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क्या सीजफायर के लिए ट्रंप ने दी थी ट्रेड ना करने की धमकी? US राष्ट्रपति के बयान को भारत ने किया खारिज

Dainik Jagran - National - May 13, 2025 - 2:30am

एएनआई, नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर का एलान हो गया है। शनिवार को दोनों देशों के बीच सीजफायर पर बात बनी। इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बड़ा दावा किया है।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक दावा में कहा कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान से कहा था कि दोनों को इस संघर्ष को रोकना हो अन्यथा अमेरिका दोनों के साथ व्यापार नहीं करेगा। इस बीच भारत ने ट्रंप के इस दावे को खारिज किया है।

भारत ने किया ट्रंप के दावे खारिज

समाचार एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से बताया कि भारत ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के इस दावे का तुरंत खंडन किया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच शत्रुता समाप्त होने में व्यापार एक कारक था।

दरअसल, सोमवार को पुष्टि की कि ऑपरेशन सिंदूर शुरू होने के बाद, अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने 9 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने 8 और 10 मई को विदेश मंत्री एस जयशंकर से और 10 मई को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से बात की, और व्यापार पर कोई चर्चा नहीं हुई। जानकारी दें कि ट्रंप के इस दावे से कि शत्रुता समाप्त होने के बाद वे दोनों देशों के साथ व्यापार में "काफी" वृद्धि करेंगे, बहस छिड़ गई है।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने किया था ये दावा

एएनआई के अनुसार, इससे पहले, स्वास्थ्य एवं मानव सेवा सचिव के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, ट्रंप ने दावा किया कि उनके प्रशासन ने भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बाद, दोनों परमाणु-सशस्त्र पड़ोसियों के बीच शत्रुता को तत्काल समाप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

उन्होंने कहा, "शनिवार को, मेरे प्रशासन ने भारत और पाकिस्तान के बीच शत्रुता को तत्काल समाप्त करने में मदद की, मुझे लगता है कि यह स्थायी शत्रुता होगी - दोनों देशों के पास बहुत सारे परमाणु हथियार हैं।"

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पीएम मोदी का संदेश: आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई का नेतृत्व भारत करेगा, आतंकियों को धरती के किसी भी कोने तक खदेड़ेंगे

Dainik Jagran - National - May 13, 2025 - 2:00am

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पहलगाम हमले के बाद यह दूसरा मौका है जब पीएम नरेन्द्र मोदी ने वैश्विक समुदाय को यह संदेश दिया है कि आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में भारत नेतृत्व करेगा। एक तरह से देखा जाए तो वैश्विक व्यवस्था में हो रहे बदलाव के मद्देनजर सिर्फ भारत ही है जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ लगातार आवाज उठा रहा है और यह आवाज पाकिस्तान समर्थित व पोषित आतंकवाद के खिलाफ है।

24 अप्रैल, 2025 को पीएम मोदी ने मधुबनी (बिहार) में एक कार्यक्रम में अंग्रेजी में अपने भाषण में कहा था कि, “आज बिहार की धरती से मैं पूरी दुनिया से कहता हूं, भारत हर आतंकी और उनके आकाओं की पहचान करेगा, उन्हें खोजेगा और उन्हें सजा देगा। हम उन्हें धरती के किसी भी कोने तक खदेड़ेंगे।''

'पाकिस्तान से बात होगी तो आतंकवाद पर होगी'

जबकि 12 मई को राष्ट्र के नाम संबोधन में उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के धवस्त आतंकी ठिकानों का श्रेय भारत की सेनाओं को दिया और यह भी ऐलान किया कि, “विश्व समुदाय को मैं यह कहना चाहूंगा कि पाकिस्तान से बात होगी तो आतंकवाद पर ही होगी।''

पीएम मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में दुनिया को याद दिलाया कि, “बहावलपुर और मुरीदके जैसे आतंकी ठिकानो, एक प्रकार से ग्लोबल आतंकवाद की विश्वविद्यालय रही हैं। अमेरिका में नौ सितंबर, लंदन के मेट्रो में हुए विस्फोट या भारत में दशकों से हो रहे बड़े आतंकी हमलों के तार कहीं न कहीं इन्हीं आतंकी ठिकानों से जुड़ते रहे हैं।''

