Feed aggregator
डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने पौधा संरक्षण योजना की समीक्षा, प्रतिबंधित कीटनाशकों के रोकथाम के लिए दिए निर्देश
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा द्वारा कृषि भवन, पटना स्थित अपने कार्यालय कक्ष में पौधा संरक्षण से संबंधित योजनाओं की समीक्षा की गई। उप मुख्यमंत्री ने किसानों के हित में कई महत्त्वपूर्ण निर्देश दिए, ताकि किसानों को कीट-व्याधि से होने वाले नुकसान से सुरक्षा प्रदान की जा सके एवं राज्य में कृषि उत्पादकता को बढ़ाया जा सके।
उप मुख्यमंत्री-सह-कृषि मंत्री ने बताया कि राज्य के किसानों को कीट-व्याधि के संभावित प्रकोप से ससमय सचेत करने हेतु पूर्वानुमाण आधारित सूचनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित किया जाये। इसके लिए समय-समय पर दैनिक समाचार पत्रों, रेडियो जिंगल, सोशल मीडिया का सहारा लिया जाये, ताकि सूचनाएं समय पर किसानों तक पहुँच सके और वे आवश्यक उपाय कर सकें।
उन्होंने कहा कि पौधा संरक्षण योजनाओं से संबंधित जानकारी के प्रसार हेतु पंचायत, प्रखण्ड एवं जिला स्तर पर सभी सरकारी कार्यालयों में होर्डिंग एवं बैनर लगाना सुनिश्चित करेंगे। इन प्रचार-प्रसार से किसानों को कीट नाशकों के सही उपयोग, सुरक्षा उपायों एवं सरकारी सहायता योजनाओं की जानकारी मिल पायेगी।
उन्होंने इस बात पर विशेष बल दिया कि अधिकतर किसान कीट-व्याधि की समस्या के समाधन हेतु सर्वप्रथम कीटनाशी विक्रेताओं से सम्पर्क करते हैं। अतः विक्रेताओं का कीटनाशकों के वैज्ञानिक उपयोग, संभावित दुष्प्रभाव एवं विभिन्न कीटों की पहचान संबधी प्रशिक्षण अनिवार्य रूप से दिया जाए। साथ ही, कीटनाशी रसायनों के योजनाओं का बैनर प्रतिष्ठान पर प्रदर्शित किया जाये।
उप मुख्यमंत्री ने किसानों को गुणवत्तापूर्ण कीटनाशक उपलब्ध कराने हेतु जिला स्तर पर नियुक्त कीटनाशी निरीक्षकों को अपने क्षेत्र के प्रतिष्ठानों का नियमित निरीक्षण करने, संदेहास्पद कीटनाशकों के नमूने संग्रहित कर उनका विश्लेषण प्रयोगशाला में करने का निदेश दिया।
किसानों के बीच कीटनाशी के प्रयोग के दुष्प्रभाव के बारे में प्रशिक्षित करना सुनिश्चित करें। इससे किसानों के स्वास्थ्य एवं पर्यावरण की रक्षा की जा सकेगी।
विजय सिन्हा ने जिला में पदस्थापित पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया कि राज्य में प्रतिबंधित कीटनाशकों के बिक्री पर रोक-थाम के लिए समय-समय पर छापामारी कर कीटनाशी अधिनियम के अधीन कार्रवाई करना सुनिश्चित करें।
इसे भी पढ़ें: बिहार के किसानों को शीघ्र बाजार समिति प्रांगणों की सुविधा, डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने की समीक्षा बैठक
Local intel and Bravo's wisdom: KKR bank on Chepauk familiarity - Cricbuzz.com
- Local intel and Bravo's wisdom: KKR bank on Chepauk familiarity Cricbuzz.com
- Cricket Video - CSK vs KKR, 25th Match 2025 Highlights ESPNcricinfo
- IPL 2025: Our Approach Is Not Conditions Specific, Says KKR's Venkatesh Iyer Ahead Of CSK Clash NDTV Sports
- Chennai Super Kings v Kolkata Knight Riders IPL Tips: Chennai is must-win clash Betfair betting tips
- IPL 2025: CSK host KKR as both teams target course-correction Times of India
अब डेटा संरक्षण विधेयक को लेकर रार, विपक्षी दलों ने बताया RTI कानून के खिलाफ; अश्विनी वैष्णव ने दिया ये जवाब
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण (डीपीडीपी) विधेयक को लेकर विपक्ष की ओर से की जा रही मोर्चेबंदी के बीच केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने साफ किया है कि ये विधेयक पुट्टास्वामी फैसले के अनुरूप सार्वजनिक जीवन में पारदर्शिता के सिद्धांतों के अनुरूप है।
सुप्रीम कोर्ट ने माना था कि गोपनीयता का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत मौलिक अधिकार व निजता के अधिकारों को संरक्षित करने वाला है। गोपनीयता का यह अधिकार व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा से भी काफी निकट से जुड़ा हुआ है।
