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द्वारका में पूरी हुई अनंत अंबानी की आस्था और विश्वास की यात्रा, जानिए क्या रही इसकी खासियत
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कुशिंग सिंड्रोम यानी गंभीर किस्म के एक हार्मोनल असंतुलन के कारण उत्पन्न मोटापा, अस्थमा और फाइब्रोसिस से जूझ रहे किसी व्यक्ति के लिए एक-दो किलोमीटर पैदल चलना भी मुश्किल हो सकता है, लेकिन गुजरात में जामनगर से द्वारका तक की 180 किलोमीटर लंबी पदयात्रा नौ दिनों में पूरी कर अनंत अंबानी ने अपने एक संकल्प की सिद्धि की।
पदयात्रा के रूप में की गई अपनी इस आध्यात्मिक यात्रा को अनंत अंबानी ने अपने आंतरिक उत्थान, खासकर कठिन पथ को अपनाने की शक्ति हासिल करने का एक प्रयास बताया है।
29 मार्च को शुरू हुई थी यात्रायह यात्रा 29 मार्च को शुरू हुई थी और इसका समापन रामनवमी के अवसर पर हुआ। खास बात यह है कि रविवार को हिंदू कैलेंडर के अनुसार उनका जन्मदिन भी रहा। हाल में अपने कई सामाजिक कार्यों के कारण चर्चा में रहे अनंत इस यात्रा में प्रतिदिन 12 से 15 किलोमीटर पैदल चले।
इस दौरान अनंत के साथ उनकी मां नीता अंबानी और पत्नी राधिका के साथ ही कुछ करीबी सहयोगी और आध्यात्मिक गुरु ही रहे। अनंत अंबानी के अनुसार उनके लिए इस यात्रा का अर्थ भय के ऊपर विश्वास, कष्ट के ऊपर प्रेरणा और आराम के ऊपर अनुशासन को वरीयता देना था। अनंत अंबानी के लिए यह पदयात्रा भटकाव और शोर-शराबे से दूर ध्यान और भक्ति का मार्ग प्रशस्त करने वाली रही।
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भारत को अब तक नहीं मिला अग्रणी वैश्विक विश्वविद्यालय, संसदीय समिति ने राज्यसभा में पेश की रिपोर्ट
पीटीआई, नई दिल्ली। भारत को अब तक किसी भी अग्रणी वैश्विक विश्वविद्यालय, जैसे कि आईवी लीग संस्थानों से कोई वैश्विक परिसर नहीं मिला है। संसद की एक समिति ने इस पर चिंता जताते हुए कहा कि भारत को शीर्ष विदेशी विश्वविद्यालयों को आकर्षित करने के लिए अधिक प्रयास करने की जरूरत है।
हाल के वर्षों में विदेशी विश्वविद्यालयों की भारत में कैंपस खोलने की दिलचस्पी बढ़ी है। इसकी एक वजह भारत का बड़ा छात्र वर्ग और सरकार द्वारा सहयोगी कार्यक्रमों व संयुक्त डिग्री पाठ्यक्रमों को बढ़ावा देने की पहल है।
दिग्विजय सिंह हैं समिति के अध्यक्षइस समिति की अध्यक्षता कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह कर रहे हैं। समिति ने अपनी रिपोर्ट राज्यसभा में पेश की, जिसमें यह बात सामने रखी गई। रिपोर्ट में कहा गया है, 'हालांकि, भारत को अभी तक किसी भी अग्रणी वैश्विक विश्वविद्यालय (आईवी लीग्स, न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय, कार्नेगी मेलन विश्वविद्यालय आदि) से परिसर प्राप्त करना बाकी है। समिति अनुशंसा करती है कि उच्च शिक्षा विभाग को देश के छात्रों के लिए सर्वोत्तम वैश्विक संसाधनों तक अधिक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए इसे और प्रयास करने चाहिए।'
आईवी लीग अमेरिका में लंबे समय से स्थापित विश्वविद्यालयों का एक समूह है, जिनकी शैक्षणिक प्रतिष्ठा बहुत अच्छी है। इसमें हार्वर्ड, येल, प्रिंसटन और कोलंबिया शामिल हैं। जबकि ब्रिटेन का साउथहेम्प्टन विश्वविद्यालय इस वर्ष भारत में अपना परिसर स्थापित करने की प्रक्रिया में है, दो ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालयों-डीकिन और वोलोंगोंग के परिसर पहले से ही गुजरात की गिफ्ट सिटी में हैं।