भारत लगातार पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद से जूझ रहा

जानकार मानते हैं कि अभी वैश्विक आतंकवाद सिर्फ भारत के लिए प्राथमिकता है। अमेरिका वैश्विक कारोबार में अपना दबदबा बनाने की कोशिश में है। पश्चिमी देश रूस से निबटने का रास्ता खोजने में व्यस्त हैं। चीन अपनी विकास की गति को बना कर रखते हुए वैश्विक दबदबा बढ़ाने में जुटा है। ऐसे में अन्य प्रमुख शक्तियों के लिए वैश्विक आतंकवाद कोई बड़ा मुद्दा नहीं है। जबकि भारत लगातार पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद से जूझ रहा है। भारत सरकार में यह सोच है कि विकसित भारत की उसकी राह में पाक समर्थित आतंकवाद एक बड़ी अड़चन बनने की क्षमता रखता है। यह सोच और इसको लेकर भारत की स्पष्ट नीति भी पीएम मोदी के राष्ट्रीय संबोधन में दिखता है।

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भारत और अमेरिका मिलकर बनाएंगे भू-इमेजिंग सैटेलाइट, ISRO-नासा के गठजोड़ से हासिल होगी ये उपलब्धियां

Dainik Jagran - National - May 13, 2025 - 2:00am

पीटीआई, इंफाल। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष वी. नारायणन ने कहा है कि भारत और अमेरिका जल्द ही संयुक्त रूप से एक उन्नत अर्थ-इमेजिंग सैटेलाइट (भू-इमेजिंग उपग्रह) बनाएंगे। इस उपग्रह को भारत से ही अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया जाएगा।

उन्होंने यह भी कहा कि जलवायु परिवर्तन और वायु प्रदूषण का अध्ययन करने तथा मौसम की निगरानी के उद्देश्य से इसरो जी-20 देशों के लिए भी एक उपग्रह विकसित कर रहा है। भू-इमेजिंग उपग्रह पृथ्वी की कक्षा में चक्कर लगाने वाला एक 'अंतरिक्ष यान' है जिसे पृथ्वी की सतह और वायुमंडल के बारे में चित्र और डाटा कैप्चर करने के लिए डिजाइन किया जाता है।

'देश ने जो प्रगति की है वह अभूतपूर्व'

ये उपग्रह जानकारी एकत्र करने के लिए रडार सहित विभिन्न सेंसरों का उपयोग करते हैं। एकत्र किए गए डाटा का उपयोग मौसम की भविष्यवाणी, पर्यावरण निगरानी और मानचित्रण जैसे कई अनुप्रयोगों के लिए किया जाता है।

बहरहाल, आजादी के बाद से विभिन्न प्रकार और क्षमताओं के उपग्रहों के निर्माण का उल्लेख करते हुए इसरो प्रमुख ने कहा कि 1947 में स्वाधीन होने के बाद से देश ने जो प्रगति की है वह ''अभूतपूर्व और उत्कृष्ट'' है।

आज हमारे लिए यह गर्व एवं श्रेय की बात है कि हमने प्रक्षेपण यान की एक पीढ़ी विकसित कर ली है। हमारा पहला उपग्रह 1975 में विकसित किया गया था। तब से लेकर आज तक हमने विभिन्न प्रकार और क्षमताओं के 131 उपग्रहों का निर्माण किया है।

वी. नारायण, अध्यक्ष, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO)

भारत ने 34 देशों के 433 उपग्रहों को कक्षा में स्थापित किया

इंफाल में केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के पांचवें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत ने 34 देशों के 433 उपग्रहों को कक्षा में स्थापित किया है और देश के नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 10 उपग्रह लगातार काम कर रहे हैं। भारत एक जीवंत अंतरिक्ष शक्ति बन रहा है और 2040 तक इसका पहला अंतरिक्ष स्टेशन होगा।

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यमुना नदी पर तटबंध निर्माण की होगी गहन जांच, सुप्रीम कोर्ट का CEC को सख्त निर्देश

Dainik Jagran - National - May 13, 2025 - 2:00am

पीटीआई, नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति (CEC) से उस याचिका में उठाए गए मुद्दों की जांच करने को कहा है जिसमें आरोप लगाया गया है कि खनन गतिविधि को सुविधाजनक बनाने के लिए हरियाणा के यमुनानगर में कलेसर वन्यजीव अभयारण्य के पास यमुना नदी पर तटबंध का निर्माण किया गया था।

मई 2002 में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार, सीईसी का गठन किया गया था, ताकि न्यायालय के निर्देशों के क्रियान्वयन की निगरानी की जा सके। ये निर्देश अतिक्रमण हटाने, कार्ययोजनाओं के क्रियान्वयन, वृक्षारोपण और अन्य संरक्षण मुद्दों के संबंध में दिए गए थे।