जयराम रमेश ने अश्विनी वैष्णव को लिखा था खतदरअसल, गुरुवार को आइएनडीआइए के दलों ने एक प्रेस काफ्रेंस कर डेटा सुरक्षा विधेयक की धारा 44 को सूचना के अधिकार के विरोध में बताया और कहा कि वह वैष्णव से मिलकर ज्ञापन सौंपेगे जिसमें विपक्ष के 120 से ज्यादा सदस्यों ने हस्ताक्षर किया है। जयराम रमेश ने भी पत्र लिखकर वैष्णव से शिकायत की। डीपीडीपी एक्ट की धारा 44(3) का विरोध किया है क्योंकि इसके आरटीआई अधिनियम 2005 की धारा 8(1)(जे) को प्रतिस्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है। जिसमें व्यक्ति जानकारी देने से रोकने लगाने की अनुमति दी गई है, यदि उसका खुलासा सार्वजनिक गतिविधि या हित से संबंधित नहीं है या इससे निजता का गलत तरीके से उल्लंघन होता है।
अश्विनी वैष्णव ने जवाब में क्या लिखा?केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जवाबी पत्र में कहा कि यदि आपको विधेयक से जुड़े किसी पहलु को लेकर किसी भी तरह का संदेह है तो वह उनसे कभी भी मिल सकते है। उन्होंने कहा कि ये विधेयक सार्वजनिक जीवन में पारदर्शिता की आवश्यकता बनाए रखने पर जोर देता है। साथ ही यह गोपनीयता व सूचना के अधिकार के बीच सामंजस्यपूर्ण प्रविधानों की आवश्यकता पर भी जोर देता है। उन्होंने कहा कि देश में वर्तमान में लागू ऐसे किसी कानून के तहत व्यक्तिगत डेटा को सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराने में कोई परेशानी नही है।
यह भी पढ़ें: Tahawwur Rana: तहव्वुर राणा को हो सकती है फांसी की सजा? जानिए क्या कहता है कानून
पाकिस्तान ने तहव्वुर राणा मामले में झाड़ा पल्ला, कहा- हमारा नागरिक नहीं; इजरायल ने किया स्वागत
जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। वर्ष 2008 में मुंबई आतंकी हमले का प्रमुख साजिशकर्ताओं में से एक तहाव्वुर राणा भारत पहुंच चुका है। तकरीबन पिछले डेढ़ दशक से विदेश मंत्रालय राणा को भारत लाने के लिए लगातार कोशिश कर रहा था। राणा को नई दिल्ली लाने पर इजरायल सरकार ने भारत सरकार की कोशिशों की तारीफ की है। जबकि पाकिस्तान सरकार ने राणा से दूरी बनाने की कोशिश की है।
मूल तौर पर पाकिस्तानी नागरिक राणा अभी कनाडा का नागरिक है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि उसने दो दशकों से पाकिस्तान की अपनी नागरिकता के नवीकरण के लिए आवेदन भी नहीं किया है। हालांकि इसके बावजूद भारतीय एजेंसियों के पास राणा के पाकिस्तान के साथ गहरे ताल्लुक को साबित करने के पर्याप्त सबूत है।
पाकिस्तान पर दबाव बनाने में मिलेगी मददवैसे भी पाकिस्तान ने कनाडा में रहने वाले अपने नागरिकों को दोहरी नागरिकता की सुविधा दे रखी है। भारत को यह भी उम्मीद है कि तहाव्वुर राणा की भारत में की जाने वाली पूछताछ के बाद 26 नवंबर, 2008 को लेकर पाकिस्तान पर दबाव बनाने में मदद मिलेगी। भारत की तमाम कोशिशों के बावजूद पाकिस्तान सरकार ने इस आतंकी हमले के दोषियों को सजा दिलाने में कोई गंभीरता नहीं दिखाई है।
भारत की तरफ से कई बार आग्रह किये जाने के बावजूद और दोनों देशों की सरकारों के बीच पूर्व में हुई शिखर वार्ता होने में सहयोग का आश्वासन देने के बावजूद पाकिस्तान ने अपने यहां इस मामले की जांच को दबा दिया है। जबकि भारत भारत की तरफ से इस आतंकी हमले के दो प्रमुख साजिशकर्ताओं हाफिज सईद और जकीउर रहमान लखवी के आवाज के सैंपल मांगे थे, जिस पर भी पाकिस्तान ने अमल नहीं किया।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने झाड़ा पल्ला- इस आतंकी हमले के लिए वित्त सुविधा जुटाने में अहम भूमिका निभाने वाले आतंकी साजिद माजीद मीर को पाकिस्तान की एक अदालत ने वर्ष 2008 के आतंकी हमले के संदर्भ में ही जून, 2022 को 15 वर्षों की सजा सुनाई थी। लेकिन इसकी कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई। एक अमेरिकी समाचार एजेंसी ने इसकी सूचना दी थी। अब राणा से होने वाली पूछताछ के अधार पर विदेश मंत्रालय इस मामले को पाकिस्तान को नये सिरे से उठा सकता है।
- पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि तहाव्वुर राणा कनाडा का नागरिक है और हमारे रिकॉर्ड बताते हैं कि उसने पिछले दो दशकों मे अपनी नागरिकता के नवीकरण के लिए पाकिस्तान से कोई आवेदन भी नहीं किया है।
- पाकिस्तान कई देशों में रहने वाले अपने नागरिकों को दोहरी नागरिकता दे रखी है। इनके आने जाने या कारोबार करने या निवेश करने को लेकर कोई भी पाबंदी नहीं है।
यह भी पढ़ें: कौन हैं वो तीन अधिकारी, जिन्हें मिली तहव्वुर राणा को भारत लाने की जिम्मेदारी?
