Feed aggregator
JEE Advanced 2025 Admit Card: जेईई एडवांस्ड के लिए आज जारी होगा प्रवेश पत्र, 18 मई को होगी परीक्षा
जागरण संवाददाता, पटना। देश भर के आईआईटी सहित अन्य संस्थानों में नामांकन के लिए होने वाली जेईई एडवांस्ड्ड 2025 परीक्षा (JEE Advanced 2025 Exam) के लिए प्रवेश पत्र 12 मई को जारी होगा। पूर्व में प्रवेश पत्र जारी करने की तिथि 11 मई निर्धारित था, इसमें बदलाव करते हुए 12 मई की सुबह 10 बजे निर्धारित किया गया है। परीक्षा का आयोजन 18 मई को होगा।
परीक्षा में भाग लेने के इच्छुक अभ्यर्थी अपना प्रवेश पत्र सुबह 10 बजे से डाउनलोड कर सकते है। परीक्षा का आयोजन करने वाली आईआईटी कानपुर ने नोटिस जारी कर कहा है कि जेईई एडवांस्ड 2025 के लिए अभ्यर्थी 12 मई सुबह 10 बजे से अपना प्रवेश पत्र डाउनलोड कर सकते हैं।
प्रवेश पत्र डाउनलोड करने के लिए उम्मीदवारों को अपना मोबाइल नंबर, जन्मतिथि और जेईई एडवांस्ड रजिस्ट्रेशन नंबर दर्ज करना होगा।
परीक्षा में पर्स और हैंडबैग प्रतिबंधितप्रवेश पत्र में दिए जाने वाले विवरण पर ध्यान दें तो इसमें अभ्यर्थी का पूरा नाम, रोल नंबर, जेईई मेन आवेदन संख्या, पासपोर्ट साइज फोटो, हस्ताक्षर, जन्मतिथि, पत्राचार पता, श्रेणी, और परीक्षा केंद्र का नाम व पता शामिल रहेगा। किसी भी प्रकार की त्रुटि होने पर एनटीए से संपर्क कर सकते हैं।
जेईई एडवांस्ड 2025 के दौरान उम्मीदवारों को कुछ वस्तुओं को साथ ले जाने की अनुमति है, जबकि कई चीजें सख्त रूप से प्रतिबंधित हैं। परीक्षा केंद्र में उम्मीदवार केवल प्रवेश पत्र, एक वैध फोटो पहचान पत्र (जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट, वोटर आईडी, स्कूल/कॉलेज आईडी या ड्राइविंग लाइसेंस) और पेंसिल ही साथ ले जा सकते हैं।
इसके अलावा, किसी भी अतिरिक्त वस्तु को अनुमति नहीं दी जाएगी। वहीं, स्मार्ट या डिजिटल घड़ियां, पेजर, मोबाइल फोन, लॉग टेबल, ब्लूटूथ डिवाइस, पाउच, कैलकुलेटर, पेन ड्राइव, पर्स और हैंडबैग जैसी वस्तुएं पूरी तरह से प्रतिबंधित हैं. इन वस्तुओं को परीक्षा केंद्र में लाना न सिर्फ नियमों के विरुद्ध है, बल्कि इससे आपकी परीक्षा में शामिल होने की अनुमति भी रद हो सकती है।
बिहार से शामिल होंगे 15,476 अभ्यर्थीजेईई एडवांस्ड के लिए राज्य के 15,476 अभ्यर्थी शामिल होंगे। जेईई एडवांस्ड के लिए नौ जिलों में परीक्षा केंद्र बनाया गया है। इनमें आरा, औरंगाबाद, भागलपुर, दरभंगा, गया, मुजफ्फरपुर, पटना, पूर्णिया, रोहतास शामिल है।
परीक्षा 18 मई को दो शिफ्ट में आयोजित होगी। पहली शिफ्ट सुबह नौ से 12 बजे तक व दूसरी पाली दोपहर 2:30 बजे से 5:30 बजे तक चलेगी।
ये भी पढ़ें- SSC Revised Calendar: एसएससी ने जारी किया संशोधित कैलेंडर, स्टेनोग्राफर ग्रेड सी-डी की अधिसूचना 5 जून को
ये भी पढ़ें- RPSC: पीआरओ भर्ती परीक्षा 2024 के लिए 14 मई को अपलोड होंगे प्रवेश पत्र, एग्जाम सिटी स्लिप जारी
Tatas may double iPhone casings capacity to one lakh - The Economic Times
- Tatas may double iPhone casings capacity to one lakh The Economic Times
- Apple's shift from China: India's iPhone exports zoomed 116% in April Business Standard
- TN: iPhone Capital of India Times of India
- 'The timing of India & Pakistan war...': US entrepreneur hits at China connection Business Today
- 50% iPhones For USA Now Sourced From India, Confirms Apple CEO Trak.in
Amid India-Pakistan tensions, 10 satellites continuously working to ensure India's security: Isro chief - Times of India
- Amid India-Pakistan tensions, 10 satellites continuously working to ensure India's security: Isro chief Times of India
- At least 10 satellites working to ensure safety and security of India: ISRO Chief V Narayanan The Hindu
