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Bihar Politics: औरंगाबाद RJD प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव आयोग पहुंची BJP, जाति के नामपर वोट मांगने का लगाया आरोप
राज्य ब्यूरो, पटना। लोकसभा चुनाव में औरंगाबाद से राजद के प्रत्याशी अभय कुमार सिन्हा उर्फ अभय कुशवाहा के विरुद्ध भाजपा ने चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया है।
भाजपा ने बुधवार को मुख्य निर्वाचन आयुक्त समेत अन्य आयुक्त, बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के साथ औरंगाबाद के जिलाधिकारी सह जिला निर्वाचन अधिकारी के समक्ष आदर्श अचार संहिता के उल्लंघन का मामला दर्ज करवाया है।
शिकायत में कहा गया है कि उक्त प्रत्याशी ने अपने को अभय कुशवाहा बताते हुए इंटरनेट मीडिया अपनी जाति के आधार पर वोट देने की अपील की है। इसमें फेसबुक एवं एक्स पर वीडियो अभय कुशवाहा ने पोस्ट किया है। शिकायत में इंटरनेट मीडिया पर वायरल पोस्टर की प्रति भी संलग्न की गई है।
शिकायत में कहा गया है कि ऐसा किया जाना न सिर्फ जन प्रतिनिधि कानून, 1951 की धारा 123(3) का उल्लंघन है बल्कि आइपीसी की धारा 171(सी) के साथ 171(एफ) का भी उल्लंघन है। शिकायत भाजपा न्यायिक मामले के राज्य प्रमुख वरीय अधिवक्ता एसडी संजय ने दर्ज करवाया है।
मीडिया प्रभारी मुकेश कुमार ने बताया कि संजय के नेतृत्व में भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता संजीव मिश्रा, दीपक वर्मा व प्रियंका राजलक्ष्मी भी मौजूद थे।
Bihar News: राज्यपाल आर्लेकर और CM नीतीश कुमार ने उतारी रामलला की आरती, जय श्रीराम के नारों से गूंजा डाकबंगला
जागरण संवाददाता, पटना। राम नवमी पर पटना शहर के 54 स्थानों से शोभा यात्रा झांकियों के साथ डाकबंगला चौराहे पर पहुंची। राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शोभा यात्रा का स्वागत किया तथा रामलला की आरती उतारी। राज्यपाल अपनी पत्नी के साथ पहुंचे।
डाकबंगला चौराहा जय श्री राम से गूंज उठा। एक-एक करके 54 झाकियां पहुंची। मंच संचालन श्री श्री रामनवमी शोभा यात्रा अभिनंदन समिति के संयोजक सह नगर विकास एवं आवास मंत्री नितिन नवीन ने किया।
डाकबंगला चौराहे पर आयोजित मुख्य समारोह में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सह उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा, भाजपा सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद, मंत्री विजय चौधरी, मंगल पांडेय, विधायक संजीव चौरसिया आदि मौजूद शामिल हुए।
डाकबंगला चौराहा रोशनी से जगमग था तथा श्री राम के ध्वज से पटा हुआ था। मनमोहक तोरण द्वार और प्रकाश के बीच झांकियों का स्वागत किया गया। यहां रामलला के भव्य मंदिर आकर्षण का केंद्र बना रहा। भक्तिमय वातावरण में हजारों की संख्या में रामभक्त पहुंचे।
रात दस बजे तक 54 में सिर्फ 25 झाकियां पहुंची। देर रात तक डाकबंगला चौराहे पर झांकिया आती रही। श्री श्री रामनवमी शोभा यात्रा अभिनंदन समिति सभी झांकियों का भव्य रूप से स्वागत किया।
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Bihar Politics: 'हाथी' पर सवार हुए Gulab Yadav, झंझारपुर से लड़ेंगे चुनाव; Mukesh Sahani ने काटा था टिकट
डिजिटल डेस्क, पटना/झंझारपुर। Gulab Yadav BSP Candidate झंझारपुर लोकसभा सीट पर सियासी जंग दिलचस्प हो गई है। यहां अब तक एनडीए और महागठबंधन के बीच मुकाबला था, लेकिन अब पूर्व विधायक गुलाब यादव ने चुनावी मैदान में उतरने का फैसला कर लिया है। गुलाब यादव को बहुजन समाज पार्टी ने टिकट दिया है।
बता दें कि पहले चर्चा थी कि महागठबंधन से गुलाब यादव को टिकट दिया जाएगा। खबर भी ऐसी आई है कि सिंबल दे दिया गया है। वहीं, बाद में झंझारपुर से महागठबंधन ने सुमन कुमार महासेठ को अपना प्रत्याशी बनाया है। इसके बाद गुलाब यादव ने बगावत कर दी।
'...महागठबंधन ने धोखा किया'गुलाब यादव ने मंगलवार को कहा था, महागठबंधन की ओर से उन्हें टिकट दे दिया गया था, लेकिन यह कहकर टिकट वापस ले लिया कि झंझारपुर से अति-पिछड़ा को चुनाव लड़ाएंगे। उन्होंने टिकट वापस भी कर दिया, लेकिन महागठबंधन ने उनके साथ धोखा किया।
गुलाब यादव ने कहा कि महागठबंधन ने बाहरी व्यक्ति को झंझारपुर का टिकट देकर झंझारपुर के अति-पिछड़ा के साथ विश्वासघात किया, इसलिए अब वह चुनाव लड़ेंगे।
सुमन महासेठ का शक्ति प्रदर्शनमहागठबंधन से वीआईपी के प्रत्याशी सुमन महासेठ नामांकन के साथ शक्ति प्रदर्शन करेंगे। इसके लिए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और साथ में वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी सभा करेंगे। वहीं, महागठबंधन और एनडीए प्रत्याशी का मुकाबला पूर्व विधायक गुलाब यादव हाथी पर सवार होकर करेंगे। वे बसपा के प्रत्याशी के तौर पर नामांकन करेंगे।
गुलाब यादव पहले महागठबंधन के प्रत्याशी के तौर पर प्रचार कर रहे थे। मगर वीआईपी ने आधिकारिक तौर पर सुमन महासेठ को प्रत्याशी घोषित किया। गुलाब यादव महागठबंधन पर धोखा देने का आरोप लगा चुके हैं। 2019 में वे राजद के उम्मीदवार भी रह चुके हैं। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि गुलाब यादव बीएसपी के सहारे महागठबंधन और एनडीए को कितनी टक्कर दे पाते हैं।
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Bihar Politics: RJD को एक और झटका! पूर्व सांसद ने छोड़ा 'लालटेन' का साथ; नीतीश के पाले में जाएंगे?
डिजिटल डेस्क, पटना। Shailesh Kumar Mandal राष्ट्रीय जनता दल को लोकसभा चुनाव के बीच बड़ा झटका लगा है। पूर्व सांसद शैलेश कुमार उर्फ बुलो मंडल ने राजद छोड़ दी है। अब वह नीतीश कुमार के पाले में जाएंगे। बुलो मंडल गुरुवार को जनता दल यूनाइटेड की सदस्यता लेंगे।
मिली जानकारी के मुताबिक, जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा बुलो मंडल को सदस्यता दिलाएंगे। बता दें कि राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष देवेंद्र प्रसाद यादव ने भी इस्तीफा दे दिया है।
पार्टी अध्यक्ष लालू प्रसाद को लिखे पत्र में यादव ने कहा कि राजद की नीति से वे सहमत नहीं रह गए हैं। राजद में केवल राज के लिए नीति चल रही है। जबकि राज और नीति में सामंजस्य जरूरी है। सिद्धांत के बिना राजनीति का मतलब आत्मा के बिना शरीर है।
नोट- खबर को अपडेट किया जा रहा है।ये भी पढ़ें- Bihar Politics: RJD के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने दिया इस्तीफा, Lalu Yadav को चुनाव के बीच बड़ा झटका!
