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टैरिफ वार के बीच ट्रंप ने किया नया एलान, फार्मा सेक्टर पर भी लगेगा टैक्स; शेयर बाजार पर दिखा असर

Dainik Jagran - National - April 4, 2025 - 9:52pm

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पारस्परिक शुल्क की घोषणा के दौरान ट्रंप सरकार ने फार्मास्युटिकल्स को शुल्क के दायरे से बाहर रखा था, जिससे इस सेक्टर को राहत मिलती दिखी थी। लेकिन इसके एक दिन बाद ही ट्रंप ने कहा कि जल्द ही फार्मा और सेमिकंडक्टर सेक्टर पर भी शुल्क लगाए जाएंगे।

इस पर फार्मा निर्यातकों का कहना है कि शुल्क लगने पर भी अमेरिका में भारत के फार्मा निर्यात में फिलहाल कोई कमी नहीं आएगी। इसका मुख्य असर यह होगा कि अमेरिका के लोग पहले की तुलना में अधिक महंगी दवाएं खरीदेंगे।

भारत, अमेरिका में मुख्य रूप से जेनेरिक दवाओं का निर्यात करता है। हालांकि ट्रंप के इस एलान के बाद शुक्रवार को सभी प्रमुख फार्मा कंपनियों के शेयर में 10 प्रतिशत तक की गिरावट देखी गई। इनमें अरविंदो, आईपीसीए लैब, लुपिन जैसी बड़ी कंपनियां शामिल हैं।

भारत दवाओं पर लगाता है 10 प्रतिशत टैरिफ

वर्तमान में अमेरिका, भारत से निर्यात होने वाली दवाओं पर कोई शुल्क नहीं लेता है, जबकि भारत, अमेरिका से आने वाली दवाओं पर 10 प्रतिशत का शुल्क लेता है। निर्यातकों का कहना है कि ऐसे में भारत की दवाओं पर अमेरिका में शुल्क लगाया जाना वाजिब है। भारत का फार्मा निर्यात सालाना लगभग 30 अरब डालर है और इनमें से 10 अरब डॉलर का निर्यात अमेरिका में किया जाता है। भारत से अमेरिका में 90 प्रतिशत जेनेरिक दवाओं का निर्यात होता है। फार्मा निर्यातकों का कहना है कि अमेरिका जेनेरिक दवाओं का आयात तो करता है, लेकिन उत्पादन नहीं करता है।

उत्पादन शुरू करने और पूरी सप्लाई चेन बनाने में पांच साल लग जाएंगे। एक समय अमेरिका जेनेरिक दवाओं का निर्माता था, लेकिन अब वे कंपनियां बंद हो चुकी हैं। दूसरी बात यह है कि यूरोप के पास भी जेनेरिक दवाओं के उत्पादन की इतनी बड़ी क्षमता नहीं है कि एकदम से अमेरिका की जरूरत पूरी हो सके। इसलिए भारत का निर्यात प्रभावित नहीं होगा।

सेमिकंडक्टर पर ट्रंप ने लगाया टैरिफ तो क्या होगा?

ट्रंप की घोषणा के मुताबिक, सेमिकंडक्टर पर अगर शुल्क लगाया जाता है तो ताइवान की कंपनियां भारत की जगह अमेरिका में जाकर चिप बनाने का काम कर सकती हैं। ताइवान दुनिया का सबसे बड़ा चिप निर्माता देश है। अमेरिका में चिप बनाने पर उन्हें कोई शुल्क नहीं लगेगा और वे दुनिया के अन्य देशों में भी सप्लाई कर सकेंगे।

कार्पेट का निर्यात हो सकता है प्रभावित

कार्पेट निर्यातकों का कहना है कि अमेरिका की तरफ से भारत पर 26 प्रतिशत पारस्परिक शुल्क लगाए जाने से कार्पेट यानी कालीन का निर्यात प्रभावित होगा, जिससे रोजगार पर फर्क पड़ सकता है। भारत का कार्पेट निर्यात बाजार लगभग 1.8 अरब डालर का है और इसमें लगभग 40 प्रतिशत हिस्सेदारी अमेरिका की है।

कार्पेट एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के पूर्व चेयरमैन सिद्धनाथ सिंह ने बताया कि अभी भारत के कार्पेट पर अमेरिका में 5-9 प्रतिशत का शुल्क लगता है, जो अब 26 प्रतिशत हो जाएगा। इससे भारतीय कार्पेट महंगे हो जाएंगे। तुर्किये पर अमेरिका ने 10 प्रतिशत तो यूरोपीय यूनियन पर 20 प्रतिशत का पारस्परिक शुल्क लगाया है। तुर्किये और बेल्जियम अमेरिका के कार्पेट बाजार में भारत को प्रतिस्पर्धा देते हैं। अब इनके कार्पेट अमेरिका में सस्ते होंगे।

