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पेगासस स्पाइवेयर के जरिये जिनकी जासूसी हुई, उनका ब्योरा दे केंद्र, कांग्रेस ने सरकार से कर दी बड़ी मांग
पीटीआई, नई दिल्ली। कांग्रेस ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि वह सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अमेरिका की अदालत में हुए हालिया राजफाशों के बारे में बताएं जिसमें 100 भारतीयों की पेगासस स्पाइवेयर के जरिये जासूसी का उल्लेख है। साथ ही कहा कि सरकार को उन 100 भारतीयों का ब्योरा देना चाहिए।
पेगासस का इस्तेमाल 100 भारतीयों का मोबाइल हुआ हैककांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने एक प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि यह स्पष्ट है कि पेगासस का इस्तेमाल 100 भारतीयों के मोबाइल फोन को हैक करने के लिए किया गया। उन्होंने इस मामले की न्यायालय द्वारा जांच की मांग की।
सुरजेवाला ने कहा कि पेगासस सॉफ्टवेयर बनाने वाली कंपनी एनएसओ ने कहा है कि जासूसी साफ्टवेयर के लाइसेंस सरकारों द्वारा लिए गए थे। उन्होंने कहा कि क्या यह साबित नहीं करता कि मोदी सरकार ने जासूसी के लिए पेगासस खरीदा? कांग्रेस नेता ने सरकार से यह भी पूछा कि साफ्टवेयर खरीदने की अनुमति किसने दी।
विपक्षी नेता, जर्नलिस्ट, जज, और केंद्रीय मंत्री की हुई थी जासूसीउन्होंने कहा कि जब अमेरिका की अदालत में दस्तावेज सार्वजनिक किए गए हैं तो क्या यह भारत सरकार की जिम्मेदारी नहीं है कि वह 22 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में इन दस्तावेजों को पेश करे? उन्होंने दावा किया कि जिन लोगों की जासूसी हुई उनमें विपक्षी नेता, जर्नलिस्ट, जज, और केंद्रीय मंत्री तक शामिल थे।
कर्नाटक में जाति जनगणना रिपोर्ट पेश, पिछड़ा वर्ग आरक्षण बढ़ाकर 51 प्रतिशत करने की सिफारिश
पीटीआई, बेंगलुरु। कर्नाटक में जाति आधारित जनगणना रिपोर्ट में पिछड़े समुदायों के लिए आरक्षण को मौजूदा 32 प्रतिशत से बढ़ाकर 51 प्रतिशत करने की सिफारिश की गई है।
सूत्रों के अनुसार जाति आधारित जनगणना से पता चला है कि राज्य में पिछड़ी जातियों की जनसंख्या 70 प्रतिशत है। इससे पहले बिहार सरकार ने भी जाति आधारित जनगणना करवाई थी।
रिपोर्ट में तमिलनाडु और झारखंड का उदाहरण दिया गयासूत्रों ने बताया कि रिपोर्ट में तमिलनाडु और झारखंड का उदाहरण दिया गया है, जो पिछड़े वर्ग की आबादी के अनुसार क्रमश: 69 और 77 प्रतिशत आरक्षण प्रदान दे हैं।
बिहार में ऐसा है मामलाबिहार सरकार ने भी जाति आधारित जनगणना रिपोर्ट के आधार पर राज्य में सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश के लिए पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण कोटा 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 65 प्रतिशत कर दिया था। इस कानून को पटना हाई कोर्ट ने रद कर दिया था। मामला सुप्रीम कोर्ट में है।
सर्वेक्षण शुरू में 2015 में एच. कंथराज द्वारा कराया गया था और बाद में कर्नाटक राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष के. जयप्रकाश हेगड़े ने इसे पूरा किया और फरवरी 2024 में मुख्यमंत्री सिद्दरमैया को रिपोर्ट सौंपी। पिछले दिनों यह रिपोर्ट राज्य कैबिनेट में पेश की गई।
किसकी कितनी है आबादी- पिछड़ा वर्ग 1ए श्रेणी - 34,96,638
- पिछड़ा वर्ग 1बी श्रेणी - 73,92,313
- पिछड़ा वर्ग 2ए श्रेणी - 77,78,209
- पिछड़ा वर्ग 2बी श्रेणी - 75,25,880
- पिछड़ा वर्ग 3ए श्रेणी - 72,99,577
- पिछड़ा वर्ग 3बी श्रेणी - 1,54,37,113
- अन्य पिछड़ी जातियों की कुल जनसंख्या- 4,16,30,153
- अनुसूचित जाति - 1,09,29347
- अनुसूचित जनजाति 42,81,289
(सैंपल सर्वे में 5,98,14,942 की आबादी शामिल है)
जाति जनगणना राजनीतिक नाटक: कुमारस्वामीकेंद्रीय मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरमैया पर जाति जनगणना को राजनीतिक नौटंकी के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। कुमारस्वामी ने कहा, जाति जनगणना रिपोर्ट का कोई मतलब नहीं है। सरकार जाति लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रही है। अगर आप वाकई जाति जनगणना चाहते हैं, तो सर्वेक्षण कर नई रिपोर्ट पेश करें। पिछले 10 सालों में जनसांख्यिकी में महत्वपूर्ण बदलाव आए हैं।
तमिलनाडु के मंत्री ने उड़ाया हिंदू धर्म का मजाक, विवाद बढ़ा तो मांगनी पड़ी माफी; कैबिनेट से हटाने की हो रही मांग
एजेंसी, चेन्नई। हिंदू धर्म का मजाक उड़ाने वाले तमिलनाडु के वन मंत्री के. पोनमुडी ने अपनी अनुचित टिप्पणी के लिए माफी मांग ली है। गौरतलब है कि पोनमुडी ने एक कार्यक्रम में महिलाओं और हिंदू धर्म के शैव एवं वैष्णववाद पर अपमानजनक टिप्पणी की थी।
उनके भाषण का वीडियो प्रसारित होने के बाद द्रमुक अध्यक्ष स्टालिन ने 11 अप्रैल को पोनमुडी को पार्टी के उप महासचिव पद से हटा दिया था। चौतरफा विरोध के बाद पोनमुडी ने कहा, अपने अनुचित शब्दों के लिए मुझे खेद है। मैं उन सभी से दिल से माफी मांगता हूं, जिन्हें मेरे शब्दों से ठेस पहुंची है।
वीएचपी ने की मंत्रिमंडल से हटाने की मांगइस बीच विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने पोनमुडी को स्टालिन मंत्रिमंडल से तत्काल हटाने की मांग की है। उत्तर तमिलनाडु के विहिप राज्य अध्यक्ष अंडाल पी. चोकलिंगम ने कहा कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन अगर धर्मनिरपेक्षता पर कायम हैं तो उन्हें पोनमुडी को तुरंत मंत्री पद से हटा देना चाहिए। पोनमुडी को द्रमुक में उप महासचिव पद से हटाना केवल दिखावा है।
उन्होंने घोषणा की कि वीएचपी पोनमुडी को मंत्रिमंडल से हटाने की मांग को लेकर 15 अप्रैल को राज्यव्यापी प्रदर्शन करेगी। इस बीच हिंदू मुन्नानी के प्रदेश अध्यक्ष कादेश्वर सुब्रमण्यम ने भी पोनमुडी को मंत्री पद से हटाने की मांग को लेकर 15 अप्रैल को राज्यव्यापी प्रदर्शन की घोषणा की है।
हिंदुओं और हिंदी भाषियों का बताया अपमान- भाजपा नेता सैयद जफर इस्लाम ने पोनमुडी और द्रमुक पर निशाना साधा है। जफर इस्लाम ने कहा, 'द्रमुक की पोल खुल गई है। पोनमुडी ने बेहद आपत्तिजनक टिप्पणी की है, जिसमें उन्होंने वैष्णवों और शैवों का मजाक उड़ाया है और हिंदी भाषी नागरिकों को पानी पूरी बेचने वाला कहकर उनका अपमान किया है।
- उन्होंने कहा कि हैरानी की बात है कि उनके बयानों के बावजूद द्रमुक ने उनके खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की। वहीं भाजपा नेता सीआर. केसवन ने कहा कि पोनमुडी को मंत्री पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।
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UPI के बाद WhatsApp हुआ डाउन, यूजर्स को मैसेज भेजने में आ रही दिक्कत
नई दिल्ली, आईएएनएस। वाट्सएप यूजर्स को शनिवार को इसकी सुविधा के उपयोग में परेशानी का सामना करना पड़ा। भारत में यूजर्स संदेश भेजने और स्टेटस अपलोड करने में असमर्थ थे।
एप आउटेज ट्रैकिंग प्लेटफार्म डाउन डिटेक्टर के अनुसार, 81 प्रतिशत यूजर्स ने संदेश भेजने में समस्या की सूचना दी, जबकि 16 प्रतिशत ने एप के उपयोग में पूरी तरह समस्या की सूचना दी।
वाट्सएप की ओर से कोई बयान नहीं आया सामनेएक्स पर एक यूर्जर ने कहा कि क्या यह सिर्फ मेरा मामला है या आपका वाट्सएप भी बंद है मैं स्टेटस अपलोड करने की कोशिश कर रहा हूं और ऐसा करने में बहुत समय लग रहा है। इसे लेकर वाट्सएप की ओर से तत्काल कोई बयान नहीं आया है। कुछ यूजर्स ने मेटा के स्वामित्व वाले फेसबुक और इंस्टाग्राम पर भी इसी तरह की समस्या की सूचना दी।
यूजर्स ने दी ये प्रतिक्रियाएक यूजर ने लिखा क्या वाट्सएप बंद है। मुझे संदेश भेजने में परेशानी हो रही है। संदेश जा नहीं रहा। क्या कोई और इस तरह की समस्या का सामना कर रहा है।
