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Indus Water Treaty: सिंधु जल संधि कब तक रहेगा स्थगित? विदेश मंत्री जयशंकर ने दिया सीधा जवाब
पीटीआई, नई दिल्ली। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई बड़े एक्शन लिए। भारत ने सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया। इसके बाद भारत ने 7 मई की सुबह आतंकवादी बुनियादी ढांचे पर सटीक हमले किए। इस हमले में पाकिस्तान और पीओजेके में आतंकियों के 9 ठिकाने पूरी तरीके से ध्वस्त हो गए।
इस बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को कहा कि पाकिस्तान के साथ भारत के संबंध और व्यवहार पूरी तरह से द्विपक्षीय होंगे, जो कई वर्षों से राष्ट्रीय सहमति है और उस सहमति में "बिल्कुल कोई बदलाव नहीं है।
कब तक स्थगित रहेगी सिंधु जल संधि?दरअसल, एक कार्यक्रम के अवसर पर संवाददाताओं से बातचीत करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि सिंधु जल संधि तब तक स्थगित रहेगी जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को अपना समर्थन नहीं बंद कर देता।
विदेश मंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पहलगाम हमले के अपराधियों को जवाबदेह ठहराने की आवश्यकता पर बल दिया था और 7 मई की सुबह हमने ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से उन्हें जवाबदेह ठहराया।
उन्होंने कहा कि भारत ने 7 मई की सुबह आतंकवादी बुनियादी ढांचे पर सटीक हमले किए, जिसके बाद पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने का प्रयास किया। पाकिस्तानी कार्रवाई का भारतीय पक्ष द्वारा कड़ा जवाब दिया गया। 10 मई को दोनों पक्षों के सैन्य अभियान महानिदेशकों (डीजीएमओ) के बीच वार्ता के बाद सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति बनने के साथ ही शत्रुता समाप्त हो गई।
केवल पीओके पर होगी बात: जयशंकरविदेश मंत्री ने कहा कि पानी के मुद्दे उठाए गए हैं। मैं फिर से जोर देता हूं कि सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति ने स्पष्ट रूप से कहा है कि सिंधु जल संधि स्थगित है और तब तक स्थगित रहेगी जब तक पाकिस्तान विश्वसनीय रूप से और अपरिवर्तनीय रूप से सीमा पार आतंकवाद को अपना समर्थन देना बंद नहीं कर देता। इसलिए, कभी-कभी, कश्मीर मुद्दे को उठाया जाता है। फिर से, कश्मीर पर चर्चा के लिए केवल एक ही बात बची है, वह है पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में अवैध रूप से कब्जाए गए भारतीय क्षेत्र को खाली करना, हम पाकिस्तान के साथ इस पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं। मैं अपनी स्थिति को बहुत स्पष्ट रूप से बताना चाहता हूं...सरकार की स्थिति बहुत, बहुत स्पष्ट है।
'पाकिस्तान को हमने भारी नुकसान पहुंचाया'विदेश मंत्री एस जयशंर ने कहा कि 10 मई की सुबह पाकिस्तान के कई एयरबेस पह सटीक निशाना साधा गया। विदेश मंत्री ने कहा कि सैटेलाइट से सामने आई तस्वीरें बताती हैं कि पाकिस्तान को कितना नुकसान हुआ है। पाकिस्तान को लेकर उन्होंने कहा कि लोग जो 7 मई को पीछे हटने के लिए तैयार नहीं थे, 10 मई को बातचीत करने और पीछे हटने के लिए तैयार थे। यह बहुत स्पष्ट है कि कौन गोलीबारी बंद करना चाहता था।
होंडुरास दूतावास के उद्घाटन के मौके पर जयशंकर ने कहा कि भारत के लिए यह बहुत अच्छी बात है कि यहां सीईएलएसी (लैटिन अमेरिकी और कैरेबियाई राज्यों का समुदाय) समूह के एक देश का नया दूतावास है।
उन्होंने कहा कि होंडुरास एक ऐसा देश है जहां व्यापार बढ़ रहा है, वे राजनीतिक रूप से हमारा समर्थन करते हैं। वे उन देशों में से एक थे जिन्होंने पहलगाम हमले के मामले में मजबूत एकजुटता व्यक्त की थी, इसलिए मैं इसकी बहुत सराहना करता हूं।
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Tahawwur Rana Case: तुषार मेहता, एसवी राजू... 5 वकीलों की टीम दिलाएगी तहव्वूर राणा को हर गुनाहों की सजा
