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Bihar Weather Today: बिहार के 4 जिलों के लिए चेतावनी, तेज आंधी- बारिश और ओले का होगा ट्रिपल अटैक
जागरण संवाददाता, पटना। Bihar Weather: दक्षिण पश्चिम और उससे सटे दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक निम्न दबाव का क्षेत्र उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ गया है। उत्तर पूर्व झारखंड और इसके आसपास इलाकों के ऊपर हवा का चक्रवाती परिसंचरण व पूर्वी बिहार से उत्तरी तेलंगाना तक द्रोणिका के रूप में स्थित है।
इन सभी मौसमी प्रभावों के कारण प्रदेश के मौसम में बदलाव आया है। अगले 24 घंटों के दौरान पटना व आसपास इलाकों में आंशिक रूप से बादल छाए रहने के साथ गरज-तड़क की संभावना है।
4 जिलों में मूसलाधार बारिश और ओले गिरने का अलर्टप्रदेश के चार जिलों के किशनगंज, अररिया, पूर्णिया एवं सुपौल जिले के एक या दो स्थानों पर गरज-तड़क के साथ ओला गिरने व झोंके के साथ हवा चलने को लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया है। प्रदेश के उत्तर-मध्य, उत्तर-पूर्व और दक्षिण-पूर्व भागों के एक या दो स्थानों पर तेज हवा के साथ बिजली चमकने की संभावना है।
अगले चार दिनों तक मौसम का यही हाल रहने के आसार है। मंगलवार को पटना सहित आसपास इलाकों में आंशिक रूप से बादल छाए रहने के साथ नमी में वृद्धि होने के कारण लोग उमस से परेशान रहे।
इन जगहों पर तापमान में बढ़ोतरी देखी गईमंगलवार को पटना सहित डेहरी, वाल्मीकि नगर, मोतिहारी को छोड़ कर शेष जिलों के अधिकतम तापमान में वृद्धि दर्ज की गई। पटना का अधिकतम तापमान 36.0 डिग्री जबकि 39.8 डिग्री के साथ औरंगाबाद में प्रदेश का सर्वाधिक अधिकतम तापमान दर्ज किया गया।
पटना
पूर्वानुमान अधिकतम न्यूनतम 9 अप्रैल 36 डिग्री सेल्सियस 26 डिग्री सेल्सियस 10 अप्रैल 37 डिग्री सेल्सियस 24 डिग्री सेल्सियसमुजफ्फरपुर
पूर्वानुमान अधिकतम न्यूनतम 9 अप्रैल 35 डिग्री सेल्सियस 24 डिग्री सेल्सियस 10 अप्रैल 35 डिग्री सेल्सियस 22 डिग्री सेल्सियसभागलपुर
पूर्वानुमान अधिकतम न्यूनतम 9 अप्रैल 36 डिग्री सेल्सियस 24 डिग्री सेल्सियस 10 अप्रैल 35 डिग्री सेल्सियस 25 डिग्री सेल्सियसये भी पढ़ें
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Bihar Bhumi: भूमि सर्वे के बीच जमीन मालिकों को लेकर एक और बड़ा फैसला, नीतीश कैबिनेट ने लगा दी मुहर
राज्य ब्यूरो, पटना। भूमि विवादों से जुड़े मामलों की सुनवाई अब वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये होगी। यह काम सहजता से हो इसके लिए सभी 927 राजस्व न्यायालयों का आधुनिकीकरण होगा। साथ ही यहां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सेवा के लिए कंप्यूटर समेत अन्य आधुनिक उपकरण लगाए जाएंगे।
मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस परियोजना के लिए 38.12 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए। बैठक में कुल 27 प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई।
मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने बताया कि इस पूरी कवायद का मकसद अदालती कार्यवाही की दक्षता और पहुंच बढ़ाना है। जिससे शिकायतकर्ता और विभाग दोनों को लाभ मिले। बढ़ी हुई पहुंच के कारण शिकायतकर्ता और गवाह दूर से सुनवाई में भाग ले सकेंगे। जिससे यात्रा व्यय और समय दोनों की बचत होगी। इसके साथ ही सुनवाई की डिजिटल रिकार्डिंग आसानी से प्राप्त की जा सकेगी।
बक्सर जलापूर्ति योजना के लिए 156.32 करोड़ स्वीकृतमंत्रिमंडल ने विभिन्न जिलों में स्थापित अनुदानित 626 माध्यमिक विद्यालयों को प्रविधानित संबद्धता मानकों को पूरा करने के लिए एक वर्ष का अवधि विस्तार दिया है। यह विस्तार 31 मार्च 2026 तक के लिए होगा। अमृत 2.0 के तहत बक्सर जलापूर्ति योजना के लिए 156.32 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं।
अमृत 2.0 के तहत मोतिहारी सिवरेज नेटवर्क परियोजना के लिए कुल 399.87 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। नवादा के पकरीबरावां में बिजली ग्रिड उप केंद्र के निर्माण के लिए 6.27 एकड़ भूमि 5.64 करोड़ लाख के भुगतान पर बिहार स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी को हस्तांतरित करने का प्रस्ताव भी स्वीकृत किया गया है।
गुरुगोविंद सिहं सदर अस्पताल, पटना के परिसर के दक्षिणी पूर्वी हिस्से की 11.9 डिसिमील जमीन का उपयोग आम रास्ते के रूप में करने का प्रस्ताव भी मंत्रिमंडल ने स्वीकृत किया है। बिहार स्टेट माइनिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड को लघु, मध्यम एवं अन्य उद्योगों को उचित मूल्य पर कोयला की आपूर्ति के लिए पांच वर्ष के लिए राज्य एजेंसी नामित करने की स्वीकृति।
बिहार आकस्मिकता निधि जो 350 करोड़ है उसे वित्तीय वर्ष 2025-26 में 30 मार्च 2026 तक के लिए अस्थायी रूप से बढ़ाकर 10 हजार करोड़ करने का प्रस्ताव मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृत किया गया। मंत्रिमंडल ने शिक्षा विभाग के तहत परामर्शी के दो पदों का सृजन करते हुए दोनों पदों पर बैद्यनाथ यादव व पंकज कुमार को संविदा के आधार पर परामर्शी नियुक्त का प्रस्ताव स्वीकृत।
वित्त विभाग द्वारा गठित सप्तम वित्त आयोग के गठन की घटनोत्तर स्वीकृति। आयोग के अध्यक्ष अशोक कुमार चौधरी को बनाया गया है जबकि अनिल कुमार व कुमुदनी सिन्हा को सदस्य बनाया गया है. आयोग के अध्यक्ष को मंत्री का दर्जा और सदस्य को राज्य मंत्री का दर्जा देने की कैबिनेट ने स्वीकृति दी है।
बिहार कैबिनेट के अन्य निर्णय-- तबरेज अख्तर प्राध्यापक राजकीय तिब्बी कालेज को अनिवार्य सेवा निवृत्ति देने का निर्णय।
- अनुमंडल अस्पताल बखरी बेगूसराय के डाक्टर रमण राज रमण को लगातार अनुपस्थित रहने के बाद सेवा से बर्खास्त करने का प्रस्ताव मंजूर।
- बिहार दंत शिक्षा सेवा टयूटर सहित संवर्ग नियमावली 2025 स्वीकृत।
- बिहार औषधि नियंत्रण प्रयोगशाला तकनीकी कर्मी संवर्ग संशोधन नियमावली 2925 के गठन की स्वीकृति।
- मजफ्फरपुर जिला के कुढ़नी में 5.07 एकड़ जमीन पर 100 बेड के कर्मचारी राज्य बीमा निगम अस्पताल के निर्माण की स्वीकृति।
- 2024-25 में राज्य के नगर निकायों के बकाए बिजली बिल के भुगतान के लिए कुल 301 करोड़ की राशि सहायक अनुदान के रूप में खर्च करने की घटनोत्तर स्वीकृति।
- बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति 2026 को नई नीति 2025 अधिसूचित होने तक के लिए विस्तार का प्रस्ताव स्वीकृत।
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Bihar Gramin Bank: एक-दूसरे मेंं समा जाएंगे दोनोंं ग्रामीण बैंक, तय हुआ नया नाम; 1 मई से बदल जाएगा सबकुछ
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार के दोनों ग्रामीण बैंकों (उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक और दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक) के विलय की अधिसूचना जारी हो गई है।
पहली मई से ये दोनों बैंक मिलकर एक हो जाएंगे और नाम बिहार ग्रामीण बैंक होगा। पूरे राज्य मेंं इसकी 2105 शाखाएं होंगी और यह बिहार का सबसे बड़ा बैंक बन जाएगा। पंजाब नेशनल बैंक इसका प्रायोजक बैंक होगा और प्रधान कार्यालय पटना में रहेगा।
वित्त मंत्रालय ने बिहार सहित 10 राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश में ग्रामीण बैंकों के लिए "एक राज्य-एक ग्रामीण बैंक" से संबंधित राजपत्र जारी किया है।
अधिसूचना में उन सभी 15 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है, जिनका विलय किया जाना है। सभी बैंकों का विलय एक मई से प्रभावी होगा।