फरवरी में भी आई थी परेशानीफरवरी के आखिर में भी वाट्सएप की सेवा में भारी व्यवधान पैदा हुआ था, जिससे दुनिया भर में कई यूजर्स एप का उपयोग करने में असमर्थ हो गए। वे वाट्सएप या इसके वेब संस्करण के माध्यम से कनेक्ट या संदेश भेजने या कोई काल करने में असमर्थ थे। डाउन डिटेक्टर ने उस दिन 9,000 से अधिक शिकायतें दर्ज की थीं।
UPI की सेवाएं भी आज हुई थीं बाधितयूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) सेवा के माध्यम से डिजिटल भुगतान शनिवार को एक बार फिर देशभर में ठप हो गया। इससे पेटीएम, गूगल पे और फोनपे जैसे प्लेटफार्म के लाखों यूजर्स प्रभावित हुए। कई आनलाइन भुगतान प्लेटफार्म पर डिजिटल सेवाएं बाधित रहीं।
बता दें कि एक पखवाड़े से भी कम समय में यह तीसरी बार है जब यूपीआई में व्यवधान के कारण लेन-देन प्रभावित हुआ। हाल ही में 26 मार्च और दो अप्रैल को भी यूपीआई में व्यवधान की खबरें आई थीं। यूजर रिपोर्ट के आधार पर सेवा व्यवधानों की निगरानी करने वाले प्लेटफार्म 'डाउन डिटेक्टर' के अनुसार, दोपहर एक बजे तक 2,358 शिकायतें दर्ज की गईं। सबसे ज्यादा शिकायतें भुगतान (81 प्रतिशत) और फंड ट्रांसफर (17 प्रतिशत) के लिए थीं। (इनपुट एजेंसी के साथ)
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तहव्वुर राणा के सेल में बस इन अधिकारियों की एंट्री, सुरक्षा को लेकर क्या है NIA का प्लान?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मुंबई में हुए 26/11 आतंकी हमले का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा अमेरिका से भारत लाया जा चुका है। कोर्ट ने तहव्वुर राणा को 18 दिनों की एनआईए रिमांड पर भेजा है। इस दौरान उससे पूछताछ की जानी है। तहव्वुर राणा मामले में मुख्य जांच अधिकारी एनआईए की उप महानिरीक्षक जया रॉय हैं।
बताया जाता है कि तहव्वुर राणा को भारत वापस लाने की जिम्मेदारी जया रॉय पर भी थी। जांच अधिकारी जया रॉय का लक्ष्य आंतकी तहव्वुर राणा से उसकी भारत यात्राओं और खास कर के 8 नवंबर से 21 नवंबर, 2008 के बीच की उसकी गतिविधियों और संपर्कों के बारे में जानकारी निकालना है।
18 दिनों की रिमांड पर राणाकोर्ट ने आदेश दिया है कि तहव्वुर राणा 18 दिनों तक एनआईए की हिरासत में रहेगा। कोर्ट के फैसले के बाद एजेंसी ने एक बयान जारी कर कहा कि इस दौरान आतंकी से विस्तार से पूछताछ की जाएगी। जिससे ये पता लगाया जा सके कि साल 2008 में हुए इस घातक हमलों के पीछे की पूरी साजिश कैसे रची गई। इस हमले में 166 लोगों की जान गई थी और 238 से अधिक लोग घायल हुए थे।
कौन कर सकेगा तहव्वुर राणा की सेल में प्रवेशमाना जा रहा है कि राणा की रिमांड के दौरान उसकी सुरक्षा सबसे बड़ी चुनौती है। बताया जा रहा है कि एनआईए प्रमुख सदानंद दाते द्वारा अधिकृत कुछ अधिकारी ही जेल के भीतर जा सकेंगे। बता दें कि महाराष्ट्र कैडर के आईपीएस अधिकारी सदानंद दाते 2008 के हमले के दौरान मुंबई में अतिरिक्त पुलिस आयुक्त के पद पर तैनात थे। वे उस समय आतंकवादियों से लड़ते हुए गंभीर रूप से घायल हुए थे।
रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि विशेष सुरक्षा गार्ड बारी-बारी से राणा पर नजर रख रहे हैं। वहीं, इन गार्ड्स को आपस में बात करने की अनुमति नहीं दी गई है। बताया गया कि जब राणा को पूछताछ के लिए किसी अन्य शहर में ले जाया जाएगा, उस दौरान खास सावधानी बरती जाएगी।
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'राष्ट्रपति भी तीन महीने के भीतर राज्यों से आए विधेयकों पर करें फैसला', सुप्रीम कोर्ट ने दिया ऐतिहासिक फैसला
माला दीक्षित, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अपने ऐतिहासिक फैसले में पहली बार राष्ट्रपति के विधेयकों पर निर्णय लेने के लिए समय सीमा तय कर दी है। कहा है कि राज्यपाल द्वारा राष्ट्रपति को विचार के लिए भेजे गए विधेयकों पर राष्ट्रपति को तीन महीने में निर्णय लेना होगा।
अगर इसमें कोई देरी होती है और राष्ट्रपति तय समय में निर्णय नहीं लेते तो इसका उचित कारण रिकार्ड किया जाएगा और संबंधित राज्य को बताया जाएगा। बिल को अनिश्चितकाल के लिए दबाकर बैठ जाने पर सर्वोच्च अदालत ने कहा है कि अनुच्छेद 201 में राष्ट्रपति के पास कोई पाकेट वीटो या पूर्ण वीटो नहीं है। अनुच्छेद 201 में शैल डिक्लेयर शब्द का इस्तेमाल किया गया है, जिसका मतलब है कि दो में से एक विकल्प को उन्हें चुनना होगा। या तो वह विधेयक को मंजूरी दें या फिर उस पर मंजूरी रोक लें।
राज्यपाल का कार्यालय लोकतांत्रिक परंपराओं के तहत करे कामसंवैधानिक योजना संवैधानिक अथारिटी को अपनी शक्तियों का मनमाने ढंग से इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं देती। सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले में विधेयकों पर सहमति के बारे में राज्यपाल और राष्ट्रपति को समय सीमा के दायरे में बांध दिया है। यदि राष्ट्रपति सहमति देने में देरी करते हैं, तो संबंधित राज्य सुप्रीम कोर्ट आ सकता है। राज्यपाल के कार्यालय को लोकतांत्रिक परंपराओं के अनुसार काम करना चाहिए।
तमिलनाडु सरकार ने उठाया था मुद्दायह ऐतिहासिक व्यवस्था न्यायमूर्ति जेबी पार्डीवाला और आर महादेवन की पीठ ने आठ अप्रैल को तमिलनाडु सरकार की याचिका पर दिए फैसले में दी है। तमिलनाडु सरकार ने राज्यपाल आरएन रवि द्वारा लंबे समय तक 10 विधेयकों को दबा कर बैठे रहने और विधानसभा द्वारा उन विधेयकों को दोबारा पारित कर भेजे जाने पर राष्ट्रपति के विचारार्थ भेजने का मुद्दा उठाया था। सुप्रीम कोर्ट ने 414 पृष्ठ के फैसले में राज्यपालों और राष्ट्रपति के लिए व्यवस्था तय की है। यह फैसला शुक्रवार की देर रात सुप्रीम कोर्ट वेबसाइट पर अपलोड हुआ है।
कानून बन गए 10 विधेयक- फैसले में कोर्ट ने तमिलनाडु के राज्यपाल द्वारा रोक कर रखे गए 10 विधेयकों को राज्यपाल के समक्ष दोबारा विचार के लिए भेजने की तिथि से मंजूर घोषित किया है। यह पहला मौका है जब सर्वोच्च अदालत ने सीधे विधेयकों को मंजूर घोषित किया है। विधेयकों को राज्यपाल और राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बगैर कोर्ट के आदेश से कानून की हैसियत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने विधेयकों को सीधे मंजूरी का फैसला संविधान के अनुच्छेद 142 में प्राप्त विशेष शक्तियों के तहत किया है।
- सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में राज्य विधानसभा से पारित विधेयकों को राज्यपाल द्वारा विचार के लिए राष्ट्रपति को भेजे जाने और राष्ट्रपति को अनुच्छेद 201 में मंजूरी देने की प्राप्त शक्तियों की विस्तृत व्याख्या की है।
- कोर्ट ने कहा है कि वैसे तो संविधान के अनुच्छेद 201 में राष्ट्रपति के निर्णय लेने के लिए कोई समय सीमा तय नहीं है, लेकिन फिर भी उन्हें तर्कसंगत समय में निर्णय लेना चाहिए। राष्ट्रपति को अनुच्छेद 201 में मिली शक्ति को तर्कसंगतता के सामान्य नियम से कोई छूट प्राप्त नहीं है।
- कहा कि प्रविधान की प्रकृति, सरकारिया कमीशन, पुंछी कमीशन की रिपोर्ट व गृह मंत्रालय का चार फरवरी, 2016 को जारी मैमोरेंडम को देखते हुए राष्ट्रपति को राज्यपाल द्वारा विचार के लिए भेजे गए विधेयक पर तीन महीने के भीतर निर्णय लेना चाहिए। अगर यह तय समय सीमा पार हो जाए और देरी हो जाए तो उसके उचित कारण रिकार्ड किए जाने चाहिए और संबंधित राज्य को बताए जाने चाहिए।
कोर्ट ने फैसले में कहा है कि जब कभी राज्यपाल अनुच्छेद 200 के तहत मिली शक्ति का इस्तेमाल करते हुए किसी विधेयक को पूरी तरह असंवैधानिक होने के आधार पर रोक लेते हैं और राष्ट्रपति के विचार के लिए भेजते हैं तो राष्ट्रपति को इस संवैधानिक अदालत से गाइडेड होना चाहिए। पीठ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की जिम्मेदारी है कि वह कार्यपालिका और विधायिका की कार्रवाई की वैधता और संवैधानिकता तय करे। ऐसे में राष्ट्रपति को बुद्धिमानी से काम लेते हुए संविधान के अनुच्छेद 143 में सुप्रीम कोर्ट को रिफरेंस भेज कर राय लेनी चाहिए। कोर्ट ने कहा है कि राज्यपाल के पास कोई पूर्ण वीटो नहीं है और यही नियम राष्ट्रपति पर भी लागू होता है।
