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EC vs TMC: गड़बड़ियों पर चुनाव आयोग को घेर रही ममता बनर्जी की पार्टी, अब सुधारों के भी खिलाफ हुई टीएमसी

Dainik Jagran - National - April 5, 2025 - 7:06am

 जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मतदाता फोटो पहचान पत्र ( ईपिक) नंबरों को लेकर चुनाव आयोग को लंबे समय से घेरने में जुटी तृणमूल कांग्रेस अब इन गड़बड़ियों को रोकने के लिए उठाए गए सुधारों के खिलाफ खड़ी हो गई है। इनमें मतदाता पहचान पत्रों को आधार से जोड़ने का मुद्दा भी शामिल है। जिसे लेकर तृणमूल कांग्रेस ने शुक्रवार को न सिर्फ आपत्ति जताई बल्कि इस प्रक्रिया को तुरंत रोकने की मांग की।

आयोग ने तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिया जवाब

वहीं आयोग ने तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को आश्वस्त किया कि ईपिक की गड़बड़ियां जल्द ठीक हो जाएगी। मतदाता पहचान पत्रों को आधार से जोड़ने में लोक प्रतिनिधित्व कानून और सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पालन होगा। आयोग का स्पष्ट मानना है कि आधार से जोड़ने पर मतदाता पत्र में दोहराव कभी संभव ही नहीं होगा और फर्जी मतदाता भी नहीं बन सकेंगे।

इस बीच तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने संसद भवन परिसर से चुनाव आयोग के दफ्तर तक एक मार्च भी निकाला और ईपिक और मतदाता सूची से जुड़ी गड़बडि़यों के पीछे आयोग का हाथ बताया। तृणमूल सांसदों ने इस दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार से भी मुलाकात की और उन्हें मांगों को लेकर एक ज्ञापन भी सौंपा।

तृणमूल कांग्रेस ने शुक्रवार को यह नया पैंतरा अपनाया

संसद में ईपिक गड़बड़ियों के मुद्दे पर चर्चा की लगातार मांग उठाने और वहां अनुमति न मिलने के बाद तृणमूल कांग्रेस ने शुक्रवार को यह नया पैंतरा अपनाया है। इस दौरान तृणमूल कांग्रेस के लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य हाथों में नकली ईपिक लिखी तख्तियां लहराते दिखे।

इस बीच तृणमूल कांग्रेस के नेता व सांसद डेरेक-ओ-ब्रायन ने कहा कि ईपिक का दोहराव बड़ा घोटाला है। चुनाव आयोग को इस घोटाले की तह तक जाना चाहिए। उन्होंने आयोग से ऐसे ईपिक की संख्या भी बताने को कहा।

मुख्य चुनाव आयुक्त ने दिया आश्वासन

आयोग से जुड़े सूत्रों की मानें तो मुख्य चुनाव आयुक्त ने तृणमूल कांग्रेस नेताओं की बातों को ध्यान से सुना। साथ ही उन्हें ईपिक से जुड़ी गड़बड़ियों को रोकने के लिए उठाए गए सुधार के कदमों से अवगत कराया। जिसमें अगले तीन महीने के भीतर ईपिक से जुड़ी गड़बड़ियां ठीक हो जाएंगी। उसकी जगह यूनिक ईपिक नंबर जारी करने की जानकारी दी।

आधार केवल एक व्यक्ति की पहचान स्थापित करता है

आयोग के मुताबिक भारत के संविधान के अनुच्छेद 326 के तहत मतदान का अधिकार केवल भारत के नागरिक को दिया जा सकता है जबकि आधार केवल एक व्यक्ति की पहचान स्थापित करता है। ईपिक को आधार से जोड़ने का फैसला लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 23(4) (5) (6) के प्रावधानों व सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुरूप ही किया जाएगा।

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'हिंदुओं की रक्षा पर अपनी जिम्मेदारी निभाए बांग्लादेश सरकार', पीएम मोदी ने मोहम्मद यूनुस को दी नसीहत

