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Clean Yamuna: यमुना की सफाई में सहायक हो सकता है कोल्हापुर का पंचगंगा मॉडल, जानें कैसे करेगा काम

Dainik Jagran - National - April 25, 2025 - 11:30pm

ओमप्रकाश तिवारी, मुंबई। करीब 35 वर्ष पहले देश की सर्वाधिक प्रदूषित नदियों पर हुए एक सर्वेक्षण में महाराष्ट्र के कोल्हापुर की पंचगंगा नदी का नाम भी शामिल था। लेकिन आज शहर के लगभग बीच से बहनेवाली पंचगंगा नदी में लोग नहाते और तैरते हुए आसानी से देखे जा सकते हैं।

इन 35 वर्षों में कुछ स्थानीय संस्थाओं का अथक परिश्रम एवं कोल्हापुरवासियों की इच्छाशक्ति ने जो स्वरूप पंचगंगा को प्रदान किया है, वह दिल्ली की यमुना नदी सहित देश की कई अन्य नदियों के लिए एक मॉडल सिद्ध होता है।

पर्यावरणविद् उदय गायकवाड़ ने रखी अपनी बात

हाल ही में कोल्हापुर में आयोजित ‘अर्थ जर्नलिस्ट नेटवर्क’ के एक कार्यक्रम में बोलते हुए पर्यावरणविद् उदय गायकवाड़ ने बताया कि जब 1989-90 में हुए एक सर्वेक्षण में कोल्हापुर की पंचगंगा नदी को देश की सर्वाधिक प्रदूषित नदियों में से एक बताया गया, उस समय कोल्हापुर शहर के नलों से आपूर्ति होनेवाला पानी भी पीना मुमकिन नहीं था।

कोल्हापुर पीलिया जैसे खतरनाक रोगों से जूझ रहा था

पूरा शहर पीलिया जैसे खतरनाक रोगों से जूझ रहा था। तब कोल्हापुरवासियों को अहसास हुआ कि जिंदगी को बेहतर बनाना है, तो अपनी पंचगंगा नदी को प्रदूषण मुक्त करना होगा। तभी से शुरू हुए कई तरह के प्रयासों का परिणाम है कि जब पिछले साल राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने महाराष्ट्र की 56 नदियों को प्रदूषित घोषित किया, तो उसमें पंचगंगा नदी का नाम शामिल नहीं था।

नदियों के आसपास ही बॉक्साइट खनिज की कई खदानें

गायकवाड़ बताते हैं कि देश के पश्चिमी घाट में 150 किमी. के अंदर पांच नदियां प्रवाहित होती हैं। ये नदियां नीचे आकर जहां मिलती हैं, वहीं से कोल्हापुर शहर शुरू होता है। इन नदियों के आसपास ही बॉक्साइट खनिज की कई खदानें थीं। जिनके खनन के लिए कोई अनुमति नहीं लेनी पड़ती थी। खनिज की परत मिट्टी की 10-12 फुट परत के नीचे शुरू होती थी।

खनन करनेवाले इतनी मिट्टी हटाकर किनारे रखते थे, फिर खनिज का खनन करते थे। तेज बरसात होने पर किनारे रखी यही मिट्टी बहकर इन नदियों में आ जाती थी। खनिज मिली यह मिट्टी प्रदूषण का एक बड़ा कारण बन रही थी। स्थानीय लोगों ने आंदोलन कर प्रशासन को बॉक्साइट का अवैध खनने रोकने पर बाध्य किया, तो प्रदूषण में काफी हद तक कमी आई।