पहले भी उठ चुका है विधेयकों को लटकाने का मामलावैसे तो सुप्रीम कोर्ट का फैसला तमिलनाडु के मामले में आया है, जिसमें राज्यपाल द्वारा लंबे समय तक विधेयकों को दबाए रखने और दोबारा पारित होकर आने पर राष्ट्रपति को भेजे जाने का मुद्दा तमिलनाडु सरकार ने उठाया था। लेकिन, यह पहला मौका नहीं है, जबकि ऐसा हुआ हो। गुजरात कंट्रोल ऑफ टेरोरिज्म एंड आर्गनाइज्ड क्राइम एक्ट (गुजकोका) भी लंबे समय तक राष्ट्रपति के पास लंबित रहा और चौथी बार भेजे जाने पर 2019 में बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी मिली थी। जबकि यह बिल पहली बार 2003 में राष्ट्रपति को भेजा गया था।
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Air Pollution की वजह से शहरों में Acid Rain का खतरा, IMD की रिसर्च में हुआ चौंकाने वाला खुलासा
पीटीआई, नई दिल्ली। पूरे देश में वर्षा जल पर नजर रखने वाले एक अध्ययन में पता चला है कि इलाहाबाद, विशाखापत्तनम और मोहनबाड़ी (असम) में अम्लीय वर्षा अधिक हो रही है, जबकि थार से उठने वाली धूल जोधपुर, पुणे और श्रीनगर में बारिश को अधिक क्षारीय बना रही है। अध्ययन में भारत के दस शहरों की वर्षा के पीएच मान का विश्लेषण किया गया।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) और भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान की ओर से किए अध्ययन में अधिकांश निगरानी वाले स्थानों पर पीएच स्तरों में चिंताजनक गिरावट का पता चला है। यह इस बात की ओर इशारा करती है कि शहरीकरण और औद्योगिकीकरण का वर्षा जल पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। अम्लीय (एसिडिक) और क्षारीय (अल्कलाइन) दोनों प्रकार की वर्षा के विषैले प्रभाव हो सकते हैं, जिससे जलीय और वनस्पति जीवन प्रभावित हो सकता है।
'कोई बड़ा नुकसान नहीं होता है'हालांकि विज्ञानियों ने कहा है कि अम्लीय वर्षा वर्तमान में हमारे क्षेत्र के लिए कोई बड़ा और तत्काल खतरा उत्पन्न नहीं कर रही है। पीएच जितना कम होगा, बारिश की अम्लता उतनी अधिक होगी। पीएच एक माप है जो 0 से 14 के पैमाने को इंगित करता है। कोई पदार्थ कितना अम्लीय या क्षारीय है इसके माध्यम से इसकी जानकारी होती है। इसमें सात का पैमाना न्यूट्रल है। 1987 से 2021 तक ग्लोबल एटमास्फियर वाच स्टेशनों पर किए अध्ययन में अधिकांश स्थानों पर समय के साथ पीएच में कमी पाई गई। हालांकि, टीम ने कहा कि थार रेगिस्तान से आने वाली धूल जोधपुर और श्रीनगर के वर्षा जल की अम्लीय प्रकृति का मुकाबला कर सकती है, जिससे इन शहरों में पीएच मान बढ़ सकता है।
धूल बन रही एसिड बारिश से प्रतिरोध की वजहविज्ञानियों ने कहा कि शुष्क मौसम के दौरान बारिश थोड़ी अधिक अम्लीय होती है। हालांकि, अध्ययन किए गए शहरों में से ज्यादातर में बारिश समय के साथ ज्यादा अम्लीय होती पाई गई। वाहनों और औद्योगिक गतिविधियों वाले शहरों में नाइट्रेट सबसे ज्यादा प्रभावी आवेशित कण पाया गया, जबकि जोधपुर, पुणे और श्रीनगर में कैल्शियम के आवेशित कण प्रमुख थे, जो धूल और मिट्टी के प्रभाव का संकेत हैं।
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स्टालिन की परेशानी बढ़ा सकती है BJP-AIADMK की दोस्ती, विधानसभा चुनाव का रोडमैप तैयार
अरविंद शर्मा, जागरण, नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश की तरह भाजपा ने तमिलनाडु में भी सत्ता का साझीदार बनने की गंभीर कसरत शुरू कर दी है। डेढ़ वर्ष पहले एनडीए का साथ छोड़कर लोकसभा का चुनाव लड़ने वाली अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIDMK) और अन्य छोटे दलों के साथ मिलकर भाजपा ने विधानसभा चुनाव लड़ने का रोडमैप तैयार करने की पहल इसकी शुरूआत है।
2021 के विधानसभा चुनाव से लेकर 2024 के लोकसभा चुनाव तक तीन वर्षों के दौरान सत्तारूढ़ डीएमके के वोट में छह प्रतिशत से अधिक गिरावट आई है और अन्नाद्रमुक को साथ लेकर भाजपा को इसमें उम्मीद दिखती है। वजह यह भी कि इस दौरान भाजपा के वोट में करीब तीन गुना वृद्धि हुई।
राजग को तमिलनाडु में भी फायदा मिल सकता हैपिछले विधानसभा चुनाव में एआइएडीएमके के नेतृत्व में राजग गठबंधन को 39.71 प्रतिशत एवं डीएमके के नेतृत्व में सत्तारूढ़ एसपीए को 45.38 प्रतिशत वोट मिले थे। दोनों गठबंधनों के बीच का अंतर सिर्फ 5.67 प्रतिशत वोटों का था। इस बार गठबंधन में सहजता बनी रही तो आंध्र प्रदेश की तरह राजग को तमिलनाडु में भी फायदा मिल सकता है। वैसे डीएमके नेताओं के सनातन विरोधी बयानों को भी भाजपा तमिलनाडु के एक वोट बैंक को साधने का दांव चल स्टालिन की मुश्किल बढ़ा सकती है। एआइएडीएमके के साथ एक-दो अपवाद को छोड़ दें तो भाजपा का तमिलनाडु में उसके साथ पुराना राजनीतिक सहयोग का रिश्ता है।
2023 में भाजपा और एआईडीएमके का रास्ते हुए अलगएआइएडीएमके प्रमुख दिवंगत जयललिता ने वर्ष 1998 से ही राजग का साथ दिया। वर्ष 2021 का विधानसभा चुनाव भी भाजपा ने एआइएडीएमके के साथ गठबंधन में ही लड़ा था, लेकिन सत्ता के करीब तक नहीं पहुंच पाया था। इस बीच भाजपा ने जब तेजतर्रार अन्नामलाई के हाथ में कमान सौंपी तो दोनों दलों के बीच दूरियां इतनी बढ़ी कि सितंबर 2023 में दोनों दलों का रास्ता अलग-अलग हो गया। इसका नुकसान दोनों को हुआ और लोकसभा में सुपड़ा साफ हो गया। लोकसभा का सबक दोनों दलों को अब विधानसभा चुनाव में काम आ रहा है।
जयललिता सरकार में रह चुके हैं नए तामिलनाडु बीजेपी अध्यक्षभाजपा ने अन्नामलाई के बदले जयललिता के विश्वासपात्र रहे नयनार नागेंद्रन को प्रदेश संगठन की कमान देने का इरादा जाहिर कर गठबंधन का रास्ता प्रशस्त कर दिया। भाजपा में आने से पहले जयललिता सरकार में नागेंद्रन कई मंत्रालयों का जिम्मा संभाल चुके हैं। स्टालिन सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती डीएमके का घटता वोट प्रतिशत है। 2019 के लोकसभा चुनाव में 33.52 प्रतिशत वोट मिले थे, जो 2024 में 6.59 प्रतिशत घटकर 26.93 प्रतिशत पर आ गया।
हालांकि तब भी डीएमके को 22 सीटों और कांग्रेस को नौ सीटों पर जीत मिली। दूसरी तरफ अलग-अलग चुनाव लड़ रहे भाजपा और एडीएमएके को एक भी सीट नसीब नहीं हुई। मगर इस बार भाजपा की रणनीति अतिरिक्त वोटों का जुगाड़ करने की है। इसके लिए अमित शाह ने एआइएडीएमके के अतिरिक्त अन्य छोटे दलों के साथ भी दोस्ती का संकेत दिया है।
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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Mausam Ki Jankari: दिल्ली एनसीआर में शुक्रवार शाम आई धूल भरी आंधी और छिटपुट बारिश के बाद तापमान में कमी देखने को मिली है। पिछले कुछ दिनों से जारी गर्मी के सितम से लोगों को राहत मिली है। हालांकि, इस बारिश ने किसानों को नुकसान पहुंचाया है।
इस बीच भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने एक नया अपडेट दिया है। मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले कुछ दिनों तक आंधी-तूफान और हल्की बारिश का सिलसिला देखने को मिलेगा। वहीं, उत्तर पश्चिम भारत और गुजरात में आगामी 15 अप्रैल से गर्मी की लहर दस्तक देगी।
आईएमडी ने हालिया जानकारी में बताया कि उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में 12 अप्रैल को तथा झारखंड में 15 अप्रैल को छिटपुट ओलावृष्टि की संभावना है।