अधिसूचना के अनुसार, नवगठित सभी ग्रामीण बैंकों के पास 2,000 करोड़ रुपये की अधिकृत पूंजी होगी। नाबार्ड, राज्य सरकारों, जम्मू-कश्मीर की सरकार और प्रायोजक बैंकों के परामर्श से पूरे देश में "एक राज्य-एक ग्रामीण बैंक" के संकल्प को अंतिम रूप दिया गया है।
2105 शाखाओं से होगी बिहार ग्रामीण बैंक की शुरुआतक्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के प्रदर्शन और दक्षता में सुधार के उद्देश्य से विलय की प्रक्रिया शुरू हुई थी। यह बहु-प्रतीक्षित योजना थी, जो कुल चार चरणों में संपन्न हुई है। विलय का यह चौथा चरण है।
इससे पहले तीन बार क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का विलय हो चुका है। बैंकिंग के जानकार डीएन त्रिवेदी ने बताया कि 2005 तक देश भर में 196 तथा बिहार में 22 ग्रामीण बैंक कार्यरत थे।
पिछले तीन विलय के बाद पूरे देश मेंं ग्रामीण बैंकों की संख्या घटकर 43 रह गई थी। उनमें से दो बिहार के हैं। चौथे विलय के बाद अब बिहार में एक तथा देश भर में 28 ग्रामीण बैंक रह जाएंगे।
अभी 18 जिलों में कार्यरत उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक की 1027 शाखाएं हैं। दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक का विस्तार 20 जिलों में है और उसकी कुल 1078 शाखाएं हैं।
संयुक्त रूप से शाखाओंं की संख्या बिहार ग्रामीण बैंक के अधीन 2105 होगी। अभी तक उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक का प्रायोजक सेंट्रल बैंक था और दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक का पंजाब नेशनल बैंक।
अधिसूचना के अनुसार, बिहार, उत्तर प्रदेश, बंगाल, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर के क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का एक इकाई में विलय होना है।
बिहार सहित आठ राज्यों के दो-दो ग्रामीण बैंकों को एक में मिलाया जाएगा। शेष राज्य गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर हैं। उत्तर प्रदेश, बंगाल और आंध्र प्रदेश के तीन-तीन ग्रामीण बैंकों का एकल इकाई में विलय होगा।
"ग्रामीण बैंक और उनके प्रायोजक व्यावसायिक बैंक के खर्च समान हैं। हालांकि, ग्रामीण बैंक का व्यापार प्रायोजक बैंक के एक तिहाई से भी कम है, जिससे वायबलिटी संदिग्ध है।
ग्रामीण बैंक का उनके प्रायोजक बैंक में विलय ही मजबूत ग्रामीण अर्थव्यवस्था का एकमात्र निदान है।" - डीएन त्रिवेदी, राष्ट्रीय संयोजक, यूनाइटेड फोरम आफ ग्रामीण बैंक यूनियन्स
उत्तर प्रदेशबैंक आफ बड़ौदा, बैंक आफ इंडिया और पंजाब नेशनल बैंक द्वारा प्रायोजित क्रमश: बड़ौदा यूपी बैंक, आर्यावर्त बैंक और प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक को विलय कर उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक बनाया जाएगा। प्रधान कार्यालय लखनऊ में होगा। बैंक आफ बड़ौदा इसका प्रायोजक बैंक होगा।
बंगालपंजाब नेशनल बैंक, यूको बैंक और सेंट्रल बैंक आफ इंडिया द्वारा प्रायोजित क्रमश: बंगीय ग्रामीण विकास बैंक, पश्चिम बंग ग्रामीण बैंक और उत्तर बंग क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक को बांग्ला ग्रामीण बैंक मेंं समाहित कर दिया जाएगा।पंजाब नेशनल बैंक इसका प्रायोजक होगा और मुख्यालय कोलकाता में होगा।
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आधी रात बाद हाफ पैंट में पुलिस स्टेशन पहुंचे लालू के बेटे तेज प्रताप, SHO से कहा- सहयोग कीजिए
जागरण संवाददाता, पटना। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Yadav) के बड़े बेटे सह पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) सोमवार को आधी रात बाद लौ-लश्कर के साथ हाफ पैंट में ही कदमकुआं थाना पहुंच गए। समर्थकों के साथ नालंदा की जनप्रतिनिधि का पीड़ित परिवार भी था, जो मुखिया पति की तलाश में आए थे।
ओडी अफसर की सूचना पर थानेदार अजय कुमार थाने पहुंचे। तेज प्रताप ने उनसे कहा- सहयोग कर दीजिए। इसके बाद पुलिस संभावित ठिकाने पर दबिश देने के लिए निकल गई और तेज प्रताप भी काफिले के साथ रवाना हो गए।
क्या है पूरा मामला?दरअसल, तेज प्रताप यादव समर्थकों के साथ रात में घूम रहे थे। दिनकर गोलंबर के पास उन्होंने कुछ लोगों को खड़ा देखा, जो व्याकुल होकर इधर-उधर नजर घुमा रहे थे। तेज प्रताप ने उनमें से एक व्यक्ति को पहचान लिया और पूरा मामला जाना।
पता चला कि नालंदा जिले के चिकसौरा से आए हैं। वहां की मुखिया बेबी देवी के पति बिंदु यादव चार अप्रैल से संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हैं। चिकसौरा थाने में अपहरण की प्राथमिकी कराई गई है। जिन पर बिंदु यादव के अपहरण का संदेह है, वे इसी इलाके में घूमते दिखाई दिए थे।
पीड़िता परिवार ने तेज प्रताप से किया आग्रहपीड़ित परिवार ने तेज प्रताप से कहा कि यदि स्थानीय पुलिस का सहयोग मिल जाता तो लापता को खोजने में आसानी होती। इस पर तेज प्रताप ने पीड़ित परिवार को साथ चलने के लिए कहा और स्वयं भी थाना पहुंच गए।
ओडी अफसर से उन्होंने थानेदार के बारे में पूछा। वे इलाके में गश्त लगा रहे थे। सूचना मिलने के बाद थानेदार भी आए और पूर्व मंत्री से मुलाकात की।
थानेदार ने बताया कि लापता के स्वजन ने जो जगह बताई थी, पुलिस वहां पहुंची, लेकिन कोई सुराग हाथ नहीं लगा।
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Bihar News: अचानक 51 उप मुख्य पार्षदों ने दिया इस्तीफा, नीतीश सरकार को इस बात पर दे दी साफ चेतावनी
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के 261 नगर निकायों में से 51 उप मुख्य पार्षदों ने मंगलवार को नगर विकास एवं आवास मंत्री जिवेश कुमार से मुलाकात के बाद सामूहिक रूप से अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
इन जनप्रतिनिधियों का कहना है कि राज्य सरकार ने उप मुख्य पार्षदों को कोई अधिकार नहीं दिया है। इसके कारण वह खुद को जनता के प्रति जवाबदेह नहीं मान पा रहे हैं।
संघ के अध्यक्ष पिंटू रजक, कार्यकारी अध्यक्ष अजय प्रमोद यादव और प्रधान महासचिव राजीव प्रसाद सिंह सहित अन्य सदस्यों ने कहा कि ढाई वर्ष पहले सरकार ने नगर निकायों का सीधा चुनाव कराया था।
इसमें जनता ने मुख्य पार्षद और उप मुख्य पार्षद को प्रत्यक्ष रूप से चुना। चुनाव के बाद मुख्य पार्षदों को तो अधिकार दे दिए गए, पर उप मुख्य पार्षदों को अब तक कोई अधिकार नहीं सौंपे गए हैं।
मुख्य पार्षदों ने दे दी साफ चेतावनीउपमुख पार्षद संघ ने साफ चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो बाकी उप मुख्य पार्षद भी इस्तीफा देंगे और आगामी विधानसभा चुनाव में पूरे बिहार में एनडीए समर्थित प्रत्याशियों का विरोध किया जाएगा।
इस मौके पर मनेर के शंकर यादव, मोकामा के कन्हैया सिंह, देव औरंगाबाद के गोलू गुप्ता, पुपरी के जयप्रकाश, अरवल की जमीला खातून,अस्थावा के अजीत कुमार पासवान, चंडी के प्रवीण कुमार सुमन, परवलपुर के अक्षय कुमार, बिहटा के रिंकू कुमार आदि शामिल थे।
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Bihar Politics: 'मुसहर जाति से आने वाले को अध्यक्ष बनाएंगे तेजस्वी', मांझी ने लालू के लाल पर कसा तंज
राज्य ब्यूरो, पटना। हम के संरक्षक एवं केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने राजद की ओर से आयोजित मुसहर-भुईयां सम्मेलन पर तंज कसते हुए कहा कि इसके जरिए तेजस्वी यादव दलिताें को फांसने के लिए चारा डाल रहे हैं।
