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Bihar Weather: बिहार के 7 जिलों में आंधी-पानी का अलर्ट, वज्रपात को लेकर सावधान रहने की अपील; पढ़ें IMD का ताजा अपडेट
जागरण संवाददाता, पटना। राजधानी समेत प्रदेश के अधिसंख्य भागों का मौसम शुष्क बना रहेगा। आंशिक बादल छाए रहने के साथ उमस का प्रभाव बना रहेगा।
मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार अगले 24 घंटों के दौरान प्रदेश के सात जिलों शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया, किशनगंज और पूर्णिया के एक या दो स्थानों पर मेघ गर्जन, वज्रपात और आंधी पानी को लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया है।
इन स्थानों पर 30-40 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से हवा चलने की संभावना है। तीन से चार दिनों के दौरान प्रदेश के अधिकतम तापमान में दो से चार डिग्री वृद्धि के आसार हैं। मौसम विभाग के अनुसार छह जून से प्रदेश के मौसम में बदलाव के आसार हैं।
छह से आठ जून के दौरान प्रदेश के अधिसंख्य भागों में उष्ण दिन (गर्म दिन) रहने को लेकर चेतावनी जारी की गई है।
बीते 24 घंटों के दौरान किशनगंज, अररिया, मधुबनी, गया, सीतामढ़ी, सुपौल, कटिहार, भागलपुर, मधुबनी के अलग-अलग स्थानों पर वर्षा दर्ज की गई।
मधुबनी के अंधराथाड़ी में सर्वाधिक वर्षा 60.2 मिमी दर्ज की गई। सोमवार को राजधानी का अधिकतम तापमान 39.8 डिग्री सेल्सियस जबकि 40.2 डिग्री सेल्सियस के साथ डेहरी, बक्सर एवं भोजपुर सबसे गर्म रहा।
सोमवार को डेहरी, गया, नालंदा, फारबिसगंज, किशनगंज, छपरा, सासाराम, वाल्मीकि नगर को छोड़ कर पटना सहित शेष जिलों के अधिकतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई।
इन जगहों पर दर्ज की गई वर्षास्थान- वर्षा (मिमी में)
अररिया के नरपतगंज -60
किशनगंज के तैबपुर -50.8
मधुबनी के राजनगर -45
झंझारपुर -45
गया के मोहनपुर -35
खगड़िया के मानसी-34.6
कटिहार के बरसोई -32.8
फारबिसगंज -31.6
सुपौल के राघोपुर -26.4
किशनगंज के दिघलबैंक -26.2
पूर्णिया के भवानीपुर- 21.8
भागलपुर के बीहपुर -21.4
मधेपुरा के चौसा -16.8
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देश में तेजी से पांव पसार रहा कोरोना, 24 घंटे में चार लोगों की मौत; 3,961 हुई एक्टिव मामलों की संख्या
आईएएनएस, नई दिल्ली। भारत में कोविड के सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 3,961 हो गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को जारी आंकड़ों में बताया गया है कि पिछले 24 घंटों में देश में कोविड से चार मौतें हुई हैं। दिल्ली, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और केरल में रविवार से एक-एक मरीज की मौत हुई है।
इस वर्ष जनवरी से अब तक देश में कोविड से 32 मौतें हो चुकी हैं।कोविड के बढ़ते मामलों के बीच स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा कि घबराने की कोई जरूरत नहीं, क्योंकि संक्रमण गंभीर नहीं है। नए सबवैरिएंट्स एनबी.1.8.1 और एलएफ.7 के कारण मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन अधिकांश मरीज होम केयर में हैं। इस बार कोविड के कारण अस्पतालों पर बोझ नहीं पड़ेगा। हालांकि कोविड से बचने के लिए सतर्कता बरतनी चाहिए।
जानिए कहां कितने मामलेदिल्ली में कोविड के 47 नए मामले सामने आए हैं, जिससे राष्ट्रीय राजधानी में सक्रिय मामलों की कुल संख्या 483 हो गई है। केरल में मामलों की संख्या 1,435 हो गई है। महाराष्ट्र में काविड के 21 नए मामले मिलने से राज्य सक्रिय मामलों की संख्या 506 हो गई है। बंगाल में काविड के 44 नए मामले मिले हैं। बंगाल में सक्रिय मामलों की संख्या 331 हो गई है।
बढ़ते मामलों से घबराने की जरूरत नहींदिल्ली एम्स में सामुदायिक चिकित्सा केंद्र के एडिशनल प्रोफेसर डॉ. हर्षल आर. साल्वे ने कहा, घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है। हालांकि प्रारंभिक चरण में काविड की लहर को काबू करने के लिए सर्विलांस सिस्टम को मजबूत करने की जरूरत है।
प्रयागराज के मोतीलाल नेहरू अस्पताल के मुख्य अधीक्षक डॉ. एसके. चौधरी ने भी कहा है कि कोविड के बढ़ रहे मामलों से घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है।
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छह साल में पहली बार होगा ऐसा..., जी-7 शिखर सम्मेलन से दूर रह सकते हैं पीएम; आखिर क्या है वजह?