पिछले 24 घंटों के मौसम का हालपिछले 24 घंटों में मौसम में भारी बदलाव देखने को मिला। शुक्रवार शाम को दिल्ली एनसीआर समेत सटे राज्यों में आंधी पानी और हल्की बूंदाबादी देखने को मिली। जिससे तापमान में काफी कमी देखने को मिली। IMD ने बताया कि पिछले 24 घंटों में हरियाणा, उत्तर प्रदेश, झारखंड़, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, मध्य प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर तूफानी हवाओं के साथ गरज के साथ बारिश हुईं। वहीं, ये सिलसिला आज और कल जारी रहने की संभावना है।
इन राज्यों में लू की चेतावनीमौसम विभाग ने कुछ राज्यों में लू को लेकर चेतावनी जारी की है। विभाग के ताजा रिपोर्ट के अनुसार, 14 और 15 अप्रैल को पश्चिमी राजस्थान में अलग-अलग स्थानों पर लू चलने की संभावना है। वहीं, 16-18 अप्रैल के दौरान अलग-अलग स्थानों पर भीषण लू चलने की संभावना है।
विभाग के अपडेट में बताया गया कि 15-17 अप्रैल के दौरान गुजरात राज्य में अलग-अलग स्थानों पर लू चलने की संभावना है। 16-18 अप्रैल के दौरान पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पूर्वी राजस्थान, पश्चिमी मध्य प्रदेश में लू चलने की संभावना है।
इन क्षेत्रों में तूफान का अलर्ट- मौसम विभाग ने बताया कि अगले चौबीस घंटों में आंधी तूफान का सिलसिला कुछ राज्यों में जारी रह सकता है। मौसम विभाग का कहना है कि उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में गरज, बिजली और तेज हवाओं के साथ छिटपुट बारिश के होने की संभावना है। अगले 7 दिनों के दौरान पूर्वोत्तर और उससे सटे पूर्वी भारत में गरज, बिजली और तेज हवाओं के साथ छिटपुट बारिश संभावना है।
- उत्तर प्रदेश और पूर्वी राजस्थान, मध्य प्रदेश, में आने वाले कुछ समय तक धूल भरी आंधी चलने की संभावना है। इसके अलावा कुछ स्थानों पर हल्की से मध्य बारिश भी देखने को मिल सकती है।
- अगले 5 दिनों के दौरान केरल और माहे में गरज के साथ छिटपुट बारिश की संभावना है। अगले 3 दिनों के दौरान तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल, तेलंगाना, कर्नाटक, तटीय आंध्र प्रदेश और यनम, रायलसीमा में गरज के साथ हल्की बारिश की संभावना है।
दिल्ली एनसीआर के मौसम की बात करें तो यहां पर 12 और 13 अप्रैल को आंशिक रूप से बादल छाए रह सकते हैं। वहीं, इसके बाद तापमान में धीरे-धीरे बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। 14 और 15 अप्रैल के बाद एक बार फिर से एनसीआर में गर्मी का सितम देखने को मिल सकता है। इस दौरान तापमान 40 डिग्री सेल्सियस पार कर सकता है।
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फोन पर पत्नी को दिया तीन तलाक, महिला की शिकायत पर पति के खिलाफ दर्ज हुई FIR
पीटीआई, मलप्पुरम। केरल में तीन तलाक का मामला सामने आया है। यहां एक साल से अलग रह रही पत्नी को पति ने फोन पर तीन तलाक दिया। महिला की शिकायत पर पुलिस ने आरोपित पति के खिलाफ केस दर्जकर लिया है। पुलिस को दी गई महिला की शिकायत के मुताबिक पति ने महिला के पिता के फोन पर कॉल करके उसे तीन तलाक दिया है।
इन धाराओं के तहत मामला दर्जपुलिस ने बताया कि महिला की शिकायत के आधार पर आरोपित के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 498ए (क्रूरता), 406 (आपराधिक विश्वासघात) और 34 के साथ-साथ मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) अधिनियम के प्रावधानों के तहत एफआईआर दर्ज की है।
कोंडाट्टी की रहने वाली है महिलापुलिस ने बताया कि कोंडाट्टी की रहने वाली महिला पिछले एक साल से अपने पति से अलग रह रही है। उसने आरोप लगाया है कि जब वह अपने ससुराल में थी तो उसके पति और परिवार के अन्य लोगों ने क्रूरता की। इस वजह से भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
जांच के बाद एक्शन लेगी पुलिसपुलिस का कहना है कि शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया गया है। मगर आगे की कार्रवाई मामले की जांच के बाद की जाएगी। इसमें यह देखा जाएगा कि महिला का दावा सही है या नहीं।
पुलिस ने फोन किया जब्तपति के खिलाफ पीड़िता ने अपनी शिकायत महिला प्रकोष्ठ में दी थी। वहां की एक अधिकारी ने कहा कि हमने वह फोन जब्त कर लिया है, जिस पर पति ने कथित तौर पर कॉल किया था। इसमें तीन तलाक देने की रिकॉर्डिंग है। हम इसकी पुष्टि करेंगे। इसके बाद आगे कदम उठाएंगे। अधिकारी ने कहा कि सत्यापन के बाद अगर जरूरत पड़ी तो एफआईआर से कुछ धाराओं को हटा दिया जाएगा।
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Nagpur Fire: नागपुर की फैक्ट्री में बड़ा हादसा, आग लगने से 5 लोगों की मौत
नागपुर, एएनआई। महाराष्ट्र के नागपुर में मौजूद एल्युमीनियम फैक्ट्री में अचानक आग लग गई। इस लोग इस आग की चपेट में आ गए। खबरों की मानें तो इस हादसे में 5 लोगों की मौत हो गई है। वहीं, चार लोग गंभीर रूप से घायल हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया है। इस घटना से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया है।
9 लोग आग में झुलसे
न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार नागपुर जिले की एल्युमीनियम फैक्ट्री अचानक से आग की चपेट में आ गई। इस आग में 9 लोग बुरी तरह से झुलस गए। इनमें से 3 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं 6 गंभीर रूप से घायल थे। घायलों को इलाज के लिए नजदीकी मेडिकल कॉलेज भेजा गया। इस दौरान 2 अन्य लोगों ने भी दम तोड़ दिया। 4 घायलों की हालत अभी भी गंभीर बताई जा रही है।
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विस्फोट के बाद लगी आग
नागपुर ग्रामीण के एसपी हर्ष पोद्दार ने बताया कि उमरेर में स्थित एल्युमीनियम फैक्ट्री में भयंकर विस्फोट हुआ। इसी दौरान फैक्ट्री में भीषण आग लग गई। इस हादसे में 5 लोगों की जान चली गई है। मृतकों में मौजूद 2 लोगों ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। वहीं 3 मृतकों का पहले कुछ पता नहीं चला। हालांकि बाद में उनके शवों की भी शिनाख्त हो गई है।
#WATCH | Nagpur | Visuals from outside MMP factory where 5 people died in fire incident
Five people died in an explosion at an Aluminium Foil Factory in Umrer, two people died in the hospital during treatment, while the death of 3 missing persons has been confirmed: Harsh… https://t.co/pD1OxDynLS pic.twitter.com/EMsImnmhyW
— ANI (@ANI) April 12, 2025कई घंटे बाद बुझी आग
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो यह हादसा बीती शाम तकरीबन 7 बजे का है। फैक्ट्री में अचानक विस्फोट हुआ। धमाका इतना तेज था कि इसकी आवाज कई किलोमीटर तक सुनने को मिली। हादसे की सूचना पुलिस को दी गई। वहीं फायर ब्रिगेड ने मौके पर पहुंच कर आग बुझाना शुरू कर दिया। कई घंटों की मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया गया है।
असम में दुर्लभ प्रजाति की छिपकलियां बरामद, लाखों में है इसकी कीमत; तस्करी कर रहे तीन गिरफ्तार
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। असम के डिब्रूगढ़ जिले में पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए तीन लोगों के कब्जे से दुर्लभ प्रजाति की छिपकली टोकाय गेको (Tokay Gecko) की 11 छिपकलियों को बरामद किया है और तस्करों को गिरफ्तार किया है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इन छिपकलियों की भारी मांग है, लेकिन भारत में इनका निर्यात पूरी तरह से प्रतिबंधित है। टोकाय गेको प्रजाति की छिपकली को वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन एक्ट 1972 के तहत अति संकटग्रस्त प्रजातियों में शामिल किया गया है।
इन छिपकलियों की तस्करी करने के मामले में अगर कोई दोषी पाया जाता है तो उसे अधिकतम सात साल की सख्त कैद हो सकती है।
₹60 lakhs + for a lizard? Not on our watch.
