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Weather Update: आंधी और बारिश से फसलों को भारी नुकसान, बिहार में 59 और यूपी में 14 मरे; जानें आज का हाल
जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। कई दिनों तक गर्मी से बुरी तरह झुलसाने के बाद मौसम में आया बदलाव कहर बनकर टूटा है। आंधी-बारिश के कारण बिहार में 59 और उत्तर प्रदेश में 25 लोगों की मौत हो गई। झारखंड में चार और हरियाणा व उत्तराखंड में दो-दो लोगों की मौत की खबर है। खेत में पानी भरने से फसलों को भी भारी नुकसान हुआ है।
दिल्ली समेत एनसीआर तेज आंधी के साथ ही हुई बारिशमौसम का विमान सेवाओं पर भी असर पड़ा। पश्चिमी विक्षोभ के असर से दिल्ली समेत एनसीआर तेज आंधी के साथ कहीं हल्की वर्षा हुई तो कहीं ओले भी पड़े। एक घंटे के भीतर तापमान छह से 10 डिग्री तक गिर गया। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के ऊपरी हिस्सों में भारी हिमपात तो निचले क्षेत्रों में वर्षा हुई।
आज से 48 घंटे मौसम में रहे बदलावमौसम विभाग का अनुमान है कि अगले 24 से 48 घंटे में मौसम बदलाव जारी रहेगा। कई जगहों पर तेज हवा चल सकती है और गरज-चमक के साथ बारिश की संभावना है। पंजाब में शुक्रवार और शनिवार को तेज हवाएं चलने और वर्षा का आरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
बिहार में 59 लोगों की जान गईबिहार में गुरुवार को वज्रपात व आंधी-पानी से पेड़, दीवार और कर्कट गिरने से 11 जिलों में 59 लोगों की जान गई है। इनमें सर्वाधिक नालंदा जिले में अलग-अलग 22 लोगों को जान गंवानी पड़ी है। उत्तर बिहार और सीमांचल के इलाकों में ऐसी ही घटनाओं में 10 लोगों की मौत हो गई। इनमें जमुई में तीन, मुजफ्फरपुर और अररिया में दो-दो, दरभंगा, कटिहार भागलपुर में एक-एक की मौत की सूचना है।
नालंदा के नगवां गांव में देवी स्थान की दीवार पर पीपल का विशाल वृक्ष गिर पड़ा, जिससे वृक्ष व दीवार के मलबे से दबकर एक ही जगह छह लोगों की मौत हो गई। भोजपुर में मां-बेटा समेत पांच लोगों की मौत हुई है। सिवान में वज्रपात से चार लोगों की मौत हो गई है।
बीएसएफ जवान पर गिर गई आकाशीय बिजलीझारखंड में कुछ स्थानों पर तेज हवा के साथ ओलावृष्टि भी हुई। हजारीबाग में वज्रपात की अलग-अलग घटनाओं में तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि चार घायल हैं। बंगाल के दार्जिलिंग जिले में सीमा पर तैनात बीएसएफ जवान दीपक कुमार की आकाशीय बिजली गिरने से मौत हो गई। वह बिहार के जमुई जिले के निवासी थे।
उत्तर प्रदेश में बुधवार रात से गुरुवार सुबह तक कई जिलों में तेज आंधी-बारिश की जबरदस्त मार फसलों पर पड़ी है। गेहूं की तैयार फसल को अधिक क्षति पहुंची है। खेत में पानी भरने से गेहूं के सड़ने का खतरा पैदा हो गया है। आम की फसल को आंशिक क्षति हुई है।
सीएम योगी ने मृतकों के परिवार को चार-चार लाख रुपये देने के दिए निर्देशमुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फसल नुकसान की क्षतिपूर्ति के लिए सर्वे कराने के निर्देश दिए हैं। जिनकी जानें गई हैं, उनके परिवार को चार लाख रुपये राहत राशि तत्काल वितरित किए जाने के निर्देश दिया है। मुरादाबाद के तीर्थंकर महावीर विश्वविद्यिलाय (टीएमयू) कैंपस में शुक्रवार रात करीब नौ बजे पांच छात्रों पर बिजली गिर गई। पांचों को टीएमयू के ही अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
लखनऊ के चंद्रभानु गुप्त कृषि महाविद्यालय के कृषि विशेषज्ञ डा.सत्येंद्र कुमार सिंह के अनुसार बरसात ने गेहूं की फसल को बर्बाद कर दिया है। इस बरसात से गेहूं की चमक प्रभावित होगी तो गेहूं बीज की भी गुणवत्ता प्रभावित होगी। बारिश से आम के पेड़ों की धुलाई हो गई, जो लासी समेत अन्य रोगों की रोकथाम में सहायक होगी।
ओलावृष्टि से हिमाचल में सेब के फसलों को नुकसानकश्मीर में उच्च पर्वतीय इलाकों में हल्की बर्फबारी और निचले इलाकों में रुक-रुककर कर वर्षा होती रही। गुरेज में ताजा बर्फबारी के चलते प्रशासन ने बांडीपोरा-गुरेज मार्ग को यातायात के लिए बंद रखा। हिमाचल प्रदेश की ऊंची चोटियों कुंजुम, बारालाचा, रोहतांग दर्रा में हल्का हिमपात हुआ, जबकि शिमला, सिरमौर और मंडी जिले में ओलावृष्टि हुई। इससे सेब के फूलों को नुकसान पहुंचा।
मैदानी इलाके में तैयार हो रही गेहूं की फसल भी प्रभावित हुई। उत्तराखंड के गढ़वाल में नदी-गदेरे उफान पर आने से आसपास के क्षेत्रों में लोग घर छोड़ सुरक्षित इलाकों का रुख कर रहे हैं। जगह-जगह भूस्खलन से आवाजाही भी प्रभावित हो गई है।
इंदौर में चार मोर की हीट वेव व डिहाइड्रेशन से मौतमप्र के इंदौर में चार मोरों की मौत हीट वेव और डिहाइड्रेशन से होने की पुष्टि हुई है। कालिंदी कुंज कालोनी में पेड़ पर हर दिन आकर बैठने वाले ये पांच मोर बुधवार शाम को अचानक नीचे गिर पड़े। पानी पिलाने पर एक तो सही हो गया लेकिन चार होश में नहीं आए। उन्हें चिडि़याघर लेकर पहुंचे, तब तक उनकी मौत हो गई।
तेज हवा में फंसा दिल्ली से रांची आ रहा इंडिगो का विमानदिल्ली से रांची आने वाला इंडिगो का विमान खराब मौसम के कारण लगभग 30 मिनट तक हवा में हिलता (एयर टर्बुलेंस) रहा। विमान में सफर कर रहे यात्री ने बताया कि इंडिगो के विमान ने दोपहर 1:20 बजे दिल्ली एयरपोर्ट से रांची के लिए उड़ान भरी। विमान दिल्ली से लगभग 350 किलोमीटर दूर था। अचानक दोपहर 2:20 बजे लगभग 40 हजार फीट की ऊंचाई पर विमान लड़खड़ाने लगा। विमान लड़खड़ाता देख सभी यात्री भयभीत हो गए।
उधर, लखनऊ के चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर तेज हवा चलने से अहमदाबाद से लखनऊ और बेंगलुरु से लखनऊ की उड़ानों को डायवर्ट करना पड़ा। यात्री कई घंटे इंतजार के बाद लखनऊ पहुंच सके। साथ ही दिल्ली, मुंबई आदि की कई फ्लाइटें तय समय से विलंब से उड़ान भर सकीं।
बुजुर्गों की सब्सिडी रोककर रेलवे ने कमाए कितने करोड़? संख्या जानकर नहीं होगा यकीन
पीटीआई, नई दिल्ली। रेलवे ने बुजुर्गों की सब्सिडी या रियायत वापस लेकर पांच वर्षों में लगभग 8,913 करोड़ रुपये की अतिरिक्त कमाई की है।
सूचना के अधिकार (RTI) के तहत मांगी गई सूचना के जवाब में रेलवे ने यह जानकारी दी है। 60 वर्ष से अधिक आयु के पुरुष और ट्रांसजेंडर और 58 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं को 20 मार्च, 2020 से पहले सभी वर्गों के लिए ट्रेन टिकटों पर क्रमश: 40 प्रतिशत और 50 प्रतिशत की छूट मिलती थी, लेकिन कोविड महामारी के कारण रेल मंत्रालय ने इसे वापस ले लिया था।
रेलवे सूचना प्रणाली केंद्र (सीआरआइएस) ने डाटा उपलब्ध कराया है। सीआरआइएस रेल मंत्रालय के अधीन कार्य करता है तथा विभिन्न अन्य सेवाएं प्रदान करने के अलावा टिक¨टग और यात्रियों के डाटा का रखरखाव भी करता है।
सीआरआइएस के डाटा से पता चलता है कि 20 मार्च, 2020 से 28 फरवरी, 2025 के बीच 31.35 करोड़ वरिष्ठ नागरिकों ने रियायतें बंद होने के कारण 8,913 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि का भुगतान करके यात्रा की। मध्य प्रदेश के आरटीआइ कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने कहा, मैंने आरटीआइ अधिनियम के तहत 20 मार्च, 2020 से रेल मंत्रालय में कई आवेदन दायर किए। सबसे हालिया आवेदन मार्च 2025 का था।
संसद में कई बार उठाया गया है ट्रेन टिकट पर रियायत बहाल करने का मामलावरिष्ठ नागरिकों के लिए ट्रेन टिकट पर रियायत बहाल करने का मुद्दा संसद में कई मौकों उठाया जाता रहा है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 19 मार्च को लोकसभा में लिखित उत्तर में कहा था, रेलवे समाज के सभी वर्गों को सस्ती सेवाएं देने करने का प्रयासरत है। 2022-23 में यात्री टिकटों पर 56,993 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी है। यह रेलवे में यात्रा करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को औसतन 46 प्रतिशत की रियायत के बराबर है।