अमेरिका के शुल्क पर चीन ने किया पलटवार

अमेरिका की ओर से शुल्क लगाए जाने के बाद चीन ने पलटवार किया है। उसने शुक्रवार को अमेरिका से आयातित सभी वस्तुओं पर 34 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगा दिया। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने बुधवार रात चीन पर 34 प्रतिशत शुल्क लगाने की घोषणा की थी।

अमेरिका ने भारत पर शुल्क 27 से घटाकर 26 प्रतिशत किया

गुरुवार को इस बात को लेकर काफी असमंजस रहा कि भारत पर आखिर अमेरिका ने 26 प्रतिशत या 27 प्रतिशत शुल्क लगाया है। क्योंकि तीन अप्रैल को रात एक बजे जब ट्रंप एक चार्ट के साथ सभी देशों के पारस्परिक शुल्क की घोषणा कर रहे थे तब उसमें भारत के आगे 26 प्रतिशत शुल्क लिखा था और ट्रंप ने भी तब 26 प्रतिशत शुल्क कहा था।

बाद में अमेरिकी सरकार की अधिसूचना में इसे 27 प्रतिशत कर दिया गया। भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति में 27 और 26 प्रतिशत दोनों का जिक्र था। हालांकि मंत्रालय ने 27 प्रतिशत को सही बताया था। अब ट्रंप सरकार ने इस 27 प्रतिशत को कम करते हुए अपनी अधिसूचना में 26 प्रतिशत कर दिया है। अन्य 15 देशों के शुल्क में भी एक-एक प्रतिशत की कमी की गई है।

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बिहार में मेट्रो के काम में आएगी तेजी, 397 जेई को मिली पोस्टिंग; 1 हफ्ते में ज्वाइन करेंगे ऑफिस

Dainik Jagran - April 4, 2025 - 8:54pm

राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के नगर निकायों में चल रही शहरी योजनाओं में अब तेजी आएगी। इसके लिए नगर विकास एवं आवास विभाग ने 397 जूनियर इंजीनियरों को विभिन्न नगर निकायों, बुडको, बिहार आवास बोर्ड, पटना मेट्रो रेल कॉरपोरेशन में पदस्थापित किया है।

इन अभियंताओं को शहरी इलाकों में चल रही विभिन्न योजनाओं और परियोजनाओं को ससमय गुणवत्तापूर्ण तरीके से लागू करने का निर्देश दिया गया है।

पटना मेट्रो के कार्यों को गति देने के लिए भी विभाग ने 11 सिविल, जबकि चार-चार इलेक्ट्रिकल एवं मेकेनिकल इंजीनियरों की तैनाती है। पटना मेट्रो के प्रायोरिटी कॉरिडोर को इसी साल 15 अगस्त तक चालू करने का लक्ष्य रखा गया है।

नगर विकास एवं आवास विभाग के मंत्री जिवेश कुमार ने कहा कि 397 अभियंताओं के पदस्थापन से सम्राट अशोक भवन, प्रशासनिक भवन, जल जीवन हरियाली मिशन जैसी योजनाओं के काम में और तेजी आएगी।

बिहार सरकार के इस बड़े कदम से जल निकासी, सड़क, नाला, पेयजल आपूर्ति, भवन निर्माण और अन्य बुनियादी ढांचे की गुणवत्ता में सुधार होगा। शहरी नागरिकों को बेहतर सुविधाएं भी मिल सकेंगी।

इन इंजीनियरों की बहाली बिहार तकनीक सेवा आयोग द्वारा की गई है। अधिसूचना के मुताबिक इलेक्ट्रिकल शाखा से 12 जेई और मैकेनिकल शाखा से 35 जेई का पदस्थापन किया गया है। साथ ही सिविल शाखा से 350 कनीय अभियंताओं को पदस्थापित किया गया है।

सभी अभियंताओं को एक सप्ताह के अंदर नव पदस्थापित कार्यालय में शैक्षणिक योग्यता एवं आवासीय समेत अन्य जरूरी प्रमाण पत्रों के साथ योगदान करने का आदेश दिया गया है।

आयोजना क्षेत्र प्राधिकार गठित, 1350 नए पद सृजित

वहीं, दूसरी ओर राज्य के सभी 38 जिला मुख्यालय वाले शहरों के सुनियोजित विकास के लिए नगर विकास एवं आवास विभाग ने आयोजना क्षेत्र प्राधिकार (प्लानिंग एरिया अथारिटी) का गठन किया है।