पीटीआई, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने 26 नवंबर, 2008 को मुंबई में हुए आतंकवादी हमले के मामले में पाकिस्तानी मूल के कनाडाई आतंकवादी तहव्वुर हुसैन राणा के खिलाफ पैरवी के लिए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की अध्यक्षता में वकीलों की एक टीम नियुक्त की है। गृह मंत्रालय ने कहा कि यह नियुक्ति राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण अधिनियम, 2008 और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस), 2023 के तहत की गई है।
वकीलों की टीम में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के अलावा अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू, वरिष्ठ अधिवक्ता दयान कृष्णन और अधिवक्ता नरेंद्र मान शामिल हैं। यह टीम एनआइए की विशेष अदालतों, दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में तहव्वुर राणा मामले से संबंधित मुकदमों में पैरवी करेगी।
तहव्वुर हुसैन राणा और डेविड हेडली के खिलाफ चलाया जा रहा मुकदमादिल्ली में एनआइए कोर्ट में 26/11 मुंबई आतंकवादी हमलों के संबंध में तहव्वुर हुसैन राणा और डेविड कोलमैन हेडली के खिलाफ मुकदमा चलाया जा रहा है।
एनआइए ने वर्षों के निरंतर प्रयास के बाद अमेरिका से राणा का प्रत्यर्पण सुनिश्चित किया और यहां पहुंचने पर 10 अप्रैल को उसे गिरफ्तार कर लिया। राणा पर पाकिस्तान के आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा द्वारा 2008 में किए गए हमलों के पीछे की बड़ी साजिश में शामिल होने का आरोप है। इन हमलों में 166 लोग मारे गए थे और 238 से अधिक घायल हुए थे। उसे नौ मई को न्यायिक हिरासत में भेजा गया था और एनआईए द्वारा हिरासत में पूछताछ के बाद तिहाड़ जेल भेज दिया गया है।
तेलंगाना में मिस वर्ल्ड प्रतिभागियों के पैर धुलवाने मचा बवाल, वीडियो हुआ वायरल; अब प्रदेश सरकार ने दी सफाई
पीटीआई, हैदराबाद। तेलंगाना के रामप्पा मंदिर में कुछ महिलाओं द्वारा मिस वर्ल्ड प्रतिभागियों के पैर धुलवाने में मदद करने का वीडियो सामने आने के बाद विवाद खड़ा हो गया है। भाजपा व बीआरएस ने इसे तेलंगाना की महिलाओं का अपमान करार दिया है।
रामप्पा मंदिर गईं थीं मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता की प्रतिभागीमिस वर्ल्ड प्रतियोगिता की प्रतिभागी बुधवार को परंपरागत साड़ी में रामप्पा मंदिर गईं थीं। मंदिर में प्रवेश से पहले उन सभी के पैर धुलवाए गए थे, जिसमें कुछ स्थानीय महिलाओं ने उनकी मदद की थी।
बीआरएस ने इसे एक भयावह घटना बतायावीडियो पर बीआरएस ने इसे एक भयावह घटना बताते हुए कहा कि स्थानीय दलित, आदिवासी व आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को विदेशी मिस वर्ल्ड प्रतिभागियों के पैर धोने व पोंछने के लिए बाध्य किया गया। इससे पूरे प्रदेश में आक्रोश है और राज्य के आत्म-सम्मान को ठेस पहुंची है।
भाजपा-बीआरएस ने मुख्यमंत्री की आलोचना कीबीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामा राव ने अपने एक्स हैंडल पर वीडियो को दोबारा पोस्ट करते हुए घटना के लिए मुख्यमंत्री की आलोचना की। तेलंगाना भाजपा प्रमुख व केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने भी एक्स पोस्ट पर कर कहा कि मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने महिलाओं के आत्म सम्मान व गरिमा को रौंद दिया है।
उन्होंने पोस्ट में आगे कहा कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व को ईशनिंदा और हमारी नारीशक्ति की गरिमा, संस्कृति और आत्मसम्मान को समर्पित करने के लिए तेलंगाना की महिलाओं से बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए।
प्रदेश सरकार ने कही ये बातवहीं इन आलोचनाओं के जवाब में प्रदेश सरकार ने एक्स पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अतिथि देवो भव: के भाव के तहत यह वह परंपरा है, जिसका हम पालन करते हैं, जिसमें अंतरराष्ट्रीय अतिथियों को सर्वोच्च सम्मान दिया जाता है।