क्वीन्स यूनिवर्सिटी बेलफास्ट व कोवेंट्री यूनिवर्सिटी को भी गिफ्ट सिटी में कैंपस खोलने की मंजूरी मिली है। अभी तक किसी अमेरिकी यूनिवर्सिटी का भारत में कोई कैंपस नहीं है।विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने 2023 में भारत में विदेशी उच्च शिक्षण संस्थानों के परिसरों की स्थापना और संचालन की घोषणा की थी।
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Bihar News: बिहार के 3 स्टार्ट-अप को मिला महारथी अवार्ड, जानिए इनकी सफलता की कहानी
जागरण संवाददाता, पटना। बिहार के तीन स्टार्ट-अप को महारथी अवार्ड से सम्मानित किया गया है। नई दिल्ली के भारत मंडपम में केंद्र सरकार की तरफ से आयोजित प्रतिष्ठित स्टार्ट-अप महाकुम्भ कार्यक्रम में तीन स्टार्ट-अप ईवाय डेल्टा, लेडी फेयर और भोजपत्ता का चयन इस अवार्ड के लिए किया गया है।
चयनित स्टार्ट-अप को 1-1 लाख रुपये कैश दिया गया है। बिहार के इन स्टार्ट अप को अलग-अलग क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने के लिए सम्मानित किया गया है।
लेडी फेयरबिहार के इस लेडीफेयर ब्यूटी कंसेप्ट्स प्राइवेट लिमिटेड को खासतौर के सौंदर्य आधारित व्यवसाय स्थापित करने के कारण चयनित किया गया है। इस कंपनी का लोकप्रिय नाम लेडीफेयर है। इसे सीधे उपभोक्ता श्रेणी यानी डी2सी (डायरेक्ट टू कंज्यूमर) श्रेणी में राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
इस कंपनी की स्थापना ऋषि रंजन कुमार ने 2019 में की है। वह सीतामढ़ी जिले के एक छोटे से गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने इस कंपनी की स्थापना यह सोच कर की थी कि ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को उनके घर पर ही सैलून वाली सभी सुविधाएं मिल सके।
साथ ही महिलाओं को इसके माध्यम से जीविकोपार्जन का भी साधन मुहैया हो सके। इस कंपनी से जुड़ कर ग्रामीण इलाकों की 150 से अधिक महिलाएं ब्यूटीशियन का प्रशिक्षण ले चुकी हैं, जो 12 से अधिक शहरों में अपनी सेवाएं दे रही हैं।
इन महिलाओं की बदौलत डेढ़ करोड़ रुपये से अधिक की आय कर लेती है। लेडीफेयर डिजिटल समावेश की बदौलत सामाजिक प्रभाव स्थापित करने के लिए तेजी से काम कर रही हैं।
लेडीफेयर का सालाना टर्नओवर वित्तीय वर्ष 2024-25 में बढ़कर 36 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। अभी 150 से अधिक महिलाएं को इसके जरिए नियमित रोजगार मिल रहा है। एक किराये के कमरे से शुरू हुआ यह स्टार्ट-अप आज राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान स्थापित करने में कामयाब हुआ है।
भोजपत्ताभोजपत्ता एक कृषि आधारित स्टार्ट-अप है। इसकी कंपनी का नाम भोजपत्ता एग्रीप्रिन्यूर प्राइवेट लिमिटेड महज 4 लाख रुपये की शुरुआती मदद से शुरू हुआ ऐसा स्टार्ट-अप है, जिसे आज राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली और स्टार्ट-अप के महाकुम्भ में महारथी अवार्ड से नवाजा गया।
इसकी स्थापना 2021 में की गई थी। यह एक ऐसा इनोवेटिक स्टार्ट अप है, जो अपने शून्य कार्बन उत्सर्जन वाले सोलर ड्रायर की मदद से फसलों की कटनी के बाद होने वाले नुकसान को काफी कम कर देता है।
प्रिज्म तकनीक, प्राकृतिक फाइबर की मदद से एयर फिल्टर जैसे कई टिकाऊ और बहुउपयोगी समाधान प्रस्तुत करता है।
इससे कृषि आधारित अवशिष्ट का फिर से सही तरीके से उपयोग करके इनका सदुपयोग करने का बेहतरीन माध्यम भोजपत्ता प्रस्तुत करता है। यह कंपनी सालाना 74 मिलियन टन कृषि अवशिष्ट का उपयोग करती है।
भोजपत्ता का सालाना टर्नओवर वित्तीय वर्ष 2024-25 में बढ़कर 89 लाख हो गया है। यह 14 लोगों के समुह को नियमित रोजगार प्रदान कर रहा है। इस स्टार्ट-अप का दृष्टिकोण प्राकृतिक और संस्कृति को समेकित रूप से जोड़ना है। इस स्टार्ट अप को इससे पहले जैविक इंडिया 2022 में पहला पुरस्कार अर्जित किया था।
