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बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने की घोषणा, 26 से अभियान चला पंचायतों में बनेगा आयुष्मान कार्ड
जागरण संवाददाता, पटना। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वप्न है कि हर गरीब तक उच्च गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचें। इसके लिए 23 सितंबर 2018 में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना शुरू की गई। उस समय प्रदेश के 1.21 करोड़ परिवारों के 5.5 करोड़ लोग लाभार्थी थे।
मुख्यमंत्री नीतीश से इसका दायरा बढ़ाने का आग्रहइसकी उपयोगिता को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इसका दायरा बढ़ाने का आग्रह किया। उनके मार्गदर्शन में गरीबों-वंचितों तक इसका लाभ पहुंचाने के लिए हर राशन कार्डधारी के लिए मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना शुरू की गई। इसके बाद लाभार्थी परिवारों की संख्या 1.79 करोड़ व लाभुकों की संख्या 8.50 करोड़ से अधिक हो गई।
प्रदेश में 3.75 करोड़ के पास आयुष्मान कार्डयह कुल आबादी का करीब 62 प्रतिशत है। अब तक प्रदेश में 3.75 करोड़ लोगों के आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं। इसके अलावा 70 वर्ष से अधिक उम्र के सभी आयवर्ग के लोगों को पांच लाख तक के निशुल्क उपचार सुविधा को वय वंदना आयुष्मान योजना शुरू की गई। इसके तहत 2 लाख 32 हजार आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं। सरकार सभी लाभार्थियों का आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए 26, 27 व 28 मई को पंचायत स्तर पर विशेष अभियान चलाने जा रही है। मुख्य सचिव ने इसके लिए सभी जिलाधिकारियों से लेकर बीडीओ तक को इसे सफल बनाने के निर्देश दिए हैं।
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने मंगलवार को बिहार स्वास्थ्य सुरक्षा समिति द्वारा आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना एवं मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना में नव सूचीबद्ध 68 निजी अस्पतालों की उन्मुखीकरण कार्यशाला में ये बातें कहीं।
कोई खुशी से अस्पताल नहीं आता...स्वास्थ्य विभाग के सचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा कि इस यूनिवर्सल हेल्थ स्कीम से निजी अस्पतालों का बिजनेस तो बढ़ता है पर उन्हें लाभार्थी का ध्यान रखना चाहिए। कोई खुशी से अस्पताल नहीं आता है। ऐसे में गरीब-वंचितों की इस योजना में धोखाधड़ी नहीं की जानी चाहिए। इसकी जरूरत भी नहीं है क्योंकि हर उपचार के लिए पैकेज तय है और कोई भी आखिर में कुछ भी अपने साथ लेकर नहीं जाता।
बिहार स्वास्थ्य सुरक्षा समिति के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी शशांक शेखर सिन्हा ने आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के माध्यम से सभी लाभार्थियों को निशुल्क, सुलभ व गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के महत्व को दोहराया।
कई अधिकारी रहे मौजूदमौके पर राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक सुहर्ष भगत, अपर सचिव डा. आदित्य प्रकाश, स्वास्थ्य मंत्री के आप्त सचिव अमिताभ सिंह, राज्य स्वास्थ्य समिति के प्रशासनिक पदाधिकारी राजेश कुमार, स्वास्थ्य सुरक्षा समिति के प्रशासी पदाधिकारी शैलेश चंद्र दिवाकर, डायरेक्टर आपरेशन आलोक रंजन, रीतेश मिश्रा, आइजीआइएमएस के निदेशक प्रो. डा. बिंदे कुमार, आइजीआइसी के निदेशक डा. सुनील कुमार, डा. अमिताभ आदि मौजूद थे।
जल्द देश में दूसरे नंबर पर होंगे कार्ड बनाने मेंस्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि आयुष्मान योजना में अब तक प्रदेश के 587 निजी व 586 सरकारी समेत कुल 1173 अस्पताल सूचीबद्ध हो चुके हैं। छह वर्षों में योजना के तहत 20.5 लाख लोगों का इलाज हुआ, जिस पर 2670 करोड़ रुपये खर्च हुए। वित्तीय वर्ष 2024-25 में ही 1000 करोड़ रुपये गरीबों के उपचार में खर्च किए गए। अब तक 3.75 करोड़ आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं, जिसमें से 2.8 करोड़ कार्ड गत 14 माह में बने।
बिहार आयुष्मान कार्ड बनाने में देश में तीसरे स्थान परबिहार आयुष्मान कार्ड बनाने में देश में तीसरे स्थान पर है। अत्यधिक जनसंख्या के कारण उत्तर प्रदेश नंबर वन रहेगा लेकिन बहुत जल्द हम दूसरा नंबर हासिल कर लेंगे। उन्होंने नए सूचीबद्ध 68 अस्पतालों से अपील की कि वे योजना के हर पहलू को समझें और अपने अस्पतालों में उन्मुखीकरण सत्र आयोजित कर स्टाफ को भी इसकी बारीकियां समझाएं।
70 वर्ष के कुल 2.33 लाख लाभुकों का आयुष्मान वय वंदना कार्डनिशुल्क उपचार की बात कर उन्हें हीन नहीं दिखाएं, उनकी सेवा कर खुद को उपकृत समझें। अबतक 70 वर्ष से अधिक उम्र के कुल 2.33 लाख लाभुकों का आयुष्मान वय वंदना कार्ड बन चुका है। देश में 29 हजार अस्पताल सूचीबद्ध हैं जहां आयुष्मान कार्ड पर मुफ्त इलाज होता है।
Patna Mock Drill: एके-47 लेकर पीएंडएम मॉल में घुसे आतंकियों ने पटके दो बम, एटीएस ने मार गिराया
जागरण संवाददाता, पटना। दिन-मंगलवार। दोपहर के करीब 12 बजे होंगे। पीएंडएम मॉल में अचानक दो धमाके हुए और हड़कंप मच गया। मॉलूम हुआ कि चार की संख्या में आतंकी एके-47 और एके-56 लेकर मॉल में दाखिल हो गए और उन्होंने तीसरी मंजिल पर रहे पांच लोगों को बंधक बना लिया।
चंद मिनटों में एटीएस की स्वॉट के जवान आधुनिक हथियारों से लैस होकर पहुंचे। स्वान दस्ता और बम निरोधी दस्ता की टीमें भी थीं। चार घंटे तक अफरातफरी मची रही। जवानों ने सभी आतंकियों को मार गिराया, तब पता चला कि मॉकड्रिल थी।
देशभर में की जा रही मॉकड्रिलदरअसल, देशभर में आतंकी हमलों से बचाव और सुरक्षा को लेकर धार्मिक स्थानों और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में मॉकड्रिल की जा रही है। इसी कड़ी में मंगलवार को पाटलिपुत्र-कुर्जी रोड स्थित पीएंडएम मॉल का चयन किया गया था। इसमें मॉकड्रिल के साथ सुरक्षाकर्मियों को आपदा की स्थिति से निपटने की जानकारी दी गई।
एटीएस ने वहां की सुरक्षा व्यवस्था की भी जांच की। मॉकड्रिल के तहत एटीएस के जवान आतंकी के वेश में एके-47, एके-56 और हैंडग्रेनेड लेकर पीएंडएम में घुसे थे।
आतंकियों ने दुकानदार समेत ग्राहकों को बनाया बंधकउन्होंने अंदर जाते ही बम पटका और एक्सक्लेटर से ऊपर गए, जहां तीसरी मंजिल पर स्थित फूड कोर्ट में दुकानदार और ग्राहक समेत पांच लोगों को बंधक बना लिया। वहां मौजूद लोग खाना छोड़ कर भागने लगे। मॉल का अलार्म बजते ही आधे घंटे के भीतर पूरे परिसर को खाली करा दिया गया था।
एटीएस के जवान कुर्जी मोड़ से पैदल मार्च करते हुए मॉल में पहुंचे थे। वे पीछे के रास्ते से मॉल में दाखिल हुए। जवानों को देख कर आतंकी एक्सलेटर से नीचे उतरने लगे। एटीएस की टीम बुलेटप्रूफ जैकेट से लैस थी। जवानों ने पोजिशन लिया और दोनों ओर से फायरिंग शुरू हुई। इसके बाद आतंकियों को ढेर कर दिया गया।
जवानों ने बंधक बने लोगों को भी छुड़ा लिया। वहां पहुंचे ग्राहकों को माकड्रिल की जानकारी नहीं थी। लिहाजा, वे सामान छोड़कर भागने लगे। कुछ बच्चे और महिलाएं रोने लगे थे, जिन्हें तुरंत बता दिया गया कि यह मॉकड्रिल है।
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बिहार के खजाने पर पहला अधिकार किसका? कई मंत्रियों की मौजूदगी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद बताया
राज्य ब्यूरो, पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को सचिवालय स्थित सभाकक्ष में संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ के पूर्व की तैयारियों की समीक्षा की। इस क्रम में उन्होंने अधिकारियों को यह निर्देश दिया कि इस माह के अंत तक बाढ़ एवं सुखाड़ की तैयारियों को पूरा कर लिया जाए।