Bihar Politics: भागलपुर से बिहार में चुनावी शंखनाद करेंगे राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष खरगे भी भरेंगे हुंकार
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में कांग्रेस का चुनावी महासमर दूसरे चरण से शुरू हो रहा। इस चरण के तीन संसदीय क्षेत्रों में वह दांव आजमा रही और उसका पूरा जतन मैदान मारने का है। तीनों क्षेत्रों में अनुभवी प्रत्याशी हैं, जिनके लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी वोट मांगने आ रहे हैं।
दिग्गजों के प्रचार अभियान की शुरुआत किशनगंज में 19 अप्रैल को खरगे की जनसभा से होगी। उसी दिन वे कटिहार में भी जनसभा को संबोधित करेंगे। उसके अगले दिन 20 अप्रैल को भागलपुर के सैंडिस कंपाउंड में राहुल गांधी की चुनावी सभा होनी है। बिहार कांग्रेस के प्रभारी मोहन प्रकाश और प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह उनके साथ मंच साझा करेंगे।
दूसरे चरण में पांच संसदीय क्षेत्रों (किशनगंज, कटिहार, भागलपुर, बांका, पूर्णिया) में 26 अप्रैल को मतदान होना है। इनमें से किशनगंज में कांग्रेस पिछले तीन चुनावों से विजयी रही है।
किशनगंज से इस बार भी मो. जावेद इस बार भी प्रत्याशी हैं। लोकसभा चुनाव में यह उनका दूसरा दांव है। वहां पिछली बार दूसरे स्थान पर रहे आइएमआइएम के अख्तरूल ईमान के साथ जदयू के मुजाहिद आलम के साथ त्रिकोणीय संघर्ष है।
कटिहार के मैदान को कांग्रेस ने एक बार फिर अपने दिग्गज तारिक अनवर के हवाले किया है। पिछली बार वे जदयू के दुलाल चंद गोस्वामी से मात खा गए थे। इस बार भी उन्हीं से मुकाबला है। इस संसदीय क्षेत्र से तारिक पांच बार सांसद चुने जा चुके हैं।
भागलपुर में कांग्रेस अपने लिए लंबे अंतराल के बाद संभावना देख रही। हालांकि, कहलगांव के तत्कालीन विधायक सदानंद सिंह 2009 में वहां कांग्रेस के सिंबल पर मैदान में उतरे थे, लेकिन असफल रहे।
इस बार भागलपुर के नगर विधायक अजीत शर्मा मैदान में हैं। उनका मुकाबला जदयू सांसद अजय मंडल से है। अजीत शर्मा के लिए लोकसभा चुनाव का यह पहला अनुभव है, लेकिन राजनीति का उन्हें लंबा अनुभव है और भागलपुर परिक्षेत्र में गहरी पकड़ भी रखते हैं।
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UPSC CSE Result : हिन्दी नहीं, अंग्रेजी बना रही यूपीएससी की राह आसान; CSAT के बाद बदली स्थिति
नलिनी रंजन, पटना। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने सिविल सेवा 2023 का फाइनल परिणाम मंगलवार को जारी कर दिया। इसमें बिहारी प्रतिभाओं ने अपनी सफलता का परचम लहराया है। यूपीएससी के सिविल सेवा परीक्षा में बिहार से लगभग 80 से अधिक बिहारी प्रतिभाओं ने दम दिखाया है।
इन अभ्यर्थियों में हिंदी से अधिक अंग्रेजी माध्यम से सफलता अर्जित करने वाली अभ्यर्थियों की संख्या अधिक है। वर्ष 2022 व 2023 के परिणाम में हिंदी माध्यम से परिणाम लाने वाले विद्यार्थियों की संख्या नगण्य है।
'...सी-सैट के प्रश्नों का स्टैंडर्ड कठिन था'विशेषज्ञ बताते हैं कि वर्ष 2011 में सी-सैट आने के बाद हिंदीभाषी विद्यार्थियों के परिणाम की संख्या में कमी आने लगी। आरंभ के दो-तीन वर्षों तक सी-सैट के प्रश्नों का स्टैंडर्ड कठिन नहीं था। इसके अतिरिक्त इसके अंक भी परिणाम में जुड़ते थे, लेकिन बाद में इसमें केवल सफल होना आवश्यक कर दिया गया।
वर्ष 2014 बैच आइएएस और बिहार-झारखंड के सिविल सेवा अधिकारियों के संगठन नेशनल एशोसिएशन ऑफ सिविल सर्वेंट्स (एनएसीएस) के संयोजक संतोष कुमार बताते हैं कि सी-सैट के प्रश्न काफी टफ हो गए हैं। इसमें कमजोर अंग्रेजी व गणित वाले विद्यार्थियों को सफलता कम मिलती है। इसके कारण भी हिंदी माध्यम के लिए यह टफ हो गया है।
2020 बैच के मध्य प्रदेश कैडर की आइएएस अर्चना कुमारी बताती हैं कि हिंदी में तैयारी के लिए कंटेंट भी कम मिलता है। ऐसे में हिंदी वाले विद्यार्थियों को भी अंग्रेजी का सहारा लेकर तैयारी करना पड़ता है। इसके अतिरिक्त मुख्य परीक्षा में हिंदी लिखने की गति थोड़ी स्लो हो जाती है। जबकि मुख्य परीक्षा में सात-आठ मिनट में एक प्रश्न का जवाब देना होता है। वह भी बेहतर राइटिंग के साथ। इसके अतिरिक्त साक्षात्कार में आत्मविश्वास की कमी होने के कारण भी हिंदी माध्यम वाले को थोड़ी परेशानी होती है।
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Bihar Politics: 'सबसे ज्यादा कानून तोड़ने वाले नेता हैं लालू यादव', RJD सुप्रीमो की किस बात पर भड़क गए सम्राट चौधरी?