- India fast-tracks $3-billion spy satellite scheme following Operation Sindoor Mint
- NASA-ISRO Radar Satellite to Launch Next Month, Gaganyatri ISS Mission Soon: ISRO Chief NEWS ON AIR
- EOS-09 satellite to boost India’s border monitoring and defence capabilities, launch scheduled for May 18 The Economic Times
Yeh Rishta Kya Kehlata Hai 12th May 2025 Written Update: Pookie’s health worsens, Arman blames Abhira. - JustShowBiz
- Yeh Rishta Kya Kehlata Hai 12th May 2025 Written Update: Pookie’s health worsens, Arman blames Abhira. JustShowBiz
- Yeh Rishta Kya Kehlata Hai serial update: Armaan chooses Ruhi over Abhira, declares retirement from... Bollywood Life
- Yeh Rishta Kya Kehlata Hai Written Update May 12: Abhira’s Happiness RUINED By Armaan’s Toxic Baby Obsession Filmibeat
- Yeh Rishta Kya Kehlata Hai UPDATE: Armaan Poddar Takes Pookie From Abhira And Gives Her To Ruhi, Angry Fans React Jagran English
- Shocking Twist in Yeh Rishta Kya Kehlata Hai, Arman Hands Over Baby Pookie, Assumes Abhira Is Gone! indiahood.com
Mapping the Tiny Plankton That Feed Giant Right Whales - NASA Earth Observatory (.gov)
- Mapping the Tiny Plankton That Feed Giant Right Whales NASA Earth Observatory (.gov)
- NASA satellites track plankton swarms from space to protect North Atlantic right whales Times of India
- NASA data helps map tiny plankton that feed giant right whales Phys.org
- NASA Spots Plankton Swarms from Space to Help Save North Atlantic Right Whales Gadgets 360
Earthquake of 5.7 magnitude strikes Tibet - Hindustan Times
- Earthquake of 5.7 magnitude strikes Tibet Hindustan Times
- Earthquake of magnitude 5.7 strikes Tibet Times of India
- Breaking News Live Updates: Virat Kohli retires from Test cricket The Economic Times
- Earthquake today: 5.7 magnitude tremors strike Tibet | More details here Mint
- Magnitude 5.5 earthquake strikes China's Tibet The Hindu
Arne Slot sends out strong message to Liverpool fans after Trent Alexander-Arnold booed during Premier League clash with Arsenal - Goal.com
- Arne Slot sends out strong message to Liverpool fans after Trent Alexander-Arnold booed during Premier League clash with Arsenal Goal.com
- Premier League reaction: Liverpool and Arsenal draw as Alexander-Arnold booed BBC
- Liverpool’s Robertson defends Alexander-Arnold after Anfield boos in 2-2 home draw against Arsenal Sportstar
- Liverpool player ratings vs Arsenal: Reds' title party spoiled by Gunners fightback as Trent Alexander-Arnold feels the wrath of Anfield crowd after confirming exit Goal.com
- Liverpool fans' hostility toward TAA a sour subplot to otherwise festive end of season ESPN India
रावलपिंडी से लेकर जैकोबाबाद तक भारत ने 90 मिनट में 11 एयरबेस किए तबाह, पूरी तरीके से टूटी पाक की कमर
आईएएनएस, नई दिल्ली। भारतीय सेना के संयुक्त प्रयास से आपरेशन सिंदूर ने सफलता के नए आयाम स्थापित किए हैं। महज 90 मिनट में पाकिस्तान की धरती पर स्थित 11 एयरबेस को तबाह कर दिया गया। यह सब एक सुनियोजित रणनीति का हिस्सा था, जिसने भारत की शक्ति को विश्व के समक्ष पेश किया।
