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Caste Census: कागज नहीं, हाईटेक टैबलेट और AI की मदद से होगी जातिगत जनगणना; जानिए क्या होगा पूरा प्रोसेस

Dainik Jagran - National - May 5, 2025 - 8:16pm

नीलू रंजन, नई दिल्ली। आजादी के बाद पहली बार हो रही जातिवार गणना के सटीक आंकड़े जुटाने के लिए सरकार ने अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करने का फैसला किया है। जनगणना और जातिवार गणना पूरी तरह से डिजिटल होगी और सारे आंकड़े इलेक्ट्रोनिक टैबलेट पर लिये जाएंगे।

आंकड़ों के विभिन्न पैरामीटर पर विश्वलेषण के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) के इस्तेमाल की भी तैयारी चल रही है। जनगणना कराने वाले नियंत्रक व महालेखा परीक्षक कार्यालय के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार आंकड़े जुटाने के लिए इस्तेमाल होने वाले सभी टैबलेट की जियो फेंसिंग की जा रही है।

कैसे काम करेगा टैबलेट?

जियो फेंसिंग की वजह से उक्त टैबलेट में आंकड़े तभी भरे जा सकेंगे, जब जनगणना कर्मी खुद उस जगह पहुंचेगा, जहां का डाटा उसे जुटाना है। यानी हर गली, मोहल्ला, गांव में इस्तेमाल होने वाला टैबलेट पहले से तय होगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि आंकड़ों की सटीकता सुनिश्चित करने के लिए यह फैसला किया गया है।

घरों के साथ-साथ उनमें मौजूद साजो सामान की भी गणना होगी

माना जा रहा है कि 2026 में जनगणना के पहले चरण से ही जातिवार गणना की शुरूआत हो जाएगी। इस चरण में सभी घरों के साथ-साथ उनमें मौजूद साजो सामान की भी गणना की जाती है। जैसे साइकिल, मोटर साइकिल, चार पहिया वाहन, मोबाइल, फ्रिज, एसी आदि-आदि।

इसी चरण में घर के सदस्यों की शैक्षिक और रोजगार के आंकड़े लिये जाएंगे। जनगणना के अंतिम चरण में सभी लोगों की उनकी जाति के साथ के गिनती की जाएगी। पहले चरण और दूसरे चरण के आंकड़ों को मिलाकर साफ होगा कि किस जाति की संख्या कितनी है और उनकी सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक स्थिति क्या है।

जनगणना में किया जाएगा AI का इस्तेमाल 

किसी भी पैरामीटर पर जनगणना के आंकड़ों के तत्काल विश्लेषण के लिए एआइ का इस्तेमाल किया जाएगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जनगणना के जिन आंकड़ों को प्रोसेस करने में पांच-छह साल लग जाते हैं, वे कुछ महीनों में सबके सामने होंगे। यानी विभिन्न नीतियां बनाने में जनगणना और जातिवार गणना के आंकड़ों का इस्तेमाल तत्काल शुरू हो जाएगा।

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बिहार के बिजली यूजर की मिस काल से हो जाएगी प्रॉब्लम सॉल्व, सरकार के नए प्लेटफॉर्म में बहुत कुछ

Dainik Jagran - May 5, 2025 - 8:15pm

राज्य ब्यूराे, पटना। बिजली उपभोक्ताओं की शिकायतों के त्वरित निवारण को केंद्र में रख एकीकृत ओमनी चैनल सीआरएम प्रणाली इस माह के अंत तक आरंभ हो जाएगी। विद्युत भवन में सोमवार को ऊर्जा सचिव पंकज कुमार पाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस आशय का फैसला लिया गया।

निर्वाध सुविधा के लिए है एप

बैठक मे एसबीपीडीसीएल के प्रबंध निदेशक महेंद्र कुमार तथा एनबीपीडीसीएल के प्रबंध निदेशक डा. निलेश रामचंद्र देवरे भी मौजूद थे। ऊर्जा सचिव सह बिजली कंपनी के सीएमडी ने कहा कि ओमनी चैनल को पूरी तैयारी के साथ लागू किया जाए, ताकि उपभोक्ताओं को निर्बाध सेवा मिल सके।

ऐसे किया जाएगा शिकायों का समाधान

प्रथम चरण में इस सिस्टम के तहत एसएमएस, काल सेंटर, मिस्ड काल, इंटरनेट मीडिया, वेबसाइट, फाल्ट मैनेजमेंट, उपभोक्ता फीडबैक और मीटरिंग एजेंसियों से प्राप्त शिकायतों के माड्यूल शामिल रहेंगे।

कई भाषाओं में मिलेगी सुविधा

यह प्रणाली हिंदी, अंग्रेजी और भोजपुरी में लांच होगी। वही दूसरे चरण में मगही, मैथिली और अंगिका को भी इससे जोड़ा जाएगा। इसमें स्पीच टू टेक्स्ट, टेक्स्ट टू स्पीच और इंटरैक्टिव वायस रिस्पांस की सुविधा उपलब्ध होगी।

आटोमेटेड काल के जरिए फीडबैक

उपभोक्ताओं को आटोमेटेड काल के जरिए फीडबैक देने का विकल्प भी मिलेगा। असंतोष की स्थिति में शिकायत स्वत: पुन: खुलकर वरीय अधिकारियों के पास चला जाएगा। वेबसाइट तथा व्हाट्सएप पर क्यूआर कोड को स्कैन कर भी उपभोक्ता अपनी शिकायत को् दर्ज करा सकेंगे।

विकसित किया जाएगा चैटबाट

बिजली कंपनी के सीएमडी ने यह निर्देश दिया कि पारंपरिक चैटबाट के स्थान पर जेनरेटिव आर्टिफिशि्यल इंटेलिजेंस आधारित आधुनिक चैटबाट काे विकसित किया जाए। उन्होंने कहा कि बिजली उपभोक्ताओं को किसी तरह की परेशानी न हो इस पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। 

राशि को लेकर सबसे अधिक शिकायत

बिजली उपभोक्ताओं को अभी सबसे अधिक उनकी राशि को लेकर समस्या आती है। अधिकतर यूजर की शिकायत रहती है कि अचानक उनके मीटर में बिल निगेटिव में दिखाने लगता है। इसके लिए वह कई बार शिकायत भी करते हैं। 

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