मांझी ने एक्स पर चुटकी लेते हुए लिखा- सुना है मुसहर सम्मेलन के बाद तेजस्वी यादव राजद का राष्ट्रीय अध्यक्ष किसी मुसहर जाति से आने वाले नेता को बना देंगे। साथ ही वह यह घोषणा करेंगे कि जिन राजद कार्यकर्ताओं या गुंडों ने मुसहर भुईयां के पर्चे वाली जमीन पर कब्जा किया है, वह उस जमीन को छोड़ देंगे।
उन्होंने आगे लिखा- आज राजद नेता यह भी प्रण लेंगे कि भविष्य में उनका कोई भी कार्यकर्ता दलित अल्पसंख्यकों पर अत्याचार नहीं करेगा।
मांझी ने कहा कि तेजस्वी यादव चाहते हैं कि किसी भी तरह मुसहर और भुईयां जाति के लोग उनके झांसे में आ जाएं और वे उनका वोट चुनाव में हासिल कर लें, लेकिन तेजस्वी शायद भूल गए हैं कि बिहार में अब जंगलराज का पुराना दौर नहीं है, जब दलितों को डरा धमका कर उनका वोट छीन लिया जाता था।
'मुसहर और भुईयां समाज ने चखा विकास का स्वाद'उन्होंने कहा, आज बिहार के मुसहर और भुईयां समाज ने विकास का स्वाद चख लिया है। नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार के अंदर एनडीए की सरकार ने दलितों के लिए जो काम किया है वो भुलाया नहीं जा सकता।
आपराधिक घटनाओं की सूची जारी कर तेजस्वी ने विधि-व्यवस्था को बताया ध्वस्तदूसरी ओर, इधर के दिनों में हुई आपराधिक घटनाओं की सूची जारी करते हुए मंगलवार को तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया है कि बिहार में विधि-व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। इसके लिए उन्होंने राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।
सीतामढ़ी में युवक की हत्या से उन्होंने अपनी सूची की शुरुआत की है और पटना के रानीपुर तालाब में पुलिस टीम पर हमला से समापन। इस सूची में 117 घटनाओं का उल्लेख है।
ज्ञातव्य है कि तेजस्वी प्राय: प्रत्येक माह ऐसी सूची जारी कर रहे हैं। प्रदेश प्रवक्ता अरुण यादव ने आरोप लगाया कि बिहार में विधि-व्यवस्था बेपटरी है और अपराध बढ़ रहा है। हत्या, दुष्कर्म, लूटपाट, चोरी आदि की घटनाओं से आम आदमी त्रस्त है। उन्होंने राज्यपाल से इस संदर्भ मेंं हस्तक्षेप का आग्रह किया है।
मूल्य-वृद्धि वापस हो:राजद के प्रदेश महासचिव भाई अरुण का कहना है कि जनता महंगाई से पहले से ही त्रस्त थी, रसोई-गैस के मूल्य में हुई वृद्धि ने घर-गृहस्थी का खर्च और बढ़ा दिया है। बयान जारी कर उन्होंने केंद्र सरकार के इस निर्णय को जन-विरोधी व गरीब-विरोधी बताया। साथ ही मूल्य-वृद्धि वापस लेने की मांग की।
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स्वास्थ्य के लिए चुनौती, हर 140 लोगों में एक हेपेटाइटिस बी की चपेट में; जानिए बचाव के उपाय
जागरण संवाददाता, पटना। लिवर को प्रभावित करने वाला हेपेटाइटिस बी जैसे खतरनाक वायरल संक्रमण का शिकंजा प्रदेश में कसता जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, अनुमान है कि प्रति 140 लोगों में से एक बच्चा या व्यस्क हेपेटाइटिस बी तो 225 में से एक हेपेटाइटिस की चपेट में है। स्वास्थ्य विभाग ने वर्ष 2024-25 में जिन 9 लाख 72 हजार 521 लोगों की स्क्रीनिंग की गई थी उनमें से 6 हजार 895 पॉजिटिव मिले थे।
इसी दौरान 3 लाख 51 हजार 89 लोगों की हेपेटाइटिस सी की स्क्रीनिंग की गई और 1 हजार 561 संक्रमित मिले। लिवर रोग विशेषज्ञ पद्मश्री अलंकृत डॉ. विजय प्रकाश के अनुसार हेपेटाइटिस बी संक्रमण लंबे समय में तक बिना इलाज के रहने पर सिरोसिस या लिवर कैंसर का कारण बन सकता है। हेपेटाइटिस ए, बी, सी, डी व ई में से हेपेटाइटिस बी को सबसे खतरनाक माना जाता है।
इसका पता चलने पर भी क्रोनिक संक्रमण में जीवनभर एंटीवायरल दवाएं खानी पड़ती है। हेपेटाइटिस बी का संक्रमण सबसे ज्यादा मां से बच्चे को होता है। यही नहीं, हेपेटाइटिस बी खून चढ़ाने, इस्तेमाल सूई के प्रयोग, असुरक्षित यौन संबंध, टैटू बनवाने, नाक-कान छिदवाने, हेपेटाइटिस पीड़ित से उसके पार्टनर या घर में साथ रहने वालों को हो सकता है।
आइजीआइएमएस बना मॉडल उपचार केंद्र, सभी जिलों में उपचार व्यवस्था:सभी प्रकार के हेपेटाइटिस की निशुल्क जांच, निदान एवं उपचार के लिए इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान आइजीआइएमएस में आदर्श उपचार केंद्र स्थापित किया गया है। इसके अलावा आरएमआरआइ में राज्यस्तरीय प्रयोगशाला है।
वहीं, 35 जिलों एवं सभी मेडिकल कॉलेजों में एक-एक उपचार केंद्र एवं एक-एक जांच केंद्र स्थापित किया गया है। दरभंगा के बेनीपुर अनुमंडलीय अस्पताल में भी हेपेटाइटिस की जांच-दवा की मुफ्त सुविधा है।
जन्म के समय हेपेटाइटिस बी का टीका से पूरी सुरक्षा:हेपेटाइटिस ए, सी, डी व ई उपचार से पूरी तरह ठीक हो जाते हैं। ऐसे में सरकार सबसे खतरनाक व जानलेवा हेपेटाइटिस बीच से सुरक्षा देने के लिए मुफ्त टीकाकरण करा रही है। इससे सुरक्षा जन्म के समय हेपेटाइटिस वैक्सीन देकर की जा सकती है।
थकावट, गहरे रंग की यूरिन, पीला मल, पेट में दर्द रहना, भूख खत्म होना, वजन में अप्रत्याशित कमी, त्वचा एवं आंखों में पीलापन इसके लक्षण है। गंभीर स्थिति में खून की उल्टी होती है। हेपेटाइटिस ए व ई दूषित जल व दूषित भोजन से हाेता है। हेपेटाइटिस बी, सी व डी संक्रमित रक्त एवं शरीर में मौजूद संक्रमित द्रवों से फैलते हैं।
हेपेटाइटिस से बचाव के उपाय:हेपेटाइटिस से बचाव के लिए कुछ ज़रूरी सावधानियाँ और उपाय अपनाए जा सकते हैं। हेपेटाइटिस मुख्यतः पाँच प्रकार का होता है: A, B, C, D और E। इनमें से A और E आमतौर पर संक्रमित पानी और भोजन से फैलते हैं, जबकि B, C और D खून और शारीरिक तरल पदार्थों से फैलते हैं।
हेपेटाइटिस से बचाव के उपाय:- हमेशा उबला या फिल्टर शुद्ध पानी पिएं, बाहर का खुला खाना खाने से बचें।
- हेपेटाइटिस ए व बी के लिए सुरक्षित एवं प्रभावी वैक्सीन उपलब्ध हैं। खासकर यदि जोखिम वाले क्षेत्रों में रहते या यात्रा करते हैं।
- संक्रमित सूइयों या ब्लड से बचाव के लिए इंजेक्शन, टैटू या पियर्सिंग के लिए हमेशा नए-साफ-सुथरे उपकरणों का उपयोग करें।
- केवल जांचे-परखे एवं लाइसेंस प्राप्त ब्लड बैंक से ही रक्त चढ़वाएं।
- सुरक्षित यौन संबंध के लिए कंडोम का प्रयोग करें।
- हेपेटाइटिस संक्रमित के संपर्क में हों तो उनके टूथब्रश, रेजर साझा न करें, खून या शरीर के तरल पदार्थ के संपर्क में नहीं आएं।
- गर्भावस्था के दौरान महिलाओं की हेपेटाइटिस बी की जांच एवं संक्रमण की पुष्टि होने पर तत्काल उपचार कराएं, एवं स्वच्छ एवं ताजा भोजन करें।
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Bihar E-PACS: सितंबर तक 4000 समितियां बनेंगी ई-पैक्स, डिजिटल लेन-देन को मिलेगा बढ़ावा
राज्य ब्यूरो, पटना। चालू वित्तीय वर्ष में चार हजार समितियों को ई-पैक्स के रूप में विकसित किया जाएगा। इसका उद्देश्य पैक्सों में डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देना है और गांवों में लोगों को डिजिटल सर्विस की सुविधाएं उपलब्ध कराना है।
सहकारिता विभाग ने सितंबर तक चिह्नित समितियों को ई-पैक्स के रूप में विकसित करने का कार्य पूरा करने का निर्देश दिया है। इसके बाद पैक्सों में कोई भी काम मैनुअल नहीं होगा। यहां प्रतिदिन के काम की ऑनलाइन एंट्री होगी। वैसे अब तक 500 समितियों को ई पैक्स के रूप में विकसित किया जा चुका है।
मैनुअल नहीं होगा ई-पैक्सों का कामसहकारिता मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने राज्य के पैक्सों में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने का काम तेज करने का निर्देश दिया है। इसके लिए जिन पैक्सों को डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़ दिया गया है, उन ई-पैक्सों में निकट भविष्य में कोई भी काम मैनुअल नहीं होगा।