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और राज्य के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा है कि बिहार में अपराधियों के प्रतीक हैं लालू यादव। वह देश के ऐसे एकमात्र नेता हैं, जिन्हें उनके अपराध के लिए सजा हुई है। राजद गुंडों की पार्टी है।
लालू के संविधान बचाने वाले बयान को लेकर सम्राट चौधरी ने कहा कि यह बात वे लोग कर रहे हैं, जिन्होंने सबसे ज्यादा कानून तोड़ने का काम किया है। वह कहते हैं कि मोदी आएगा तो संविधान खत्म हो जाएगा। जबकि प्रधानमंत्री कहते हैं कि देश का संविधान उनके लिए गीता एवं रामायण की तरह है। राजद के लिए आरक्षण का मतलब बेटा-बेटी होता है लेकिन हमारे लिए पूरा समाज है।
तेजस्वी यादव के दावों पर किया अटैकनेता प्रतिपक्ष को निशाने पर लेते हुए सम्राट चौधरी ने कहा कि 17 महीने में तेजस्वी जिस विभाग के मंत्री थे उसमें एक भी वैकेंसी नहीं निकली। शिक्षा विभाग में हम लोगों ने शिक्षकों की बहाली की उनकी सरकार में उसके ऊपर कोई काम नहीं हुआ।
सम्राट चौधरी ने कहा कि 2021 में हमने जो वैकेंसी क्रिएट किया था, उसी आधार पर बहाली हुई और उस पर ये दावा कर रहे हैं। तेजस्वी के माता-पिता बिहार पर 15 वर्ष राज किए लेकिन एक लाख लोगों को भी नौकरी नहीं दे पाए। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 7.50 लाख लोगों को नौकरी दी।
तेजस्वी के विभाग ने नहीं निकाली एक भी वैकेंसी: सम्राटचौधरी ने कहा तेजस्वी यादव केवल नौकरी की बात कर रहे हैं, लेकिन उनके पास पर्यटन, स्वास्थ्य, नगर विकास, पथ निर्माण जैसे पांच विभाग थे, इनमें एक वेकेंसी नहीं निकली। मुख्यमंत्री नीतीश ने वर्ष 2025 तक 10 लाख नौकरी और 10 लाख रोजगार देने का वादा किया था। अब तो रोजगार के लिए 94 लाख लोगों को दो -दो लाख रुपये भी दिए जा रहे हैं।
ये नेता रहे मौजूदप्रेसवार्ता में प्रदेश भाजपा के महामंत्री जगन्नाथ ठाकुर, राजेश वर्मा, विधान पार्षद अनिल शर्मा, राष्ट्रीय प्रवक्ता गुरु प्रकाश एवं प्रदेश मीडिया संयोजक दानिश इकबाल उपस्थित थे।
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Bihar Politics: 'सम्राट चौधरी आज जिन लोगों के साथ हैं...', डिप्टी CM पर राजद ने किया कटाक्ष
राज्य ब्यूरो, पटना। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी द्वारा विपक्ष को गुंडा बताने की राजद ने निंदा की है और कहा उनके आरोप का जवाब बिहार की जनता देगी।
राजद प्रवक्ता चितरंजन गगन ने बुधवार को कहा कि सम्राट चौधरी पहले चरण के रुझानों से काफी हतोत्साहित हो गए हैं। इसी निराशा में विपक्ष उन्हें गुंडा नजर आ रहा है। उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि जिस पार्टी को वे गुंडों की पार्टी कह रहे हैं उन्हें राजनीतिक पहचान भी उसी पार्टी ने दी।
चितरंजन गगन ने कहा कि जिन लोगों के साथ आज वे हैं उन लोगों ने उन्हें किस विशेषण से नवाजा था। ऐसे इनके धमकी का जवाब भी बिहार की जनता ही देगी।
चितरंजन गगन ने कहा कि सम्राट की भाषा बताती है कि भाजपा और एनडीए घटक में भारी बेचैनी है। प्रधानमंत्री, गृहमंत्री जी और मुख्यमंत्री की सभाओं का क्षेत्र में कोई असर नहीं पड़ा बल्कि उनके जाने से मतदाताओं की नाराजगी हीं बढ़ी है।
भाजपा रच रही संविधान बदलने की साजिश : मनोज झाराष्ट्रीय जनता दल ने आरोप लगाया है कि भाजपा देश का संविधान बदलना चाहती है। भाजपा की यह साजिश आज से नहीं पिछले नौ वर्षों हो रही है। 2015 में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने संविधान की समीक्षा तथा आरक्षण व्यवस्था में बदलाव की बात कही थी। भाजपा पर यह आरोप राजद प्रवक्ता प्रो. मनोज झा ने लगाए। वे बुधवार को राजद कार्यालय में प्रेस से बात कर रहे थे।
प्रो. झा ने कहा कि संविधान को लेकर मोहन भागवत का बयान आने के बाद राजद के लालू प्रसाद ने बंच आफ थॉट किताब में लिखी बातों का जिक्र किया और जो बातें उसमें वर्णित थी उन बातों को लोगों तक पहुंचाया। आज फिर वैसी ही स्थिति बनाई। भाजपा नेता संविधान बदलने की बात कर रहे हैं।
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Lok Sabha Election 2024: बिहार की 4 सीटों पर थमा प्रचार, अब घर-घर जनसंपर्क करेंगे प्रत्याशी
राज्य ब्यूरो, पटना। लोकसभा चुनाव के लिए पहले चरण की चार सीटों पर बुधवार को चुनाव प्रचार का दौर थम गया। 19 अप्रैल को मतदान से पहले अब गुरुवार को प्रत्याशी घर-घर जाकर मतदाताओं से विजयी बनाने के लिए मनुहार करेंगे। बिहार में पहले चरण की जिन चार सीटों पर चुनाव हो रहा है उनमें जमुई, गया, औरंगाबाद एवं नवादा है।
राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय पार्टियों के साथ निर्दलीय को मिलाकर 38 उम्मीदवार मैदान में हैं। इसमें बसपा ने सभी चारों सीटों पर उम्मीदवार उतारा है। पिछली बार यानी 2019 के लोकसभा चुनाव में इन चारों सीट से 44 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा और 36 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थीं।
वहीं, 2014 के लोकसभा चुनाव में 54 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा एवं 42 की जमानत जब्त हो गई थीं। ऐसे में चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की संख्या कम होती जा रही है। चौथे चरण में कुल 76,0 1, 629 मतदाता हैं। इसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 39,63,3223 हैं। वहीं, महिला मतदाताओं की संख्या 36,38, 151 हैं।
मंगलामुखी मतदाताओं की कुल संख्या 255 हैं। मतदान सुबह सात बजे प्रारंभ हो जाएगा। मतदान कर्मी गुरुवार शाम तक बूथों पर पहुंच जाएंगे।
टक्कर में कहां है कौन?औरंगाबाद: पहले चरण की औरंगाबाद सीट की बात करें तो यहां मुख्य मुकाबला राजग के भाजपा प्रत्याशी सुशील सिंह एवं आइएनडीआइए के राजद प्रत्याशी अभय कुशवाहा के बीच है। सुशील सिंह ने 2009 में जदयू, 2014 और 2019 में भाजपा के टिकट पर चुनाव जीता था। इन दोनों के अलावा यहां से अन्य सात उम्मीदवार भी चुनाव लड़ रहे हैं। इसमें से तीन निर्दलीय उम्मीदवार हैं।
सुनेश कुमार-बहुजन समाज पार्टी, शैलेश राही-अखिल हिंद फारवर्ड ब्लाक (क्रांतिकारी), रामजीत सिंह-राष्ट्रीय जनसंभावना पार्टी, सुरेश प्रसाद वर्मा-निर्दलीय, प्रतिभा रानी-पीपुल्स पार्टी आफ इंडिया (डेमोक्रेटिक), मोहम्मद वली उल्लाह खान-निर्दलीय एवं राज बल्लभ सिंह-निर्दलीय ताल ठोंक रहे हैं।