यमुना पर तटबंध बनाने का मामला

यमुना पर तटबंध बनाने का यह मामला न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आया था।

आवेदक की ओर से पेश हुए अधिवक्ता गौरव कुमार बंसल ने पीठ को बताया कि वन्यजीव अभयारण्य के पास नदी पर तटबंध बनाया गया था, जिसके परिणामस्वरूप नदी का प्रवाह हरियाणा से उत्तर प्रदेश की ओर मुड़ गया।

उन्होंने दावा किया कि यह अनियमित खनन गतिविधि को सुविधाजनक बनाने के लिए किया गया था। पीठ ने 29 अप्रैल को पारित अपने आदेश में कहा, "इसलिए, हम पाते हैं कि यह उचित होगा कि केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति (सीईसी) मुद्दों की जांच करे और अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करे।"

सर्वोच्च न्यायालय ने आवेदक के वकील से कहा कि वे हरियाणा और उत्तर प्रदेश राज्यों के वकीलों को भी आवेदन की एक प्रति दें ताकि वे याचिका में की गई दलीलों पर अपनी टिप्पणी दे सकें। पीठ अब मामले की अगली सुनवाई मई के आखिरी सप्ताह में करेगी।

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'ऑपरेशन सिंदूर अभी सिर्फ स्थगित', PM Modi बोले- पाक को कसौटी पर परखेंगे

Dainik Jagran - National - May 13, 2025 - 2:00am

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक नई लकीर बताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने साफ कर दिया कि अभी सिर्फ इसे स्थगित किया गया है। राष्ट्र के नाम संबोधन में पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि भविष्य में भी आतंकी हमलों का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को न्याय की अखंड प्रतिज्ञा बताया।

प्रधानमंत्री के अनुसार पाकिस्तान की ओर से आगे कोई आतंकी गतिविधि और सैन्य दुस्साहस नहीं दिखाने की शर्त पर ही ऑपरेशन सिंदूर को स्थगित किया गया है, लेकिन पाकिस्तान के हर कदम को इस कसौटी पर मापा जाएगा। एक तरफ जब अमेरिकी राष्टपति बार बार सीजफायर के लिए श्रेय ले रहे है। ऐसे में प्रधानमंत्री का यह स्पष्ट संदेश न सिर्फ पाकिस्तान बल्कि अमेरिका को भी था और देश में सवाल पूछ रहे राजनीतिक दलों को भी।

माथे से सिंदूर हटाने का अंजाम जान चुके हैं आतंकी

पहलगाम में आतंकियों द्वारा निर्दोष लोगों को परिवार वालों, बच्चों के सामने धर्म पूछकर मारे जाने को व्यक्तिगत पीड़ा बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हर आतंकी और हर आतंकी संगठन जान चुका है कि हमारी बहनों, बेटियों के माथे से सिंदूर हटाने का अंजाम क्या होता है। उन्होंने कहा कि आतंकियों ने हमारी बहनों का ¨सदूर उजाड़ा था, इसीलिए भारत ने आतंक के हेडक्वार्टर्स उजाड़ दिये। उन्होंने भारतीय सैन्य बलों के शौर्य को सैलूट करते हुए कहा कि आतंकियों के हेडक्वार्टर्स और ट्रेनिंग कैंपों को खंडबर में तब्दील कर दिया गया।

उन्होंने इन आतंकी ठिकानों को ग्लोबल टैररिज्म की यूनिवर्सिटी बताते हुए उनके तार न्यूयार्क के 9/11 हमले और लंदन के ट्यूब धमाकों के साथ भी जोड़ा।

ध्यान देने की बात है कि प्रधानमंत्री मोदी ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद बिहार से बोलते हुए साफ कर दिया था कि आतंकवादियों और उनके आकाओं को ऐसी सजा मिलेगी, जिसके बारे में उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था। भारतीय सेनाओं ने इसे सच कर दिखाया। आतंक के ये आका जो पिछले ढाई-तीन दशकों से पाकिस्तान में खुलेआम घूम रहे थे, उन्हें एक झटके में खत्म कर दिया। आतंकियों ने सपने में भी नहीं सोचा था कि भारत इतना बड़ा फैसला ले सकता है। लेकिन एकजुट भारत ने फौलादी फैसला किया और इसे कर दिखाया। उन्होंने कहा कि हमने पाकिस्तान ने हमारी सीमा पर वार किया तो हमने उसके सीने पर वार किया है।

अभी खत्म नहीं हुआ ऑपरेशन सिंदूर!