आसान शब्दों में कहें तो अगर सेवा की लागत 100 रुपये है, तो यात्रियों से केवल 54 रुपये लिया जाता है। यह सब्सिडी सभी यात्रियों के लिए जारी रहेगी। इस सब्सिडी के साथ ही दिव्यांगजनों की चार श्रेणियां, मरीजों की 11 श्रेणियां और छात्रों की आठ श्रेणियों समेत कई श्रेणियों के लिए रियायतें दी जा रही हैं।
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Tahawwur Rana: कैसे भारत लाया गया मुंबई हमले का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा? 26/11 से लेकर अब तक की पूरी टाइमलाइन
नीलू रंजन, जागरणनई दिल्ली। मुंबई में 26/11 आतंकी हमले की साजिश में अहम भूमिका निभाने वाले आतंकी तहव्वुर हुसैन राणा को प्रत्यर्पित कर भारत ले आया गया है। आईएसआई के लिए काम करने वाले और लश्कर-ए-तैयबा व हरकत-उल-जिहादी इस्लामी (हुजी) जैसे आतंकी संगठनों से करीब से जुड़े रहे तहव्वुर राणा को लेकर विशेष विमान इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (आईजीआई) पर गुरुवार शाम करीब पौने सात बजे उतरा, जहां एनआईए की टीम ने उसे यूएपीए के तहत औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया।
राणा को अमेरिका से विशेष विमान में एनएसजी कमांडो के सुरक्षा घेरे में लाया गया। वहीं अमेरिका में उसे अमेरिकी स्काई मार्शल की निगरानी में विशेष विमान तक पहुंचाया गया था। आतंकवाद के मामले में अमेरिका से भारत को यह पहला प्रत्यर्पण है।
166 लोग मारे गए थेगौरतलब है कि 26 नवंबर 2008 को 10 पाकिस्तानी आतंकियों ने मुंबई में ताज महल व ओबेराय होटल, लियोपोल्ड कैफे, चबाड हाउस और छत्रपति शिवाजी टर्मिनस स्टेशन पर हमले किए थे। इनमें मारे गए 166 लोगों में अमेरिकी, ब्रिटिश और इजरायली नागरिक शामिल थे।
कई धाराओं में केस दर्जपाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक 64 वर्षीय तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण के साथ ही आतंकी अजमल कसाब और जबीउद्दीन अंसारी उर्फ अबु जुंदाल के बाद मुंबई के 26/11 हमले के एक अन्य आरोपित के ट्रायल व सजा का रास्ता साफ हो गया है। राणा पर गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) की धारा 16, 18, 20 और आईपीसी की धारा 120बी, 121, 121ए, 302, 468 व 471 लगाई गई हैं। राणा एयरपोर्ट पर करीब पौने तीन घंटा रहा।
इसके बाद एनआईए की टीम एनएसजी कमांडो के सुरक्षा घेरे में रात पौने दस बजे उसे दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में पेशी के लिए लेकर निकली। मजिस्ट्रेट से रिमांड मिलने के बाद एनआईए की टीम राणा से मुंबई हमले और उसमें उसकी साजिश को लेकर पूछताछ करेगी।
कौन देगा भारत की ओर से दलीलें?साथ ही राणा से इस हमले में आईएसआई, पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों के साथ-साथ साजिश में शामिल लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों के बारे में पूछताछ की जाएगी।अमेरिकी अदालत में प्रत्यर्पण के लिए भारत की ओर से दलीलें रखने वाले दयान कृष्णन दिल्ली में भी एनआईए के अभियोजन का नेतृत्व करेंगे।
विशेष लोक अभियोजक नरेन्द्र मान उनकी मदद करेंगे। एनआईए की अभियोजन की टीम में अधिवक्ता संजीव शेषाद्री और श्रीधर काले भी शामिल हैं। मामले की सुनवाई विशेष एनआईए जज चंदर जीत ¨सह कर रहे हैं। दिल्ली विधिक सेवा प्राधिकरण के पीयूष सचदेवा राणा का वकील नियुक्ति किया गया है।
रेकी करने वाले हेडली को दी थी सहायताएनआईए के अनुसार, पाकिस्तानी सेना के पूर्व डॉक्टर तहव्वुर राणा ने मुंबई आतंकी हमले में अहम भूमिका निभाई थी। हमले के पहले होटल ताज से लेकर अन्य स्थानों की रेकी करने वाले डेविड कोलमैन हेडली उर्फ दाउद गिलानी को फंड व अन्य सुविधाएं मुहैया कराई थी।
इस दौरान राणा लगातार हेडली के साथ संपर्क में था। इसके साथ ही राणा खुद भी हमले के पहले 13 नवंबर से 21 नवंबर तक भारत में था और इस दौरान अपनी पत्नी समराज राणा अख्तर के साथ आगरा, हापुड़, मुंबई और कोच्चि तक गया था। उसने अपने पते के प्रमाण के रूप में 'इमिग्रेंट ला सेंटर' से व्यवसाय प्रायोजक पत्र और कुक काउंटी से संपत्ति कर भुगतान का नोटिस प्रस्तुत किया था।
एनआईए मुख्यालय में होगी पूछताछफिलहाल एनआईए के मुख्यालय में ही तहव्वुर राणा से पूछताछ की जाएगी। इसके लिए एनआईए मुख्यालय की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। पूछताछ पूरी होने के बाद उसे तिहाड़ जेल में रखा जाएगा और इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। एनआईए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राणा के विरुद्ध जल्द से जल्द चार्जशीट दाखिल की जाएगी। दिल्ली के पटियाला कोर्ट में ही ट्रायल होगा।
जांच में कई आतंकियों के नाम आए सामनेएनआईए की जांच के दौरान प्रतिबंधित आतंकी समूहों लश्कर-ए-तैयबा और हूजी के वरिष्ठ पदाधिकारियों - हाफिज मुहम्मद सईद उर्फ तैय्याजी, जकी-उर-रहमान लखवी, साजिद मजीद उर्फ वासी, इलियास कश्मीरी और अब्दुर रहमान हाशिम सईद उर्फ मेजर अब्दुर्रहमान उर्फ पाशा की भूमिकाएं सामने आईं। अधिकारियों ने बताया कि वे आईएसआई के अधिकारियों मेजर इकबाल उर्फ मेजर अली, मेजर समीर अली उर्फ मेजर समीर की सक्रिय मिलीभगत और सहायता से काम कर रहे थे। ये सभी पाकिस्तान के निवासी हैं।
अब तक क्या-क्या हुआ घटनाक्रम26 नवंबर 2008 : समुद्र के रास्ते आतंकी मुंबई पहुंचे और प्रमुख स्थानों पर हमला किया। हमले के दौरान ही आतंकी अजमल आमिर कसाब को मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार किया।2
5 फरवरी 2009 : मामले में आरोपपत्र दाखिल किया गया।
27 अक्टूबर 2009 : तहव्वुर हुसैन राणा और डेविड कोलमैन हेडली को अमेरिका में एफबीआई ने गिरफ्तार किया।
11 नवंबर 2009 : एनआईए ने दिल्ली में हेडली, राणा और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया।
6 मई 2010 : मुंबई की विशेष अदालत ने कसाब को मृत्युदंड सुनाया।
9 जनवरी 2011 : राणा को अमेरिकी जिला अदालत ने 14 साल की सजा सुनाई।
24 दिसंबर 2011 : एनआईए ने राणा के प्रत्यर्पण के लिए अमेरिका को अनुरोध भेजा।
21 नवंबर 2012 : कसाब को पुणे की यरवदा जेल में फांसी।
21 जनवरी 2025 : अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट का राणा की याचिका पर सुनवाई से इन्कार।
13 फरवरी 2025 : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ प्रेस मीट में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने राणा के प्रत्यर्पण का एलान किया।
27 फरवरी 2025 : राणा ने अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी जिसे मार्च में अस्वीकार कर दिया।
7 अप्रैल 2025 : अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने राणा की समीक्षा याचिका को अस्वीकार कर दिया।
10 अप्रैल 2025 : राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पित कर लाया गया।
11 अप्रैल 2025 : एनआईए ने कोर्ट से राणा की 26 दिन की रिमांड मांगी है।
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कौन हैं अमेरिका में भारत का पक्ष रखने वाले दयान कृष्णन? तहव्वुर राणा के खिलाफ मुकदमे का करेंगे नेतृत्व
पीटीआई, नई दिल्ली। तहव्वुर हुसैन राणा के प्रत्यर्पण के लिए अमेरिकी अदालत में भारत की ओर से दलीलें रखने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता दयान कृष्णन एनआइए की ओर से अदालतों में अभियोजन का नेतृत्व करेंगे। जबकि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उनकी सहायता के लिए आपराधिक मामलों के अनुभवी वकील नरेन्द्र मान को विशेष अभियोजक नियुक्त किया है। आइए उनके बारे में जानते हैं:
दयान कृष्णन
- बेंगलुरु स्थित एनएलएसआइयू से 1993 में स्नातक किया और वरिष्ठ अधिवक्ता व सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज संतोष हेगड़े के साथ काम किया। 1999 में अपनी प्रैक्टिस शुरू की। कई हाई-प्रोफाइल मामलों जैसे 2001 के संसद हमले, कावेरी नदी जल विवाद, दूरसंचार मामलों आदि पर काम किया है।
- दिसंबर, 2012 के दिल्ली सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में विशेष लोक अभियोजक थे। अतीत में भी कई हाई प्रोफाइल मामलों में केंद्र, एनआइए, सीबीआइ, दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस का प्रतिनिधित्व किया है।
- 2011 में ब्रिटेन से रवि शंकरन के प्रत्यर्पण के लिए भारत सरकार का प्रतिनिधित्व किया था।
नरेन्द्र मान
- 1990 में दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक किया। सीबीआइ का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं और कई महत्वपूर्ण मामलों में पेश हुए हैं, जिनमें आनंद मार्गिस द्वारा पूर्व सीजेआइ एएन रे पर जानलेवा हमला भी शामिल है।
- जनवरी, 2011 से अप्रैल, 2019 तक दिल्ली हाई कोर्ट में सीबीआइ के लिए विशेष लोक अभियोजक थे। सीबीआइ के वकील के रूप में आपराधिक अपील, रिट याचिका, आपराधिक पुनरीक्षण याचिका, निरस्तीकरण याचिका और आपराधिक विविध मामलों को संभाला।
- मेडिकल काउंसिल घोटाला, एआइसीटीई घोटाला, सीडब्ल्यूजी मामले, सीजीएचएस सोसायटी घोटाला और एफसीआरए के तहत मामलों, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और बैं¨कग धोखाधड़ी के मामलों में भी सीबीआई का प्रतिनिधित्व किया। जैन-डायरी हवाला मामला, झामुमो सांसदों का मामला, बोफोर्स मामला और सहकारी समिति मामलों सहित कई मामलों में भी पेश हुए।
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Tahawwur Rana LIVE: तहव्वुर राणा की पटियाला हाउस कोर्ट पेशी, NIA मांग सकती है 15 दिन की कास्टडी
Tahawwur Rana LIVE: मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा को आज अमेरिका से भारत लाया गया। कुछ ही घंटों में वो दिल्ली स्थित एनआईए अदालत में पेश होगा। तहव्वुर राणा को एयरपोर्ट पर ही NIA ने गिरफ्तार कर लिया।
अब डेटा संरक्षण विधेयक को लेकर रार, विपक्षी दलों ने बताया RTI कानून के खिलाफ; अश्विनी वैष्णव ने दिया ये जवाब
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण (डीपीडीपी) विधेयक को लेकर विपक्ष की ओर से की जा रही मोर्चेबंदी के बीच केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने साफ किया है कि ये विधेयक पुट्टास्वामी फैसले के अनुरूप सार्वजनिक जीवन में पारदर्शिता के सिद्धांतों के अनुरूप है।
सुप्रीम कोर्ट ने माना था कि गोपनीयता का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत मौलिक अधिकार व निजता के अधिकारों को संरक्षित करने वाला है। गोपनीयता का यह अधिकार व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा से भी काफी निकट से जुड़ा हुआ है।
जयराम रमेश ने अश्विनी वैष्णव को लिखा था खतदरअसल, गुरुवार को आइएनडीआइए के दलों ने एक प्रेस काफ्रेंस कर डेटा सुरक्षा विधेयक की धारा 44 को सूचना के अधिकार के विरोध में बताया और कहा कि वह वैष्णव से मिलकर ज्ञापन सौंपेगे जिसमें विपक्ष के 120 से ज्यादा सदस्यों ने हस्ताक्षर किया है। जयराम रमेश ने भी पत्र लिखकर वैष्णव से शिकायत की। डीपीडीपी एक्ट की धारा 44(3) का विरोध किया है क्योंकि इसके आरटीआई अधिनियम 2005 की धारा 8(1)(जे) को प्रतिस्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है। जिसमें व्यक्ति जानकारी देने से रोकने लगाने की अनुमति दी गई है, यदि उसका खुलासा सार्वजनिक गतिविधि या हित से संबंधित नहीं है या इससे निजता का गलत तरीके से उल्लंघन होता है।
अश्विनी वैष्णव ने जवाब में क्या लिखा?केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जवाबी पत्र में कहा कि यदि आपको विधेयक से जुड़े किसी पहलु को लेकर किसी भी तरह का संदेह है तो वह उनसे कभी भी मिल सकते है। उन्होंने कहा कि ये विधेयक सार्वजनिक जीवन में पारदर्शिता की आवश्यकता बनाए रखने पर जोर देता है। साथ ही यह गोपनीयता व सूचना के अधिकार के बीच सामंजस्यपूर्ण प्रविधानों की आवश्यकता पर भी जोर देता है। उन्होंने कहा कि देश में वर्तमान में लागू ऐसे किसी कानून के तहत व्यक्तिगत डेटा को सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराने में कोई परेशानी नही है।
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पाकिस्तान ने तहव्वुर राणा मामले में झाड़ा पल्ला, कहा- हमारा नागरिक नहीं; इजरायल ने किया स्वागत
जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। वर्ष 2008 में मुंबई आतंकी हमले का प्रमुख साजिशकर्ताओं में से एक तहाव्वुर राणा भारत पहुंच चुका है। तकरीबन पिछले डेढ़ दशक से विदेश मंत्रालय राणा को भारत लाने के लिए लगातार कोशिश कर रहा था। राणा को नई दिल्ली लाने पर इजरायल सरकार ने भारत सरकार की कोशिशों की तारीफ की है। जबकि पाकिस्तान सरकार ने राणा से दूरी बनाने की कोशिश की है।
मूल तौर पर पाकिस्तानी नागरिक राणा अभी कनाडा का नागरिक है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि उसने दो दशकों से पाकिस्तान की अपनी नागरिकता के नवीकरण के लिए आवेदन भी नहीं किया है। हालांकि इसके बावजूद भारतीय एजेंसियों के पास राणा के पाकिस्तान के साथ गहरे ताल्लुक को साबित करने के पर्याप्त सबूत है।
पाकिस्तान पर दबाव बनाने में मिलेगी मददवैसे भी पाकिस्तान ने कनाडा में रहने वाले अपने नागरिकों को दोहरी नागरिकता की सुविधा दे रखी है। भारत को यह भी उम्मीद है कि तहाव्वुर राणा की भारत में की जाने वाली पूछताछ के बाद 26 नवंबर, 2008 को लेकर पाकिस्तान पर दबाव बनाने में मदद मिलेगी। भारत की तमाम कोशिशों के बावजूद पाकिस्तान सरकार ने इस आतंकी हमले के दोषियों को सजा दिलाने में कोई गंभीरता नहीं दिखाई है।
भारत की तरफ से कई बार आग्रह किये जाने के बावजूद और दोनों देशों की सरकारों के बीच पूर्व में हुई शिखर वार्ता होने में सहयोग का आश्वासन देने के बावजूद पाकिस्तान ने अपने यहां इस मामले की जांच को दबा दिया है। जबकि भारत भारत की तरफ से इस आतंकी हमले के दो प्रमुख साजिशकर्ताओं हाफिज सईद और जकीउर रहमान लखवी के आवाज के सैंपल मांगे थे, जिस पर भी पाकिस्तान ने अमल नहीं किया।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने झाड़ा पल्ला- इस आतंकी हमले के लिए वित्त सुविधा जुटाने में अहम भूमिका निभाने वाले आतंकी साजिद माजीद मीर को पाकिस्तान की एक अदालत ने वर्ष 2008 के आतंकी हमले के संदर्भ में ही जून, 2022 को 15 वर्षों की सजा सुनाई थी। लेकिन इसकी कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई। एक अमेरिकी समाचार एजेंसी ने इसकी सूचना दी थी। अब राणा से होने वाली पूछताछ के अधार पर विदेश मंत्रालय इस मामले को पाकिस्तान को नये सिरे से उठा सकता है।
- पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि तहाव्वुर राणा कनाडा का नागरिक है और हमारे रिकॉर्ड बताते हैं कि उसने पिछले दो दशकों मे अपनी नागरिकता के नवीकरण के लिए पाकिस्तान से कोई आवेदन भी नहीं किया है।
- पाकिस्तान कई देशों में रहने वाले अपने नागरिकों को दोहरी नागरिकता दे रखी है। इनके आने जाने या कारोबार करने या निवेश करने को लेकर कोई भी पाबंदी नहीं है।
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Trump Tariff: ट्रंप के टैरिफ से अमेरिकी अर्थव्यवस्था घायल, Reciprocal Tariff पर वापसी का फैसला होगा मुश्किल
