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हवाई दुर्घटनाओं की पुरानी तस्वीरें साझा कर दुष्प्रचार कर रहे पाकिस्तान समर्थक, PIB ने किया सतर्क

Dainik Jagran - National - May 8, 2025 - 12:05am

 पीटीआई, नई दिल्ली। भारत ने बुधवार को कहा कि पाकिस्तान ने दुष्प्रचार अभियान छेड़ रखा है। प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआइबी) की फैक्ट चेकिंग यूनिट के पोस्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान समर्थक इंटरनेट मीडिया हैंडल भारतीय वायुसेना के विमानों की दुर्घटनाओं की पुरानी तस्वीरें साझा कर दावा कर रहे हैं कि बुधवार को ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने इन विमानों को मार गिराया था।

असत्यापित जानकारी साझा करने से बचें

पीआइबी फैक्ट चेक ने कहा, असत्यापित जानकारी साझा करने से बचें और सटीक जानकारी के लिए केवल भारत सरकार के आधिकारिक स्त्रोतों पर ही भरोसा करें।

पीआइबी फैक्टचेक ने पोस्ट किया, पाकिस्तान समर्थक हैंडलों द्वारा साझा की गई पुरानी तस्वीरों से सावधान रहें।

लड़ाकू विमानों के बारे में पाकिस्तान समर्थक हैंडलों द्वारा इंटरनेट मीडिया पर किए गए वीडियो का हवाला देते हुए कहा गया है, साझा किया जा रहा वीडियो फरवरी का है। इसमें मध्यप्रदेश के शिवपुरी के पास वायुसेना के मिराज 2000 विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने की तस्वीर दिखाई गई है। यह दुर्घटना नियमित प्रशिक्षण के दौरान हुई थी।

पाक राजनीतिक हस्तियां जानबूझकर फर्जी खबरें फैला रही

ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत के निर्णायक हमले के बाद, पाकिस्तान ने दुष्प्रचार अभियान शुरू कर दिया है। यह झूठ के जरिये ध्यान भटकाने का हताश प्रयास है। पाकिस्तान समर्थक इंटरनेट मीडिया हैंडल और यहां तक कि राजनीतिक हस्तियां जानबूझकर फर्जी खबरें फैला रही हैं।

सैन्य जीत और वीरतापूर्ण प्रतिशोध की कहानियां गढ़ रही हैं। वह इतनी अधिक झूठी खबरें फैलाना चाहते हैं कि तथ्य और कल्पना में अंतर करना मुश्किल हो जाए। यह सुनियोजित, समन्वित अभियान है जो जनता को गुमराह करने के लिए चलाया जा रहा है।

पाकिस्तानी समर्थकों के एक अन्य पोस्ट में झूठा दावा किया गया कि पाकिस्तानी सेना ने बहावलपुर के पास भारतीय राफेल जेट को मार गिराया है। पीआइबी फैक्ट चेक टीम ने पाया कि यह तस्वीर 2021 में पंजाब के मोगा में हुए मिग-21 दुर्घटना की थी।

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भी निराधार दावा किया था कि हालिया सैन्य हमलों के दौरान भारतीय सैनिकों को पकड़ लिया गया था, हालांकि बाद में इस बयान का खंडन किया गया और बयान वापस ले लिया गया।

भारतीय ब्रिगेड मुख्यालय को नष्ट करने को लेकर भी किया दुष्प्रचार

एएनआइ के अनुसार ऑपरेशन सिंदूर' से आतंकियों को प्रश्रय को लेकर पोल खुलने के बाद पाकिस्तान इंटरनेट मीडिया पर यह झूठा दावा भी कर रहा है कि उसने 'ऑपरेशन सिंदूर' के जवाब में एक भारतीय ब्रिगेड मुख्यालय को नष्ट कर दिया है। पीआइबी फैक्ट चेक यूनिट ने स्पष्ट किया है कि यह जानकारी भी फर्जी है।

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जो कहा, वो किया! मोदी, शाह और राजनाथ की रणनीति से घुटने पर आया पाकिस्तान, सेना के पराक्रम ने मनवाया लोहा

Dainik Jagran - National - May 7, 2025 - 10:57pm

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पहलगाम आतंकी हमले के बाद शोक और पीड़ा से गुजर रहे देशवासियों को ऑपरेशन सिंदूर से जो संतोष मिला है, वही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शब्दों में भी महसूस हुआ। आतंकी ठिकानों पर हुई अकल्पनीय जवाबी कार्रवाई के बाद पीएम मोदी ने कैबिनेट की बैठक में ऑपरेशन की जानकारी मंत्री परिषद के साथ साझा करते हुए अपनी भावनाएं व्यक्त कीं।