ऑपरेशन सिंदूर को स्थगित करने को लेकर देश के अंदर उठ रहे कुछ सवालों का भी उत्तर दे दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत की आक्रमक कार्रवाई के बाद पाकिस्तान दुनिया भर से तनाव कम करने की गुहार लगाने लगा। इसी क्रम में पाकिस्तानी सेना ने भारत के डीजीएमओ से संपर्क किया। भविष्य में कोई भी आतंकी गतिविधि और सैन्य दुस्साहस नहीं दिखाने की गारंटी दिये जाने के बाद ही इस पर विचार किया। पहले ही आतंकी इंफ्रास्ट्रक्चर को तबाह करने और बड़ी संख्या में आतंकी आकाओं को मार गिराने को देखते हुए भारत ने ऑपरेशन सिंदूर को फिलहाल स्थगित करने का फैसला किया। लेकिन तीनों सेनाएं, बीएसएफ और अ‌र्द्धसैनिक बल लगातार अलर्ट पर हैं।

उन्होंने साफ किया कि सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक के बाद अब ऑपरेशन सिंदूर आतंक के खिलाफ भारत की नई नीति है। इस नई नीति के तहत हर आतंकी हमला का करारा जवाब, न्यूक्लियर ब्लैकमेल को नहीं सहना और आतंक की सरपरस्त सरकार और आतंक के आकाओं को अलग-अलग नहीं देखना शामिल है। अब से पहले पाकिस्तान और आतंक को इतनी स्पष्टस्टता के साथ नहीं जोड़ा गया था। उन्होंने कहा कि अब यही न्यू मार्मल है। दो दिन पहले ही सरकार की ओर से संदेश दिया आतंक की घटना को युद्ध माना जाएगा। प्रधानमंत्री ने दूसरे शब्दों में इसी को बयां किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने कश्मीर को अपनी गर्दन की सबसे अहम नस बताने वाले पाकिस्तानी सेनाध्यक्ष असीम मुनीर और प्रधानंमत्री शहवाज शरीफ को स्पष्ट संदेश दे दिया कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को भी संदेश दे दिया कि कश्मीर पर अब कोई बात नहीं होगी और न ही किसी क् मध्यस्थता। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ बातचीत सिर्फ आतंकवाद और पीओके पर ही होगी। इसके अलावा किसी मुद्दे पर बातचीत नहीं होगी।

'पाकिस्तान को अपने आतंकी इंफ्रास्ट्रक्चर का सफाया करना ही होगा'

प्रधानमंत्री मोदी ने साफ किया कि पाकिस्तान को अपने आतंकी इंफ्रास्ट्रक्चर का सफाया करना ही होगा। इसके अलापा शांति का कोई और रास्ता नहीं है। यह समय युद्ध का नहीं, बुद्ध का है के अपने पुराने बयान पर कायम रहते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि शांति का मार्ग भी शक्ति से होकर जाता है और भारत ने अपनी शक्ति दिखा दी है।

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'AI का प्रयोग कर रिकॉर्ड डिजिटाइज करें', उच्च न्यायालयों में सात लाख क्रिमिनल अपीलों पर सुप्रीम कोर्ट की सलाह

Dainik Jagran - National - May 13, 2025 - 12:05am

माला दीक्षित, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने देश भर के उच्च न्यायालयों में 7.24 लाख से ज्यादा आपराधिक अपीलें लंबित होने पर चिंता जताते हुए उनके शीघ्र निपटारे के लिए उच्च न्यायालयों को रिकॉर्ड के डिजिटलीकरण और आर्टीफिशल इंटेलीजेंस (एआई) की मदद से रिकार्ड का अनुवाद करने का सुझाव दिया है।

शीर्ष अदालत ने उच्च न्यायालयों से इसके साथ ही विभिन्न रिपोर्टों जैसे नेशनल कोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम (एनसीएमएस) द्वारा केस मैनेजमेंट के लिए तैयार की गई बेसलाइन रिपोर्ट, माडल एक्शन प्लान और सुप्रीम कोर्ट में न्यायमित्र की ओर से दिए गए सुझावों को स्वीकार करने का आग्रह किया है।