इन आयोजना क्षेत्र प्राधिकार में 1350 नए पद सृजित किए हैं। इसमें मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी, कार्यपालक अभियंता, नगर निवेशक, सांख्यिकी पदाधिकारी जैसे पद शामिल हैं।

विभाग के अनुसार, अगले बीस सालों की संभावित आबादी को देखते हुए शहरों का मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है। इसमें विभिन्न भूमि उपयोग (आवासीय, वाणिज्यिक, औद्योगिक इत्यादि) मूलभूत सुविधाओं एवं सड़क निर्माण की योजना का विस्तृत वर्णन होगा।

राज्य के प्रमुख शहरों में टाउनशिप परियोजना लाने की तैयारी की जा रही है। ऐसे में प्रमण्डलीय जिला मुख्यालय एवं अन्य जिला मुख्यालय के आधार पर वर्गीकृत करते हुए पदों की स्वीकृति दी गई है।

प्रमण्डलीय स्तर के नौ जिला मुख्यालय वाले आयोजना प्राधिकार में प्रति आयोजना प्राधिकार के लिए 39 पद, जबकि अन्य 29 जिला मुख्यालय वाले आयोजना प्राधिकार में प्रति आयोजना प्राधिकार के लिए 34 पद स्वीकृत किए गए हैं।

पटना महानगर क्षेत्र प्राधिकार के लिए सहायक नगर योजना पर्यवेक्षक के नौ पदों और उप नगर योजना पर्यवेक्षक के चार पदों की स्वीकृति दी गई है। इस तरह कुल 1350 पद सृजित किए गए हैं।

प्रशासनिक, योजना, वास्तु, इंजीनियरिंग, रियल एस्टेट, लेखा आदि कार्यों के आधार पर किया गया है। विभागीय मंत्री जिवेश कुमार ने बताया कि नए पद सृजन के बाद आयोजना क्षेत्र प्राधिकार के कार्यों में तेजी आएगी।

विभाग के सचिव अभय कुमार सिंह ने कहा कि बिहार शहरी आयोजना तथा विकास नियमावली 2014 के तहत इन पदों का सृजन किया गया है। इसके अलावा जीआईएस विशेषज्ञ, आईटी मैनेजर, डाटा इंट्री ऑपरेटर, मल्टी टास्किंग स्टाफ की सेवा बेल्ट्रान या विभाग की ओर से निर्धारित एजेंसी के जरिए ली जाएगी।

जिला के अधीन सभी आयोजना क्षेत्र प्राधिकार के कार्यों का निपटारा संबंधित जिला आयोजना क्षेत्र के जरिए ही होगा।

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CBI ने हासिल की बड़ी सफलता, UAE से लाए गए तीन वांटेड आरोपी; जारी हुआ था रेड नोटिस

Dainik Jagran - National - April 4, 2025 - 8:38pm

पीटीआई, नई दिल्ली। तीन भगोड़ों को सीबीआई द्वारा संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से वापस लाने में सफलता मिली है। ये इंटरपोल रेड नोटिस का सामना कर रहे थे और अलग-अलग मामलों में वांछित थे।

सीबीआई के प्रवक्ता ने शुक्रवार को बताया कि राजस्थान पुलिस द्वारा कई आपराधिक मामलों में वांछित आदित्य जैन को शुक्रवार को राज्य पुलिस की एक टीम की सुरक्षा में संयुक्त अरब अमीरात से वापस लाया गया। इन मामलों में व्यापारियों को जबरन वसूली के लिए काल करने का मामला भी शामिल है।

पहले भी दो आरोपियों को लाया गया था वापस

आरोप है कि जैन ने वसूली के लिए कॉल की थी और पैसे न मिलने पर उस शख्स पर गोलीबारी की थी। इससे पहले बुधवार को दो और आरोपियों को संयुक्त अरब अमीरात से कोचीन हवाई अड्डे पर लाया गया।

एक नाबालिग से कथित दुष्कर्म मामले में सुहैल बशीर केरल पुलिस द्वारा वांछित था और तोफिक नजीर खान जालसाजी और धोखाधड़ी के लिए आपराधिक साजिश के एक मामले में गुजरात पुलिस द्वारा वांछित था।

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वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के दूसरे चरण को मंजूरी, सीमावर्ती गांवों को मिलेंगी कई सुविधाएं; जानिए क्या है इसका महत्व