सेना के शौर्य पर गर्व जताते हुए उन्होंने कहा, 'सारा देश हमारी ओर देख रहा था, भारत की ओर से यह हमला होना ही था।' मंगलवार की देर रात हुई इस कार्रवाई के बाद बुधवार सुबह पीएम ने कैबिनेट की बैठक में मंत्री परिषद के सदस्यों को बताया कि ऑपरेशन बिल्कुल योजना के अनुसार ही किया गया और इसमें किसी भी तरह की कोई गलती नहीं हुई।

गृह मंत्री ने बताया मजबूत संदेश

वहीं केंद्रीय गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह ने ऑपरेशन सिंदूर को भारत की सीमा, सेना और नागरिकों की ओर आंख उठाने वालों को भारत का करारा जवाब बताया है। पाकिस्तान और नेपाल सीमा से सटे राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में शाह ने सोशल मीडिया अवांछनीय तत्वों द्वारा देश विरोधी दुष्प्रचार पर कड़ी नजर रखने और उनके खिलाफ त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा।

अमित शाह ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले का ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से दिया गया जवाब पूरी दुनिया के लिए मजबूत संदेश है। इसके साथ ही यह पूरी दुनिया के लिए मोदी सरकार की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति का परिचायक भी है।

रक्षा मंत्री ने रामचरितमानस की चौपाई सुनाई
  • भारतीय सेना के जवानों के सम्मान में भारत माता की जय का उद्घोष करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में भारतीय सेना ने हम सभी का मस्तक ऊंचा कर दिया। ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकी ठिकानों पर की गई कार्रवाई पर भारत की सोच को स्पष्ट करते हुए रक्षा मंत्री ने रामचरितमानस की चौपाई का सहारा लिया।
  • कहा- हमने हनुमान जी के उस आदर्श का पालन किया, जो उन्होंने अशोक वाटिका उजाड़ते समय किया- जिन्ह मोहि मारा, ते मैं मारे। हमने केवल उन्हीं को मारा, जिन्होंने हमारे मासूमों को मारा। राजनाथ सिंह ने कहा कि कल रात भारतीय सेना ने अद्भुत शौर्य और पराक्रम का परिचय देते हुए एक नया इतिहास रच दिया है। भारतीय सेना ने सटीकता, सतर्कता और संदेवनशीलता के साथ कार्रवाई की है।

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Khelo India Youth Games: गतका में बिहार के खिलाड़ियों ने कर दिया कमाल, जीते रिकॉर्ड नौ पदक

Dainik Jagran - May 7, 2025 - 10:45pm

जागरण संवाददाता, पटना। खेलो इंडिया यूथ गेम्स के चौथे दिन बोधगया के इंडियन इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट के ओपन ग्राउंड में खेली गई गतका स्पर्धा में बिहार के खिलाड़ियों ने नौ पदक जीते। गतका में प्रदेश की अंशु ने रजत, आकाश कुमार शर्मा, सक्षम सुजीत पांडेय, सुशांत कुमार और आनंद सगूड कांस्य, जबकि बालिका वर्ग में कोमल जैन, अदिती राज, अंशिका, अनन्या ने कांस्य पदक जीता। इनके कोच जसबीर सिंह, बलराज सिंह और सुरज कुमार शर्मा है। यह गतका में बिहार का खेलो इंडिया के किसी भी संस्करण में सबसे बेहतर प्रदर्शन है।

दर्शकों ने बढ़ाया खिलाड़ियों का उत्साह 

बुधवार का दिन गतका के लिए ऐतिहासिक रहा। इस पारंपरिक खेल के सभी छह स्वर्ण पदक दांव पर थे। दिन की शुरुआत शांत माहौल में हुई, लेकिन आधे घंटे के भीतर जब बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे दर्शक बनकर पहुंचे, तो माहौल जोश से भर गया। हर मुकाबला उत्साहपूर्ण दर्शकों के सामने जोश के साथ लड़ा गया।