पंचगंगा नदी में प्रदूषण का दूसरा माध्यम थीं, कोल्हापुर की चीनी मिलें

पंचगंगा नदी में प्रदूषण का दूसरा माध्यम थीं, कोल्हापुर की चीनी मिलें। यह पूरा क्षेत्र गन्ने के उत्पादन और चीनी मिलों के लिए जाना जाता है। स्थानीय लोगों ने इन चीनी मिलों से नदियों को होनेवाले प्रदूषण के विरुद्ध भी आवाज उठाई। जिसके फलस्वरूप ज्यादातर चीनी मिलों का प्रदूषण नदियों में आना बंद हुआ। लेकिन इसके साथ-साथ एक बड़ा और महत्त्वपूर्ण प्रयास शहर के सीवेज का ट्रीटमेंट करके उन्हें नदियों में छोड़ने का शुरू किया गया।

गायकवाड़ बताते हैं कि कोल्हापुर शहर में जल की कुल खपत 150 एमएलडी (मेगालीटर प्रति दिन) की है। इसमें से 124 एमएलडी सीवेज पैदा होता है। जिसमें से 110 एमएलडी, यानी 95 प्रतिशत सीवेज को ट्रीट कर लिया जाता है। अपने कुल सीवेज का 95 प्रतिशत ट्रीट करनेवाला शायद महाराष्ट्र ही नहीं देश में भी कोई दूसरा शहर नहीं होगा। ट्रीट किया हुआ ये पानी दिखने में सामान्य जल जैसा ही दिखाई देता है।

कोल्हापुर में चार सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट

कोल्हापुर में चार सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) के आधार पर चल रहे हैं एवं तीन अभी तैयार हो रहे हैं। कोल्हापुर से सटे पड़ोसी शहर इचलकरंजी में भी एक एसटीपी चल रहा है, दो और बन रहे हैं। एसटीपी चलानेवाली कंपनी और कोल्हापुर नगर निगम की बराबरी की भागीदारी है।

सामान्यतः किसी एसटीपी से नदियों में छोड़े जानेवाले शोधित जल की बीओडी (बायोलाजिकल आक्सीजन डिमांड) 13 से कम होनी चाहिए। लेकिन कोल्हापुर में यह पैमाना 10 से कम ही रखा गया है। लेकिन यहां के चारों एसटीपी से निकलनेवाले जल का बीओडी 7.5 ही रहता है।

किसी भी दिन सीवेज ट्रीटमेंट से निकलनेवाला जल यदि इस निर्धारत पैमाने से कम स्वच्छ पाया जाता है, तो एसटीपी कंपनी को उस दिन का पैसा नहीं दिया जाता। इससे एसटीपी कंपनी के अपना काम ठीक से करने का अंकुश लगा हुआ है, और वह अपना काम ठीक से कर रही हैं।

पंचगंगा नदी छोड़ा जाता है एसटीपी से शोधित जल

गायकवाड़ बताते हैं कि इन सभी एसटीपी से शोधित जल का बीओडी सामान्य दिनों में पंचगंगा नदी के जल से अच्छा ही होता है, और ये जल भी नदी में ही छोड़ा जाता है। लेकिन जल्दी ही एसटीपी से शोधित सारा जल कोल्हापुर शहर की औद्योगिक जरूरतों के लिए उपयोग करने की सहमति भी बन गई है। तब इस शोधित जल को भी पंचगंगा में छोड़ने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

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Pahalgam attack: Over 1,700 detained

Business News - April 25, 2025 - 11:08pm
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सिक्किम में कुदरत का कहर, भारी बारिश और भूस्खलन से हालात खराब; एक हजार से अधिक पर्यटक फंसे

Dainik Jagran - National - April 25, 2025 - 11:00pm

जागरण संवाददाता, गंगटोक। उत्तरी सिक्किम के लाचेन और लाचुंग क्षेत्र में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण एक हाजर से अधिक पर्यटक फंस गए हैं। सिक्किम पुलिस ने 25 अप्रैल से उत्तरी सिक्किम के लिए सभी पर्यटक परमिट अनिश्चितकाल के लिए रद कर दिए हैं।