SC ने सभी हाईकोर्ट को दिए ये निर्देश

सर्वोच्च अदालत ने सभी उच्च न्यायालयों से कहा है कि इन सुझावों पर काम करते हुए आपराधिक अपीलों के शीघ्र निपटारे के लिए चार महीने में एक एक्शन प्लान तैयार करके सुप्रीम कोर्ट में पेश करें। यह भी कहा है कि पेश एक्शन प्लान प्रत्येक उच्च न्यायालय को उपलब्ध कराए जाएं ताकि उच्च न्यायालय दूसरे उच्च न्यायालय द्वारा अपनाई जा रही प्रक्रिया को देखकर सर्वश्रेष्ठ तरीका अपनाए। ये आदेश न्यायमूर्ति अभय एस ओका और उज्जवल भुइयां की पीठ ने जमानत देने की नीति पर स्वत: संज्ञान लेकर की जा रही सुनवाई के दौरान आठ मई को दिये।

इलाहाबाद हाईकोर्ट मे सबसे ज्यादा लंबित मामले
  • पीठ ने मामले की सुनवाई में मदद कर रहे न्यायमित्र की ओर से पेश नोट को देखा जिसमें देश भर के उच्च न्यायालयों में लंबित आपराधिक अपीलों का ब्योरा दिया गया था और उनके जल्द निपटारे के लिए विभिन्न सुझाव दिए गए थे।
  • पीठ ने आदेश में कहा कि लंबित आपराधिक अपीलों की गंभीरता इसी से जानी जा सकती है कि पेश आंकड़ों के मुताबिक देश भर के उच्च न्यायालयों में कुल 7,24,192 आपराधिक अपीलें लंबित हैं जिसमें सबसे ज्यादा इलाहाबाद हाई कोर्ट में 2,17,702 हैं।
  • मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में 1,15,382, पटना हाई कोर्ट में 44,664, पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में 79,326, राजस्थान हाई कोर्ट में 56,455, बाम्बे हाई कोर्ट में 28,257 और छत्तीसगढ़ 10,007 आपराधिक अपीलें लंबित हैं।
  • पीठ ने कहा कि न्यायमित्र के नोट में इससे निबटने के लिए कई सुझाव दिये गए हैं और उन सुझावों पर उच्च न्यायालयों को जरूर विचार करना चाहिए। पीठ ने कहा कि न्यायमित्र की रिपोर्ट और बेसलाइन रिपोर्ट दोनों में आपराधिक अपीलों में देरी का एक मुख्य कारण केस के रिकार्ड ट्रायल कोर्ट से हाई कोर्ट पहुंचने में देरी होना और दूसरा कारण उस रिकॉर्ड के अनुवाद में देरी होना है।
सुप्रीम कोर्ट ने दिए ये सुझाव

सुप्रीम कोर्ट ने उच्च न्यायालयों को सुझाव दिया है कि सबसे पहले क्रिमिनल कोर्ट के रिकार्ड का डिजिटलीकरण करें। इसकी शुरुआत सत्र अदालत और विशेष अदालतों से की जा सकती है। इसके अलावा कोर्ट ने न्यायाधीशों के रिक्त पदों को भरने मामलों की सुनवाई के रोस्टर तय करने, सुनवाई की प्रक्रिया अपनाने और कौन से मामलों को सुनवाई में प्राथमिकता दी जानी चाहिए इस पर भी चर्चा की है और सुझाव दिये हैं।

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'टेरर और ट्रेड एक साथ नहीं चल सकते', PM Modi की पाकिस्तान को दो टूक- पानी और खून भी एक साथ नहीं बह सकते

Dainik Jagran - National - May 12, 2025 - 11:46pm

मनीष तिवारी, नई दिल्ली। आतंक को पोषित-प्रायोजित करने के साथ ही उसे हर तरह का संरक्षण प्रदान करने वाले पाकिस्तान को अब तक के सबसे अधिक कड़े और स्पष्ट शब्दों में भारत ने यह संदेश दिया कि आतंकवाद पर उसके आचरण की हर दिन-हर क्षण निगरानी की जाएगी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में पाकिस्तान के लिए भविष्य में भारत के साथ किसी भी तरह के संपर्क-संबंध के लिए पहली बार इतने साफ तौर पर तीन शर्तें निर्धारित कर दीं।

भारत का मत एकदम स्पष्ट

भारत के साथ कश्मीर समेत तमाम मुद्दों पर किसी तीसरे देश में अथवा किसी देश की मध्यस्थता में बातचीत का सपना देख रहे पाकिस्तान को पीएम मोदी ने दो-टूक अंदाज में यह बता दिया कि भारत का मत एकदम स्पष्ट है। टेरर और टाक एक साथ नहीं हो सकते, टेरर और ट्रेड एक साथ नहीं चल सकते और पानी और खून भी एक साथ नहीं बह सकता। स्पष्ट है कि वार्ता तो दूर जो व्यापार रुका है फिलहाल वह भी शुरू नही होने वाला है।

सिंधु जल संधि पर क्या है भारत का फैसला?