राज्य के खजाने पर पहला अधिकार आपदा पीड़ितोंजिलाधिकारी तथा विभागीय पदाधिकारी क्षेत्र में जाकर स्थिति का आकलन करें। लोगों से बात कर समस्याओं का समाधान करें। मुख्यमंत्री ने पुन: यह दाेहराया कि राज्य के खजाने पर पहला अधिकार आपदा पीड़ितों का है। सभी संबद्ध विभाग और अधिकारी सतर्क रहें।
क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत समय पर की जाएमुख्यमंत्री ने कहा कि सभी क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत समय पर की जाए। उन्होंने कहा कि नदी के तटबंधों की सुरक्षा की पूरी तैयारी रखें ताकि कहीं भी तटबंध टूटने की घटना नहीं हो। बाढ़ की स्थिति मे लोगों के ईलाज के लिए आवश्यक व्यवस्था की जाए। पीने के पानी की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए।
किसानों की सहायता के लिए पूरी तैयारी करेंबाढ़ एवं सुखाड़ में फसल क्षति की स्थिति में किसानों की सहायता के लिए पूरी तैयारी कर ली जाए। आपदा प्रबंधन विभाग लगातार तैयारियाें की मानीटरिंग करे ताकि लोगों को किसी तरह की समस्या नहीं हो।
2007 में बाढ़ से 2.5 करोड़ लोग हुए थे प्रभावितमुख्यमंत्री ने कहा कि नवंबर 2005 में हमलोगों की सरकार बनने के बाद आपदा प्रबंधन के तहत आपदा पीड़िताें को शीघ्र सहायता उपलब्ध कराने के लिए गंभीरता से काम किया गया। वर्ष 2007 में जो बाढ़ आयी थी उसमें 22 जिलों के लगभग 2.5 करोड़ लोग प्रभावित हुए थे।
2008 में कोसी त्रासदी में 34 लाख हुए परेशानप्रभावित लोगाें के बीच तब बड़े पैमाने पर राहत कार्य चलाया गया। वर्ष 2008 में कोसी त्रासदी के दौरान पांच जिले में 34 लाख लोग प्रभावित हुए थे। इन्हें राहत पहुंचाने का काम बड़े स्तर पर किया गया। साथ ही विश्व बैंक से कर्ज लेकर राहत एवं पुनर्वास का काम किया गया। बाढ़ एवं अन्य आपदाओं में मरने वाले व्यक्तियों के आश्रितों को चार लाख रुपए का अनुदान देने की व्यवस्था की गयी।
वर्षापात पूर्वानुमान के संबंध में ली जानकारीमुख्यमंत्री की बैठक में विकास आयुक्त सह आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने बिहार मौसम सेवा केंद्र द्वारा वर्ष 2025 के लिए वर्षापात पूर्वानुमान के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस वर्ष जून में सामान्य से कम वर्षापात होगी।
जुलाई, अगस्त एवं सितंबर में सामान्य वर्षापातजुलाई, अगस्त एवं सितंबर में सामान्य वर्षापात की संभावना है। विकास आयुक्त ने बताया कि मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ पूर्व की सभी आवश्यक तैयारी चल रही है। जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल ने भी अपने विभाग के स्तर पर की गयी तैयारियों का ब्योरा दिया।
बैठक मेंं मौजूद रहे कई मंत्रीउप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा, जल संसाधन मंत्री विजय चौधरी, ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री रेणु देवी, पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन, लघु जल संसाधन मंत्री संतोष कुमार सुमन, आपदा प्रबंधन मंत्री विजय कुमार मंडल, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डा. उदय कांत, मुख्ममंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार व मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा तथा कई विभागों के अपर मुख्य सचिव व प्रधान सचिव इस मौके पर मौजूद थे। सभी जिलों के डीएम व एसपी बैठक में वीडियो कांफ्रेंसिंग से जुड़े थे।
Bihar Politics: 'गिरिराज सिंह सबसे बड़े पाकिस्तान-परस्त', गुस्से-गुस्से में ये क्या बोल गए राजद सांसद
राज्य ब्यूरो, पटना। भारतीय सैनिकों और आतंक के विरुद्ध सैन्य कार्रवाई की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए मंगलवार को राजद के राष्ट्रीय मुख्य प्रवक्ता मनोज झा सेना के साथ अर्द्धसैनिक बलों के हित मेंं मुखर रहे। केंद्र सरकार से उन्होंने मांग की कि बलिदान होने पर अर्द्धसैनिक बल के जवानों के लिए भी सैनिकों की तरह बलिदानी का दर्जा और सुविधाएं दी जाएं। इ
सके लिए तेजस्वी यादव ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र भी लिखा है। सामूहिक सोच को महत्व दिए जाने की आकांक्षा के साथ उन्होंने बयानों के आधार पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को सबसे बड़ा पाकिस्तान-परस्त बताया।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान वस्तुत: एकांगी सोच है। ऐसी सोच वाला व्यक्ति पाकिस्तान-परस्त ही कहा जाएगा। गिरिराज की सोच भी एकांगी है।
'अर्द्धसैनिक बल के शहीदों को बैटल कैजुअल्टी माना जाए'झा ने कहा कि तेजस्वी के पत्र का एक महत्वपूर्ण पक्ष भी है। युद्धजनित कारणों से कई बार कालांतर में मृत्यु होती है। उसको भी बलिदान माना जाए।
झा ने यह भी कहा कि अर्द्धसैनिक बल के शहीदों को भी बैटल कैजुअल्टी घोषित किया जाए। जिससे उन्हें और उनके परिवार को समान लाभ एवं मुआवजा मिल सके। नेशनल वॉर मेमोरियल में भी अर्द्धसैनिक बलों के बलिदानियों के नाम दर्ज किए जाएं।
प्रेस-वार्ता में अजय कुमार सिंह, जयंत जिज्ञासु, अरुण कुमार यादव, प्रमोद कुमार सिन्हा और सारिका पासवान आदि की उपस्थिति रही।
'बिहार में चूहे डायनासोर हो गए'एनएमसीएच में मरीज के पैरों की अंगुलियां चूहोंं ने कुतर दी। इस पर झा ने कहा कि बिहार में चूहे डायनासोर हो गए हैं, क्योंकि सरकार नामक कोई व्यवस्था नहीं। राज्य में भ्रष्टाचार के चरम पर पहुंचने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि महागठबंधन की सरकार बनी तो पाई-पाई का हिसाब लिया जाएगा।
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Bihar Politics: 'अमंगलकारी स्वास्थ्य मंत्री हैं मंगल पांडेय', तेजस्वी बोले- पूरी व्यवस्था को कर दिया बदहाल
राज्य ब्यूरो, पटना। पटना स्थित नालंदा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (एनएमसीएच) में भर्ती दिव्यांग मरीज के एक पैर की सभी अंगुलियों को चूहों ने कुतर दिया।
गैंगरीन के कारण मरीज का एक पैर पहले की काट दिया गया था और दूसरा पैर संवेदन-शून्य हो गया था। ऐसे में मरीज के सोते समय चूहों की बन आई।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव इस पूरे प्रकरण को व्यवस्था के विफल होने का प्रमाण बता रहे। मंगलवार को बयान जारी कर तेजस्वी ने कहा कि एनएमसीएच में ही पिछले महीनों एक मृतक की आंख को चूहों ने कुतर दिया था, लेकिन किसी पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
तेजस्वी यादव ने कहा कि अंदरखाने आरएसएस-भाजपा के मुख्यमंत्री प्रत्याशी बनकर इतराते हुए घूम रहे अमंगलकारी स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने हमारे द्वारा 17 महीने के कार्यकाल में दिन-रात मेहनत कर सुधारी-संवारी गई स्वास्थ्य व्यवस्था को फिर से बदहाल कर दिया है।
अब स्वास्थ्य विभाग फिर से दुर्गति के पथ पर है। जो विभाग अपने अस्पतालों में साफ-सफाई और सुरक्षा तक की व्यवस्था नहीं कर पाता, जहां अच्छा-भला आदमी बीमार हो जाए, वह मरीजों की क्या चिकित्सा करेगा? मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को प्रेजेंटेशन दिखा बता दिया जाएगा कि मरीज की अंगुलियां चूहे ने नहीं, बल्कि करोड़ों की अत्याधुनिक रोबोटिक मशीन द्वारा उसके ऑपरेशन के जरिए कुतरी गई हैं।
फिर मुख्यमंत्री बोलेंगे कि 2005 से पहले ई सब होता था जी! उल्लेखनीय है कि उप मुख्यमंत्री रहते तेजस्वी के पास जिन प्रमुख विभागों का दायित्व था, उनमें एक स्वास्थ्य विभाग भी था।
सीएम नीतीश कुमार की सौगात, 1002 करोड़ रुपए की 1327 योजनाओं का किया शिलान्यास