बारिश और भूस्खलन से लाचेन-चुंगथांग मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया है, जिससे यातायात पूरी तरह ठप है। प्रशासन ने रात में यात्रा न करने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी है। मंगन जिला प्रशासन, पुलिस और आपदा प्रबंधन टीम बचाव कार्य में जुटी है। जिला अधिकारी अनंत जैन और पुलिस अधीक्षक सोनम दिछु भूटिया मौके पर राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं।

लाचेन में फंसे लोगों को निकाले की कोशिश जारी

लाचुंग में फंसे पर्यटकों को संकलांग बेली ब्रिज मार्ग से और लाचेन में फंसे लोगों को डोंकाला-लाचुंग मार्ग से निकाला जा रहा है। सभी पर्यटक सुरक्षित हैं। मोबाइल नेटवर्क बाधित होने से संचार में दिक्कत हो रही है।

सभी पर्यटक सुरक्षित

पुलिस अधीक्षक सोनम दिछु भूटिया ने कहा कि सभी पर्यटक सुरक्षित हैं। बचाव कार्य शुरू हो चुके हैं और अगले कुछ दिनों में फंसे लोगों को सुरक्षित निकाल लिया जाएगा। उन्होंने पर्यटकों के परिजनों से निश्चिंत रहने की अपील दी।

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CBI का एक्शन, आयकर विभाग के उपायुक्त और CA गिरफ्तार; फेसलेस योजना से छेड़छाड़ का है आरोप

Dainik Jagran - National - April 25, 2025 - 11:00pm

पीटीआई, नई दिल्ली। सीबीआई ने आयकर विभाग के एक उपायुक्त और एक चार्टर्ड अकाउंटेंट को आयकर आकलन की 'फेसलेस' योजना को विफल करने के आरोप में शुक्रवार को गिरफ्तार किया। वित्त मंत्रालय ने पारदर्शिता बढ़ाने, भ्रष्टाचार रोकने के लिए 'फेसलेस' योजना शुरू की है।

इसे 'फेसलेस' इसलिए कहा जाता है, क्योंकि करदाता को अपने कर का आकलन करने वाले अधिकारी के पास जाने की जरूरत नहीं होगी। उसे यह भी पता नहीं चलेगा कि वह अधिकारी कौन है। इससे भ्रष्टाचार कम होगा। हालांकि, आरोपियों ने योजना से संबंधित गोपनीय जानकारी जुटाई और रिश्वत ली।

आयकर विभाग के उपायुक्त को किया गया गिरफ्तार

अधिकारियों ने बताया कि आयकर विभाग के दिल्ली स्थित झंडेवालान कार्यालय में तैनात 2015 बैच के भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी उपायुक्त विजयेंद्र को गिरफ्तार किया गया, जबकि चार्टर्ड अकाउंटेंट दिनेश कुमार अग्रवाल को गुजरात के भरूच में गिरफ्तार किया गया।

सीबीआई ने जांच में क्या पाया? 

जांच से पता चला है कि दोनों ने अधिक मूल्य के लंबित आयकर आकलन मामलों में विभिन्न करदाताओं से संपर्क कर रिश्वत के बदले में जांच के तहत उनके मामलों में अनुकूल आदेश देने का वादा किया। सीबीआइ ने छह फरवरी को मामले के सिलसिले में दिल्ली, मुंबई, पश्चिम चंपारण समेत 18 स्थानों पर छापेमारी की थी।

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Markets adjusting to Trump's new tariff policy

Business News - April 25, 2025 - 10:57pm
US President Donald Trump on Friday told reporters his administration will be reasonable as it enacts tariffs, adding that he thinks financial markets are adjusting to his tariff policy.
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Pahalgam Attack: 'आतंकियों पर एक्शन होगा, लेकिन समय और जगह...' पूर्व IAF प्रमुख ने सेना से क्या की मांग?

