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गया जंक्शन पर 6 घंटे से अधिक चला CBI का ऑपरेशन, सीनियर सेक्शन इंजीनियर पर मामला दर्ज
राज्य ब्यूरो, पटना। रेलवे सामग्री के भुगतान के एवज में रिश्वत लेने और रेलवे के करोड़ों के सामान की चोरी के मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने मंगलवार को गया जंक्शन पर करीब साढ़े छह घंटे तक रेलवे की सतर्कता टीम के साथ मिलकर छापेमारी अभियान चलाया।
इस मामले में सीनियर सेक्शन इंजीनियर राम दास चौधरी, राजेश कुमार हेल्पर और एक अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
सीबीआई को मिली थी ये जानकारीसीबीआई को जानकारी मिली थी कि विभिन्न आपूर्तिकर्ता फर्म निर्माण विभाग महेंद्रुघाट ईसी रेलवे के स्टोर्स के क्रय आदेश के बाद रेलवे फिटिंग से संबंधित विभिन्न वस्तुओं और निर्माण सामग्री की आपूर्ति निर्माण विभाग ट्रैक डिपो गया के स्टोर्स में की जाती है।
जांच एजेंसी को यह जानकारी मिली थी कि निजी फर्म और आपूर्तिकर्ता जो फिश प्लेट, ईआरसी, नट बोल्ट, एलसी फिटिंग की डिलीवरी देते हैं उन्हें आपूर्ति की गई वस्तुओं की पावती रसीद के लिए मोटी कमीशन या फिर रिश्वत देनी होती है।
सुबह 11 से शाम 6.30 तक चली रेडजानकारी मिलने के बाद सीबीआई एसीबी पटना की सीबीआई टीम ने एसडीजीएम सतर्कता, ईसी रेलवे के अधिकारियों से सहयोग से मंगलवार की सुबह 11 बजे शाम साढ़े छह बजे तक सीनियर सेक्शन इंजीनियर (परमानेट वे) के कार्यालय गया में संयुक्त चेकिंग अभियान चलाया।
सीबीआई को अपनी जांच के क्रम में यह जानकारी मिली कि सीनियर सेक्शन इंजीनियर राम दास चौधरी,के निर्देश पर राजेश कुमार हेल्पर ने 7.92 करोड़ रुपये का कमीशन, रिश्वत विभिन्न आपूर्तिकर्ताओं और फर्म से प्राप्त किया है। यह बात की पुष्टि हेल्पर ने पूछताछ में भी सीबीआई को दी। यह राशि नकद या बैंक खातों में प्राप्त की गई थी। राशि का बंटवारा विभिन्न लोगों के बीच किया गया।
पुख्ता जानकारी मिलने के बाद सीबीआई ने इस मामले में सीनियर सेक्शन इंजीनियर राम दास चौधरी, राजेश कुमार हेल्पर और एक अज्ञात के खिलाफ पी.सी. अधिनियम, 1988 (2018 में संशोधित) की धारा 7, 8 और 12 के तहत एक नियमित मामला दर्ज किया है। मामले की आगे की जांच सतीश कुमार हेमांशु, निरीक्षक, सीबीआई एसीबी, पटना को सौंपी गई है।
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World Immunization Week 2025: Check here the list of vaccines for children, as per their age - India TV News
- World Immunization Week 2025: Check here the list of vaccines for children, as per their age India TV News
- Letters to The Editor — April 30, 2025 The Hindu
- Increases in vaccine-preventable disease outbreaks threaten years of progress, warn WHO, UNICEF, Gavi World Health Organization (WHO)
- The Vaccination Crisis: Chipping away at hard-won gains against infectious diseases The Indian Express
- WHO reinforces commitment to protect children from vaccine-preventable diseases The Tribune
Bihar Politics बिहार में एक बड़ी पार्टी का RJD में हुआ विलय, चुनाव से पहले BJP को भी लगा बड़ा झटका
राज्य ब्यूरो, पटना। बड़ी संख्या में भाजपा एवं अन्य दलों के नेताओं ने मंगलवार को विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के समक्ष राजद में शामिल होने की घोषणा की।
इनमें प्रमुख हैं- रंजना साहू, नरेन्द्र साहू, अरुण गुप्ता। इनके साथ सैंकड़ों कार्यकर्ताओं को भी राजद की सदस्यता दिलाई गई।