India, Pak agree to continue reducing alert levels days after fighting pause - India Today
- India, Pak agree to continue reducing alert levels days after fighting pause India Today
- India, Pak To Work Towards Reducing Alertness Levels: Sources NDTV
- Divided by a border, united by fear: Kashmiris pick up the pieces after India-Pakistan step back from the brink CNN
- India, Pakistan agree to continue ‘confidence- building measures’ to reduce alertness level: Army The Hindu
- India-Pak Tensions Highlights | India, Pak to continue confidence-building measures to reduce the alertness levels Deccan Herald
सीबीएसई 10वीं और 12वीं में अधिक अंक लाने का सूत्र समझें, 40,769 स्टूडेंट्स ने पाए हैं 100 नंबर
जागरण संवाददाता, पटना। सीबीएसई के 10वीं व 12वीं का रिजल्ट आने के बाद अव्वल आने वाले छात्रों के अध्ययन के तरीके हर कोई जानना चाहता है। इस बार भी कई विषयों में छात्रों को 100 में 100 अंक हासिल हुआ है। 10वीं में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) में 20,278 स्टूडेंट्स को 100 में 100 परफेक्ट अंक प्राप्त हुआ है।
पिछले साल एआइ में 6269 को मिले थे 100पिछले साल की बात करें तो एआइ में 6,269 छात्र और छात्राओं को 100 में 100 अंक मिला था। इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी में 14,548 तो मैथ्स स्टैंडर्ड में 7,594 छात्रों को 100 में 100 अंक मिला है। बेसिक मैथ्स में 99 छात्र को 100 में 100 अंक प्राप्त हुआ हैं। साइंस में 5219, इंग्लिश कम्युनेटिव में 4598, संस्कृत में 2290 को 100 में 100 अंक मिला है।
6700 थी 100 पाने वालों की संख्यापिछले साल मैथ्स में 100 में 100 करने वालों की संख्या 6700 थी। 10वीं में इस बार 199944 छात्रों ने 90 प्रतिशत और इससे उपर और 45516 छात्रों ने 95 प्रतिशत और इससे अधिक स्कोर पाया है। देशभर में 10वीं में कुल 62 विषयों में 79,084 छात्रों ने तो 12वीं के कुल 92 विषयों में 54,140 छात्रों ने 100 में 100 अंक प्राप्त किया है।
12वीं में पेंटिंग में सबसे अधिक छात्रों को 100 अंकवहीं, 12वीं में पेंटिंग में 20,491 छात्रों को 100 में 100 अंक मिले हैं। दूसरे नंबर पर हिंदी म्यूजिक वोकल रहा है, जिसमें 4,291 छात्रों को 100 में 100 अंक मिला है। साइकोलॉजी में 2933 छात्रों तो गणित में 1,123 छात्रों को 100 में 100 अंक मिला है।
गणित में 722 छात्रों को 100 मिले बीते सालपिछले साल गणित में 722 छात्रों को 100 में 100 अंक मिला था। इस बार छात्र ने काफी विषयों में 100 में 100 अंक प्राप्त किया है। राजनीति शास्त्र में 835, एकाउंटेंसी में 1722, कंप्यूटर साइंस में 1676, फिजिक्स में 274, केमिस्ट्री में 2384, इकोनॉमिक्स में 1244, बायोलॉजी में 738, इंग्लिश कोर में 1873 व एआइ में 1201, हिस्ट्री में 750 छात्रों ने 100 में 100 अंक हासिल किया है।
कॉमर्स स्ट्रीम का हाल भी जानेंअगर कॉमर्स स्ट्रीम की बात करें, तो एकाउंटेंसी में 1712 और बिजनेस स्टडीज में 1259 छात्रों को 100 में 100 अंक मिला है। इंफॉर्मेटिक्स प्रैक्टिस में 1849, कंप्यूटर साइंस में 1655, इंग्लिश इलेक्टिव में कटऑप 99 तक गयी है।
बिहार में सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के लिए योजना तैयार करने के लिए उच्चस्तरीय बैठक आयोजित
डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार सरकार के विज्ञान, प्रावैधिकी एवं तकनीकी षिक्षा विभाग के तत्वावधान में आज एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें राज्य के समृद्ध सांस्कृतिक विरासत स्थलों के संरक्षण एवं संवर्धन के महत्वपूर्ण मामलों पर विचार-विमर्ष किया गया। डाॅ० मनीषा विनोदिनी रमेष, प्रो० वाइस-चांसलर (प्रोवोस्ट), अमृता विष्व विद्यापीठम्, केरल द्वारा की गई चर्चा अभिनव हेरिटेज हेराल्डः संस्कृतिक और विरासत के लिए भू-स्थानिक मंच प्रदान करने के ईर्द-गिर्द केन्द्रित थी।
