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म्यांमार में भूकंप राहत के दौरान भारतीय वायुसेना का GPS सिस्टम हुआ था फेल, इस तरकीब से की थी लैंडिंग
पीटीआई, नई दिल्ली। भूकंप के बाद म्यांमार में पिछले महीने राहत सामग्री लेकर गए भारतीय वायुसेना के अधिकतर परिवहन विमान जीपीएस स्पूफिंग के शिकार बने थे। इससे विमानों की सुरक्षा खतरे में पड़ गई थी, लिहाजा पायलटों को बैकअप सिस्टम का सहारा लेना पड़ा था।
जीपीएस स्पूफिंग दरअसल एक तरह का साइबर अटैक होता है जिसमें भ्रामक जीपीएस सिग्नल जनरेट किए जाते हैं। ये भ्रामक सिग्नल नेविगेशन उपकरणों को गुमराह करते हैं और विमान के लिए खतरा उत्पन्न कर देते हैं। जीपीएस स्पूफिंग की वजह से विमान की प्रणालियां यह मानने लगती हैं कि विमान किसी अन्य स्थान पर है क्योंकि उसे लोकेशन के गलत डाटा मिल रहे होते हैं।
जीपीएस सिग्नलों के साथ छेड़छाड़ की शिकायतभारत ने छह विमानों से भूकंप पीड़ितों के लिए राहत सामग्री भेजी थी। इनमें सी-130जे सुपर हरक्यूलिस और सी-17 ग्लोबमास्टर शामिल थे।
सूत्रों ने बताया कि 29 मार्च को जब पहली खेप लेकर सी-130जे विमान गया था तो उसके पायलट ने म्यांमार की वायुसीमा में जीपीएस सिग्नलों के साथ छेड़छाड़ की शिकायत की थी। लिहाजा पायलट ने तत्काल बैकअप सिस्टम को सक्रिय कर दिया था, जिसे इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम कहा जाता है।
'भारत के दुश्मनों ने की होंगी ऐसी हरकतें'वायुसेना ने इन घटनाओं पर कोई टिप्पणी नहीं की है। सूत्रों का कहना है कि अगर विदेशी वायुसीमा में ऐसी घटनाएं होती है तो इसकी जांच कर पाना लगभग नामुमकिन होता है।
निश्चित रूप से म्यामांर में मौजूद भारत के दुश्मनों ने ऐसी हरकतें की होंगी। छह विमानों में से पांच ने 29-30 मार्च को यंगून एवं नेपीता में लैंडिंग की थी और एक विमान ने एक अप्रैल को मांडाले में लैंड किया था। जब पहले विमान के पायलट ने जीपीएस स्पूफिंग की रिपोर्ट दी तो अन्य विमानों के पायलटों को सतर्क कर दिया गया था। लिहाजा वे म्यांमार में इस चुनौती का सामना करने के लिए तैयार थे।
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दो साल में इतने लाख करोड़ का हाईवे बनाएगी केंद्र सरकार, गडकरी बोले- अमेरिका की तरह बन जाएंगी नॉर्थ ईस्ट की सड़कें
पीटीआई, नई दिल्ली। केंद्र सरकार देशभर में हाईवे को मजबूत करने के लिए अगले दो साल में 10 लाख करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बना रही है। पूर्वोत्तर क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया जाएगा और वहां की सड़कें अमेरिका की सड़कों के समान बनाई जाएंगी।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने यह जानकारी दी। गडकरी ने एक साक्षात्कार में कहा कि केंद्र का उद्देश्य देश के बुनियादी ढांचे को विश्वस्तरीय मानकों के अनुरूप बनाना है।
पूर्वी राज्यों में 784 हाईवे परियोजनाएं होंगी चालूउन्होंने बताया कि पूर्वोत्तर में सड़क बुनियादी ढांचे को सुधारने की तत्काल आवश्यकता है, क्योंकि यह क्षेत्र भौगोलिक चुनौतियों का सामना कर रहा है। उन्होंने कहा कि पूर्वी राज्यों में 784 हाईवे परियोजनाएं चालू की जाएंगी, जिनकी अनुमानित लागत 3,73,484 करोड़ रुपये है।
गडकरी ने यह भी बताया कि असम में 57,696 करोड़ रुपये और बिहार में लगभग 90,000 करोड़ रुपये की परियोजनाएं चल रही हैं। इसके अलावा, नागपुर में 170 करोड़ रुपये की लागत से एक मास रैपिड ट्रांसपोर्ट पायलट परियोजना भी चल रही है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क की लंबाई में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है, जो मार्च 2014 में 91,287 किलोमीटर से बढ़कर 1,46,204 किलोमीटर हो गई है।
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700 सीसीटीवी खंगालने के बाद बेंगलुरु में यौन उत्पीड़न आरोपी केरल से गिरफ्तार, मंत्री के बयान पर मचा सियासी घमासान
डिजिटस डेस्क, नई दिल्ली। बेंगलुरु में एक महिला से यौन उत्पीड़न के आरोपी की तलाश आखिरकार खत्म हो गई। पुलिस ने करीब 700 सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद आरोपी को केरल के एक दूरदराज गांव से गिरफ्तार कर लिया।
बीटीएम लेआउट की एक गली में लगे सीसीटीवी में दिखा कि एक आदमी दो महिलाओं का पीछा कर रहा था। महिलाएं उसे नजरअंदाज करने की कोशिश कर रही थीं, लेकिन अचानक वह एक महिला के साथ अश्लील हरकत करता है। दूसरी महिला उसे बचाने की कोशिश करती है, लेकिन आरोपी वहां से भाग जाता है।
केरल के गांव में आरोपी धराया, 700 सीसीटीवी की हुई जांचआरोपी संतोष की उम्र 26 साल है और वह बेंगलुरु के एक जैगुआर शोरूम में ड्राइवर के तौर पर काम करता है। पुलिस के मुताबिक, जब उसके खिलाफ तलाशी शुरू हुई तो वह तमिलनाडु के होसुर भाग गया, फिर सलेम और वहां से केरल के कोझीकोड पहुंचा। लगभग एक हफ्ते तक तीन राज्यों में चली तलाश के बाद पुलिस ने उसे केरल के एक सुदूर गांव से दबोच लिया।
मंत्री के बयान पर मचा सियासी घमासानइस घटना के बाद कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर के एक बयान ने सियासी बवाल खड़ा कर दिया। मंत्री ने कहा, "मैं पुलिस कमिश्नर से रोज़ कहता हूं कि सतर्क रहें और पूरे शहर में पेट्रोलिंग के जरिए निगरानी रखें। ऐसा मैं रोज़ कहता हूं। कभी-कभार कुछ घटनाएं हो जाती हैं तो लोगों का ध्यान उस ओर जाता है। पुलिस 24x7 काम कर रही है। इतने बड़े शहर में कुछ घटनाएं हो जाती हैं। हम कानून के मुताबिक कार्रवाई करेंगे। मैंने आज सुबह भी कमिश्नर से बात की है।"
बीजेपी प्रवक्ता प्रशांत जी ने मंत्री के बयान को असंवेदनशील बताते हुए कहा, "क्या वे महिलाओं के खिलाफ अपराध और यौन उत्पीड़न को सामान्य बना रहे हैं? वह जिम्मेदारी से बच रहे हैं और जवाबदेही नहीं लेना चाहते।"
बीजेपी विधायक और पूर्व उपमुख्यमंत्री अश्वत नारायण ने कहा कि गृह मंत्री का बयान उनकी बेबसी को दिखाता है। अश्वत नारायण ने कहा, "महिला के साथ की गई हरकत बेहद निंदनीय है। गृह मंत्री की प्रतिक्रिया शर्मनाक और निराशाजनक है। ऐसे बयानों और घटनाओं से जनता का भरोसा कमजोर हो रहा है। उनका बयान दिखाता है कि वह गृह मंत्री के रूप में कितने असहाय हैं। उन्हें जिम्मेदार बयान देना चाहिए।"
मंत्री ने दी सफाई, कहा - महिलाओं की सुरक्षा मेरी प्राथमिकताबाद में परमेश्वर ने माफी मांगते हुए सफाई दी कि उनका बयान गलत समझा गया। उन्होंने कहा, "मैं यह साफ करना चाहता हूं कि कल दिए गए मेरे बयान को सही तरह से नहीं समझा गया। मैं हमेशा महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर रहा हूं। निर्भया फंड का सही इस्तेमाल सुनिश्चित किया है। मैं नहीं चाहता कि मेरे बयान को तोड़ा-मरोड़ा जाए। अगर किसी महिला को ठेस पहुंची है तो मैं खेद व्यक्त करता हूं और माफी मांगता हूं।"
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पीटीआई, हुबली। कर्नाटक के हुबली में रविवार सुबह पांच साल की एक बच्ची का अपहरण कर हत्या कर दी गई। इस घटना के विरोध में लोगों के सड़कों पर उतरने के बाद सक्रिय हुई पुलिस ने कुछ ही घंटों में आरोपित को मुठभेड़ में ढेर कर दिया।
पुलिस की फायरिंग में मारे गए आरोपित की पहचान बिहार के पटना निवासी 35 वर्षीय रितेश कुमार के रूप में हुई है। पुलिस के अनुसार, बच्ची का अपहरण कर आरोपित ने अशोक नगर थाना क्षेत्र में उसकी हत्या कर दी। बाद में उसका शव एक खाली पड़े घर में मिला।