पीटीआई, नई दिल्ली। छह वर्षों में पहली बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी-7 शिखर सम्मेलन से दूर रह सकते हैं। इस बात की संभावना जताई जा रही है कि पीएम मोदी कनाडा के अल्बर्टा प्रांत में होने वाले सम्मेलन में शामिल नहीं हो सकते हैं।
कनाडा की मेजबानी में 15 से 17 जून तक होने वाले सम्मेलन में रूस-यूक्रेन युद्ध और पश्चिम एशिया की स्थिति जैसी वैश्विक चुनौतियों पर चर्चा होने की उम्मीद है। सूत्रों के अनुसार, कनाडा ने अभी तक प्रधानमंत्री मोदी को सम्मेलन के लिए निमंत्रण नहीं भेजा है, लेकिन मोदी के वहां जाने की संभावना नहीं है। क्योंकि दोनों देशों के मौजूदा संबंधों के मद्देनजर इस तरह की यात्रा के लिए बहुत अधिक तैयारी की आवश्यकता होती है।
भारत कनाडा के संबंध हो गए थे बेहद तनावपूर्णभारत-कनाडा के संबंध उस समय बेहद तनावपूर्ण हो गए थे, जब 2023 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तानी समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत का हाथ होने का आरोप लगाया था। हालांकि, गत अप्रैल में संसदीय चुनावों में लिबरल पार्टी के नेता मार्क कार्नी की जीत से संबंधों में सुधार की उम्मीद जगी है।
विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में क्या कहा?हाल ही में विदेश मंत्रालय ने कहा था कि भारत ने कनाडा को खालिस्तान समर्थकों के संबंध में अपनी सुरक्षा चिंताओं से लगातार अवगत कराया है। उनसे आग्रह किया गया है कि हिंसा और अलगाव का समर्थन करने वाले चरमपंथी तत्वों को राजनीति में कोई स्थान नहीं मिलना चाहिए। इस बयान से जाहिर होता है कि कनाडा की नई सरकार की ओर से भारत की चिंताओं को दूर करने के लिए अभी तक कोई स्पष्ट संकेत नहीं मिला है।
इसके अलावा नई दिल्ली और कनाडा के बीच एक-दूसरे के उच्चायुक्तों को बहाल करने के लिए कोई महत्वपूर्ण प्रगति नहीं हुई है। 2023 में प्रधानमंत्री मोदी जी-7 शिखर सम्मेलन के लिए जापान के हिरोशिमा गए थे, जबकि 2022 में जर्मनी की यात्रा की थी। जी-7 में अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, जर्मनी, कनाडा और जापान शामिल हैं। कनाडा वर्तमान में जी-7 की अध्यक्षता कर रहा है।
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'पानी और खून एक साथ नहीं बह सकता', भारतीय प्रतिनिधिमंडलों ने आतंक के खिलाफ एकजुटता पर दिया जोर; पाक को कड़ा संदेश
पीटीआई, लंदन। विदेश गए भारतीय प्रतिनिधिमंडलों ने सोमवार को कई देशों के नेताओं से मुलाकात की और आतंकवाद से लड़ने के भारत के संकल्प को दोहराया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मानवता के हित में आतंकवाद को समाप्त किया जाना चाहिए।
लंदन में भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने भारत-प्रशांत मंत्री कैथरीन वेस्ट से मुलाकात की। कैथरीन ने उन्हें बताया कि आतंकवाद से लड़ने के प्रयासों में ब्रिटेन भारत के साथ है। लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने आतंकवाद से अपने दम पर निपटने के भारत के संकल्प को दोहराया।
'आतंकवाद सभी देशों के लिए खतरा'प्रतिनिधियों ने इस बात पर भी जोर दिया कि आतंकवाद सभी देशों के लिए खतरा बना हुआ है। इसलिए दुनिया को मानवता के हित में इस संकट को मिटाने की जरूरत है। कैथरीन वेस्ट ने पहलगाम आतंकी हमलों की निंदा की और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता के लिए भारत के योगदान की सराहना की। बंद कमरे में हुई इस बैठक के बाद प्रतिनिधिमंडल ने इंडिया हाउस में ब्रिटेन स्थित कुछ अग्रणी थिंक टैंकों के प्रतिनिधियों के साथ गहन विचार-विमर्श किया।