सहकारिता मंत्री के मुताबिक, ई-पैक्सों सभी तरह के वित्तीय लेनदेन डिजिटल रूप में हो रहे हैं जिसे और बढ़ावा दिया जा रहा है। इससे पैक्स सदस्यों को बेहतर सेवाएं देने में मदद मिलेंगी। बैंक खातों का उचित मिलान होगा। किसानों और समिति सदस्यों को जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों से ऋण सुविधा पाने में आसानी होगी।
समितियों की वित्तीय लेनदेन में किसी प्रकार की लापरवाही बरते जाने और मनमानी करने पर भी रोक लगेगी। इससे सही निगरानी करने में मदद मिलेगी। पैक्सों में जनऔषधि केंद्र, प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र, कामन सर्विस सेंटर, अनाज भंडारण आदि की सुविधा शुरू करने में मदद मिलेगी।
बिहार में निफ्टेम शुरू करने को ले खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय ने आकलन शुरू कियादूसरी ओर, बिहार में नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ फूड टेक्नोलॉजी एंटरप्रेन्योरशिप एंड मैनेजमेंट (निफ्टेम) की स्थापना को ले खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय ने अपना आकलन आरंभ किया है। मंत्रालय के सचिव सहित अन्य अधिकारी बिहार के दौरे पर हैं। उद्योग विभाग के साथ हाजीपुर सहित उत्तर बिहार के कई जगहों पर मंत्रालय ने निफ्टेम की संभावना को देखा है।
इस वर्ष के केंद्रीय बजट में बिहार में निफ्टेम की स्थापना पर सहमति बनी थी। वर्तमान में देश में केवल दो जगहों पर निफ्टेम है। एक हरियाणा के कुंडली में तथा दूसरा तमिलनाडु के तंजावूर में है। बिहार में निफ्टेम की स्थापना के संबंध में कहा गया कि इसके माध्यम से बिहार में खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र की गतिविधियां बढ़ेगी। देश के पूर्वी क्षेत्र को भी इसका लाभ मिलेगा।
बिहार में फल और सब्जी की उपलब्धता यहां बड़े स्तर पर है पर खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में यहां इकाईयों की कमी है। निफ्टेम के माध्यम से बीटेक, एमटेक, की पढ़ाई 2012-13 से हो रही। इस संस्थान में खाद्य उत्पादों की जांच के लिए इनक्यूबेशन सेंटर भी होते हैं।
उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने कहा कि निफ्टेम के बिहार में शुरू होने का काफी फायदा मिलेगा। हाल के दिनों में बिहार में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग से जुड़ूे नए निवेशकों ने बिहार में अपनी इकाई स्थापित करने को रुचि दिखायी है। मखाना को लेकर भी नया माहौल बना है।
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Bihar News: नहीं काम आया राजनीतिक रसूख, हाई कोर्ट ने JDU नेता की FIR को कर दिया निरस्त; ये है पूरा मामला
विधि संवाददाता, पटना। पटना हाई कोर्ट ने एक अहम निर्णय में मसूम खान के विरुद्ध दर्ज आपराधिक मुकदमे को दुर्भावना से प्रेरित करार देते हुए उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को निरस्त कर दिया।
न्यायाधीश चंद्रशेखर झा की एकलपीठ ने आदेश पारित करते हुए कहा कि प्रथम दृष्टया आरोपी के विरुद्ध कोई ठोस साक्ष्य नहीं है और निचली अदालत ने यंत्रवत तरीके से डिस्चार्ज याचिका को खारिज किया।
क्या था मामला?पूर्व नगर पार्षद एवं जनता दल यूनाइटेड की जिला अध्यक्ष डॉ. कुमकुम सिन्हा ने 6 मार्च 2021 को मोतिहारी के बनजरिया थाना में प्राथमिकी दर्ज करा कर आरोप लगाया था कि 5 मार्च की शाम 7:45 बजे जब वे अपने क्लिनिक से घर लौट रही थीं, तो दो बिना नंबर प्लेट की बाइक पर सवार चार अज्ञात लोगों ने उनकी गाड़ी को रोककर 50 लाख की रंगदारी की मांग की।
उन्होंने दावा किया कि यह मांग “मसूम भाई” के फरमान पर की गई थी और भुगतान न करने पर उनके क्लिनिक में बम विस्फोट और बच्चों के अपहरण की धमकी दी गई।
याचिकाकर्ता की ओर से वरीय अधिवक्ता अमित श्रीवास्तव ने मसूम खान की ओर से तर्क दिया कि एफआईआर केवल संदेह के आधार पर दर्ज की गई थी।
उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता उस घटना स्थल पर उपस्थित नहीं थे और उनके खिलाफ लगाए गए डिजिटल माध्यम से उत्पीड़न के आरोप 2017 और 2020 की पुरानी घटनाओं पर आधारित हैं, जिनके प्रमाण भी संदेहास्पद हैं और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 65बी के तहत प्रमाणिक नहीं हैं।
क्या बोले दूसरे पक्ष के वकील?वहीं, दूसरी ओर, विपक्षी पक्ष की ओर से अधिवक्ता अंसुल ने कहा कि मजिस्ट्रेट ने सभी पहलुओं पर विचार करते हुए ट्रायल योग्य मामला मानते हुए डिस्चार्ज याचिका खारिज की।
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि एफआईआर राजनीतिक प्रतिशोध से प्रेरित प्रतीत होती है और दर्ज घटना में याचिकाकर्ता की भूमिका केवल “शंका” पर आधारित है, जिसका कोई ठोस प्रमाण नहीं है।
मजिस्ट्रेट ने बिना उचित परीक्षण के डिस्चार्ज याचिका खारिज की, जो कि प्रक्रियात्मक न्याय के विरुद्ध है। न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि केवल प्राथमिकी और पुलिस रिपोर्ट के आधार पर किसी निर्दोष व्यक्ति को ट्रायल में घसीटना न्यायसंगत नहीं है।
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Bihar: सीएचओ परीक्षा धांधली में मास्टरमाइंड रविभूषण समेत दो गिरफ्तार, EOU ने पटना में की छापेमारी
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए स्वास्थ्य विभाग के सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी (सीएचओ) परीक्षा फर्जीवाड़ा मामले के मास्टरमाइंड रविभूषण समेत दो आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है।
इस मामले में सोमवार की देर रात तक पटना समेत आसपास के जिलों में छापेमारी जारी रही। ईओयू ने छापेमारी की पुष्टि की है, मगर गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान उजागर नहीं की है।
4500 पदों पर होनी थी नियुक्तिईओयू सूत्रों के अनुसार, मंगलवार को छापेमारी पूरी होने के बाद कार्रवाई की आधिकारिक जानकारी दी जाएगी। मालूम हो कि बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति ने 4500 पदों पर सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी की नियुक्ति को लेकर एक-दो दिसंबर 2024 को परीक्षा आयोजित की गई थी।
पटना में 12 ऑनलाइन केंद्रों पर हुई परीक्षायह परीक्षा पटना में 12 ऑनलाइन केंद्रों पर ली गई। परीक्षा के दौरान बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार उजागर होने के बाद स्वास्थ्य समिति ने परीक्षा रद कर दी थी।
ईओयू की जांच में पता चला कि सॉल्वर गैंग ने सभी ऑनलाइन परीक्षा केंद्रों के केंद्राधीक्षक, परीक्षा ले रही निजी एजेंसी और तकनीकी लोगों के साथ साठगांठ कर मैनेज कर रखा था। जांच के दौरान इस मामले में नालंदा के रविभूषण गिरोह की भूमिका सामने आयी थी।
इस मामले में नौ अभ्यर्थी सहित 36 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। सीएचओ परीक्षा धांधली से जुड़े आरोपितों की तलाश में ईओयू की अलग-अलग टीमों को लगाया गया है।
1. स्वास्थ्य विभाग की परीक्षा में फर्जीवाड़ा
बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी (सीएचओ) परीक्षा में फर्जीवाड़ा करने वाले मास्टरमाइंड रविभूषण और अन्य आरोपितों को गिरफ्तार किया।
2. ऑनलाइन परीक्षा केंद्रों में भ्रष्टाचार
सॉल्वर गैंग ने ऑनलाइन परीक्षा केंद्रों के केंद्राधीक्षकों, निजी एजेंसियों और तकनीकी कर्मचारियों के साथ मिलकर बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी की।
3. आरोपितों की तलाश जारी
अब तक 36 आरोपितों की गिरफ्तारी हो चुकी है, और ईओयू की टीमों द्वारा छापेमारी की कार्रवाई जारी है।
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Patna News: हाथीदह में नहाने गए 5 युवकों में 3 की मौत, मातम में बदला शादी समारोह; शव बरामद