इसका चयन एग्री उड़ान 5.0 और आईआईटी कानपुर के एसआईएल 3.0 और सेलको फाउंडेशन ने भी सराहनीय प्रयोग के तौर पर किया था। यह ग्रामीण सशक्तीकरण, हरित नवाचार और पर्यावरणीय अनुकूल जीवनयापन के तरीके को बढ़ावा देने के लिए खासतौर से जाना जाता है।
ईवाय डेल्टायह बिहार आधारित तकनीक आधारित स्टार्ट-अप है, जिसे स्टार्ट-अप महाकुम्भ में महारथी अवार्ड से नवाजा गया है। इसे रक्षा और स्पेस श्रेणी में उल्लेखनीय प्रदर्शन के लिए यह सम्मान दिया गया है। इसकी पहली फंडिंग वर्तमान में प्रक्रियाधीन है।
यह स्टार्ट-अप मुख्य रूप से नेक्सट जेनरेशन इलेक्ट्रिक मोटर तकनीक को तैयार करने में अपने नवाचार के लिए खासतौर से जाना जाता है। मैगनेटिक फिल्ड ऑप्टिमाइजेशन, एडवांस थर्मल मैनेजमेंट और मॉड्यूलर डिजाइन में इनके कार्य उल्लेखनीय है।
इनके तैयार मॉडल ऊर्जा बचत करने की खासियत रखने के साथ ही लंबे समय तक पूरी क्षमता से चलने के लिए जाने जाते हैं। खासतौर से तैयार इन मोटर का उपयोग ड्रोन, रोबोटिक्स और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी वाले प्लेटफॉर्म के लिए उपयोग में आते हैं।
स्टार्ट-अप बिहार में खासतौर से पहचान बनाने वाले इस ईवाय डेल्टा स्टार्ट-अप ने 11 फुल टाइम जॉब का सृजन किया है। इसके साथ ही इसे 15 हजार मोटर बनाने का उल्लेखनीय ऑर्डर भी प्राप्त हुआ है, जिसकी कीमत करीब साढ़े तीन करोड़ रुपये है।
अब यह कंपनी विशेष तौर पर अपनी एक उत्पादन लाइन स्थापित करने जा रही है, जिसकी क्षमता 5 हजार मोटर प्रति महीने की होगी। यह आत्मनिर्भर भारत के तहत आधुनिक हार्डवेयर निर्माता की विशेष मुहिम में शामिल होने की कवायद में है। इसका विजन इसे वैश्विक स्तर पर स्मार्ट इलेक्ट्रिक प्रणेता के तौर पर शामिल होगा।
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'वक्फ बोर्डों पर नियंत्रण की मंशा नहीं', जेपी नड्डा ने नए कानून को लेकर फिर स्पष्ट की तस्वीर
पीटीआई, नई दिल्ली। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने रविवार को कहा कि केंद्र सरकार वक्फ बोर्डों को नियंत्रित नहीं करना चाहती, बल्कि यह सुनिश्चित करना चाहती है कि उनका संचालन कानून के दायरे में हो ताकि उनकी परिसंपत्तियों का इस्तेमाल मुस्लिम समुदाय के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य एवं रोजगार को बढ़ावा देने में हो।
भाजपा के 45वें स्थापना दिवस के अवसर पर पार्टी मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नड्डा ने कहा कि तुर्किये और कई अन्य मुस्लिम देशों की सरकारों ने वक्फ की संपत्तियों को अपने नियंत्रण में ले लिया है। हम इनका (वक्फ बोर्डों) संचालन करने वालों से सिर्फ यह कह रहे हैं कि नियमों के अनुसार काम करें। संबोधन से पहले भाजपा अध्यक्ष ने पार्टी मुख्यालय पर पार्टी का ध्वज फहराया। इस अवसर पर पार्टी के कई नेता उपस्थित थे जिनमें विभिन्न सांसद एवं दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता शामिल हैं।
'भाजपा दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी'1951 में जनसंघ से शुरू हुई भाजपा की राजनीतिक यात्रा का उल्लेख करते हुए नड्डा ने कहा कि आज भाजपा दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बन गई है और कई राज्यों की सत्ता में है क्योंकि यह कांग्रेस के विपरीत वोटों के लिए कभी अपनी विचारधारा से नहीं डिगी। भाजपा विचारधारा और जनाधार वाली पार्टी है।
उन्होंने कहा कि गुजरात में भाजपा की लगातार छठी बार, गोवा और हरियाणा में तीसरी बार, मध्य प्रदेश में चौथी बार और महाराष्ट्र, उत्तराखंड, मणिपुर, असम, उत्तर प्रदेश और त्रिपुरा में दूसरी बार सरकार बनी है। 27 वर्षों बाद पार्टी ने दिल्ली में भी सरकार बनाई है।