हेरिटेज हेराल्ड पहल बिहार भर के गाँवों की अनूठी व सांस्कृतिक विरासत के प्रभावी दस्तावेजीकरण, प्रसार और प्रस्तुति के लिए भू-स्थानिक प्लेटफाॅमों और इंटरैक्टिव प्रणाली का उपयोग करते हुए एक प्रोद्योगिकी संचालित दृष्टिकोण का प्रस्ताव है। यह विरासत प्रबंधन प्रयासों की दीर्घकालिक स्थिरता सुनिष्चित करने के लिए वैज्ञानिक, समाजिक और आर्थिक आयामों को एकीकृत करती है।
बैठक में बिहार में सांस्कृतिक संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध प्रमुख हितधारकों ने भाग लिया। बिहार के पर्यटन विभाग के निदेषक-सह-विषेष सचिव, श्री उद्यन मिश्रा, कला युवा एवं संस्कृति विभाग, बिहार के प्रतिनिधि शामिल थे, जिन्होंने विभिन्न सरकारी निकायों द्वारा दिये जाने वाले सहयोगात्मक भावना को रेखांकित किया।
हेरिटेज हेराल्ड परियोजना के प्रमुख घटकों में शामिल हैः गाँव की विरासत को प्रदर्षित करने के लिए अत्यधिक इंटरैक्टिव प्रणाली विकसित करना, और प्रभावषाली संरक्षण अनुप्रयोगों के लिए विरासत विज्ञान के क्षेत्र को आगे बढ़ाना। युवा पीढ़ी के लिए गाँव के विरासत को प्रभावी ढ़ंग से प्रस्तुत करना, स्थानीय समुदायों के सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक लाभों का सक्रिय रूप से प्रबंधन करना, और गाँव की सांस्कृतिक विरासत के व्यापक समझ को बढ़ावा देना, टिकाऊ आर्थिक विकास के लिए गाँव की सांस्कृतिक विरासत पर्यटन के विकास को उत्प्रेरित करना और स्थानीय आबादी के लिए आजिविका के अवसरों में उल्लेखनिय सुधार करना।
प्रस्तावित कार्य प्रणाली में एक व्यापक सांस्कृतिक अनुभव प्रबंधन का निर्माण, विरासत और सांस्कृतिक को प्रभावी ढ़ंग से प्रदर्षित करने के लिए एक सुलभ वेब और मोबाईल पोर्टल का विकास, व बिहार अंतर्गत चयनित गाँव में हेरिटेज हेराल्ड की रणनिति लागू करने की योजना शामिल है।
चर्चा के दौरान अपर सचिव-सह-निदेषक श्री अहमद महमूद ने बिहार की विषिष्ट सांस्कृतिक पहचान की रक्षा के लिए तकनीकी प्रणाली का उपयोग करने के महत्व पर प्रकाष डाला। उन्होंने डॉ. मनीषा और अमृता विष्वविद्यापीठम् टीम द्वारा प्रस्तुत व्यापक और दुरदर्षी दृष्टिकोण की सराहना की। श्री उदयन मिश्रा ने टीम को बिहार के संभावित सांस्कृतिक विरासत स्थलों की पहचान करने में पर्यटन विभाग के सहयोग का आष्वासन दिया।
बैठक साकारात्मक और सहयोगात्मक ढ़ंग से समपन्न हुई। बैठक के प्रस्तावों से बिहार के अमुल्य सांस्कृतिक विरासत की बेहतर समझ, संरक्षण और सतत विकास में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा।
बिहार में पुराने वाहनों की स्क्रैपिंग पर मिल रही एकमुश्त छूट, वाहन मालिकों को मिल रहा भरपूर फायदा
डिजिटल डेस्क, पटना। राज्य में वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए 15 साल से अधिक पुराने और अनुपयोगी वाहनों को स्क्रैप किया जा रहा है। इसके लिए दो स्थानों पटना में निलियम स्क्रैपिंग सेंटर और वैशाली स्थित एसके इंटरप्राइजेज में वाहन स्क्रैपिंग सेंटर है। परिवहन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, पुराने वाहनों की स्क्रैपिंग के लिए जनवरी 2023 से मार्च 2025 के बीच एक हजार 557 आवेदन आए है। इनमें 747 वाहन सेना, 308 वाहन सरकारी और 522 वाहन निजी है।
पुराने वाहनों की स्क्रैपिंग पर छूट
प्रदेश सरकार वाहन स्वामियों को 15 साल से पुराने वाहनों की स्क्रैपिंग कराने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। इसके लिए कई तरह के कर में छूट दी जा रही है। इसमें वाहन मालिकों को जमा का प्रमाण पत्र(सीओडी) के आधार पर नए वाहनों के पंजीकरण कराने पर कर में रियायत, निजी वाहनों की स्क्रैपिंग पर कर में 25 प्रतिशत छूट और वाणिज्यिक वाहनों की स्क्रैपिंग पर 15 प्रतिशत छूट दी जा रही है। इसके साथ ही वाहन मालिकों को पहले से लंबित सभी तरह के बकाये में एकमुश्त छूट देने का प्रावधान है। यह छूट 31 मार्च 2026 तक प्रभावी है। विभाग ने 15 साल पुरानी सरकारी गाड़ियों की स्क्रैपिंग को जरुरी किया है।