संवाद सहयोगी,बाढ़ (पटना)। Patna News: मोकामा प्रखंड के हाथीदह थाना क्षेत्र अंतर्गत दरियापुर में गंगा स्नान के दौरान तीन युवकों की डूबकर मृत्यु हो गई।जानकारी के अनुसार दरियापुर गंगा घाट पर गंगा नदी में स्नान कर रहे 5 युवक डूब गए।मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने तत्काल छलांग लगाकर डूबने से दो युवकों को बचा लिया जबकि तीन युवक गहरे पानी में समा गए।
मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने तत्काल तीनों युवकों को पानी से निकाला और अस्पताल ले गए।लेकिन चिकित्सकों ने तीनों को मृत घोषित कर दिया।मृतक की पहचान दरियापुर निवासी मो. मेराज,मो. इब्राहिम व मो. अमीर के रूप में हुई है।सोमवार को मृतक मोहम्मद इब्राहिम के फुफेरे भाई की शादी थी।बेगुसराय बारात जानी थी और तैयारी चल रही थी।
मृतक मोहम्मद इब्राहिम, मोहम्मद आमिर और मोहम्मद मेराज पड़ोसी हैं और बचपन के साथी हैं।सभी बारात जाने की तैयारी कर रहे थे।शादी की बज रही शहनाई अचानक मातम में बदल गयी।ग्रामीणों के अनुसार यह हादसा नदी में बालू की अवैध कटाई के कारण हुआ है।
गांव में हाहाकार मच गयाहादसे के बाद दरियापुर गांव मातम में तब्दील हो गया, गांव में हाहाकार मच गया। इसके पहले भी अवैध कटाई ने पिछले एक सालो में तीन दर्जन से अधिक लोगों की डूबने से मौत मोकामा में हो चुकी है।लोगों ने हरेक हादसे के बाद अधिकारियो से एसडीआरएफ की तैनाती मोकामा में किये जाने की मांग की लेकिन आजतक नहीं हो पाया है।जिससे बेगूसराय रेस्क्यू टीम बुलाया जाता है, जिसे आने में काफ़ी वक्त लगता है, तबतक हादसे के शिकार लोगों की मौत हो जाती है।
हाथिदह थाना अध्यक्ष का आया बयानहाथिदह थाना अध्यक्ष दिनेश ठाकुर ने बताया कि सूचना मिली थी कि तीन बच्चे डूब गए हैं। जिसके बाद पुलिस को तुरंत मौके पर पहुंची और तीनों बच्चों का शव निकालकर पोस्टमार्टम के लिए अनुमंडल अस्पताल भेज दिया है। जहां पोस्टमार्टम की प्रक्रिया के बाद शव को परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि घटना 12:00 बजे दिन की है।12:00 दिन को सभी स्नान करने के लिए गए थे।जिसमें तीन बच्चे की डूबने से मौत हो गई है। वहीं उन्होंने बताया कि स्थानीय गोताखोर और स्थानीय लोगों की मदद से करीब एक घंटे बाद तीनों का शव बाहर निकल गया है। वहीं परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है शादी समारोह मातम में तब्दील हो गई है।
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Bihar News: बिहार के इंजीनियरिंग कॉलेजों के रिजल्ट में भारी गड़बड़ी से नाराज छात्रों का हंगामा, प्रमोट करने की मांग
जागरण संवाददाता, पटना। Bihar News: राज्य के 38 इंजीनियरिंग कालेजों के सत्र 2023-27 के सेकेंड सेमेस्टर के विद्यार्थियों का रिजल्ट खराब होने के बाद सोमवार को काफी संख्या में अभ्यर्थियों ने बिहार इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय के समक्ष जमकर बबाल काटा।
बताया जाता है कि सत्र 2023-27 के सेकेंड सेमेस्टर में करीब 11 हजार विद्यार्थियों में से 1,300 को ईयर बैक लगा है। इससे आक्रोशित विद्यार्थी यूनिवर्सिटी पहुंच कर जमकर हंगामा किया। हंगामा कर रहे विद्यार्थी प्रमोट करने की मांग कर रहे थे।
सुबह 10 से शाम चार बजे तक जारी रहा प्रदर्शनविद्यार्थियों का प्रदर्शन सुबह 10 से शाम चार बजे तक जारी रहा, इसके कारण करीब दो घंटे तक मीठापुर इलाका जाम रहा। बाद में काफी संख्या में पहुंची पुलिस ने सभी को व्यवस्थित करा कर जाम हटवाया। विद्यार्थियों का कहना था कि कई को 0.01 तो कई को 0.02 से फेल कर दिया गया है।
इसमें काफी विद्यार्थियों को एक से पांच अंक भौतिकी में देकर फेल किया गया है। अगर विश्वविद्यालय मामले में जल्द निर्णय नहीं लेती है तो हंगामा जारी रहेगा।
विश्वविद्यालय प्रशासन के अनुसार 87 प्रतिशत विद्यार्थी पास व 13 प्रतिशत को ईयर बैक लगा है। 87 प्रतिशत में कई को प्रमोट किया गया है। जिन विद्यार्थी का फाइव सीजीपीएस से कम है उन्हें ही ईयर बैक लगाया गया है।
भौतिकी में सबसे अधिक हुए फेलबिहार इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय में सेकेंड सेमेस्टर के विद्यार्थियों ने बताया कि दिसंबर में हुए सेकेंड सेमेस्टर परीक्षा में सबसे अधिक भौतिकी में फेल हुए हैं। इसमें कई विद्यार्थी को एक, दो व पांच अंक प्राप्त हुए हैं। भौतिकी में 14 अंक का आब्जेक्टिव प्रश्न पूछा गया था। विद्यार्थियों ने कहा, यह गलत तरीका है।
वहीं, इस मामले पर परीक्षा नियंत्रक डा. बिजेंद्र कुमार ने कहा कि विद्यार्थियों को अगर लग रहा है कि उत्तरपुस्तिका में कोई गड़बड़ी हुई है तो आरटीआइ के तहत उत्तरपुस्तिका की मांग कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि मात्र 13 प्रतिशत विद्यार्थी को ईयर बैक लगा है।
विश्वविद्यालय में प्रमोट का नियम नहीं है। इन विद्यार्थियों को दोबारा परीक्षा देना होगा। अगर किसी विद्यार्थी को फस्ट व सेकेंड सेमेस्टर मिला कर फाइव सीजीपीए प्राप्त नहीं होता है तो ईयर बैक लग जाएगा। परीक्षा नियंत्रक ने कहा कि इस बार मात्र 13 प्रतिशत विद्यार्थियों को इयर बैक लगा है, जबकि पिछले वर्ष 22 प्रतिशत को ईयर बैक लगा था।
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Bihar Cabinet: बिहार में मंत्रियों की बल्ले-बल्ले, सैलरी-भत्ते बढ़े; सरकारी कर्मचारियों के लिए भी बड़ा फैसला
डिजिटल डेस्क, पटना। Bihar Cabinet Meeting: बिहार में मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मंत्रियों के वेतन और भत्ते में इजाफा कर दिया गया है। नीतीश कैबिनेट की बैठक में इसे मंजूरी दी गई है।
सीएम नीतीश कुमार ने कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता करते हुए अलग-अलग विभागों से जुड़े कुल 27 एजेंडे पर मुहर लगाई है। इसके साथ ही सरकारी कर्मचारियों के लिए भी बड़ा फैसला लिया गया है।
इन विभागों से जुड़े 27 प्रस्तावों पर लगाई मुहरबता दें कि नीतीश कैबिनेट की बैठक मंगलवार को सुबह 11 बजे हुई। इसमें कृषि, नगर विकास और आवास विभाग, मद्य निषेध; उत्पाद एवं निबंधन विभाग, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, सामान्य प्रशासन विभाग, शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, वित्त विभाग, खान एवं भूतत्तव विभाग, मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग, उद्योग विभाग से जुड़े कुल 27 प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई है।
नीतीश कैबिनेट में ये फैसले भी हुए?- कृषि विभाग में लिपिक संवर्ग में 2590 पदों के पुनर्गठन को मंजूरी दी गई है।
- नरकटियागंज में निलंबित नगर कार्यपालक पदाधिकारी सुधीर कुमार को बर्खास्त करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है।
- केंद्र के अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत 2.0) के तहत बक्सर में जलापूर्ति योजना के लिए 156 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं।
- इसी तरह मोतिहारी में सीवरेज नेटवर्ग परियोजना के लिए 399 करोड़ से अधिक की राशि स्वीकृत की गई है।
- मद्य निषेध विभाग के तहत प्रदेश के 6 जिलों (रोहतास, औरंगाबाद, पश्चिम चंपारण (बेतिया), बेगूसराय, किशनगंज, गोपालगंज) में टेस्टिंग लैब खोली जाएंगी। इन लैब में कुल 48 कर्मचारी काम करेंगे। ऐसे में इन पदों को स्वीकृत किया गया है।
- नवादा में केवी ग्रिड उपकेंद्र बनाने के लिए 5.64 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। यह राशि बिहार स्टेट ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड को दी जाएगी।