प्रतिनिधिमंडल ने आतंकवाद के प्रति 'जीरो टालरेंस' का दिया संदेशअल्जीरिया में भाजपा सांसद बैजयंत जय पांडा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को चार देशों (बहरीन, कुवैत, सऊदी अरब और अल्जीरिया) की अपनी यात्रा पूरी की और आतंकवाद के प्रति 'जीरो टालरेंस' का संदेश दिया। प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने रविवार रात अल्जीरियाई संसद की विदेश मामलों पर समिति के अध्यक्ष मोहम्मद खोउने से मुलाकात की। पांडा ने एक्स पर पोस्ट किया, पारस्परिक हित के व्यापक विषयों और आतंकवाद के सभी रूपों से निपटने के लिए भारत की प्रतिबद्धता पर चर्चा की गई।
'पानी और खून एक साथ नहीं बहेगा'मलेशिया में जदयू सांसद संजय कुमार झा के नेतृत्व में संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने आतंकवाद के प्रति भारत की दृढ़ता पर जोर दिया और कहा कि पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते। प्रतिनिधिमंडल ने विभिन्न पार्टियों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की और उन्हें आतंकवाद के खिलाफ भारत के दृष्टिकोण और राष्ट्रीय संकल्प से अवगत कराया। राकांपा (एसपी) सांसद सुप्रिया सुले के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को मिस्त्र की सीनेट और प्रतिनिधि सभा के सदस्यों के साथ उपयोगी चर्चा की।
स्पेन के विदेश मंत्री जोस मैनुअल अल्बेरेस से प्रतिनिधिमंडल ने की मुलाकात
सीनेट ने भारत के साथ एकजुटता की पुष्टि की और घनिष्ठ रणनीतिक साझेदारी से जुड़े महत्व को दोहराया। द्रमुक सांसद कनिमोरी के नेतृत्व में संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने मैड्रिड में स्पेन के विदेश मंत्री जोस मैनुअल अल्बेरेस से मुलाकात की। इस दौरान अल्बेरेस ने आतंकवाद से निपटने के भारत के प्रयासों के लिए अपना स्पष्ट समर्थन व्यक्त किया। प्रतिनिधिमंडल ने अल्बेरेस को भारत की स्थिति से अवगत कराया और आतंकवाद से निपटने को लेकर भारत के प्रयासों पर चर्चा की।
लाइबेरिया में शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने भारतीय समुदाय के साथ बातचीत के दौरान आतंकवाद के सभी रूपों से लड़ने के लिए भारत का संकल्प व्यक्त किया। कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में संसदीय प्रतिनिधिमंडल पांच देशों की अपनी यात्रा के चौथे चरण में ब्राजील पहुंच गया है। प्रतिनिधिमंडल में शामिल तेजस्वी सूर्या ने एक्स पर लिखा, पूरे दिन की यात्रा के बाद हमारा प्रतिनिधिमंडल ब्राजील पहुंच गया है। पिछला सप्ताह व्यस्त लेकिन बहुत उपयोगी रहा। यहां अगले दो दिनों की वार्ताओं का बेसब्री से इंतजार है।
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ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार होगी कैबिनेट बैठक, पीएम मोदी की अध्यक्षता में लिए जा सकते हैं बड़े फैसले
पीटीआई, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) बुधवार को केंद्रीय मंत्रियों की परिषद (Cabinet Meeting) की बैठक की अध्यक्षता करेंगे जो कि पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के तहत भारत की दंडात्मक सैन्य कार्रवाई के बाद पहली बैठक है। यह कार्रवाई पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में की गई थी।