टीम और सिंगल में जीता पदक

प्रतियोगिता के बाद यह साफ था कि गतका जो एक पारंपरिक युद्धकला है को अब नया जोश और नया जीवन मिल रहा है। टीम फर्री सोटी बालिका और बालक वर्ग में बिहार ने कांस्य जीता। सिंगल सोटी बालिका वर्ग में अंशु ने रजत पदक दिलाया। फर्री सोटी व्यक्तिगत बालक और बालिका वर्ग में आकाश कुमार शर्मा और कोमल जैन ने कांस्य पदक हासिल किए। यह प्रदर्शन बिहार को खेल के क्षेत्र में आगे ले जाने में बड़ी भूमिका निभाएगा।

बुधवार को गतका में पदक विजेता:

टीम फर्री सोटी (बालिका):

स्वर्ण: झारखंड

रजत: महाराष्ट्र

कांस्य: बिहार और मध्य प्रदेश

टीम फर्री सोटी (बालक):

स्वर्ण: चंडीगढ़

रजत: पंजाब

कांस्य: झारखंड और बिहार

सिंगल सोटी व्यक्तिगत (बालक):

स्वर्ण: गुरसेवक सिंह (पंजाब)

रजत: अशदीप सिंह (पंजाब)

कांस्य: गगनदीप सिंह (दिल्ली), मंदीप सिंह (हरियाणा)

सिंगल सोटी व्यक्तिगत (बालिका):

स्वर्ण: तमन्ना (पंजाब)

रजत: अंशु (बिहार)

कांस्य: अर्शप्रीत कौर सग्गू (मध्य प्रदेश), अवनीत कौर (पंजाब)

फर्री सोटी व्यक्तिगत (बालक):

स्वर्ण: भूपिंदरजीत सिंह (चंडीगढ़)

रजत: जगदीप सिंह (पंजाब)

कांस्य: अमितोज सिंह डासन (छत्तीसगढ़), आकाश कुमार शर्मा (बिहार)

फर्री सोटी व्यक्तिगत (बालिका):

स्वर्ण: जस्मीत कौर (दिल्ली)

रजत: जशनदीप कौर (चंडीगढ़)

कांस्य: कोमल जैन (बिहार), सोनू कौर (पंजाब) 

मिले सुविधा तो और ज्यादा पदक जीतेंगे

गतका एसोसिएशन आफ बिहार के जनरल सेक्रेट्री भोला कुमार थापा ने कहा कि बिहार गतका के खिलाड़ियों ने खेलो इंडिया में पहली बार नौ पदक जीता है। यह पूरे बिहार के लिए गर्व की बात है। गतका के खिलाड़ियों को अगर मैदान की सुविधा मिल जाए तो हमारी टीम और ज्यादा पदक जीत सकती है। पंजाब के दो कोच खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दे रही हैं।

कोच किए जाएं नियमित

गतका के जो कोच वर्तमान में बिहार की टीम को प्रशिक्षण दे रही हैं इन्हें नियमित किया जाना चाहिए। गतका के खिलाड़ियों को किट और जितने भी जिले में खेल भवन है उसके उपयोग की अनुमति दी जाए ताकि और ज्यादा से ज्यादा पदक हासिल कर सके। मेडल लाओ नौकरी पाओ के तहत गतका खेल में भी बेहतर करने वाले खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी दी जाए। गतका एसोसिएशन आफ बिहार के अध्यक्ष जगजीवन सिंह ने खिलाड़ियों को बधाई दी। 

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Operation Sindoor के बाद कैसे बेहतर हो सकते हैं भारत-पाकिस्तान के रिश्ते? पूर्व राजदूत अजय बिसारिया ने दिया जवाब

Dainik Jagran - National - May 7, 2025 - 10:16pm

जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। दिसंबर, 2015 में पठानकोट हमले के बाद से ही भारत और पाकिस्तान के रिश्ते लगातार बद से बदतर होते गये हैं लेकिन आपरेशन सिंदूर के बाद इन दोनों पड़ोसियों के रिश्ते अब लंबे समय तक रसातल में ही रहने की उम्मीद है। वर्ष 2019 में कश्मीर से अनुच्छेद 370 समाप्त करने के भारत के फैसले के बाद से दोनों देशों के बीच सामान्य कूटनीतिक व आर्थिक संबंध खराब हो चुके थे।

पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ सारे कारोबारी संबंधों को तोड़ कर और उच्चायोग में कर्मचारियों की संख्या घटा कर द्विपक्षीय संबंधों के दायरे को पहले ही सीमित कर दिया है। जानकारों का कहना है कि अब दोनों देशों के मौजूदा रिश्तों को सामान्य बनाने की तरफ लाने की शुरुआत के लिए भी कड़ी मशक्कत करनी होगी।