- प्रदेश के सभी 927 राजस्व न्यायालयों का आधुनिकीकरण किया जाएगा। इनमें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए कुल 38.12 करोड़ रुपये मंजूर हुए हैं।
- बिहार कर्मचारी चयन आयोग में डाटा एंट्री ऑपरेटर के 29 पद, कार्यालय परिचारी के 6 पद स्वीकृत किए गए हैं।
- बिहार विद्यालय परीक्षा समिति संबद्धता विनियमावली के तहत प्रदेश के अनुदान प्राप्त 628 माध्यमिक विद्यालयों को संबद्धता लेने के लिए और एक साल का समय देने के प्रस्ताव को भी मंजूर किया गया है।
- प्राथमिक और उच्च माध्यमिक स्तर के स्कूलों में बेहतर पढ़ाई और सुविधा के लिए बिहार शिक्षा प्रशासन संवर्ग नियमावली 2025 बनाने का फैसला लिया गया है।
- पटना में राजकीय तिब्बी कॉलेज एवं अस्पताल में प्रभारी प्राचार्य रहे प्रोफेसर डॉ. तबरेज अख्तर को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने का फैसला लिया गया है।
- बेगूसराय के बखरी में अनुमंडलीय अस्पताल में तैनात डॉ. रमण राज रमण को लगातार अनुपस्थित रहने के आरोप में बर्खास्त करने का फैसला लिया गया है।
- पटना में आयुष अस्पताल में कुल 36 पदों के सृजन को स्वीकृति दी गई है।
- बिहार दंत शिक्षा सेवा (ट्यूटर सहित) संवर्ग नियमावली 2025 को स्वीकृति देने के साथ लागू करने का फैसला लिया गया है।
- पटना में गुरुगोविंद सिंह सदर अस्पताल परिसर में एक भूखंड को आम रास्ते के तौर पर इस्तेमाल किए जाने को मंजूरी दी गई है।
- बिहार औषधि नियंत्रण प्रयोगशाला तकनीकी कर्मी संवर्ग (संशोधन) नियमावली 2025 बनाने को मंजूरी दी गई है।
- बिहार में आपात स्थिति के लिए 350 करोड़ रुपये का फंड है। इसमें वित्त वर्ष 2025-26 के लिए राशि को अस्थायी रूप से बढ़ाकर 10 हजार करोड़ रुपये करने का फैसला लिया गया है।
- गया में प्रेस एवं फॉर्म्स से जुड़ी पुरानी मशीनों, उपकरणों और दूसरी चीजों को नीलामी के जरिए बेचने का फैसला लिया गया है।
- इसके साथ ही सातवें राज्य वित्त आयोग के गठन का फैसला लिया गया है। आयोग के अध्यक्ष को मंत्री और सदस्य को राज्य मंत्री का दर्जा देने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है। यह सरकार के राजस्व स्रोत के बंटवारे और कर्मचारियों आदि के लिए बड़ा फैसला है।
- मुजफ्फरपुर में 100 बेड का कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) अस्पताल बनाने के लिए 2.09 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं।
- प्रदेश में कोल वितरण नीति 2007 के तहत बिहार स्टेट माइनिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड को अगले 5 साल के लिए नोडल एजेंसी बनाने के लिए नामित करने का फैसला लिया गया है।
- बिहार में मंत्री (वेतन एवं भत्ते) (समय-समय पर याथा संशोधित) नियमावली-2006 में संशोधन का फैसला लिया गया है।
- प्रदेश के विभिन्न सरकारी कार्यालयों में उर्दू अनुवादक के 1653 पदों और सहायक उर्दू अनुवादक के 3306 पदों पर बहाली का फैसला लिया गया है।
- शिक्षा विभाग में परामर्शी के 2 पदों पर भारतीय प्रशासनिक सेवा के दो अफसरों को संविदा के आधार पर नियुक्ति दी गई है। इसके तहत 2007 बैच के बैधनाथ यादव और 2010 बैच के पंकज कुमार 1 मार्च 2025 से अगले एक वर्ष तक अपनी सेवा देंगे।
- स्वास्थ्य विभाग में लोक स्वास्थ्य संवर्ग और अस्पताल प्रबंधन संवर्ग के गठन के लिए विभिन्न स्तर पर कुल 20016 अतिरिक्त पदों पर बहाली को मंजूरी दी गई है।
- प्रदेश के नगर निकायों के बिजली बिल संबंधी खर्चों के भुगतान के लिए अनुपूरक बजट के तहत 301.18 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की गई है।
- बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति 2016 को नई औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति 2025 की अधिसूचना जारी होने तक प्रभावी रखने का फैसला लिया गया है।
- दैनिक भत्ता 3500 रुपये किया गया है।
- क्षेत्रीय भत्ता 70 हजार रुपये किया गया है।
- आतिथ्य भत्ता 29500 रुपये किया गया है।
- वेतन 50 हजार से 65 हजार रुपये किया गया है।
बिहार में नीतीश सरकार ने अपने मंत्रियों के वेतन और भत्तों में इजाफा किया है।
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Bihar Weather Today: बिहार के 4 जिलों में बदलेगा मौसम का मिजाज, IMD के ताजा अनुमान से हो जाएंगे खुश
जागरण संवाददाता, पटना। Bihar Weather: बिहार में गर्मी से बेहाल लोगों के लिए राहत की खबर है। पटना समेत अधिसंख्य भागों के मौसम में बदलाव के आसार हैं। राजधानी व आसपास इलाकों में बादल छाए रहने के साथ गरज-तड़क के साथ छिटपुट वर्षा की संभावना है।
इन 4 जिलों में भीषण गर्मी के बीच राहतमंगलवार यानी आज बिहार के 4 जिलों किशनगंज, अररिया, पूर्णिया एवं सुपौल जिले में एक या दो स्थानों पर 40-50 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से तेज हवा चलने के साथ गरज-तड़क व वर्षा के आसार हैं।
मौसम में हो रहे बदलाव को देखते हुए यलो अलर्ट जारी किया गया है। प्रदेश के अलग-अलग भागों में 13 अप्रैल तक गरज-तड़क के साथ छिटपुट वर्षा व तेज हवा चलने की संभावना है। इस दौरान तापमान में गिरावट आने के साथ लोगों को चिलचिलाती गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद है।
अधिकतम तापमान में 2 से 3 डिग्री की गिरावट का पूर्वानुमानमौसम विभाग के अनुसार 48 घंटों के दौरान अधिकतम तापमान में दो से तीन डिग्री की गिरावट का पूर्वानुमान है। सोमवार को पटना व आसपास इलाकों में पुरवा के कारण उमस भरी गर्मी से लोग परेशान रहे। आंशिक रूप से बादल छाए रहे।
पश्चिम हिमालय के क्षेत्रों में पश्चिमी विक्षोभ के कारण प्रदेश के मौसम में बदलाव देखने को मिल रहा है। वहीं दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी व आसपास इलाकों में हवा का चक्रवाती परिसंचरण व निम्न दबाव का क्षेत्र बना हुआ है।
प्रदेश का सबसे कम न्यूनतम तापमान 16.4 डिग्री सेल्सियस मधेपुरा में जबकि राजधानी का न्यूनतम तापमान सोमवार को सामान्य से चार डिग्री ऊपर चढ़ने के साथ 25.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
पटना का अधिकतम तापमान 39.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जबकि 40.4 डिग्री सेल्सियस के साथ डेहरी में प्रदेश का सर्वाधिक अधिकतम तापमान दर्ज किया गया। मौसम में आए बदलाव को लेकर लोगों को सर्तक रहने की जरूरत है।
बदलते मौसम को देखते हुए सतर्क रहने की जरूरतमौसम विज्ञान केंद्र पटना की ओर से सलाह जारी करते हुए बताया कि वाहन चलाते समय सावधानी बरतने के साथ सुरक्षित स्थानों पर गाड़ियों को लगाएं। बदलते मौसम पर नजर रखते हुए सुरक्षित जगहों पर जाने को तैयार रहे।
बिजली चमकने व मेघ गर्जन के समय पेड़ के पास ना जाएं। तेज हवा चलने के समय खासतौर पर नाव से आवागमन न करें। खेती किसानी को लेकर किसानों को काट कर रखी गई फसलों की देखभाल करने पर बल दिया है।
खलिहानों पर पड़े अनाज को सुरक्षित स्थानों पर रखने की बात कही है। इस दौरान पशुओं को सुरक्षित स्थान पर रखना जरूरी है।
प्रमुख शहरों के तापमान में वृद्धिबीते 24 घंटों के मौसम में आए बदलाव के कारण पटना सहित प्रमुख शहरों के अधिकतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई। पटना के अधिकतम तापमान में 3.1 डिग्री सेल्सियस, सासाराम में 2.2 डिग्री, बक्सर में 3.6 डिग्री, भोजपुर में 2.5 डिग्री, बेगूसराय में पांच डिग्री, समस्तीपुर में 3.2 डिग्री, गोपालगंज में तीन डिग्री, जमुई में 2.4 डिग्री, दरभंगा में 2.4 डिग्री, सुपौल में 1.9 डिग्री, मधेपुरा में 3.3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई।