सूत्रों के अनुसार, मंत्री परिषद की बैठक के दौरान इस ऑपरेशन की विस्तृत जानकारी दी जा सकती है। यही मंत्री गण अगले सप्ताह मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल की पहली वर्षगांठ के अवसर पर भारतीय जनता पार्टी के कार्यक्रमों में भी शामिल होने वाले हैं।
इन बातों पर भी बैठक पर हो सकती है चर्चाऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के अलावा प्रधानमंत्री परिषद की बैठक में अपने शासन की प्रमुख विशेषताओं पर भी प्रकाश डाल सकते हैं क्योंकि मंत्री वर्षगांठ के कार्यक्रमों के दौरान देशभर में लोगों के साथ संवाद करने की तैयारी कर रहे हैं।
भारत द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले गुलाम जम्मू-कश्मीर (पीओजेके) में नौ आतंकी स्थलों पर किए गए सटीक हमले और इसके बाद पड़ोसी देश के सैन्य ठिकानों विशेष रूप से एअरबेस पर की गई जवाबी कार्रवाई पीएम मोदी के हालिया भाषणों का एक प्रमुख विषय रही हैं। उन्होंने यह पुष्टि की है कि ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान से जुड़े आतंकवादी कृत्यों को दंडित करने में भारत के ''न्यू नार्मल'' को चिह्नित किया है।
पीएम मोदी डेलिगेशन से लेंगे फीडबैकपाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद (Pakistan Sponsored Terrorism) और ऑपरेशन सिंदूर की सच्चाई से दुनिया को अवगत कराने गए सांसदों और राजनयिकों के प्रतिनिधमंडल की वापसी बुधवार सुबह से शुरू हो जाएगी। माना जा रहा है कि अगले सप्ताह खुद प्रधानमंत्री भी इन प्रतिनिधमंडलों से मुलाकात करेंगे और फीडबैक (PM Modi Feedback Session) लेंगे।
विश्व के 33 देशों में कुल दस दिनों की यात्रा बहुत सफल मानी जा रही है जिसमें औपचारिक और अनौपचारिक चर्चा में भारत के सांसदों (Indian MPs expose Pakistan) ने न सिर्फ संबंधित सरकारों बल्कि वहां के थिंक टैंक और बुद्धिजीवियों को हर पहलू पर भारत के विचारों से सहमत कराने की कोशिश की।
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पूर्वोत्तर में जारी रहेगा बारिश का दौर, दिल्ली-राजस्थान में भी करवट लेगा मौसम; जानिए कहां तक पहुंचा मानसून
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश के अलग-अलग हिस्सों में मौसम का रूख अलग देखने को मिल रहा है। जहां उत्तर भारत के कई राज्यों में तेज हवाओं के साथ गर्मी हो रही है। तो वहीं, पूर्वोत्तर के कई राज्यों में भारी बारिश और बाढ़ के कारण हालात खराब हो गए हैं। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी पिछले कुछ दिनों में मौसम में बदलाव देखने को मिला है।
वहीं, राजस्थान में पिछले समय तक गर्मी का सितम रहा, लेकिन सोमवार को मौसम में बदलाव देखने को मिला। राज्य के कई हिस्सों में बारिश और तेज हवाओं का सिलसिला देखने को मिला। वहीं, बात उत्तर प्रदेश की करें तो कई जिलों में गर्मी से हाल बेहाल हैं। वहीं, IMD ने मानसून को लेकर भी अपडेट दिया है।
जानिए दिल्ली में कैसा रहेगा मौसमभारत मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक, राजधानी दिल्ली में मंगलवार को भी हल्की बारिश देखने को मिल सकती है। इसके अलावा कई क्षेत्रों में तेज हवा भी चलने की संभावना है। वहीं, रविवार राजधानी में तेज हवाओं और हल्की बारिश के बाद मौसम सुहाना हो गया था।
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जानिए यूपी में आज कैसा रहेगा मौसम
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, उत्तर प्रदेश के कई जिलों में तेज हवाओं के साथ बारिश देखने को मिल सकती है। कुछ जिलों में के लिए विभाग ने यलो अलर्ट भी जारी किया है। मौसम विभाग के मुताबिक अधिकांश समय आसमान में बाद छाए रहेंगे। इसके अवाला 40 से 45 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की संभावना है।