नई गाड़ी खरीदने पर वाहन मालिकों को फायदा
परिवहन मंत्री शीला कुमारी ने कहा कि प्रदेश में बीते एक वर्ष में गाड़ियों की स्क्रैपिंग के लिए काफी काम हो रहा है। पुरानी गाड़ी स्क्रैप कराने वाले वाहन मालिकों को कोई नुकसान ना उठाना पड़े इसलिए उन्हें कई तरह की सहूलियत दी जा रही है। इसमें पुराने वाहन मालिकों को नई गाड़ी खरीदने पर कर में छूट का लाभ भी दिया जा रहा है, जिससे लोगों पर आर्थिक बोझ ना पड़े। विभाग आमजनों की सुविधा के लिए सजगता से काम कर रहा है।
स्क्रैपिंग के लिए ई-आवेदन
सरकारी गाड़ियों की स्क्रैपिंग के लिए ई-नीलामी मेटल स्क्रैप ट्रेड कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एमएसटीसी) https://www.mstcindia.co.in/index.aspx या सरकारी ई- बाजार (जेम) https://gem.gov.in/ पोर्टल पर की जाती है। इसमें देशभर से कोई भी रजिस्ट्रेशन वेरिफिकेशन और स्क्रैपिंग फैसिलिटी (आरवीएसएफ) सेंटर भाग ले सकता है और गाड़ियों को खरीद कर स्क्रैप कर सकता है। वहीं, नीजी वाहनों की स्क्रेपिंग लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (मोर्थ) पोर्टल पर आवेदन करना होगा, जिसे आरवीएसएफ सेंटर खरीद कर स्क्रैप करेगा।
बिहार में हर गांव तक पहुंच रही पक्की सड़क, अब तक 119000 से ज्यादा को मिली 'ऑल वेदर रोड'
डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार सरकार ने ग्रामीण बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम बढ़ाते हुए अब तक राज्य की 1,19,816 बसावटों को बारहमासी एकल संपर्कता का लक्ष्य हासिल कर लिया गया है। इन योजनाओं के तहत कुल 1,18,511 किलोमीटर लंबाई में ग्रामीण सड़कों का निर्माण कराया गया है, जिससे गांव-गांव तक संपर्कता सुलभ हुआ है।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत शुरुआत में केवल 1,000 या उससे अधिक आबादी वाले गांवों को ही जोड़ने का प्राथमिकता थी, लेकिन बिहार ने इस दिशा में पहल करते हुए वर्ष 2006-07 में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना शुरू की और 500 से 999 आबादी वाले बसावटों को भी पक्की सड़कों से जोड़ने का बीड़ा उठाया। इसके बाद उग्रवाद प्रभावित 11 जिलों में 250 या उससे अधिक और अन्य जिलों में 500 या उससे अधिक आबादी वाले गांवों को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में शामिल किया।
वर्ष 2013-14 में राज्य सरकार ने 'मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना' की शुरुआत की, ताकि राज्य के सभी जिलों में समान रूप से 250 या उससे अधिक की आबादी वाले वसाबटों को सड़क संपर्कता दी जा सके।
अब तक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत 57,102 बसावटों को जोड़ते हुए 53,283 किमी और मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना, ग्रामीण टोला संपर्क निश्चय योजना समेत अन्य योजनाओं के माध्यम से 63,174 बसावटों को जोड़ते हुए 64,926 किमी लंबाई की सड़कों का निर्माण हो चुका है।
वर्ष 2023 में राज्य सरकार ने ‘मुख्यमंत्री ग्रामीण संपर्क योजना (अवशेष)’ की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य 100 या उससे अधिक आबादी वाले अब तक छूटे बसावटों को भी बारहमासी एकल संपर्कता से जोड़ना है। समीक्षा में 13,814 बसावटें (16,652 किमी) ऐसी पाई गईं जिन्हें अभी तक पक्की सड़कों से नहीं जोड़ा गया था। इनमें से 3,494 बसावटों (3,734 किमी) के लिए 4,462.49 करोड़ रुपये की लागत से पथों की स्वीकृति दी जा चुकी है। वर्ष 2025-26 तक 5,900 करोड़ रुपये की लागत से लगभग 1,800 अनजुड़े बसावटों (4,500 किमी) को संपर्कता प्रदान करने हेतु स्वीकृति प्रदान किए जाने का लक्ष्य है।
मुख्यमंत्री ग्रामीण संपर्क योजना (अवशेष) के तहत बनने वाली सभी सड़कों का निर्माण कार्य पूरा होने के उपरांत 6 वर्षों तक उसका सतत् अनुरक्षण किया जाना है, जिसके पांचवे वर्ष की प्रथम तिमाही में पुनः कालीकरण का प्रावधान है, ताकि लंबे समय तक ग्रामीण जनता को बेहतर सड़क की सुविधा प्राप्त हो।