प्रदेश राजद प्रवक्ता एजाज अहमद ने बताया कि राष्ट्रीय प्रगति पार्टी के अमरकांत साहू ने अपने समर्थकों की उपस्थिति में अपनी पार्टी का विलय राष्ट्रीय जनता दल में किया।
सभी नेताओं का पार्टी में स्वागत किया गया। उन्हें सदस्यता रसीद, राजद का प्रतीक चिह्न एवं लालू प्रसाद की जीवनी पर लिखित पुस्तक गोपालगंज टू रायसीना देकर सभी को सम्मानित किया गया।
सरकार बनाने में मदद करें, हम भयमुक्त वातावरण देंगे: तेजस्वीविपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने व्यवसायी वर्ग से आग्रह किया कि वे सरकार बनाने में मदद करें। नया बिहार बनाकर देंगे। भयमुक्त वातावरण देंगे। समाज को जोड़ने में आप सभी लोग सहयोग करें।
वे मंगलवार को राजद कार्यालय में दानवीर भामाशाह की जयंती पर आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे। आयोजन राजद व्यावसायिक प्रकोष्ठ ने किया था।
तेजस्वी ने कहा कि 17 महीने की महागठबंधन सरकार ने बिहार में व्यापार और व्यापारियों को आगे बढ़ने का मौका दिया। 50 हजार करोड़ का निवेश हुआ।
पांच लाख से अधिक लोगों को सरकारी नौकरियां दी गईं। इसमें सभी वर्ग के लोगों को अवसर मिला। साढ़े तीन लाख रिक्तियां छोड़कर आये थे, उसे भी डबल इंजन सरकार भर नहीं पायी है।
व्यापार को आगे बढ़ाने के लिए पर्यटन के क्षेत्र में महागठबंधन सरकार ने टूरिज्म पॉलिसी बनाई थी। सभी काम ठप पड़े हैं। आप पांच साल का मौका दें। हम बिहार बदलने के प्रति संकल्पित हैं।
राष्ट्रीय जनता दल ने वैश्य समाज को हमेशा मान-सम्मान दिया है। आपलोग विश्वास रखें, जो रिश्ता बना है, उसको और मजबूत करना है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश प्रधान महासचिव रणविजय साहू ने की। संचालन राजद व्यासायिक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल प्रसाद गुप्ता ने किया।
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Bihar News: 15 शहरी निकायों में बनेंगे प्रशासनिक भवन, नीतीश सरकार ने जारी किया आदेश
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Bihar News: 15 शहरी निकायों में बनेंगे प्रशासनिक भवन, नीतीश सरकार ने जारी किया आदेश
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के नवगठित नगर निकायों में प्रशासनिक या नगर सरकार भवन बनाने की योजना को स्वीकृति मिलनी शुरू हो गई है।
नगर विकास एवं आवास विभाग ने 120 नए नगर निकायों में से एक दर्जन नए नगर निकायों में प्रशासनिक भवन के निर्माण का आदेश जारी कर दिया है।
इनमें अकबरनगर, पावापुरी, कटोरिया, शेखोपुर सराय, परबत्ता, हसनपुरा, इटाढ़ी, काको, मुरौल, घोसी, चण्डी और सरैया शामिल हैं।
इसके साथ तीन पुराने नगर परिषद- तेघड़ा, बलिया और शिवहर में भी प्रशासनिक भवन बनाए जाएंगे, जिनके पास अभी तक अपना कार्यालय भवन उपलब्ध नहीं था।
मंत्री जिवेश कुमार ने कहा कि शहरी विकास को गति देने के लिए नए नगर निकायों में जल्द ही स्थायी प्रशासनिक भवनों का निर्माण शुरू कराया जाएगा।
दिया गया है यह निर्देशउन्होंने कहा कि जिन भी नए नगर निकायों का कार्यालय समुदायिक भवन में, प्रखंड कार्यालय में, किराये, किसान भवन अथवा अन्य भवन में चल रहा है, उन नगर निकायों को भूमि की विवरणी, नजरी नक्शा एवं अनापत्ति सहित प्रस्ताव विभाग को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है।
नगर निकायों का कार्य व्यवस्थित तरीके से संचालित करने के लिए स्थायी कार्यालय भवन का होना जरूरी है। विभाग के सचिव अभय कुमार सिंह ने कहा कि नगर सरकार भवन एवं प्रशासनिक भवन निर्माण के लिए नगर परिषद में 16 हजार वर्गफीट और नगर पंचायत में 10,760 वर्गफीट जमीन की आवश्यकता होती है।