Dainik Jagran - National - April 4, 2025 - 8:31pm

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सीमावर्ती गांवों में मूलभूत सुविधाओं के विस्तार के साथ पलायन रोकने और सीमा की सुरक्षा को मजबूत करने के उद्देश्य से शुरू किए गए वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के दूसरे चरण को कैबिनेट ने मंजूर किया है।

इस योजना के तहत बिहार, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल समेत 15 राज्यों व दो केंद्र शासित प्रदेशों के चुनिंदा रणनीतिक गांवों में बारहमासी सड़क संपर्क, दूरसंचार संपर्क, टेलीविजन संपर्क और विद्युतीकरण का काम किया जाएगा।

सीमावर्ती गांवों के कवर की योजना

2024-25 से 2028-29 के बीच इस योजना पर 6839 करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे। वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के दूसरे चरण के तहत चीन, पाकिस्तान, बांग्लादेश और म्यांमार से सटे सभी सीमावर्ती गांवों के कवर की योजना है।

कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए सूचना व प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि दूसरे चरण के लिए रणनीतिक रूप से अहम गांवों की पहचान की जाएगी और उसके बाद 100 फीसदी केंद्रीय सहायता से योजनाओं को लागू किया जाएगा।

कई सुविधाओं का होगा विकास
  • इसके तहत गांव या गांवों के समूह में बुनियादी ढांचे के विकास, सहकारी समितियों व सेल्फ हेल्प ग्रुप के माध्यम से आजीविका के अवसर सृजित करने, सीमा के अनुरूप विशिष्ट गतिविधियां शुरू करने, स्मार्ट कक्षाओं से लैस स्कूलों के निर्माण, पर्यटन सुविधाओं के विकास के काम किये जाएंगे।
  • सरकार ने 2023 में वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम शुरू किया था, जिसमें चीन की सीमा से सटे लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश के 663 गांवों में पलायन रोकने के लिए विकास योजनाएं शुरू की गई थी। पहले चरण की सफलता के बाद सरकार ने अब दूसरे चरण को हरी झंडी दी है।

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Bihar Teacher News: नए शिक्षकों की पोस्टिंग पर आया बड़ा अपडेट, विभाग के निदेशक ने जारी किया नया आदेश

Dainik Jagran - April 4, 2025 - 8:19pm

राज्य ब्यूरो, पटना। शिक्षा विभाग ने सभी नवपदस्थापित होने वाले प्रधान शिक्षक पद के अभ्यर्थियों को आवंटित जिला का अनुपालन करना अनिवार्य कर दिया है। शुक्रवार को विभाग के प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने निर्देश जारी कर कहा कि जिला आवंटन की कार्रवाई का अनुपालन सुनिश्चित करें।

बिना तथ्यों की जानकारी के शिक्षा विभाग द्वारा जिला आवंटन हेतु की कार्रवाई पर प्रश्नचिन्ह नहीं लगाएं। 93 प्रतिशत सफल अभ्यर्थियों को उनके द्वारा समर्पित विकल्प (प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय) के अनुरूप जिला आवंटित हुआ है।

विभागीय आदेश में कहा गया है कि प्रधान शिक्षक पद के सफल कुछ अभ्यर्थियों द्वारा यह जिज्ञासा व्यक्त की जा रही है कि मेधा क्रम में ऊपर रहने के बावजूद उन्हें विकल्प का लाभ नहीं मिला, जबकि मेधा क्रम में नीचे वाले को विकल्प के अनुरूप जिला आवंटित किया गया है।

विभागीय स्तर पर की समीक्षा

इसकी गहन समीक्षा विभागीय स्तर पर की गई जिसमें पाया गया कि यह जिला स्तरीय संवर्ग है, इसलिए जिला में कोटिवार स्वीकृत पद के अनुरूप ही पदस्थापन की कार्रवाई की जानी है। बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा जिस सफल अभ्यर्थी की अनुशंसा जिस कोटि में की गयी है, उस कोटि की वरीयता (मेधा क्रम) के अनुरूप उनके विकल्प को दृष्टिपथ में रखते हुए जिला आवंटन की कार्रवाई की गई है।

वस्तुस्थिति यह है कि शिक्षा विभाग द्वारा सामान्य कोटि में अनुशंसित अभ्यर्थियों को उनके मेधा क्रम में, आर्थिक रूप से पिछड़े अभ्यर्थियों को उनके मेधा क्रम, पिछड़ा वर्ग के उनके मेधा क्रम में, अतिपिछड़ा वर्ग को उनके मेधा क्रम में, अनुसूचित जाति एव अनुसूचित जनजाति को उनके मेधा क्रम के अनुरूप विकल्प के आधार पर जिला आवंटन की कार्रवाई की गयी है।