बच्ची की हत्या से लोगों में फैला आक्रोशहत्या की घटना सामने आने के बाद लोगों में आक्रोश फैल गया। बड़ी संख्या में लोग अशोक नगर पुलिस थाने के सामने एकत्र हो गए। सभी ने न्याय की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। हुबली-धारवाड़ के पुलिस आयुक्त एन शशि कुमार ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज और स्थानीय लोगों से मिली जानकारी के आधार पर आरोपित को हिरासत में लेकर तीन से चार घंटे तक पूछताछ की गई। उसने घटना को लेकर पुलिस से बहुत ज्यादा जानकारी साझा नहीं की। हालांकि, सीसीटीवी फुटेज में वह अपराध करते हुए साफ तौर पर दिख रहा था।
दो महीने पहले हुबली आया था आरोपीउन्होंने कहा कि आरोपित कई सालों से घर से दूर था। जहां भी काम मिलता था, वह वहीं चला जाता था। पुलिस आयुक्त ने कहा कि माना जा रहा है कि वह दो-तीन महीने पहले हुबली आया था। वह तारिहाला अंडरपास के पास एक खाली पड़े घर में रह रहा था। पहचान सत्यापित करने के लिए उसे उसके ठहरने वाले स्थान पर ले जाया गया। इसी दौरान उसने अचानक पुलिस वाहन पर पत्थर फेंका।
पुलिस अधिकारी पर आरोपी ने किया हमलापुलिस ने बताया कि आरोपी ने भागने की कोशिश करने से पहले उसने पुलिस अधिकारियों पर हमला किया। हमारी महिला अधिकारी अन्नपूर्णा ने चेतावनी देते हुए हवा में गोली चलाई। जब वह नहीं रुका तो उस पर दो से तीन राउंड फायर किए गए। एक गोली उसके पैर में लगी और दूसरी उसकी पीठ में लगी। इससे आरोपित बेहोश हो गया। उसे तुरंत केएमसी अस्पताल ले जाया गया, जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
घटना में तीन पुलिसकर्मी भी हुए घायलइस घटना में पीएसआई अन्नपूर्णा और दो अन्य पुलिसकर्मी यशवंत और वीरेश घायल हो गए, लेकिन वे खतरे से बाहर हैं। एन शशि कुमार ने कहा कि उसके खिलाफ हत्या के साथ ही पोक्सो के तहत मामला दर्ज किया गया। उसने कथित तौर पर बच्ची के साथ दुर्व्यवहार किया था। पुलिस कर्मियों पर हमला करने और हत्या का प्रयास करने का एक अलग मामला भी दर्ज किया गया है। आगे की जांच चल रही है।
आयुक्त के अनुसार, बच्ची का परिवार कोप्पल जिले का रहने वाला है। उसकी मां एक ब्यूटी पार्लर में सहायक के रूप में काम करती है, जबकि उसके पिता एक फोटोग्राफर हैं। मां अपनी बेटी को साथ ले गई थी। वहीं से उसका अपहरण कर लिया गया।
खोज करने पर वह पास ही बने एक अस्थाई घर के बाथरूम में मिली। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। यह पूछे जाने पर कि क्या दुष्कर्म का प्रयास हुआ था, आयुक्त ने कहा कि अभी तक इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है।
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आंध्र प्रदेश: पवन कल्याण की पत्नी ने पूरा किया मन्नत, तिरुमला मंदिर में करवाया मुंडन संस्कार
पीटीआई, तिरुपति। आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण की पत्नी अन्ना कोनीदेला ने रविवार को तिरुमला मंदिर में मुंडन करवा कर अपनी मन्नत पूरी की। यह मन्नत उन्होंने उस समय मांगी थी जब उनके बेटे मार्क शंकर एक दुर्घटना के शिकार हो गए थे।
मार्क शंकर हाल ही में सिंगापुर के एक समर कैंप में भाग लेते समय आग लगने की दुर्घटना में घायल हो गए थे। यह हादसा 8 अप्रैल को हुआ, जिसमें उन्हें हाथ और पैरों में जलन के साथ-साथ धुएं के कारण सांस संबंधी दिक्कतें भी हुईं।
मंदिर में आस्था जताते हुए अर्पित किए बालअन्ना कोनीदेला ने तिरुमला मंदिर स्थित पद्मावती कल्याण कट्टा में अपने बाल अर्पित किए और धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लिया। जनसेना पार्टी की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि अन्ना ने यह मन्नत की थी कि अगर उनके बेटे की जान बच गई तो वे भगवान वेंकटेश्वर को अपने बाल अर्पित करेंगी।
प्रेस रिलीज़ में आगे बताया गया कि पूजा में भाग लेने से पहले, अन्ना कोनीदेला ने तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) के नियमों के तहत गायत्री सदन में मंदिर अधिकारियों की मौजूदगी में एक घोषणा-पत्र पर हस्ताक्षर किए। उन्होंने इस पत्र में भगवान वेंकटेश्वर में अपनी आस्था व्यक्त की।
I extend my deepest gratitude to you, Hon'ble Prime Minister Shri @narendramodi ji, and @PMOIndia for the prompt and supportive response during the tragic fire incident at my son Mark Shankar’s summer camp in Singapore. The assistance provided through the Singapore authorities,…
— Pawan Kalyan (@PawanKalyan) April 13, 2025 रूसी मूल की हैं अन्ना कोनीदेलागौरतलब है कि अन्ना कोनीदेला रूसी मूल की हैं और रूसी ऑर्थोडॉक्स क्रिश्चियन धर्म से ताल्लुक रखती हैं। इसके बावजूद उन्होंने भारतीय परंपरा और नियमों के अनुसार तिरुमला में मुंडन संस्कार कराकर भगवान में अपनी श्रद्धा प्रकट की।
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कर्नाटक जाति जनगणना रिपोर्ट पर नहीं होगा जल्दबाजी में फैसला,17 अप्रैल को विशेष बैठक
पीटीआई, बेंगलुरु। कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने रविवार को कहा कि उनकी सरकार सामाजिक आर्थिक और शिक्षा सर्वेक्षण रिपोर्ट (जाति जनगणना) के सिलसिले में जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं लेगी। इस रिपोर्ट को हाल ही में राज्य मंत्रिमंडल के समक्ष पेश किया गया था।
शिवकुमार ने कहा कि मंत्रिमंडल जाति जनगणना का अध्ययन करेगा और तथ्यों के आधार पर सभी के साथ न्याय किया जाएगा। उन्होंने रिपोर्ट के खिलाफ दिए जा रहे बयानों को राजनीतिक करार दिया।
17 अप्रैल को जाति जनगणना पर विशेष बैठककर्नाटक राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट शुक्रवार को मंत्रिमंडल के समक्ष रखी गई और 17 अप्रैल को होने वाली विशेष कैबिनेट बैठक में इस पर चर्चा की जाएगी। तत्कालीन अध्यक्ष के जयप्रकाश हेगड़े के नेतृत्व वाले आयोग ने पिछले साल 29 फरवरी को मुख्यमंत्री सिद्दरमैया को रिपोर्ट सौंपी थी, जबकि समाज के कुछ वर्गों ने इस पर आपत्ति जताई थी और सत्तारूढ़ कांग्रेस के भीतर भी इसके खिलाफ आवाज उठ रही थी।
शिवकुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री ने इसके बारे में बात की है। मैंने अभी तक रिपोर्ट नहीं देखी है, क्योंकि मैं कल बेलगावी और मंगलुरु के दौरे पर था। इस पर मंत्रिमंडल बैठक में चर्चा होनी है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा है कि इस पर विधानसभा में भी चर्चा की जाएगी। इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि रिपोर्ट में क्या है, इसलिए वह इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहेंगे। खरगे ने कहा कि मुझे नहीं पता, क्योंकि मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि मंत्रिमंडल बैठक में क्या चर्चा होगी या रिपोर्ट में क्या है। अगर मुझे रिपोर्ट मिलती है, तो कुछ कह सकता हूं।
भाजपा ने रिपोर्ट पर उठाए सवालकर्नाटक भाजपा ने रविवार को जाति जनगणना रिपोर्ट के निष्कर्षों पर सवाल उठाया और आश्चर्य जताया कि इस तरह से मुस्लिम आबादी कैसे बढ़ सकती है।
भाजपा नेता आर अशोक ने कहा कि मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने पूर्व पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष एच कंथाराजू को अपने आवास पर बुलाया, जाति जनगणना रिपोर्ट लिखवाई और इसे पूरा कर लिया। यह अब एक रहस्य बन गया है। जनगणना की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि लाखों-करोड़ों घरों का दौरा किए बिना ही रिपोर्ट तैयार कर ली गई। घर-घर जाकर सर्वेक्षण किए बिना जनगणना कैसे हो सकती है?