Trump Tariff: ट्रंप के टैरिफ से अमेरिकी अर्थव्यवस्था घायल, Reciprocal Tariff पर वापसी का फैसला होगा मुश्किल
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पारस्परिक शुल्क (Reciprocal Tariff) का हौवा अब भी थोड़ा अनिश्चित लेकिन तुलनात्मक रूप से थोड़ा शांत होता दिख रहा है। डोनाल्ड ट्रंप सरकार को एक सप्ताह में ही पता चल गया कि पारस्परिक शुल्क वह हथियार है जिससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था के ही घायल होने का खतरा है। अंदरूनी दबाव के कारण ही फिलहाल ट्रंप सरकार ने 90 दिनों के लिए चीन को छोड़कर बाकी देशों के लिए पारस्परिक शुल्क पर रोक लगा दी है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इसका फिर से वापस आना मुश्किल होगा। कम से कम इसी स्वरूप में अमेरिका फिर से फैसला नहीं लेगा। पिछले कुछ दिनों में जिस तरह वैश्विक स्तर पर बाजार लुड़का है और अनिश्चितता फैली है उसके बाद अमेरिका में महसूस किया जा रहा है कि अमेरिका भी महंगाई के साथ मंदी के दुष्चक्र में फंस सकता है। स्टॉक बाजार तबाह हो सकता है और पूरी दुनिया व्यापार के मोर्चे पर अमेरिका के खिलाफ हो सकती है।
अमेरिका कंज्यूमर गुड्स का सबसे बड़ा आयातक देशअसल में अमेरिका खाने-पीने से लेकर रोजमर्रा के आइटम एवं सभी प्रकार के कंज्यूमर गुड्स का सबसे बड़ा आयातक देश है। अमेरिका की अर्थव्यवस्था में 88 प्रतिशत हिस्सेदारी सर्विस सेक्टर की है। 1.5-2 प्रतिशत हिस्सेदारी कृषि की है तो बाकी के 8-9 प्रतिशत हिस्सेदारी मैन्यूफैक्च¨रग की है। ऐसे में, अमेरिका तत्कालिक रूप से अपने नागरिकों की जरूरतों की पूर्ति देश में होने वाले उत्पादन से नहीं कर सकता है। सप्लाई चेन विकसित करने में सालों लग जाते है और तब तक अमेरिकावासियों को महंगाई की मार झेलनी पड़ती।
अगर गारमेंट, फुटवियर व इलेक्ट्रॉनिक्स की फैक्ट्री लग भी जाती है तो स्थानीय निवासियों का वेतन काफी अधिक होने से उत्पादित वस्तुएं अधिक दाम पर ही बिकेंगी। गत दो अप्रैल को पारस्परिक शुल्क की घोषणा होते ही अमेरिका में वस्तुएं महंगी हो गई, स्टाक बाजार धराशायी हो गया और वहां के उद्योगपति परेशानी में फंसते दिखे थे। बात यहां तक आई कि अमेरिकी आयातकों की ओर से निर्यायतों को 15-20 फीसद दाम कम करने की बात शुरू हो गई थी जो कई देशों की कंपनियों के लिए मुश्किल होता। यानी वहां के आयातकों की आय कम होने वाली थी। वहां सिर्फ विपक्षी रिपब्लिकन ही नहीं सरकार के ट्रंप के नजदीकियों की ओर से भी इस फैसले को टालने का दबाव बनने लगा था।
2018 में भी चीन पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगा चुके हैं ट्रंपग्लोबल ट्रेड रिसर्च इंशिएटिव (जीटीआरआई) के संस्थापक और विभिन्न देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौता में अहम भूमिका निभाने वाले पूर्व विदेश व्यापार अधिकारी अजय श्रीवास्तव ने बताया कि पारस्परिक शुल्क लगते ही अमेरिका में लोग सड़कों पर उतर आए। वहां की अर्थव्यवस्था पर खतरा मंडराने लगा। 2018 में भी ट्रंप ने पारस्परिक शुल्क लगाया था, लेकिन तब सिर्फ चीन पर यह लगाया गया था। इस बार पूरी दुनिया पर लगा दिया और एक सप्ताह में ही परिणाम को देखते हुए पारस्परिक शुल्क को टालना पड़ा।
उनका कहना है कि मुझे नहीं लगता है कि ट्रंप फिर से पारस्परिक शुल्क को वापस लाने की कोशिश करेगा। अगर कुछ देश पारस्परिक शुल्क को लेकर अमेरिका के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करते हैं या विरोध जताते हैं तो उनके खिलाफ थोड़ा बहुत शुल्क लगा सकता है।