उन्होंने भाजपा की सफलता का श्रेय श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय, अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी जैसे पार्टी के दिग्गज नेताओं को दिया।नड्डा ने कहा,
आज लोकसभा में हमारे 240 सदस्य, राज्यसभा में 98 सदस्य और देशभर में 1,600 से ज्यादा विधायक हैं। हमने हाल ही में अपना सदस्यता अभियान खत्म किया है और भाजपा सदस्यों की संख्या 13.5 करोड़ पार कर गई है। देशभर में हमारे 10 लाख से अधिक सक्रिय कार्यकर्ता हैं।
संगठन का विस्तार और चुनाव में जीत एक कला और विज्ञान है- उन्होंने कहा कि भाजपा एकमात्र राजनीतिक पार्टी है जो वैज्ञानिक विकास की साक्षी रही है। संगठन का विस्तार और चुनाव में जीत एक कला और विज्ञान है। हालांकि हमारे विरोधी संसद में हम पर कटाक्ष करते हैं, लेकिन वे यह भी कहते हैं कि हम दुनिया में सबसे बड़ी पार्टी हैं। यहां तक कि हमारे विरोधी भी हमारी ताकत पहचानते हैं।
- नड्डा ने कहा कि भाजपा ने राष्ट्र को हमेशा पहले रखा है और भारत की परंपराओं, संस्कृति एवं इतिहास को बढ़ावा देने का प्रयास किया है। पार्टी के शासनकाल में ही अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण हुआ है। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि शाहबानो केस में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस मुस्लिम समुदाय के कुछ वर्गों के दबाव में झुककर तुष्टीकरण की राजनीति में फंस गई थी।
- सुप्रीम कोर्ट द्वारा मुस्लिम महिलाओं की मुक्ति का आह्वान करने के बावजूद किसी में भी निर्णायक कार्रवाई करने का साहस नहीं था। लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने तत्काल तीन तलाक को खत्म कर दिया और मुस्लिम महिलाओं को मुक्ति दिलाई। मोदी सरकार ने उन लोगों को भी नागरिकता के अधिकार दिए जो पाकिस्तान में धार्मिक प्रताड़ना का सामना करने के बाद भारत आए थे।
- नड्डा ने कहा कि हम औपनिवेशिक मानसिकता से बाहर आएंगे। राजपथ अब कर्तव्य पथ है। सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा भी स्थापित (इंडिया गेट के समीप) कर दी गई है। हमने अनुच्छेद-370 भी खत्म कर दिया। हमने कभी अपनी विचारधारा से समझौता नहीं किया।
- उन्होंने कहा कि भाजपा संविधान का मसौदा तैयार करने वाले बीआर आंबेडकर द्वारा स्थापित वैचारिक आधार पर आगे बढ़ रही है, जबकि कांग्रेस ने उसके आत्मा पर प्रहार करने के कई प्रयास किए हैं। भाजपा अध्यक्ष ने पार्टी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं से कहा कि 14-25 अप्रैल तक आंबेडकर जयंती के दौरान लोगों तक पहुंचे और इस बात को उजागर करें कि कैसे कांग्रेस ने संविधान की मौलिक भावना पर हमला करने का प्रयास किया।
उन्होंने उनसे कम से कम एक दिन बूथ पर गुजारने एवं लोगों खासकर पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं से मिलने को कहा जो जनसंघ एवं भाजपा के शुरुआती दिनों से जुड़े रहे थे। नड्डा ने भी 98 वर्षीय वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्ता शंकुतला आर्य से उनके आवास पर मुलाकात की जो 1997 में दिल्ली की मेयर रही थीं।
मोदी-शाह ने दी स्थापना दिवस पर बधाईप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भाजपा के स्थापना दिवस पर पार्टी के कार्यकर्ताओं को बधाई दी। मोदी ने एक्स पर लिखा कि देश के लोगों ने पार्टी के सुशासन को देखा है, जो पिछले वर्षों में प्राप्त ऐतिहासिक जनादेश में परिलक्षित हुआ है। शाह ने बधाई देते हुए इस बात रेखांकित किया कि कैसे कमल का निशान देशवासियों के दिलों में विश्वास और उम्मीद का नया प्रतीक बन गया है।