नगर पंचायत क्षेत्र में बनने वाले प्रशासनिक भवन पर लगभग ढाई करोड़ (2.49 करोड़ रुपये) की निर्माण लागत आएगी, वहीं नगर परिषद में बनने वाले प्रशासनिक भवन के लिए लगभग पांच करोड़ (4.98 करोड़ रुपये) की लागत से निर्माण कार्य किया जायेगा। इसके लिए सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
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Bihar: मैट्रिक पास विद्यार्थियों का अपने ही विद्यालय में होगा 11वीं में नामांकन, नई व्यवस्था लागू
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य में मैट्रिक की परीक्षा पास हुए छात्र-छात्राओं का अपने ही विद्यालय में 11वीं कक्षा में नामांकन होगा। जो विद्यार्थी चाहेंगे तो नामांकन के लिए उन्हें दूसरा विद्यालय भी नियमानुसार आवंटित किया जाएगा। यह व्यवस्था वर्तमान शैक्षणिक सत्र 2025-26 से लागू की गई है।
इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा निदेशक द्वारा सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दिया है। साथ ही इससे संबंधित निर्देश निदेशक द्वारा बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के सचिव को पत्र भेजा गया है।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने अपने पत्र में कहा है कि वार्षिक माध्यमिक परीक्षा, 2025 उत्तीर्ण विद्यार्थियों को शैक्षणिक सत्र 2025-26 में कक्षा 11वीं में नामांकन हेतु बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा ओएफ एसएस (ऑनलाइन फैसिलिएशन सिस्टम फॉर स्टूडेंट्स) के माध्यम से आवेदन आमंत्रित किया जाना है।
आवेदनकर्ता विद्यार्थियों के नामांकन हेतु विद्यालय आवंटन के संबंध में यह उल्लेख करना प्रासंगिक है कि राज्य सरकार की निर्धारित नीति के अनुसार, सभी उच्च माध्यमिक विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं। वर्तमान में बिहार लोक सेवा आयोग की अनुशंसा के आलोक में माध्यमिक उच्च माध्यमिक विद्यालयों में अपेक्षित संख्या में शिक्षकों की नियुक्ति की गई है।
'11वीं कक्षा के विद्यार्थियों का अध्यापन कार्य बाधित'निदेशक ने यह भी कहा है कि वार्षिक माध्यमिक परीक्षा, 2025 का परिणाम मार्च में ही प्रकाशित किया जा चुका है, परंतु अभी तक कक्षा 11वीं में नामांकन की प्रक्रिया अप्रैल के समाप्त होने तक प्रारंभ नहीं हो पायी है, जिसके कारण राज्य में 11वीं कक्षा के विद्यार्थियों का अध्यापन कार्य बाधित है।
इसके मद्देनजर बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को दिए गए निर्देश में कहा गया है कि 11वीं कक्षा में नामांकन हेतु ओएफएसएस पर विद्यार्थियों का आवेदन शीघ्र लेना सुनिश्चित किया जाए। शैक्षणिक सत्र 2025-26 से वार्षिक माध्यमिक परीक्षा में उत्तीर्ण विद्यार्थियों का यथासंभव 11वीं कक्षा में नामांकन उसी विद्यालय में लिया जाए, जहां से वे वार्षिक माध्यमिक परीक्षा उत्तीर्ण हुए हैं।
यदि कोई विद्यार्थी दूसरे विद्यालय में नामांकन के लिए आवेदन करता है, तो विद्यार्थी द्वारा आवेदित विद्यालय नामांकन हेतु नियमानुसार आवंटित किया जाए।
दूसरे विद्यालय में नामांकन लेने को इच्छुक विद्यार्थी का नामांकन उनके मूल विद्यालय के प्रधानाध्यापक द्वारा निर्गत स्थानांतरण प्रमाण पत्र तथा विद्यालय में नामांकन हेतु तैयार मेधा सूची के आधार पर किया जा सकेगा। इसके साथ ही जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि 11वीं कक्षा में नामांकन हेतु आवश्यक प्रमाण पत्र की कमी की स्थिति में औपबंधिक रूप से विद्यार्थियों का नामांकन सुनिश्चित किया जाए।
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Bihar Teachers: टीचरों की सुविधा के लिए शिक्षा विभाग ने उठाया बड़ा कदम, अब तुरंत सभी समस्याओं का मिलेगा समाधान!