नवादा: बिहार केसरी एवं प्रथम मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण जन्मभूमि नवादा में लोकसभा क्षेत्र में भी मुख्य मुकाबला राजग के भाजपा प्रत्याशी विवेक ठाकुर एवं आइएनडीआइए के राजद प्रत्याशी श्रवण कुमार से
हालांकि, स्थानीय जानकारों के अनुसार यहां मुकाबला त्रिकोणीय भी हो सकता है, क्योंकि यहां से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में राजबल्लभ यादव के भाई विनोद यादव भी मैदान में हैं। इस सीट पर दो मुख्य प्रत्याशियों के अलावा छह अन्य उम्मीदवार भी मैदान में हैं। इसमें दो निर्दलीय उम्मीदवार शामिल हैं।
विनोद यादव- निर्दलीय, गुंजन कुमार- निर्दलीय, रंजीत कुमार-बहुजन समाज पार्टी, गनौरी पंडित-पीपुल्स पार्टी आफ इंडिया (डेमोक्रेटिक), गौतम कुमार बबलू-भागीदारी पार्टी (पी) एवं आनंद कुमार वर्मा-भारत जन जागरण दल से भाग्य आजमा रहे हैं।
गया: मोक्ष की भूमि गया (सु) लोकसभा क्षेत्र में मुख्य मुकाबला राजग में हम के उम्मीदवार जीतन राम मांझी एवं आइएनडीआइए से राजद के प्रत्याशी कुमार सर्वजीत के बीच है। इनके अलावा यहां से 12 अन्य उम्मीदवार भी मैदान में हैं। इनमें से सात उम्मीदवार निर्दलीय हैं।
धीरेंद्र प्रसाद-लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी, शिव शंकर-भारतीय लोक चेतना पार्टी, अमरेश कुमार-निर्दलीय, अशोक कुमार पासवान-निर्दलीय, रंजन कुमार-निर्दलीय, देवेंद्र प्रताप-निर्दलीय, सुरेंद्र मांझी-राष्ट्रीय जनसंभावना पार्टी, सुषमा कुमारी-बहुजन समाज पार्टी, आयुष कुमार-निर्दलीय, गिरिधर सपेरा-द नेशनल रोड मैप पार्टी आफ इंडिया, रानु कुमार चौधरी-निर्दलीय, अरुण कुमार-निर्दलीय मैदान डटे हैं।
जमुई: अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित जमुई लोकसभा क्षेत्र में मुख्य मुकाबला राजग में लोजपा (रा) के प्रत्याशी अरुण भारती एवं आइएनडीआइए में राजद से प्रत्याशी अर्चना कुमारी रविदास के बीच है। इस बार राजग और आइएनडीआइए के अलावा पांच अन्य उम्मीदवार भी चुनाव मैदान में हैं। इसमें एकमात्र निर्दलीय उम्मीदवार सम्मिलित हैं।
श्रवण कुमार-राष्ट्रीय जनसंभावना पार्टी, सुभाष पासवान-निर्दलीय, जगदीश प्रसाद-लोकतांत्रिक सामाजिक न्याय पार्टी, सकलदेव दास-बहुजन समाज पार्टी, संतोष कुमार दास- सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर आफ इंडिया (कम्युनिस्ट) से किस्मत आजमा रहे हैं।
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दानापुर-सिकंदराबाद और नई दिल्ली-सहरसा के बीच चलेगी समर स्पेशल ट्रेन, जानिए टाइमिंग और रूट
जागरण संवाददाता, पटना। यात्रियों की भीड़ को देखते हुए रेलवे द्वारा डीडीयू-प्रयागराज छिवकी-जबलपुर-इटारसी-नागपुर के रास्ते दानापुर और सिकंदराबाद के मध्य एक अनारक्षित क्लोन समर स्पेशल 07021/07022 सिकंदराबाद-दानापुर-सिकंदराबाद का परिचालन किया जाएगा।
18 अप्रैल से 27 जून तक सप्ताह के प्रत्येक गुरुवार को सिकंदराबाद से 08.45 बजे खुलकर शुक्रवार को 16.50 बजे दानापुर पहुंचेगी। इसी तरह गाड़ी सं. 07022 दानापुर-सिकंदराबाद अनारक्षित क्लोन समर स्पेशल 19 अप्रैल से 28 जून तक सप्ताह के प्रत्येक शुक्रवार को दानापुर से 22.30 बजे खुलकर रविवार को 09.30 बजे सिकंदराबाद पहुंचेगी।
वहीं, दूसरी ओर गाड़ी संख्या 05557/05558 सहरसा-नई दिल्ली-सहरसा एक्सप्रेस स्पेशल (बरौनी, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, हाजीपुर, गोरखपुर के रास्ते) 18 अप्रैल को सहरसा से 07.00 बजे खुलकर अगले दिन 07.00 बजे नई दिल्ली पहुंचेगी।
वापसी में, गाड़ी संख्या 05558 नई दिल्ली-सहरसा एक्सप्रेस स्पेशल 19 अप्रैल को नई दिल्ली से 10.00 बजे खुलकर अगले दिन 10.00 बजे सहरसा पहुंचेगी।
गाड़ी संख्या 02395/02396 धनबाद-आनंद विहार-धनबाद सुपरफास्ट एक्सप्रेस स्पेशल (कोडरमा-गया-डीडीयू-प्रयागराज के रास्ते) 19 अप्रैल को धनबाद से 18.00 बजे खुलकर अगले दिन 15.00 बजे आनंद विहार पहुंचेगी।
वापसी में, गाड़ी संख्या 02396 आनंद विहार-धनबाद सुपरफास्ट एक्सप्रेस स्पेशल 20 अप्रैल को आनंद विहार से 19.20 बजे खुलकर अगले दिन 16.54 बजे धनबाद पहुंचेगी।
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Aadhaar Card News: अब हर बच्चे का होगा आधार कार्ड, स्कूल में एडमिशन के लिए हुआ अनिवार्य
जागरण संवाददाता, पटना। जिले के निजी व सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा एक से 12वीं के बच्चों के लिए आधार कार्ड अनिवार्य कर दिया गया है। स्कूलों में नामांकित बच्चों का आधार कार्ड बनाने का काम शुरू है।
जिला शिक्षा कार्यालय के रिपोर्ट के अनुसार पिछले एक माह में जिले के 16 हजार 134 बच्चों का आधार कार्ड बनाया गया। केवल बच्चों का आधार कार्ड बनाने के लिए जिले में 46 केंद्र का चयनित किए गए हैं। इनमें से 27 केंद्रों पर आधार कार्ड बनाने एवं सुधार का काम जारी है जिले के प्रत्येक प्रखंड में दो आधार केंद्र निर्धारित करने का लक्ष्य है।
जिला शिक्षा कार्यालय के अनुसार बाकी बचे 19 आधार केंद्र पर अप्रैल के अंत तक आधार बनाने का काम शुरू हो जाएगा। सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को विभिन्न योजनाओं का लाभ मिल सके इसके लिए भी आधार कार्ड को बैंक अकाउंट से लिंक करवाना अनिवार्य है।
नया आधार कार्ड निशुल्क और अपडेट के लिए 50 से 100 रुपये शुल्क निर्धारितजिन बच्चों के पास आधार कार्ड नहीं है उनका आधार कार्ड निशुल्क बनाया जा रहा है। जिनके पास आधार कार्ड है उसमें कुछ गलती रह गई तो उसमें सुधार के लिए 50 से 100 रुपये अभिभावकों को खर्च करना होगा।
जिला शिक्षा कार्यालय ने कहा है कि आधार कार्ड बनाने के लिए आपरेटर द्वारा अभिभावकों से पैसे लेने की शिकायतें आ रही है। संबंधित स्कूल के प्रधानाध्यापकों से कहा गया है कि वे अपनी निगरानी में बच्चों का आधार बनवाएं और पैसे की मांग की जाती है तो इसके शिकायत करें।
एक केंद्र पर दो मशीन लगेजिला शिक्षा कार्यालय की ओर से निर्धारित आधार कार्ड केंद्र पर दो-दो मशीन लगाए गए हैं, ताकि बच्चों व अभिभावकों को असुविधा न हो। उक्त केंद्र पर निजी और सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा एक से 12वीं में पढ़ने वाले बच्चे केंद्र पर जाकर आधार कार्ड बनवा सकते हैं। आधार कार्ड किस केंद्र पर बनाया जा रहा है इसकी जानकारी प्रधानाध्यापक या प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी से प्राप्त की जा सकती है।
