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Bihar Weather: बिहार के 4 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट, 50 KM की रफ्तार से चलेगी आंधी; सावधान रहने की अपील

Dainik Jagran - May 20, 2025 - 7:26am

जागरण संवाददाता, पटना। प्रदेश में पुरवा हवा के कारण मौसम सामान्य होने के साथ आंशिक रूप से बादल छाए हुए हैं।

अधिसंख्य भागों में मेघ गर्जन, वज्रपात और आंधी-पानी से तापमान में गिरावट आने के साथ लोगों को गर्मी से राहत मिली है। मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार पांच से छह दिनों के दौरान आंधी-पानी की स्थिति बनी रहेगी।

अगले 24 घंटों के दौरान पटना सहित 12 जिलों के बक्सर, भोजपुर, अरवल, जहानाबाद, नालंदा, शेखपुरा, बेगूसराय, मुंगेर, खगड़िया, भागलपुर एवं लखीसराय जिले के एक या दो स्थानों पर मेघगर्जन, वज्रपात व हल्की वर्षा की संभावना है।

इन जगहों पर 40-50 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से हवा चलने की संभावना है। सुपौल, अररिया, किशनगंज और पूर्वी चंपारण में भारी वर्षा की चेतावनी है। पांच दिनों के दौरान तापमान में विशेष परिवर्तन की संभावना नहीं है।

पांच दिनों के दौरान अधिकतम तापमान में विशेष परिवर्तन की संभावना नहीं है। उत्तरी भागों के अलावा दक्षिण पूर्व भागों के कैमूर, रोहतास , औरंगाबाद , गया, नवादा, जमुई एवं बांका में 50-60 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से हवा चलने व मेघ गर्जन, वज्रपात को लेकर औरेंज अलर्ट जारी किया गया है।

सोमवार को पटना सहित आसपास इलाकों में आंशिक रूप से बादल छाए रहने के साथ कुछ स्थानों पर हल्की बूंदाबांदी से मौसम सामान्य बना रहा। बीते 24 घंटों के दौरान पूर्णिया, अररिया, किशनगंज, कटिहार, औरंगाबाद एवं मधुबनी में वर्षा दर्ज की गई।

पूर्णिया के ढेंगराघाट में सर्वाधिक वर्षा 158.6 मिमी दर्ज किया गया। सोमवार को पटना का अधिकतम तापमान 32.5 डिग्री सेल्सियस जबकि 39.2 डिग्री सेल्सियस के साथ डेहरी में सर्वाधिक अधिकतम तापमान दर्ज किया गया।

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इन जगहों पर दर्ज की गई वर्षा

अररिया के नरपतगंज में 140 मिमी, फारबिसगंज में 120.4 मिमी, पूर्णिया के कस्बा में 104.8 मिमी, किशनगंज में 94.4 मिमी, अररिया में 79.4 मिमी, अररिया के रानीगंज में 79.2 मिमी, पूर्णिया के श्रीनगर में 71.4 मिमी, कटिहार के कदवा में 63.4 मिमी, सुपौल में बीरपुर में 59 मिमी, अररिया के जोकिहाट में 52.4 मिमी, पूर्णिया के बैसी में 50.2 मिमी, किशनगंज के बहादुरगंज में 41.4 मिमी, कटिहार के बलरामपुर में 36.4 मिमी, सुपौल के छत्तरपुर में 33.2 मिमी, औरंगाबाद में 30.4 मिमी एवं मधुबनी के जयनगर में 28.8 मिमी वर्षा दर्ज की गई।

प्रमुख शहरों का तापमान

शहर अधिकतम न्यूनतम

पटना 32.5 25.9

गया 37.8 25.0

भागलपुर 30.5 24.3

मुजफ्फरपुर 27.4 25.6

(तापमान डिग्री सेल्सियस में)

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'हाई कोर्ट के पूर्व जजों को मिले एक समान पेंशन', सुप्रीम कोर्ट ने वन रैंक-वन पेंशन पर दिया खास आदेश

Dainik Jagran - National - May 20, 2025 - 2:00am

पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने देश के सभी हाई कोर्ट के सभी सेवानिवृत्त न्यायाधीशों के लिए समान पेंशन लाभ का निर्देश दिया, चाहे उनकी नियुक्ति का तरीका या कार्यकाल कुछ भी हो। न्यायालय ने कहा कि संवैधानिक पद के संबंध में 'वन रैंक, वन पेंशन' का सिद्धांत होना चाहिए।

निर्णय में कहा गया कि सभी मामलों में पेंशन के भुगतान में भेदभाव नहीं होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों को समान पेंशन मिलनी चाहिए। अतिरिक्त न्यायाधीशों को भी उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीशों के समान पेंशन मिलेगी।