Dainik Jagran - National - April 5, 2025 - 7:05am

जयप्रकाश रंजन, जागरण, नई दिल्ली। पीएम नरेन्द्र मोदी और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया प्रो. मोहम्मद यूनुस के बीच पहली द्विपक्षीय बैठक शुक्रवार को बैंकाक में हुई। उम्मीद के मुताबिक पीएम मोदी ने अगस्त, 2024 में तत्कालीन पीएम शेख हसीना को सत्ता से हटाने के बाद बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, खास तौर पर हिंदुओं पर हो रहे हमले का मुद्दा खुल कर उठाया।

अल्पसंख्यकों पर हमले को रोकना बांग्लादेश सरकार की जिम्मेदारी- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने दो टूक कहा कि अल्पसंख्यकों पर हमले को रोकना बांग्लादेश सरकार की जिम्मेदारी है और उम्मीद जताई कि यूनुस सरकार इस जिम्मेदारी को निभाएगी। पीएम मोदी ने यह सलाह भी दी कि द्विपक्षीय रिश्तों में खटास पैदा करने वाले उत्तेजक भाषणों से बचना चाहिए।

बैठक का आयोजन बांग्लादेश के आग्रह पर किया गया था

यूनुस ने भी भारत में रह रहीं पूर्व पीएम हसीना के प्रत्यर्पण का मुद्दा उठाया। बांग्लादेश ने गंगा नदी जल बंटवारा और तीस्ता नदी जल समझौते पर नए सिरे से बात करने की पेशकश की। पीएम मोदी और यूनुस दोनों थाइलैंड में बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए गए हैं। बैठक का आयोजन बांग्लादेश के आग्रह पर किया गया था।

विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने दोनों नेताओं के बीच हुई बैठक के बारे में बताया कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, खास तौर पर हिंदुओं की स्थिति पर बात हुई है। पीएम मोदी ने इस मुद्दे को खुलकर रखा और गहरी चिंता जताई।

बांग्लादेश में चुनाव का मुद्दा भी उठाया गया

यूनुस को बताया गया कि इस तरह के मुद्दे का असर बाकी समाज पर होता है। मोदी ने उम्मीद जताई कि बांग्लादेश सरकार अपनी जिम्मेदारी निभाएगी और हिंसा के हर मामले की विस्तार से जांच कराएगी। पीएम मोदी की तरफ से इस बैठक में बांग्लादेश में चुनाव का मुद्दा भी उठाया गया। मोदी ने इस बारे में अपना सोच यूनुस से साझा किया और आशा जताई कि भविष्य में एक लोकतांत्रिक, समावेशी और प्रगतिशील बांग्लादेश बनेगा। इसमें चुनाव की अहम भूमिका होगी।

पीएम मोदी ने यूनुस से कहा उत्तेजक भाषणों से बचना चाहिए

विदेश मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि पीएम मोदी ने यूनुस से कहा कि द्विपक्षीय रिश्तों में माहौल को खराब करने वाले उत्तेजक भाषणों से बचना चाहिए। माना जा रहा है कि उन्होंने यूनुस और उनकी अंतरिम सरकार के कुछ मंत्रियों की तरफ से भारत के पूर्वोत्तर राज्यों की स्थिति पर की गई टिप्पणी के संदर्भ में यह बात कही है।

साथ ही भारतीय पीएम की तरफ से यह भी कहा गया कि दोनों देशों की सीमा पर गैरकानूनी तरीके से आवाजाही रोकने के लिए कानून-व्यवस्था का कड़ाई से पालन करने की जरूरत है। इसे आवश्यक बताते हुए उन्होंने इस बारे में शीघ्र ही दोनों देशों की संबंधित एजेंसियों के बीच बैठक कर रास्ता निकालने की भी बात कही है।