तीसरी कसौटी सिंधु जल संधि पर भारत के फैसले से संबंधित है। इस संधि के तहत सिंधु रिवर सिस्टम के तहत भारत से बहने वाली छह नदियों के पानी का बंटवारा दोनों देशों के बीच किया गया था। 1960 में विश्व बैंक की मध्यस्थता में हुई इस संधि को भारत ने पहलगाम हमले के बाद अपनी ओर से स्थगित कर दिया है।

समझौते पर पुनर्विचार की कोई गुंजाइश नहीं

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में जिस तरह यह साफ कहा कि आतंकवाद का सिलसिला जारी रहने के साथ पाकिस्तान को भारत से पानी नहीं मिलेगा, उससे यह पूरी तरह स्पष्ट हो गया है कि इस समझौते पर पुनर्विचार की कोई गुंजाइश नहीं रह गई है। अब जो भी फैसला होगा वह भारत अपने हितों को ध्यान में रखते हुए लेगा।

पाकिस्तान के लिए बहुत बड़ी समस्या

ध्यान रहे कि पाकिस्तान की 80 फीसद कृषि इन्ही नदियों से संचित है। जबकि वहां के दो डैम सिर्फ 10 फीसद पानी रोकने में सक्षम हैं। ऐसे में भारत ने 20 फीसद पानी भी रोक लिया या मोड़ लिया को पाकिस्तान के लिए बहुत बड़ी समस्या खडी होगी। आतंकी घटनाओं के बाद अबतक सिर्फ वार्ता और व्यापार ही रुका करते थे।

अस्तित्व की रक्षा

अब प्रधानमंत्री ने पानी को भी इससे जोड़ दिया है कि पाकिस्तान को परेशान करेगा। संभवत: पहली बार इतने साफ तौर पर पाकिस्तान को यह आगाह किया गया है कि उसे अगर अपने अस्तित्व की रक्षा करनी है तो अपने आतंकी ढांचे को पूरी तरह समाप्त करना ही होगा।

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अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ पर बन गई बात, फिर भी US बाजार में जारी रहेगी भारत की बढ़त; जानिए वजह

Dainik Jagran - National - May 12, 2025 - 11:45pm

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। उपभोक्ता वस्तुओं के लिए काफी हद तक चीन पर निर्भर अमेरिका ने सोमवार को चीन की वस्तुओं पर लगने वाले शुल्क में बड़ी राहत दे दी। चीन से आने वाले सामान पर अमेरिका ने पिछले महीने शुल्क को बढ़ाकर 145 प्रतिशत कर दिया था जिसे अगले 90 दिनों के लिए घटाकर 30 प्रतिशत कर दिया गया है।

बदले में चीन ने अमेरिकी वस्तुओं पर 125 प्रतिशत के शुल्क को कम कर करके 10 प्रतिशत कर दिया है। चीन के निर्यात के लिए यह बड़ी राहत मानी जा रही है, लेकिन अमेरिका के बाजार में अब भी चीन की वस्तुओं के मुकाबले भारतीय वस्तुओं को बढ़त मिलेगी। क्योंकि स्टील, एल्युमीनियम व ऑटो पा‌र्ट्स को छोड़ अन्य सभी भारतीय वस्तुओं पर अमेरिका के बाजार में सिर्फ 10 प्रतिशत का शुल्क लगता है जो अगले नौ जुलाई तक प्रभावी है।

अमेरिका ने भारत पर भी पारस्परिक शुल्क लगाने का एलान किया

अप्रैल के पहले सप्ताह में अमेरिका ने भारत पर 26 प्रतिशत का पारस्परिक शुल्क लगाने की घोषणा की थी, लेकिन इस पर अमल से पहले ही अमेरिका ने इसे 90 दिनों के लिए टाल दिया। नौ जुलाई को यह अवधि समाप्त हो रही है।

भारत और अमेरिका बीच शुल्क को लेकर समझौता की उम्मीद

वाणिज्य मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक भारत और अमेरिका के बीच आगामी नौ जुलाई से पहले ही औद्योगिक वस्तुओं के शुल्क को लेकर समझौता होने की पूरी उम्मीद है। भारत विभिन्न औद्योगिक वस्तुओं के लिए अमेरिका को शून्य शुल्क की पेशकश कर सकता है और ऐसी स्थिति में अमेरिका भी भारतीय वस्तुओं पर शून्य शुल्क कर देगा। ऐसे में चीन वस्तुओं की तुलना में कई भारतीय वस्तुएं अमेरिका के बाजार में 30 प्रतिशत तक सस्ती रहेंगी।