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कब होगा CCS के भवनों में मंत्रालयों का स्थानांतरण? जानिए सरकार ने क्यों लिया ये फैसला
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्र सरकार के मंत्रालयों और विभागों को नए बन रहे कॉमन सेंट्रल सेक्रेटेरिएट (सीसीएस) में स्थानांतरित करने की तैयारी शुरू करते हुए शहरी कार्य मंत्रालय ने अधिकारियों और कर्मचारियों के आवागमन का विवरण जुटाना शुरू कर दिया है।
यह काम संसद और उसके आसपास की भीड़भाड़ कम करने और अबाधित आवागमन सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। इसके तहत मंत्रालयों के अफसरों और कर्मचारियों से एक ऑनलाइन सर्वे कराया जा रहा है जिसमें उन्हें अपने आने-जाने की टाइमिंग, वाहन, काम के समय आदि की जानकारी देनी है। कुल दस भवनों वाले सीसीएस की तीन बिल्डिंग-मई अंत तक पूरी तरह तैयार हो जाने के आसार हैं।
पहले तीन मंत्रालयों को किया जाएगा स्थानांतरितशुरुआत में दो-तीन मंत्रालयों और छह-साथ विभागों को नए भवनों में स्थानांतरित किया जाएगा। इनमें वित्त और कार्मिक मंत्रालय शामिल हैं। मंत्रालय इसके साथ ही एक अध्ययन भी करा रहा है, जो संसद के आसपास भीड़भाड़ कम करने, मेट्रो स्टेशनों के बाहर बेहतर व्यवस्थाएं करने और सार्वजनिक परिवहन का ढांचा दुरुस्त करने के लिए है।
केंद्र सरकार के मंत्रालयों और विभागों में लगभग 55000 कर्मचारियों का इस क्षेत्र में रोज आना-जाना होता है। कर्तव्य पथ और संसद के इर्द-गिर्द 20 इमारतें हैं, जिनमें इन कर्मचारियों का आना होता है। इसके अलावा बड़ी संख्या में सामान्य लोग भी अपने कामों के लिए मंत्रालयों में जाते हैं। शहरी कार्य मंत्रालय सर्वे और अध्ययन के जरिये इस क्षेत्र में पदयात्रियों के लिए भी नया ढांचा बनाएगा।
मंत्रालय एकत्र कर रहा ये जानकारियांमंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार यह सब सेंट्रल विस्टा रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट का हिस्सा है। अधिकारियों और कर्मचारियों का सही-सही फीडबैक मिल जाने से हमें उनके लिए लास्ट माइल कनेक्टिविटी का इंतजाम करने के साथ ही पार्किंग की व्यवस्था करने में भी मदद मिलेगी। मंत्रालय पहले ही अधिकारियों से उनके वाहनों का विवरण ले चुका है। नए भवनों में उन्हें अधिक और बेहतर पार्किंग सुविधा मिलेगी। अभी शास्त्री भवन, रेल भवन और उद्योग भवन जैसे अधिक आवागमन वाली इमारतों में पार्किंग की लचर व्यवस्था के कारण वाहनों का निकलना कठिन होता है।
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JEE Main 2025: इस तारीख को आएगा जेईई मेन 2025 सेशन 2 का रिजल्ट, JEE एडवांस्ड के लिए 23 अप्रैल से रजिस्ट्रेशन
जागरण संवाददाता, पटना। JEE Main 2025 Session 2 Result: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित जेईई मेन 2025 सेशन टू की परीक्षा 7 अप्रैल को दो शिफ्ट में होगी। इसके बाद केवल जेईई मेन पेपर-टू की परीक्षा 9 अप्रैल को होगी। जेईई मेन पेपर-1 की परीक्षा 7 अप्रैल को समाप्त हो जायेगी।
परीक्षा समाप्त होने के बाद अभ्यर्थी को रिजल्ट का इंतजार रहेगा। रिजल्ट 17 अप्रैल को वेबसाइट jeemain.nta.nic.in पर जारी किया जाएगा।
एनटीए जेईई मेन प्रोविजनल आंसर की 2025 पर दर्ज आपत्तियों के आधार पर जेईई मेन 2025 सेशन-टू रिजल्ट के साथ रैंक लिस्ट भी जारी करेगा।
जेईई मेन के टाप 2.50 लाख अभ्यर्थी को जेईई एडवांस में शामिल होने का मौका मिलेगा। जेईई एडवांस्ड के आधार पर आईआईटी और जेईई मेन के स्कोर से एनआईटी, आईआईआईटी, जीएफटीआई और अन्य मान्यता प्राप्त इंजीनियरिंग कॉलेजों में भी नामांकन ले सकते हैं।