डिजिटल टीम, पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को बिहार शहरी आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड द्वारा कार्यान्वित मुख्यमंत्री समग्र शहरी विकास योजना के अंतर्गत 1002 करोड़ रुपए की लागत की 1327 योजनाओं का रिमोट के माध्यम से शिलान्यास किया। इस अवसर पर पटना के गांधी मैदान स्थित इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने पटना स्मार्ट सिटी परियोजना अंतर्गत ड्रेनेज पंपिंग स्टेशन के एकीकरण एवं स्वचालन योजना का भी बटन दबाकर उद्घाटन किया। इस एकीकरण योजना के प्रारंभ होने से पटना शहर अंतर्गत जलनिकासी हेतु बने ड्रेनेज पम्पिंग स्टेशनों की निगरानी कंट्रोल रूम से की जा सकेगी।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री के समक्ष नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा तैयार की गई लघु फिल्म प्रदर्शित की गई। मुख्यमंत्री ने विकास योजनाओं पर आधारित मुख्यमंत्री समग्र शहरी विकास योजना के विवरणिका का विमोचन किया।
कार्यक्रम में नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव अभय कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री को पुष्प गुच्छ भेंटकर स्वागत किया। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री को नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव अभय कुमार सिंह तथा पटना नगर निगम के आयुक्त अनिमेष पराशर ने योजनाओं के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।
नगर विकास एवं आवास विभाग, बिहार सरकार द्वारा शहरी क्षेत्रों में विकास को तीव्रता प्रदान करने हेतु जुलाई, 2024 में मुख्यमंत्री समग्र शहरी विकास योजना कार्यान्वित की गयी है। इसके अंतर्गत राज्य के शहरी क्षेत्रों में आधारभूत संरचनाओं का विकास यथा जलनिकासी की व्यवस्था, सड़कों का निर्माण एवं जीर्णोद्धार, पार्कों का निर्माण, तालाबों/ घाटों का निर्माण एवं सौन्दर्गीकरण जैसी योजनाएं शामिल हैं। योजनाओं की प्राथमिकता के निर्धारण हेतु संबंधित जिला के प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में जिलास्तरीय संचालन समिति का गठन किया गया है। चयनित योजनाओं के कार्यान्वयन हेतु बुडको को कार्य एजेंसी बनाया गया है।
2024-25 में कुल 400 करोड़ रुपये की राशि सभी जिलों को नगर निकायों की जनसंख्या के आधार पर आवंटित किया जा चुका है। राज्य के सभी 38 जिलों में कुल 1 हजार 327 योजनाओं का चयन किया गया है जिसकी प्राक्कलित राशि लगभग 1002 करोड़ रूपये है। इसके अंतर्गत अब तक उत्तर बिहार के लिए कुल 624 योजनाओं की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान कर दी गयी है जिनमें सड़क निर्माण हेतु 211, नाला निर्माण हेतु 97, सड़क-सह-नाला निर्माण हेतु 215, पार्क निर्माण हेतु 8, स्ट्रीट लाईट हेतु 56 एवं अन्य 37 योजनाएं शामिल हैं। इसी प्रकार दक्षिण बिहार के लिए कुल 703 योजनाओं की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान कर दी गयी हैं जिनमें सड़क निर्माण हेतु 199, नाला निर्माण हेतु 84, सड़क-सह-नाला निर्माण हेतु 317, पार्क निर्माण हेतु 10, स्ट्रीट लाईट हेतु 26 एवं अन्य 67 योजनाएँ शामिल हैं।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा, जल संसाधन सह संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, नगर विकास एवं आवास मंत्री जिवेश कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा, विकास आयुक्त प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के सचिव कुमार रवि, पटना प्रमंडल के आयुक्त मयंक बरबड़े, जिलाधिकारी डॉ चन्द्रशेखर सिंह, वरीय पुलिस अधीक्षक अवकाश कुमार सहित नगर विकास विभाग के अन्य वरीय पदाधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे, जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विभिन्न जिलों के प्रभारी मंत्री एवं जिलाधिकारी जुड़े हुये थे।
BPSC Bharti 2025: बिहार में 7279 विशेष शिक्षकों की होगी नियुक्ति, आयु सीमा में 10 वर्ष की छूट
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के सरकारी प्रारंभिक विद्यालयों में 7,279 विशेष शिक्षकों की नियुक्ति (Bihar Teacher Bharti 2025) होगी। इनमें पहली से पांचवीं कक्षा के 5,534 तथा छठी से आठवीं के 1,745 शिक्षक नियुक्त किए जाएंगे।
इच्छुक अर्हत्ताधारी अभ्यर्थियों को प्रथम समव्यवहार में अधिकतम आयु सीमा में 10 वर्षों की छूट देय होगी। विशेष शिक्षकों की नियुक्ति बिहार लोक सेवा आयोग के माध्यम से होगी।
प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने बीपीएससी को भेजा लेटरइस संबंध प्राथमिक शिक्षा निदेशक साहिला ने बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) के सचिव को पत्र भेजा है। यह पत्र आयोग द्वारा मांगी गयी जानकारी के आलोक में भेजा गया है।
अधिकतम आयु सीमा में 10 वर्षों की छूटपत्र में कहा गया है कि प्रारंभिक शिक्षा अंतर्गत विशेष विद्यालय अध्यापक की नियुक्ति का यह प्रथम समव्यवहार है। प्रथम समव्यवहार में पहली से पांचवीं एवं छठी से आठवीं कक्षा के विशेष शिक्षकों की नियुक्ति में इच्छुक अर्हताधारियों को अधिकतम आयु सीमा में 10 वर्षों की छूट देय होगी।
नियुक्ति के लिए मान्यतापत्र में बिहार लोक सेवा आयोग से संबंधित शिक्षकों के पदों पर नियुक्ति की कार्रवाई करने को कहा गया है। पत्र के मुताबिक, विशेष शिक्षकों की नियुक्ति में बिहार विशेष विद्यालय अध्यापक पात्रता परीक्षा-2023 ही मान्य होगी।
अभ्यर्थियों को नियुक्ति हेतु आवेदन करते समय भारतीय पुनर्वास परिषद द्वारा प्रदत्त वैध सीआरआर नंबर एवं एतद संबंधी प्रमाण संलग्न करना अनिवार्य होगा।
विशेष विद्यालय अध्यापक भर्ती परीक्षा में इच्छुक पात्र अभ्यर्थी दिव्यांगता की नौ श्रेणी में से एक से अधिक दिव्यांगता की श्रेणी में विशेष विद्यालय अध्यापक पद के लिए आवेदन कर सकते हैं।
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Railway: मुजफ्फरपुर-आनंद विहार स्पेशल ट्रेन का रूट चार्ट जारी, पटना से सफर करने वाले यात्री पढ़ लें जरूरी सूचना
जागरण संवाददाता, पटना। भारतीय रेलवे की ओर मुजफ्फरपुर से आनंद विहार के लिए, दिल्ली से दरभंगा के लिए, नई दिल्ली से सहरसा के लिए, एवं उधना से गया के लिए एक-एक जोड़ी समर स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया जाएगा।
ग्रीष्मकालीन अवकाश के अवसर पर यात्रियों की भीड़ को देखते हुए रेलवे ने स्पेशल ट्रेनों को चलाने का निर्णय लिया गया है।
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि मुजफ्फरपुर से आनंद विहार के लिए चलाई जाने वाली स्पेशल ट्रेन पाटलिपुत्र, हाजीपुर, डीडीयू एवं प्रयागराज के रास्ते चलाई जाएगी।
यहां देखें टाइमिंगमुजफ्फरपुर-आनंद विहार स्पेशल ट्रेन 24 मई से 19 जुलाई तक चलाई जाएगी। यह ट्रेन प्रत्येक शनिवार मुजफ्फरपुर से 13.30 बजे खुलकर, 14.30 बजे हाजीपुर, 15.40 बजे पाटलिपुत्र होते हुए अगले दिन 10.00 बजे आनंद विहार पहुंचेगी।
इस गाड़ी की मांग लंबे समस से की जा रही थी। गर्मी के अवकाश के दौरान दिल्ली जाने वाले यात्रियों को इस ट्रेन से काफी लाभ होगा।
उधना-गयाजी-उधना स्पेशल के बीच एक जोड़ी समर स्पेशल ट्रेन का होगा परिचालनग्रीष्मकालीन अवकाश के अवसर पर यात्रियों की अतिरिक्त भीड़ के मद्देनजर रेलवे की ओर से कई स्पेशल ट्रेनों का परिचालन किया जा रहा है। इसी कड़ी में उधना से गयाजी के बीच एक जोड़ी स्पेशल ट्रेनों के परिचालन का निर्णय लिया गया है।
मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सरस्वती चन्द्र ने बताया कि गाड़ी संख्या 09039/09040 उधना-गयाजी-उधना स्पेशल भुसावल-जबलपुर-प्रयागराज छिवकी- डीडीूय-सासाराम के रास्ते उधना-गयाजी स्पेशल 23 मई से 27 जून, 2025 तक प्रत्येक शुक्रवार को उधना से 22.00 बजे प्रस्थान कर विभिन्न स्टेशनों पर रूकते हुए शनिवार को 22.25 बजे डीडीयू, 23.45 बजे सासाराम, रविवार को 00.20 बजे डेहरी आन सोन रूकते हुए 03.15 बजे गया पहुंचेगी।
वापसी में गाड़ी संख्या 09040 गयाजी-उधना स्पेशल 25 मई से 29 जून, 2025 तक प्रत्येक रविवार को गयाजी से 07.10 बजे प्रस्थान कर 08.08 बजे डेहरी आन सोन, 08.26 बजे सासाराम एवं 10.15 बजे डीडीयू सहित अन्य स्टेशनों पर रूकते हुए सोमवार को 14.00 उधना पहुंचेगी।
मुख्य जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि इसी प्रकार मुजफ्फरपुर-आनंद विहार, दिल्ली से दरभंगा तथा नई दिल्ली से सहरसा के बीच एक-एक जोड़ी समर स्पेशल ट्रेनों का परिचालन किया जा रहा है।
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जागरण संवाददाता, पटना। प्रदेश में पुरवा हवा के कारण मौसम सामान्य होने के साथ आंशिक रूप से बादल छाए हुए हैं।
अधिसंख्य भागों में मेघ गर्जन, वज्रपात और आंधी-पानी से तापमान में गिरावट आने के साथ लोगों को गर्मी से राहत मिली है। मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार पांच से छह दिनों के दौरान आंधी-पानी की स्थिति बनी रहेगी।
अगले 24 घंटों के दौरान पटना सहित 12 जिलों के बक्सर, भोजपुर, अरवल, जहानाबाद, नालंदा, शेखपुरा, बेगूसराय, मुंगेर, खगड़िया, भागलपुर एवं लखीसराय जिले के एक या दो स्थानों पर मेघगर्जन, वज्रपात व हल्की वर्षा की संभावना है।
इन जगहों पर 40-50 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से हवा चलने की संभावना है। सुपौल, अररिया, किशनगंज और पूर्वी चंपारण में भारी वर्षा की चेतावनी है। पांच दिनों के दौरान तापमान में विशेष परिवर्तन की संभावना नहीं है।
पांच दिनों के दौरान अधिकतम तापमान में विशेष परिवर्तन की संभावना नहीं है। उत्तरी भागों के अलावा दक्षिण पूर्व भागों के कैमूर, रोहतास , औरंगाबाद , गया, नवादा, जमुई एवं बांका में 50-60 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से हवा चलने व मेघ गर्जन, वज्रपात को लेकर औरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
सोमवार को पटना सहित आसपास इलाकों में आंशिक रूप से बादल छाए रहने के साथ कुछ स्थानों पर हल्की बूंदाबांदी से मौसम सामान्य बना रहा। बीते 24 घंटों के दौरान पूर्णिया, अररिया, किशनगंज, कटिहार, औरंगाबाद एवं मधुबनी में वर्षा दर्ज की गई।
पूर्णिया के ढेंगराघाट में सर्वाधिक वर्षा 158.6 मिमी दर्ज किया गया। सोमवार को पटना का अधिकतम तापमान 32.5 डिग्री सेल्सियस जबकि 39.2 डिग्री सेल्सियस के साथ डेहरी में सर्वाधिक अधिकतम तापमान दर्ज किया गया।
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इन जगहों पर दर्ज की गई वर्षाअररिया के नरपतगंज में 140 मिमी, फारबिसगंज में 120.4 मिमी, पूर्णिया के कस्बा में 104.8 मिमी, किशनगंज में 94.4 मिमी, अररिया में 79.4 मिमी, अररिया के रानीगंज में 79.2 मिमी, पूर्णिया के श्रीनगर में 71.4 मिमी, कटिहार के कदवा में 63.4 मिमी, सुपौल में बीरपुर में 59 मिमी, अररिया के जोकिहाट में 52.4 मिमी, पूर्णिया के बैसी में 50.2 मिमी, किशनगंज के बहादुरगंज में 41.4 मिमी, कटिहार के बलरामपुर में 36.4 मिमी, सुपौल के छत्तरपुर में 33.2 मिमी, औरंगाबाद में 30.4 मिमी एवं मधुबनी के जयनगर में 28.8 मिमी वर्षा दर्ज की गई।
प्रमुख शहरों का तापमानशहर अधिकतम न्यूनतम
पटना 32.5 25.9
गया 37.8 25.0
भागलपुर 30.5 24.3
मुजफ्फरपुर 27.4 25.6
(तापमान डिग्री सेल्सियस में)
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डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार सरकार पशुपालन के जरिए उद्यमिता और रोजगार को बढ़ावा दे रही है। पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने राष्ट्रीय पशुधन मिशन (NLM) के तहत एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट प्रोग्राम (NLM-EDP) शुरु किया है। इसमें छोटे जुगाली करने वाले पशु, कुक्कुट और सूअर पालन के साथ-साथ चारा क्षेत्र में उद्यमिता के विकास से रोजगार का सृजन किया जा रहा है।
साथ ही इस कार्यक्रम के तहत पात्र उद्यमियों को अधिकतम 50 फीसदी तक की पूंजीगत सब्सिडी भी दी जा रही है। इसका लाभ निजी व्यक्ति, स्वयं सहायता समूह (SHG), किसान उत्पादक संगठन (FPO), किसान सहकारिता संस्थाएं (FCO), संयुक्त दायित्व समूह (JLG) और धारा 8 की कंपनियां ले सकती हैं।
किसानों और पशुपालकों के लिए गुणवत्तापूर्ण विस्तार सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए राज्य के पदाधिकारियों और पशुपालकों की क्षमता निर्माण पर भी जोर दिया जा रहा है। साथ ही, कौशल-आधारित प्रशिक्षण और नई तकनीकों के प्रसार के माध्यम से उत्पादन लागत को कम करने और पशुधन क्षेत्र की उत्पादकता में सुधार करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है।
राष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत विभिन्न योजनाओं के जरिए पशुपालकों और उद्यमियों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। जिसमें नस्ल सुधार के माध्यम से प्रति पशु उत्पादकता बढ़ाना, मांस, अंडा, बकरी का दूध, ऊन और चारे के उत्पादन में वृद्धि करना, चारा बीज की आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करना, चारा प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना को प्रोत्साहित करना, और पशुधन बीमा के जरिए जोखिम प्रबंधन को बढ़ावा देना जैसे काम शामिल हैं।
यहां कर सकते हैं संपर्कइसके अलावा, मुर्गी, भेड़, बकरी पालन और चारा क्षेत्र में अनुप्रयुक्त अनुसंधान को प्राथमिकता दी जा रही है। अधिक जानकारी के लिए इच्छुक व्यक्ति आधिकारिक वेबसाइट्स https://nlm.udyamimitra.in और www.dahd.nic.in पर संपर्क कर सकते हैं।
यह मिशन बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालन को एक लाभकारी उद्यम के रूप में स्थापित करने और रोजगार के नए अवसर सृजित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।
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कुत्तों के आक्रामक तेवर से दहशत में पटना वाले, कई को काटा; घर के बाहर बैठे बच्चों की नोंच ली मांस
जागरण संवाददाता, पटना। राजधानी पटना के पाटलिपुत्र क्षेत्र के कुर्जी बालूपर मोहल्ले में सोमवार दोपहर आवारा कुत्तों का आतंक देखने को मिला। एक कुत्ते ने राह चलते एक युवक को काटने के बाद घर के दरवाजे पर बैठे तीन बच्चों को बुरी तरह नोंच डाला। हर बच्चे के शरीर को आधे दर्जन से अधिक जगह पर कुत्ते ने काटा।
लोग जुटे तो भाग गया कुत्तायही नहीं बच्चे को बचाने पहुंची महिला को भी कुत्ते ने कई जगह काट लिया। इस बीच स्थानीय लोगों के जुटने पर वह भागा। पांचों लोगों को पहले न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल ले जाया गया। जहां ड्रेसिंग व एंटी रैबीज वैक्सीन देने के बाद गंभीर रूप से घायल तीनों बच्चों को पीएमसीएच रेफर किया गया।
एनएनसीएच में चल रहा इलाजहालांकि, पीएमसीएच ने बच्चों की हालत देखकर एनएनसीएच स्थित संक्रामक रोड अस्पताल भेजा, जहां उनका इलाज किया जा रहा है। न्यू गार्डिनर रोड के निदेशक डा. मनोज कुमार सिन्हा ने बताया कि पांच वर्षीय रचना कुमारी, दो वर्षीय अंकुश कुमार व छह वर्षीय वैष्णवी कुमारी की हालत गंभीर देखकर रेफर किया गया। बताते चलें कि न्यू गार्डिनर में प्रतिदिन औसतन 40 से 50 नए समेत 70 से 80 लोग एंटी रैबीज वैक्सीन लेने पहुंच रहे हैं।