भाजपा ने इस उपलब्धि को सराहा है। भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने इस हमले को लेकर इंटरनेट मीडिया पर जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि आपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना ने पाकिस्तान के प्रमुख एयरबेस पर 90 मिनट तक सटीक हमले किए, जिससे पाकिस्तान की हवाई क्षमता को भारी क्षति पहुंची। इन हमलों ने पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा और जवाबी कार्रवाई की क्षमता की कमर तोड़ दी।
इन पाकिस्तानी एयर बेस को बनाया गया निशानाभारतीय सेना ने इस हमले में नूर खान/चकलाला एयरबेस (रावलपिंडी), पीएएफ बेस रफीकी (शोरकोट), मुरीद एयरबेस (पंजाब), सुक्कुर एयरबेस (सिंध), सियालकोट एयरबेस (पूर्वी पंजाब), पसरूर एयरस्टि्रप (पंजाब), चुनियन (रडार/सपोर्ट इंस्टालेशन), सरगोधा एयरबेस (मुशफ बेस), स्कार्दू एयरबेस (गिलगित-बाल्टिस्तान), भोलारी एयरबेस (कराची के पास) और जैकोबाबाद एयरबेस (सिंध-बलूचिस्तान) को बड़ा नुकसान पहुंचाया। नूर खान एयरबेस पर भारत के हमले से पाकिस्तानीह वायु सेना और इसकी ऑपरेशनल यूनिट्स के बीच महत्वपूर्ण संबंध टूट गए।
'जब देश संकट में हो तो सुप्रीम कोर्ट तटस्थ नहीं रह सकता', जस्टिस गवई बोले- 'संविधान ही सर्वोच्च है'
आईएएनएस, नई दिल्ली। भारत के 52वें चीफ जस्टिस के रूप में बुधवार (14 मई) को शपथ लेने से पहले जस्टिस बी.आर. गवई ने पहलगाम में आतंकी हमले पर दुख व्यक्त किया और कहा कि जब पूरा देश शोक में हो तो सुप्रीम कोर्ट अछूता नहीं रह सकता। 'जब देश संकट में हो तो सुप्रीम कोर्ट तटस्थ नहीं रह सकता। आखिर हम भी इस देश के जिम्मेदार नागरिक हैं, हम भी इससे प्रभावित हैं।'
मैं देश का पहला बौद्ध चीफ जस्टिस बनूंगा- जस्टिस गवईबिहार के पूर्व राज्यपाल आर.एस. गवई के पुत्र जस्टिस गवई ने मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में कहा, ''मेरे पिता ने बाबा साहब आंबेडकर के साथ बौद्ध धर्म अपनाया था। मैं देश का पहला बौद्ध चीफ जस्टिस बनूंगा।''
मैं सभी धर्मों में विश्वास करता हूं- जस्टिस गवईउन्होंने कहा, मैं सभी धर्मों में विश्वास करता हूं। मैं मंदिर, दरगाह, जैन मंदिर, गुरुद्वारा - हर जगह जाता हूं।'' देश के पहले बौद्ध चीफ जस्टिस बनने की दहलीज पर खड़े होने पर उन्होंने गर्व महसूस किया। संवैधानिक पदाधिकारियों द्वारा न्यायपालिका के खिलाफ कथित कड़े शब्दों के इस्तेमाल के मुद्दे पर जस्टिस गवई ने कहा, ''लोग कुछ भी कहें, लेकिन संविधान सर्वोच्च है। केशवानंद भारती की अध्यक्षता वाली 13 जजों की पीठ के फैसले में यह बात कही गई है।''
भारत-पाकिस्तान संघर्ष और उसके बाद संघर्ष विराम पर बनी सहमति के बारे में उन्होंने कहा, ''युद्ध अच्छी बात नहीं है। हमारे सामने युद्ध के दो उदाहरण हैं, जो अभी भी जारी हैं। यूक्रेन में कितने दिनों से युद्ध चल रहा है और हमें इससे क्या मिला? मतलब, युद्ध से कुछ हासिल नहीं हुआ है।''
दो मिनट का मौन रखा जाएगा22 अप्रैल के पहलगाम आतंकी हमले के बारे में उन्होंने कहा कि सुबह अखबारों से जब उन्हें घटना के बारे में पता चला तो उन्हें बहुत दुख हुआ। हमले के बाद सुप्रीम कोर्ट में हुए घटनाक्रम की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा, ''उस समय चीफ जस्टिस देश से बाहर थे। उनसे संपर्क किया गया। फिर हमने तय किया कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले में जान गंवाने वालों के लिए दो मिनट का मौन रखा जाएगा और ऐसा किया भी गया।''
आखिर हम भी इस देश के जिम्मेदार नागरिक हैंउन्होंने कहा, ''आखिर हम भी इस देश के जिम्मेदार नागरिक हैं, हम भी इससे प्रभावित हैं। जब देश शोक में डूबा हो तो सुप्रीम कोर्ट इससे अछूता नहीं रह सकता। जब देश संकट में हो तो सुप्रीम कोर्ट तटस्थ नहीं रह सकता।''
पाकिस्तान को चुकानी पड़ेगी आतंकवाद की कीमत, सिंधू जल संधि के निलंबन से पड़ोसी मुल्क को कड़ा संदेश