शुल्क के बाद भी भारत के निर्यात पर नहीं होगा कोई खास असर
  • फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशंस (फियो) के अध्यक्ष एस.सी. रल्हन के मुताबिक, चीन को शुल्क में राहत के बावजूद स्टील, एल्युमीनियम व ऑटो पा‌र्ट्स को छोड़ भारतीय निर्यात को अभी अमेरिका के बाजार में बढ़त रहेगी। स्टील, एल्युमीनियम व ऑटो पा‌र्ट्स पर अमेरिका ने सभी देशों के लिए 25 प्रतिशत का शुल्क लगा रखा है।
  • हालांकि, ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इंशिएटिव (जीटीआरआई) के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने बताया कि चीन पर शुल्क कम करने से अमेरिका के बाजार में भारत की बढ़त अब कम हो जाएगी। पहले दोनों देशों की वस्तुओं की कीमतों में 140 प्रतिशत का अंतर था जो अब सिर्फ 20 प्रतिशत रह जाएगा।
  • दूसरी बात है कि चीन में मैन्यूफैक्चरिंग करने वाली जो विदेशी कंपनियां भारत में आने का मन बना रही थी, उस पर ब्रेक लग सकता है। क्योंकि एक बार फिर से अमेरिका का झुकाव चीन की ओर दिख रहा है। चीन का वस्तु निर्यात अमेरिका में सालाना 440 अरब डॉलर का है और चीन पर 145 प्रतिशत तक शुल्क लगाने से अमेरिका में चीन की वस्तुएं महंगी हो रही थी जिसका विरोध अमेरिकी नागरिक कर रहे थे।

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Operation Sindoor: 'पाकिस्तान ने भारत को फोन कर कहा...', CM देवेंद्र फडणवीस ने शहबाज सरकार की खोली पोल

Dainik Jagran - National - May 12, 2025 - 11:26pm

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक नई लकीर बताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने साफ कर दिया कि अभी सिर्फ इसे स्थगित किया गया है। राष्ट्र के नाम संबोधन में पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि भविष्य में भी आतंकी हमलों का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। प्रधानमंत्री ने स्पष्ट कर दिया कि भारत अब न्यूक्लियर ब्लैकमेल नहीं सहेगा।

पीएम मोदी के राष्ट्र के संबोधन पर देश के नेताओं ने प्रतिक्रिया दी। महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा, "पीएम मोदी ने भी कहा है कि आतंक और बातचीत एक साथ नहीं हो सकते। पीएम मोदी ने कहा कि अगर बातचीत होगी तो सिर्फ पीओके (पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर) पर होगी। पीएम मोदी ने कहा कि भारत के हमले से पाकिस्तान तबाह हो गया और हमारे रक्षा तंत्र ने पाकिस्तान के हमलों को पूरी तरह से नाकाम कर दिया, जिसके कारण पाकिस्तान ने आत्मसमर्पण कर दिया। पाकिस्तान ने भारत को फोन करके बताया कि हमारे बीच युद्ध विराम है, जिसके बाद यह युद्ध विराम हुआ।"

हम परमाणु ब्लैकमेल बर्दाश्त नहीं करेंगे: पीएम मोदी

सीएम देवेंद्र फडणवीस ने आगे कहा, "आज पीएम मोदी ने 3 नए मानदंडों का जिक्र किया है। सबसे पहले उन्होंने कहा कि इसके बाद अगर देश में कोई भी आतंकी घटना होती है तो उसे भारत के साथ युद्ध के तौर पर देखा जाएगा और भारत उसी तरह से जवाबी कार्रवाई करके मुंहतोड़ जवाब देगा। दूसरी बात, पीएम मोदी ने स्पष्ट किया कि हम परमाणु ब्लैकमेल बर्दाश्त नहीं करेंगे। तीसरी बात यह है कि अब तक पाकिस्तान आतंकी गतिविधियों से हाथ धोता था, मुंह फेर लेता था और कहता था कि यह नॉन स्टेट एक्टर्स द्वारा किया गया है, लेकिन अब भारत आतंक के आका और सरकार में कोई अंतर नहीं करेगा और भारत उन्हें एक ही नजर से देखेगा और उसी तरह से जवाबी कार्रवाई करेगा।"

#WATCH | Nagpur: On PM Modi's address to the nation on #OperationSindoor, Maharashtra CM Devendra Fadnavis says "PM Modi has also said that terror and talks cannot happen together. PM Modi said if there will be talks, it will be only on PoK, (Pakistan Occupied Kashmir). PM Modi… pic.twitter.com/sM1Np37ApS