जेईई एडवांस्ड 2025 के लिए रजिस्ट्रेशन 23 से शुरूजेईई एडवांस्ड 2025 के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन 23 अप्रैल से आरंभ होगी। आवेदन दो मई तक कर सकते हैं। परीक्षा के लिए फीस जमा करने की अंतिम तिथि पांच मई है। प्रवेश पत्र 11 मई को जारी किया जाएगा।
परीक्षा 18 मई को निर्धारित है। जेईई एडवांस्ड में शामिल होने के लिए वेबसाइट https://jeeadv.ac.in/ पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।
18 मई को आयोजित होगी जेईई एडवांस्ड परीक्षाजेईई एडवांस्ड 2025 का आयोजन 18 मई को आयोजित की जाएगी। प्रवेश परीक्षा में दो पेपर शामिल होंगे। पेपर 1 और पेपर 2। पेपर 1 सुबह नौ बजे से दोपहर 12 बजे तक होगा।
वहीं, पेपर 2 दोपहर 2:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक आयोजित किया जाएगा। इस परीक्षा के लिए आवेदन करने वाली सभी आरक्षित कैटेगरी और महिला अभ्यर्थियों और एससी, एसटी और पीडब्लूडी अभ्यर्थियों को 1600 रुपये का शुल्क देना होगा।
इसके अलावा, अन्य सभी अभ्यर्थियों को 3200 रुपये फीस देनी होगी। आईआईटी कानपुर की ओर से जारी हुए विस्तृत विवरणी के अनुसार, परीक्षा के दिन उम्मीदवारों को एक प्रवेश पत्र के साथ एक वैलिड फोटो आईडी कार्ड लेकर परीक्षा केंद्र पर पहुंचना होगा।
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Karnataka: हुबली के पास भीषण सड़क हादसा, पुणे-बेंगलुरु हाईवे पर साइड वॉल से टकराई कार; चार की मौत
एएनआई, हुबली। कर्नाटक से रविवार को एक भीषण सड़क हादसा हो गया। इस हादसे में तीन कार सवार लोगों के मौत हो गई है।
जानकारी के अनुसार, कर्नाटक में एनएच-48 (पुणे-बेंगलुरु हाईवे) पर नूलवी क्रॉस के पास हुबली आ रही क्विड कार हाईवे पर एक साइड वॉल से टकरा गई।
मौके पर तीन लोगों की मौतइस घटना में तीन लोगों की मौत घटनास्थल पर ही हो गई, हालांकि, एक घायल शख्स ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। मृतकों की पहचान सुजाता (61), संपतकुमारी (60), गायत्री (65) और शकुंतला (75) के तौर पर हुई है।
मामले की जांच में जुटी पुलिससभी मृतक लिंगराज नगर हुबली के निवासी बताए जा रहे हैं। वहीं, इस घटना में वीरबसय्या (69) का अस्पताल में इलाज चल रहा है। पूरे प्रकरण में हुबली ग्रामीण पुलिस में मामला दर्ज कर लिया गया है। इस मामले की जांच की जा रही है।
Karnataka | Three people died in a car accident at Noolvi Cross near Hubli on NH 48 Pune Banglore highway. Deceased persons travelling in a Quid car coming to Hubballi collided with a side wall on the highway. Three persons died on the spot, and another in hospital. Sujata (61),…
— ANI (@ANI) April 6, 2025बेंगलुरु में सुनसान सड़क पर युवती का यौन उत्पीड़न, सीसीटीवी में कैद हुई वारदात; VIDEO देख कांप जाएगा दिल
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में एक युवती के साथ सुनसान सड़क पर यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया है। इस घटना ने कर्नाटक में महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। घटना बेंगलुरु में बीटीएम लेआउट एरिया की बताई जा रही है।
सोशल मीडिया पर इसका एक वीडियो भी वायरल हो रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि दो युवतियां रात में एक सुनसान सड़क से गुजर रही हैं। सड़क पर कई टू व्हीलर खड़े दिखाई दे रहे हैं। तभी पीछे से एक युवक आता दिखाई देता है।