पीएम मोदी बोले मुद्दों का समाधान विचार-विमर्श से निकले

पीएम मोदी ने अंत में यह भी उम्मीद जताई कि दोनों देशों के बीच जो भी तनावपूर्ण मुद्दे हैं, उनका आपसी विमर्श से सौहार्दपूर्ण माहौल में विचार-विमर्श से समाधान निकाला जा सकता है। उधर, बांग्लादेश की तरफ से यह जानकारी दी गई कि यूनुस ने पीएम मोदी के समक्ष पूर्व पीएम हसीना की तरफ से छात्र आंदोलन को कुचलने के लिए उठाए गए हिंसक तरीकों के बारे में विस्तार से बताया।

इस संदर्भ में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की एक रिपोर्ट का हवाला दिया गया, जिसमें बताया गया है कि 15 जुलाई से पांच अगस्त के बीच बांग्लादेश में 1,400 लोगों को मारा गया। इनमें 13 प्रतिशत बच्चे थे। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि हसीना ने स्वयं सुरक्षा बलों को निर्देश दिया था कि वे प्रदर्शन करने वालों की हत्या करें।

यूनुस ने शेख हसीना के प्रत्यर्पण को लेकर बात की

यूनुस ने शेख हसीना के प्रत्यर्पण को लेकर अपनी सरकार के आग्रह के बारे में भी पूछा। उन्होंने यह भी कहा कि अंतरिम सरकार के खिलाफ हसीना गलत व उत्तेजक बयानबाजी करके माहौल को विषाक्त बना रही हैं। इससे वह भारत ने जो आतिथ्य दिया है, उसका भी अनादर कर रही हैं। भारत सरकार को उनकी बयानबाजी पर पाबंदी लगानी चाहिए।

यूनुस ने प्रधानमंत्री मोदी को पुरानी तस्वीर भेंट की

एएनआइ के अनुसार, बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को उनके साथ अपनी एक पुरानी तस्वीर भेंट की। इस तस्वीर में प्रधानमंत्री मोदी तीन जनवरी, 2015 को मुंबई में भारतीय विज्ञान कांग्रेस के उद्घाटन समारोह में यूनुस को सम्मानित करने के लिए स्वर्ण पदक प्रदान करते हुए दिखाई दे रहे हैं।

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Karnataka: जिस पत्नी की हत्या के लिए हुई सजा, वो दूसरे पति संग होटल में मिली; अदालत ने पुलिस को लगाई फटकार

Dainik Jagran - National - April 5, 2025 - 7:05am

 पीटीआई, मैसुरु। जिस पत्नी की हत्या के लिए पति को सजा भुगतनी पड़ी, वह दूसरे पति संग मिली। इस गंभीर चूक के लिए कोर्ट ने पुलिस को कड़ी फटकार लगाई है। एक अदालत ने पुलिस अधीक्षक (एसपी) को उस मामले में 17 अप्रैल से पहले पूरी रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है। मल्लिगे नाम की महिला के पति सुरेश ने हत्या के आरोप में लगभग डेढ़ साल जेल में बिताने पड़े।

जिसने की शिकायत पुलिस ने उसी पर लगाया हत्या का आरोप

दरअसल सुरेश ने दिसंबर 2020 में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसकी पत्नी मल्लिगे कोडागु जिले के कुशलनगर से लापता हो गई। इस बीच पुलिस को बेट्टादारापुरा इलाके में महिला का कंकाल मिला। अदालत में आरोप पत्र दायर किया, जिसमें आरोप लगाया कि कंकाल मल्लिगे का था और सुरेश ने उसकी हत्या की थी। सुरेश को गिरफ्तार कर लिया गया।

एक दोस्त ने महिला को दूसरे व्यक्ति के साथ देखा

इस बीच एक अप्रैल को सुरेश के एक दोस्त ने मल्लिगे को मदिकेरी में किसी अन्य व्यक्ति के साथ देखा। मामला अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय के संज्ञान में लाया गया और बाद में उसे अदालत के समक्ष पेश किया गया। अदालत ने गुरुवार को एसपी को 17 अप्रैल तक मामले की पूरी रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया।