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तमिलनाडु के राज्यपाल ने लगवाया 'जय श्री राम' का नारा, कांग्रेस ने कहा- 'यह RSS की भाषा'
एएनआई, चेन्नई। मदुरै के थिरुप्परनकुन्द्रम में स्थित त्यागराजार इंजीनियरिंग कालेज के कंबन फेस्टिवल के दौरान छात्रों से 'जय श्री राम' का नारा लगाने के राज्यपाल आरएन रवि के आह्वान से एक नया विवाद खड़ा हो गया है। कार्यक्रम में रवि मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थे।
उन्होंने अपने संबोधन के अंत में 'जय श्री राम' का नारा लगाया और छात्रों से भी ऐसा करने के लिए कहा। हाल ही में राज्यपाल को सुप्रीम कोर्ट ने राज्य विधानमंडल द्वारा पारित 10 विधेयकों पर कार्रवाई न करने के लिए फटकार लगाई थी।
हसन ने कहा, 'राज्यपाल देश के सर्वोच्च पदों में से एक पर आसीन हैं, लेकिन वह एक धार्मिक नेता की तरह बोल रहे हैं... वह आरएसएस और भाजपा के प्रचार मास्टर बन गए हैं। राज्यपाल इस तरह से काम नहीं कर सकते। वह तमिलनाडु में आरएसएस की विचारधारा का प्रसार कर रहे हैं। वह जिस पद पर हैं वह एक संवैधानिक पद है, इसलिए उन्हें तटस्थ रहना होगा।'
10 विधेयकों पर नहीं की कार्रवाईकांग्रेस नेता ने कहा कि राज्यपाल रवि को पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई है। कोर्ट ने उनके खिलाफ ऐतिहासिक फैसला दिया है क्योंकि उन्होंने राज्य विधानमंडल द्वारा पारित 10 विधेयकों पर कार्रवाई न करके असंवैधानिक और मनमाने तरीके से काम किया है।
पद से हटाने का आग्रहभाकपा के राज्य सचिव आर. मुथरासन ने संवैधानिक मानदंडों के उल्लंघन में काम करने और निर्वाचित राज्य सरकार के कामकाज में बाधा डालने का आरोप लगाते हुए भारत के राष्ट्रपति और केंद्र सरकार से राज्यपाल रवि को पद से हटाने का आग्रह किया।
भूमिका की संवैधानिक सीमाओं को स्पष्ट किया- उन्होंने आरोप लगाया कि वह ऐसे व्यक्ति की तरह व्यवहार कर रहे हैं जो खुद को न्यायपालिका और संविधान से ऊपर समझते हैं। मुथरासन ने राज्यपाल के इस कृत्य को तमिलनाडु की सांस्कृतिक और कलात्मक परंपराओं के विपरीत बताया।
- उन्होंने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले की ओर इशारा किया, जिसने राज्यपाल द्वारा की गई कई कार्रवाइयों को पलट दिया, जिसमें उनकी भूमिका की संवैधानिक सीमाओं को स्पष्ट किया गया।
- मुथरासन ने कहा कि इसके बावजूद, राज्यपाल सार्वजनिक कार्यक्रमों में भाग लेना और विवादास्पद बयान देना जारी रखे हुए हैं।
इस बीच, राज्यपाल ने अपने संबोधन के दौरान राज्य में सत्तारूढ़ द्रमुक सरकार के एक वरिष्ठ नेता द्वारा 'अश्लील और अपमानजनक' भाषा के इस्तेमाल की कड़ी निंदा की और इसे 'अस्वीकार्य और शर्मनाक' बताया।
राज्यपाल ने कहा, हमने हाल ही में सत्तारूढ़ सरकार में उच्च पद पर बैठे एक व्यक्ति को महिलाओं के प्रति बेहद अश्लील, उपहासपूर्ण और आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करते देखा। ऐसा व्यवहार न केवल एक सार्वजनिक व्यक्ति के लिए अशोभनीय है, बल्कि पूरी तरह से अस्वीकार्य और शर्मनाक है। यह एक खतरनाक प्रवृत्ति है। उन्होंने न केवल महिलाओं को अपमानित किया है, बल्कि भगवान शिव और भगवान विष्णु के भक्तों पर अपमानजनक टिप्पणी भी की है।'
द्रमुक ने हाल ही में राज्य के वन मंत्री के. पोनमुडी को महिलाओं और हिन्दू धर्म के खिलाफ अपमानजनक और अश्लील टिप्पणी करने के लिए उप महासचिव पद से हटा दिया था।
'दुष्कर्म के प्रयास' संबंधी फैसले पर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई, इलाहाबाद HC के फैसले पर SC ने लगाई थी रोक
पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को एक ऐसे मामले की सुनवाई करेगा जिसमें उसने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए रोक लगा दी थी। हाईकोर्ट के फैसले में कहा गया था कि स्तनों को पकड़ना और पायजामे की डोरी तोड़ना दुष्कर्म के प्रयास के आरोप के लिए पर्याप्त नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर प्रकाशित काज-लिस्ट के अनुसार, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस एजी मसीह की पीठ मंगलवार (15 अप्रैल) को पीडि़ता की मां की याचिका सहित इस मामले की सुनवाई फिर से शुरू करेगी।
इलाहाबाद HC के फैसले पर SC ने लगाई थी रोकइलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के विवादित हिस्से पर रोक लगाते हुए जस्टिस गवई की अगुवाई वाली पीठ ने 26 मार्च को कहा था कि ऐसी टिप्पणियों से फैसला लिखने वाले की ओर से संवेदनशीलता की कमी और अमानवीय दृष्टिकोण का पता चलता है। पीठ ने कहा कि हमने 17 मार्च के उक्त फैसले और आदेश का अवलोकन किया है। हमें यह कहते हुए बहुत कष्ट हो रहा है कि विवादित आदेश में और विशेष रूप से पैराग्राफ 21, 24 और 26 में की गई कुछ टिप्पणियां फैसला लिखने वाले में संवेदनशीलता की कमी को दर्शाती हैं।
SC ने मामले में क्या कहा?पीठ ने यह भी कहा कि चूंकि पैराग्राफ 21, 24 और 26 में की गई टिप्पणियां कानून के सिद्धांतों से पूरी तरह अनभिज्ञ हैं और पूरी तरह से असंवेदनशील एवं अमानवीय दृष्टिकोण को दर्शाती हैं, इसलिए हम उक्त टिप्पणियों पर रोक लगाने के लिए इच्छुक हैं। जस्टिस गवई की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि विवादास्पद फैसला क्षणिक आवेग में नहीं दिया गया था, बल्कि आदेश सुरक्षित रखने के चार महीने बाद दिया गया था।
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New Toll Policy: टोल पर आम आदमी को राहत, 3 हजार का वार्षिक पास; FASTag को लेकर होगी ये शर्त
मनीष तिवारी, नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेस वे में टोल संबंधी समस्याओं का समाधान करने के लिए प्रस्तावित नई टोल नीति शुल्क में औसतन 50 प्रतिशत तक राहत देने के साथ ही लोगों को तीन हजार रुपये एकमुश्त खर्च में वार्षिक पास की सुविधा भी प्रदान करेगी। ये पास राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेस वे के साथ ही राज्यों के एक्सप्रेस वे पर भी मान्य होंगे।
इसके लिए अलग से पास लेने की जरूरत नहीं होगी, बल्कि शुल्क फास्टैग अकाउंट के जरिये ही अदा किया जा सकता है। नई टोल नीति लगभग तैयार है और इसकी घोषणा कभी भी की जा सकती है। इसमें टोल गेटों को समयसीमा के भीतर समाप्त करने का संकल्प भी है।
तीन हजार के पास में साल भर दौड़ेगी कारनई टोल नीति टोल प्लाजाओं की व्यवस्थाओं के बजाय प्रति किलोमीटर निर्धारित शुल्क पर आधारित होगी। मोटे तौर पर सौ किलोमीटर के लिए एक कार को पचास रुपये का टोल शुल्क देना होगा। नई टोल नीति के निर्माण से जुड़े सूत्र के अनुसार, अभी मासिक पास ही जारी किए जाते हैं, जो स्थानीय लोगों को एक टोल प्लाजा पार करने में राहत देते हैं, लेकिन नई नीति में तीन हजार रुपये का वार्षिक पास हासिल कर कोई कार पूरे साल असीमित किलोमीटर की यात्रा कर सकती है और उसे किसी एक्सप्रेस वे अथवा हाइवे पर कोई शुल्क नहीं देना होगा।
इस फार्मूले के तहत होगी क्षति की भरपाईइसमें सबसे बड़ी अड़चन कंसेसनरों और कांट्रैक्टरों के मौजूदा अनुबंध थे, जिनमें इस तरह की सुविधा का कोई प्रविधान नहीं है। सूत्रों के अनुसार, उनकी आपत्तियों को दूर करने के लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय क्षति की भरपाई करने पर सहमत हो गया है। यानी कंसेसनायर अपने टोल प्लाजा से गुजरने वाले वाहनों का डिजिटल रिकार्ड रखेंगे और उनके दावे और वास्तविक वसूली में जो अंतर होगा, उसकी भरपाई एक फार्मूले के अनुसार सरकार की ओर से की जाएगी।
पहले इस सुविधा पर किया गया विचारसूत्रों के अनुसार कंसेसनरों की आपत्ति, राज्यों में वाहनों की आयु सीमा के अलग-अलग नियमों और बैंकों की हिचक के कारण सरकार ने अब आजीवन पास जारी करने का विचार छोड़ दिया है। पहले लाइफटाइम पास के रूप में तीस हजार रुपये में 15 वर्ष तक वैध रहने वाला पास जारी करने के बारे में सोचा गया था, लेकिन इस पर सभी पक्षों की सहमति नहीं बनी। इसके लिए उपभोक्ताओं के आगे आने के आसार भी कम थे।