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पूर्वोत्तर में जारी रहेगा बारिश का सिलसिला
पूर्वोत्तर के कई राज्यों में भारी बारिश के कारण हालात बेहद खराब हो गए हैं। बारिश के कारण 36 से अधिक लोगों की जान चली गई है। वहीं, सिक्किम के छातेन सैन्य शिविर के पास लैंडस्लाइड हुआ है। इसमें तीन जवान लापता हो गए। मौसम विभाग की मानें तो आने वाले एक से दो दिनों तक बारिश का ये सिलसिला अभी जारी रह सकता है।
असम में भी बारिश के कारण स्थितियां गंभीर बनी हुई हैं। मौसम विभाग ने कहा कि पूर्वोत्तर के ज्यादातर हिस्सों में बारिश का सिलसिला देखने को मिलेगा। वहीं, कुछ जगहों पर भारी से अधिक बारिश देखने को मिल सकती है।
कहां पहुंचा मानसूनदेश में इस साल मानसून ने तय समय से पहले ही दस्तक दे दी। मानसून के समय से पहले आने के बाद लोगों में काफी खुशी देखने को मिली। इस बीच मौसम विभाग ने बताया कि मानसून की रफ्तार थोड़ी धीमी हो गई है। विभाग की माने तो मानसून की तीव्रता अगले 7 से 8 दिन के लिए थम गई है। शुरुआत के दिनों में मानसून अच्छी रफ्तार के साथ आगे बढ़ रहा था। हालांकि, अब वो रफ्तार धीमी होती नजर आ रही है। (इनपुट एजेंसी के साथ)
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'पर्याप्त आराम करें, बहस से भी बचें', रेड सिग्नल पार करने के बढ़ते मामलों से चिंतित रेल मंत्रालय की चालकों को नसीहत
पीटीआई, नई दिल्ली। 'सावधानी हटी, दुर्घटना घटी'- यह प्रचलित कहावत सदैव सचेत रहने की प्रेरणा देती है ताकि कोई भी किसी अप्रिय घटना से दो-चार न हो। कई बार रेलवे स्टेशनों पर बने रनिंग रूम (विश्राम कक्ष) में ट्रेन चालक दल के सदस्य अनावश्यक गपशप में इतना मशगूल रहते हैं कि उनकी 'असावधानी' रेल हादसे का सबब बन जाती है।
बीते साल 33 ऐसे मामले सामने आए जब ट्रेन रेड सिग्नल पार कर गई और उनको कानोंकान खबर भी नहीं हुई। इसी असावधानी को दूर करने के लिए रेल मंत्रालय ने सभी जोन के महाप्रबंधकों को संबोधित एक पत्र लिखा है।
ट्रेन के चालक दल को पर्याप्त आराम करना चाहिएइसमें संबंधित विभाग प्रमुखों से चालक दल को सुरक्षा और सीखने से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर परामर्श देने का आग्रह किया है। 30 मई को लिखे पत्र के मुताबिक, मंत्रालय चाहता है कि ट्रेन चालक दल को पर्याप्त आराम करने और रनिंग रूम में अनावश्यक बहस से बचने के लिए परामर्श दिया जाए। साथ ही, अन्य उपायों के साथ-साथ रेड सिग्नल पार के मामलों को रोकने के लिए भी कहा जाए।
रेड सिग्नल पार करने के मामले लगातार बढ़ रहेपत्र में रेड सिग्नल पार करने के लगातार मामलों पर गंभीर चिंता व्यक्त की गई है। कुछ विशेष बातों के संदर्भ में मंत्रालय चाहता है कि ट्रेन चालक दल को परामर्श दिया जाए - जैसे, ''मुख्यालय और रनिंग रूम में पर्याप्त आराम करें; रनिंग रूम में अनावश्यक बहस से बचें। निर्धारित किए गए मार्ग के लिए निर्देशों के अनुसार उचित परिवहन प्रशिक्षण सुनिश्चित करें। यात्रा के दौरान मोबाइल फोन को बंद अवस्था में बैग में रखें, आदि।''
मंत्रालय ने अपने पत्र में कहा है कि पिछले वर्ष (2024-25) के दौरान, सुरक्षा सूचना प्रबंधन प्रणाली पर रेड सिग्नल पार करने की 33 घटनाएं दर्ज की गईं। इसने कहा है, ''मौजूदा निवारक प्रयासों के बावजूद इस वर्ष रेड सिग्नल पार करने के छह मामले सामने आए हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि चालक दल की कठोर काउंस¨लग और अधिकारियों एवं पर्यवेक्षकों द्वारा निगरानी तथा सुधारात्मक कार्रवाई की अहम आवश्यकता है।''