सुरेश के वकील पांडु पुजारी ने कहा, कुशलनगर के एक गांव के रहने वाले सुरेश ने 2020 में अपनी पत्नी के लापता होने के संबंध में कुशलनगर ग्रामीण पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी। उसी समय एक कंकाल मिला। एक साल बाद पुलिस ने सुरेश को गिरफ्तार कर लिया।

व्यक्ति पर लगाया हत्या का झूठा आरोप

आरोप लगाया कि उसने अवैध संबंध के कारण अपनी पत्नी की हत्या कर दी है। पुलिस ने मल्लिगे की मां के खून के नमूने के साथ कंकाल को डीएनए परीक्षण के लिए भेजा था। डीएनए रिपोर्ट आने से पहले ही, पुलिस ने अदालत में अंतिम आरोप पत्र दायर कर दिया। बाद में, हालांकि उसे जमानत मिल गई।

डीएनए रिपोर्ट से पता चला कि कंकाल मल्लिगे का नहीं था। इस रिपोर्ट के आधार पर आवेदन दायर किया गया, तो अदालत ने इसे स्वीकार नहीं किया। मल्लिगे की मां और ग्रामीणों सहित गवाहों से गवाही देने को कहा। सभी ने अदालत के सामने गवाही दी कि वह जीवित है और किसी के साथ भाग गई।

अदालत ने आरोप पत्र में खामियों के बारे में पुलिस से पूछताछ की

अदालत ने आरोप पत्र में खामियों के बारे में पुलिस से पूछताछ की, लेकिन पुलिस ने कहा कि कंकाल मल्लिगे का था और सुरेश ने उसकी हत्या की थी।इस बीच एक अप्रैल को मल्लिगे को मदिकेरी के एक होटल में एक आदमी के साथ खाना खाते हुए पाया गया। उसे सुरेश के दोस्त ने देखा, जो आरोप पत्र में नामित गवाह भी है। अदालत को जानकारी दी गई।

महिला ने स्वीकारी दूसरी शादी की बात

अदालत ने पुलिस को उसे तुरंत पेश करने के लिए कहा। फिर उसे अदालत में पेश किया गया। जब उससे पूछताछ की गई, तो उसने भागकर दूसरे आदमी से शादी करने की बात स्वीकार कर ली। उसने कहा कि वह नहीं जानती कि सुरेश के साथ क्या हुआ था। वह मडिकेरी से सिर्फ 25-30 किमी दूर शेट्टीहल्ली नामक गांव में रह रही थी, लेकिन पुलिस ने उसका पता लगाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया।

पुलिस ने झूठी चार्जशीट क्यों दायर की?

वकील ने कहा कि अब अदालत के सामने मुख्य सवाल ये हैं कि कंकाल किसका था और पुलिस ने झूठी चार्जशीट क्यों दायर की? अदालत ने मामले में एसपी और जांच अधिकारियों को तलब किया था, लेकिन उनके पास देने के लिए कोई जवाब नहीं था।

अदालत के अंतिम आदेश का इंतजार

अदालत के अंतिम आदेश का इंतजार कर रहे हैं। आदेश जारी होने के बाद झूठा मामला दर्ज करने के लिए पुलिस के खिलाफ हाई कोर्ट में रिट याचिका दायर करेंगे। हम मानवाधिकार आयोग और एसटी आयोग से भी संपर्क करेंगे।

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वक्फ बिल पास होने पर कहीं खुशी तो कहीं गम, दिल्ली के मुस्लिम इलाकों में बंटी मिठाई; कोलकाता में फूंके पुतले

Dainik Jagran - National - April 5, 2025 - 7:05am

जागरण टीम, नई दिल्ली। वक्फ संशोधन विधेयक संसद में पारित होने पर कहीं खुशी मनाई गई तो कहीं गम दिखा। राजधानी में जामिया मिल्लिया इस्लामिया से लेकर ओखला, जाफराबाद व सीलमपुर जैसे मुस्लिम बहुल इलाकों में मिठाइयां बांटी गईं। पंजाब में हिंदुओं ने खुशी में लड्डू बांटे। वहीं, कोलकाता समेत कई जगहों पर मुस्लिमों ने इसके खिलाफ प्रदर्शन किया।