बैरियर फ्री इलेक्ट्रानिक टोलिंग की व्यवस्थानई टोल नीति बैरियर फ्री इलेक्ट्रानिक टोलिंग को बढ़ावा देने वाली है। सूत्रों के अनुसार इससे संबंधित तीन पायलट प्रोजेक्टों के सकारात्मक नतीजे मिले हैं। सटीकता का स्तर 98 प्रतिशत के आसपास पहुंच रहा है। बैंकों के साथ इस चिंता का भी समाधान कर लिया गया है कि अगर कोई वाहन टोल अदा किए बिना सड़क नेटवर्क से निकल जाता है, तो टोल की वसूली कैसे होगी। इसके लिए बैंकों को और अधिकार दिए जाएंगे। वे फास्टैग समेत पेमेंट के अन्य माध्यमों में न्यूनतम बैलेंस की शर्त लगा सकते हैं और अधिक पेनाल्टी थोप सकते हैं।
कहां से की जाएगी नई सुविधा की शुरुआत?नई टोल नीति निर्माण में सलाहकारों ने मंत्रालयों को बैंकों को वे साइड एमेनिटीज के स्वामित्व में हिस्सेदारी की सलाह भी दी है। इसकी शुरुआत दिल्ली-जयपुर हाईवे से किए जाने के आसार हैं। मंत्रालय के एक अन्य अधिकारी के अनुसार बैरियर फ्री इलेक्ट्रानिक टोलिंग के लिए आटोमैटिक नंबर प्लेट रिकॉगनिशन सिस्टम (एएनपीआर) पूरे देश में इसी साल के अंत तक लागू हो जाएगा।
शुरुआत भारी वाहनों और खतरनाक सामग्री ले जाने वाले ट्रकों से की जाएगी। पूरे नेटवर्क की मैपिंग हो चुकी है, नई तकनीक-सेंसर और कैमरे सभी क्षेत्रों में लगाए जा रहे हैं। फास्टैग और एएनपीआर मिलकर नए जमाने की टोल प्रणाली की जरूरत को पूरा करेंगे।
टोल प्लाजा पर आगे-पीछे नहीं करनी पड़ेगी कार- केंद्र सरकार राज्यों से भी बात कर रही है कि वे इस प्रणाली में शामिल हों ताकि सभी तरह की सड़कों को इसमें कवर किया जा सके। अवैध-अक्रिय फास्टैग बड़ी समस्यासरकार के दावों के विपरीत टोल प्लाजा में भीड़भाड़ बनी रहने और लोगों को होने वाली असुविधा को दूर करने के लिए हाईवे प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों ने पिछले 15 दिन में दो बार अपनी एजेंसियों, कंसेसनायरों और परियोजना निदेशकों के साथ बैठक की है।
- लोगों की यह सामान्य शिकायत रहती है कि गेट के करीब पहुंचने के बाद भी स्कैनर सही तरह काम नहीं करते हैं और उन्हें अपनी गाड़ीं आगे-पीछे करनी पड़ती है। यह समस्या उन टोल प्लाजा में भी आ रही है, जिनका स्वामित्व ग्लोबल एजेंसियों के पास है। उनका कहना है कि समस्या स्थानीय टेक्नोलॉजी की है। फास्टैग सही जगह न लगे या अनधिकृत हो जाने के कारण सेंसर को री-सेट होने में समय लगता है।
- सरकार ने पिछले साल एक वाहन, एक फास्टैग की नीति लागू की थी। इसके बाद एक करोड़ फास्टैग रद किए गए थे, लेकिन अभी इतने ही फास्टैग हैं जो अवैध या अक्रिय हो चुके हैं, लेकिन उन्हें या तो गाड़ियों से हटाया नहीं गया है या वे वाहन से लिंक बने हुए हैं। अधिकारियों ने टोल आपरेटरों से ऐसे वाहनों को चिह्नित करने के लिए कहा है।
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अंतरिक्ष से ऐसा दिखता है भारत, तस्वीर देख आपको खुद नहीं होगा यकीन; इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की पोस्ट वायरल
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अप्रैल 1984 का वो दिन याद कीजिए, जब भारतीय अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा स्पेस की यात्रा पर गए थे। तब स्पेस से उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से बात की थी। जब इंदिरा ने उनसे पूछा कि अंतरिक्ष से भारत कैसा दिखता है, तो राकेश शर्मा का जवाब था- सारे जहां से अच्छा।
अंतरिक्ष से भारत को देख पाने का ख्वाब हर किसी का भले ही न पूरा हो, लेकिन राकेश शर्मा की ये बात आज भी भारतीयों के मन-मस्तिष्क में बसी हुई है। इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन ने अंतरिक्ष से कुछ तस्वीरें जारी की हैं। इसमें भारत की भी तस्वीर है।
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन ने जारी की तस्वीरदरअसल इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट किया, जिसका कैप्शन था- 'जब आप ऊपर तारे, नीचे शहर की रोशनी और पृथ्वी के क्षितिज पर छाई वायुमंडलीय चमक देख सकते हैं।' इसके साथ आईएसएस ने चार तस्वीरें भी पोस्ट कीं।
When you can see the stars above, the city lights below, and the atmospheric glow blanketing Earth's horizon.
Pic 1) Midwest United States
Pic 2) India
Pic 3) Southeast Asia
Pic 4) Canada pic.twitter.com/nRa56Ov3cm
— International Space Station (@Space_Station) April 12, 2025इन तस्वीरों में मिडवेस्ट यूनाइटेड स्टेट्स, भारत, साउथ ईस्ट एशिया और कनाडा की तस्वीर है। इसमें भारत की तस्वीर देख राकेश शर्मा की तरह आप भी कह उठेंगे कि अंतरिक्ष से भारत सारे जहां से अच्छा दिखता है।
इस तस्वीर में अंतरिक्ष के अंधेरे में भारत के शहरों से आ रही रोशनी किसी चमकते हीरे जैसी दिखलाई पड़ती है। भारत के विशाल क्षेत्रफल और घनी आबादी का आभास होता है। तस्वीर को देखकर कई यूजर्स ने अपनी प्रतिक्रिया साझा की है।
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आंध्र प्रदेश की पटाखा फैक्ट्री में जोरदार धमाका, 8 लोगों की मौत; कई घायल
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश के अनाकापल्ली जिले में एक पटाखा बनाने वाली फैक्ट्री में विस्फोट हो गया। धमाके की आवाज इतनी तेज थी कि कई किलोमीटर दूर तक लोगों ने इसे सुना। इस विस्फोट में फैक्ट्री में काम करने वाले 8 मजदूरों की मौत हो गई।
अनाकापल्ली के पुलिस अधीक्षक तुहिन सिन्हा ने इस संबंध में जानकारी देते हुए घटना की पुष्टि की। मामले में अभी और जानकारी की प्रतीक्षा है।
सीएम ने घटना पर जताया दुखआंध्र प्रदेश के सीएम एन चंद्रबाबू नायडू ने अनकापल्ली जिले के कोटावुराटला में एक पटाखा निर्माण इकाई में हुए विस्फोट में 8 श्रमिकों की मौत पर दुख व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने घटना के बारे में जानकारी जुटाने के लिए जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक और राज्य की गृह मंत्री अनिता से फोन पर बात की।
सीएम ने कहा कि उन्होंने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि घायलों को सर्वोत्तम संभव चिकित्सा सुविधा मिले। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार पीड़ितों के परिवारों का समर्थन करेगी और उनसे मजबूत बने रहने का आग्रह किया। उन्होंने अधिकारियों को घटना की गहन जांच करने और उन्हें एक रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया। अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि घायल श्रमिकों में से दो की हालत गंभीर है।
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'कैंसर का शक, किडनी भी नहीं सही...' तहव्वुर राणा ने बनाया था 33 बीमारियों का बहाना
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आतंकी तहव्वुर राणा किसी भी तरह से भारत नहीं आना चाहता था। उसने हर हथकंडा अपनाया। मगर काम नहीं आया। बस उसे इतना ही हासिल हो सका कि प्रत्यर्पण में भारत को देरी का सामना करना पड़ा। मगर अब तहव्वुर राणा भारतीय एजेंसियों के शिंकजे में है। तहव्वुर राणा ने अपने प्रत्यर्पण को रोकने की खातिर हर कानूनी दांव पेंच को अपनाया।
प्रत्यर्पण के खिलाफ पहुंचा था सुप्रीम कोर्टफरवरी में पीएम मोदी के सामने डोनाल्ड ट्रंप ने राणा को भारत भेजने का एलान किया था। इसके बाद उसने अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट के सामने भारत न भेजने की अपील की थी। उसने दावा किया था कि वह पाकिस्तान मूल का है। इस वजह से उसे वहां प्रताड़ित किया जा सकता है। मगर सुप्रीम कोर्ट ने उसकी अपील को खारिज कर दिया।