Dainik Jagran - National - April 25, 2025 - 10:28pm

राज्य ब्यूरो,कोलकाता। भारतीय वायुसेना के पूर्व प्रमुख एयर चीफ मार्शल (सेवानिवृत्त) अरूप राहा ने पहलगाम में आतंकी हमले के मद्देनजर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों के खिलाफ सैन्य अभियान चलाने की बात पर जोर देते हुए कहा कि फिर से हमला करने का समय आ गया है।

राहा ने उरी व पुलवामा हमलों के बाद किए गए हमलों का हवाला देते हुए कहा कि भारत ने इस मिथक को तोड़ दिया है कि दो परमाणु शक्ति संपन्न देश युद्ध नहीं लड़ सकते।

ऐसे हमलों को रोकने के लिए खुफिया जानकारी एकमात्र साधन: अरूप राहा

राहा ने कहा कि यह जरूरी है कि भारतीय सशस्त्र बल फिर से वैसे हमले करें, ताकि हमारे दुश्मनों को पता चले कि उनका किससे पाला पड़ा है। यह समय की मांग है। उन्होंने कहा कि ऐसी कार्रवाइयां कैसे और कब होंगी, मैं यह बताने की स्थिति में नहीं हूं।

राहा ने कहा कि भविष्य में ऐसे हमलों को रोकने के लिए खुफिया जानकारी ही एकमात्र साधन है। ऐसी स्थिति में मानवीय खुफिया जानकारी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उन्होंने कहा कि हमने अतीत में खुफिया विफलताओं के कारण नुकसान उठाया है। हम अब भी नुकसान उठा रहे हैं। 

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Bihar News: बिहार में जीविका दीदियां बनीं चाय कपंनी की मालकिन, महिलाओं को मिलेगा रोजगार

Dainik Jagran - April 25, 2025 - 10:28pm

राज्य ब्यूरो, पटना। जीविका दीदियां अब चाय की खेती करेंगी, चाय फैक्ट्री चलाएंगी, साथ ही चाय कंपनी मालकिन भी बन गईं हैं।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इस पर मुहर लग गई। ग्रामीण विकास विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह ने इससे संबंधित शुक्रवार को अधिसूचना भी जारी कर दी।

इसके साथ ही स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना के अंतर्गत विशेष परियोजना के तहत स्वीकृत टी- प्रोसेसिंग एंड पैकेजिंग इकाई, कालिदास किस्मत, पोठिया की भूमि, प्लांट एवं मशीनों को बिहार ग्रामीण जीविकोपार्जन प्रोत्साहन समिति को सौंप दी है।

ग्रामीण जीविकोपार्जन प्रोत्साहन समिति संपोषित प्रोड्यूसर कंपनी का गठन भी किया जा चुका है। किशनगंज में चाय बगान का पंजीकरण हुआ है। यह जीविका दीदियों के चाय की खेती में उतरने का पहला चरण है।

उनकी उपजाई चाय की ब्रांडिंग किस नाम से होगी, यह अभी तय नहीं हुआ है। बिहार के पूर्वी जिला में चाय की खेती एक अर्से से होती रही है। किशनगंज के पोठिया प्रखंड के किचकीपाड़ा कुसियारी में बिहार सरकार की चाय प्रोसेसिंग और पैकेजिंग यूनिट है, जिसे सरकार ने दस साल के लिए लीज पर दे दिया है।

इस बीच चाय की खेती से जुड़ी जीविका दीदियों का उत्पादक समूह तैयार किया गया है। इन समूहों से जुड़ी जीविका दीदियों को चाय उद्योग के हर पहलू की जानकारी दी जाएगी।

ताकि कंपनी शुरू होने पर चाय की खेती से लेकर मार्केटिंग तक के काम वे स्वयं कर सकें। इस चाय कंपनी के निदेशक मंडल से लेकर शेयर धारक तक जीविका दीदियां ही होंगी।

