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Vivah Muhurat: कैसे तय होते हैं शुभ मुहूर्त; कब से लग्न पर लगेगा विराम? 4 महीने नहीं होंगी शादियां
जागरण संवाददाता, पटना। खरमास के खत्म होने के साथ शादी-ब्याह कार्यक्रम आरंभ हो गया। अप्रैल से लेकर जून तक लग्न की भरमार है।
जून के बाद चार मास के लिए मांगलिक कार्य पर विराम लग जाएगा चार मास के बाद एक नवंबर शनिवार को देवोत्थान एकादशी के बाद से लग्न शुरू होगा।
बनारसी पंचांग के अनुसार 18 नवंबर से छह दिसंबर तक 13 लग्न है। जिसमें नौ नवंबर में तथा दिसंबर में चार दिन है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शादी-विवाह के लिए शुभ मुहूर्त का होना बड़ा महत्वपूर्ण होता है।
वैवाहिक बंधन को सबसे पवित्र रिश्ता माना गया है। इसलिए इसमें शुभ मुहूर्त का होना जरूरी है। शास्त्रों में शादी के शुभ योग के लिए नौ ग्रहों में बृहस्पति, शुक्र एवं सूर्य का शुभ होना जरूरी है।
रवि-गुरु का संयोग सिद्धिदायक और शुभ फलदायी होते हैं। इन तिथियों पर शादी-विवाह को बेहद शुभ माना गया है। मिथिला पंचांग में चातुर्मास तक कुल 22 लग्न मुहूर्त है। बनारसी पंचांग में 38 मुहूर्त है।
विश्वविद्यालय पंचांग के मुताबिक अप्रैल में सात, मई में 11 व जून में चार मुहूर्त है। बनारस के महावीर पंचांग के अनुसार अप्रैल में बारह, मई में 19 तथा जून में सात वैवाहिक लग्न है। इसके बाद चार महीने के लिए चातुर्मास लग जाएगा।
ऐसे तय होते हैं शुभ लग्न-मुहूर्तशादी के शुभ लग्न व मुहूर्त निर्णय के लिए वृष, मिथुन, कन्या, तुला, धनु एवं मीन लग्न में से किसी एक का होना जरूरी है।
नक्षत्रों में से अश्विनी, रेवती, रोहिणी, मृगशिरा, मूल, मघा, चित्रा, स्वाति, श्रवणा, हस्त, अनुराधा, उत्तरा फाल्गुन, उत्तरा भाद्र व उत्तरा आषाढ़ में किन्ही एक का रहना जरूरी है।
अति उत्तम मुहूर्त के लिए रोहिणी, मृगशिरा या हस्त नक्षत्र में से किन्ही एक की उपस्थिति रहने पर शुभ मुहूर्त बनता है। यदि वर और कन्या दोनों का जन्म ज्येष्ठ मास में हुआ हो तो उनका विवाह ज्येष्ठ में नहीं होगा।
तीन ज्येष्ठ होने पर विषम योग बनता है और ये वैवाहिक लग्न में निषेध है। विवाह माघ, फाल्गुन, वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़ एवं अगहन मास में हो तो अत्यंत शुभ होता है।
शादी-विवाह के शुभ लग्न मुहूर्तमिथिला पंचांग के अनुसार
- अप्रैल: 21,23,25,30
- मई: 1,7,8,9,11,18,19,22,23,25,28
- जून-जुलाई: 10,11,12
- अप्रैल: 21,25,26, 29,30
- मई: 1,5,6,7,8,9,10,11,12,13,14,15,16,17,18,22,23,24,28
- जून: 1,2,3,4,5,7,8
- नवंबर: 18,19,21,22,23,24,25,29,30
- दिसंबर: 1,4,5,6
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पिता करुणानिधि की राह पर 50 साल बाद सीएम स्टालिन, तमिलनाडु की स्वायत्तता के लिए 1974 में पेश किया था प्रस्ताव
पीटीआई, चेन्नई। राज्यों के लिए स्वायत्तता को मजबूती देने के उपाय सुझाने के लिए पिछले दिनों तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज कुरियन जोसेफ की अध्यक्षता में समिति गठित करने की घोषणा की थी।