वकील ने लिखा पत्र- 33 बीमारियों का दिया हवालातहव्वुर राणा के वकील जॉन डी क्लाइन ने 21 जनवरी 2025 को अमेरिकी विदेश विभाग को एक पत्र लिखा। इसमें उन्होंने प्रत्यर्पण रोकने की कोशिश की। इसके पीछे 33 से अधिक स्वास्थ्य कारणों और भारत में मिलने वाली यातनाओं का हवाला दिया। हालांकि अमेरिकी प्रशासन ने उनकी एक नहीं सुनी। क्लाइन ने कहा कि तहव्वुर राणा को भारत की जेलों में प्रताड़ित किया जा सकता है। वहां की जेलों की स्थिति अमानवीय है। मुकदमे के इंतजार में राणा स्वास्थ्य कारणों से भारत में ही मर सकता है।
कैंसर का भी जताया शक... मगर नहीं बनी बातवकील ने तर्क दिया कि भारत भेजने पर राणा को यातना झेलनी पड़ेगी, क्योंकि वह पाकिस्तान मूल का मुसलमान है। अपने पत्र में आगे लिखा कि लॉस एजिल्स की जेल में पांच साल की कैद के बाद राणा की सेहत और खराब हो चुकी है। राणा को पार्किंसंस रोग है। उसकी सोचने-समझने की क्षमता भी कम हुई है। इसके अलावा वह बार-बार पेशाब आने और याददाश्त की समस्या से जूझ रहा है। वकील ने कहा कि राणा के मूत्राशय में एक गांठ है। संदेह है कि ये कैंसर हो सकता है।
दावा: इन बीमारियों से जूझ रहा तहव्वुर राणा- स्टेज 3 क्रोनिक किडनी रोग
- कोरोनरी धमनी रोग
- सुप्त तपेदिक
- ब्रोंकाइटिस
- क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी रोग
- अस्थमा
- क्रोनिक साइनस रोग
- ब्रोंकाइटिस
- सोरायसिस
- बढ़े हुए प्रोस्टेट
- सुनने की क्षमता में कमी
- हाइपोथायरायडिज्म
- अपक्षयी संयुक्त रोग
वकील जॉन डी क्लाइन ने कहा कि राणा को स्ट्रोक, शुगर, टीबी और दिल का दौरा पड़ने का भी खतरा है। उसे डायलिसिस की भी जरूरत पड़ेगी। वह कैंसर का इलाज करवा रहा है। अगर मूत्राशय के कैंसर का खुलासा होता है तो उसे सर्जरी और कीमोथेरेपी से भी गुजरना पड़ेगा।
वकील की इस लंबी चौड़ी पटकथा को अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने तत्काल खारिज कर दिया। 11 फरवरी को लिखे जवाबी पत्र में उन्होंने कहा कि तहव्वुर राणा को भारत भेजा जाएगा। यह भी कहा गया कि प्रत्यर्पण में अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन किया गया है।
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मोस्ट वांटेड मेजर इकबाल और समीर अली कौन, क्यों की थी शिवसेना भवन में घुसने की कोशिश? तहव्वुर राणा खोलेगा राज
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 26/11 मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड तहव्वुर हुसैन राणा की अमेरिका से भारत प्रत्यर्पण के बाद 2008 के मुंबई हमलों में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) की कथित भूमिका फिर से सुर्खियों में है।
10 अप्रैल को अमेरिका से भारत लाए गए तहव्वुर राणा से भारतीय जांच एजेंसी एनआईए (NIA) नए सिरे से पूछताछ में जुटी हुई है। एनआईए के सूत्रों के मुताबिक, राणा से पूछताछ का मुख्य फोकस दो नामों पर है। पहला नाम है मेजर इकबाल और दूसरा नाम है मेजर समीर अली। ये दोनों NIA की मोस्ट वांटेड लिस्ट में भी शामिल है।
तहव्वुर राणा अब भारतीय जांच एजेंसियों की निगरानी में है और माना जा रहा है कि राणा के जरिए जांच एजेंसियां यह जानना चाहती है कि क्या इन दोनों आईएसआई अधिकारी तहव्वुर के जरिए 26/11 हमलों की साजिश को अंजाम तक पहुंचाया था।
कौन है मेजर इकबाल?
पीटीआई की 2018 की एक रिपोर्ट के अनुसार, मेजर इकबाल कोई मामूली खिलाड़ी नहीं था। 2010 के शिकागो अभियोग में उसे आईएसआई का सक्रिय अधिकारी बताया गया था। उस पर आरोप है कि उसने डेविड कोलमैन हेडली को फंडिंग दी, उसे प्रशिक्षण दिया और मुंबई में रेकी करवाने की पूरी योजना को अंजाम तक पहुंचाया।
कौन है डेविड कोलमैन हैडली?
डोविड हेडली अमेरिकी-पाकिस्तानी डबल एजेंट था। उसने खुद 2010 में दोषी ठहराए जाने के बाद ये कबूल किया था कि मेजर इकबाल उसका मुख्य ISI हैंडलर था। 2011 की गवाही में हेडली ने बताया था कि उसने 'चौधरी खान' (मेजर इकबाल का कोड नेम) के साथ 20 से अधिक ईमेल का आदान-प्रदान किया था। एक ईमेल में राजाराम रेगे नामक शिवसेना नेता को 'कवर' के रूप में इस्तेमाल करने का जिक्र भी था।
पीटीआई की 2016 की एक रिपोर्ट के अनुसार, राजाराम रेगे ने कहा था, "हेडली मुझसे शिवसेना भवन के बाहर मिला था, लेकिन मैंने उसे अंदर जाने की अनुमति नहीं दी थी।" एक अन्य ईमेल में मेजर इकबाल ने हेडली से 'प्रोजेक्ट्स' की जानकारी और सर्विलांस उपकरण की रिपोर्ट मांगी थी।
अमेरिकी अभियोग में मेजर इकबाल को पाकिस्तान का निवासी बताया गया था, जिसने लश्कर द्वारा हमलों की योजना बनाने और उसे फंडिंग करने में भाग लिया था। उस पर आतंकी साजिश रचने का आरोप भी लगाया गया था। हालांकि, दस्तावेजों में स्पष्ट रूप से आईएसआई का कोई उल्लेख नहीं है।
कंट्रोल रूम से कमांड देने वाला मेजर समीर अली कौन है?
मेजर इकबाल साजिश को बुनने वाला एक योजनाकार था और वहीं मेजर समीर अली उन योजनाओं को अंजाम देने वाला एक 'फील्ड मार्शल' था। 26/11 हमलों के हैंडलर और 2012 में गिरफ्तार हुए जबीउद्दीन अंसारी उर्फ अबु जुंदाल के अनुसार, समीर अली कराची के मलिर कैंटोनमेंट स्थित कंट्रोल रूम से पूरे ऑपरेशन कि निगरानी कर रहा था।
अबु जिंदाल ने अपनी गवाही में कहा था कि मेजर समीर अली ने लश्कर कमांडर जकी-उर-रहमान लखवी को सीधे निर्देश दिए थे। इंटरपोल की रेड नोटिस के अनुसार, समीर अली 1966 में पाकिस्तान के लाहौर शहर में जन्मा था और उसे उर्दू, हिन्दी और अंग्रेजी भाषा काफी अच्छे से आती थी। भारत उसे संगठित अपराध और आतंकवाद के मामलों में तलाश कर रहा है।
हालांकि, पाकिस्तान ने बार-बार इस बात से इनकार किया है कि ऐसा कोई व्यक्ति मौजूद भी था। पाकिस्तान ने समीर अली को एक 'फिक्शनल कैरेक्टर' तक बताया है।
कराची कंट्रोल रूम पर पाकिस्तान फेडरल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी का छापा
इकोनॉमिक टाइम्स की 2012 की रिपोर्ट के अनुसार, जुंदाल ने बताया कि मुंबई आतंकी हमलों के कुछ हफ्तों के बाद पाकिस्तान की फेडरल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (FIA) ने कराची कंट्रोल रूम पर छापा मारा था और सबूत नष्ट कर दिए थे।
इस छापे के कुछ महीनों के बाद पीओके के मुजफ्फराबाद स्थित 'बैतुल मुजाहिदीन' कैंप से जकी-उर-रहमान लखवी को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, इस दौरान अबु जुंदाल और एक अन्य ट्रेनर अबु कहाफा पीछे के दरवाजे से भाग निकलने में कामयाब हो गए थे।
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15 जनवरी का रात सैफ-करीना के घर में क्या हुआ? पुलिस की 1,600 पन्नों की चार्जशीट में सामने आया सच
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान पर हुए हमले पर अभी तक सस्पेंस बना हुआ है। मुंबई पुलिस ने इस मामले में 1,600 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है। बांद्रा कोर्ट में दायर की गई इस चार्जशीट में करीना का बयान भी शामिल है। करीना ने पुलिस को हमले की रात का पूरा आंखों देखा हाल सुनाया है, जिससे केस से जुड़े कई बड़े पहलू सामने आ गए हैं।
पुलिस की चार्जशीट में सैफ ने बताया कि हमले के बाद हमलावर अचानक से गायब हो गया। सैफ ने करीना, बच्चों और हेलपर समेत सभी को एक कमरे में बंद कर लिया था।
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सैफ-करीना का घर
करीना ने चार्जशीट में बताया कि वो सैफ और दोनों बेटों तैमूल-जहांगीर (जेह) के साथ बांद्रा पश्चिम में स्थित सतगुरु शरण अपार्टमेंट में रहती हैं। बिल्डिंग की 11वीं मंजिल पर 3 बेडरूम है, 12 मंजिल पर लिविंग एरिया और 13वीं मंजिल पर सर्वेंट क्वार्टर के साथ एक लाइब्रेरी है।
Attack on Saif Ali Khan | Maharashtra: Mumbai's Bandra police filed a chargesheet in Bandra court in the case. This chargesheet includes several pieces of evidence found by the police against the arrested accused, Shariful Islam. This chargesheet is more than 1000 pages long. The…
— ANI (@ANI) April 8, 2025घर में कितने लोग मौजूद?