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Bihar News: शराबबंदी और डायल-112 का असर, 20 साल में तीन गुना कम हुए दंगे
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य में सांप्रदायिक दंगों की घटनाओं में पिछले 20 सालों में तीन गुना तक कमी आई है। बिहार पुलिस के अनुसार, वर्ष 2004 में राज्यभर में नौ हजार 199 दंगे दर्ज हुए थे, जिनकी संख्या 2024 में घटकर तीन हजार 186 रह गई। वर्ष 2025 में अभी तक इस तरह की महज 205 घटनाएं दर्ज की गई हैं।
डीजीपी विनय कुमार ने बताया कि शराबबंदी कानून लागू होने और डायल-112 की सक्रियता के कारण दंगा की घटनाओं को कम करने में बहुत मदद मिली है। दंगा की घटनाओं में लगातार कमी दर्ज की जा रही है। ऐसी किसी घटना की सख्त मॉनिटरिंग की जाती है।
उन्होंने कहा कि सभी दोषियों की तुरंत गिरफ्तारी करके सजा दिलाने की प्रक्रिया त्वरित गति से की जाती है। इन घटनाओं पर कारगर कार्रवाई करने के लिए मुख्यालय के स्तर से सतत मॉनिटरिंग भी की जाती है।
पुलिस मुख्यालय के आंकड़ेपुलिस मुख्यालय के आंकड़ों के अनुसार, 2001 में आठ हजार 520 दंगे हुए थे। वर्ष 2004 में इनकी संख्या बढ़कर नौ हजार 199 हो गई। इसके बाद 2015 में इन घटनाओं की संख्या में थोड़ी बढ़ोतरी दर्ज की गई और यह 13 हजार 311 तक पहुंच गई। इसके बाद 2016 में शराबबंदी कानून के लागू होने के बाद इसमें तेजी से कमी आई।
यह संख्या घटकर 11 हजार 617 तक आ गई। वर्ष 2021 में आपातकालीन सेवा के लिए डायल-112 की शुरुआत की गई। इसके शुरू होने के बाद इन घटनाओं में और तेजी से कमी दर्ज की गई और यह 2021 में घटकर छह हजार 298 तक पहुंच गई। 2024 में यह घटकर आधी के करीब पहुंच गई और यह तीन हजार 186 तक आ गई।
दरअसल, किसी आपात स्थिति या घटना में डायल-112 पर काल करने पर औसत 15 से 20 मिनट के अंदर पुलिस घटना स्थल पर पहुंच जाती है। समय रहते शुरुआत में ही पुलिस की सक्रियता से दंगा या सांप्रदायिक तनाव की घटनाएं कम हो रही हैं।
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Bihar Land Mutation: दाखिल-खारिज और परिमार्जन में सुस्ती पर पटना DM नाराज, 24 CO के लिए जारी किया नया ऑर्डर
जागरण संवाददाता, पटना। दाखिल-खारिज एवं परिमार्जन के मामले में जिलाधिकारी ने बड़ी कार्रवाई की है। उन्होंने कई अंचलाधिकारियों से स्पष्टीकरण किया है।
जिलाधिकारी ने यह कार्रवाई 75 दिनों से अधिक समय से लंबित दाखिल-खारिज एवं 120 दिनों से अधिक अवधि के परिमार्जन के लंबित मामलों को लेकर की है। वे सोमवार को समाहरणालय में राजस्व मामलों में प्रगति की समीक्षा कर रहे थे।
उन्होंने दाखिल-खारिज, परिमार्जन, अभियान बसेरा, भूमि मापी, भूमि विवाद निराकरण, आधार सीडिंग, अतिक्रमण उन्मूलन, सीमांकन, विशेष सर्वेक्षण, भू-अर्जन, भूमि उपलब्धता समेत अन्य मामलों की अंचलवार समीक्षा की।
उन्होंने कहा कि 75 दिन से अधिक अवधि के बचे हुए मामले अब मुख्यतः पांच अंचलों, संपतचक, बिहटा, दीदारगंज, नौबतपुर एवं दानापुर में हैं। दो सप्ताह में संबंधित सीओ ने अपेक्षित कार्य नहीं किए हैं।
इन सभी अंचल अधिकारियों को अब दो सप्ताह का समय दिया गया है। इन सभी से स्पष्टीकरण किया गया कि क्यों नहीं इनपर अनुशासनात्मक कार्रवाई प्रारंभ की जाए?
घोसवरी एवं पंडारक-में ऐसे मामले शून्य हैं। शेष 19 अंचलों में ऐसे मामले कम हैं। इनसे भी स्पष्टीकरण करते हुए लंबित मामलों को तुरंत निष्पादित करने को कहा गया।
लंबित आवेदनों के निष्पादन में आई तेजीपिछले वर्ष एक अप्रैल को दाखिल-खारिज के करीब 80,665 आवेदन लंबित थे, जो सात अप्रैल 2025 को महज 17,932 रह गए हैं। इनमें लगभग 40,207 आवेदन एक्सपायर्ड थे, जो अब घटकर 4,906 रह गए हैं।
एक वर्ष में दाखिल-खारिज के 80,107 नए आवेदन प्राप्त हुए, इस प्रकार इस अवधि में लगभग 1,42,800 आवेदनों को निष्पादित किया गया। डिजिटाइज्ड जमाबंदी में सुधार की स्थिति ठीक है।
अभियान बसेरा में प्रगति ठीक है। आधार सीडिंग में बाढ़, मसौढ़ी, पालीगंज तथा पटना सिटी अनुमंडलों में अच्छी स्थिति है। मापीवाद में लगभग 60 प्रतिशत मामलों को ही अभीतक निष्पादित किया गया है।
परिमार्जन प्लस के कुल प्राप्त आवेदनों 41,264 में से 13,197 लंबित हैं। उन्हें निर्देश दिया है कि बीएलडीआरए कोर्ट में 90 दिनों से अधिक के लंबित मामलों को नियमानुसार शीघ्र निष्पादित करें।
म्यूटेशन अपील के 30 दिनों से अधिकम्यूटेशन अपील के 30 दिनों से अधिक लंबित मामलों को विधिवत शीघ्र निष्पादित करने का निर्देश दिया गया। आंगनबाड़ी केंद्र के लिए 141 भूमि का एनओसी उपपलब्ध कराया गया है।
शेष 224 केंद्रों के लिए चिह्नित भूमि का एनओसी उपलब्ध कराने का निर्देश डीएम ने दिया। डीएम ने कहा कि राजस्व मामलों में शिथिलता, लापरवाही या अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
विभिन्न मानकों पर खराब प्रदर्शन करने वाले अंचलाधिकारी 10 दिन के अंदर अपेक्षित सुधार ले आएं।
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Mokama News: गंगा में नहा रहे एक ही परिवार के 5 युवक डूबे, तीन की मौत; मची चिख-पुकार
संवाद सहयोगी, बाढ़। पटना जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है। मोकामा प्रखंड के दरियापुर गांव के पांच युवक सोमवार की दोपहर दो बजे गंगा में नहाने के दौरान डूब गए, जिसमें तीन की मौत हो गई।
वहीं दो युवकों को काफी मशक्कत के बाद आसपास के लोगों ने बाहर निकाला और अस्पताल में भर्ती कराया। मरने वालों में मो. मेराज, मो. इब्राहिम व मो. अमीर शामिल हैं। घटना की जानकारी मिलने के बाद ग्रामीणों की भीड़ लग गई। सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने युवकों के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
ग्रामीणों के अनुसार, मो. मेराज, मो. इब्राहिम व मो अमीर सभी बाहर रहकर काम करते थे। सभी लोग गांव दरियापुर में हो रही शादी में शामिल होने आए थे। सभी युवक गंगा में नहाने गए थे।
इसी दौरान अचानक सभी डूबने लगे। शोर मचाने पर स्थानीय गोताखोरों ने तीन युवकों का शव बरामद किया। इस हादसे के बाद दरियापुर गांव में मातम पसर गया।
क्या बोले ग्रामीण?ग्रामीणों ने बताया कि गंगा किनारे बालू तस्करों ने अवैध कटाई कर अधिक गड्ढा कर दिया। इसका अंदाजा युवकों को नहीं लगा और सभी डूब गए।
इसके पहले भी अवैध कटाई से पिछले एक सालों में तीन दर्जन से अधिक लोगों की डूबने से मौत मोकामा में हो चुकी है।
हालांकि, अब तक इस मामले में पुलिस की तरफ से कोई भी बयान सामने नहीं आया है। इस घटना के बाद इलाके में चहल-पहल तेज हो गई है। प्रखंड में लगभग हर जगह इस घटना की चर्चा की जा रही है।
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Bihar: बीटीएससी ने अगले आदेश तक रोकी लैब टेक्नीशियन बहाली की प्रक्रिया, प्रभारी सचिव ने लिखा लेटर
जागरण संवाददाता, पटना। बिहार तकनीकी सेवा आयोग ने सोमवार को लैब तकनीशियन की नियुक्ति संबंधी कार्रवाई अगले आदेश तक स्थगति करने का पत्र जारी किया है। प्रभारी सचिव ने पत्र में लिखा है कि पटना हाई कोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत प्रयोगशाला प्रावैधिक पद पर नियुक्ति की प्रक्रिया पर रोक लगाते हुए 10 अप्रैल तक जवाबी हलफनामा दायर करने को कहा है।
कोर्ट के आदेश के बाद स्वास्थ्य विभाग के उप सचिव शैलेश कुमार ने 2 अप्रैल को आयोग को पत्र लिखकर 2969 पदों की नियुक्ति प्रक्रिया स्थगित करने को कहा था। आयोग ने गत 3 मार्च को 2969 लैब तकनीशियन की बहाली के लिए विज्ञापन संख्या 2/25 प्रकाशित किया था व आवेदन की अंतिम तिथि एक अप्रैल थी।