भारत में रेसिप्रोकल टैरिफ की आशंका कमश्रीवास्तव के मुताबिक भारत पर फिर से पारस्परिक शुल्क के वापस आने की संभावना नहीं दिख रही है। भारत के साथ अमेरिका मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) कर रहा है। लेकिन अमेरिका कृषि सेक्टर में जिस प्रकार से भारत के साथ व्यापारिक समझौता करना चाह रहा है, वह मुश्किल दिख रहा है। इसकी जगह भारत औद्योगिक वस्तुओं पर अपने शुल्क को शून्य करके पारस्परिक शुल्क से हमेशा के लिए पूरी तरह मुक्ति पा सकता है और इससे भारत को व्यापार में भी फायदा होगा।
यह भी पढ़ें: देश के एक लाख से अधिक प्राथमिक स्कूल सिर्फ एक ही शिक्षक के भरोसे, लाखों पद खाली; देखें पूरी लिस्ट
Tahawwur Rana: तहव्वुर राणा को हो सकती है फांसी की सजा? जानिए क्या कहता है कानून
माला दीक्षित, नई दिल्ली। मुंबई हमले का मुख्य साजिशकर्ता तहव्वुर राणा अमेरिका से प्रत्यार्पित कर भारत लाया गया है। अब यहां उस पर 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए आतंकी हमले के मुख्य साजिशकर्ता के तौर पर मुकदमा चलेगा। इस हमले में 166 लोग मारे गए थे।
अगर भारत और अमेरिका का कानून देखा जाए तो तहव्वुर राणा को फांसी की सजा हो सकती है। तहव्वुर राणा को मृत्युदंड की सजा होगी कि नहीं इसके लिए यह देखना होगा कि जिस देश से वह प्रत्यार्पित कर लाया जा रहा है वहां का कानून क्या कहता है और जिस देश लाया जा रहा है वहां का कानून उस पर लगे आरोपित अपराध में किस दंड का प्रविधान करता है।
जानकार क्या कहते हैं?तहव्वुर राणा को उसके अपराध के लिए मृत्युदंड की सजा होने के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के वकील ज्ञानंत सिंह कहते हैं कि प्रत्यर्पण के मामले में अभियुक्त जिस देश से आ रहा है अगर वहां मृत्युदंड की सजा है तो उसे यहां भारत में भी मृत्युदंड दिया जा सकता है। राणा के कनाडा का नागरिक होने पर वह कहते हैं कि अभियुक्त किस देश का नागरिक है इसका कोई फर्क नहीं पड़ता अगर अपराध भारत में हुआ है तो उसे भारत के कानून से डील किया जाएगा। उस पर भारत का कानून लागू होगा।
"प्रत्यार्पण के मामले में जिस देश से वह आरोपित लाया जाता है वह देश शर्त लगा सकता है लेकिन अगर उस देश में आरोपित पर लगे अपराध में मृत्युदंड की सजा है तो वह सामान्य तौर पर मृत्युदंड न देने की शर्त नहीं लगाता। वैसे भी प्रत्यार्पण न्यायिक प्रक्रिया है उसका आदेश कोर्ट से होता है और उसमें दोनों देशों के कानून और प्रत्यार्पण संधियों को देखा जाता है। अगर भारतीय कानून को देखा जाए तो आतंकवादी गतिविधियों में शामिल अपराधी के लिए उम्रकैद से लेकर मृत्युदंड तक की सजा है और मुंबई हमले के मामले में दोषी पाकिस्तानी नागरिक अजमल कसाब को फांसी हुई थी। लेकिन तहव्वुर राणा का मामला कसाब से थोड़ा अलग है। राणा को अमेरिका से प्रत्यार्पित करके भारत लाया जा रहा है। ऐसे में प्रत्यापर्ण की जो शर्तें होंगी उसी के मुताबिक उस पर मुकदमा चलेगा और सजा मिलेगी।" ज्ञानंत सिंह, वकील, सुप्रीम कोर्ट
नियम क्या कहता है?नियम के मुताबिक प्रत्यार्पण पत्र में जिस मुकदमे और जिन आरोपों का जिक्र किया गया होगा उन्हीं मामलों में राणा पर मुकदमा चलेगा। अमेरिका और भारत के बीच 1997 में हुई प्रत्यार्पण संधि को देखा जाए तो उसका आर्टिकल 8 कहता है कि जिस अपराध में मुकदमा चलाने और सजा देने के लिए प्रत्यार्पण मांगा जा रहा, अगर वह अपराध प्रत्यार्पण का अनुरोध करने वाले देश में मृत्युदंड से दंडित किया जा सकता है लेकिन यदि प्रत्यार्पित करने वाले देश में उस अपराध में मृत्युदंड का प्रावधान नहीं है तो वह देश प्रत्यार्पण की मांग ठुकरा सकता है।
ये क्लॉज तहव्वुर राणा के मामले में लागू नहीं होगा क्योंकि उस पर आतंकवाद का आरोप है। उस पर भारत पर हमला करने की साजिश के आरोप हैं और आतंकवाद के अपराध में अमेरिका में भी मृत्युदंड की सजा है।