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पटना में बाप-बेटी का रिश्ता हुआ शर्मसार, हैवान पिता ने नाबालिग बेटी के साथ की हैवानियत की कोशिश
संवाद सूत्र, नौबतपुर (पटना)। बिहार की राजधानी पटना के एक गांव में पिता-पुत्री के रिश्तों को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। एक कलयुगी पिता की अपनी ही नाबालिग बेटी पर नियत बिगड़ गई।
रात के समय नींद में सो रही बेटी के साथ पिता ने छेड़छाड़ शुरू की और उसके साथ दुष्कर्म करने की कोशिश की। नाबालिग ने विरोध किया तो पिता जबरदस्ती करने लगा। इस पर नाबालिग जोर से चिल्लाई।
बेटी की आवाज सुनकर उसकी मां और छोटी बहन उसे बचाने आए, जिसके बाद बहसी पिता ने मार-पीटकर अपनी पत्नी को गंभीर रूप से जख्मी कर दिया।
घटना की सूचना जख्मी महिला ने अपने मायके वालों को दी। जिसके बाद सभी नौबतपुर पहुंचे और आरोपित पिता को पकड़कर पुलिस के हवाले किया। इस बाबत जख्मी महिला ने पति को नामजद करते हुए थाना में प्राथमिकी दर्ज कराया है।
बताया जाता है की आरोपी पिता नशे का आदी है और पिछले छह महीने से वह अपनी 14 वर्षीय बड़ी पुत्री के साथ दुष्कर्म की कोशिश कर रहा है। मंगलवार की रात जब घर के सारा सदस्य सोया हुआ था तो वह बड़ी पुत्री के साथ छेड़छाड़ कर रहा था।
जब बच्ची ने शोर मचाया तो उसकी मां की नींद खुल गई। जिसके बाद पत्नी और बेटी ने उसकी करतूत का विरोध किया तो आरोपी पिता ने लाठी डंडा से मारपीट कर पत्नी और बेटी को जख्मी कर दिया।
स्थानीय थानाध्यक्ष ने बताया की आवेदन के आलोक में मामला दर्ज कर कारवाई की जा रही है। आरोपी पिता को गिरफ्तार कर लिया गया है। गुरुवार को उसे न्यायालय में भेजा जाएगा।
विदित हो की अभी हाल में एक अन्य किशोरी के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना हुई थी। जिसमें लापरवाही बरतने को लेकर थानाध्यक्ष समेत चार लोगों को एसएसपी ने निलंबित कर दिया था।
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लोकसभा चुनावों में जमानत तक नहीं बचा सके बिहार के 7,737 प्रत्याशी, 1996 में 1325 उम्मीदवारों का हुआ था बुरा हाल
व्यास चंद्र, पटना। खेल हो या राजनीति का मैदान, हार-जीत एक सामान्य प्रक्रिया है। सम्मानजनक तरीके से हारने पर ज्यादा फर्क नहीं पड़ता, लेकिन चुनाव में जमानत जब्त होना टीस देने वाला होता है। ऐसे लोगों को उपहास का पात्र बनाने का प्रयास किया जाता है।
ऐसे प्रत्याशियों को जमानत के पैसे जाने का उतना गम नहीं होता, जितनी मायूसी जमानत जब्त होने की घोषणा दे जाती है। आंकड़े प्रमाण हैं कि 1951 से 2019 तक के लोकसभा चुनावों में बिहार के 7,737 प्रत्याशियों को इस असहज स्थिति का सामना करना पड़ा है। इनमें निर्दलियों साथ-साथ राष्ट्रीय दलों के प्रत्याशी तक शामिल हैं।
1996 में सबसे ज्यादा प्रत्याशियों की जब्त हुई जमानतदेश के पहले चुनाव में संयुक्त बिहार के 67 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई थी। इनमें राष्ट्रीय एवं निर्दलीय लगभग बराबर संख्या में थे। राष्ट्रीय पार्टियों के 32 तो निर्दलीय 33 उम्मीदवार अपनी जमानत नहीं बचा पाए थे।
जैसे-जैसे लोकतंत्र मजबूत होता गया, लोगों को वोट का महत्व समझ आने लगा, जमानत नहीं बचा पाने वालों की संख्या भी बढ़ती चली गई।
1996 के चुनाव में रिकार्ड 1325 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी। यह संख्या अब तक हुए 17 लोकसभा चुनावों में सबसे ज्यादा थी। इनमें सबसे ज्यादा निर्दलीय 1,101 प्रत्याशी थे।
इसके बाद जमानत गंवाने वाले उम्मीदवारों की संख्या पांच सौ के आसपास रहती रही है। 1996 के चुनाव में ऐसे प्रत्याशियों की कुल संख्या 1,448 थी।
कब जब्त होती है जमानत?जब कोई उम्मीदवार चुनाव में खड़ा होता है, तो उसे चुनाव आयोग के पास तय राशि जमा करनी होती है। इसे ही जमानत राशि कहते हैं। हर चुनाव के लिए यह राशि अलग होती है।
लोकसभा चुनाव की बात करें तो 1951 में जमानत की राशि सामान्य वर्ग के लिए पांच सौ, अजा-अजजा के लिए ढाई सौ रुपये थी।
वह 2019 के चुनाव में क्रमश: 25 हजार एवं 12,500 रुपये हो गई। जब चुनाव में कुल पड़े वोट का 1/6 प्रतिशत उम्मीदवार को नहीं मिलता है तो उसकी जमानत जब्त हो जाती है। यह राशि राजकोष में जमा कर दी जाती है।
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बिहार की वो हॉट सीट जहां ओवैसी की पार्टी ने बढ़ाई कांग्रेस की टेंशन, क्या राहुल की रैली दिखा पाएगी कोई करिश्मा?
विकाश चन्द्र पाण्डेय, पटना। किशनगंज में कांग्रेस के मार्ग में एकमात्र अवरोध वोटों का भटकाव-बहकाव है। एआइएमआइएम की उपस्थिति से इसकी आशंका बढ़ गई है। राहुल गांधी का प्रयास इन आशंकाओं को निर्मूल करते हुए वहां कांग्रेस को लगातार चौथी जीत दिलाने का होगा।
यही कारण है कि उनकी जनसभा मतदान के कुछ ही दिन पहले होगी, ताकि मतदाताओं के कानों में उनका संवाद आखिरी क्षण तक गूंजता रहे।
अगर किशनगंज का दायित्व पूर्णतया राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को सौंप राहुल भागलपुर का रुख करते हैं, तो भी जनसभा के लिए मतदान के निकट की तिथि ही प्राथमिकता में होगी।
किशनगंज ने ही रखी थी महागठबंधन की लाजपिछली बार बिहार में एकमात्र किशनगंज ने ही महागठबंधन की लाज रखी थी। यही कारण है कि लालू प्रसाद ने बिना हीला-हुज्जत के यह सीट कांग्रेस के हवाले कर दी, अन्यथा उसकी परंपरागत दूसरी सीटों पर राजद ने अपनी दबंगई खूब दिखाई।
औरंगाबाद में निखिल कुमार तो मन मसोस कर रह गए, लेकिन पूर्णिया में पप्पू यादव नहीं माने। ऐसे में पूर्णिया में राहुल की जनसभा सहज नहीं होती। वहां जदयू छोड़ राजद में आई बीमा भारती त्रिकोणीय संघर्ष में बुरी तरह फंसी हैं।
अपनी भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान राहुल पूर्णिया में जनसभा कर भी चुके हैं, जिसमें महागठबंधन के दूसरे नेता भी मंचस्थ थे। पिछली बार बिहार में राहुल की चुनावी जनसभाओं की शुरुआत पूर्णिया से ही हुई थी।
रंगभूमि मैदान में 23 मार्च, 2019 को उन्होंने चुनावी सभा की थी। तब उदय सिंह वहां कांग्रेस के प्रत्याशी थे, जिन्हें दूसरे स्थान से संतोष करना पड़ा था।
कुछ वैसी ही जुटान न्याय यात्रा के क्रम में 30 जनवरी 2024 की जनसभा में भी हुई थी। ईडी के बुलावे के कारण लालू-तेजस्वी मंच पर नहीं आ सके, लिहाजा राजद के प्रतिनिधि के तौर पर अशफाक करीम पहुंचे थे।