घर के बाहर बैठे बच्चों को बनाया शिकारकुर्जी बालूपर के शक्तिनगर रोड नंबर सात में दोपहर करीब 12 बजे तीन बच्चे घर के बाहर बैठे खेल रहे थे। इसी बीच उधर से गुजर रहे 25 वर्षीय सन्नी कुमार पर कुत्ते ने हमला बोला और काट खाया। सन्नी के भागने के बाद कुत्ते ने घर के बाहर बैठे राकेश प्रसाद की पांच वर्षीय पुत्री रचना कुमारी, दो वर्षीय पुत्र अंकुश कुमार व पड़ोसी विकास कुमार की छह वर्षीय पुत्री वैष्णवी कुमारी पर हमला बोलकर बुरी तरह से नोंच खाया।
चीख सुन आई महिला को नहीं बख्शाबच्चों की चीख सुन बचाने आई 41 वर्षीय महिला अमृता कुमारी को भी उसने नहीं बख्शा। उसके चिल्लाने पर आसपास के लोग बाहर आए और कुत्ते को भगाया। कुत्ते के भागने के बाद भी इस सड़क के लोग दहशत में हैं और बच्चों को अकेले बाहर नहीं जाने दे रहे। बड़े लोग भी हाथ में डंडा लेकर चल रहे हैं। न्यू गार्डिनर में सभी को ले जाकर इलाज कराया गया। डा. मनोज कुमार सिन्हा ने बताया कि रचना, अंकुश व वैष्णवी के शरीर में आधा दर्जन से अधिक जगहों पर कुत्ते ने नोच खाया है।
गर्मी उस पर पानी-खाना न मिलने से हुए आक्रामकडा. मनोज कुमार सिन्हा ने बताया कि आज तो गर्मी अधिक नहीं थी लेकिन सामान्यत: कुत्तों का शरीर जल्दी गर्म हो जाता है। अधिक तापमान, उमस उन्हें चिड़चिड़ा बना देती है। इससे उनका व्यवहार आक्रामक हो सकता है। इसके अलावा गर्मी में सड़क पर रहने वाले कुत्तों को पानी-खाना ढूंढना मुश्किल हो जाता है। भूखा-प्यासा होने के कारण भी वे आक्रामक हो सकते हैं।
गर्मी के कारण बढ़ी समस्या
गर्मी में कुत्ते ठंडी-छायादार जगह तलाशते हैं, वहां किसी के जाने पर वे हमला कर सकते हैं। इसके अलावा गर्मी में संक्रमण का खतरा होता है, यदि कुत्ता पहले से रैबीज संक्रमित है तो वह ज्यादा आक्रामक होता है। कुछ कुत्तों का प्रजनन काल होता है, ऐसे में वे मादा की रक्षा में ज्यादा आक्रामक हो सकते हैं।
Bihar School News: छठी से बारहवीं कक्षा के स्कूलों में सप्ताह में एक दिन स्वास्थ्य की घंटी, आदेश जारी
राज्य ब्यूरो, पटना। प्रदेश के छठी से बारहवीं कचा तक की पढ़ाई वाले सभी सरकारी विद्यालयों में सप्ताह में एक दिन स्वास्थ्य की घंटी बजेगी। यह घंटी विद्यालय स्वास्थ्य एवं आरोग्य कार्यक्रम के तहत बजेगी। इस घंटी में बच्चे स्वस्थ रहने का पाठ पढ़ेंगे।
इससे संबंधित दिशा-निर्देश शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ की ओर से सोमवार को सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकाधिकारियों को जारी किया गया।
निर्देश के मुताबिक, स्वास्थ्य एवं आरोग्य दूत अपने-अपने स्कूल में विद्यालय स्वास्थ्य एवं आरोग्य कार्यक्रम सत्रों का कक्षा में प्रभावी संचालन करेंगे। विद्यालय की समय-सारणी में हर सप्ताह एक घंटी विद्यालय स्वास्थ्य एवं आरोग्य कार्यक्रम के लिए निर्धारित होगी। यह घंटी मंगलवार या बुधवार को बजेगी।
शिक्षा विभाग ने दिए ये आदेशनिर्देश में कहा गया कि विद्यालय स्वास्थ्य एवं आरोग्य कार्यक्रम राज्य के सभी जिलों में के संबंधित विद्यालयों में लागू हो गया है। इसके लिए हर जिले में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी नोडल पदाधिकारी हैं। प्रत्येक स्कूल में दो शिक्षकों को स्वास्थ्य एवं आरोग्य दूत के रूप में प्रशिक्षित किया गया है। इस कार्यक्रम के तहत छात्र-छात्राओं के जीवन कौशल, शारीरिक, मानसिक और संपूर्ण स्वास्थ्य को बढ़ावा देना तथा उनके समग्र विकास को सुनिश्चित करना है।
स्वास्थ्य एवं आरोग्य दूत अपने स्कूल का मासिक प्रतिवेदन सीएएचपी मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से जमा करेंगे। प्रधानाध्यापकों द्वारा भी विभिन्न कार्यक्रम से संबंधित रिपोर्टिंग मोबाइल एप के माध्यम से करेंगे।
प्रत्येक स्कूल में त्रैमासिक किशोर स्वास्थ्य एवं आरोग्य दिवस का आयोजन होगा। इसकी मासिक समीक्षा प्रखंड स्तर पर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी द्वारा एवं जिला स्तर पर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी द्वारा की जाएगी।
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पटना में मल्टी मोडल की शुरुआत के बाद ऑटो व्यवस्थित करना चुनौती, जंक्शन के पास बढ़ी परेशानी
जागरण संवाददाता, पटना। मल्टी मोडल का विधिवत उद्घाटन हो चुका है, यहां की यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती साबित हो रहा है। पटना जंक्शन पर छह स्थानों से ऑटो का परिचालन हो रहा है। मल्टीमोडल हब और मल्टी लेबल पार्किंग नये स्थल हैं।
टाटा पार्क का गेट आनंद लोक होटल की तरफ कर दिया गया। जीपीओ गोलंबर के पास पुल के नीचे स्टैंड है। इसके साथ जंक्शन पर पाल होटल के पास दो आटो स्टैंड बन गए हैं। छह आटो पार्किंग पर अब तक प्रशासन की मुहर लग गई है।
जंक्शन गोलंबर को छोटा किया गयाजंक्शन गोलंबर को छोटा किया गया है, लेकिन अभी तक यह व्यवस्थित नहीं हो पाया है। अभी यहां अतिक्रमण के चलते हालात को सामान्य करने में काफी परेशानी हो रही है। मल्टी लेबल पार्किंग से आटोस्टैंड जाने के लिए बने रास्ते के किनारे फुटपाथी का कब्जा है। गौरियाटोली में यूटर्न के पास सड़कें पर दुकानें सजी हैं। मल्टी मोडल हब से जीपीओ जाने वाले वाहनों का परिचालन अतिक्रमण के कारण प्रभावित हो रहा है।
आटो के लिए भटकते नजर आए यात्रीजंक्शन पर बदलाव के कारण रेल यात्री भटक जा रहे हैं। उन्हें पता नहीं चल रहा है कि कहां से आटो मिलेगा। पाल होटल के पास से हनुमाननगर, कंकड़बाग, नाला रोड सहित कई स्थानों के आटो खुल रहे हैं। मल्टी लेबल पार्किंग से गांधी मैदान, नेहरूपथ, बोरिंग रोड, बोरिंग कैनाल रोड आदि स्थानों के लिए आटो जा रहे हैं। मल्टी मोडल हब मिक्स है।
यहां से नेहरुपथ, बोरिंग रोड, दानापुर सहित कई स्थानों के आटो खुल रहे हैं। जीपीओ गोलंबर के नीचे से फुलवारीशरीफ, खगौल के लिए आटो खुल रहे हैं। रेल यात्रियों को जानकारी देने की कोई व्यवस्था नहीं की गई है।
बुद्धस्मृति पार्क के सामने बन गया आटो स्टैंडबुद्ध स्मृति पार्क के सामने दिन के 11.00 बजे गांधी मैदान जाने वाले आटो का जमावड़ा लगा था। प्रशासन की सख्ती के बाद यहां से आटो वाले हटे। ई-रिक्शा वाले बुद्ध स्मृति पार्क के दूसरे छोर पर आटो लगाकर गांधी मैदान के यात्रियों के लिए लेने के लिए सड़क पर जमे रहे। इस कारण डाकबंगला से पटना जंक्शन जाने वाले यात्री परेशान रहे। पुलिस वाले को देखते ही ई-रिक्शा वाले आगे बढ़ जा रहा था।
मल्टीलेबल पार्किंग में लग गई लाइट, बनेगा यूरिनलनगर आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर ने मल्टी लेबल पार्किंग का निरीक्षण किया। 12 घंटे के अंदर रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था करने का निर्देश दिया। यूरिनल बनाने का निर्देश दिया।
सब-वे के अंतिम छोर पर मल्टी मोडल हब में प्रवेश के पहले एक रास्ता खोलने का निर्देश दिया। इस रास्ते के बन जाने के बाद मल्टी लेबल पार्किंग से यात्री सीधे यहां आ सकते हैं। मल्टी मोडल हब में बुद्ध मार्ग की तरफ जल्द से जल्द गेट खोलने का निर्देश दिया।
निजी बस मल्टीमोडल हब में करने लगी प्रवेशयातायात पुलिस ने सोमवार को जीपीओ गोलंबर पर यूटर्न लेने पर रोक लगा दी। बुद्ध मार्ग में लगने वाली निजी बस अब मल्टीमोडल हब में प्रवेश कर अगले गेट से बाहर निकलने लगीं। निजी बस वाले भी मल्टीमोडल हब में सवारी ले रहे हैं। जीपीओ गोलंबर के पास जाम से राहत मिली है।
आटो चालकों ने किया प्रदर्शन, कल देंगे धरनाआटो चालकों ने जीपीओ आटो पार्किंग में प्रदर्शन किया। प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। आरोप लगाया कि यातायात एसपी ने यहां आटो स्टैंड संचालन का निर्देश दिया है तो यातायात डीएसपी हटाना चाहते हैं।
आटो यूनियन के नेता राजकुमार झा, मुर्तजा अली, अजय पटेल, नवीन मिश्रा, तनवीर अहमद आदि ने बताया कि आटो चालकों की मांगों पर प्रशासन ध्यान दे। मांगों को लेकर मंगलवार को आटोचालकों द्वारा एक दिवसीय धरना दिया जाएगा।
