तो माफी नहीं मांगूंगा। कमल हासन ने तमिलनाडु के समर्थन के लिए आभार भी जताया।
- कमल हासन ने ये भी कहा था कि उनके बयान को गलत और संदर्भ से बाहर समझा गया। कर्नाटक हाईकोर्ट ने उनपर टिप्पणी करते हुए कहा था कि अभिव्यक्ति की आजादी को भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली सीमा तक नहीं बढ़ाया जा सकता। आप इतिहासकार या भाषाविद नहीं हैं, जो ऐसा बयान दें।
यह भी पढ़ें: 'किसी को ठेस पहुंचाई है तो माफी मांगें...', कमल हासन केस में कर्नाटक हाईकोर्ट ने क्या-क्या कहा?
RBI MPC meeting begins: Nomura expects 100 bps rate cut through 2025 - financialexpress.com
- RBI MPC meeting begins: Nomura expects 100 bps rate cut through 2025 financialexpress.com
- RBI MPC meeting starts: Malhotra & co seen on the edge of a bold decision The Economic Times
- All eyes on RBI’s June 6 review: Economists divided as central bank weighs third repo rate cut Times of India
- RBI's monetary policy panel starts deliberations; decision on June 6 The Hindu
- RBI rate cut could get limited by tariff-led uncertainty: ICRA financialexpress.com
NASA tracks 1,400-foot asteroid in close Earth flyby tomorrow - NewsBytes
- NASA tracks 1,400-foot asteroid in close Earth flyby tomorrow NewsBytes
- Asteroid Larger Than Golden Gate Bridge Approaches Earth. What To Know NDTV
- Asteroid bigger than the Empire State Building to fly by Earth this week: What if it strikes? The Economic Times
- Massive Asteroid 2008 DG5 To Pass Earth Safely On June 5, NASA Confirms Newsx
- Close approach of asteroid (424482) 2008 DG5 European Space Agency
Earth’s 26-Second ‘heartbeat’ continue to mystify scientists, now monitored from a field in Scotland - GujaratSamachar English
- Earth’s 26-Second ‘heartbeat’ continue to mystify scientists, now monitored from a field in Scotland GujaratSamachar English
- Earth Has A Pulse Every 26 Seconds And Scientists Have No Idea Why NDTV
- Convincing video makes wild claim that the Earth has a literal heartbeat. So, does it? good.is
- Earth Has A Pulse Every 26 Seconds, And Scientists Don't Have Any Concept Why indiaherald.com
Anil Ambani's Reliance Infra says NCLAT suspends NCLT order admitting co into insolvency; shares edge up o - The Economic Times
- Anil Ambani's Reliance Infra says NCLAT suspends NCLT order admitting co into insolvency; shares edge up o The Economic Times
- NCLT admits Reliance Infrastructure for insolvency resolution process The Hindu
- Relief for Reliance Infra as NCLAT puts bankruptcy proceedings on hold Mint
- Big relief for Anil Ambani! Reliance Infrastructure shares zoom 12% after THIS order - Stock at 52-week high! ET Now
- NCLAT stays move against Reliance Infra Times of India
Pages