Bihar News: शिक्षकों के वेतन में देरी पर सख्त हुआ विभाग, जिला शिक्षा पदाधिकारियों को जारी किए अहम निर्देश
डिजिटल डेस्क, पटना। शिक्षा विभाग ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को शिक्षकों के वेतन के संबंध में अहम निर्देश जारी किया है। शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि सभी कोटि के शिक्षकों का समय पर वेतन भुगतान कराना प्राथमिकता है और उनके वेतन भुगतान के बाद ही जिला स्तरीय पदाधिकारियों और अन्य कार्यालय कर्मियों (चतुर्थवर्गीय कर्मियों को छोड़कर) को वेतन दिया जाए।
शिक्षा विभाग ने जतायी चिंताइस पत्र के माध्यम से शिक्षा विभाग ने चिंता जतायी है कि कई जिलों में आवंटन उपलब्ध होने के बावजूद शिक्षकों को वक्त पर वेतन नहीं मिल रहा है, जिससे शिक्षकों के परिवार पर गंभीर और प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है लिहाजा ऐसी परिस्थिति में शिक्षक सीधे मुख्यालय से संपर्क स्थापित कर रहे हैं। सभी कोटि के शिक्षकों का ससमय वेतन भुगतान करना विभाग की प्राथमिकता है और इसकी जवाबदेही पूर्ण रूप से जिला शिक्षा पदाधिकारी की है।
विशेष सचिव-सह-निदेशक (प्रशासन) सुबोध कुमार चौधरी की तरफ से हस्ताक्षरित इस पत्र में कहा गया है कि अगर किसी शिक्षक का वेतन तकनीकी कारणों जैसे पीआरएएन, एचआरएमएस या आधार के कारण अटका हो तो जिला शिक्षा पदाधिकारी मुख्यालय के संबंधित पदाधिकारी से संपर्क कर वेतन भुगतान कराने के लिए जिम्मेवार हैं। किसी भी शिक्षक को मुख्यालय स्तर पर वेतन से संबंधित समस्या के लिए मुख्यालय के पदाधिकारी से संपर्क करने अथवा मुख्यालय आने की जरूरत नहीं है।
निर्देश में यह भी कहा गया है कि अगर किसी जिले में आवंटन नहीं है तो इसकी सूचना तत्काल मुख्यालय को दी जाए और दूरभाष से संपर्क कर आवश्यक बजट उपलब्ध कराया जाए। यह आदेश शिक्षकों को प्राथमिकता और सम्मान देने की दिशा में एक सशक्त कदम माना जा रहा है।
अपर मुख्य सचिव ने भी दिया था निर्देशशिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने "शिक्षा की बात - हर शनिवार" कार्यक्रम के 13वें एपिसोड में स्पष्ट तौर पर निर्देश दिया था कि जब तक शिक्षकों को वेतन नहीं मिलेगा, तब तक शिक्षा विभाग के कार्यालयों में कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों (ग्रुप डी को छोड़कर) को वेतन नहीं दिया जाएगा। उन्होंने चेतावनी भी दी थी कि यदि शिक्षकों को तंग करने या वेतन रोकने की शिकायत आयी तो सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बिहार में युवाओं के स्वरोजगार का आधार बनी मुख्यमंत्री उद्यमी योजना, अब तक कुल 3035 करोड़ का हुआ वितरण
डिजिटल डेस्क, पटना। राज्य के युवाओं को स्वरोजगार मुहैया कराकर स्वालंबी बनाने में मुख्यमंत्री उद्यमी योजना विशेष भूमिका निभा रही है। राज्य के शिक्षित बेरोजगार युवाओं के लिए यह आत्मनिर्भरता की राह खोल रहा है। 2018 से शुरू हुई इस योजना का उद्देश्य शिक्षित युवाओं को स्वरोजगार एवं उद्यमिता के प्रति प्रोत्साहित करना है। इसकी मदद से युवा अपने लिए रोजगार सृजित करने के साथ ही दूसरों को भी रोजगार देने में सक्षम बन रहे हैं।
यह योजना समाज के विभिन्न वर्गों को ध्यान में रखकर तैयार की गई है और अब यह बिहार की आर्थिक विकास रणनीति का एक महत्वपूर्ण आधार स्तंभ बन गई है। इसके तहत सरकार का मुख्य उद्देश्य सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों को बढ़ावा देना है। साथ ही, यह योजना उन समस्याओं का समाधान करती है जो युवाओं को बैंक ऋण लेने में बाधक बनती हैं, जैसे कि बंधक सुरक्षा और मार्जिन मनी की कमी। और शिक्षित बेरोजगार युवाओं में उद्यमिता एवं स्वरोजगार को प्रोत्साहित करना है। इस योजना के तहत अबतक 43049 लाभुक लाभान्वित हुए हैं। और कुल 3035.54 करोड़ रुपये राशि का वितरण हो चुका है।
योजना के तहत वित्तीय सहयोग की पूरी संरचना
मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत योग्य लाभार्थियों को अधिकतम 10 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता दी जाती है। इसमें अधिकतम 5 लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त ऋण शामिल है। जबकि शेष 5 लाख रुपये अनुदान के रूप में तीन किश्तों में प्रदान की जाती है। अगर लाभार्थी मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना के अंतर्गत आता है, तो उसे 1 प्रतिशत की न्यूनतम ब्याज दर पर ऋण दिया जाता है, जिसकी वसूली 84 सामान्य किस्तों में बिहार स्टार्टअप फंड ट्रस्ट के माध्यम से की जाती है।
योजना का लाभ लेने के लिए ये योग्यताएं जरूरी
इस योजना का लाभ लेने के लिए कुछ जरूरी योग्यताएं निर्धारित की गई हैं। आवेदक बिहार का स्थायी निवासी होना चाहिए। वह 12वीं, आईटीआई, पॉलिटेक्निक डिप्लोमा या इसके समकक्ष कोई शिक्षा हासिल कर रखी हो। लाभार्थी की आयु 18 से 50 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
राज्य के उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने कहा कि उद्यमिता के क्षेत्र में बिहार की एक नई पहचान बनती जा रही है। सूबे के ग्रामीण अंचलों में बड़ी संख्या में बेरोजगारी है। यह योजना रोजगार सृजन करने के साथ-साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी पूरी तरह से मजबूत करने में खासतौर से योगदान दे रही है।
Khelo India Youth Games: दो महीने में बिहार ने पदकों की संख्या 12 से की 36, जहां नहीं थी उम्मीद; वहीं मिली जीत
अक्षय पांडेय, पटना। पटना में गुरुवार को संपन्न खेलो इंडिया यूथ गेम्स के सातवें संस्करण में कीर्तिमान बनाते हुए मेजबान बिहार ने 36 पदकों का आंकड़ा छू लिया। इसके पहले कभी राज्य के पदकों की संख्या दहाई अंक नहीं पार कर पाई थी। वर्ष 2020 में प्रदेश के खिलाड़ियों ने नौ पदक जीते थे। इस बार सरकार की योजना के अनुसार 12 खेलों में बेहतर प्रदर्शन कर होनहारों ने अपने गले को स्वर्ण, रजत एवं कांस्य की माला से सुशोभित किया। प्रचलित खेलों में बिहार पिछड़ा। जहां उम्मीद नहीं थी, वहां जीत मिली।
12 दिनों में 28 खेलों में लिया भागचार से 15 मई तक बिहार के खिलाड़ियों ने 28 खेलों में प्रतिभाग किया। 12 दिनों में रग्बी, एथलेटिक्स, थंग-टा, सेपकटाकरा, साइकिलिंग, गतका, जूडो, शूटिंग, योगासन, तलवारबाजी, भारोत्तोलन और बाक्सिंग में पदक जीते। इसमें रग्बी, एथलेटिक, थंग-टा से दो-दो और सेपकटाकरा से राज्य की झोली में एक सोना आया। पदकों की संख्या की बात करें तो, सेपकटाकरा में सबसे अधिक सात, एथलेटिक्स में छह और थंग-टा एवं गतका से पांच-पांच आए।
कुछ खेलों में एक भी मुकाबला नहीं जीताइस बीच प्रचलित खेलों में राज्य के खिलाड़ी चूक गए। राष्ट्रीय खेल हाकी के साथ फुटबाल, कबड्डी, खो-खो, कुश्ती, टेनिस, स्वीमिंग, बास्केटबाल, वालीबाल, टेबल टेनिस में बिहार को एक भी पदक नहीं मिले। कुछ खेल ऐसे रहे, जिसमें बिना एक भी मुकाबले जीते राज्य बाहर हो गया। इसके पहले उत्तराखंड में संपन्न 38वें राष्ट्रीय खेल में लानबाल और मार्डन पेंटाथलान जैसे गुमनाम खेलों में बिहार ने कमाल करते हुए पदक जीते थे।
उत्तराखंड में जीते थे 12 पदकखेलो इंडिया यूथ गेम्म के पहले थोड़ी तैयारी बिहार ने उत्तराखंड में आयोजित 38वें राष्ट्रीय खेल में कर ली थी। इसी वर्ष जनवरी-फरवरी में संपन्न प्रतियोगिता में राज्य ने कीर्तिमान बनाते हुए राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में पहली बार 12 पदक जीते थे। सबसे बड़ी बात यह थी कि ऐसे खेलों में राज्य ने पदक जीते, जो पहले गुमनाम रहे।
लानबाल और मार्डन पेंटाथलान में मारी थी बाजीलानबाल से स्वर्ण समेत तीन तो मार्डन पेंटाथलान से दो पदक राज्य के पास आए। योगा, तलवारबाजी, वुशू और रग्बी से भी प्रदेश के खिलाड़ियों ने बाजी मारी। उत्तराखंड में जीते 12 पदक को यूथ गेम्स में बिहार के खिलाड़ियों ने तीन गुना करते हुए 36 तक पहुंचा दिया। सबसे बड़ी यह रही कि जिन खेलों से उत्तराखंड में पदक आए, यूथ गेम्स में भी बिहार ने उन्हीं स्पर्धाओं में बाजी मारी।