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पारस्परिक शुल्क (Reciprocal Tariff) का हौवा अब भी थोड़ा अनिश्चित लेकिन तुलनात्मक रूप से थोड़ा शांत होता दिख रहा है। डोनाल्ड ट्रंप सरकार को एक सप्ताह में ही पता चल गया कि पारस्परिक शुल्क वह हथियार है जिससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था के ही घायल होने का खतरा है। अंदरूनी दबाव के कारण ही फिलहाल ट्रंप सरकार ने 90 दिनों के लिए चीन को छोड़कर बाकी देशों के लिए पारस्परिक शुल्क पर रोक लगा दी है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इसका फिर से वापस आना मुश्किल होगा। कम से कम इसी स्वरूप में अमेरिका फिर से फैसला नहीं लेगा। पिछले कुछ दिनों में जिस तरह वैश्विक स्तर पर बाजार लुड़का है और अनिश्चितता फैली है उसके बाद अमेरिका में महसूस किया जा रहा है कि अमेरिका भी महंगाई के साथ मंदी के दुष्चक्र में फंस सकता है। स्टॉक बाजार तबाह हो सकता है और पूरी दुनिया व्यापार के मोर्चे पर अमेरिका के खिलाफ हो सकती है।
अमेरिका कंज्यूमर गुड्स का सबसे बड़ा आयातक देशअसल में अमेरिका खाने-पीने से लेकर रोजमर्रा के आइटम एवं सभी प्रकार के कंज्यूमर गुड्स का सबसे बड़ा आयातक देश है। अमेरिका की अर्थव्यवस्था में 88 प्रतिशत हिस्सेदारी सर्विस सेक्टर की है। 1.5-2 प्रतिशत हिस्सेदारी कृषि की है तो बाकी के 8-9 प्रतिशत हिस्सेदारी मैन्यूफैक्च¨रग की है। ऐसे में, अमेरिका तत्कालिक रूप से अपने नागरिकों की जरूरतों की पूर्ति देश में होने वाले उत्पादन से नहीं कर सकता है। सप्लाई चेन विकसित करने में सालों लग जाते है और तब तक अमेरिकावासियों को महंगाई की मार झेलनी पड़ती।
अगर गारमेंट, फुटवियर व इलेक्ट्रॉनिक्स की फैक्ट्री लग भी जाती है तो स्थानीय निवासियों का वेतन काफी अधिक होने से उत्पादित वस्तुएं अधिक दाम पर ही बिकेंगी। गत दो अप्रैल को पारस्परिक शुल्क की घोषणा होते ही अमेरिका में वस्तुएं महंगी हो गई, स्टाक बाजार धराशायी हो गया और वहां के उद्योगपति परेशानी में फंसते दिखे थे। बात यहां तक आई कि अमेरिकी आयातकों की ओर से निर्यायतों को 15-20 फीसद दाम कम करने की बात शुरू हो गई थी जो कई देशों की कंपनियों के लिए मुश्किल होता। यानी वहां के आयातकों की आय कम होने वाली थी। वहां सिर्फ विपक्षी रिपब्लिकन ही नहीं सरकार के ट्रंप के नजदीकियों की ओर से भी इस फैसले को टालने का दबाव बनने लगा था।
2018 में भी चीन पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगा चुके हैं ट्रंपग्लोबल ट्रेड रिसर्च इंशिएटिव (जीटीआरआई) के संस्थापक और विभिन्न देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौता में अहम भूमिका निभाने वाले पूर्व विदेश व्यापार अधिकारी अजय श्रीवास्तव ने बताया कि पारस्परिक शुल्क लगते ही अमेरिका में लोग सड़कों पर उतर आए। वहां की अर्थव्यवस्था पर खतरा मंडराने लगा। 2018 में भी ट्रंप ने पारस्परिक शुल्क लगाया था, लेकिन तब सिर्फ चीन पर यह लगाया गया था। इस बार पूरी दुनिया पर लगा दिया और एक सप्ताह में ही परिणाम को देखते हुए पारस्परिक शुल्क को टालना पड़ा।
उनका कहना है कि मुझे नहीं लगता है कि ट्रंप फिर से पारस्परिक शुल्क को वापस लाने की कोशिश करेगा। अगर कुछ देश पारस्परिक शुल्क को लेकर अमेरिका के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करते हैं या विरोध जताते हैं तो उनके खिलाफ थोड़ा बहुत शुल्क लगा सकता है।
भारत में रेसिप्रोकल टैरिफ की आशंका कमश्रीवास्तव के मुताबिक भारत पर फिर से पारस्परिक शुल्क के वापस आने की संभावना नहीं दिख रही है। भारत के साथ अमेरिका मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) कर रहा है। लेकिन अमेरिका कृषि सेक्टर में जिस प्रकार से भारत के साथ व्यापारिक समझौता करना चाह रहा है, वह मुश्किल दिख रहा है। इसकी जगह भारत औद्योगिक वस्तुओं पर अपने शुल्क को शून्य करके पारस्परिक शुल्क से हमेशा के लिए पूरी तरह मुक्ति पा सकता है और इससे भारत को व्यापार में भी फायदा होगा।
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Tahawwur Rana: तहव्वुर राणा को हो सकती है फांसी की सजा? जानिए क्या कहता है कानून
माला दीक्षित, नई दिल्ली। मुंबई हमले का मुख्य साजिशकर्ता तहव्वुर राणा अमेरिका से प्रत्यार्पित कर भारत लाया गया है। अब यहां उस पर 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए आतंकी हमले के मुख्य साजिशकर्ता के तौर पर मुकदमा चलेगा। इस हमले में 166 लोग मारे गए थे।
अगर भारत और अमेरिका का कानून देखा जाए तो तहव्वुर राणा को फांसी की सजा हो सकती है। तहव्वुर राणा को मृत्युदंड की सजा होगी कि नहीं इसके लिए यह देखना होगा कि जिस देश से वह प्रत्यार्पित कर लाया जा रहा है वहां का कानून क्या कहता है और जिस देश लाया जा रहा है वहां का कानून उस पर लगे आरोपित अपराध में किस दंड का प्रविधान करता है।
जानकार क्या कहते हैं?तहव्वुर राणा को उसके अपराध के लिए मृत्युदंड की सजा होने के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के वकील ज्ञानंत सिंह कहते हैं कि प्रत्यर्पण के मामले में अभियुक्त जिस देश से आ रहा है अगर वहां मृत्युदंड की सजा है तो उसे यहां भारत में भी मृत्युदंड दिया जा सकता है। राणा के कनाडा का नागरिक होने पर वह कहते हैं कि अभियुक्त किस देश का नागरिक है इसका कोई फर्क नहीं पड़ता अगर अपराध भारत में हुआ है तो उसे भारत के कानून से डील किया जाएगा। उस पर भारत का कानून लागू होगा।
"प्रत्यार्पण के मामले में जिस देश से वह आरोपित लाया जाता है वह देश शर्त लगा सकता है लेकिन अगर उस देश में आरोपित पर लगे अपराध में मृत्युदंड की सजा है तो वह सामान्य तौर पर मृत्युदंड न देने की शर्त नहीं लगाता। वैसे भी प्रत्यार्पण न्यायिक प्रक्रिया है उसका आदेश कोर्ट से होता है और उसमें दोनों देशों के कानून और प्रत्यार्पण संधियों को देखा जाता है। अगर भारतीय कानून को देखा जाए तो आतंकवादी गतिविधियों में शामिल अपराधी के लिए उम्रकैद से लेकर मृत्युदंड तक की सजा है और मुंबई हमले के मामले में दोषी पाकिस्तानी नागरिक अजमल कसाब को फांसी हुई थी। लेकिन तहव्वुर राणा का मामला कसाब से थोड़ा अलग है। राणा को अमेरिका से प्रत्यार्पित करके भारत लाया जा रहा है। ऐसे में प्रत्यापर्ण की जो शर्तें होंगी उसी के मुताबिक उस पर मुकदमा चलेगा और सजा मिलेगी।" ज्ञानंत सिंह, वकील, सुप्रीम कोर्ट
नियम क्या कहता है?नियम के मुताबिक प्रत्यार्पण पत्र में जिस मुकदमे और जिन आरोपों का जिक्र किया गया होगा उन्हीं मामलों में राणा पर मुकदमा चलेगा। अमेरिका और भारत के बीच 1997 में हुई प्रत्यार्पण संधि को देखा जाए तो उसका आर्टिकल 8 कहता है कि जिस अपराध में मुकदमा चलाने और सजा देने के लिए प्रत्यार्पण मांगा जा रहा, अगर वह अपराध प्रत्यार्पण का अनुरोध करने वाले देश में मृत्युदंड से दंडित किया जा सकता है लेकिन यदि प्रत्यार्पित करने वाले देश में उस अपराध में मृत्युदंड का प्रावधान नहीं है तो वह देश प्रत्यार्पण की मांग ठुकरा सकता है।
ये क्लॉज तहव्वुर राणा के मामले में लागू नहीं होगा क्योंकि उस पर आतंकवाद का आरोप है। उस पर भारत पर हमला करने की साजिश के आरोप हैं और आतंकवाद के अपराध में अमेरिका में भी मृत्युदंड की सजा है।
न्यायपालिका का क्या हो सकता है रुख?भारत की न्यायपालिका ने वैसे तो फांसी की सजा के लिए रेयरेस्ट आफ रेयर का सिद्धांत तय कर रखा है, लेकिन भारत की न्यायपालिका भी आंतकवादियों को फांसी देने में कोताही नहीं करती है और इसका उदाहरण मुंबई हमलों का दोषी अजमल कसाब, संसद हमलों का दोषी अफजल गुरू और मुंबई में सीरियल बम धमाकों के का दोषी याकूब मेमन हैं जिन्हें फांसी दी गई । वैसे राणा को क्या सजा होगी यह न्यायिक मामला है। भारत लाए जाने के बाद एनआइए और अन्य एजेंसियां उससे पूछताछ करेंगीं और उसके बाद उस पर अदालत में मुकदमा चलेगा फिर सजा होगी।