अगले कई महीनों तक दोनों देशों के बीच संबंध रह सकते हैं खराब

पाकिस्तान में भारत के पूर्व राजदूत अजय बिसारिया का कहना है कि, “दोनों देशों के पहले से ही खराब संबंध अगले कई महीनों तक और ज्यादा खराब रहने की उम्मीद है। लेकिन कूटनीति में वार्ता की संभावना हमेशा रहती है। पूर्व में हमने भारत व पाकिस्तान के बीच ऐसा होता देखा है।

पुलवामा हमले के बाद ही दोनों देशों के बीच संबंधों को सामान्य बनाने की दिशा में काम हुआ है। इस बार क्या होता है, यह बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि ऑपरेशन सिंदूर पर पाकिस्तान की तरफ से क्या प्रतिक्रिया होती है। अगर पाकिस्तान इसके जवाब में आज रात या बाद में सैन्य कार्रवाई करता है तो निश्चित तौर पर भारत भी उसके बाद जवाबी कार्रवाई करेगा।'' देश के प्रमुख रणनीतिक विश्लेषक ब्रह्मा चेलानी ने भी ऐसी ही संभावना जताई है।

पठानकोट हमले के बाद काफी बदल गए भारत-पाकिस्तान का रिश्ता

विदेश मंत्रालय के सूत्र बताते हैं कि, “दिसंबर, 2015 में हुए पठानकोट हमले के बाद भारत व पाकिस्तान के बीच रिश्तों में आमूल चूल बदलाव हुआ है। उसके पहले के दो वर्ष तक भारत ने पाकिस्तान के साथ संबंधों को नई दिशा देने की कोशिश की।

मई, 2014 में पीएम नरेन्द्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में पाक पीएम नवाज शरीफ को आमंत्रित करना और 25 दिसंबर, 2015 को पीएम मोदी का अचानक लाहौर (शरीफ के घर शादी समारोह में) हिस्सा लेने के लिए जाना, भारत सरकार की नीति का हिस्सा था। लेकिन पठानकोट हमले के बाद भारत ने सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ जीरो टोलेरेंस की नीति अख्तियार की। इस पर भारत की नीति दिनों दिन सख्त ही होती गई है। ऑपरेशन सिंदूर इसी नीति का हिस्सा है।''

इसके बावजूद भारत व पाकिस्तान के रिश्तों के इतिहास को देखा जाए तो हमेशा लंबे तनाव के बाद वार्ता की शुरुआत हुई है। वर्ष 1965 के युद्ध के बाद ताशकंद में हुआ समझौता या वर्ष 1971 की लड़ाई के बाद शिमला समझौता और वर्ष 1999 के कारगिल युद्ध के दो वर्ष बाद वर्ष 2001 में आगरा सम्मेलन, ये इस बात का उदाहरण हैं।

यहां तक कि वर्ष 2008 के मुंबई हमले के बाद भी वर्ष 2011 में क्रिकेट डिप्लोमेसी के जरिए दोनों देशों के बीच रिश्तों पर पटरी पर लाने की कोशिश हुई। लेकिन पठानकोट हमले के बाद दोनों देशों के बीच आधिकारिक तौर पर कोई बातचीत नहीं हुई है। विगत दस वर्षों में दोनों देशों के शीर्ष नेताओं या विदेश मंत्रियों या अन्य मंत्रियों के बीच कोई द्विपक्षीय मुलाकात नहीं हुई है। यह स्थिति लंबे अरसे तक बनी रह सकती है।

पहले दोनों देश के बीच तनाव के बावजूद कारोबार या खेल संबंधों पर कोई असर नहीं होता था लेकिन अब द्विपक्षीय कारोबार पूरी तरह से बंद हो चुका है। खेल संबंध भी सीमित होते जा रहे हैं। दोनों देशों ने एक दूसरे के आम नागरिकों को बाहर निकाल दिया है। इससे आम जनता के बीच संपर्क भी सीमित हो गया है। इसका असर द्विपभीय संबंधों पर भी दिखाई देगा।

यह भी पढ़ें: OPERATION SINDOOR: पाकिस्तान में कैसे हुई एयरस्ट्राइक, किन हथियारों का हुआ इस्तेमाल? ऑपरेशन सिंदूर के 5 बड़े फैक्ट

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