आईएएनएस, नई दिल्ली। पहलगाम में आतंकी हमले की पृष्ठभूमि में सिंधु जल संधि को निलंबित करने का उद्देश्य नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा पाकिस्तान को आतंकवाद की कीमत चुकाने का एक मजबूत राजनीतिक संदेश देना था।
एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने रविवार को इस आशय की जानकारी देते हुए बताया कि इस हमले का कड़ा और माकूल जवाब देने के लिए सरकार ने राजनीतिक पहलू के अलावा सैन्य और मनोवैज्ञानिक पहलुओं पर भी विचार किया और काम किया। 22 अप्रैल को हुए इस हमले में 26 पर्यटक मारे गए थे।
सिंधु जल संधि को निलंबित क्यों करना पड़ा?भारत सरकार के रणनीतिकारों का मानना है कि जल संधि के निलंबन के माध्यम से भेजे गए सख्त संदेश का उद्देश्य पाकिस्तान के लिए आतंकवाद की कीमत को अभूतपूर्व तरीके से बढ़ाना है। नाम न बताने की शर्त पर एक अधिकारी ने कहा कि इस बात पर ध्यान देने की जरूरत है कि हमें सिंधु जल संधि को निलंबित क्यों करना पड़ा, जबकि यह संधि तीन युद्धों और चार दशकों से जारी सीमा पार आतंकवाद के बावजूद बची रही।
पाकिस्तान का आंतकवाद की कीमत चुकानी होगीउन्होंने कहा कि पाकिस्तान यह उम्मीद नहीं कर सकता कि उसके द्वारा चुने गए क्षेत्रों में सहयोग जारी रहेगा, और वह अपनी इच्छानुसार अन्यत्र सीमा पार आतंकवाद का अभियान जारी रखेगा। इसकी कीमत तो चुकानी ही पड़ेगी। मुझे लगता है कि यह बात अच्छी तरह से कही गई है कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते।
पाकिस्तान के सारे ड्रोन तबाह, 100 से अधिक आतंकी ढेर; जानिए ऑपरेशन सिंदूर पर सेना की प्रेस ब्रीफिंग की बड़ी बातें
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। शनिवार को भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर का एलान किया गया। ये सीजफायर शनिवार शाम 5.30 बजे से लागू हो गया। सीजफायर के बाद भी पाकिस्तान की ओर से ड्रोन और मिसाइल दागे गए, जिसका भारतीय जवानों ने मुंहतोड़ जवाब दिया।
आज शाम को ऑपरेशन सिंदूर पर भारत की थल सेना, नौसेना और वायु सेना के सैन्य महानिदेशकों (डीजीएमओ) ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। जानकारी दें कि तीनों सेनाओं के अधिकारियों ब्रीफिंग से पहले ऑडियो-वीडियो प्रस्तुति भी दी। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एयर मार्शल ए.के. भारती, लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई, वाइस एडमिरल ए.एन. प्रमोद और मेजर जनरल एसएस शारदा मौजूद रहे। आइए आपको इस प्रेस ब्रीफिंग की बड़ी बाते बताते हैं।
जानिए इस प्रेस ब्रीफिंग की बड़ी बातेंसमाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर पर डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई, एयर मार्शल ए.के. भारती और वाइस एडमिरल ए.एन. प्रमोद द्वारा आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के प्रमुख बिंदु
- इस कार्रवाई में 100 से ज़्यादा आतंकवादी मारे गए। पाकिस्तान के 11 एयरबेस नष्ट कर दिए गए। भारतीय सेना ने पाकिस्तान की घुसपैठ के जवाब में भारी नुकसान पहुंचाया।
- हटाए गए उच्च-मूल्य वाले लक्ष्यों में शामिल हैं: यूसुफ़ अज़हर, अब्दुल मलिक रऊफ़, मुदस्सिर अहमद।
- मल्टी-एजेंसी खुफिया जानकारी के आधार पर 9 आतंकी शिविरों की पुष्टि की गई। मुख्य लक्ष्य: भवालपुर (आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर) और मुरीदके (एक अन्य प्रमुख आतंकवादी प्रशिक्षण स्थल)
- युद्ध विराम के बाद भी, यूएवी और छोटे ड्रोनों की बाढ़ भारतीय नागरिक और सैन्य क्षेत्रों में घुस आई। • इन ड्रोनों को सफलतापूर्वक रोक दिया गया।
- भारतीय सशस्त्र बलों ने इसका मुंहतोड़ जवाब दिया। इसके अलावा, सभी फील्ड कमांडरों को किसी भी संघर्ष विराम उल्लंघन के मामले में उचित कार्रवाई करने के लिए अधिकृत किया गया है।
क्या बोले DGMO?