Acting on intel from @WJCommission South Asia, @STFAssam & @dibrugarhpolice rescued 11 Tokay Geckos from traffickers, 3 persons have been arrested & vehicles seized.
The Geckos will be released back into the wild. pic.twitter.com/6L6bcWLLGK
असम और अरुणाचल में सीमित संख्या में पाई जाती है यह प्रजाति
टोकाय गेको छिपकलियां भारत में केवल असम और अरुणाचल प्रदेश के कुछ चुनिंदा इलाकों में ही मिलती है। इन छिपकलियों की दक्षिण-पूर्व एशिया के ग्रे मार्केट में भारी मांग है। इसलिए लोग इन छिपकलियों की तस्करी करते हैं।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान
गिरफ्तार किए गए तस्करों की पहचान 34 वर्षीय देबाशीष डोहुटिया, 28 वर्षीय मनाश डोहुटिया और 40 वर्षीय दीपांकर घरफलिया के रूप में हुई है। बता दें कि पुलिस को टोकाय गेको की तस्करी की गुप्त सूचना मिली थी। इसके बाद स्पेशन टास्क फोर्स और डिब्रूगढ़ पुलिस की संयुक्त टीम ने मोहनबाड़ी इलाके में जाल बिछाया।
पुलिस ने बताया कि तीनों संदिग्ध तस्कर मोहनबाड़ी टिनियाली स्थित 'सन फिस्ट ढाबा' में मिले। दो तस्कर सफेद कार से आए थे और एक मोटरसाइकिल से आया था। कुछ देर बाद कार चालक ढाबे से बाहर निकला और कार से एक लाल रंग का बैकपैक लेकर वापस ढाबे में गया। तभी STF की टीम ने छापेमारी कर तीनों को गिरफ्तार कर लिया।
अरुणाचल से लाकर बेचने की थी योजना
पूछताछ में तस्करों ने बताया कि उन्होंने इन छिपकलियों को अरुणाचल प्रदेश से इकट्ठा किया था और प्रत्येक को 1 लाख रुपये में बेचने की योजना बनाई थी।
MP News: 5 साल से थी नौकरी की तलाश, विदेशी होने का दावा; फर्जी डॉक्टर की इनसाइड स्टोरी
कभी था बेहद खास... अब तहव्वुर राणा का काल बनेगा मिस्ट्री गवाह, NIA करवाएगी आमना-सामना
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने आतंकी तहव्वुर राणा से पूछताछ शुरू कर दी है। 18 दिनों की हिरासत में एजेंसी उससे कई राज उगलवाना चाहती है। उससे पाकिस्तानी की खुफिया एजेंसी आईएसआई, हमले में शामिल अन्य सहयोगियों और मुंबई के अलावा किन-किन शहरों को निशाना बनाने की साजिश रची गई थी... इस बारे में पूछताछ की जाएगी।
राणा का आमना-सामना एक मिस्ट्री गवाह से करवाया जाएगा। बताया जा रहा है कि इसी गवाह ने साल 2006 में डेविड कोलमैन हेडली का मुंबई में स्वागत किया था। गवाह उस समय तहव्वुर राणा का बेहद खास था।
हेडली का स्वागत करने वाला बना गवाहहिंदुस्तान टाइम्स ने एनआईए के हवाले से बताया कि 2006 से मुंबई हमले की साजिश रची जा रही थी। पाकिस्तान में डेविड हेडली ने आईएसआई और लश्कर के आतंकियों से मिला। उन्होंने हेडली को मुंबई के अहम स्थानों की वीडियोग्राफी करने का निर्देश दिया। इसके बाद हेडली मुबंई पहुंचा। यहां उस प्रोटेक्टेड गवाह ने उसका स्वागत किया।
बताया जा रहा है कि यह व्यक्ति राणा का करीबी था। उसके ही निर्देश पर हेडली की मेजबानी की थी। अदालत में भी इस गवाह की पहचान को गोपनीय रखा है ताकि सुरक्षा से जुड़ा खतरा पैदा न हो। अब राणा के खिलाफ यही गवाह अहम साबित होगा।
अन्य शहरों में भी रची गई थी साजिशआतंकी तहव्वुर राणा 18 दिन तक एनआईए की हिरासत में रहेगा। एजेंसी ने राणा से गहन पूछताछ शुरू कर दी है। एनआईए ने अदालत को बताया कि राणा ने देश के अन्य शहरों में भी मुंबई जैसे हमले की साजिश रची थी।
हेडली के साथ मिलकर बनाया था प्लानगुरुवार की शाम तहव्वुर राणा को अमेरिका से एक चार्टर्ड विमान से दिल्ली लाया गया। तहव्वुर 26/11 के मुख्य साजिशकर्ता डेविड कोलमैन हेडली उर्फ दाऊद गिलानी का करीबी है। हेडली एक अमेरिकी आतंकी है। उसने ही लश्कर-ए-तैयबा और हरकत-उल-जिहादी इस्लामी संगठन के साथ मिलकर मुंबई हमले की साजिश रची थी।
आईएसआई के बारे में होगी पूछताछसूत्रों ने बताया कि राणा से पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के अधिकारियों के साथ उसके रिश्तों और हमले के पीछे सटीक भूमिका के बारे में भी पूछताछ की जाएगी। इसके अलावा राणा को देश के बाकी हिस्सों में ले जाने की योजना है ताकि 17 साल पहले हुए आतंकी हमले के तारों को अहम साक्ष्यों के साथ जोड़ा जा सके। क्राइम सीन रिक्रिएट भी की जा सकती है।
राणा कर चुका इन शहरों की यात्राजांच में यह भी सामने आया है कि मुंबई हमले से पहले तहव्वुर राणा ने देश के कई हिस्सों में यात्रा की थी। सूत्रों के मुताबिक राणा ने 13 नवंबर से 21 नवंबर 2008 के बीच अपनी पत्नी समराज राणा अख्तर के साथ हापुड़, आगरा, दिल्ली, कोच्चि, अहमदाबाद और मुंबई की यात्रा की थी। माना जा रहा है कि देश के अन्य शहरों में हमले की उद्देश्य से ही राणा ने इन इलाकों की यात्रा की थी। हालांकि इसकी सटीक जानकारी पूछताछ के बाद ही सामने आएगी।
एनआईए मुख्यालय की सुरक्षा बढ़ीसूत्रों के मुताबिक तहव्वुर राणा को सीजीओ कॉम्प्लेक्स में आतंकवाद विरोधी एजेंसी के मुख्यालय के अंदर एक उच्च-सुरक्षा सेल में रखा गया है। यहां चौबीसों घंटे सुरक्षाकर्मी उसकी सुरक्षा में तैनात हैं। उधर, एनआईए कार्यालय के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और दिल्ली पुलिस के जवानों को सुरक्षा में तैनात किया गया है।
(एजेंसी के इनपुट के साथ)
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MP News: 5 साल से थी नौकरी की तलाश, विदेशी होने का दावा; फर्जी डॉक्टर की इनसाइड स्टोरी
पीटीआई, इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर में एक शख्स ने नौकरी के लिए आवेदन किया। बायोडाटा में उसने खुद को कार्डियोलॉजिस्ट यानी हृदय रोग विशेषज्ञ बताया। उसका दावा था कि वो पिछले कई सालों से इस प्रोफेशन में है और हजारों मरीजों की हार्ट सर्जरी कर चुका है। इस शख्स का नाम नरेंद्र यादव उर्फ एनकेम जॉन था, जिसने एक ही कंपनी में 3 बार जॉब के लिए अप्लाई किया था।
नरेंद्र को पुलिस ने पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से गिरफ्तार किया। उस पर कई मरीजों की जान लेने का आरोप है। मध्य प्रदेश के दमोह में उसकी वजह से 7 लोगों को जान से हाथ धोना पड़ गया।
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5 साल में 3 बार किया अप्लाई
न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार इंदौर की एक कंसल्टेंसी फर्म के अध्यक्ष पंकज सोनी ने बताया कि नरेंद्र ने पिछले 5 साल में 3 बार नौकरी के लिए आवेदन जमा किया था। 2020, 2023 और 2024 में हमें नरेंद्र का बायोडाटा मिला। हमारी फर्म देश के कई अस्पतालों से जुड़ी है। इन अस्पतालों में हम डॉक्टर्स की भर्ती करवाते हैं।
#WATCH | Damoh, Madhya Pradesh | Damoh Fake doctor case | Executive Magistrate Raghunandan Chaturvedi says, "... (On the instructions of the district administration) The team of doctors have sealed the cath lab (of the Mission Hospital). Further investigation is underway..."