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Waqf Law: वक्फ कानून के खिलाफ इस दिन होगी SC में सुनवाई, केंद्र सरकार ने भी कर दी ये मांग
पीटीआई, नई दिल्ली : वक्फ संशोधन अधिनियम, 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट 16 अप्रैल को सुनवाई करेगा। यह मामला प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष सूचीबद्ध है।
पीठ के अन्य न्यायाधीशों में जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन शामिल हैं। एआइएमआइएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की याचिका समेत 10 से अधिक याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित हैं। तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने भी वक्फ अधिनियम की वैधता को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
सरकार ने कोर्ट में कैविएट दाखिल कियाकेंद्र सरकार ने आठ अप्रैल को सर्वोच्च न्यायालय में कैविएट दाखिल कर मामले में कोई भी आदेश पारित करने से पहले उसका पक्ष सुने जाने की मांग की थी। किसी पक्ष द्वारा हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में इसलिए कैविएट दाखिल किया जाता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उसका पक्ष सुने बिना कोई आदेश पारित न किया जाए।
वक्फ अधिनियम के समर्थन में आवेदनएएनआइ के अनुसार, वक्फ संशोधन अधिनियम के समर्थन में सुप्रीम कोर्ट में हस्तक्षेप आवेदन दायर कर कहा गया है कि संशोधन भारत के संविधान के अनुरूप है। हस्तक्षेप आवेदन के जरिये किसी कानूनी मामले या कार्यवाही में भाग लेने का अनुरोध किया जाता है। अखिल भारत ¨हदू महासभा के सदस्य सतीश कुमार अग्रवाल और गैर सरकारी संगठन हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता की ओर से यह आवेदन दिया गया है।
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देश के एक लाख से अधिक प्राथमिक स्कूल सिर्फ एक ही शिक्षक के भरोसे, लाखों पद खाली; देखें पूरी लिस्ट
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। स्कूलों में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति ( एनईपी) को लागू करने के लिए भले ही केंद्र और राज्य सरकारें पूरी शिद्दत से जुटी हुई है लेकिन हकीकत यह है कि स्कूलों में इसे अमल में लाने के लिए पर्याप्त शिक्षक ही नहीं है। स्कूलों में अभी भी शिक्षकों के करीब आठ लाख पद खाली पड़े है।
यह बात अलग है कि पिछले सालों के मुकाबले इसमें सुधार हुआ है, पहले यह संख्या दस लाख से अधिक थी। इसके साथ ही देश के एक लाख से अधिक प्राथमिक स्कूल ऐसे भी है, जो सिर्फ एक शिक्षक के भरोसे चल रहे है। स्कूलों में नए शैक्षणिक सत्र शुरू होने के साथ ही शिक्षा मंत्रालय ने शिक्षकों के खाली पदों को भरने के लिए राज्यों को एक बार फिर पत्र लिखा है। जिसमें शिक्षकों के खाली पदों को प्राथमिकता से भरने के निर्देश दिए है। साथ ही यह सुझाव दिया है कि स्कूलों में शिक्षकों के पद रिक्त होने से पहले ही उन्हें भरने की योजना बनाई जाए। जिससे स्कूलों को जल्द नए शिक्षक मिल सके।
पद का खाली होना एक सतत प्रकिया: शिक्षा मंत्रालय
मंत्रालय का मानना है कि स्कूलों में शिक्षकों के पदों का खाली होना एक सतत प्रक्रिया है, लेकिन यदि तीन-तीन महीने में सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षकों का ब्यौरा जुटाया जाए व खाली होने वाले पदों पर भर्ती की प्रक्रिया को पहले से शुरू कर दी जाए, इससे संकट से बचा जा सकता है।
शिक्षा मंत्रालय की ओर से संसद को सौंपी गई एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में वैसे तो शिक्षकों की कुल संख्या 98 लाख है। इनमें से करीब आठ लाख पद अभी भी खाली है।
सबसे अधिक पद बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल में खाली है। इसके साथ ही देश में एक लाख से अधिक प्राथमिक स्कूल ऐसे है, जो एक ही शिक्षक के भरोसे चल रहे है। एक शिक्षक के भरोसे स्कूलों की सूची में बिहार की स्थिति बाकी राज्यों से थोड़ी अच्छी है।
गौरतलब है कि मौजूदा समय में देश में 14.71 लाख से अधिक स्कूल है। जिसमें 2.60 लाख स्कूल शहरी क्षेत्रों में है, बाकी 12.12 लाख से अधिक स्कूल ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित है।
इन प्रमुख राज्यों में कितने स्कूलों में एक शिक्षक है
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राज्य स्कूलों की संख्या
राज्य
स्कूलों की संख्या
आंध्र प्रदेश12543
मध्य प्रदेश11035
झारखंड8294
कर्नाटक7477
राजस्थान7673
पश्चिम बंगाल5437
उत्तर प्रदेश4572
हिमाचल प्रदेश3365
छत्तीसगढ़5520
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Summer Special Train 2025: गर्मियों की छुट्टी होगी सुपर कूल, रेलवे चलाएगा 666 ट्रेनें; रूट समेत पूरी जानकारी
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पर्व-त्योहारों और गर्मी की छुट्टियों में ट्रेन का सफर आसान नहीं होता। अधिकतर रूटों की ट्रेनों में भारी भीड़ होती है, जिससे टिकटों की प्रतीक्षा सूची बढ़ जाती है। इस बार रेलवे की तरफ से ज्यादा ऐहतियात बरती जा रही है।
यात्रियों की सुविधा के लिए 666 ट्रेनें तैयार रखी गई हैं, जो 15 अप्रैल से जुलाई के बीच 13 हजार 682 से ज्यादा फेरे लगाएंगी। रेलवे ने 408 ट्रेनों के आठ हजार 482 फेरों को अधिसूचित भी कर दिया है। जरूरत और हालात के अनुसार बाकी ट्रेनों को भी तैनात रखा गया है। समर स्पेशल ट्रेनें नियमित चलने वाली ट्रेनों से अलग होंगी।
एक्सप्रेस ट्रेनें चलाने की योजनारेलवे के कार्यकारी निदेशक दिलीप कुमार ने बताया कि यात्रियों की सुविधा के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से एक्सप्रेस ट्रेनें चलाने की योजना बनाई गई है, ताकि गर्मी की छुट्टियों के दौरान अधिक से अधिक यात्रियों को उनके गंतव्य तक आसानी से पहुंचाया जा सके।
रेलवे का मानना है कि गर्मी की छुट्टियों के दौरान यात्रियों का सबसे ज्यादा दबाव बिहार, उत्तर प्रदेश, बंगाल एवं झारखंड के रेलवे रूटों पर होता है। इसलिए पूर्वी रेलवे के धनबाद, दानापुर, मुगलसराय एवं पूर्वोत्तर रेलवे के सोनपुर एवं समस्तीपुर डिवीजन के शहरों के लिए 72 ट्रेनों की व्यवस्था कर रखी है, जो सबसे ज्यादा 2805 फेरे लगाएंगी।
पिछली बार ट्रेनों की संख्या तो ज्यादा थी, लेकिन फेरे कम लगे थे। सेंट्रल रेलवे को कुल 64 ट्रेनें उपलब्ध कराई गई है, जो 1276 बार आना-जाना करेंगी। यह संख्या पिछली बार से लगभग दुगुनी है। कुछ रूटों पर अभी से समर स्पेशल ट्रेनें चलने लगी हैं, लेकिन 15 अप्रैल के बाद से इनकी संख्या और बढ़ाई जाएंगी।
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'मुंबई हमले के बाद गांधी परिवार ने नहीं होने दी कार्रवाई', भाजपा ने लगाए गंभीर आरोप; जानिए क्या है मामला
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण में अपने पूर्व प्रयासों के सहारे श्रेय लेने का प्रयास कर रही कांग्रेस सहित विपक्षी दलों पर भाजपा ने करारा प्रहार किया है। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और कांग्रेस के एक पूर्व वरिष्ठ सांसद की किताब के हवाले से भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने आरोप लगाया कि एनएसी के माध्यम से सत्ता चल रहे गांधी परिवार ने मुंबई आतंकी हमलों के बाद किसी भी ठोस कार्रवाई को ओवररूल कर दिया था।
बिना नाम लिए उत्तर प्रदेश के प्रमुख विपक्षी दल पर आरोप लगाया कि वहां आतंकी हमलों के दोषी एक मजहब के थे, इसलिए उनको छुड़वाने के लिए तत्कालीन सरकार हाई कोर्ट गई थी, तब कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि आज आतंकियों को छुड़वाने आए हैं, तो क्या कल इन्हें पद्मश्री भी देंगे?