बता दें कि डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMO) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा कि सेना ने पहलगाम आतंकी हमले का जवाब दिया। इस दौरान आतंकी के नौ कैंप तबाह किए गए। हमने 100 आतंकियों की खत्म किया। इसमें मुद्स्सर खास, हाफिज जमिल और रऊफ अजहर जैसे हाई वैल्यू टारगेट लक्ष्य शामिल थे, जो आईसी814 के अपहरण और पुलवामा विस्फोट में शामिल थे। इसके तुरंत बाद पाकिस्तान द्वारा नियंत्रण रेखा का भी उल्लंघन किया गया और हमारे दुश्मन की अनिश्चित और घबराई हुई प्रतिक्रिया से यह स्पष्ट था कि बड़ी संख्या में नागरिक, आबाद गांव और गुरुद्वारा जैसे धार्मिक स्थल दुर्भाग्य से उनके निशाने पर आए, जिससे कई लोगों की जान चली गई।
'पाकिस्तान ने कई नाकाम कोशिश की'डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा कि जमीन पर, हमने भारतीय वायुसेना के साथ एक एकीकृत ग्रिड स्थापित करने के लिए वायु रक्षा और इलेक्ट्रॉनिक युद्धक परिसंपत्तियों की तैनाती जैसे कुछ उपाय भी किए हैं और मैंने आपमें से कुछ लोगों को हवाई घुसपैठ को नकारने और उसका मुकाबला करने के लिए इस तरह की संरचना के लाभों के बारे में बहुत कुछ कहते और सुनते देखा है।
उन्होंने कहा, "हमने भूमि, समुद्र और वायु क्षेत्रों में अपने बलों की आवाजाही को शामिल करने के लिए तैनाती भी की। 9-10 मई की रात को ड्रोन और विमानों द्वारा इसी तरह की घुसपैठ देखी गई और इस बार हवाई क्षेत्रों और कुछ बहुत ही महत्वपूर्ण रसद प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने का एक ठोस प्रयास किया गया, हालांकि एक बार फिर असफल रहा और एकीकृत भारतीय वायुसेना और भारतीय सेना की वायु रक्षा द्वारा बहादुरी और कुशलता से इसका खंडन किया गया।
पाकिस्तान से सीजफायर राष्ट्रहित में, पर रहना होगा सचेत; पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ित परिवारों ने कही ये बात
जागरण टीम, नई दिल्ली। पहलगाम में आतंकियों की बर्बरता के शिकार लोगों के स्वजन पाकिस्तान के साथ सीजफायर के केंद्र सरकार के फैसले को राष्ट्रहित में मानते हैं। साथ ही, सचेत कर रहे हैं कि धोखा और दगाबाजी पाकिस्तान की फितरत में है। इसलिए देश को सतर्क रहना चाहिए। पाकिस्तान कभी भी नुकसान पहुंचा सकता है।
पाकिस्तान देश नहीं बल्कि आतंकियों की पनाहगाहकानपुर के शुभम द्विवेदी की पत्नी एशान्या का कहना है कि आतंक पर सरकार ने प्रहार तो किया है, लेकिन अभी पूरी तरह सफाया नहीं हुआ है। हमें अपनी सुरक्षा अभेद्य रखनी है ताकि फिर कोई आतंकी हमला न हो सके। पाकिस्तान कहता कुछ और करता कुछ है, इसलिए सचेत रहना आवश्यक है।
शुभम के पिता संजय द्विवेदी ने कहा कि पाकिस्तान देश नहीं बल्कि आतंकियों की पनाहगाह है। वहां सरकार की सरकार और सेना दोनों ही आतंकियों की सरपरस्त हैं। हाल ही में इंटरनेट पर वायरल हुए वीडियो में देखा गया कि सेना के अफसर आतंकियों के जनाजे को कंधा दे रहे हैं।
करनाल के नरवाल के पिता बोले, आतंकवाद खत्म होपहलगाम में बलिदान होने वाले करनाल निवासी लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के पिता राजेश नरवाल ने कहा कि वह सरकार के संघर्ष विराम के निर्णय से सहमत हैं, लेकिन आतंक का खात्मा जड़ से होना जरूरी है। पाकिस्तान में अभी आतंकी अड्डे सक्रिय हैं। वह सरकार के इस निर्णय को सही मानते हैं कि यदि आतंकी हमला करते हैं तो उसे युद्ध माना जाएगा।