वॉकी-टॉकी से नहीं प्राप्त करें निर्देशएक सूत्र ने बताया, ''अगर अब तक सुरक्षा सूचना प्रबंधन प्रणाली में छह मामले रिपोर्ट किए गए हैं, तो वास्तविक संख्या कहीं अधिक हो सकती है क्योंकि कई अधिकारी एसपीएडी के सभी मामलों की रिपोर्ट नहीं करते हैं।'' निर्देशों में यह भी कहा गया है कि चालक दल को स्टेशन स्टाफ से वाकी-टाकी के माध्यम से परिचालन निर्देश प्राप्त नहीं करना चाहिए।
ISRO News: इसरो ने अपने नाम हासिल की बड़ी उपलब्धि, सेमीक्रायोजेनिक इंजन का तीसरा हॉट टेस्ट सफल
पीटीआई, बेंगलुरु। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने पावर हेड टेस्ट आर्टिकल (पीएचटीए) का तीसरा हॉट टेस्ट सफलतापूर्वक पूरा कर मील का पत्थर हासिल किया है। तमिलनाडु के महेंद्रगिरि के इसरो प्रोपल्शन कांप्लैक्स (आइपीआरसी) में यह सफल परीक्षण किया गया।
इसरो के अनुसार, इसरो के राकेट में सेमीक्रायोजेनिक इंजन का उपयोग करने का मार्ग प्रशस्त करने के लिए ये परीक्षण किए जा रहे हैं।
इसरो सेमी-क्रायोजेनिक इंजन कर रहा विकसितगौरतलब है कि इसरो सेमी-क्रायोजेनिक इंजन विकसित कर रहा है। इसका उद्देश्य राकेट की पेलोड क्षमता बढ़ाना और भविष्य के प्रक्षेपण यानों को अधिक थ्रस्ट या ताकत देना है।
इसरो ने क्या कहा?इसरो ने ने बताया कि 28 मई को किए गए तीन सेकंड के परीक्षण के दौरान इंजन को सफलतापूर्वक स्टार्ट किया गया। परीक्षण के नतीजे अपेक्षा के अनुरूप रहे। यह अपनी रेटेड पावर स्तर के 60 प्रतिशत तक संचालित हुआ। गौरतलब है कि इसरो ने 28 मार्च को पहला सफल हाट टेस्ट किया था। दूसरा परीक्षण 24 अप्रैल को किया गया था।
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नॉर्थईस्ट में भारी बारिश से बिगड़े हालात, बाढ़ के बाद स्थिति गंभीर; 36 लोगों की मौत
पीटीआई, गुवाहाटी। पूर्वोत्तर के कई राज्यों में भारी बारिश और बाढ़ से स्थिति लगातार गंभीर होती जा रही है। बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं में 36 लोगों की मौत हो गई है। इनमें त्रिपुरा में एक, सिक्किम में तीन, मिजोरम में पांच, मेघालय में छह, अरुणाचल प्रदेश में 10 और असम में 11 मौतें शामिल हैं।
असम में 5.35 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। राज्य में 15 नदियां उफान पर हैं। मिजोरम में भूस्खलन, चट्टानें गिरने की कई घटनाएं सामने आई हैं। मणिपुर में बाढ़ से 19 हजार से अधिक लोग प्रभावित हैं। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार 22 जिलों के 1,254 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं।
भारी बारिश के कारण राज्य में सड़क, रेल और नौका सेवाएं प्रभावित रहीं। श्रीभूमि सबसे अधिक प्रभावित जिला है, जहां 1,94,172 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। होजाई जिले में एक व्यक्ति की मौत की खबर है, जिससे बाढ़ और भूस्खलन से मरने वालों की संख्या 11 हो गई है। 12,610 हेक्टेयर फसल क्षेत्र जलमग्न हो गया है।
अरुणाचल प्रदेश में बाढ़ में बहे व्यक्ति का शव बरामदअरुणाचल प्रदेश में सोमवार को लगातार बारिश जारी रही। मुख्य नदियों और उनकी सहायक नदियों का जल स्तर खतरे के स्तर से ऊपर है। 23 जिलों के 156 गांवों में 938 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। लोहित जिले में बाढ़ में बहे व्यक्ति का शव मिला। वायुसेना ने दिबांग घाटी में बाढ़ग्रस्त बोमजीर नदी में फंसे 14 व्यक्तियों को बचाया।