पुलिस को नहीं मिली शिकायतवीडियो में दिखता है कि दोनों युवतियां जब सड़क पर चल रही है, तभी पीछे से युवक आकर उनसे से एक को पकड़ देता है। इसके बाद वह उसके प्राइवेट पार्ट पर हाथ लगाता है और फिर वहां से भाग जाता है।
बेंगलुरु में युवती से गंदी हरकत! एक शख्स संकरी गली में चल रही दो युवतियों के पास जाता है, युवती का यौन उत्पीड़न करता है और फिर भाग जाता है pic.twitter.com/4P6hN0OXDq
— Swaraj Srivastava (@SwarajAjad) April 6, 2025युवक के जाते ही दोनों लड़कियां वहां से भाग जाती है। जिस जगह पर यह वारदात हुई, वहां एक सीसीटीवी कैमरा लगा हुआ था। सारी वारदात कैमरे में रिकॉर्ड हो गई। हालांकि अभी तक पुलिस को किसी भी तरह की शिकायत नहीं मिली है।
वीडियो में दिख रहे युवक की पहचान अभी नहीं हो पाई है। पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
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Waqf Bill: SC से खारिज नहीं होगा वक्फ संशोधन कानून, लेकिन पास करनी होगी ये तीन परीक्षा
माला दीक्षित, नई दिल्ली। राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद वक्फ संशोधन विधेयक कानून बन चुका है। हालांकि संसद के दोनों सदनों से पारित होते ही इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी गई। अभी तक कई याचिकाएं दाखिल हो चुकी हैं जिनमें इसे संविधान के खिलाफ और धार्मिक स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन बताते चुनौती दी गई है।
लेकिन अगर किसी कानून को परखने के कोर्ट के दायरे को देखा जाए तो वो थोड़ा सीमित होता है। किसी भी कानून को तीन आधारों, विधायी सक्षमता, संविधान का उल्लंघन और मनमाना होने के आधार पर कोर्ट परखता है। तीनों आधारों को देखा जाए तो शीर्ष अदालत से इसे खारिज कराना बहुत आसान नहीं लगता।
क्या है कानूनी सिद्धांत?- मगर यह जरूर है कि मामले पर सुनवाई के बाद अगर सुप्रीम कोर्ट से विस्तृत फैसला आता है तो देश में धार्मिक दान की संपत्तियों के प्रबंधन पर स्पष्ट व्यवस्था आ सकती है।
- वक्फ संशोधन कानून 2025 के अदालत पहुंचने पर जरूरी हो जाता है कि किसी कानून पर विचार के तय कानूनी सिद्धांतों को देखा जाए।
- इलाहाबाद हाई कोर्ट के सेवानिवृत न्यायाधीश एसआर सिंह कहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट किसी भी कानून की वैधानिकता पर मुख्यत: तीन आधारों पर विचार करता है।
पहला कि जिस व्यक्ति या संस्था ने कानून पारित किया है उसे इसका अधिकार नहीं था यानी विधायी सक्षमता (लेजिस्लेटिव कांपीटेंस), दूसरा वह कानून संविधान के किसी प्रविधान या मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता हो अथवा संविधान की मूल भावना के खिलाफ हो। तीसरा मनमाने ढंग से कानून पारित होना यानी आर्बीट्रेरीनेस।
याचिकाओं का मुख्य आधार क्या है?इन तीन आधारों पर अगर वक्फ संशोधन कानून को देखा जाए तो विधायी सक्षमता की कसौटी पर संसद से घंटो बहस के बाद यह पारित हुआ है। दूसरा आधार संवैधानिक प्रविधानों के उल्लंघन का है।
कोर्ट में दाखिल याचिकाओं में मुख्य आधार यही है कि यह कानून मुसलमानों के संवैधानिक अधिकारों और धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन करता है।
याचिका में क्या दलील दी गई?दलील है कि संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 में सभी को धार्मिक स्वतंत्रता और धार्मिक मामलों के प्रबंधन की आजादी मिली हुई है, जबकि इस नये कानून में मुसलमानों की इस आजादी में हस्तक्षेप होता है और सरकारी दखलंदाजी बढ़ती है। याचिकाओं में वक्फ बोर्ड के सदस्यों में गैर मुस्लिमों को शामिल करने का भी विरोध किया गया है।