इस बार कटिहार में लालू उन्हें निर्दलीय मैदान में उतरने के लिए उकसा रहे थे, जैसा कि अशफाक सार्वजनिक रूप से बता चुके हैं। कटिहार में कांग्रेस से पूर्व केंद्रीय मंत्री तारिक अनवर प्रत्याशी हैं।
अनुसूचित जाति से आने वाले खरगे बिरादरी विशेष के वोटों को बांधने का प्रयास करेंगे। परंपरागत रूप से सवर्णों के साथ अनुसूचित जाति व मुस्लिम वर्ग में कांग्रेस का जनाधार रहा है। इस बार उसे ही साधने का जतन है। इसी लिहाज से भागलपुर के मैदान में अजीत शर्मा को उतारा गया है।
किशनगंज के साथ कटिहार और भागलपुर में भी दूसरे चरण के तहत 26 अप्रैल को मतदान होना है। कांग्रेस को मिली नौ में से तीन सीटों पर इसी चरण में निर्णय हो जाएगा।
शेष छह सीटों के अभी प्रत्याशी घोषित नहीं हुए हैं। इन प्रत्याशियों के बारे में अंतिम निर्णय हो जाने के बाद किशनगंज में राहुल की जनसभा की तिथि घोषित होगी। वह तिथि 22 अप्रैल के निकट हो सकती है।
यह भी संभव है कि किशनगंज के साथ राहुल अपनी दूसरी जनसभा भागलपुर में करें। मंच साझा करने के लिए तेजस्वी यादव सहित महागठबंधन के दूसरे नेता आमंत्रित किए जा सकते हैं।
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छठी लोकसभा में सबसे कम उम्र के सांसद निर्वाचित हुए थे लालू प्रसाद, इस नेता को हराकर पहुंचे थे संसद
Bihar Politics: मिथिलांचल में किसे मिलेगा 'पचपनिया' का साथ? 40 प्रतिशत वोट के लिए NDA और महागठबंधन में सीधी टक्कर
दीनानाथ साहनी, पटना। मिथिलांचल में चौथे और पांचवें चरण में चुनाव है। इस बार भी पचपनिया को बड़ा फैक्टर माना जा रहा है। मिथिलांचल में छोटी जातियों के समूह पचपनिया (पचपन जातियों का समूह) कहा जाता है। पिछले चुनाव में राजग की जीत में इस समूह की निर्णायक भूमिका रही थी।
इस बार भी राजग मिथिलांचल में अपने परंपरागत समर्थकों के साथ पचपनिया को साधने में जुटा है। 40 प्रतिशत से अधिक इन जातियों के मतदाता आम तौर पर चुनाव के दौरान मौन साधकर रहते हैं, जबकि दबंग कही जाने वाली यहां की बड़ी जातियां अलग-अलग नेताओं एवं राजनीतिक दलों के समर्थन में खुल्लमखुल्ला रहती है। ऐसे में चुनाव के समय पचपनिया का महत्व बहुत अधिक हो जाता है
एनडीए और महागठबंधन के बीच होगा सीधा मुकाबलामिथिलांचल में सात लोकसभा सीटें हैं। इनमें दरभंगा, झंझारपुर, मधुबनी, सीतामढ़ी, उजियारपुर, सुपौल और मधेपुरा शामिल हैं। दिलचस्प यह है कि इन सीटों पर वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को जीत मिली थी। इस जीत में पचपनिया फैक्टर ने बड़ी भूमिका निभायी थी।
जाहिर है, मिथिलांचल की सभी सात सीटों पर इस बार भी जीत पक्की करने के लिए एनडीए जोर लगाये है। जबकि महागठबंधन मिथिलांचल की सीटों पर एनडीए की बढ़त रोकने का पूरा प्रयास में जुटा है।
इस बार मिथिलांचल में एनडीए और महागठबंधन के बीच सीधा मुकाबला देखना दिलचस्प रहेगा। इससे मिथिलांचल में सियासी हलचल तेज हो गई है।
खासकर, छोटी-छोटी जातियों के मतदाताओं को गोलबंद करने के लिए एनडीए विशेष मुहिम छेड़े हुए है। वहीं महागठबंधन भी उन जातियों के बीच सक्रिय है, क्योंकि हर चुनाव में अगड़ी जातियों, यादव व मुस्लिम समुदाय के मतदाताओं का रुख स्पष्ट रहता है।
माना जाता है कि छोटी-छोटी जातियों के समूह पचपनिया ही मौन साधे होते हैं। इसलिए इस समूह पर अपना दावा मजबूत करने के लिए उनकी बिरादरी के नेताओं को दोनों गठबंधन द्वारा तरजीह दी जा रही है।
2014 में चार सीटें जदयू और तीन सीटें भाजपा ने जीती थीमिथिलांचल में पचपनिया के बूते जदयू ने चार और भाजपा ने तीन सीटें जीती थीं। सीतामढ़ी सीट पर जदयू के सुनील कुमार पिंटू ने जीत दर्ज की थी। यहां से राजद के अर्जुन राय दूसरे स्थान पर थे।
सुपौल सीट पर जदयू के दिलेश्वर कामत जीते थे, जबकि दूसरे स्थान पर रंजीत रंजन रही थीं। मधेपुरा सीट से जदयू के दिनेश चंद्र यादव विजयी रहे थे। यहां पर राजद से शरद यादव दूसरे पर थे।
झंझारपुर में जदयू के रामप्रीत मंडल ने जीत दर्ज की थी। राजद के गुलाब यादव दूसरे स्थान रहे थे। भाजपा के गोपाल जी ठाकुर ने दरभंगा
सीट पर जीते थे, जबकि राजद के अब्दुल बारी सिद्दीकी दूसरे स्थान पर रहे थे। मधुबनी सीट पर भाजपा के अशोक कुमार यादव ने जीत दर्ज की थी। यहां विकासशील इंसान पार्टी के उम्मीदवार बद्री कुमार पूर्वे दूसरे स्थान पर रहे थे। उजियारपुर सीट पर भाजपा के नित्यानंद राय ने जीत दर्ज की थी। राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के उपेन्द्र कुशवाहा दूसरे स्थान पर रहे थे।
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Bihar Politics: 'नीतीश कुमार ने इसलिए छुए PM Modi के पैर...', लालू की बेटी मीसा भारती का बड़ा आरोप
डिजिटल डेस्क, पटना। Misa Bharti On Nitish Kumar राजद नेता और लालू यादव की बेटी मीसा भारती ने एक बार फिर नीतीश कुमार पर निशाना साधा है। दरअसल, नीतीश कुमार अब प्रधानमंत्री की किसी भी जनसभा में मंच पर नजर नहीं आएंगे। एनडीए ने हिस्से अपनी रणनीति बताया है। वहीं, विपक्ष इसको लेकर नीतीश कुमार पर हमलावर है।
पाटलिपुत्र से महागठबंधन प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहीं मीसा भारती ने बताया कि आखिर प्रधानमंत्री मोदी नीतीश कुमार के साथ रैली क्यों नहीं कर रहे?
'नीतीश को पीएम से माफी मांगनी पड़ी...'मीसा भारती ने कहा कि थोड़े दिनों पहले नीतीश कुमार ने 400 पार के नारे को 4000 पार बता दिया था, इसके बाद नीतीश कुमार को मोदी के पैर छूकर माफी मांगनी पड़ी थी। शायद यही कारण रहा होगा साथ में रैली ना करने का।
'प्रधानमंत्री मोदी को बताना चाहिए...'हालांकि, मीसा भारती ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और भारतीय जनता पार्टी व जदयू के नेताओं को यह बात बतानी चाहिए कि वह नीतीश कुमार के साथ रैली क्यों नहीं कर रहे। उन्होंने यह भी कहा कि ये उनका अंदरूनी मामला है।
मीसा भारती ने आगे कहा कि आज देश से पूछ रहा है कि मोदी जी ने 2014 और 2019 में जो वादा किया उसे क्यों नहीं पूरा किया। मोदी जी ने यहां आकर सिर्फ हमारे परिवार पर निशाना साधा, लेकिन रोजगार की बात नहीं की।
'मोबाइल चार्ज करने से रोजगार मिलेगा?'प्रधानमंत्री मोदी ने गया में रैली के दौरान कहा कि राजद के लोग बिहार को लालटेन युग में ले जाना चाहते हैं। लालटेन से मोबाइल चार्ज नहीं होता है। आज तो जमाना एलईडी का है। इस पर मीसा भारती ने पलटवार किया। मीसा ने कहा कि लोगों को मोबाइल क्यों चार्ज करना है, इससे क्या रोजगार मिलेगा?