Dr… pic.twitter.com/nm6AspMqLq
— ANI (@ANI) April 11, 20252020 में भेजा बायोडाटा
पंकज सोनी का कहना है कि 2020 में एक अस्पताल को हृदय रोग विशेषज्ञ की जरूरत थी। इसके लिए हमने ऑनलाइन विज्ञापन जारी किया। नरेंद्र ने इस दौरान पहली बार अपना बायोडाटा हमें भेजा था। 9 पेज का यह बायोडाटा देखकर हमें आश्चर्य हुआ।
विदेश में डॉक्टरी का अनुभव
नरेंद्र के बायोडाटा के मुताबिक उसके पास मेडिकल की कई डिग्रियां थीं। इसमें उसने लिखा था कि वो ब्रिटेन, अमेरिका, जर्मनी, स्पेन और फ्रांस के कई बड़े अस्पतालों में काम कर चुका है। यह देखकर हम दंग रह गए कि विदेश में सर्विस देने वाला एक बड़ा डॉक्टर भारत के छोटे शहरों में नौकरी के लिए अप्लाई कर रहा है। हमें उस पर शक हुआ और हमने उसका बायोडाटा नजरअंदाज कर दिया।
9 पेज का बायोडाटा बनाया
नरेंद्र ने दोबारा 2023 में फिर से अपना बायोडाटा भेजा, जिसे हमने बुरहानपुर के एक अस्पताल में भेज दिया। अस्पताल के स्टॉफ ने भी इस बायोडेटा पर संदेह व्यक्त किया। इसके बाद हमने इस बायोडाटा को भेजना बंद कर दिया। 2024 में नरेंद्र ने फिर से 9 पेज का बायोडाटा शेयर किया और इस बार खुद को सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट बताते हुए ब्रिटेन का पता दिया। नरेंद्र ने 9 पेज के इस बायोडाटा में बताया कि वो हजारों मरीजों की हार्ट सर्जरी कर चुका है। इसके अलावा उसने 18,740 कोरोनरी एंजियोग्राफी और 14,236 कोरोनरी एंजियोप्लास्टी ऑपरेशन भी किए हैं।
#WATCH | Damoh, Madhya Pradesh | Fake doctor case: Accused doctor Narendra John Camm, who was arrested from Prayagraj (UP) yesterday, is being presented in the district court in Damoh, Madhya Pradesh. pic.twitter.com/KdpQryWOmL
— ANI (@ANI) April 8, 2025CMHO ने की शिकायत
नरेंद्र अभी पुलिस की हिरासत में है। जांच के मद्देनजर पुलिस ने दमोह मिशनरी अस्पताल की लैब को सील कर दिया है। दमोह के चीफ मेडिकल और हेल्थ ऑफिसर (CMHO) एमके जैन ने नरेंद्र के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि दमोह के मिशनरी अस्पताल में कार्यरत फर्जी सर्जन नरेंद्र यादव उर्फ एनकेम जॉन ने 15 मरीजों की हार्ट सर्जरी की। नरेंद्र से सर्जरी करवाने वाले 7 मरीजों की मौत हो गई, जिसके बाद CMHO एमके जैन को नरेंद्र पर शक हुआ। पुलिस की पूछताछ में नरेंद्र ने अपना गुनाह कबूल कर लिया। उसका कहना है कि उसके पास एमबीबीएस की असली डिग्री है, लेकिन कार्डियोलॉजिस्ट की डिग्री पूरी तरह से नकली है। उसने अपना नाम बदलकर एनकेम जॉन कर लिया और इसी नाम पर सभी फर्जी दस्तावेज भी तैयार कर लिए।
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दुष्कर्म पीड़िता का नाम गुप्त मगर आरोपी का उजागर क्यों? MP हाई कोर्ट ने 4 हफ्ते में सरकार से मांगा जवाब
डिजिटल डेस्क, जबलपुर। दुष्कर्म के मामलों में अक्सर पीड़िता की पहचान छिपा दी जाती है। पीड़िता का नाम और पता पूरी तरह से गुप्त रखा जाता है। हालांकि यही व्यवहार दुष्कर्म के आरोपी के साथ क्यों नहीं होता? मध्य प्रदेश की हाई कोर्ट ने सरकार से इसी सवाल का जवाब मांगा है। हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि दुष्कर्म पीड़िता की तरह दुष्कर्म के आरोपी का नाम क्यों नहीं छिपाया जाता है? अदालत ने इसका जवाब देने के लिए सरकार को 4 हफ्तों की मोहलत दी है।
लगेगा 15 हजार का जुर्माना
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति विवेक जैन की पीठ ने मध्य प्रदेश सरकार को 4 हफ्ते में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। वहीं, अगर सरकार ने बताई गई समयसीमा के भीतर जवाब नहीं दिया, तो 15 हजार रुपए का जुर्माना चुकाना पड़ सकता है। इस राशि को हाई कोर्ट विधिक सहायता कमेटी में जमा किया जाएगा।
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हाई कोर्ट में याचिका दायर
दरअसल जबलपुर निवासी डॉ. पीजी नाजपांडे और डॉ. एमए खान ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। उनके वकील अजय रायजादा ने सुनवाई के दौरान दलील देते हुए कहा कि आपराधिक नियम में दुष्कर्म पीड़िता का नाम गुप्त रखने का प्रावधान है। मगर आरोपी क नाम उजागर कर दिया जाता है। यह लैंगिक भेदभाव को दर्शाता है, जो संविधान के बिल्कुल खिलाफ है।
याचिका में हुई मांग
अजय रायजादा ने कहा कि कानूनी रूप से अपराध साबित न होने तक आरोपी निर्दोष होता है। ऐसे में दुष्कर्म जैसे गंभीर अपराधों में आरोपी का नाम सार्वजनिक करने से उसकी छवि को गहरा धक्का लगता है। अजय रायजादा ने फिल्म इंडस्ट्री का हवाला देते हुए कहा कि मधुर भंडारकर जैसी कई बड़ी हस्तियां ऐसे आरोपों में बेगुनाह साबित हुई हैं, लेकिन नाम सामने आने से उनकी प्रतिष्ठा धूमिल हो गई। अजय ने अदालत से मांग की कि ट्रायल पूरा होने तक दुष्कर्म के आरोपी का नाम भी गुप्त रखा जाए।
अदालत ने पूछा सवाल
याचिका पर सुनवाई के दौरान जस्टिस सुरेश कुमार कैत और विवेक जैन की पीठ ने राज्य सरकार से इस मामले पर जवाब मांगा है। अगर राज्य सरकार 4 हफ्ते के बाद जवाब देती है, तो उसे जवाब के साथ 15 हजार रुपए का जुर्माना भी अदा करना होगा।
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'मैं विदेश मंत्रालय की सराहना करता हूं', तहव्वुर राणा को भारत लाने पर पी चिदंबरम ने की मोदी सरकार की तारीफ
एएनआई, नई दिल्ली। मुंबई आतंकी हमले के 16 साल बाद भारत को आतंकी तहव्वुर राणा को अमेरिका से लाने में सफलता मिली है। इस बीच पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने आतंकी तहव्वुर राणा के सफल प्रत्यर्पण पर केंद्र सरकार की सराहना की। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के कार्यकाल में इस प्रक्रिया में तेजी आई।
चिदंबरम के मुताबिक यूपीए सरकार में तत्कालीन मंत्री सलमान खुर्शीद और विदेश सचिव रंजन मथाई ने तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने यह भी कहा कि मैं भाजपा प्रवक्ताओं को गंभीरता से नहीं लेता हूं। मुझे विदेश मंत्रालय के आधिकारिक बयान का इंतजार है। बता दें कि 26/11 मुंबई हमलों के मुख्य आरोपियों में से एक तहव्वुर राणा को गुरुवार को अमेरिका से भारत प्रत्यर्पित किया गया था।
पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद।
2009 में शुरू हो गई थी प्रक्रियापूर्व वित्त मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा कि यह प्रक्रिया 2009 में शुरू हुई थी। इसके बाद 2011 में मामले ने उस वक्त रफ्तार पकड़ी जब अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने तहव्वुर राणा की पहचान की। मैं विदेश मंत्रालय, खुफिया एजेंसियों और एनआईए को एक लंबी और कठिन लड़ाई के बाद राणा को भारत वापस लाने पर बधाई देता हूं।