न्यायपालिका का क्या हो सकता है रुख?भारत की न्यायपालिका ने वैसे तो फांसी की सजा के लिए रेयरेस्ट आफ रेयर का सिद्धांत तय कर रखा है, लेकिन भारत की न्यायपालिका भी आंतकवादियों को फांसी देने में कोताही नहीं करती है और इसका उदाहरण मुंबई हमलों का दोषी अजमल कसाब, संसद हमलों का दोषी अफजल गुरू और मुंबई में सीरियल बम धमाकों के का दोषी याकूब मेमन हैं जिन्हें फांसी दी गई । वैसे राणा को क्या सजा होगी यह न्यायिक मामला है। भारत लाए जाने के बाद एनआइए और अन्य एजेंसियां उससे पूछताछ करेंगीं और उसके बाद उस पर अदालत में मुकदमा चलेगा फिर सजा होगी।
यह भी पढ़ें: 'मुंबई हमले के बाद गांधी परिवार ने नहीं होने दी कार्रवाई', भाजपा ने लगाए गंभीर आरोप; जानिए क्या है मामला
Waqf Law: वक्फ कानून के खिलाफ इस दिन होगी SC में सुनवाई, केंद्र सरकार ने भी कर दी ये मांग
पीटीआई, नई दिल्ली : वक्फ संशोधन अधिनियम, 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट 16 अप्रैल को सुनवाई करेगा। यह मामला प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष सूचीबद्ध है।
पीठ के अन्य न्यायाधीशों में जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन शामिल हैं। एआइएमआइएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की याचिका समेत 10 से अधिक याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित हैं। तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने भी वक्फ अधिनियम की वैधता को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
सरकार ने कोर्ट में कैविएट दाखिल कियाकेंद्र सरकार ने आठ अप्रैल को सर्वोच्च न्यायालय में कैविएट दाखिल कर मामले में कोई भी आदेश पारित करने से पहले उसका पक्ष सुने जाने की मांग की थी। किसी पक्ष द्वारा हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में इसलिए कैविएट दाखिल किया जाता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उसका पक्ष सुने बिना कोई आदेश पारित न किया जाए।
वक्फ अधिनियम के समर्थन में आवेदनएएनआइ के अनुसार, वक्फ संशोधन अधिनियम के समर्थन में सुप्रीम कोर्ट में हस्तक्षेप आवेदन दायर कर कहा गया है कि संशोधन भारत के संविधान के अनुरूप है। हस्तक्षेप आवेदन के जरिये किसी कानूनी मामले या कार्यवाही में भाग लेने का अनुरोध किया जाता है। अखिल भारत ¨हदू महासभा के सदस्य सतीश कुमार अग्रवाल और गैर सरकारी संगठन हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता की ओर से यह आवेदन दिया गया है।
यह भी पढ़ें: Waqf Board: वक्फ बोर्ड की आड़ में PFI का क्लोन तैयार करने की कोशिश, गृह मंत्रालय ने किया अलर्ट
Micromoon to delight stargazers this weekend: Here’s how to watch the April Pink Moon - The Economic Times
- Micromoon to delight stargazers this weekend: Here’s how to watch the April Pink Moon The Economic Times
- April's Full Pink Moon will rise as a 'micromoon' this weekend — what to expect from the smallest full moon of 2025 Space.com
- Why April 12's ‘pink moon’ also called Paschal moon | Exploring its Easter link Hindustan Times
- Pink Moon 2025: Why this april full moon is a rare micromoon event India Today
बिहार के किसानों को शीघ्र बाजार समिति प्रांगणों की सुविधा, डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने की समीक्षा बैठक
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा द्वारा जिलावार बाजार समिति प्रांगणों के निर्माण कार्य की प्रगति की समीक्षा की गई। इस समीक्षात्मक बैठक में सचिव कृषि संजय कुमार अग्रवाल सहित कई पदाधिकारियों ने भाग लिया।
बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के प्रतिनिधि द्वारा बताया गया कि चंदौती (गया) तथा वैशाली में कार्य पूर्ण हो गया है। पूर्वी और पश्चिम चंपारण के बाजार समिति का कार्य 15 मई तक पूर्ण कर लिया जाएगा।
मंत्री ने कहा कि पीएम मोदी द्वारा ‘एक राष्ट्र, एक बाजार’ की व्यवस्था की घोषणा की गई है, जिसका सबसे ज्यादा लाभ बिहार को मिलेगा। बिहार के किसानों को उनके फसल उत्पादों के लिए अधिकतम मूल्य मिल पायेगा। इस प्रकार किसानों की आय में अपेक्षित वृद्धि हो पायेगी एवं किसान समृद्ध होगा।
उन्होंने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा 75वें स्वतंत्रता दिवस समारोह (15 अगस्त, 2021) के अवसर पर गांधी मैदान में आयोजित राजकीय समारोह में घोषणा की गयी कि राज्य के किसानों को कृषि उत्पाद हेतु बाजार की सुविधा उपलब्ध करने के उद्देश्य से सभी कृषि उत्पादन बाजार समितियों का जीर्णोद्धार एवं चरणबद्ध तरीके से विकास कराया जाए।
समिती प्रांगणों में की जाएगी स्टोरेज की सुविधामंत्री ने कहा कि बाजार समिति प्रांगणों में अनाज, फल-सब्जी एवं मछली का अलग-अलग बाजार की व्यवस्था, स्टोरेज की सुविधा आदि कार्य किया जा रहा है।
राज्य के किसानों को उनके फसल उत्पादों, मछली आदि के लिए उचित मूल्य एवं बेहतर बाजार की व्यवस्था सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से राज्य के सभी बाजार समिति के प्रांगणों के सुदृढ़ीकरण के लिए प्रांगणों में चहारदीवारी, सड़क, नाला आदि निर्माण के साथ-साथ सफाई, सुरक्षा, बिजली, पानी, महिलाओं एवं पुरूषों के लिए अलग-अलग शौचालय आदि की व्यवस्था के साथ ही गोदाम तथा कोल्डस्टोरेज के लिए विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन में निधि की व्यवस्था की गई है।
उन्होंने निर्देश दिया कि बिहार राज्य पुल निर्माण निगम द्वारा जहां- जहां कार्य पूर्ण किया जा रहा है, वहां पर टीम गठित कर कार्यों की प्रगति तथा गुणवत्ता की जांच करा ली जाए। साथ ही, बाजार समिति प्रांगणों में दुकानों के आवंटन की प्रक्रिया में पारदर्शिता बरती जाए।
इसे भी पढ़ें: Bihar: पटना हाई कोर्ट का अहम फैसला, अब सिर्फ D Pharma डिग्री वाले ही बन सकेंगे सरकारी फार्मासिस्ट
Trump’s new China tariff now at 145%
'200,000 light-years away': ESA’s Gaia Telescope discovers one galaxy tearing apart another near the Milky Way - Wion
- '200,000 light-years away': ESA’s Gaia Telescope discovers one galaxy tearing apart another near the Milky Way Wion
- Our Neighbouring Galaxy Is Being Torn Apart, Scientists Make Shocking Discovery NDTV
- The Small Magellanic Cloud is Being Torn Apart Universe Today
- Milky Way's Closest Neighbor May Be Tearing Apart Newsweek
- Something really strange is happening to one of our closest galactic neighbours BBC Science Focus Magazine
Byju’s US lenders sue founder, wife, top aide over missing cash - Moneycontrol
- Byju’s US lenders sue founder, wife, top aide over missing cash Moneycontrol
- Byju’s Alpha Sues Byju Raveendran for Theft of ₹4,586 Crore Deccan Herald
- Byju's founders sued in US over $533 million transfer Times of India
- ‘A wheel of lies’, Byju’s slams ‘baseless’ US lawsuit, calls it part of a larger conspiracy financialexpress.com
- I'm not flower, I'm fire: Byju as he files FIR against EY staff | Byju called GLAS "a collective of crooks' | Inshorts Inshorts