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6 सीट पर 25 साल से एक ट्रेंड : हर चुनाव में नए दल को मौका, ललन सिंह और पप्पू यादव की पत्नी का एक जैसा रहा हाल
कुमार रजत, पटना। समाजवादी नेता राममनोहर लोहिया ने कहा था कि लोकतंत्र में सत्ता की रोटी पलटती रहनी चाहिए। बिहार में लोकसभा की आधा दर्जन सीटें ऐसी हैं, जहां जनता यह काम बखूबी कर रही है।
मुंगेर, सीतामढ़ी, सुपौल, जहानाबाद, झंझारपुर और बांका की लोकसभा सीटें ऐसी हैं, जहां पिछले 25 या उससे भी अधिक सालों से हर चुनाव में नए दल को विजयश्री मिल रही है।
एक बार जिस दल को मौका दे दिया, उसे अगले चुनाव में दोबारा मौका नहीं मिलता। अगर लगातार दूसरी बार जनता ने किसी सांसद को मौका दिया भी तो पार्टी बदल गई।
मुंगेर से 1989 से लगातार विजयी दल बदल रहे हैं। जनता दल के टिकट पर धनराज सिंह ने 89 में कांग्रेस से यह सीट छीनी। अगले चुनाव 1991 में भाकपा के ब्रह्मानंद मंडल जीते, अगले चुनाव में उन्हें दोबारा मौका मिला मगर समता पार्टी से। इसके बाद तो सांसद और दल दोनों बदलते रहे।
1998 में राजद के विजय कुमार यादव, 99 में जदयू से ब्रह्मानंद मंडल, 2004 में जयप्रकाश नारायण यादव, 2009 में जदयू से ललन सिंह, 2014 में लोजपा से वीणा देवी और 2019 में वापस जदयू से ललन सिंह सांसद बने। लगातार दूसरी बार मौका किसी दल को नहीं मिला।
झंझारपुर सीट पर 98 में राजद से सुरेंद्र प्रसाद यादव जीतेझंझारपुर सीट पर 98 में राजद से सुरेंद्र प्रसाद यादव, 99 में जदयू और 2004 में राजद से देवेंद्र प्रसाद यादव, 2009 में जदयू से मंगनी लाल मंडल, 2014 में भाजपा से बीरेंद्र कुमार चौधरी और 2019 में रामप्रीत मंडल जीतकर सांसद बने। इस बीच देवेंद्र प्रसाद को लगातार दो बार मौका तो मिला मगर अलग-अलग दलों से।
बांका सीट पर 1998 और 1999 में दिग्विजय सिंह सांसद रहे, मगर पहले समता पार्टी तो दूसरी बार जदयू से। इसके बाद 2004 में राजद के गिरधारी यादव को जीत मिली।
2009 में पहले दिग्विजय सिंह और बाद में उनके निधन वा पत्नी पुतुल कुमारी ने निर्दलीय चुनाव जीता। वहीं 2014 में राजद के जयप्रकाश नारायण यादव तो 2019 में जदयू के गिरधारी यादव को जीत मिली।
जहानाबाद सीट पर छह लोकसभा चुनावों से पार्टी और सांसद का चेहरा दोनों बदल रहा है। 98 में राजद के सुरेंद्र प्रसाद यादव, 99 में जदयू से अरुण कुमार, 2004 में राजद से गणेश प्रसाद सिंह, 2009 में जदयू से जगदीश शर्मा, 2014 में रालोसपा से अरुण कुमार और 2019 में जदयू से चंदेश्वर प्रसाद सांसद चुने गए।
सीतामढ़ी में जदयू-राजद को ही मौकासीतामढ़ी सीट पर पिछले छह लोकसभा चुनावों से बदल-बदल कर राजद और जदयू उम्मीदवारों को मौका मिला रहा है। 98 में राजद से सीताराम यादव, 99 में जदयू से नवकिशोर राय, 2004 में राजद से सीताराम यादव, 2009 में जदयू से अर्जुन राय, 2014 में रालोसपा से रामकुमार शर्मा और 2019 में जदयू से सुनील कुमार पिंटू को सांसद चुना गया।
सुपौल में पिछली तीन बार से तीन दलों को मौका मिला है। वर्ष 2009 में जदयू के विश्वमोहन कुमार, 2014 में कांग्रेस की रंजीत रंजन और 2019 में जदयू के दिलेश्वर कामत यहां से सांसद चुने गए।
इसके पहले यह सीट सहरसा के नाम से थी। इस दौरान 84 से 96 तक जनता दल का कब्जा रहा। 98 में राजद के अनूप लाल यादव, 99 में जदयू के दिनेश चंद्र यादव और 2004 में लोजपा के टिकट पर रंजीत रंजन सासंद रहीं।
छह सीटों पर जदयू सांसद, इस बार जीते तो टूटेगा ट्रेंडयह संयोग है कि इस ट्रेंड की सभी छह सीटें जदयू के खाते में हैं। इस बार जदयू ने पांच सीटों से विजयी सांसदों को ही दोबारा मौका दिया है। सिर्फ सीतामढ़ी में चेहरा बदला है।
यहां सुनील कुमार पिंटू की जगह देवेश चंद्र ठाकुर को टिकट दिया गया है। अगर जदयू छह सीटों पर इस बार भी जीत दर्ज करती है, तो पार्टी बदलने का ट्रेंड टूट जाएगा।
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राज्य ब्यूरो, पटना। लोकसभा चुनाव में टिकट वितरण में गड़बड़ी का आरोप लगाने वाले राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेंद्र प्रसाद यादव ने बुधवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्याग पत्र दे दिया है।
पार्टी अध्यक्ष लालू प्रसाद को लिखे पत्र में यादव ने कहा कि राजद की नीति से वे सहमत नहीं रह गए हैं। राजद में केवल राज के लिए नीति चल रही है। जबकि राज और नीति में सामंजस्य जरूरी है। सिद्धांत के बिना राजनीति का मतलब आत्मा के बिना शरीर है।
उनकी बड़ी नाराजगी झंझारपुर लोकसभा क्षेत्र से भाजपा के पूर्व विधान पार्षद सुमन महासेठ को महागठबंधन का उम्मीदवार बनाने को लेकर है।
'झंझारपुर से यदि किसी...'उन्होंने कहा कि झंझारपुर से यदि किसी समाजवादी विचारधारा वाले कार्यकर्ता को उम्मीदवार बनाया जाता तो आसान जीत मिल सकती थी। सिर्फ झंझारपुर ही नहीं, छह-सात अन्य लोकसभा सीटों पर भी उम्मीदवारों का आयात किया गया। इन सभी सीटों पर पार्टी के कार्यकर्ताओं को उम्मीदवार बनाया जाता तो उन्हें कोई शिकायत नहीं थी।
यादव ने कहा कि अपने कार्यकर्ताओं के बदले सांप्रदायिक सोच वाले किसी व्यक्ति को झंझारपुर से उम्मीदवार बनाने की घटना से वह बुरी तरह आहत हुए हैं। मेरी अंतरात्मा कह रही है कि राजद में एक क्षण भी नहीं रहना चाहिए।
पांच बार सांसद रह चुके देवेंद्र यादवदेवेंद्र प्रसाद यादव झंझारपुर से पांच बार सांसद रह चुके हैं। उन्होंने कहा कि झंझारपुर समाजवादियों की धरती है। इस धरती की सांप्रदायिक ताकतों के हाथों नीलामी वह बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं।
उन्होंने लिखा- मैं अपनी राजनीति कर्म व जन्म भूमि तथा झंझारपुर की समाजवादी धरती के साथ छल नहीं कर सकता।
मालूम हो कि देवेंद्र प्रसाद यादव 1989, 1991 एवं 1996 में एकीकृत जनता दल, 1999 में जदयू ओर 2004 में राजद टिकट पर झंझारपुर से सांसद रह चुके हैं। वे एचडी देवेगौड़ा की सरकार मे केंद्रीय खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री थे। बीच में उन्होंने समाजादी जनता दल डेमोक्रेटिक का गठन किया था, जिसका राजद में विलय हो गया था।