दिल्ली में भीड़भाड़ वाले इलाकों में ड्रोन से निगरानी की गई

दिल्ली में एहतियान सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहे। भीड़भाड़ वाले इलाकों में ड्रोन से निगरानी की गई। दिल्ली में मुस्लिम बहुल इलाकों में लोगों ने वक्फ संशोधन विधेयक का स्वागत किया। इसे मुस्लिम समाज के हित में बताते हुए एक-दूसरे को बधाई दी। जामिया मिल्लिया इस्लामिया के विद्यार्थी संगठन 'शहर-ए-आरजू' ने परिसर में विधेयक के समर्थन में रैली निकाली।

वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता आएगी

संगठन के बजमी खान ने कहा कि यदि वक्फ संपत्तियों का सही उपयोग होता तो आज देशभर में उच्च स्तरीय मुस्लिम स्कूल, कालेज, विश्वविद्यालय और अस्पताल होते। संशोधित विधेयक से वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता आएगी और समुदाय को इसका समुचित लाभ मिलेगा।

शहर-ए-आरजू की सदस्य नाजनीन फातिमा ने कहा कि इस बदलाव से मुस्लिम लड़कियों के लिए छात्रवृत्ति, महिलाओं के लिए कौशल विकास कार्यक्रम और उद्यमिता में सहायता उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे उनके आर्थिक और सामाजिक स्तर में सुधार होगा।

हिंदू न्याय पीठ ने मिठाइयां बांटी

लुधियाना में श्री हिंदू न्याय पीठ ने विधेयक पास होने की खुशी में मिठाइयां बांटी और आतिशबाजी की। उप्र के अलीगढ़ में दारा शिकोह फाउंडेशन के अध्यक्ष व भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के क्षेत्रीय मंत्री मोहम्मद आमिर रशीद के नेतृत्व में मुस्लिमों ने हैबिटेट सेंटर पर मोमबत्ती से वक्फ संशोधन बिल लिखकर आतिशबाजी की और मिठाई बांटी। राशिद ने कहा कि यह दिन मुस्लिम कल्याण दिवस के रूप में जाना जाएगा।

पंजाब में पुतले जलाकर प्रदर्शन किया

उधर, पंजाब के लुधियाना, जालंधर व मंडीगोबिंद गढ़ में मुस्लिमों ने वक्फ विधेयक के पुतले जलाकर प्रदर्शन किया। कोलकाता के पार्क सर्कस इलाके में प्रदर्शन कर इसे तत्काल वापस लेने की मांग की गई। बिहार में किशनगंज जिले के कोचाधामन में विधायक इजहार असफी के नेतृत्व में रैली निकाली गई।

जमुई और दरभंगा में प्रदर्शन किया गया

जमुई और दरभंगा में प्रदर्शन किया गया। उप्र के संभल में अबूबकर मस्जिद के पास यूपी अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष अशफाक सैफी के बहनोई जाहिद की वहां मौजूद सपा समर्थक कुछ लोगों से वक्फ संशोधन बिल को लेकर मारपीट हो गई।

मुफ्ती ने दी सन 1947 के वाकये को दोहराने की धमकी

अलीगढ़ में जमीयत उलेमा ए हिंद के जिलाध्यक्ष मुफ्ती अकबर कासमी का एक वीडियो इंटरनेट मीडिया में प्रसारित हो रहा है। इसमें उन्होंने कहा है कि यह बिल वापस लेना होगा। कहीं ऐसा न हो कि मुस्लिम समाज सड़कों पर आ जाए और 1947 वाला वाकया दोहरा जाए।

जरूरत पड़ी तो कोर्ट भी जाएंगे

हालांकि, बाद में कासमी ने कहा कि बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है। मेरे कहने का मकसद यह नहीं था। मेरा कहना है, यह बिल मुसलमानों के हित में नहीं है। इसका विरोध करते रहेंगे। जरूरत पड़ी तो कोर्ट भी जाएंगे।

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Waqf Bill पर JDU के अल्पसंख्यक नेता पार्टी दफ्तर में करेंगे बात, लालू ने की कोर्ट जाने की तैयारी?