देश के एक लाख से अधिक प्राथमिक स्कूल सिर्फ एक ही शिक्षक के भरोसे, लाखों पद खाली; देखें पूरी लिस्ट
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। स्कूलों में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति ( एनईपी) को लागू करने के लिए भले ही केंद्र और राज्य सरकारें पूरी शिद्दत से जुटी हुई है लेकिन हकीकत यह है कि स्कूलों में इसे अमल में लाने के लिए पर्याप्त शिक्षक ही नहीं है। स्कूलों में अभी भी शिक्षकों के करीब आठ लाख पद खाली पड़े है।
यह बात अलग है कि पिछले सालों के मुकाबले इसमें सुधार हुआ है, पहले यह संख्या दस लाख से अधिक थी। इसके साथ ही देश के एक लाख से अधिक प्राथमिक स्कूल ऐसे भी है, जो सिर्फ एक शिक्षक के भरोसे चल रहे है। स्कूलों में नए शैक्षणिक सत्र शुरू होने के साथ ही शिक्षा मंत्रालय ने शिक्षकों के खाली पदों को भरने के लिए राज्यों को एक बार फिर पत्र लिखा है। जिसमें शिक्षकों के खाली पदों को प्राथमिकता से भरने के निर्देश दिए है। साथ ही यह सुझाव दिया है कि स्कूलों में शिक्षकों के पद रिक्त होने से पहले ही उन्हें भरने की योजना बनाई जाए। जिससे स्कूलों को जल्द नए शिक्षक मिल सके।
पद का खाली होना एक सतत प्रकिया: शिक्षा मंत्रालय
मंत्रालय का मानना है कि स्कूलों में शिक्षकों के पदों का खाली होना एक सतत प्रक्रिया है, लेकिन यदि तीन-तीन महीने में सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षकों का ब्यौरा जुटाया जाए व खाली होने वाले पदों पर भर्ती की प्रक्रिया को पहले से शुरू कर दी जाए, इससे संकट से बचा जा सकता है।
शिक्षा मंत्रालय की ओर से संसद को सौंपी गई एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में वैसे तो शिक्षकों की कुल संख्या 98 लाख है। इनमें से करीब आठ लाख पद अभी भी खाली है।
सबसे अधिक पद बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल में खाली है। इसके साथ ही देश में एक लाख से अधिक प्राथमिक स्कूल ऐसे है, जो एक ही शिक्षक के भरोसे चल रहे है। एक शिक्षक के भरोसे स्कूलों की सूची में बिहार की स्थिति बाकी राज्यों से थोड़ी अच्छी है।
गौरतलब है कि मौजूदा समय में देश में 14.71 लाख से अधिक स्कूल है। जिसमें 2.60 लाख स्कूल शहरी क्षेत्रों में है, बाकी 12.12 लाख से अधिक स्कूल ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित है।
इन प्रमुख राज्यों में कितने स्कूलों में एक शिक्षक है
table {
border-collapse: collapse;
width: 60%;
margin: 20px auto;
font-family: Arial, sans-serif;
}
th, td {
border: 1px solid #444;
padding: 8px 12px;
text-align: center;
}
th {
background-color: #f2a64d;
color: #fff;
}
tr:nth-child(even) {
background-color: #f9f9f9;
}
h2 {
text-align: center;
font-family: Arial, sans-serif;
}
राज्य स्कूलों की संख्या
राज्य
स्कूलों की संख्या
आंध्र प्रदेश12543
मध्य प्रदेश11035
झारखंड8294
कर्नाटक7477
राजस्थान7673
पश्चिम बंगाल5437
उत्तर प्रदेश4572
हिमाचल प्रदेश3365
छत्तीसगढ़5520
यह भी पढ़ें: 'मुंबई हमले के बाद गांधी परिवार ने नहीं होने दी कार्रवाई', भाजपा ने लगाए गंभीर आरोप; जानिए क्या है मामला
IPL 2025: Why CSK turned to MS Dhoni to lead in Ruturaj Gaikwad’s absence - The Indian Express
- IPL 2025: Why CSK turned to MS Dhoni to lead in Ruturaj Gaikwad’s absence The Indian Express
- IPL 2025, CSK vs KKR 25th Match Match Preview - CSK turn to Dhoni to avoid a hat-trick of defeats at fortress Chepauk ESPNcricinfo
- MS Dhoni To Make Shock Return As CSK Captain After Ruturaj Gaikwad Is Ruled Out Due To... NDTV Sports