सुबह पांच बजे से आठ बजे तक चल रही बसेंमल्टी मोडल हब से सुबह पांच बजे से शाम आठ बजे के बीच बिहार राज्य पथ परिवहन निगम की बसें चल रही हैं। आठ बजे के बाद विलंब वाली बसें पहुंच रही हैं। जबकि निजी बसें रात्रि दस बजे तक चल रही हैं। सब-वे सुबह छह बजे से रात्रि 11 बजे बजे खुला रखा जा रहा है।
मल्टी मोडल हब 11केवी से हो गया ऊर्जाविंतमल्टी मोडल हब सोमवार को 11केवी लाइन से ऊर्जांवित हो गया। पहले यह एलटी लाइन से जुड़ा था। सब-वे में निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए 500केवीए का ट्रांसफार्मर लगाया गया है। 350 केवीए लोड लिया गया है। पेसू के डाकबंगला आपूर्ति प्रमंडल बिजली आपूर्ति बहाल कर दिया है।
Bihar Startup: बिहार सरकार का स्टार्टअप पर फोकस, नवाचार के लिए अब तक हो चुके 1522 रजिस्ट्रेशन
डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार सरकार की स्टार्टअप योजना सभी वर्ग और समुदाय के लोगों को स्वरोजगार प्रदान कर इन्हें स्वालंबी बनाने में बेहद सहायक साबित हो रही है। इसके प्रति तेजी से आकर्षण बढ़ता जा रहा है। उद्योग विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, अब तक 1 हजार 522 स्टार्टअप पंजीकृत हो चुके हैं।
इसके तहत 62 करोड़ 50 लाख रुपये की राशि वितरित की जा चुकी है। इसमें महिला उद्यमियों के अलावा अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के उद्यमियों की संख्या भी काफी है। कुछ स्टार्ट-अप को अतिरिक्त सहायता भी दी गई है। इसमें 13 लाख 30 हजार रुपये की अतिरिक्त वित्तीय सहायता भी प्रदान की जा चुकी है।
सूबे में तेजी से स्टार्टअप की संख्या बढ़ने की वजह से बिहार की कृषि प्रधान राज्य की छवि से हटकर नवाचार और उद्यमिता के नए कलेवर वाली छवि भी बनती जा रही है। ग्रामीण इलाकों में भी स्टार्ट अप की संख्या तेजी से बढ़ रही है। उद्योग विभाग की इस योजना की वजह से युवाओं में उद्यमशीलता की भावना को प्रोत्साहन मिला है।
विभाग के स्तर से स्टार्टअप बिहार के तहत एक समग्र तंत्र का निर्माण किया गया है, जो स्टार्ट-अप को उनकी शुरुआत से लेकर इसकी स्थापना और व्यवसाय के विस्तार तक सभी चरणों में सहयोग प्रदान करता है। खासकर युवाओं, महिलाओं और पारंपरिक रूप से उपेक्षित कुछ समुदायों की भागीदारी में भी इसमें बढ़ोतरी हुई है। यह राज्य के सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य में परिवर्तन का संकेतक भी है।
बिहार स्टार्टअप नीति की शुरुआत वर्ष 2017 में हुई थी, जिसका उद्देश्य राज्य में नवाचार और स्टार्टअप गतिविधियों को बढ़ावा देना है। बदलते उद्घमी परिदृश्य और स्थानीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए सरकार ने इसमें बदलाव किया और बिहार स्टार्ट-अप नीति 2022 लागू की। नई नीति अधिक समावेशी, प्रभावी और तेज क्रियान्वयन करने वाली है।
इस नीति का मुख्य उद्देश्य राज्य के युवाओं की प्रतिभा का उपयोग करते हुए स्टार्टअप के लिए एक अनुकूल माहौल बनाना है। बिहार को स्टार्टअप, निवेशकों और अन्य हितधारकों की पहली पसंद बनाना है। ताकि राज्य के समग्र विकास को गति मिल सके। उद्योग विभाग इससे संबंधित विभिन्न कार्यक्रमों, पुरस्कारों और अभियानों को आयोजित करके नवाचार की संस्कृति को सशक्त बना रही है।
उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा का कहना है कि स्टार्ट-अप को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न स्तर पर प्रोत्साहन से लेकर सभी तरह के सहयोगात्मक कार्य किए जा रहे हैं। युवाओं के नवाचार को बढ़ावा देने से लेकर इसके तहत आने वाले सभी प्रस्तावों पर मंथन करने के बाद इसके क्रियान्वयन के लिए हर तरह से सहायता प्रदान की जाती है। इससे स्वरोजगार को बढ़ावा मिल रहा है। युवाओं को अपने सार्थक कल्पना को आकार प्रदान करने में मदद मिल रही है।
मंत्री संजय सरावगी ने राजस्व विभाग के अफसरों के साथ की बैठक, दिए जरूरी दिशा निर्देश
डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग मंत्री संजय सरावगी की अध्यक्षता में सोमवार को मुंगेर संग्रहालय सभागार में राजस्व कार्यों की समीक्षा बैठक आयोजित हुई। बैठक में म्यूटेशन, परिमार्जन प्लस, लगान वसूली, अभियान बसेरा-2 सहित अन्य सेवाओं पर बिंदुवार चर्चा हुई।
इसके पहले मंत्री द्वारा 19 लाभुकों को बासगीत पर्चा का भी वितरण किया गया। वहीं बैठक के अंत में मंत्री एवं अपर मुख्य सचिव को जिलाधिकारी द्वारा स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर राजस्व विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह, संयुक्त सचिव अनिल कुमार पाण्डेय, जिलाधिकारी अवनीश कुमार सिंह, अपर समाहर्त्ता मनोज कुमार, सभी भूमि सुधार उप समाहर्त्ता, अंचलाधिकारी सहित अन्य उपस्थित थे।
मंत्री द्वारा म्यूटेशन, म्यूटेशन प्लस की समीक्षा में प्राप्त आवेदनों की संख्या के निष्पादन के विरूद्ध लंबित पड़े आवेदनों की संख्या पर असंतोष व्यक्त किया गया। उन्होंने कहा कि कुछ प्रखंडों की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है, लंबित आवेदनों की संख्या जिन भी प्रखंडों में अधिक है वे जल्द से जल्द उसका निष्पादन करें।
उन्होंने कहा कि दाखिल-खारिज और लगान वसूली की स्थिति में भी सुधार की जरूरत है। आप सभी अधिकारी प्राप्त आवेदनों की स्वयं से समीक्षा कर स्क्रूटनी करें और अधिक से अधिक प्राप्त आवेदनों की जांच कर उसका निष्पादन करें। कुछ प्रखंडों में आवेदनों के रिजेक्शन की संख्या अधिक है, जो गलत है।
इसकी जांच करें और आवेदन रिजेक्ट करने से पूर्व आवेदक से सम्पर्क करें, हल्का अथवा राजस्व कर्मचारी द्वारा संबंधित आवेदक से बात करें तथा उनके आवेदन में जो भी कमी हो उसे बता कर आवेदन को सही कराएं। इससे रिजेक्शन में भी कमी आएगी और आवेदनों का निष्पादन भी जल्द होगा।
उन्होंने कहा कि सभी पदाधिकारी अपने लॉग इन पासवर्ड को सुरक्षित रखें और स्वयं से उसका इस्तेमाल करें, ताकि उसका कोई गलत इस्तेमाल न कर सके। लंबित मामलों के निष्पादन के लिए उन्होंने सभी डीसीएलआर को अंचलाधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर समीक्षा करने का निर्देश दिया। वहीं जिलाधिकारी से कहा कि आप इन सभी अधिकारियों के साथ 15 दिनों के अंदर समीक्षा करें तथा लंबित मामलों के निष्पादन का अद्यतन प्रतिवेदन हमें उपलब्ध कराएं।
उन्होंने जिलाधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि अंचल कार्यालयों का लगातार निरीक्षण करें तथा वहां कार्यालय के अलावे किसी भी बाहरी व्यक्ति को पाएं तो तत्काल उनके खिलाफ कार्रवाई करें। ऐसे लोग ही कार्यालय का माहौल खराब करते हैं और आम जन को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
अंतरिम लगान की अद्यतन स्थिति पर भी उन्होंने असंतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि लगान वसूली की स्थिति में सुधार की जरूरत है। उसमें सुधार लाएं और अधिक से अधिक लगान की वसूली करें, ताकि सरकार को राजस्व की प्राप्ति हो सके।
उन्होंने जिलाधिकारी को लगान वसूली में तेजी लाने के लिए शिविर लगाकर कार्य करने का निर्देश दिया तथा 15 दिनों के अंदर इसका अद्यतन प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। उन्होंने सभी अंचलाधिकारियों से कहा कि अंचल में कार्यरत हल्का एवं राजस्व कर्मचारियों से रूटीन अनुसार कार्य कराएं तथा उनके कार्यों का स्वयं भी फील्ड में जाकर औचक निरीक्षण करें।