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के शिक्षकों की समस्याओं के त्वरित निष्पादन के लिए शिक्षा विभाग ने स्ट्रक्चर्ड वेबसाइट लांच किया है।
इसके तहत ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर शिक्षकों को अपनी शिकायत दर्ज करने का विकल्प दिया गया है। इस पोर्टल पर कोई भी शिक्षक अपने लॉगइन के माध्यम से अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश पत्र जारीइस संबंध में शिक्षा विभाग की ओर से सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश पत्र जारी किया गया है। विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ द्वारा लिखे गए पत्र में जिला शिक्षा पदाधिकारियों से कहा गया है कि शिक्षकों की शिकायतों के निराकरण के लिए विभाग ने कई तरह की व्यवस्था कर रखी है।
इसमें जिला और प्रखंड स्तर पर इनकी समस्याओं के निष्पादन के लिए प्रत्येक शनिवार को जनता दरबार का आयोजन भी शामिल है, ताकि शिक्षकों की समस्याओं का समाधान स्थानीय स्तर पर ही किया जाए।
उनकी समस्याओं का स्थानीय स्तर निवारण नहीं होने से शिक्षक मुख्यालय में स्थापित कमांड एंड कंट्रोल सेंटर में अपनी शिकायत दर्ज कराने लगे हैं।
शिक्षकों द्वारा कमांड एंड कंट्रोल सेंटर में समर्पित आवेदनों को जिला शिक्षा पदाधिकारी को भेजकर उनका निष्पादन कराया जाता है।
स्थानीय स्तर पर शिक्षकों की समस्याओं का समाधान नहीं होने से बड़ी संख्या में शिक्षक राज्य मुख्यालय पहुंच जाते हैं।
कभी-कभी तो ऐसा भी देखा गया है कि वे अपने पूरे परिवार के साथ अपनी समस्याएं लेकर वरीय पदाधिकारियों से मिलने सचिवालय पहुंच जाते हैं।
इससे शिक्षकों को व्यक्तिगत कठिनाई तो होती ही है, वहीं राज्य मुख्यालय का कार्य भी बाधित होता है।
अधिकारी देख सकेंगे शिकायतअब सारी शिकायतें स्ट्रक्चर्ड वेबसाइट पर दर्ज करने पर जिला शिक्षा पदाधिकारी, प्राथमिक शिक्षा निदेशक, माध्यमिक शिक्षा निदेशक, निदेशक मध्याह्न भोजन योजना के साथ-साथ अपर मुख्य सचिव इन शिकायतों को एक साथ देख सकेंगे। भ्रष्टाचार संबंधी शिकायत केवल प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा निदेशक और अपर मुख्य सचिव ही देख सकेंगे।
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Bihar: एफिलिएट कॉलेजों में प्रिंसिपल नियुक्ति पर गवर्नर का ब्रेक, 116 अभ्यर्थियों को लगा बड़ा झटका
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्यपाल एवं कुलाधिपति के आदेश के आलोक में राज्य के विश्वविद्यालयों के अधीनस्थ अंगीभूत महाविद्यालयों में प्रधानाचार्य के रिक्त पदों पर नियुक्ति पर रोक लगा दी है। यह रोक प्रधानाचार्य के रिक्त पदों पर नियुक्ति के संबंध में दिशा-निर्देश निर्गत होने तक के लिए लगाई गई है।
इससे संबंधित आदेश राजभवन (कुलाधिपति) सचिवालय की ओर से सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को जारी किया गया है। राज्यपाल एवं कुलाधिपति के प्रधान सचिव राबर्ट एल. चोंग्थू के हस्ताक्षर से निर्देश पत्र निर्गत किया गया है।
क्या है माजरा?बता दें कि विभिन्न विश्वविद्यालयों के अंगीभूत महाविद्यालयों में प्रधानाचार्य पद पर नियुक्ति के लिए 116 अभ्यर्थियों का चयन बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग द्वारा साक्षात्कार के आधार पर किया गया है।