आइजल में भारी बारिश के चलते स्कूलों को किया गया बंदमिजोरम के आइजल जिले में मूसलधार बारिश के कारण भूस्खलन, और चट्टान गिरने की घटनाओं के मद्देनजर अधिकारियों ने सोमवार को जिले के सभी स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया। राज्य में 24 मई से हो रही भारी बारिश के कारण भूस्खलन, घर ढहने और अन्य आपदाओं के कारण अब तक तीन म्यांमार शरणार्थियों सहित पांच लोगों की मौत हो चुकी है। 60 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं। रविवार तक राज्य के विभिन्न हिस्सों में कुल 211 भूस्खलनों की घटनाएं हुई है।
कांग्रेस ने केंद्र से की पूर्वोत्तर राज्यों के लिए फंड मुहैया कराने की मांगकांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पूर्वोत्तर राज्यों में बाढ़ की स्थिति को लेकर सोमवार को मोदी सरकार पर हमला किया। उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने पीएम केयर फंड से मदद देंगे। उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया, पूर्वोत्तर क्षेत्र विनाशकारी बाढ़, भूस्खलन और भारी बारिश से जूझ रहा है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को पूर्वोत्तर के सभी राज्यों, विशेष रूप से असम के लिए बाढ़ की तैयारी के लिए अधिक फंड जारी करना चाहिए। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा, मैं केंद्र और राज्य सरकारों से अपील करता हूं कि वे राहत और बचाव कार्यों को तेज करें और जरूरतमंद सभी लोगों को सहायता प्रदान करें।
मणिपुर में बाढ़ से 19,811 लोग प्रभावितमणिपुर में बाढ़ से 19,811 लोग प्रभावित हुए हैं। पिछले चार दिनों में लगातार मूसलधार बारिश के कारण 3,365 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं। सेना और असम राइफल्स के कर्मियों ने इंफाल पूर्व जिले से लगभग आठ सौ लोगों को बचाया।
'सिर्फ 32 प्रतिशत पैसा खुद जुटा पा रहे शहरी स्थानीय निकाय', CAG की ऑडिट रिपोर्ट में खुलासा; वजह भी आई सामने
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देश में शहरी स्थानीय निकाय औसत रूप से अपनी जरूरतों का केवल 32 प्रतिशत धन अपने संसाधनों से जुटा पाते हैं और इसीलिए राज्य सरकारों और केंद्र सरकार पर उनकी निर्भरता बनी हुई है। यह निष्कर्ष नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक यानी कैग की एक ऑडिट रिपोर्ट में सामने आया है।
शहरी शासन के ढांचे में सुधार के लिए किए गए 74वें संविधान संशोधन के इस साल जून में 32 साल पूरे होने के अवसर पर नीति संगठन जनाग्रह की ओर से आयोजित एक सम्मेलन में इस ऑडिट रिपोर्ट के मुख्य अंश सार्वजनिक किए गए। रिपोर्ट के अनुसार शहरी निकाय अपने राजस्व के सबसे बड़े स्त्रोत संपत्ति कर की वसूली में भी पिछड़े हुए हैं। वे मुश्किल से 56 प्रतिशत संपत्ति कर जुटा पाते हैं और इसीलिए उनकी आय बढ़ने का नाम नहीं ले रही है।
'शहरों में होने चाहिए स्पष्ट नजर आने वाले सुधार'सम्मेलन में देश के नियंत्रक एवं महालेख परीक्षक के. संजय मूर्ति ने 74वें संविधान संशोधन ने शहरी शासन के ढांचे को सशक्त बनाने का अवसर दिया था, लेकिन अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। शहरों में स्पष्ट नजर आने वाले सुधार होने चाहिए। उन्होंने खासकर टियर 2 और टियर 3 शहरों में विशेष रूप से ध्यान देने की वकालत की।