सर्वे अथवा वेरिफिकेशन कार्य के लिए उन्हें प्रत्येक दिन फील्ड में भेजें और संध्या में समीक्षा कर उनसे कार्यों की अद्यतन स्थिति की जानकारी लें। उन्होंने सभी अंचलाधिकारियों को भी अपनी कार्यप्रणाली में सुधार लाने की बात कही। उन्होंने उपस्थित सभी अधिकारियों से कम से कम समय में अधिक से अधिक प्राप्त आवेदनों के निष्पादन का निर्देश दिया।
उन्होंने कहा कि हम सभी लोकतंत्र के सेवक हैं और आम जनता की सेवा करना हमारा धर्म है। राज्य सरकार जनता के लिए अत्यंत गंभीर है तथा उनके लिए चलाए जाने वाली प्रत्येक योजनाओं का शत प्रतिशत लाभ उन तक पहंुचाने के लिए आप सभी पदाधिकारियों को कृत संकल्पित होना होगा। आप सभी कर्तव्यनिष्ठ होकर अपने कार्य का निष्पादन करें।
पटना डीएम ने 103 मामलों में लोक प्राधिकारों पर लगाया आर्थिक दंड, राशि जमा न करने पर कटेगा वेतन
जागरण संवाददाता, पटना। लोक शिकायत के 103 मामलों में लोक प्राधिकारों पर आर्थिक दंड लगाया गया है, 25 में अनुशासनिक कार्रवाई की अनुशंसा की गई है। जिलाधिकारी डा. चंद्रशेखर सिंह ने कहा है कि जिन-जिन अधिकारियों पर दंड लगाया गया है वे अविलंब राशि जमा कर दें अन्यथा उनके वेतन से कटौती की जाएगी।
यह भी कहा कि संबंधित पदाधिकारी जबतक दंड की राशि जमा करने का साक्ष्य नहीं देंगे, उनके वेतन निकासी पर रोक रहेगी। जिलाधिकारी सोमवार को लोक शिकायत निवारण एवं आरटीपीएस से संबंधित मामलों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने निर्देश दिया कि मामलों का समय सीमा के अंदर निष्पादन करें।
फिलहाल जिले में एक भी आवेदन एक्सपायर्ड नहीं है। लोक शिकायत निवारण के तहत पिछले सप्ताह 339 मामलों को निष्पादित किया गया है जबकि 205 परिवाद प्राप्त हुआ था। लंबित परिवादों की कुल संख्या 2,146 है जिनका निष्पादन प्रक्रियाधीन है। वहीं अपील मामलों के क्रियान्वयन की समीक्षा में पाया कि प्रथम अपील के लिए दायर 10,655 में से 10,449 मामलों को निष्पादित कर दिया गया है। द्वितीय अपील के 3,834 मामले निष्पादित किए गए हैं।
अतिक्रमण के 47 मामलों में निर्णय नहींअतिक्रमण वाद के 396 मामले लंबित हैं। इसमे सी श्रेणी के 47 मामलों में अंचल अधिकारियों से प्रतिवेदन प्राप्त होना शेष है। इसमें धनरुआ, पुनपुन और दानापुर में ज्यादा मामले लंबित हैं। बाढ़, दुल्हिनबाजार, पालीगंज, फुलवारीशरीफ, मसौढ़ी, मोकामा, पंडारक, बख्तियारपुर, पटना सदर, बेलछी, दनियावां, फतुहा, घोसवारी, खुशरूपुर, मनेर, संपतचक, अथमलगोला तथा पटना सिटी अंचलों में यह शून्य है।
बाकी अंचलों में लंबित मामलों की संख्या एकल अंक में है। जिलाधिकारी ने इन्हें विशेष रुचि लेकर निष्पादित करने को कहा। सी श्रेणी के 47 मामलों में निर्णय नहीं लिए जाने पर उन्होंने नाराजगी जताई। अंचल अधिकारियों को निर्देश दिया कि 90 दिनों से अधिक से लंबित अतिक्रमण के मामलों को प्राथमिकता के आधार पर निष्पादित करें।
सीओ एवं थानेदारों की संयुक्त बैठक हर शनिवार होसीओ एवं थानेदारों की संयुक्त बैठक हर शनिवार करने का निर्देश दिया। आरटीपीएस में तीन मामले एक्सपायर्ड हैं। इन्हें अविलंब निष्पादित करने को कहा गया। हिदायत दी कि आरटपीएस में जहां शिथिलता बरती जा रही है, वहां संबंधित अपीलीय प्राधिकार समीक्षा कर जरूरी कार्रवाई करेंगे।
लापरवाह अधिकारियों के विरूद्ध दंडजिलाधिकारी ने कहा कि आरटीपीएस एवं लोक शिकायत के मामलों में जिन-जिन अंचलों/प्रखंडों में शिथिलता बरती जा रही है वहां संबंधित अपीलीय प्राधिकार अनुमंडल पदाधिकारी समीक्षा करते हुए मामलों की स्वतः सुनवाई करेंगे तथा लापरवाह अधिकारियों के विरूद्ध नियमानुसार दंड अध्यारोपित करेंगे। यही नियम लोक शिकायत निवारण के मामलों में भी लागू होगा।
Bihar News: पटना में मिलीं 4 लावारिस लाशें किसकी? बिहार पुलिस 25 दिन से गुत्थी सुलझाने में उलझी
आशीष शुक्ल, पटना। पटना एयरपोर्ट के नए टर्मिनल में सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या कर युवती का शव पाइप में डालने के मामले की जांच पहचान के इंतजार में अटकी हुई है। दिन गुजरने के साथ ही पहचान के अभाव में जांच वहीं तक सिमट कर रह गई, जहां से शुरू हुई थी।
ऐसा नहीं है, लावारिस शव मिलने का यह कोई पहला मामला है, जिसमें शिनाख्त नहीं हो सकी। बीते 25 दिनों में शहर में लावारिस शव मिलने का यह चौथा मामला है।
इसके पूर्व पाटलिपुत्र, गांधी मैदान और कंकड़बाग थाना क्षेत्र में तीन अज्ञात शव पुलिस बरामद कर चुकी है, जिसमें पहचान नहीं होने से कार्रवाई आगे नहीं बढ़ सकी। मृतक कहां का है? किस स्थिति में मौत हुई है? ऐसे कई सवाल हैं।
जिसका अंतिम संस्कार वह जिंदा लौटीवर्ष 2021 में चार साल पूर्व गौरीचक थाना में एक युवती का शव बरामद किया गया। युवती की मां ने बेटी के रूप में पहचान कर अंतिम संस्कार कर दिया था।
कुछ दिनों बाद जिसकी पहचान कर अंतिम संस्कार किया गया, वह लड़की फेसबुक पर लाइव आकर खुद को जिंदा होने की बात कही।
ऐसे में सवाल उठने लगा कि जिस लड़की की पहचान कर अंतिम संस्कार कर दिया गया, वह कौन थी? उसकी हत्या के पीछे कौन थे? यह अभी तक राज ही है।
केस-115 अप्रैल को न्यूबाईपास के इंदिरानगर स्थित नाले से युवक का शव बरामद किया गया। उसकी उम्र 24 वर्ष के आसपास बताई गई। पुलिस स्थानीय लोगों की मदद से शव की पहचान में जुटी रही, लेकिन शिनाख्त नहीं हो सकी। छानबीन में पता चला कि उसके सिर, नाक, मुंह पर जख्म के निशान थे।
केस-224 अप्रैल को गांधी मैदान गेट नंबर सात के पास पुलिस ने एक वृद्ध महिला का शव बरामद किया। देखने से उम्र करीब 70 बताई गई। घटनास्थल पर पुलिस की जांच में प्रथमदृष्टया ऐसा प्रतीत हुआ कि साजिश के तहत अपराधियों ने गला दबाकर हत्या कर दी गई। महिला की पहचान नहीं हो सकी।
केस-325 अप्रैल की शाम पाटलिपुत्र थाना क्षेत्र के एलसीटी घाट गंगा किनारे एक युवक का शव बरामद हुआ। शव क्षत-विक्षत था। शरीर के कुछ भाग जले हुए थे। उसकी उम्र करीब 40 वर्ष के आसपास होगी। मामले में केस दर्ज कर पुलिस छानबीन मे जुट गई। केस दर्ज किया। शव की शिनाख्त नहीं हो सकी।
केस-410 मई को पटना एयरपोर्ट के नए टर्मिनल से शाम में पुलिस ने पाइप में फंसी युवती का शव बरामद किया था। पुलिस ने पाइप काटकर शव को बाहर निकाला था। उसकी आयु लगभग 30 वर्ष बताई गई थी। उसके शरीर पर कपड़े नहीं थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी सामने आ चुकी है। राज्य के सभी थानों को तस्वीर भी भेजी गई, लेकिन अभी तक युवती की पहचान नहीं हो सकी है।
वर्ष 2021 से 2023 जुलाई तक 29 शवों की पहचान नहींसूचना के अधिकार के तहत भी अज्ञात शवों के बारे में जब जानकारी मांगी गई थी तब वर्ष 2021 से 2023 जुलाई तक पटना में सिर्फ चार थाना क्षेत्रों से ऐसे 29 शवों के मिलने की बात कही गई थी, जिनकी ढाई वर्षों से पहचान नहीं हो सकी थी। बिना पहचान के अंतिम संस्कार के बाद मामले की जांच वहीं तक सिमट कर रह गई।
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बिहार में टीचरों को भारी पड़ी लापरवाही, शिक्षा विभाग ने आम लोगों को दिया शिकायत का अधिकार, यहां देखें प्रॉसेस
जागरण संवाददाता, पटना। दैनिक जागरण में 18 मई को '''' शिक्षिका घर पर, पुरुष साथी उनकी तस्वीर से बना दे रहे हाजिरी'''' से खबर छपने के बाद जिला शिक्षा कार्यालय ने मामले को गंभीरता से लिया है। जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने इससे संबंधित अधिकारी को मामले की जांच करने का आदेश दिया है।
इस ई मेल पर दर्ज कराएं ंशिकायतजिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने कहा कि फर्जी उपस्थिति दर्ज करने वाले बख्शे नहीं जाएंगे। यह बहुत ही गंभीर मामला है। पकड़ में आने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। यदि शिक्षक, कर्मी या आमजन को इस तरह की शिकायत मिलती है तो वे deopatnaagainstcorruption@gmail.com पर प्रमाणिकता के साथ मेल कर सकते हैं।