सलमान खुर्शीद ने अहम भूमिका निभाईचिदंबरम का कहना है कि यूपीए सरकार में विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद और विदेश सचिव रंजन मथाई ने इसमें अहम भूमिका निभाई थी। मुझे यकीन है कि मौजूदा मोदी सरकार में भी कई विदेश सचिवों और मंत्रियों ने भी भूमिका निभाई है। मैं अमेरिका की तत्कालीन और वर्तमान सरकार को भी धन्यवाद देता हूं।
मैं भाजपा प्रवक्ता को गंभीरता से नहीं लेतापी चिदंबरम ने आगे कहा कि मैं भाजपा प्रवक्ता को गंभीरता से नहीं लेता। मैं विदेश मंत्रालय या गृह मंत्रालय से आधिकारिक बयान का इंतजार कर रहा हूं। मैं तथाकथित आधिकारिक प्रवक्ता के विचारों पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा। उन्होंने कहा कि धैर्य और मेहनती कूटनीतिक प्रयासों व कानूनी कूटनीति के कारण राणा को भारत लाया गया है।
एनआईए की 18 दिन की हिरासत में राणाउधर, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने तहव्वुर राणा को 18 दिनों की हिरासत में लिया है। एजेंसी को शक है कि देश के अन्य शहरों में भी ऐसी ही साजिश रची गई थी। माना जा रहा है कि एजेंसी राणा को हमले से जुड़े स्थानों पर ले जा सकती है। सूत्रों के मुताबिक एनआईए 26/11 मुंबई आतंकी हमलों की जांच का विस्तार कर रही है।अब तहव्वुर राणा को देशभर में विभिन्न स्थानों पर ले जाने की योजना बना रही है।
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#WATCH | Delhi | On 26/11 Mumbai attacks accused Tahawwur Rana's extradition to India, Former Finance Minister and Congress leader P Chidambaram says, "... This process began in 2009 and then gathered pace 2011 when the US intelligence identified Rana... I compliment the external… pic.twitter.com/yJgp3RG679
— ANI (@ANI) April 12, 2025Weather: दिल्ली समेत कई राज्यों में आंधी-तूफान के साथ हुई बारिश, फसलों को भारी नुकसान; यूपी के कई जिलों में बत्ती गुल
जागरण टीम, नई दिल्ली। मौसम का मिजाज शुक्रवार को भी बदला दिखा। सुबह का समय सुहना रहा तो दिन में खिली धूप ने लोगों को परेशान किया। शाम के समय उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार व झारखंड के साथ ही कई राज्यों में आंधी-तूफान के साथ हुई बारिश ने फसलों को भी नुकसान पहुंचाया।
यूपी-बिहार में कैसा रहेगा मौसम?पिछले 3-4 दिनों से बिहार और उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में भी बूंदाबांदी और आंधी देखी जा रही है। दोनों राज्यों में आज (12 अप्रैल) को भी बूंदाबांदी के साथ तेज आंधी चलने के आसार हैं।
आंधी-बारिश के कारण बिहार में पिछले तीन दिनों में 80 लोगों की जान जा चुकी है। वहीं, उत्तर प्रदेश की बात की जाए तो 22 लोगों की यूपी में भी मौत हो चुकी है।
हिमाचल में पश्चिमी विक्षोभ सक्रियइससे पहाड़ी राज्य जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड भी अछूते नहीं रहे। वहां बारिश के साथ ही ओलावृष्टि भी हुई। आंधी की अधिकतम गति 84 किमी प्रति घंटे तक रही। शनिवार को भी ऐसा ही मौसम बने रहने का अनुमान है।
गुरुवार को भी दिन में तेज धूप के बाद शाम के समय कई जगह आंधी आने के साथ बारिश हुई थी। जम्मू-कश्मीर व हिमाचल में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से शुक्रवार को कई राज्यों में तेज हवाओं के बीच वर्षा हुई। बारिश के चलते तापमान सामान्य से नीचे बने रहने से लोगों को गर्मी से कुछ राहत मिली।
मौसम विभाग के अनुसार 18 अप्रैल से पश्चिमी विक्षोभ फिर से सक्रिय होगा, जिसके चलते उच्च पर्वतीय इलाकों में हल्की बर्फबारी व निचले क्षेत्रों में वर्षा होगी। विक्षोभ का प्रभाव 21 अप्रैल तक बना रहेगा।
आज आंधी व बिजली गिरने की चेतावनीमौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ का असर शनिवार को भी रहेगा। हिमाचल प्रदेश में कुछ स्थानों पर आंधी और बिजली गिरने का अलर्ट जारी किया गया है। हिमाचल प्रदेश के ऊंचे क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर हिमपात, जबकि कुछ स्थानों पर हल्की वर्षा का अनुमान है। अधिकतर स्थानों पर मौसम के साफ रहने का अनुमान है।
हिसार में पीएम की रैली का पंडाल टूटाहिसार में पीएम की रैली का पंडाल टूट गया तो चरखी दादरी में मंत्री के कार्यक्रम का टेंट उखड़ गया। कई जिलों में बिजली के खंभे टूटे और टेंट उखड़ गए।
ओलावृष्टि से सेब को नुकसानहिमाचल प्रदेश की ऊंची चोटियों बारालाचा, कुंजुम व रोहतांग में दूसरे दिन भी हिमपात का क्रम जारी रहा, जबकि कांगड़ा, चंबा, शिमला व किन्नौर जिलों में वर्षा हुई। शिमला और ऊपरी क्षेत्रों ठियोग, कुफरी, जुब्बल कोटखाई, चौपाल व रोहड़ू में दूसरे दिन भी ओलावृष्टि हुई। इस कारण सेब में लगे फूल झड़ गए। मटर और गोभी को भी हल्का नुकसान हुआ है।
42 उड़ानों को किया गया डाइवर्टतेज आंधी के कारण विमान सेवाओं पर असर पड़ा। आइजीआइ एयरपोर्ट पर अलग-अलग दिशाओं से आ रही एक के बाद एक उड़ानों को डाइवर्ट कर नई दिल्ली के बजाय दूसरे शहरों के एयरपोर्ट पर उतरने के निर्देश दिए गए। 42 उड़ानों को डाइवर्ट किया गया। नौ विमानों को जयपुर डाइवर्ट किया गया।
वहां भी मौसम खराब होने पर नौ विमानों को लखनऊ की ओर डाइवर्ट किया गया। दो विमानों को वाराणसी और एक विमान को देहरादून में उतारा गया।
अमृतसर में आठ व चंडीगढ़ में सात विमानों को उतारा गया। बाद में मौसम सामान्य होने पर विमानों को नई दिल्ली के लिए प्रस्थान के निर्देश दिए गए।
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DMK को जल्द उखाड़ फेंकेंगे...AIADMK के NDA में शामिल होने पर क्या बोले पीएम मोदी?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर तमिलनाडु की सियासत में भारी उलटफेर देखने को मिल रहा है। भारतीय जनता पार्टी ने राज्य की बागडोर नयनार नागेंद्रन को देने का फैसला कर लिया है। वहीं, AIADMK ने NDA में शामिल होने का एलान कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस पर अपनी खुशी जाहिर की है।
पीएम मोदी ने शुक्रवार को देर रात सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि तमिलनाडु के विकास के लिए हम सभी मजबूती से एक-दूसरे के साथ खड़े हैं।
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पीएम मोदी ने क्या कहा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर लिखा कि तमिलनाडु की प्रगति के लिए हम सभी एक होकर काम करेंगे। मुझे खुशी है कि AIADMK भी अब NDA परिवार में शामिल हो गई है। अपने सभी सहयोगियों के साथ मिलकर हम पूरी लगन से राज्य की सेवा करेंगे और तमिलनाडु को विकास की नई ऊंचाईयों पर ले जाएंगे। हम राज्य में एक ऐसी सरकार स्थापित करेंगे, जो MGR और जयललिता के सपने को साकार करेगी।
पीएम मोदी ने लिखा कि तमिलनाडु की प्रगति और तमिल संस्कृति को संजोने के लिए भ्रष्ट और विभाजनकारी DMK को जल्द से जल्द उखाड़ फेंकना बेहद जरूरी है। यह काम हमारा गठबंधन करेगा।
Stronger together, united towards Tamil Nadu’s progress!