यदि पाकिस्तान संघर्ष विराम का उल्लंघन करता है तो उसे पूरी तरह से खत्म कर देना चाहिए। ऑपरेशन सिंदूर के जरिये सेना ने आतंकियों को पैदा करने वालों को कड़ा सबक सिखाया है। उन्होंने सेना के तीनों अंगों को ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर बधाई दी है।
इंदौर के सुशील की बुआ बोलीं, आतंकवाद के सफाये तक नहीं होगा बदला पूराइंदौर के सुशील नथानियल के स्वजन का भारत-पाकिस्तान के संघर्ष विराम पर कहना है कि जब तक हर आतंकी का खात्मा नहीं होता, तब तक बदला पूरा नहीं हो सकता। सुशील की पत्नी जेनिफर और बेटे आस्टिन उर्फ गोल्डी ने प्रतिक्रिया देने से इन्कार कर दिया, लेकिन बुआ आइरीन जान ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर से सेना ने पाकिस्तान और उसके आतंकियों को सबक जरूर सिखाया है, लेकिन अभी पहलगाम का बदला पूरी तरह से लिया जाना बाकी है।
जयपुर के नीरज की मां बोली, पाकिस्तान और आतंकवाद को खत्म करना जरूरीजयपुर के नीरज उधवानी के घर में अब भी शोक का माहौल है। नीरज की मां ज्योति ने कहा, संघर्ष विराम सरकार ने सोच-विचार कर ही किया होगा, लेकिन पाकिस्तान और आतंकवाद को खत्म करना आवश्यक है। मैंने मेरा बेटा खोया है। पुत्रवधू आयूषी की आंख के आंसू नहीं रुक रहे हैं। हमारा कहना है कि पाकिस्तान को सबक सिखाया जाना चाहिए।
आइबी अधिकारी मनीष के स्वजन बोले, सेना ने लिया बदलाआइबी अधिकारी मनीष रंजन के चाचा अरविंद कुमार मिश्रा ने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसी स्थिति के बीच सीजफायर के निर्णय को राष्ट्रहित में बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और सेना ने मनीष रंजन के बलिदान का बदला ले लिया है। सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के कई आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर यह बता दिया कि हम पाकिस्तान को नेस्तनाबूद करने में सक्षम हैं। अब अंतरराष्ट्रीय राजनीति के तहत सीजफायर का निर्णय राष्ट्रहित में लिया गया है।
'किसी नरमी का हकदार नहीं पाकिस्तान', पूर्व सेनाध्यक्ष बोले- पाकिस्तान की घेरेबंदी में कोई कमी न आने दें
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देश की बहुत बड़ी आबादी जहां संघर्ष विराम की इच्छुक थी, वहीं कईयों का मानना है कि अभी रुकने का वक्त नहीं था। अपनी तीनों सेनाओं के पराक्रम और लक्ष्य पर सटीक कार्रवाई की क्षमता के प्रदर्शन के साथ पाकिस्तान को संघर्ष विराम का प्रस्ताव देने के लिए मजबूर करने के बाद भारत को तब तक दबाव का बटन दबाए रखना चाहिए जब तक आतंकवाद की बुनियादी समस्या का कोई स्थायी समाधान न निकल आए।
नरवणे ने कहा-पाकिस्तान पर दबाव कायम रहना चाहिएयह कहना है पूर्व सेना प्रमुख मनोज नरवणे का। नरवणे समेत कुछ अन्य पूर्व सैन्य अधिकारियों और रक्षा विशेषज्ञों की राय है कि पाकिस्तान के मामले में देश को स्पष्ट लक्ष्य हासिल किए बिना अपना सैन्य अभियान समाप्त नहीं करना चाहिए।