करीना के बयान की मानें तो हमले के समय घर में वो, सैफ, तैमूर, जेह और 4 सहायक मौजूद थे। इसके अलावा सर्वेंट गीता और जुनू सपकोटा, नर्सें शर्मिला और एलीयाना फिलिप भी घर में थीं। यानी 15 जनवरी की रात सैफ-करीना के घर में कुल 12 लोग मौजूद थे। वहीं, हमला लगभग 2 बजे रात को हुआ।
जेह के कमरे में हुआ हमला
करीना ने बताया कि 15 जनवरी की रात तकरीबन 1:30 बजे वो अपनी दोस्त रिया कपूर से मिलकर लौटी थीं। घर आने के बाद उन्होंने तैमूर और जेह के कमरे में देखा, तो दोनों सो रहे थे। करीना भी अपने कमरे में सोने चली गईं। रात के तरीबन 2 बजे जुनू उनके कमरे में आईं और बताया कि जेह के कमरे में कोई है। उसके हाथ में चाकू है और वो पैसे मांग रहा है।
काले कपड़ों में था हमलावर
करीना के अनुसार जुनू की बात सुनते ही करीना और सैफ बेटे जेह के कमरे की तरफ भागे। उन्होंने देखा कि गीता कमरे के बाहर खड़ी थी, नर्स एलियाना घायल थी और कमरे के अंदर काले कपड़े में एक 5.5 फीट का शख्स मौजूद था। सैफ ने पीछे से आरोपी को रोकने की कोशिश की, लेकिन उसने सैफ पर ही चाकू से हमला कर दिया।
अचानक गायब हुआ हमलावर
करीना ने बताया कि सैफ और हमलावर की झड़प के बीच वो जेह को लेकर कमरे से बाहर चली गईं और फौरन पुलिस को फोन किया। इसके बाद चारों सहायकों ने हमलावर को ढूंढने की बहुत कोशिश की, मगर उसका कहीं पता नहीं चला। घर सुरक्षित नहीं था, ऐसे में सभी घर से बाहर निकल गए। इसके बाद करीना ने बहन करिश्मा और मैनेजर पूनम दमानिया को फोन करके हमले की जानकारी दी।
सैफ ने सभी को कमरे में बंद किया
चार्जशीट में पुलिस को बयान देते हुए सैफ ने कहा कि आरोपी नशे में पूरी तरह से धुत्त था। जब मैं जेह के कमरे में गया और पूछा कि तुम कौन हो, तुम्हें क्या चाहिए? इतने पर उसने मुझकर हमला कर दिया। नशे में होने के बावजूद उसने मेरी गर्दन, सीने, हाथ, पैर और पीठ पर चाकू से कई वार किए। उसने गीता पर भी हमला किया। मैंने उसे धक्का दिया और सभी के साथ 12वीं मंजिल के कमरे में लॉक हो गया। कुछ देर बाद करीना ने सहायक हरि और तैमूर के साथ मुझे लीलावती अस्पताल भेजा।
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'बढ़िया चाय और शांत माहौल', मुर्शिदाबाद में हिंसा के बीच यूसुफ पठान की पोस्ट पर बवाल; भाजपा ने खूब सुनाया
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ (संशोधन) कानून के खिलाफ हिंसा भड़की है। इस बीच बहरामपुर से तृणमूल कांग्रेस सांसद और पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान की इंस्टाग्राम पोस्ट पर बवाल मच गया। भाजपा ने उनकी इस पोस्ट की कड़ी आलोचना की।
दो दिन पहले यूसुफ पठान ने इंस्टाग्राम पर तस्वीर साझा की और लिखा कि आरामदेह दोपहर, बढ़िया चाय और शांत माहौल। इन पलों का लुत्फ उठा रहा हूं। मगर उनकी यह पोस्ट जनता की नजरों में खटकने लगी। लोगों ने पोस्ट की टाइमिंग पर सवाल उठाना शुरू कर दिया।
भाजपा ने यूसुफ पठान को घेराभाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने एक्स पर एक वीडियो साझा किया। उन्होंने कहा कि बंगाल जल रहा है। इसमें ममता बनर्जी की सरकार पूर्ण तरीके से शामिल है। राज्य संरक्षित हिंसा को बढ़ावा दिया जा रहा है। पुलिस चुप है।
उन्होंने आगे कहा कि हिंदुओं के खिलाफ लक्षित हिंसा हो रही है। गाड़ियों को जलाया जा रहा है। अब तक तीन लोगों की हत्या हो चुकी है। उधर, टीएमसी के सांसद यूसुफ पठान चाय की चुस्की ले रहे हैं। बंगाल जल रहा है। ये चाय पी रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि हाईकोर्ट को भी कहना पड़ा कि हम आंख मूंदकर बैठ नहीं सकते। शहजाद ने ममता बनर्जी पर तुष्टिकरण करने का आरोप लगाया।
लोकसभा चुनाव 2024 में युसुफ पठान ने बहरामपुर लोकसभा सीट से दिग्गज कांग्रेस नेता व पांच बार के सांसद अधीर रंजन चौधरी को हराया था। जानकारी के मुताबिक मुर्शिदाबाद के जिन इलाकों में हिंसा भड़की है, वह यूसुफ पठान के निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा नहीं है। मगर उसके आसपास का क्षेत्र उनके निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आता है।
इन इलाकों में भड़की हिंसामुर्शिदाबाद जिले के अलग-अलग इलाके बहरामपुर, जंगीपुर और मालदा दक्षिण संसदीय क्षेत्र में पड़ते हैं। हिंसा धुलिया, समसेरगंज और सुती में भड़की है। सुती जंगीपुर और धुलिया व समसेरगंज मालदा दक्षिण लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा हैं। जंगीपुर सीट पर टीएमसी का कब्जा है। यहां से खलीलुर रहमान सांसद हैं। वहीं मालदा दक्षिण से कांग्रेस की ईशान खान चौधरी सांसद हैं।
हाई कोर्ट ने अपनाया खड़ा रुखमुर्शिदाबाद में भड़की हिंसा में अब तक तीन लोगों की जान जा चुकी है। कलकत्ता हाई कोर्ट ने इस पर कड़ा रुख अपनाया है। कोर्ट ने जिले में केंद्रीय बलों को तैनात करने का आदेश दिया है। अदालत ने कहा कि हम आंखें मूंद नहीं सकते हैं। समय रहते सरकार ने पर्याप्त कदम नहीं उठाए हैं। नागरिक की सुरक्षा करना राज्य की जिम्मेदारी है। यहां इसकी अनदेखी हुई है।
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Bengal is burning
HC has said it can’t keep eyes closed and deployed centra forces
Mamata Banerjee is encouraging such state protected violence as Police stays silent!
Meanwhile Yusuf Pathan - MP sips tea and soaks in the moment as Hindus get slaughtered…
This is TMC pic.twitter.com/P1Yr7MYjAM
— Shehzad Jai Hind (Modi Ka Parivar) (@Shehzad_Ind) April 13, 2025Murshidabad Violence: इंटरनेट सेवाएं बंद, 150 से ज्यादा लोग गिरफ्तार; मुर्शिदाबाद का हर अपडेट यहां पढ़ें
कोलकाता, पीटीआई। पश्चिम बंगाल में वक्फ संशोधन अधिनियम को लेकर चल रहा विरोध अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। पुलिस ने मुर्शिदाबाद से 12 अन्य प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया है। इसी के साथ गिरफ्तार लोगों की संख्या बढ़कर 150 हो गई है। हिंसा में 3 की मौत के बाद पुलिस पूरी तरह से अलर्ट है।
रविवार को मुर्शिदाबाद के हालात की जानकारी देते हुए पुलिस ने बताया कि पिछले कुछ घंटों में कोई नई हिंसा नहीं देखने को मिली है। पुलिस चप्पे-चप्पे पर तैनात है। संवेदनशील इलाकों में सुरक्षाबलों ने सभी पर बारीकी से नजर रखी है।
पलायन के लिए मजबूर हिन्दू - बीजेपी
बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने दावा किया है कि हिंसा के दौरान 400 से ज्यादा हिन्दुओं को पलायन करने पर विवश होना पड़ा। पश्चिम बंगाल में धार्मिक उत्पीड़न एक कड़वी वास्तविकता है। तृणमूल कांग्रेस तुष्टीकरण की राजनीति को बढ़ावा दे रही है। हिन्दुओं को निशाना बनाया जा रहा है। हमारे लोग अपनी ही जमीन पर जान बचाने के लिए भाग रहे हैं।
रात में हुई छापेमारी
पीटीआई से बातचीत के दौरान मुर्शिदाबाद के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि सूती, धुलियां, समसेरगंज और जंगईपुर जैसे जिलों में स्थिति शांतिपूर्ण है। पुलिस ने रात में कई जगहों पर छापेमारी की है। इस दौरान 12 लोगों को हिरासत में लिया गया है। हिंसक प्रदर्शन में अब तक कुल 150 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
#WATCH | Murshidabad violence | West Bengal | Inspector General of South Bengal Frontier, BSF, Karni Singh Shekhawat reached the violence-hit area after the Calcutta High Court ordered deployment of central forces in the affected area. (12.04) pic.twitter.com/9smP0vfTAh
— ANI (@ANI) April 12, 2025BNS की धारा 163 लागू
पुलिस का कहना है कि हिंसक प्रदर्शन के कारण इलाके में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNS) की धारा 163 के तहत कई पाबंदियां लागू की गई हैं। सुरक्षाबल मुख्य मार्ग से आने-जाने वाले सभी वाहनों की जांच कर रहे हैं। संवेदनशील इलाकों में पुलिस की पेट्रोलिंग जारी है। जांच अभी चल रही है। इस मामले में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
शुक्रवार को भड़की थी हिंसा