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कांग्रेस नेता राहुल गांधी बोले- 30-32 मेडल पहले से थे, पटना में एक और मिला; मेरा काम हो गया
राज्य ब्यूरो, पटना। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी गुरुवार को अपनी एक दिन की यात्रा पर बिहार में थे। इस यात्रा में उन्होंने जहां दरभंगा में शिक्षा न्याय संवाद को संबोधित किया, वहीं पटना के सिटी सेंटर मॉल के आइनाक्स हाल में सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ फुले फिल्म देखी।
मुझे नहीं रोका, तो मैं चला गयापटना से दिल्ली प्रस्थान करने के पूर्व पटना एयरपोर्ट पर राहुल गांधी ने मीडिया से बात की। उन्होंने कहा कि पिछड़ा, अति पिछड़ा, दलित छात्रों से संवाद के लिए मैं यहां आया था। मुझे रोकने की कोशिश की गई, लेकिन मेरा काम हो गया। कानून के उल्लंघन मामले में दो प्राथमिकी होने पर उन्होंने कहा मुझे छात्रावास में जाने से किसी ने रोका नहीं तो मैं चला गया। अब प्राथमिकी हुई है, तो होने दीजिए। मुझ पर 30-32 एफआइआर हैं, ये सब मेरे लिए मेडल हैं।
2.20 बजे पटना के सिटी सेंटर मॉल पहुंचेराहुल गांधी करीब 2.20 बजे सिटी सेंटर पहुंचे। उनके साथ प्रदेश के नेताओं के अलावा विभिन्न सामाजिक संगठन के प्रतिनिधि भी थे। सिटी सेंटर के आइनाक्स हाल पहुंचते ही राहुल गांधी ने कहा, पहले बातें करते हैं इसके बाद फिल्म देखी जाएगी।
पद्मश्री सुधा वर्गीज से की बातचीतराहुल ने यहां मौजूद समाजसेवी पद्मश्री सुधा वर्गीज से दलित और मुहसर समाज की स्थिति के बारे में जानना चाहा। सुधा ने उन्हें बताया कि अनुसूचित जाति के लोगों-मुसहरों की स्थिति में आज भी कोई परिवर्तन नहीं आया है। बस चीजें बदल गई हैं। पटना के प्रख्यात चिकित्सक डा. एए हई से राहुल गांधी ने निजी क्षेत्र में आरक्षण के बाबत बातचीत की।
मंगलामुखी डिंपल जैसमीन से पूछा प्रश्नबातों का सिलसिला आगे बढ़ाते हुए यहां मौजूद मंगलामुखी डिंपल जैसमीन से कहा कि आप कोई एक सवाल बताएं जिसे संसद में उठाया जा सके। जवाब में डिंपल ने कहा कि परिवार को जब पता चलता है कि घर में मंगलामुखी का जन्म हुआ है, तो उसे संपत्ति से बेदखल कर दिया जाता है। हमारी बड़ी समस्या आवास की है। राहुल गांधी ने डिंपल जैसमीन को आश्वस्त किया कि वे इस मांग को संसद में जरूर रखेंगे।
निजी क्षेत्र में आरक्षण की वकालतराहुल गांधी ने बाद में यहां उपस्थित लोगों के बीच निजी क्षेत्र में आरक्षण की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि जब तक निजी क्षेत्र में आरक्षण नहीं होगा, तब तक समानता की बात अधूरी रहेगी। फिल्म देखने के बाद राहुल गांधी ने कहा कि फुले फिल्म भारतीय समाज के उन पहलुओं को उजागर करती है जिन्हें नजरअंदाज किया जाता है। फिल्म सबको देखनी चाहिए।
कई पड़े नेता रहे उपस्थितराहुल गांधी के साथ फिल्म देखने वाले प्रमुख लोगों को प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लावारू, अध्यक्ष राजेश राम, विधानमंडल दल के नेता डा. शकील अहमद खान, एनएसयूआइ प्रभारी कन्हैया कुमार, पूर्व विधान पार्षद प्रेम चंद मिश्रा, प्रवक्ता आनंद माधव, राष्ट्रीय मीडिया कार्डिनेटर संजीव सिंह, प्रदेश मीडिया प्रभारी राजेश राठौड़, सत्येंद्र बहादुर, कुमार आशीष व जिला कांग्रेस अध्यक्ष संजीव समेत दूसरे कई नेता उपस्थित रहे।
आमंत्रण के बाद भी हाल में प्रवेश नहींकांग्रेस की ओर से फिल्म देखने के लिए करीब चार सौ आमंत्रण पत्र जारी किए गए थे। राहुल गांधी के आगमन के पूर्व जिन लोगों ने हाल में प्रवेश लिया, उन्हें तो कोई परेशानी नहीं हुई। लेकिन, राहुल गांधी के हाल में प्रवेश के बाद सुरक्षा कारणों से शेष लोगों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया। जिसके बाद नाराज लोगों ने कांग्रेस विरोधी नारे बुलंद किए। हंगामा कुछ देर चला इसके बाद आमंत्रण के बाद भी प्रवेश न मिलने वाले लोग लौट गए।
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