नरवणे ने एक्स पर लिखा है-संघर्ष विराम एक स्वागत योग्य कदम है। हालांकि यह जरूरी है कि दूसरे मोर्चों पर पाकिस्तान की घेरेबंदी में कोई कमी न आने दें। इसी से हमें स्थायी और लंबे समय तक टिकने वाला समाधान मिलेगा।
भविष्य में कोई और मौका छोड़ने की जरूरत नहीं- नरवणेनरवणे का कहना है कि यह ठीक नहीं है कि आतंकवाद के कारण लोगों की जानें जाती रहें और हमारा जवाब घटना आधारित बना रहे। नरवणे के मुताबिक यह तीसरा (सर्जिकल और एयर स्ट्राइक के बाद) हमला था। भविष्य में कोई और मौका छोड़ने की जरूरत नहीं है।
नरवणे के अतिरिक्त एक अन्य पूर्व सेनाध्यक्ष वीपी मलिक ने इस पर हल्की निराशा जाहिर की भारत ने इतनी जल्दी संघर्ष विराम का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया। उन्होंने भी एक्स पर अपनी प्रतिक्रिया दी और लिखा-हमने भविष्य के लिए यह सवाल छोड़ दिया है कि पुलवामा में 22 अप्रैल को बर्बर आतंकी हमले के बाद भारत ने जो सैन्य और असैन्य कार्रवाई पाकिस्तान पर की, उससे क्या लाभ हासिल हुए।
लाभ की स्थिति को गंवा देने की रही है परंपराचेलानीमलिक की भांति जाने-माने रक्षा विशेषज्ञ ब्रह्म चेलानी ने भी यह राय व्यक्त की है कि आपरेशन ¨सदूर को कोई स्पष्ट लक्ष्य हासिल किए बिना तीन दिनों के भीतर रोक दिया गया। चेलानी ने इतिहास में 1948 (भारत-पाकिस्तान युद्ध), 1954 (तिब्बत के संदर्भ में भारत के रुख में बदलाव), 1960 (सिंधु जल संधि पर हस्ताक्षर), 1966 (भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद हाजी पीर पाकिस्तान को वापस करना), 1972 (शिमला समझौता) को याद करते हुए ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान पर बनाए गए दबाव का जिक्र करते हुए कहा कि लाभ की स्थिति को खुद ही छोड़ देना भारत की परंपरा रही है।
एक अन्य रक्षा विशेषज्ञ कंवल सिब्बल ने कही ये बातएक अन्य रक्षा विशेषज्ञ कंवल सिब्बल ने कहा कि पाकिस्तान के पीएम शाहबाज शरीफ जिस तरह संघर्ष विराम के बाद अपनी जीत की मुनादी कर रहे हैं, उससे लगता है कि पाकिस्तान को वैसा सबक नहीं सिखाया जा पाया है जैसा सिखाया जाना चाहिए था।
'सभी भारतीय पायलट वापस लौट आए', ऑपरेशन सिंदूर पर एयर मार्शल का बड़ा बयान
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। शनिवार को भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर का एलान किया गया। ये सीजफायर शनिवार शाम 5.30 बजे से लागू हो गया। सीजफायर के बाद भी पाकिस्तान की ओर से ड्रोन और मिसाइल दागे गए, जिसका भारतीय जवानों ने मुंहतोड़ जवाब दिया।
इस बीच सशस्त्र बलों ने आज कहा कि पाकिस्तानी हवाई ठिकानों और अन्य महत्वपूर्ण ठिकानों पर हवाई हमलों के बाद उसके सभी पायलट सुरक्षित घर वापस आ गए हैं। जानकारी दें कि आज शाम एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पाकिस्तान के इस दावे के बारे में पूछे जाने पर कि उन्होंने दो भारतीय जेट विमानों को मार गिराया है, अधिकारियों ने यह कहते हुए टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि यह अभी भी युद्ध की स्थिति है।