कानून धार्मिक स्वतंत्रता के खिलाफ नहींमाना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट में होने वाली बहस में धार्मिक स्वतंत्रता का मौलिक अधिकार ही केंद्र में होगा और सुप्रीम कोर्ट जो व्यवस्था देगा वही लागू भी होगी। लेकिन कानून पर सरकार के तर्क को देखा जाए तो उसके अनुसार, यह कानून धार्मिक स्वतंत्रता के खिलाफ नहीं है बल्कि संपत्तियों के प्रबंधन से संबंधित है।
व्यवस्थित सुधारों की आवश्यकतासरकार कानून को जायज ठहराते हुए तर्क दे रही है कि वक्फ प्रबंधन में चुनौतियों का समाधान करने के लिए व्यवस्थित सुधारों की आवश्यकता थी जिसके लिए वक्फ संशोधन कानून 2025 लाया गया। इससे पारदर्शिता, जवाबदेही और कानूनी निरीक्षण सुनिश्चित करके, वक्फ संपत्तियां गैर-मुसलमानों और अन्य हित धारकों के अधिकारों का उल्लंघन किये बगैर अपने इच्छित धर्मार्थ उद्देश्यों की पूर्ति कर सकती हैं।
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शेयर बाजार से लेकर स्टार्टअप्स में बढ़ रही महिलाओं की भागीदारी, सरकार की रिपोर्ट में सामने आई अहम जानकारी
पीटीआई, नई दिल्ली। भारत में कुल बैंक खातों में महिलाओं की हिस्सेदारी 39.2 प्रतिशत है। ग्रामीण क्षेत्रों में यह अनुपात 42.2 प्रतिशत है। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने रविवार को 'भारत में महिला और पुरुष 2024: चयनित संकेतक और आंकड़े' शीर्षक से एक रिपोर्ट जारी की।
यह रिपोर्ट भारत में लैंगिक परिदृश्य का एक व्यापक अवलोकन प्रस्तुत करता है, जिसमें जनसंख्या, शिक्षा, स्वास्थ्य, आर्थिक भागीदारी और निर्णय लेने जैसे प्रमुख क्षेत्रों में चयनित संकेतक और आंकड़े प्रस्तुत किए गए हैं। ये आंकड़े विभिन्न मंत्रालयों/विभागों/संगठनों से प्राप्त किए गए हैं।
डीमैट खातों में 4 गुना की वृद्धि31 मार्च, 2021 से 30 नवंबर, 2024 तक डीमैट खातों की कुल संख्या चार गुना से अधिक होकर 3.32 करोड़ से बढ़कर 14.30 करोड़ हो गई है। पुरुष डीमैट खाताधारकों की संख्या लगातार महिला खाताधारकों से अधिक रही है, लेकिन महिलाओं की भागीदारी में भी वृद्धि देखी गई है।
पुरुष अकाउंट की संख्या 2021 के 2.65 करोड़ से बढ़कर 2024 में 11.53 करोड़ हो गई, जबकि इसी अवधि के दौरान महिला अकाउंट की संख्या 66.7 लाख से बढ़कर 2.77 करोड़ हो गई। वर्ष 2021-22, 2022-23 और 2023-24 के दौरान मैन्युफैक्चरिंग, व्यापार और अन्य सेवा क्षेत्रों में महिलाओं की अगुआई वाले प्रतिष्ठानों का प्रतिशत बढ़ता हुआ देखा गया है।
महिला निदेशक वाले स्टार्टअप की संख्या बढ़ी- महिला मतदाता पंजीकरण में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। कुल मतदाताओं की संख्या 1952 के 17.32 करोड़ से बढ़कर 2024 में 97.8 करोड़ हो गई। वर्षों से मतदान करने वाली महिलाओं की संख्या में भिन्नता रही है। यह 2019 में 67.2 प्रतिशत तक पहुंच गई, लेकिन 2024 में थोड़ी गिरावट के साथ 65.8 प्रतिशत रह गई।
- 2024 में मतदान करने वाली महिलाएं, पुरुषों से आगे निकल गईं। पिछले कुछ वर्षों में, डीपीआइआइटी द्वारा मान्यता प्राप्त ऐसी स्टार्टअप फर्मों की संख्या बढ़ी है, जिसमें कम से कम एक महिला निदेशक है। यह महिला उद्यमिता में सकारात्मक प्रवृत्ति को दर्शाता है। ऐसे स्टार्टअप की कुल संख्या 2017 में 1,943 से बढ़कर 2024 में 17,405 हो गई।
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BJP accuses MK Stalin of insulting PM Modi by skipping Tamil Nadu event - Hindustan Times
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- Stalin skips PM's Pamban event in Tamil Nadu, demands fair delimitation guarantee India Today
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