Glad that AIADMK joins the NDA family. Together, with our other NDA partners, we will take Tamil Nadu to new heights of progress and serve the state diligently. We will ensure a government that fulfils the vision of the…
— Narendra Modi (@narendramodi) April 11, 2025गृह मंत्री ने की थी घोषणा
बता दें कि शुक्रवार को गृह मंत्री अमित शाह ने AIADMK के NDA गठबंधन में शामिल होने की घोषणा की थी। गृह मंत्री ने आगामी विधानसभा चुनाव साथ लड़ने का जिक्र करते हुए कहा था कि AIADMK और बीजेपी नेताओं ने गठबंधन बनाने पर सहमति दर्ज की है। अगले साल यानी 2026 में तमिलनाडु में चुनाव हो सकते हैं।
सियासी समीकरण
बीजेपी पिछले काफी समय से तमिलनाडु में अपनी छाप छोड़ने की कोशिश कर रही है। लोकसभा चुनाव 2024 में भी बीजेपी ने तमिलनाडु में जीत के लिए पूरी ताकत झोंक दी थी। हालांकि दक्षिण भारत के राज्यों में पार्टी कोई सीट नहीं जीत सकी। वहीं, AIADMK भी तमिलनाडु में वापसी की जद्दोजहद में जुटी है।
2021 में भी हुआ था गठबंधन
2016 में जयललिता के निधन के बाद AIADMK एक बार फिर बीजेपी के साथ गठबंधन में है। इससे पहले 2021 के विधानसभा चुनाव में भी दोनों पार्टियों ने हाथ मिलाया था। इस दौरान बीजेपी को 4 सीटों पर जीत मिली थी। हालांकि 2023 में यह गठबंधन टूट गया। मगर अब दोबारा AIADMK और बीजेपी ने साथ आने की घोषणा कर दी है।
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एएनआइ, चेन्नई। तमिलनाडु भाजपा के उपाध्यक्ष नयनार नागेंद्रन (64) अब राज्य के पार्टी अध्यक्ष बनने जा रहे हैं। उन्होंने इस पद के लिए नामांकन भर दिया है। इस पद के लिए वह इकलौते उम्मीदवार हैं और के अन्नामलाई का स्थान लेंगे।
अमित शाह ने उनके नाम की घोषणा कीकेंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को इसकी घोषणा करते हुए कहा, ''तमिलनाडु भाजपा राज्य अध्यक्ष पद के लिए केवल नयनार नागेंद्रन का नामांकन मिला है। तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष के रूप में के अन्नामलाई की उपलब्धियां सराहनीय हैं।
चाहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नीतियों को लोगों तक ले जाने की बात हो या पार्टी की परियोजनाओं को गांव-गांव तक पहुंचाने की, अन्नामलाई का योगदान बहुत बड़ा है। भाजपा अन्नामलाई के संगठनात्मक कौशल का इस्तेमाल पार्टी के राष्ट्रीय ढांचे में करेगी।''
नागेंद्रन ने कहा कि उन्होंने पार्टी की सलाह पर यह नामांकन भरानामांकन दाखिल करने के बाद नागेंद्रन ने कहा कि उन्होंने पार्टी की सलाह पर यह नामांकन भरा है और तमिलनाडु राज्य इकाई के अध्यक्ष पद के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेता अंतिम निर्णय लेंगे।
कौन हैं नागेंद्रनअन्नाद्रमुक के पूर्व नेता नागेंद्रन हिंदुत्व को लेकर अपने कट्टर विचारों के लिए पहचाने जाते हैं। पूर्व अन्नाद्रमुक प्रमुख और मुख्यमंत्री जे जयललिता की मौत के बाद पार्टी से दरकिनार किए जाने के बाद वह 2017 में भाजपा से जुड़ गए थे। चुनावी नीतियों के विशेषज्ञ नागेंद्रन जयललिता कैबिनेट में पूर्व राज्य मंत्री भी रह चुके हैं।
2001, 2011 में अन्नाद्रमुक और 2021 में भाजपा की टिकट से तिरुनेलवेली विधानसभा से जीत हासिल करने वाले नागेंद्रन का जन्म कन्याकुमारी जिले के पड़ोसी वदीवीस्वरम में हुआ था।
नागेंद्रन 2018 में आए थे चर्चा में2018 में नागेंद्रन उस वक्त चर्चा में आ गए थे, जब उन्होंने अंडल देवी के प्रति विवादास्पद बयान देने वाले तमिल गीतकार वैरामुथु की जीभ काटकर लाने वाले को 10 करोड़ रुपये का इनाम देने की घोषणा की थी। उन्होंने हिंदुत्व के खिलाफ बोलने वालों को भी गंभीर नतीजा भुगतने की चेतावनी दी थी।
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जितनी पड़ेगी गर्मी उतना बढ़ेगा खतरा, जानिए क्या है 'काल बैसाखी' जिसने बिहार में बरपाया कहर; इन राज्यों में भी होगा असर
अरविंद शर्मा, नई दिल्ली। ग्लोबल वार्मिंग का असर मौसम पर भी दिखने लगा है। बिहार, ओडिशा और बंगाल में गुरुवार को तेज आंधी-बारिश और ओले से जान-माल की क्षति का यह अंत नहीं है। मौसम विभाग (आइएमडी) का पूर्वानुमान बता रहा है कि उत्तर-पूर्वी राज्यों में इस बार अप्रैल से मई के दौरान काल बैसाखी (नार्वेस्टर) की घटनाएं पहले की तुलना में ज्यादा हो सकती हैं और अत्यंत खतरनाक रूप भी धारण कर सकती हैं।
बैसाख के महीने में मौसम में होने वाले इस तरह के अचानक परिवर्तन को काल बैसाखी कहा जाता है। ऐसा गर्म और ठंडी हवाओं के टकराने से होता है। ऐसी स्थितियां लगभग हर साल पैदा होती हैं, लेकिन मौसम विज्ञानियों का कहना है कि ग्लोबल वार्मिंग के चलते हाल के वर्षों में इसके खतरे बढ़ रहे हैं। इस बार भी ज्यादा खतरनाक हो सकती है। सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले राज्य हैं-बिहार, झारखंड, ओडिशा, बंगाल और पूर्वी उत्तर प्रदेश। बिहार-बंगाल में यह आपदा का रूप ले चुका है।
क्या कहते हैं जानकार?IMD कोलकाता के पूर्व निदेशक और काल बैसाखी के विशेषज्ञ एके सेन का कहना है कि काल बैसाखी के दौरान हवा की दिशा दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व की ओर होती है। इसलिए इसे पश्चिमी झंझा भी कहते हैं। इसमें ओले के साथ भारी बारिश होती है, जो जान-माल के लिए खतरनाक हो जाती है। कहीं-कहीं बिजली भी गिरती है, जिसमें लोगों की जान चली जाती है। हवा लगभग 70 से 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलती है।
"कभी-कभी सौ किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा हो जाती है। इसका सर्वाधिक नुकसान उत्तर बिहार और बंगाल में देखा जाता है। एक दिन पहले बिहार के 20 जिले इसकी चपेट में आ चुके हैं। कुछ जिलों में तो हवा की गति कुछ समय के लिए 140 किमी प्रति घंटे को भी पार कर गई।" एके सेन, पूर्व निदेशक, कोलकाता, IMD
अप्रैल से जून के बीच बद से बदतर होगी गर्मीआइएमडी ने इस बार अप्रैल से जून के बीच तीव्र गर्मी का पूर्वानुमान लगाया है। काल बैसाखी से प्रभावित होने वाले इलाके में लू की अवधि भी ज्यादा रह सकती है। ऐसे में अधिकतम तापमान और न्यूनतम तापमान के टकराने की आशंका बनी रहेगी, जो काल बैसाखी के प्रचंड होने के लिए प्लेटफार्म तैयार करेगा।
मौसम विज्ञानियों का कहना है कि इस बार बिहार-बंगाल के कुछ क्षेत्रों का अधिकतम तापमान 46 डिग्री सेल्सियस से भी ऊपर जा सकता है। जितना ज्यादा तापमान होगा, काल बैसाखी उतनी ही खतरनाक हो सकती है।
मौसम विज्ञानियों का मानना है कि ग्लोबल वार्मिंग के चलते किसी वर्ष काल बैसाखी के प्रभावी होने की संख्या ज्यादा हो जाती है और किसी वर्ष कम। मौसम में इतनी तेजी से परिवर्तन आता है कि बचाव के लिए पर्याप्त समय नहीं मिलता। तूफान आमतौर पर दोपहर बाद या सूर्यास्त के आसपास आता है। साफ आसमान में अचानक काले-काले बादल उमड़ पड़ते हैं और देखते ही देखते तेज हवा और ओले के साथ मूसलधार वर्षा होने लगती है। इसकी अवधि कम होती है, लेकिन उतनी ही देर में तबाही मचा देती है।
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