बता दें कि वक्फ संशोधन अधिनियम को संसद से हरी झंडी मिलने के बाद से ही पश्चिम बंगाल में हालात काफी खराब हो गए थे। विरोध प्रदर्शन के कारण कई इलाकों में हिंसा भड़क गई। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की गाड़ियों में आग लगा दी। सुरक्षाबलों पर पत्थर फेंके जाने लगे और कई महत्वपूर्ण मार्ग भी बंद कर दिए गए थे। हिंसक प्रदर्शन का सबसे ज्यादा असर मुर्शिदाबाद में देखने को मिला, जहां हिंसा के दौरान 3 लोगों की जान चली गई।
#WATCH | Murshidabad | A local, Manoj Ghosh says, "They burnt the shops and vandalised houses. We want BSF presence here permanently if things are to be peaceful... A police station is very close to here, but they didn't come." https://t.co/kcepFkV4i1 pic.twitter.com/44OWmmtkIz
— ANI (@ANI) April 13, 20253 की मौत, 18 पुलिसकर्मी घायल
शनिवार को समसेरगंज के जाफराबाद में एक पिता-पुत्र का शव मिलने से हड़कंप मच गया था। चाकू से गोदकर दोनों की हत्या कर दी गई थी। दोनों मृतकों की पहचान हरगोबिंदो दास और चंदन दास के रूप में हुई है। इसके अलावा सूती में गोली लगने से 21 वर्षीय इलियाज मोमिन की भी मौत हो गई। इस हिंसा में 18 पुलिसकर्मी भी गंभीर रूप से घायल हैं।
कुरान, पेन और पेपर... स्पेशल सेल में कैद तहव्वुर राणा ने NIA से क्या-क्या मांगा?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 26/11 को हुए मुंबई हमले का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा (Tahawwur Rana) अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के कब्जे में है। NIA ने तहव्वुर राणा को नई दिल्ली स्थित CGO कॉम्प्लेक्स मुख्यालय में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के साथ रखा है।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक तहव्वुर राणा के आसपास भारी संख्या में सुरक्षाबल तैनात हैं, जो 24 घंटे उस पर नजर रखते हैं। हालांकि इसी बीच एक और खबर सामने आ रही है। NIA की कस्टडी में मौजूद तहव्वुर राणा ने 3 चीजों की मांग की है।
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तहव्वुर राणा की 3 मांगे
हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार तहव्वुर राणा ने जेल में कुरान की मांग की थी। ऐसे में उसे कुरान की एक कॉपी दी गई है। कुरान के अलावा तहव्वुर राणा ने पेन और पेपर मांगा था। उसकी तीनों मांगे पूरी कर दी गई हैं। हालांकि सुरक्षाबल उस पर हमेशा नजर रखते हैं कि कहीं पेन से वो खुद को कोई नुकसान न पहुंचा ले। इन तीन चीजों के अलावा अभी तक उसने कुछ भी नहीं मांगा है।
रोज पढ़ता है 5 वक्त की नमाज
जेल में तहव्वुर राणा को बाकी कैदियों की तरह ही रखा गया है, उसे अलग से कोई खास सुविधा नहीं दी गई है। तहव्वुर राणा पांच वक्त की नमाज भी अदा करता है। जेल में उसे रोज दिन में पांच बार नमाज पढ़ते हुए देखा जाता है।
VIDEO | Tahawwur Rana extradition: Security remains tightened outside NIA headquarters in Delhi.
The NIA Special Court at Patiala House has sent Rana to 18-day NIA custody. The anti-terror agency had produced Rana before the NIA Special Court at Patiala House after formally… pic.twitter.com/edJ0xH5jMa
— Press Trust of India (@PTI_News) April 13, 2025न्यायालय ने दी 18 दिन की रिमांड
अदालत के आदेश पर तहव्वुर राणा को हर दूसरे दिन उसके वकील से मिलने की अनुमति है। उसे वो सारी सुविधाएं मिल रही हैं, जो हिरासत में मौजूद बाकी कैदियों को दी जाती हैं। बता दें कि अमेरिका से वापसी के बाद NIA ने शुक्रवार की सुबह तहव्वुर राणा को दिल्ली की अदालत में पेश किया था। इस दौरान न्यायालय ने उसे 18 दिन की रिमांड पर भेज दिया है।
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SC: हिंदुओं और गैर मुस्लिमों की संपत्ति पर वक्फ कानून में जारी आदेश हो बेअसर, सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर
माला दीक्षित, जागरण, नई दिल्ली। अभी तक यही माना जा रहा था कि वक्फ कानून के मामले में मुसलमान या राजनेता ही सुप्रीम कोर्ट पहुंच रहे हैं लेकिन हिंदुओं ने भी वक्फ कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर वक्फ कानून 1995 और वक्फ संशोधन कानून 2025 को चुनौती दी गई है और इन्हें हिंदुओं और गैर-मुस्लिमों के प्रति भेदभावपूर्ण वाला बताया है।
सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायरयाचिका में हिंदुओं और गैर मुस्लिमों की संपत्ति वक्फ बोर्ड के नोटिसों, अधिसूचनाओं और आदेशों से सुरक्षित करने की मांग की गई है। कहा गया है कि कोर्ट घोषित करे कि वक्फ कानून 1995 के तहत जारी कोई भी अधिसूचना, आदेश या नियम हिंदुओं और गैर मुस्लिमों की संपत्ति पर लागू नहीं होगा।
जनहित याचिका में वक्फ कानून की धारा 4,5,6,7,8,28,28,52,54,83,85,89 और 101 को संविधान के अनुच्छेद 14,15,25,26,27,300-ए और 323ए के खिलाफ बताते हुए इसे रद करने की मांग की गई है। शीर्ष कोर्ट में यह याचिका उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले की रहने वाली पारुल खेड़ा ने दाखिल की है।
वक्फ संशोधन कानून 2025 बनायाबता दें कि केद्र ने हाल ही में वक्फ संशोधन कानून 2025 बनाया है। मुस्लिम संगठनों और विपक्षी दलों द्वारा इस कानून का विरोध हो रहा है और उसके विरोध में सुप्रीम कोर्ट में दस से ज्यादा याचिकाएं भी दाखिल हो चुकी हैं। केंद्र सरकार ने भी कैविएट दाखिल कर दी है ताकि कोर्ट उसका पक्ष सुने बगैर कोई एकतरफा आदेश जारी न करे।
सुप्रीम कोर्ट 16 अप्रैल को मामले पर सुनवाई करेगासुप्रीम कोर्ट 16 अप्रैल को मामले पर सुनवाई करेगा। अभी हाल में दाखिल याचिका में वक्फ कानून यानी 1995 के मूल कानून और 2025 के संशोधित कानून को चुनौती देते हुए कहा गया है कि यह कानून वक्फ संपत्तियों और वक्फ बोर्ड को स्पेशल स्टेटस देता है इसमें वक्फ बोर्ड के पास किसी भी ट्रस्ट या सोसाइटी की संपत्ति को वक्फ संपत्ति घोषित करने का अधिकार है जबकि हिंदुओं और गैर मुस्लिम समुदायों के पास ऐसा अधिकार नहीं है।
क्फ कानून 1995 र्धमनिरपेक्षता और बराबरी के सिद्धांत के खिलाफकहा गया है कि वक्फ कानून 1995 र्धमनिरपेक्षता और बराबरी के सिद्धांत के खिलाफ है। इस कानून में वक्फ बोर्ड को वक्फ संपत्तियों के बारे में मिले विशेष अधिकार से संविधान के अनुच्छेद 14 और 15 यानी समानता का मौलिक अधिकार और अनुच्छेद 25 और 26 धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार तथा अनुच्छेद 300ए और 323 के प्रविधानों का उल्लंघन होता है।
याचिका में कहा गया है कि वक्फ कानून में हिंदुओं और गैर मुस्लिमों के पास उनकी अपनी धार्मिक संपत्ति को वक्फ संपत्ति के रूप में शामिल करने से रोकने के लिए कोई सुरक्षात्मक उपाय नहीं है और इसलिए यह कानून हिंदुओं र गैर मुस्लिम समुदायों के साथ भेदभाव करता है।
ये कानून प्रकृत न्याय के सिद्धांत का भी उल्लंघन करता है क्योंकि इसमें प्रभावित व्यक्ति को सुनवाई का मौका देने और उसकी संपत्ति वक्फ संपत्ति की सूची में शामिल करने का विरोध करने का कोई प्रविधान नहीं है।
वक्फ कानून में धार्मिक आधार पर भेदभाव का मुद्दा ही नहींयाचिका में वक्फ कानून में धार्मिक आधार पर भेदभाव का मुद्दा ही नहीं, बल्कि टैक्स पेयर के धन को किसी धर्म विशेष के लिए खर्च किए जाने का मुद्दा भी उठाया गया है। कहा गया है कि वक्फ कानून 1995 की धारा आठ के मुताबिक प्रापर्टियों के सर्वे और अधिसूचना जारी करने पर आने वाला खर्च राज्य सरकार, सरकारी खजाने से करती है जो कि संविधान के अनुच्छेद 27 का उल्लंघन है। ये चीज धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत के भी खिलाफ है। अनुच्छेद 27 कहता है कि किसी भी व्यक्ति को किसी विशेष धर्म के प्रचार के लिए टैक्स देने को बाध्य नहीं किया जाएगा।