शहजाद पूनावाला ने लगाए आरोपभाजपा प्रवक्ता पूनावाला ने 26/11 के आतंकी तहव्वुर राणा को प्रत्यर्पण कर भारत लाए जाने को मोदी सरकार की बड़ी रणनीतिक एवं ऐतिहासिक उपलब्धि बताया। कहा कि कांग्रेस यूपीए शासन के दौरान वोटबैंक तुष्टीकरण के लिए आतंकियों पर कार्रवाई नहीं करती थी, जिसकी सजा आतंकवाद झेलने वाले निर्दोष लोगों को मिलती थी।
उन्होंने कहा कि क्या कांग्रेस यह बताएगी कि क्या अब वह आतंकवाद पर वोटबैंक की राजनीति बंद करेगी? क्या वह नक्सलवाद, अनुच्छेद 370 और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के प्रति अपनाए गए नरम रुख को अब छोड़ेगी?
आतंकवाद को लेकर घेरा- भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में आतंक और आतंकवाद के प्रति हमारे दृष्टिकोण में एक बड़ा बदलाव आया है। आज का यह प्रत्यर्पण उसी बदले हुए सोच का एक प्रतीक है। 2004 से 2014 के बीच शायद ही कोई महीना ऐसा जाता था, जब भारत के किसी बड़े शहर में आतंकी हमला नहीं होता था। 2005 में दिल्ली, 2006 में वाराणसी, 2007 में लखनऊ और 2008 में जयपुर, बेंगलुरु, अहमदाबाद, दिल्ली, मुंबई, अगरतला, रामपुर में हमले हुए।
- उन्होंने आरोप लगाया कि पहले पाकिस्तान के इस्लामी आतंक पर लीपापोती की गई और उसे क्लीन चिट देने का प्रयास किया गया। यहां तक कि हिंदू टेरर, संघ टेरर और आरएसएस टेरर जैसे फेक नैरेटिव गढ़ने का प्रयास उस समय कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने किया। महाराष्ट्र में कभी नेता प्रतिपक्ष रह चुके कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार का एक बयान आया था कि शहीद हेमंत करकरे को कसाब और पाकिस्तानी आतंकियों ने नहीं, बल्कि पुलिस वालों ने मारा था।
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Trade War 2.0: ट्रंप के टैरिफ से 90 दिन की राहत, भारतीय बाजार पर कैसा रहेगा असर? जानिए क्या कहते हैं Expert
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। दुनिया के 75 देशों पर पारस्परिक शुल्क (Reciprocal Tariff) को अगले 90 दिनों के लिए टालने के बाद यह साफ हो गया है कि व्यापारिक युद्ध अमेरिका और दुनिया के अन्य देशों के बीच नहीं बल्कि अमेरिका और चीन के बीच है। तभी विशेषज्ञ इसे ट्रेड वार 2.0 का नाम दे रहे हैं और इस ट्रेड वॉर 2.0 से एक बार फिर भारत को अमेरिका के बाजार में अपने निर्यात को नए मुकाम पर ले जाने का अवसर मिला है। क्योंकि अमेरिका ने चीन की वस्तुओं पर 125 प्रतिशत का शुल्क लगा दिया है। भारत समेत अन्य देशों पर सिर्फ 10 प्रतिशत का शुल्क लगेगा।
ट्रंप के इस फैसले से भारतीय निर्यात पर मंडरा रही अनिश्चितता फिलहाल खत्म होती दिख रही है। पारस्परिक शुल्क को लेकर ट्रंप के फैसले के बाद वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि भारत तो वैसे भी इस रेस में आगे था, द्विपक्षीय व्यापार समझौते को लेकर अमेरिका से हमारी बातचीत बहुत अच्छी चल रही है।
चीन ने अमेरिका को वर्ष 2024 में 440 अरब डॉलर का निर्यात किया है। चीन के हिस्से का पांच प्रतिशत आर्डर भी अगर भारत के हिस्से में आ गया तो 20-22 अरब डॉलर का निर्यात तुरंत बढ़ सकता है। ट्रंप के पहले कार्यकाल में चीन और अमेरिका के बीच ट्रेड वार की शुरुआत हुई थी। ऐसा नहीं है कि उस ट्रेड वॉर का भारत को फायदा नहीं मिला था, लेकिन दूसरे-तीसरे देशों से चीन अमेरिका में अपने सामान भेजने में कामयाब रहा। इस बार अमेरिका चीन की इस चाल को लेकर भी सतर्क है।
चीन पर भारी भरकम टैरिफ से भारत को कैसे फायदा?ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इंशिएटिव के मुताबिक चीन पर 125 प्रतिशत के शुल्क से भारत को केमिकल, अपैरल व इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे कई सेक्टर के निर्यात में फायदा हो सकता है। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशंस (फियो) के महानिदेशक एवं सीईओ अजय सहाय के मुताबिक ट्रंप के पहले कार्यकाल में चीन से होने वाले ट्रेड वॉर के दौरान अमेरिका के बाजार में हमारा निर्यात 57 अरब डॉलर से बढ़कर 73 अरब डॉलर का हो गया। इस बार भी फायदा मिल सकता है। निर्यात बढ़ोतरी पूरी तरह से हमारी सप्लाई क्षमता पर निर्भर करेगी।
कनफेडरेशन ऑफ इंडियन टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज के पूर्व अध्यक्ष एवं टीटी लिमिटेड के एमडी संजय जैन ने बताया कि अमेरिका सालाना 120 अरब डॉलर का टेक्सटाइल व अपैरल का आयात करता है और इनमें चीन की हिस्सेदारी 30 अरब डालर यानी 25 प्रतिशत की है। अब चीन के हिस्से के माल की खरीदारी अमेरिका अन्य देशों से करेगा। भारत के लिए यह मौका है लेकिन भरपूर कच्चे माल और लागत को कम करने की जरूरत होगी। हालांकि भारतीय वस्तुओं पर जो 10 प्रतिशत का शुल्क लगेगा उसे भारतीय निर्यातक और अमेरिकी खरीदार को सहन करना पड़ सकता है। वैसे ही चीन अमेरिका में सालाना 12 अरब डॉलर के फुटवियर का निर्यात करता है।
'बड़े पैमाने पर सप्लाई चेन विकसित करने की दरकार'अमेरिका में फुटवियर निर्यात कारोबार करने वाले और काउंसिल फॉर लेदर एक्सपोर्ट के चेयरमैन आर.के. जालान कहते हैं कि कुल मिलाकर हमें इस फैसला का लाभ मिलेगा। भारत एथलीट फुटवियर और स्पोर्ट्स फुटवियर कम बनाता है। अमेरिका से आर्डर लेने के लिए बड़े पैमाने पर सप्लाई चेन विकसित करने की जरूरत होगी।
फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशंस (फियो) के चेयरमैन एस.सी. रल्हन का मानना है कि इस समय चीन से हम सस्ते दाम पर कच्चे माल की खरीदारी कर अधिक से अधिक मैन्यूफैक्चरिंग करके अपने निर्यात को बढ़ा सकते हैं। अमेरिका में चीन का व्यापार प्रभावित होने से चीन भारत को किफायती दाम पर कच्चे माल की सप्लाई कर सकता है।
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'तहव्वुर राणा को बिरयानी देने की जरूरत नहीं...', भड़क उठे 26/11 के हीरो; बोले- तुरंत फांसी दो
एएनआई, नई दिल्ली। मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को अमेरिका से भारत प्रत्यर्पित किया जा रहा है। उसके भारत में कदम रखने से पहले लोगों की प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई है। 26/11 अटैक के एक हीरो ने कहा, ‘भारत को उसे आतंकी कसाब की तरह खास जेल, बिरयानी या और सुविधाएं देने की कोई जरूरत नहीं है। ये बात मोहम्मद तौफीक ने बोली है।
मुंबई में एक 'चाय वाले' हैं, जिन्हें 'छोटू' उर्फ मोहम्मद तौफीक के नाम से जाना जाता है। उन्हें मुंबई आतंकी हमले 26/11 के हीरो के तौर पर पहचान मिली है। मोहम्मद तौफीक ने हमलों में कई लोगों की जान बचाई थी।
'आतंकवादियों के लिए हो अलग कानून'मोहम्मद तौफीक ने कहा
भारत को तहव्वुर राणा को जेल में खास सेल, बिरयानी और वैसी सुविधाएं देने की कोई जरूरत नहीं है।उन्होंने यह भी मांग की कि आतंकवादियों से निपटने के लिए अलग कानून होने चाहिए। ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए कि उन्हें 2-3 महीने में फांसी हो जाए।
बता दें राणा पर 2008 के मुंबई आतंकी हमलों में शामिल होने का आरोप है। हमले में सैकड़ों निर्दोष लोग मारे गए थे। अब भारत में तहव्वुर पर मुकदमा चलाया जाएगा।
US में राणा की याचिका खारिज हो गई थी7 अप्रैल को, संयुक्त राज्य अमेरिका के सर्वोच्च न्यायालय ने तहव्वुर राणा की भारत में उसके प्रत्यर्पण पर रोक लगाने की याचिका को खारिज कर दिया। राणा ने 20 मार्च, 2025 को मुख्य न्यायाधीश रॉबर्ट्स के समक्ष एक आपातकालीन आवेदन दायर किया, जिसमें उसके प्रत्यर्पण पर रोक लगाने की मांग की गई।
सोमवार, 7 अप्रैल को जारी सुप्रीम कोर्ट के आदेश में कहा गया, 'मुख्य न्यायाधीश को संबोधित और न्यायालय को संदर्भित स्थगन के लिए आवेदन अस्वीकार किया जाता है।