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Election in Patna: पटना में होगा जीरो वेस्ट इलेक्शन, बिहार में पहली बार दिखेगा यह नजारा; लगी अंतिम मुहर
मृत्युंजय मानी, पटना। Patna News: पटना नगर निगम जीरो वेस्ट इलेक्शन कराएगा। लोकसभा चुनाव में निगम क्षेत्र के 75 वार्डों में पड़ने वाले 659 भवनों में 1621 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। सभी मतदान केंद्रों पर निगम कर्मी तैनात रहेंगे। यहां सूखे और गीले कचरे के लिए अलग-अलग डस्टबिन होगा। सफाई एक्सप्रेस सभी केंद्रों के लिए चलाई जाएंगी। मतदान केंद्रों के आसपास साफ सफाई रखी जाएगी।
पटना में एक जून को होना है मतदानपटना नगर निगम क्षेत्र में एक जून को मतदान होना है। कई मतदान केंद्रों के पास चकाचक पटना, चकाचक चुनाव लिखा सेल्फी प्वाइंट भी बनाया जाएगा। नगर निगम जीरो वेस्ट मेला का आयोजन करा चुका है। सरस मेला, बिहार दिवस, गुरू गोविंद सिंह जयंती समारोह का आयोजन सफलतापूर्वक कर चुका है। अब जीरो वेस्ट इलेक्शन लोकसभा चुनाव कराने जा रहा है। नगर आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर की अध्यक्षता में जीरो वेस्ट इलेक्शन कराने की रणनीति पर अंतिम मुहर लग चुकी है।
अब तक बिहार में किसी निगम ने ऐसा चुनाव नहीं करायामतगणना केंद्र एएन कालेज में बनाया गया है। यहां पटना साहिब और पाटलिपुत्र यानी दो लोकसभा क्षेत्र का मतगणना होगा। यहां पर कचरा प्रोसेसिंग यूनिट लगेगी। यहां उत्पन्न होने वाले कचरे की प्रोसिंग की व्यवस्था रहेगी। सभी कर्मियों को इस कार्य को सफल बनाने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। नगर आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर का कहना है कि जीरो वेस्ट इलेक्शन देश में पहली बार पटना नगर निगम निगम कराने जा रहा है। अब तक कोई भी निगम ऐसा चुनाव नहीं कराया है।
इसका मुख्य उदेश्य है कि लोग कचरा अलग-अलग संग्रह की आदत डालें। मतदान केंद्रों के आसपास स्वच्छ वातावरण कायम रहेगा। आसपास में किसी प्रकार का कचरा नहीं दिखाई देगा। चुनाव को नगर निगम गणतंत्र महोत्सव के रूप में मनाने जा रहा है। पटना नगर निगम का कार्य है शहर को चकारचक रखना। एक जून को पटना शहर चकाचक पटना के बीच लोकतंत्र का महापर्व मनाएगा।
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करोड़पति पत्नी की हत्या के लिए पति ने दी सुपारी, घर में घुसकर अपराधियों ने दाग दी सात गोलियां; एक गिरफ्तार
संवाद सूत्र, फुलवारीशरीफ (पटना)। परसा बाजार थाना के महुली में मंगलवार को बाइक सवार चार अपराधियों ने एक महिला की हत्या के इरादे से एक घर में घुसकर जमकर फायरिंग की। खतरा भांप महिला ने स्वयं को एक कमरे में बंद कर लिया, जिससे उसकी जान बच सकी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने भाग रहे अपराधियों में से एक को पीछा कर पकड़ लिया।
पति ने दी थी पत्नी की हत्या की सुपारीपूछताछ में उसने बताया कि महिला की हत्या की सुपारी उसके पति ने ही दी थी। पुलिस तीन अन्य अपराधियों के साथ साजिश कर्ता पति की तलाश कर रही है। बताया गया कि पति को शक है कि उसकी पत्नी का किसी अन्य से प्रेम संबंध है।
वहीं पत्नी का आरोप है कि उसके पति का किसी दूसरी लड़की से चक्कर है। इसी आरोप-प्रत्यारोप को लेकर दोनों अलग-अलग रह रहे हैं। दोनों के तीन बच्चे हैं। पत्नी के नाम करोड़ों की संपत्ति है। इस कारण पति उसकी हत्या कर संपत्ति पर अपना अधिकार जमाना चाहता है।
अपराधियों ने चलाई सात गोलियांमहिला पिंकी देवी का मायका पटना सिटी है। जबकि पति पटना का राजेन्द्र नगर निवासी शंकर प्रसाद है। पिंकी इन दिनों परसा बाजार थाना के महुली गांव में किराए का घर लेकर रहती है, जबकि तीनों बच्चे नानी के पास पटना सिटी में रहते हैं। परसा बाजार थाना अध्यक्ष मेनका रानी ने बताया कि शंकर ने पटना सिटी के चौक थाना के अपराधियों को पत्नी की हत्या की सुपारी दी थी। चार अपराधी पिंकी की हत्या के लिए महुली पहुंचे थे।
अपराधियों ने सात गोलियां चलाईं और दरवाजा तोड़ने का प्रयास किया, परंतु दरवाजा नहीं टूटा। पुलिस ने एक अपराधी सूरज को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उसने सारी जानकारी दी। थाना अध्यक्ष ने बताया कि पिंकी के पति और फरार तीन अपराधियों की तलाश की जा रही है। पुलिस ने मौके से सात खोखा और एक कारतूस बरामद किया है।
पति की हत्या के लिए पत्नी ने दी सुपारीइधर रानीतालाब थाना के पतुत में सीमेंट व्यवसायी ओंकार सिंह की हत्या मामले का पुलिस ने उद्भेदन कर लिया है। इस मामले में शार्प शूटर शुभम कुमार सहित कारोबारी की पत्नी रानी देवी को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। पुलिस द्वारा पूछताछ के दौरान ओंकार सिंह की पत्नी रानी देवी ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है।
रानी देवी ने हत्या में शामिल शूटर का नाम शुभम बताया। गौरतलब है कि शुभम खड़ागपुरा का रहने वाला है। पुलिस ने उसे भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। ओंकार सिंह के परिवार वालों के अनुसार रानी देवी का कुछ लोगों के साथ गलत संबंध था, जिसको लेकर वह उस पर निगरानी रखते थे।
इस संबंध में रानीतालाब थानाध्यक्ष दुर्गेश कुमार गहलोत ने बताया कि रानी से पूछताछ के बाद पता चला कि वह अपने पति के व्यवहार से नाराज चल रही थी। उसे रास्ते से हटाने के लिए एक लाख में शुभम को सुपारी दी थी।
शुभम ने ओंकार की गोली मारकर हत्या कर दी थी। पूछताछ में दोनों ने अपना अपराध स्वीकार किया है।थानाध्यक्ष ने बताया कि इस मामले में फरार अभियुक्त भतीजा अंकित कुमार भी कोर्ट में सिलेंडर कर दिया है।
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