प्रधानाचार्य पद पर नियुक्ति के लिए चयनित 116 अभ्यर्थियों की नियुक्ति की अनुशंसा बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग द्वारा शिक्षा विभाग से की जा चुकी है। राजभवन के इस आदेश से संबंधित अभ्यर्थियों की नियुक्ति प्रक्रिया रुक गई है।
कुलपतियों को दिए गए निर्देश में कहा गया है कि बिहार के विश्वविद्यालयों में प्रधानाचार्य की नियुक्ति के संबंध में राज्यपाल सचिवालय द्वारा तीन मई 2024 को निर्गत है, उसके अनुसार कुलाधिपति प्रतिनिधि के परामर्श के उपरांत ही प्रधानाचार्य के रिक्त पदों पर नियुक्ति किया जाना है, जिसके संबंध में दिशा-निर्देश निर्गत किया जाएगा।
राजभवन ने कुलपतियों को निर्देश दिया है कि विभिन्न विश्वविद्यालयों में प्रधानाचार्य के रिक्त पदों पर नियुक्ति के संबंध में दिशा-निर्देश निर्गत होने के पूर्व कोई नियुक्ति नहीं की जाए।
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Bihar Bhumi: अब भूमि अधिग्रहण के बारे में यहां मिलेगी पूरी जानकारी, नीतीश सरकार ने लॉन्च किया नया पोर्टल
राज्य ब्यूरो, पटना। राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी एवं अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने सोमवार को भूमि अधिग्रहण की जानकारी देने के लिए एमआईएस (मैनेजमेंट इंफार्मेशन सेंटर) पोर्टल लॉन्च किया।
उन्होंने कहा कि राज्य में लोकहित की केंद्रीय एवं राजकीय परियोजनाओं के लिए बड़े स्तर पर भूमि अधिग्रहण किया जा रहा है।
इस प्रक्रिया को पारदर्शी एवं सुलभ बनाने के लिए भू-अर्जन निदेशालय की ओर से इस पोर्टल का विकास किया गया है।
इसके माध्यम से किसी परियोजना विशेष की समीक्षा तत्काल रूप से की जा सकेगी। भू-अर्जन की कार्रवाई में परिलक्षित त्रुटियों एवं समस्याओं का निराकरण किया जा सकेगा।
इससे परियोजनाओं को समय पर पूरा करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि अभी राज्य में पटना मेट्रो, विभिन्न हवाई अड्डों, विभिन्न एक्सप्रेस वे समेत रेलवे की कई परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई चल रही है।
इस पोर्टल के लॉन्च होने से हर स्तर पर की जा रही कार्रवाई की जानकारी कंप्यूटर-लैपटॉप पर ही मिल जाएगी। अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने कहा कि भू अर्जन की कई सारी परियोजनाएं चल रही हैं।
पिछले कुछ वर्षों में कई बड़ी-बड़ी परियोजनाओं की शुरुआत हुई है। अभी हमलोग नियमित रूप से बैठक कर इसकी मॉनीटरिंग करते रहे हैं।
एमआईएस पोर्टल से अब परियोजनाओं की विवेचना काफी आसान होगी। परियोजनाएं भी समय पर पूरी होंगी।
महत्वपूर्ण परियोजनाएंपटना मेट्रो (85 एकड़ लगभग), पटना मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क (105 एकड़ लगभग), विक्रमशिला विश्वविद्यालय (205 एकड़ लगभग), एनएच, एनएचएआई, रेलवे, सशस्त्र सीमा बल, गया, दरभंगा एवं पूर्णिया में हवाई अड्डा,जल संसाधन विभाग की तटबंध,गाईड बांध निर्माण एवं एम्स, दरभंगा।
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