समेकित रूप से देखने पर यह स्पष्ट होगा कि किसी सामान्य कोटि के वरीय मेधा क्रम वाले को छोड़ कर सामान्य कोटि वाले कम मेधा क्रम (दिव्यांग को छोड़) के अभ्यर्थी को विकल्प का लाभ नहीं दिया गया है।

अन्य सभी कोटि में भी इसी तरह का अनुपालन किया गया है। इस नीति का पालन नहीं किया जाता, तो बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा कोटिवार की गयी अनुशंसा की संख्या-क्रम को भंग करना पड़ता, जो नियमानुकूल नहीं है।

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19 स्टेशन, 1267 KM रेल नेटवर्क विस्तार और 18 हजार करोड़ का बजट... इन राज्यों में परियोजना मंजूर

Dainik Jagran - National - April 4, 2025 - 8:12pm

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। Railway News: केंद्रीय कैबिनेट ने रेलवे की चार बड़ी रेल परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिसकी कुल लागत 18,658 करोड़ रुपये होगी। इससे रेलवे के वर्तमान नेटवर्क में लगभग 1247 किलोमीटर की वृद्धि होगी।

महाराष्ट्र, ओडिशा और छत्तीसगढ़ के 15 जिलों को कवर करने वाली ये परियोजनाओं से उत्तर भारत की रेल सेवाओं में सहजता आएगी। क्षेत्र का व्यापक विकास होगा और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, जिससे लोगों में आत्मनिर्भरता आएगी।

2030 तक पूरी होंगी परियोजनाएं
  • परियोजनाओं को 2030-31 के पहले तक पूरा कर लेने का लक्ष्य रखा गया है। इन्हें मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान में शामिल किया गया है। कैबिनेट की बैठक के बाद शुक्रवार को रेल एवं सूचना प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पत्रकारों को बताया कि सभी परियोजनाए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नए भारत के विजन के अनुरूप हैं।
  • उन्होंने बताया कि सभी योजनाएं मल्टीट्रैकिंग के साथ लाइन बढ़ाने वाली हैं। इससे यात्रा सुविधाएं बढ़ेंगी, माल ढुलाई की लागत और पेट्रोलियम आयात में कमी आएगी। लगभग 379 लाख मानव-दिवस के लिए प्रत्यक्ष रोजगार का सृजन होगा और कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आएगी।
  • अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इन रूटों पर कृषि उत्पादों, उर्वरक, कोयला, लौह अयस्क, इस्पात, सीमेंट, चूना पत्थर जैसी वस्तुओं का परिवहन ज्यादा होता है। परियोजनाओं के पूरा हो जाने के बाद रेल लाइन की क्षमता बढ़ जाएगी, जिससे प्रतिवर्ष 887.7 लाख टन अतिरिक्त माल ढुलाई होगी। आपूर्ति श्रृंखलाओं को व्यवस्थित करने के साथ विकास को भी गति मिलेगी।
नई परियोजनाओं के पूरा होने से होंगे कई फायदे

महत्वपूर्ण मौकों पर सवारियों की भीड़ में भी कमी आएगी। चारों लाइनें रेलवे के सबसे व्यस्ततम खंडों में से एक हैं। इनके साथ 19 नए स्टेशनों का भी निर्माण किया जाएगा, जिससे दो आकांक्षी जिलों गढ़चिरौली और राजनांदगांव में संपर्कता बढ़ेगी। इससे लगभग 3350 गांवों और 47.25 लाख आबादी को आसानी होगी। खरसिया-नया रायपुर-परमलकसा मार्ग से बलौदा बाजार को सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी, जिससे क्षेत्र में सीमेंट संयंत्रों सहित नई औद्योगिक इकाइयों की स्थापना में मदद मिलेगी।

इन लाइनों की खासियत बताते हुए अश्विनी वैष्णव ने इनके पूरा होने पर प्रतिवर्ष लगभग 95 करोड़ पेट्रोलियम का आयात कम हो जाएगा। इसी तरह 477 करोड़ किलोग्राम कार्बन उत्सर्जन को भी कम करने में मदद मिलेगी, जो 19 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर होगा।

इन चार परियोजनाओं को मिली हरी झंडी
  • संबलपुर – जरापड़ा तीसरी और चौथी लाइन
  • झारसुगुड़ा – सासोन तीसरी और चौथी लाइन
  • खरसिया – नया रायपुर – परमालकसा पांचवीं और छठी लाइन
  • गोंदिया – बल्हारशाह डबलिंग

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