Dainik Jagran - April 5, 2025 - 7:00am

राज्य ब्यूरो, पटना। संसद व राज्यसभा में जदयू द्वारा वक्फ संशोधन बिल (Waqf Amendment Bill) के समर्थन में मतदान पर जदयू के अल्पसंख्यक समाज खासकर मुस्लिम नेता शनिवार को अपनी राय रखेंगे। इनमें वे नेता भी शामिल हैं जो वक्फ बिल के विरोध में बयानबाजी कर रहे थे।

शुक्रवार को यह खबर आयी कि जदयू के कुछ नेता पार्टी के स्टैंड से क्षुब्ध हो दल को छोड़ दिया। इस संबंध में जदयू के पदाधिकारी व विधान पार्षद ने कहा कि जो लोग पार्टी छोड़ने की बात कर रहे उनमें तो कई उनके दल में हैं भी नहीं। काफी पहले दूसरी जगह जा चुके हैं।

'पार्टी के अंदर अंतर्विरोध नहीं'

जदयू का कहना है कि वक्फ बिल के मसले पर पार्टी के अंदर किसी तरह का अंतर्विरोध नहीं है। नीतीश कुमार ने अल्पसंख्यक समाज के लोगों के लिए जो काम किया है वह सभी को पता है। उनकी सुरक्षा पर भी वह लगातार काम करते रहे हैं। वक्फ बिल में क्या है यह जाने बिना कुछ लोग उग्र हैं।

जदयू ने इस विषय पर अपने सभी मुस्लिम नेताओं विधान पार्षदों, पूर्व विधान पार्षदों, पूर्व सांसद व पदाधिकारियों को पूरी स्थिति स्पष्ट सार्वजनिक रूप से रखने को कहा है।

वक्फ विधेयक के विरुद्ध न्यायालय भी जा सकता है राजद

दूसरी ओर, वक्फ संशोधन विधेयक के विरुद्ध सड़क से लेकर संसद तक राजद मुखर रहा है। शुक्रवार को प्रेस-वार्ता कर पार्टी नेताओं ने कहा कि इस विधेयक के विरुद्ध राजद न्यायालय का दरवाजा भी खटखटा सकता है।

पार्टी की प्रदेश इकाई के मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव और प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि इस प्रकरण को राजद लीगल प्लेटफॉर्म पर ले जाएगा और किसी भी हालत में इस विधेयक को प्रभावी नहीं होने देंगे।

उन्होंने कहा, यह विधेयक संविधानिक व्यवस्था के विरुद्ध है और एक वर्ग को निशाने पर रखने का उपक्रम है। बिहार सरकार का सेक्युलर चेहरा कभी रहा ही नहीं। सत्ता और स्वार्थ समझौता है। वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक पर भाजपा के साथ खड़ा होकर जदयू ने इसे स्पष्ट कर दिया है। हालांकि, इससे जदयू के अंदर बेचैनी और विद्रोह की स्थिति बन आई है। यह नाराजगी एक बड़े विस्फोट के रूप में देखने को मिलेगी।

इसी के साथ दोनों नेताओं ने तरिणी दास का हवाला देते हुए बिहार में भ्रष्टाचार के बढ़ने और सरकार के मूकदर्शक बने रहने का आरोप लगाया। प्रेस-वार्ता में उपेंद्र चंद्रवंशी और गणेश कुमार यादव भी उपस्थित रहे।

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IRS plans to cut up to 25% of staff

Business News - April 5, 2025 - 5:57am
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