26 नवंबर 2008 को हुआ था आतंकी हमलामुंबई अपराध शाखा के अनुसार, राणा के खिलाफ आपराधिक साजिश का मामला नवंबर 2008 के घातक हमलों के बाद दिल्ली में एनआईए द्वारा दर्ज किया गया था, जिसमें 160 से अधिक लोग मारे गए थे।
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तहव्वुर राणा के खिलाफ सरकारी वकील नियुक्त, कौन हैं नरेंद्र मान जिन्हें मिली आतंकी को फांसी तक पहुंचाने की जिम्मेदारी
एएनआई, नई दिल्ली। मुंबई में 26 नवंबर 2008 को हुए आतंकी हमलों के पीछे की साजिश से जुड़े एक अहम मामले में केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने एडवोकेट नरेंद्र मान को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की ओर से केस की सुनवाई के लिए स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर नियुक्त किया है।
तहव्वुर राणा और डेविड हेडली के खिलाफ केस की सुनवाई करेंगे
यह नियुक्ति एनआईए केस नंबर RC-04/2009/NIA/DLI से संबंधित है, जो पाकिस्तान मूल के तहव्वुर हुसैन राणा और डेविड कोलमैन हेडली के खिलाफ है। इन दोनों पर 26/11 हमलों की साजिश रचने का गंभीर आरोप है। अब नरेंद्र मान इस केस की सुनवाई एनआईए की स्पेशल कोर्ट, दिल्ली और संबंधित अपीली अदालतों में करेंगे।
26/11 Mumbai Terror Attack Conspiracy case | The Central Government appoints Narender Mann, Advocate, as Special Public Prosecutor for conducting trials and other matters related to NIA case RC-04/2009/NIA/DLI (against Tahawwur Hussain Rana and David Coleman Headley) on behalf of… pic.twitter.com/MOPNTIPrRj
— ANI (@ANI) April 10, 2025तीन साल की अवधि या ट्रायल पूरा होने तक जिम्मेदारी
नरेंद्र मान को यह जिम्मेदारी तीन साल के लिए दी गई है, जो इस नियुक्ति की अधिसूचना प्रकाशित होने की तारीख से लागू मानी जाएगी। यदि ट्रायल इससे पहले पूरा हो जाता है, तो उनकी जिम्मेदारी वहीं समाप्त हो जाएगी।
कौन हैं नरेंद्र मान?
एडवोकेट नरेंद्र मान एक जानेमाने वकील हैं। उनके व्यापक कानूनी अनुभव और आपराधिक मामलों में दक्षता के आधार पर उन्हें 26/11 मुंबई आतंकी हमला केस में चुना गया है। उनकी नियुक्ति से यह उम्मीद जताई जा रही है कि मामले में अभियोजन पक्ष और प्रभावी ढंग से प्रस्तुत होगा। तहव्वुर राणा के खिलाफ पेश सबूत से पाकिस्तान का भी चेहरा बेनकाब हो सकता है।
अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट ने पाकिस्तानी-कनाडाई नागरिक तहव्वुर हुसैन राणा के भारत प्रत्यर्पण की मंजूरी देने के बाद उसे भारत लाया जा रहा है। राणा को भारत लाने के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) उसको हिरासत में लेकर पूछताछ करेगी।
NIA ने 2009 में दर्ज किया था केस
भारत सरकार के आदेश पर 11 नवंबर 2009 को एनआईए ने दिल्ली में केस RC-04/2009/NIA/DLI दर्ज किया था। यह केस इंडियन पीनल कोड की धारा 121A, यूएपीए एक्ट की धारा 18 और सार्क कन्वेंशन (टेररिज्म की रोकथाम) एक्ट की धारा 6(2) के तहत दर्ज किया गया था। इसमें डेविड कोलमैन हेडली और तहव्वुर राणा को मुख्य आरोपी बनाया गया।
आतंकियों को समर्थन देने का आरोप
एनआईए के मुताबिक, राणा और हेडली को अमेरिका में गिरफ्तार किया गया था। दोनों पर प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा को सहयोग देने और भारत में आतंकी हमले की साजिश रचने का आरोप है। मुंबई हमले में 174 से अधिक लोग मारे गए थे। एनआईए ने अमेरिका को दोनों की प्रत्यर्पण के लिए औपचारिक अनुरोध भेजा था। पाकिस्तान को भी एक लेटर रोगेटरी भेजा गया, जिसका अब तक जवाब नहीं मिला है।
अदालत में चार्जशीट दाखिल
एनआईए ने इस केस में 24 दिसंबर 2011 को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में सभी 9 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। आरोपियों पर आईपीसी की कई धाराओं (120B, 121, 121A, 302, 468, 471) और यूएपीए एक्ट की धाराओं (16, 18, 20) के तहत आरोप लगाए गए हैं।
चंद घंटों में भारत में होगा तहव्वुर राणा
मुंबई हमलों का मास्टमाइंड तहव्वुर राणा को भारत लाया जा रहा है और वो चंद घंटों में भारत की धरती पर होगा। दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरने के बाद से ही तमाम तरह की कानूनी प्रक्रियाएं शुरू की जांएगी, जिसके तहत 26/11 हमले में मारे गए लोगों और उनके परिजनों को इंसाफ दिलाया जा सके।
'सभी ने वोट बैंक की राजनीति की, लेकिन मोदी सरकार ने...',वक्फ बिल के समर्थन में ऑल इंडिया मुस्लिम वुमेन पर्सनल लॉ बोर्ड
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वक्फ संशोधन बिल के दोनों सदनों में पास होने के बाद से कई राजनेता इसके विरोध में आ गए हैं। इस बीच,ऑल इंडिया वुमेन मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की अध्यक्ष शाइस्ता अंबर ने वक्फ विधेयक 2025 का समर्थन किया है। उन्होंने कहा-हम इस बिल का स्वागत करते हैं।
ये मुस्लिम समाज, विशेषकर मुस्लिम महिलाओं के हितों की सुरक्षा करेगा। महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। यह विधेयक सिर्फ कानून में संशोधन नहीं है, बल्कि एक ऐतिहासिक कदम है।
समाज को मिलेगा लाभशाइस्ता अंबर ने कहा-
वक्फ के नए कानून से समाज को लाभ मिलेगा। मुस्लिम महिलाओं की भागीदारी मजबूत होगी। अधिकारों, गरिमा और सम्मान को नई दिशा देने की शुरुआत है। सरकार ने कहा है वक्फ की जमीन पर जो कब्जे हैं, उसे हटाएगी।
वक्फ बोर्ड और केंद्रीय वक्फ परिषद में मुस्लिम महिलाओं को शामिल करने की हम लोग लंबी लड़ाई लड़ रहे थे। इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल से मांग किया था।
शाइस्ता अंबर ने आगे कहा-
महिलाओं को वक्फ बोर्ड के सदस्य और पदाधिकारी के रूप में जगह मिले। इन्हें सिर्फ नाम के लिए नहीं, बल्कि काम के लिए रखा जाए। महिलाओं की जिम्मेदारी और अधिकार क्षेत्र सुनिश्चित किया जाए।
प्रधानमंत्री का जताया आभारशाइस्ता अम्बर ने कहा-आज तक किसी भी सरकार ने मुस्लिम समाज के लिए वास्तविक काम नहीं किया। सभी ने सिर्फ वोट बैंक की राजनीति की है। ऑल इंडिया मुस्लिम वुमेन पर्सनल लॉ बोर्ड पीएम नरेंद्र मोदी का इस बिल के लिए आभार व्यक्त करती है। मुस्लिम महिलाओं के विकास को ध्यान में रखते हुए यह विधेयक प्रस्तुत किया गया और इसने कानूनी रूप लिया।
'वक्फ की संपत्तियों की सुरक्षा होगी'सरकार ने दोनों सदनों में मुस्लिम समुदाय को भरोसा दिलाया है कि जनता एवं मुस्लिम समुदाय से किए वादों को पूरा किया जाएगा । हमें पूरी उम्मीद है कि इस बिल से वक्फ की संपत्तियों की सुरक्षा होगी। अल्पसंख्यक समुदाय के जो गरीब बच्चे हैं, विधवा महिलाएं हैं तमाम जरूरतमंद लोगों की आर्थिक सहायता होगी।
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यूपी-बिहार में बरस रहे बादल, दिल्ली में आज बारिश का अलर्ट; जानें किन राज्यों में अभी नहीं मिलेगी प्रचंड गर्मी से राहत
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली समेत देश के कई राज्यों में अभी से भयंकर गर्मी पड़ने लगी है। अप्रैल में ही जून जैसी गर्मी पड़ने लगी है। दिल्ली-एनसीआर में कई स्थानों पर अधिकतम तापमान सामान्य से 4-6 डिग्री ज्यादा है। वहीं दिल्ली में मौसम करवट लेना वाला है।
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में 10 अप्रैल को आंशिक रूप से बादल छाए रहने की संभावना है, जिसमें बहुत हल्की बारिश या बूंदाबांदी हो सकती है। वहीं शुक्रवार को भी हल्की बारिश हो सकती है। इससे लोगों को गर्मी से थोड़ी राहत मिल सकती है। साथ ही मौसम विभाग के मुताबिक, यूपी में 13 अप्रैल तक तेज बारिश हो सकती है।