कानून में किसी तरह के पब्लिक नोटिस जारी करने का प्राविधान नहींयाचिका में यह भी कहा गया है कि इस कानून में किसी तरह के पब्लिक नोटिस जारी करने का प्राविधान नहीं है जिससे कि हिंदू या गैर मुस्लिम समुदाय के लोग आदेश को जान ही नहीं पाते हैं। वक्फ कानून की धारा 54 और 55 में वक्फ बोर्ड को वक्फ संपत्तियों से अतिक्रमण हटाने का विशेष अधिकार दिया गया है जबकि ये अधिकार ट्रस्ट, मठ, मंदिर, अखाड़ा और धार्मिक संपत्तियां रखने वाले ट्रस्टी, मैनेजरों, शैबायतों, महन्तों और धार्मिक संपत्ति का प्रबंधन करने वालों के पास नहीं है।
वक्फ संपत्तियों से जुड़े विवाद ट्रिब्यूनल द्वारा निपटाए जाने के प्रविधान गैरकानूनीअगर वक्फ कानून को देखा जाए तो वक्फ संपत्ति घोषित होने को लेकर विवाद की सुनवाई वक्फ ट्रिब्यूनल करता है। इस नई याचिका में कहा गया है कि दो समुदायों के बीच संपत्ति को लेकर होने वाला विवाद जटिल प्रकृति का होता है और इसे तय करने के लिए विशेषज्ञ दक्षता की आवश्यकता हो सकती है।
विवाद ट्रिब्यूनल द्वारा निपटाए जाने के प्रविधान गैरकानूनीट्रिब्यूलन अर्ध न्यायिक प्राधिकरण होता है और वो उसमें सक्षम नहीं हो सकता। दीवानी प्रकृति के संपत्ति विवादों का निपटारा सिविल अदालतें बेहतर ढंग से करती हैं, ऐसे में वक्फ कानून में वक्फ संपत्तियों से जुड़े विवाद ट्रिब्यूनल द्वारा निपटाए जाने के प्रविधान गैरकानूनी हैं।
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Weather Alert: दिल्ली-यूपी में आंधी-तूफान ने मचाई तबाही, 400 से अधिक उड़ानें प्रभावित; IMD का अलर्ट जारी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली यूपी के मौसम का मिजाज बिगड़ चुका है। पिछले दो दिन से दिल्ली-एनसीआर से लेकर यूपी, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में तेज आंधी और बारिश ने जनजीवन अस्त व्यस्त कर दिया है। लोगों को गर्मी से तो राहत मिली है लेकिन किसानों की फसलों को काफी नुकसान हुआ है।
इन राज्यों में बारिश का अलर्टमौसम विभाग ने अगले 48 घंटों के लिए और भी गंभीर चेतावनियां जारी की हैं। आईएमडी के अनुसार, अगले कुछ दिनों तक दिल्ली- एनसीआर समेत यूपी, पंजाब, हरियाणा आदि राज्यों में बारिश और तेज हवाएं चलने का सिलसिला जारी रहेगा। आईएमडी ने हालिया जानकारी में बताया कि उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में 12 अप्रैल को और झारखंड में 15 अप्रैल को छिटपुट ओलावृष्टि की संभावना है।
पिछले 24 घंटों के मौसम का हालपिछले 24 घंटों में मौसम में भारी बदलाव देखने को मिला। शुक्रवार शाम को दिल्ली एनसीआर समेत सटे राज्यों में आंधी पानी और हल्की बूंदाबादी देखने को मिली। जिससे तापमान में काफी कमी देखने को मिली। IMD ने बताया कि पिछले 24 घंटों में हरियाणा, उत्तर प्रदेश, झारखंड़, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, मध्य प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर तूफानी हवाओं के साथ गरज के साथ बारिश हुईं। वहीं, ये सिलसिला आज और कल जारी रहने की संभावना है।
इन राज्यों में लू की चेतावनीमौसम विभाग ने कुछ राज्यों में लू को लेकर चेतावनी जारी की है। विभाग के ताजा रिपोर्ट के अनुसार, 14 और 15 अप्रैल को पश्चिमी राजस्थान में अलग-अलग स्थानों पर लू चलने की संभावना है। वहीं, 16-18 अप्रैल के दौरान अलग-अलग स्थानों पर भीषण लू चलने की संभावना है।
विभाग के अपडेट में बताया गया कि 15-17 अप्रैल के दौरान गुजरात राज्य में अलग-अलग स्थानों पर लू चलने की संभावना है। 16-18 अप्रैल के दौरान पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पूर्वी राजस्थान, पश्चिमी मध्य प्रदेश में लू चलने की संभावना है।
आइजीआई एयरपोर्ट पर 400 से अधिक उड़ानों में देरी से यात्री हुए परेशानखराब मौसम और रनवे बंद होने की वजह से इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (आइजीआई) एयरपोर्ट पर लगातार दूसरे दिन शनिवार को 400 से ज्यादा उड़ानों में देरी हुई। नतीजन, यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
शुक्रवार शाम को तेज हवा के साथ वर्षा होने से उड़ानों पर काफी असर पड़ा। बड़ी संख्या में उड़ानों को डायवर्ट करना पड़ा। विलंब का यह क्रम शनिवार को भी जारी रहा। एयरपोर्ट पर यात्रियों की संख्या बढ़ने से अफरातफरी का माहौल रहा। यात्रियों ने इंटरनेट मीडिया पर लंबी कतारों और भीड़भाड़ की तस्वीरें और वीडियो साझा की।
शुक्रवार रात के मौसम के कारण कुछ उड़ानें भी प्रभावितदिल्ली अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) ने भी इसको लेकर जानकारी साझा की है। घरेलू व अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के प्रस्थान की बात की जाए, तो 234 उड़ानों के प्रस्थान में देरी हुई और 175 उड़ानों का आगमन देरी से हुआ। ज्यादातर उड़ानों का औसतन प्रस्थान 40 मिनट से अधिक का रहा। डायल ने बताया कि एयरपोर्ट पर उड़ानों के संचालन में सुधार हो रहा है, शुक्रवार रात के मौसम के कारण कुछ उड़ानें भी प्रभावित हैं।
कुछ उड़ानें प्रभावित हुईवहीं, इंडिगो एयरलाइन के अनुसार, एयर ट्रैफिक की वजह से टेकऑफ और लैंडिंग क्लीयरेंस के लिए रोका जा रहा है। इस वजह से कुछ उड़ानें प्रभावित हुई हैं। बता दें कि एयरपोर्ट पर एक नंबर रनवे के मरम्मत कार्य की वजह से घरेलू उड़ानों को टर्मिनल दो व तीन से संचालित किया जा रहा है। इस वजह से भी एयरपोर्ट पर काफी परेशानी सामने आ रही हैं।
दिल्ली में शनिवार को गर्मी से रही राहत, अगले सप्ताह फिर चलेगी लूदिल्ली में शनिवार को हवा की गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में रही। रविवार को हवा की गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में रहने की संभावना है। इसके बाद हवा की गुणवत्ता खराब श्रेणी में पहुंच सकती है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार दिल्ली का एयर इंडेक्स 166 रहा।
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Justice Nagarathna: तेजी से बदलाव के दौर से गुजर रहा भारतीय परिवार, जस्टिस नागरत्ना ने महिलाओं को लेकर कह दी बड़ी बात
पीटीआई, बेंगलुरु। सुप्रीम कोर्ट की जज जस्टिस बीवी नागरत्ना ने शनिवार को कहा कि भारत में परिवार की संस्था आज तेजी से बदलाव के दौर से गुजर रही है। यह बदलाव न केवल परिवारों की संरचना और कार्यप्रणाली पर, बल्कि कानूनी व्यवस्था पर भी गहरा असर डाल रहे हैं।
बदलाव कई कारकों से प्रेरितउन्होंने कहा कि यह बदलाव कई कारकों से प्रेरित है, जिसमें आम शिक्षा तक अधिक पहुंच, बढ़ता शहरीकरण, व्यक्तिगत आकांक्षाओं से लेकर कार्यबल की अधिक गतिशीलता और शिक्षा प्राप्त करने वाली महिलाओं की बढ़ती आर्थिक स्वतंत्रता शामिल है। कानून ने भी इस बदलाव में मदद की है।
जस्टिस नागरत्ना ने कही ये बात''परिवार: भारतीय समाज का आधार'' विषय पर आयोजित एक सम्मेलन में जस्टिस नागरत्ना ने इस बात पर जोर दिया कि हर सभ्यता में परिवार को समाज की मूलभूत संस्था के रूप में मान्यता दी गई है। यह हमारे अतीत से जुड़ने और हमारे भविष्य के लिए सेतु है।
उन्होंने सुझाव दिया कि शिक्षा और रोजगार के कारण महिलाओं की सामाजिक-आर्थिक मुक्ति को समाज द्वारा सकारात्मक रूप से देखा जाना चाहिए और प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। ऐसी महिलाएं न केवल परिवार की भलाई में, बल्कि राष्ट्र की भलाई में भी योगदान देती हैं।
पारिवारिक विवाद इस तरह सुलझ सकते हैंजस्टिस नागरत्ना ने कहा कि भारत में वर्तमान में न्यायालयों में जितने पारिवारिक विवाद लंबित हैं, उनका एक महत्वपूर्ण प्रतिशत हल हो सकता है यदि दोनों पक्ष दो कदम उठाएं।
दूसरे साथी के हितों को ध्यान में रखना चाहिएउन्होंने कहा, ''पहला कदम दूसरे के प्रति समझ और सम्मान रखना है, और दूसरा खुद के प्रति जागरूकता है। यह पति और पत्नी के संदर्भ में है। दूसरे के प्रति सम्मान को समझने से मेरा मतलब है कि एक साथी को हर समय दूसरे साथी के हितों को ध्यान में रखना चाहिए। जब भी पहला साथी कुछ ऐसा करता हुआ दिखाई दे जो दूसरे साथी की राय में समस्याग्रस्त है, तो दूसरे साथी को खुद को पहले साथी के स्थान पर रखकर उस कार्य का कारण बताना चाहिए।''
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