सूचना को रखा जाएगा गोपनीयउनकी सूचना को गोपनीय रखा जाएगा। जिला शिक्षा पदाधिकारी ने कहा कि ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर शिक्षकों प्रतिदिन इन और आउट सेल्फी के साथ उपस्थिति दर्ज करना है। कुछ शिक्षकाें द्वारा यह शिकायत मिली है कि मार्क आन ड्यूटी के नाम पर स्कूल से गायब रहते हैं।
पांच सौ के लगभग ही शिक्षक मार्क ऑन ड्यूटीजिले में इस तरह के शिक्षकों की संख्या में 15 सौ के लगभग है। इसमें पाया गया है कि पांच सौ के लगभग ही शिक्षक मार्क ऑन ड्यूटी पर हैं। बांकी एक हजार शिक्षक मार्क आन ड्यूटी गलत दिखा रहे हैं। ऐसे लोगों को सूची तैयार की जा रही है।
बहुत जल्द रैंडम जांच की जाएगीफर्जी सेल्फी के साथ उपस्थिति दर्ज करने वाले की बहुत जल्द रैंडम जांच की जाएगी। जिला शिक्षा कार्यालय के पदाधिकारी भी इस कार्य में लगे हैं। डीईओ ने कहा कि कुछ शिक्षक है जिन्हें पढ़ने -पढ़ाने से दूर रहते हैं, स्कूल का माहौल खराब करते हैं।
पढ़ाने पर दिया जाना है विशेष जोरसमाज शिक्षित हो उनको इससे कोई मतलब नहीं है। सरकार स्कूल में शैक्षणिक माहौल बनाने के लिए कई योजनाएं चला रही हैं। हाल के दिनों में इसमें सुधार भी हुआ है, लेकिन कुछ लोग माहौल खराब करना चाहते हैं। ऐसे लोगों को जरूरत नहीं है जिनको पढ़ने-पढ़ाने में मन नहीं लगता है।
गलत तरीके से अटेंडेंस का था मामलादरअसल, जिले में कई शिक्षकों के फर्जी तरीके से उपस्थिति दर्ज कराने का मामला प्रकाश में आया था। टीचरों के न आने पर दूसरा कोई उनके स्थान पर तस्वीर के माध्यम से हाजिरी लगा दे रहा था। इसकी पोल खुली तो शिक्षा विभाग मामले में सतर्क हो गया।
Bihar Teacher: हिंदी के बदले उर्दू की सक्षमता देने वाले शिक्षकों के लिए खुशखबरी, जारी हुआ नया आदेश
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य में पहली से पांचवीं कक्षा की सक्षमता परीक्षा में हिंदी के बदले उर्दू की परीक्षा देने वाले शिक्षकों का योगदान होगा। वहीं, छठी से आठवीं कक्षा के शिक्षकों की सक्षमता परीक्षा में उत्तीर्ण पहली से पांचवीं कक्षा के नियोजित शिक्षकों के योगदान पर तत्काल प्रभाव से रोक हटा ली गई है।
इससे ऐसे शिक्षकों को बड़ी राहत मिली है। इससे संबंधित दो अलग-अलग आदेश प्राथमिक शिक्षा निदेशक साहिला के हस्ताक्षर से सोमवार को जिला शिक्षा पदाधिकारयों को जारी किया गया।
इसके मुताबिक, पहली से पांचवीं कक्षा के उर्दू अथवा सामान्य विषय के नियोजित शिक्षक, जो सामान्य अथवा उर्दू विषय में सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण हैं, का योगदान उनकी नियुक्ति के मूल विषय के पद पर तत्काल प्रभाव से होगा।
इसके साथ ही छठी से आठवीं कक्षा की सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण पहली से पांचवीं कक्षा के नियोजित शिक्षक पहली से पांचवीं के मूल कोटि के पद तत्काल योगदान करेंगे।
आखिर क्या है पूरा माजरा?दरअसल, बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली के अधीन सक्षमता परीक्षा में पहली से पांचवीं कक्षा के शिक्षकों को भाषा के तहत अंग्रेजी, हिंदी, उर्दू अथवा बांग्ला में से किसी एक भाषा की परीक्षा में शामिल होने का विकल्प दिया गया था।
आवेदन भरने के लिए सामान्य शिक्षक को हिंदी, उर्दू शिक्षक को उर्दू एवं बांग्ला शिक्षक को बांग्ला का चयन करना था, लेकिन सामान्य शिक्षक जो उर्दू के भी जानकार थे, द्वारा हिंदी के बदले उर्दू विषय का चयन कर लिया गया था। इससे उनके योगदान को तत्काल स्थगित करने का निर्णय लिया गया था।
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Jeevika: जीविका दीदियों का बढ़ गया काम, अब ब्लॉक में मिली बड़ी जिम्मेदारी; मिलेगी 10-12 हजार रुपये सैलरी
राज्य ब्यूरो, पटना। सचिवालय से लेकर सरकारी अस्पतालों एवं प्रखंड कार्यालयों में कैंटीन चलाने के साथ ही अब जीविका दीदियां अंचल एवं प्रखंड कार्यालय परिसर की सफाई का दायित्व भी संभालेंगीं।
ग्रामीण विकास विभाग ने बिहार ग्रामीण जीविकोपार्जन प्रोत्साहन समिति (जीविका) से संपोषित सामुदायिक संगठनों के माध्यम से कराने की पहल की है।
सरकार 534 प्रखंड एवं अंचल कार्यालयों की सफाई मद में लगभग 34 करोड़ रुपये प्रति वर्ष खर्च करेगी। लगभग तीन हजार महिलाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार मिलेगा।
वहीं, सफाई कार्य करने वाली जीविका दीदियों को प्रतिमाह 10 से 12 हजार रुपये पगार देने का आकलन किया गया है।
वर्तमान में जीविका दीदियां सरकारी अस्तालों की सफाई, लांड्री एवं कैंटीन का काम संभाल रही हैं। इसके अतिरिक्त जीविका दीदियां अब प्रखंड कार्यालयों में सफाई का काम संभालेंगी।
सरकार ने इस दिशा में कदम उठाया है, ताकि प्रखंड कार्यालयों की सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाया जा सके। यह निर्णय जीवीका दीदियों के सशक्तीकरण और उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
जीवीका दीदियां अब प्रखंड कार्यालयों की सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने में अपनी भूमिका निभा सकेंगी। इस पहल से प्रखंड कार्यालयों में स्वच्छता बढ़ेगी और जीविका दीदियों को भी रोजगार मिलेगा।
इससे प्रखंड कार्यालयों में कार्य करने वाले लोगों के लिए एक स्वच्छ और स्वस्थ कार्य वातावरण भी सुनिश्चित होगा। इसे लेकर प्रशासन द्वारा सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों से प्रखंड सह अंचल कार्यालय भवनों की मापी कराके क्षेत्रफल का ब्योरा मांगा गया है।
गौरतलब है कि वर्तमान में प्रखंड एवं अंचल कार्यालयों की साफ सफाई निजी स्तर से कराई जाती है, जिससे कई तरह की परेशानियां सामने आती थीं। हालांकि, सफाई के मद में कुछ पैसा भी सरकार स्तर से प्रखंडों को महीने के हिसाब से दिया जाता था।
इधर, ग्रामीण विकास विभाग बिहार सरकार के सचिव लोकेश कुमार द्वारा जारी पत्र के अनुसार अब सफाई व्यवस्था की जिम्मेदारी जीविका समूह के जिम्मे लगाया जाना है।
सरकार स्तर से जारी पत्र में कहा गया है कि सभी प्रखंड सह अंचल कार्यालय भवनों में उचित साफ सफाई बिहार ग्रामीण जीविकोपार्जन प्रोत्साहन समिति द्वारा संपोषित सामुदायिक संगठनों से कराया जाना प्रस्तावित है।
संबंधित कार्यालयों में सफाई करने की दर तथा संबंधित दिशा निर्देश शीघ्र ही अंतिम रूप जारी किया जाएगा। सचिव ने जिला अंतर्गत सभी प्रखंड सह अंचल कार्यालय भवनों की साफ सफाई के लिए कुल क्षेत्रफल संबंधित सूचना प्रपत्र के माध्यम से मांगा है।
हालांकि, इस सफाई के एरिया में प्रखंड सह अंचल कार्यालयों के आवासीय भवनों के क्षेत्रफल को शामिल नहीं किया जाना है।
जीविका समूह की बढ़ेगी आमदनीजीविका समूह के सामुदायिक संगठनों द्वारा प्रखंड सह अंचल कार्यालय के भवनों की सफाई व्यवस्था संभालने के बाद जहां जीविका समूहों की आमदनी बढ़ेगी।
वहीं दूसरी तरफ प्रखंड सह अंचल कार्यालय भवनों का रखरखाव तथा कार्यालय परिसर भी बेहतर दिखाई देगा। यही नहीं, ग्रामीण क्षेत्र से जुड़े इन सरकारी कार्यालयों पर आने जाने वालों को भी एक बेहतर और साफ सुथरा माहौल नजर आएगा।
गौरतलब है कि यह व्यवस्था पहली बार सरकार स्तर से लागू कराने की तैयारी है। इसका असर प्रखंड सह अंचल कार्यालयों में काम करने वाले कर्मियों के कार्यक्षमता पर भी अनुकूल पड़ेगा।
बीडीओ के माध्यम से जीविका दीदियों को प्रखंड एवं अंचल कार्यालयों की सफाई का काम देने का प्रविधान किया गया है। इस पहल से लगभग तीन हजार महिलाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार मिलेगा। सरकार इसपर प्रतिवर्ष लगभग 34 करोड़ रुपये खर्च करेगी।-लोकेश कुमार सिंह, सचिव, ग्रामीण विकास विभाग
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