प्रधान न्यायाधीश बीआर गवाई और जस्टिस आगस्टिन जार्ज मसीह और के विनोद चंद्रन की पीठ ने यह निर्णय दिया कि पेंशन लाभ में किसी भी प्रकार का वर्गीकरण, चाहे न्यायाधीश बार से आए हों या जिला न्यायपालिका से, या चाहे वे स्थायी या अतिरिक्त न्यायाधीश हों, भेदभावपूर्ण है और संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन करता है।

सभी सेवानिवृत्त न्यायाधीशों को समान पेंशन देने की आवश्यकता

पीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि क्या एक उच्च न्यायालय के न्यायाधीश को पूर्ण पेंशन से वंचित किया जा सकता है, अगर उनकी सेवा में अंतर है। प्रधान न्यायाधीश ने 63 पृष्ठों के निर्णय में कहा कि एक रैंक, एक पेंशन का सिद्धांत उच्च न्यायालय के सभी सेवानिवृत्त न्यायाधीशों को समान पेंशन देने की आवश्यकता है।

पीठ ने कहा कि हम पाते हैं कि जब एक जज हाई कोर्ट के न्यायाधीश के पद पर कार्यभार ग्रहण करता है और संवैधानिक वर्ग में प्रवेश करता है, तो नियुक्ति की तिथि के आधार पर कोई भिन्नता स्वीकार्य नहीं होगी। जब एक उच्च न्यायालय का न्यायाधीश कार्यरत होता है, तो उनके प्रवेश के स्त्रोत की परवाह किए बिना, उन्हें समान वेतन और भत्ते प्राप्त होते हैं।

पीठ ने कहा कि जब सभी हाई कोर्ट के जज कार्यरत होते हैं, समान वेतन, भत्ते और लाभ के हकदार होते हैं, तो उनके बीच किसी भी प्रकार का भेदभाव स्पष्ट रूप से भेदभावपूर्ण और संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन होगा।

मामले में कोर्ट ने और क्या कहा?

न्यायालय ने यह भी कहा कि एक न्यायिक अधिकारी जो न्यायिक सेवाओं से हाई कोर्ट का न्यायाधीश बनता है और दूसरा बार के सदस्य का अनुभव लेकर उच्च न्यायालय का जज बनता है, उसको भी ध्यान में रखा जाना चाहिए। जिला जज के रूप में सेवानिवृत्त होने की तिथि और हाई कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में कार्यभार ग्रहण करने की तिथि के बीच की सेवा में अंतर पेंशन के भुगतान के लिए आधार नहीं हो सकता। ऐसे न्यायाधीशों की पेंशन को हाई कोर्ट के जजों के रूप में प्राप्त वेतन के आधार पर होना चाहिए।

एक व्यक्ति जो उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में सेवानिवृत्त होता है, भले ही उसे नई पेंशन योजना (एनपीएस) लागू होने के बाद राज्य न्यायपालिका में नियुक्त किया गया हो, उसे हाई कोर्ट के न्यायाधीशों के वेतन और सेवा की शर्तों के अधिनियम, 1954 के तहत सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ) का लाभ प्राप्त होगा।

पीठ ने कहा कि स्थायी न्यायाधीश और अतिरिक्त न्यायाधीश के बीच कृत्रिम भेदभाव करना परिभाषा के साथ अन्याय होगा। इसलिए, हम यह स्पष्ट करते हैं कि उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त अतिरिक्त न्यायाधीशों को भी समान मूल पेंशन, अर्थात 13.50 लाख रुपये प्रति वर्ष प्राप्त होगी। पीठ ने फैमिली पेंशन और ग्रेच्युटी के मुद्दे पर इसे स्पष्ट रूप से मनमाना करार दिया।

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Categories: Hindi News, National News

Dubai gold imports get stricter rules in India

Business News - May 20, 2025 - 12:58am
India Monday imposed restrictions on import of gold and silver in unwrought, semi manufactured and powdered form, allowing imports only through nominated agencies, qualified jewellers and valid tariff rate quota holders under the India-UAE Comprehensive Economic Partnership Agreement (CEPA).The restrictions are based on Budget FY26 announcement to introduce new HS (Harmonised System) codes or tariff codes for key items like gold dore, silver dore and platinum containing at least 99% platinum.Some importers used this loophole to bring in products that were 99% gold from Dubai, labelling them as platinum alloy to take advantage of lower duties under the India-UAE CEPA.To block this misuse, the government introduced a new HS code specifically for platinum containing 99% or more pure platinum. Only this category qualifies for duty benefits under the pact. Imports under other platinum compositions were restricted. This effectively closed the route for importing gold disguised as platinum."This measure follows the Budget announcement to create separate HS codes to ensure that gold imports don't happen in the name of platinum," said an official, adding that this alignment ensures consistency between customs duties and import regulations. Under the agreement, India agreed to import up to 200 metric tonnes of gold annually from the UAE with a 1 per cent tariff concession under tariff rate quota (TRQ).
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