— ANI (@ANI) May 12, 2025

पानी और खून एक साथ नहीं बह सकता: सीएम हिमंत

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि भारत आतंकवादियों के आतंकी ढांचे को नष्ट करने में सफल रहा है। पीएम मोदी ने स्पष्ट किया कि आतंक और बातचीत एक साथ नहीं हो सकते। अगर हम पाकिस्तान से बात करेंगे तो वह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) पर होगी...पीएम मोदी ने यह भी स्पष्ट किया कि पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते। पीएम मोदी ने हमारे सशस्त्र बलों की वीरता और साहस को सलाम किया।

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पटना में अपहृत टूर आपरेटर बोरिंग रोड से रिहा, एक कार के चक्कर में हो गया बहुत कुछ

Dainik Jagran - May 12, 2025 - 10:59pm

संवाद सूत्र, जागरण, पुनपुन (पटना)। थाना क्षेत्र के मनोहर रेलवे गुमटी के समीप से रविवार की शाम अगवा टूर आपरेटर को पुलिस ने कुछ ही घंटे राजधानी के बोरिंग रोड में यमुना अपार्टमेंट के पास से बरामद कर लिया। इसके साथ ही तीन अपहरणकर्ता मौके से दबोच लिए गए। अपहृत पंकज मिश्रा दरभंगा जिले के लहेरियासराय थानांतर्गत गंगासागर का निवासी है, जबकि अपहरणकर्ताओं की पहचान आर्यन कुमार (लोदीपुर, एकंगरसराय, नालंदा), सौरव सुमन (औंगारी, नालंदा) और अजीत कुमार (सोरंगपुर, कल्पा, जहानाबाद) के रूप में हुई है।

छात्र नेता बताया जा रहा

आर्यन पटना विश्वविद्यालय का छात्र नेता बताया जाता है। मसौढ़ी एसडीपीओ-2 कन्हैया कुमार ने बताया कि आरोपितों ने स्कार्पियो से हथियार के बल पर युवक का अपहरण किया था। आरोपितों के पास से दो पिस्तौल, दो मैग्जीन, सात कारतूस और वारदात में प्रयुक्त वाहन जब्त कर लिया गया है। हथियार मिलने की बाबत एसकेपुरी थाने में प्राथमिकी की गई है।

पंकज ने सौरव से खरीदी थी पुरानी एसयूवी

बताया जाता है कि पंकज की पहचान पुनपुन के रहने वाले अमन से थी। इसी माध्यम से सौरव सुमन भी पंकज के संपर्क में आया। पंकज ने सौरव को दो लाख रुपये अग्रिम देकर एक पुरानी एसयूवी खरीदी थी, उसे वाहन पसंद नहीं आया तो लौटाने का दबाव दे रहा था। सौरव ने उसे एक लाख रुपये लौटाए और विश्वास में लेकर पंकज से वाहन ले लिया।

कुछ दिन बाद ले लेना पैसा

कहा कि कुछ दिनों बाद बाकी एक लाख दे देगा। बाद में वह रुपये देने में आनाकानी करने लगा। इस बीच पंकज रविवार की शाम अमन से मिलने गया तो मनोहर रेलवे गुमटी के पास से सौरव ने उसका अपहरण कर लिया। सौरव और उसके साथी पंकज को बोरिंग रोड स्थित एक दोस्त के कमरे पर लेकर जा रहे थे। सौरव का तर्क है कि पंकज ने तीन माह तक गाड़ी रखकर उससे कमाई की है, फिर भी पूरे रुपये वापस करने का दबाव बना रहा था।

फुटेज खंगाल बोरिंग रोड पहुंची पुलिस

वारदात की सूचना पर एसएसपी ने विशेष टीम का गठन किया, जिसमें डीआइयू और तकनीकी सेल के अफसरों को शामिल किया गया था। पुलिस सीसी कैमरे के फुटेज खंगालते हुए बोरिंग रोड पहुंची और यमुना अपार्टमेंट के पास वाहन को ओवरटेक कर रोक दिया। पुलिस को देखते ही पंकज बचाओ-बचाओ चिल्लाने लगा। वहीं, अपहरणकर्ता भागने लगे। पुलिस ने सभी को खदेड़ कर दबोच लिया। कार की तलाशी लेने पर हथियार बरामद किया गया। सभी से एसकेपुरी थाने में पूछताछ की गई, जिसके बाद अपहरण के पीछे का कारण स्पष्ट हो पाया।

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