इसी स्वायत्तता के लिए उनके पिता एम. करुणानिधि ने भी 50 से अधिक वर्ष पहले संघर्ष किया था, जब वह राज्य के मुख्यमंत्री थे।करुणानिधि ने राज्य की स्वायत्तता की पैरवी करते हुए 16 अप्रैल, 1974 को राज्य विधानसभा में एक प्रस्ताव पेश किया था और जिसे पारित कर दिया गया था।
सीएन अन्नादुरई भी रहे राज्य की स्वायत्तता के प्रबल समर्थकइस मुद्दे पर द्रमुक के संस्थापक सीएन अन्नादुरई (1909-1969) उनके प्रेरणास्त्रोत थे जो 1967 से 1969 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे थे और राज्य की स्वायत्तता के प्रबल समर्थक थे। प्रस्ताव पेश करते हुए करुणानिधि ने कई बार अन्नादुरई को उद्धत किया था। करुणानिधि ने इस बात की भी याद दिलाई थी कि उन्होंने 19 अगस्त, 1969 को पीवी राजामन्नार की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति गठित करने की घोषणा की थी जिसमें एएल मुदालियर और पी. चंद्रा रेड्डी सदस्य थे।
22 सितंबर, 1969 को राज्यों की स्वायत्तता के आधार पर केंद्र व राज्यों के बीच रिश्तों के सवाल की पड़ताल के लिए समिति गठित कर दी गई थी। 1971 के चुनावी घोषणापत्र में भी द्रमुक ने अधिकतम स्वायत्तता के लिए संवैधानिक संशोधन की मांग की थी।
27 मई, 1971 को प्रदेश सरकार को राजामन्नार समिति की रिपोर्ट मिल गई थी और इसे तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को भेज दिया गया था। उन्होंने 22 जून, 1971 को इसके मिलने की पुष्टि की थी। इंदिरा गांधी का कहना था कि प्रशासनिक सुधार आयोग ने भी इस सवाल पर विचार किया था और उसकी रिपोर्ट केंद्र के विचाराधीन है।
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Kia मोटर्स प्लांट से 900 इंजन चोरी, पुलिस ने 9 आरोपियों को किया गिरफ्तार; बड़ा गिरोह था शामिल
पीटीआई, पेणुकोंडा। आंध्र प्रदेश के श्री सत्य साई जिले में दक्षिणी कोरियाई कंपनी किआ मोटर्स के पेणुकोंडा प्लांट से लगभग 900 कार इंजन चोरी होने के मामले में पुलिस ने नौ आरोपितों को गिरफ्तार किया है।
पुलिस ने रविवार को बताया कि पेणुकोंडा की एक अदालत ने आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। कार इंजन की चोरी मामले में पुलिस की जांच पड़ताल जारी है। अभी तक केवल 10 प्रतिशत जांच पूरी हुई है। पता लगाया जा रहा है कि इसमें कौन-कौन शामिल है।
पांच साल से हो रही थी इंजनों की चोरीपुलिस ने बताया है कि पांच वर्षों से कार के इंजन की चोरी हो रही थी। चुराए गए इंजनों की तस्करी की जाती थी और उन्हें भारत के कई राज्यों में बेचा जाता था। इससे बड़े अवैध नेटवर्क संचालित होने का संकेत मिलता है। पिछले महीने आंतरिक ऑडिट के दौरान किआ के अधिकारियों ने देखा कि कारों के इंजन गायब थे।
19 मार्च को कंपनी ने दर्ज कराई थी शिकायतकंपनी ने 19 मार्च को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। श्री सत्य साई जिले के पेणुकोंडा में किआ कंपनी का कार निर्माण संयंत्र है। इससे पहले पुलिस अधिकारी वेंकटेश्वरलू ने बताया था, 2020 से इंजनों की चोरी हो रही थी। इंजन या तो संयंत्र के अंदर से या वहां पहुंचने के रास्ते में चुराए गए होंगे, क्योंकि एक छोटा पुर्जा भी कंपनी की अनुमति के बिना बाहर नहीं जा सकता।
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