कैग की ऑडिट रिपोर्ट में क्या कहा गया?कैग की ऑडिट रिपोर्ट ने शहरी स्थानीय निकायों में स्टाफ की कमी का तथ्य भी सामने रखा है। इसके अनुसार शहरी स्थानीय निकाय औसत रूप से 32 प्रतिशत स्टाफ की कमी के साथ काम कर रहे हैं। इस ऑडिट रिपोर्ट में 74वें संविधान संशोधन की जमीनी हकीकत भी बताई गई है। कागजी रूप से तो ज्यादातर राज्यों ने इसे अपना लिया है, लेकिन व्यावहारिक रूप से सच्चाई यह है कि केवल दो-चार काम ही ऐसे हैं जिन पर शहरी स्थानीय निकाय अपने हिसाब से निर्णय ले सकते हैं।
'शहरों में वार्ड का परिसीमन का भी अधिकार नहीं'स्थिति यह है कि राज्यों ने अपने निर्वाचन आयोग को यह अधिकार भी नहीं दिया है कि वे शहरों में वार्ड का परिसीमन कर सकें। लगभग 25 करोड़ में से केवल छह करोड़ शहरी आबादी ही ऐसी है जो अपने मेयरों का सीधे चुनाव करती है। राज्यों में जिला विकास योजनाएं ही नहीं हैं।
सम्मेलन में जनाग्रह के सीईओ श्रीकांत विश्वनाथन ने कहा कि भारत को शहरों को शासन और अर्थव्यवस्था की अलग ईकाई के रूप में देखना होगा। 74वें संविधान संशोधन को 32 वर्ष हो गए, लेकिन हमारे नगर निगम आज भी सक्षम शहरी स्थानीय शासन के रूप में काम नहीं कर रहे हैं।
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कोलकाता से जुड़े टेरर फंडिंग के तार, NIA की जांच में बड़ा खुलासा; पाकिस्तानी हैंडलरों के जरिए भेजे जा रहे थे पैसे
राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। कोलकाता से टेरर फंडिंग के तार जुड़े होने का पता चला है। पहलगाम हमले से पहले कोलकाता के मुस्लिम बहुल इलाका मोमिनपुर की एक दुकान से पाकिस्तानी एजेंट होने के संदेह में गिरफ्तार केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के सहायक उपनिरीक्षक मोतीराम जाठ के खाते में करीब 55 हजार रुपये जमा हुए थे।
एनआईए की जांच में यह सनसनीखेज जानकारी सामने आई है। कोलकाता के तपसिया के होटल कर्मी मोहम्मद वकील से पिछले दिनों एनआईए कार्यालय में पूछताछ की गई। पता चला है कि एंटाली निवासी वकील पूर्व सैन्यकर्मी है। वकील ई-वालेट के जरिए मोतीराम को पैसे भेजता था।
पाकिस्तानी हैंडलरों के जरिए गए हैं पैसेएनआईए का मानना है कि पैसे पाकिस्तानी हैंडलरों के जरिए गए हैं। एनआईए ने मोमिनपुर स्थित दुकान की तलाशी ली। केंद्रीय खुफिया एजेंसियों को पता चला कि दुकान मालिक ने मोतीराम को चार किस्तों में 22,000 रुपये, 13,500 रुपये, 15,000 रुपये और 5,000 रुपये भेजे थे। एनआईए यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि यह पैसा हवाला के जरिए तो नहीं गया।
एनआईए को कई लोगों पर शकदुकान मालिक से सोमवार को पूछताछ की गई है। खुफिया एजेंसियों के मुताबिक इस संभावना से इनकार नहीं किया जा रहा है कि दुकान मालिक किसी तरह से अप्रत्यक्ष रूप से जासूसी गतिविधियों में शामिल है।
एनआईए के अधिकारी कर रहे सीसीटीवी फुटेज की जांचएनआईए सूत्रों के अनुसार, दुकान के सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है ताकि पता लगाया जा सके कि मोमिनपुर स्थित दुकान में कौन लोग पैसा जमा करने जाते थे। वहीं, एनआईए ने सोमवार को कोलकाता स्थित एक टूर एंड ट्रैवल फर्म के मालिक मसूद आलम से पूछताछ की है।
एजेंसी को इस फर्म के व्यावसायिक खाते से विभिन्न आतंकी संगठनों के खातों में धनराशि स्थानांतरित किए जाने की सूचना मिली थी। जांच अधिकारियों को संदेह है कि टूर एंड ट्रैवल फर्म के व्यावसायिक खाते ने पाकिस्तान से आतंकी समूहों के खातों में और मोतीराम जाठ के खातों में धन हस्तांतरण के लिए मध्यस्थ के रूप में काम किया।
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