उपसचिव ने आयोग को लिखे पत्र में कहा है कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जिन 610 पदों पर नियुक्ति में रोक लगाई है, उन्हें जोड़ते हुए ही स्वास्थ्य विभाग ने 2969 पदों के लिए रोस्टर आदि की प्रक्रिया की थी।
न्यायालय के आदेश के आलोक में इन पदों को हटा कर दोबारा शेष 2369 पदों के लिए नियमानुसार रोस्टर की गणना करनी होगी। ऐसे में अब शेष 2359 पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया दोबारा शुरू करनी होगी और इसमें लंबा समय लग सकता है।
कोरोना महामारी के बाद हटाए गए कर्मी मायूस:वैश्विक महामारी के समय राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत राज्य स्वास्थ्य समिति ने 810 लैब तकनीशियनों की संविदा पर नियुक्ति की थी। अगस्त 2020 से 810 लैब तकनीशियन जान को खतरे में डाल कर जांच करते रहे। जून 2024 में सभी को हटा दिया गया जबकि उस समय राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में पहले से स्वीकृत 982 पद खाली थे।
उस समय राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक ने नियमित नियुक्ति में उन्हें वरीयता दे नियुक्त करने का आश्वासन दिया था। ऐसे में हटाए गए लैब तकनीशियनों का संघ एनएचएम के पूर्व के 982 पदों पर हटाए गए कर्मियों की नियुक्ति करने की मांग को लेकर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने मिलेगा।
संघ के शशि प्रकाश, दीपक झा व राजीव कुमार ने कहा कि आपातकाल में जान हथेली पर सेवा करने के बावजूद अब नियुक्ति में देरी से उनका जीवनयापन मुश्किल हो गया है। वे स्वास्थ्य मंत्री से मांग करेंगे कि 2359 पदों की नियुक्ति प्रक्रिया विलंबित होने पर उन्हें पूर्व के रिक्त पदों पर नियुक्त किया जाए।
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Bihar News: चुनावी साल में केंद्र से बिहार को मिल गया एक और बड़ा तोहफा, नए फैसले से गांव के लोग हो जाएंगे खुश!
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में ग्रामीण सड़क संपर्क को सुदृढ़ करने की दिशा में केंद्र सरकार ने एक बड़ी पहल करते हुए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई-III) के तहत 367.94 करोड़ की नई योजनाओं को मंजूरी दी है।
इन योजनाओं के अंतर्गत राज्य में पांच नई सड़कों के साथ 103 पुलों का निर्माण किया जाएगा, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों को मजबूत और टिकाऊ सड़क नेटवर्क से जोड़ा जा सकेगा।
इसके अतिरिक्त बिहार सरकार को वित्तीय वर्ष 2023-24 में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत किए गए उत्कृष्ट कार्यों के लिए केंद्र सरकार की ओर से 138 करोड़ की प्रोत्साहन राशि भी प्राप्त हुई है।
इस राशि के साथ राज्य सरकार 92 करोड़ का अंशदान देगी, जिससे कुल 230 करोड़ की राशि सड़कों के अनुरक्षण पर खर्च की जाएगी। ये रखरखाव कार्य उन सड़कों पर किए जाएंगे, जिनकी पंचवर्षीय अनुरक्षण अवधि पूरी हो चुकी है।
जल्द ही शुरू होगा निर्माण कार्यग्रामीण कार्य विभाग के अनुसार इन योजनाओं का उद्देश्य राज्य के हर गांव को सुदृढ़, सुरक्षित और हर मौसम में उपयोगी सड़कों से जोड़ना है। विभाग ने बताया कि योजनाओं के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और जल्द ही निर्माण कार्य भी प्रारंभ होगा।
जर्जर सड़क पर वाहन चालकों की मनमानी से लोग परेशानप्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत प्रखंड में कई सड़कें बनी हैं, लेकिन वर्षों से उपेक्षित केसठ सोनवर्षा मुख्य सड़क की स्थिति दयनीय हो चुकी है।
लोगों को इस पथ पर आवाजाही करने में काफी परेशानी होती है। जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं। इसकी वजह से इस सड़क से गुजरने वाले लोगों को काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है।
क्षेत्र के लोगो ने सड़क निर्माण के लिए कई बार गुहार लगाई। आश्वासन तो मिला, लेकिन हुआ कुछ नहीं। ग्रामीणों के पास इंतजार करने के अलावा दूसरा विकल्प ही नहीं है।
लोगों ने जनप्रतिनिधियों की अनदेखी को लेकर नाराजगी व्यक्त की है। इस सड़क से जमुआ टोला, दंगौली, पोखरा टोला, महादेवगंज, डिहरा, राजापुर, धेनुआडीह सहित अन्य गांवों के लोग प्रत्येक दिन इस मार्ग से सोनवर्षा व राज्य के विभिन्न हिस्सों में जाते है।
यह मार्ग केसठ से सोनवर्षा एनएच 319 को जोड़ता है। वाहन चालक सड़क खराब होने की दुहाई दे मनमाने भाड़े वसूलते हैं। वहीं यात्री तब तक भगवान का नाम जपते हैं, जब तक अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच जाते।
काफी दिनों से जर्जर हालत में पड़ा यह मार्ग इस बार चुनावी मुद्दा बन सकता है। इसका खामियाजा चुनाव में आने वाले नेताओं को भुगतना पड़ सकता है।
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Bihar Politics: 'अगर हम अलग-अलग चुनाव लड़े तो...', राहुल गांधी के बयान से बिहार में आएगा सियासी भूचाल
राज्य ब्यूरो, पटना। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कांग्रेसियों को दो टूक कह दिया है कि अलग-अलग चुनाव लड़कर बिहार में एनडीए को परास्त नहीं कर सकते हैं। एनडीए को परास्त करना है तो महागठबंधन के सभी दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ना होगा।
सोमवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम में पार्टी के जिलाध्यक्षों और वरिष्ठ नेताओं की बैठक को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा कि बिहार विधानसभा का चुनाव इस राज्य के लिए ही नहीं, देश के लिए भी महत्वपूर्ण है। बदलाव का रास्ता बिहार से ही निकलता है।
उन्होंने कांग्रेसियों से आग्रह किया कि वे कथनी और करनी में बिल्कुल अंतर न रखें। कहें कुछ और करें कुछ और इस प्रवृति को छोड़ दें। ईमानदारी से काम करें तो सफलता जरूर मिलेगी।
'कांग्रेस के लोग गांवों में जाएं'गांधी ने कहा कि कांग्रेस के लोग राज्य के गांवों में जाएं। चौपाल लगाएं। आम लोगों की समस्याओं को सुनें। आन्दोलन के माध्यम से उसका समाधान करें। आप उन लोगों के बीच भी जाकर काम करें, जिनकी प्रतिबद्धता अन्य दलों के प्रति है। दलितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों और वंचितों के अलावा गरीब सवर्णों को भी संगठन से जोड़ें। उन्हें जाति आधारित गणना और आरक्षण की सीमा बढ़ाने के लाभ के बारे में भी बताएं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश कुमार ने कहा कि राज्य इकाई एआइसीसी के निर्देशों के अनुरूप काम कर रही है। कांग्रेसी अपने वाहन और घर पर पार्टी का झंडा लगा रहे हैं। उन्होंने विश्वास दिलाया कि राज्य कांग्रेस के लोग ईमानदारी और मेहनत से काम कर रहे हैं।
कार्यक्रम को बिहार के कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लाबारू ने भी संबोधित किया। प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह, डॉ. मदनमोहन झा, कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान सहित कई वरिष्ठ नेता कार्यक्रम में शामिल हुए। मंच पर राहुल गांधी के अलावा राजेश कुमार, कृष्णा अल्लाबारू, डॉ. मदन मोहन झा और शकील अहमद खान बैठे थे।
टिकट चाहिए तो बनाइए 50 हजार से अधिक फॉलोअर्समंच पर राहुल गांधी के आने से पहले पार्टी की आईटी टीम के सदस्य बता रहे थे कि आज इंटरनेट मीडिया के माध्यम से लोगों के बीच अपनी पहुंच बनाना कितना आसान हो गया है।
टीम के एक सदस्य ने कहा कि अगर विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार बनना चाहते हैं तो इंटरनेट मीडिया पर अपने फॉलोअर्स की संख्या बढ़ाएं। यह 50 हजार से अधिक हो तो टिकट मिलने में सुविधा होगी।
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