सभी पायलट आए वापसरविवार को आयोजित एक पीसी के दौरान एयर मार्शल ए.के. भारती ने कहा कि हम अभी भी हवाई युद्ध की स्थिति में हैं, इसलिए इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहेंगे। यह दुश्मन के लिए फायदेमंद होगा। हमने अपने लक्ष्य हासिल कर लिए हैं। हमारे सभी पायलट वापस घर लौट आए हैं।
जानकारी दें कि इस ऑपरेशन के जरिए भारत यह संदेश देना चाहता था कि भारत को निशाना बनाने वाले आतंकवादियों के लिए कोई सुरक्षा नहीं है। पाकिस्तान के लिए यह स्पष्ट संकेत था कि आतंकवादियों को समर्थन और भारतीय धरती पर हमले की उसे भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।
इसके अलावा एयर मार्शल भारती ने कहा कि 9 और 10 मई की रात को तीन घंटे की कार्रवाई में सशस्त्र बलों ने नूर खान, रफीकी, मुरीद, सुक्कुर, सियालकोट, पसरूर, चुनियान, सरगोधा, स्कारू, भोलारी और जैकोबाबाद सहित 11 ठिकानों को नष्ट कर दिया।
'मुनीर वही गलतियां दोहरा रहे हैं जो मुशर्रफ ने की थीं', पूर्व उच्चायुक्त पार्थसारथी ने पाक सेना को जमकर लताड़ा
एएनआई, नई दिल्ली। पाकिस्तान में भारत के पूर्व उच्चायुक्त जी. पार्थसारथी ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत द्वारा पाकिस्तान में नौ आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किए जाने के बाद वहां के सैन्य नेतृत्व की हिमाकत के लिए कड़ी आलोचना की है।
इसकी कारगिल संघर्ष के साथ तुलना करते हुए उन्होंने कहा कि जब मैं पाकिस्तान में था, तब परवेज मुशर्रफ ने हिमालय के ऊंचे पहाड़ों पर कब्जा करके कारगिल संघर्ष की शुरुआत की थी। हमने हिमालय की ऊंचाई पर उन्हें सबक सिखाया और उन्हें कारगिल से खदेड़ दिया। मुझे इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि जनरल असीम मुनीर वही गलतियां दोहरा रहे हैं जो मुशर्रफ ने की थीं।
जानिए और क्या बोले पार्थसारथी?पाकिस्तानी सेना का वहां के नागरिक सरकार पर प्रभुत्व का उल्लेख करते हुए पार्थसारथी ने कहा कि मुशर्रफ ने गलती की, तख्तापलट किया और फिर सत्ता पर कब्जा कर लिया। मुझे उम्मीद है कि वे (सेना) अब पाकिस्तान में अपनी नागरिक सरकार की रक्षा करने में सक्षम होंगे क्योंकि असीम मुनीर के लिए स्थिति को अब हास्यास्पद बना दिया गया है, जैसा कि पहले हमने कारगिल में परवेज मुशर्रफ के साथ किया था।
पीएम मोदी को दिया पूरा श्रेयपार्थसारथी ने भारतीय सरकार और सशस्त्र बलों को उनकी भूमिका के लिए श्रेय देते हुए कहा कि इसका सारा श्रेय पीएम मोदी और उनकी सरकार में सभी को जाता है। लेकिन, सबसे अधिक श्रेय हमारी सेना और समग्र रूप से सशस्त्र बलों को जाता है।
पाकिस्तानी पीएम की छवि काफी खराब: पार्थसारथीउन्होंने कहा कि जहां तक पाकिस्तान के साथ संबंधों का सवाल है। उनके पास एक ऐसा प्रधानमंत्री है जिसकी छवि बहुत खराब है और सेना ने ही वस्तुत: उस देश को चलाया है। भारत के खिलाफ सैन्य अभियानों को प्रधानमंत्री के समक्ष नहीं रखा गया और न ही प्रधानमंत्री ने उन्हें मंजूरी दी।
उन्होंने कहा कि यदि ऐसा किया भी गया है तो इस बारे में बात नहीं की गई है और इसलिए अब शहबाज शरीफ शांति की मांग कर रहे हैं, जैसा कि उनके भाई ने कारगिल के दौरान हमसे मांगा था। इसलिए मैं केवल इतना कह सकता हूं कि मुझे भारतीय होने पर बहुत गर्व है और मैं अपने पाकिस्तानी दोस्तों पर खूब हंस रहा हूं।
Pages