- Dhoni returns at the helm as CSK's faltering campaign seeks revival Cricbuzz.com
- Ambati Rayudu can't keep calm as returning captain MS Dhoni set to 'make CSK qualify': 'Very sad that Ruturaj Gaikwad…' Hindustan Times
9 Drinks That Can Naturally Reduce Fatty Liver In Just 2 Weeks - Zee News
- 9 Drinks That Can Naturally Reduce Fatty Liver In Just 2 Weeks Zee News
- Top 10 superfoods that naturally detox your liver CNBC TV18
- 5 drinks that help detox your liver India TV News
- 10 foods that helped reduce my liver fat by 20% (what doctors won’t tell you) Journée Mondiale
- 9 drinks that can naturally reduce liver fat in just 2 weeks VnExpress International
Summer Special Train 2025: गर्मियों की छुट्टी होगी सुपर कूल, रेलवे चलाएगा 666 ट्रेनें; रूट समेत पूरी जानकारी
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पर्व-त्योहारों और गर्मी की छुट्टियों में ट्रेन का सफर आसान नहीं होता। अधिकतर रूटों की ट्रेनों में भारी भीड़ होती है, जिससे टिकटों की प्रतीक्षा सूची बढ़ जाती है। इस बार रेलवे की तरफ से ज्यादा ऐहतियात बरती जा रही है।
यात्रियों की सुविधा के लिए 666 ट्रेनें तैयार रखी गई हैं, जो 15 अप्रैल से जुलाई के बीच 13 हजार 682 से ज्यादा फेरे लगाएंगी। रेलवे ने 408 ट्रेनों के आठ हजार 482 फेरों को अधिसूचित भी कर दिया है। जरूरत और हालात के अनुसार बाकी ट्रेनों को भी तैनात रखा गया है। समर स्पेशल ट्रेनें नियमित चलने वाली ट्रेनों से अलग होंगी।
एक्सप्रेस ट्रेनें चलाने की योजनारेलवे के कार्यकारी निदेशक दिलीप कुमार ने बताया कि यात्रियों की सुविधा के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से एक्सप्रेस ट्रेनें चलाने की योजना बनाई गई है, ताकि गर्मी की छुट्टियों के दौरान अधिक से अधिक यात्रियों को उनके गंतव्य तक आसानी से पहुंचाया जा सके।
रेलवे का मानना है कि गर्मी की छुट्टियों के दौरान यात्रियों का सबसे ज्यादा दबाव बिहार, उत्तर प्रदेश, बंगाल एवं झारखंड के रेलवे रूटों पर होता है। इसलिए पूर्वी रेलवे के धनबाद, दानापुर, मुगलसराय एवं पूर्वोत्तर रेलवे के सोनपुर एवं समस्तीपुर डिवीजन के शहरों के लिए 72 ट्रेनों की व्यवस्था कर रखी है, जो सबसे ज्यादा 2805 फेरे लगाएंगी।
पिछली बार ट्रेनों की संख्या तो ज्यादा थी, लेकिन फेरे कम लगे थे। सेंट्रल रेलवे को कुल 64 ट्रेनें उपलब्ध कराई गई है, जो 1276 बार आना-जाना करेंगी। यह संख्या पिछली बार से लगभग दुगुनी है। कुछ रूटों पर अभी से समर स्पेशल ट्रेनें चलने लगी हैं, लेकिन 15 अप्रैल के बाद से इनकी संख्या और बढ़ाई जाएंगी।
यह भी पढ़ें: गोरखपुर और कुसम्ही स्टेशन के बीच बिछेगी तीसरी रेलवे लाइन, 18 से अधिक ट्रेनें कैंसिल; देखें लिस्ट
TMC minister Siddiqullah Chowdhury threatens to shut down Kolkata in protest against Waqf Bill, says he can arrange 10,000 people each in 50 places to block traffic - OpIndia
- TMC minister Siddiqullah Chowdhury threatens to shut down Kolkata in protest against Waqf Bill, says he can arrange 10,000 people each in 50 places to block traffic OpIndia
- Tracks Blocked As Protests, Violence Break Out In Parts Of Bengal Over Waqf Act NDTV
- Protest against Waqf law turns violent in Murshidabad again, TMC MP’s office ransacked The Indian Express
- Waqf protest turns violent in Bengal: Mob throws stones at train, cops injured India Today
- Trinamool Congress playing role of pre-Independence Muslim League: Tarun Chugh The Hindu
Pages