बिहार-यूपी में बारिशवहीं ओडिशा, पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड में आज से 12 अप्रैल तक बारिश होगी। IMD के मुताबिक बिहार गरज-तड़क के साथ आकाशीय बिजली गिरी है। वहीं यूपी में भी बारिश शुरू हो गई है।
इन राज्यों में अगले 24 घंटों में बारिश का अलर्टअगले 24 घंटे के दौरान तमिलनाडु, पुडुचेरी, कराईकल, तटीय आंध्र प्रदेश और यनम, केरल, माहे, तेलंगाना, कर्नाटक, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और मध्य भारत में गरज के साथ हल्की से मध्यम स्तर की बारिश हो सकती है। इस दौरान 40-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं भी चल सकती हैं।
देश के अन्य राज्यों की अगर बात करें तो मौसम विभाग के मुताबिक कल राजस्थान में लू की स्थिति और गंभीर हो सकती है। जयपुर, जोधपुर और बीकानेर जैसे शहरों में अधिकतम तापमान 40-42 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है।
गुजरात- राजस्थान समेत इन 9 राज्यों में हीटवेव का अलर्टगुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में कई स्थानों पर तापमान 43-46 डिग्री के आस-पास दर्ज किया जा रहा है। गुजरात के कांडला में अधिकतम तापमान 45.6 डिग्री दर्ज किया गया जोकि उत्तर भारत में सबसे ज्यादा है। मध्य प्रदेश के रतलाम में तापमान 44.2 डिग्री दर्ज हुआ।
राजस्थान के बाड़मेर में 46.5 डिग्री और पिलानी में 44 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। इसी तरह महाराष्ट्र के अकोला और जलगांव में तापमान 43.7 डिग्री दर्ज किया गया।
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'बंगाल में ममता के सत्ता से हटने पर ही खत्म होगी घुसपैठ', अमित शाह ने दीदी पर जमकर बोला हमला
पीटीआई, नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जब बंगाल के लोग मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सत्ता से बाहर करेंगे और राज्य में भाजपा की सरकार बनाएंगे तो अवैध घुसपैठ की समस्या हल हो जाएगी। ममता बनर्जी सभी को बताती रहती हैं कि बीएसएफ केंद्र सरकार के अधीन है। वही अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा करता है। इसलिए, घुसपैठ के लिए केंद्र को ही जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।
घुसपैठियों को लेकर अमित शाह का बड़ा हमलाउन्होंने कहा कि मेरा उनसे सवाल है कि ऐसे घुसपैठियों के मतदाता पहचान पत्र और आधार कार्ड किसने बनाए। ये सभी मतदाता पहचान पत्र उत्तर 24 परगना जिले में बनाए गए हैं। उन्होंने उक्त बातें एक कार्यक्रम में शिरकत करने के दौरान कहीं।
आइएनडीआइए को घुसपैठियों में वोट बैंक दिखता है- शाहअमित शाह ने स्पष्ट किया कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव जदयू नेता और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। कहा कि विपक्षी गठबंधन आइएनडीआइए को घुसपैठियों में वोट बैंक दिखता है। गुलाम जम्मू-कश्मीर पर सरकार की रणनीति के बारे में पूछे जाने पर कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि वह हमारा ही है।
दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायाधीश के घर से कथित तौर पर नकदी बरामद होने के मुद्दे पर शाह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इस पर विचार करने के लिए एक समिति गठित की है।
टैरिफ के बारे में बोले शाहउन्होंने शीर्ष अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि सभी की तरह वह भी नतीजे का इंतजार कर रहे हैं। एक सवाल के जवाब में कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ के प्रभाव का निर्धारण करना अभी जल्दबाजी होगी। लेकिन भारत की अर्थव्यवस्था ऐसे दबावों के प्रति लचीली है।
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'कांग्रेस सरकार में हमेशा मारे जाते हैं हिंदू कार्यकर्ता', कर्नाटक के नेता प्रतिपक्ष का सीएम सिद्दरमैया पर बड़ा हमला
आइएएनएस, मदिकेरी। कर्नाटक में नेता प्रतिपक्ष आर. अशोक ने बुधवार को दावा किया कि जब भी कांग्रेस राज्य की सत्ता में आती है तो हमेशा हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता मारे जाते हैं।
जिनकी हत्या हुईं उनके नाम बताएजनाक्रोश यात्रा को संबोधित करते हुए अशोक ने कहा कि आरएसएस के राजू, राजेश कोटियन, प्रवीण पुजारी, चरण पुजारी, विश्वनाथ - ये कुछ हिंदू कार्यकर्ता हैं जिनकी हत्या पीएफआई व सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया जैसे मुस्लिम संगठनों ने की है।
अशोक ने कहा कि कोडागू के विनय सोमैया का इतना उत्पीड़न किया गया कि उसने आत्महत्या कर ली। कोडागू में ही पिछली टीपू जयंती के दौरान बुजुर्ग व्यक्ति कुट्टप्पा की हत्या कर दी गई थी। कांग्रेस सरकार हिंदुओं को विभाजित करने की कोशिश कर रही है।
कर्नाटक को पाकिस्तान को सौंप देंगे सिद्दरमैया- अशोकआगे बोले कि मुस्लिमों को सरकारी ठेकों में आरक्षण दिया गया है। अगर मुख्यमंत्री सिद्दरमैया सत्ता में बने रहे तो वह कर्नाटक को पाकिस्तान को सौंप देंगे।
कोडागू भी कश्मीर बन जाएगा- नेता प्रतिपक्षउन्होंने कहा कि पहले सिर्फ जम्मू-कश्मीर में हिंदुओं पर हमले होते थे, अगर सिद्दरमैया मुख्यमंत्री बने रहे तो कोडागू भी कश्मीर बन जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में युवतियों से दुष्कर्म किया जा रहा है और गृह मंत्री जी. परमेश्वर कहते हैं कि ऐसी घटनाएं होती रहती हैं।
केरल में वक्फ भूमि विवाद को लेकर भाजपा ने कांग्रेस पर साधा निशानाकोच्चि के उपनगर मुनंबम में एक गिरजाघर के सामने कांग्रेस नेताओं के विरोध में लगाए गए होर्डिंग का इस्तेमाल भाजपा ने कांग्रेस द्वारा की जा रही तुष्टीकरण की राजनीति को उजागर करने के लिए किया है। इस होर्डिंग में कांग्रेस सांसदों के उस स्थल में प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की घोषणा की गई है।
वक्फ बोर्ड ने कर लिया है ईसाई समुदाय के लोगों की जमीन पर कब्जास्थानीय निवासी अपनी जमीन पर वक्फ बोर्ड के दावे के खिलाफ पिछले कई महीने से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसमें अधिकतर ईसाई समुदाय के लोग हैं। उनका आरोप है कि वक्फ बोर्ड उनकी जमीन और संपत्ति पर अवैध रूप से दावा कर रहा है, जबकि उनके पास पंजीकृत दस्तावेज और भूमि कर भुगतान की रसीदें हैं। यहां के लोग भूख हड़ताल पर हैं।
उन्होंने केरल के कांग्रेस सांसदों से संसद द्वारा पारित वक्फ (संशोधन) विधेयक का समर्थन करने का अनुरोध किया था। कांग्रेस द्वारा विधेयक का विरोध किए जाने से वे नाराज हैं। भाजपा की केरल इकाई के अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने अपने इंटरनेट मीडिया अकाउंट पर होर्डिंग की तस्वीरें पोस्ट कीं।
कांग्रेस पर भाजपा का बड़ा हमलाहोर्डिंग पर लिखा है, 'केरल में मात्र 30 प्रतिशत वोट बैंक की चाहत में कांग्रेस सांसदों ने संसद में केसीबीसी (केरल कैथोलिक बिशप काउंसिल) की बार-बार की गई अपील की अनदेखी कर 610 परिवारों को धोखा दिया।'
उन्होंने कहा कि इस महत्वपूर्ण संशोधन का लगातार विरोध करने वाले अन्य कांग्रेस नेता भी समान रूप से जवाबदेह हैं। अब से उनमें से किसी को भी इस प्रदर्शन स्थल में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है।
राजनीति के कारण गरीबों को परेशानी होती हैचंद्रशेखर ने कहा कि अब समय आ गया है कि केरल के लोग तुष्टीकरण की राजनीति को बदलने के लिए एक साथ आएं क्योंकि तुष्टीकरण की राजनीति के कारण गरीबों को परेशानी होती है। भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि दशकों से कांग्रेस और वामपंथी राजनीति ने लोगों को विचलित करने और केरल को आर्थिक एवं विकास के मोर्चे पर संकट में ले जाने के लिए सांप्रदायिक भय के जहर का इस्तेमाल किया है।
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