चाय की खेती से दूर हुई बेरोजगारी

किशनगंज में चाय की खेती से बेरोजगारों को रोजगार मिला है। मजदूरों का पलायन भी रुका है। वातावरण में नमी आई। बारिश होने लगी और यहां की मिट्टी में भी बदलाव साफ दिख रहे हैं।

चाय की खेती के प्रति किशनगंज के लोगों के साथ-साथ बाहरी लोगों का भी रुझान बढ़ता गया। किशनगंज की जलवायु खास तौर पर चाय की खेती के लिए काफी सही मानी जाती है।

खेती से होता है अच्छा मुनाफा

एक किलो सामान्य चाय के उत्पादन में 100 से लेकर 150 रुपये तक की लागत आती है। जबकि उत्तम दर्जे की चाय पर 250 से लेकर 300 रुपये तक का खर्च आता है।

गौरतलब है कि किशनगंज में सिर्फ चाय ही नहीं बल्कि ग्रीन चाय का भी उत्पादन किया जाता है। आज ज्यादातर किसान अपनी पारम्परिक खेती को छोड़कर चाय की खेती में जुट गए हैं।

ऐसे में यदि जीविका दीदियां इस काम को आगे बढ़ाती हैं तो निश्चित रूप से इस उद्योग में तरक्की होगी और बड़े पैमाने पर महिलाओं को रोजगार मिलेगा।

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चीन से भारत में शिफ्ट होगी एप्पल कंपनी? देश में बनेंगे अमेरिका के लिए ज्यादातर iPhone, जानिए कारण

Dainik Jagran - National - April 25, 2025 - 10:08pm

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। टैरिफ पर चीन की अमेरिका से बात नहीं बनी तो एप्पल अमेरिका में बिकने वाले अपने स्मार्टफोन का पूरा उत्पादन भारत में शिफ्ट कर सकती है। अभी एप्पल फोन का 20 प्रतिशत उत्पादन भारत में होता है। चीन पर अमेरिका ने 145 प्रतिशत का शुल्क लगा दिया है। ऐसे में चीन से एप्पल फोन को अमेरिका भेजना काफी महंगा सौदा साबित होगा।

कब हो सकता है भारत-अमेरिका व्यापार समझौता?

भारत पर अमेरिका ने 26 प्रतिशत का पारस्परिक शुल्क लगाया है जिस पर अमल को फिलहाल आगामी नौ जुलाई तक टाल दिया गया है। भारत के साथ अमेरिका का व्यापार समझौता भी सितंबर-अक्टूबर तक होने की संभावना है। ऐसे में एप्पल वर्ष 2026 अंत तक अमेरिका में बिकने वाले सालाना छह करोड़ से अधिक फोन का निर्माण पूरी तरह से भारत में शुरू कर सकती है।

भारत में एप्पल का उत्पादन लगातार बढ़ रहा है। पिछले वर्ष 2024 में भारत से सिर्फ अमेरिका के बाजार में सात अरब डॉलर के स्मार्ट फोन का निर्यात किया गया जिसमें बड़ी हिस्सेदारी एप्पल फोन की थी। इससे पूर्व के वित्त वर्ष में यह निर्यात 4.7 अरब डॉलर का था।

ये कंपनी कर रहे एप्पल फोन का उत्पादन 

भारत में फॉक्सकॉन, पेगाट्रॉन और टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स जैसी कंपनियां फिलहाल ठेके पर एप्पल फोन का उत्पादन करती है। इस साल मार्च में अकेले फॉक्सकॉन ने अमेरिका में 1.31 अरब डॉलर के एप्पल फोन का निर्यात किया। अभी फाक्सकान जैसी कंपनियां एप्पल फोन के अधिकतर पा‌र्ट्स चीन से मंगाती है और भारत में उन्हें असेंबल किया जाता है।

अमेरिका की शुल्क नीति के बाद गूगल की मूल कंपनी अल्फाबेट गूगल पिक्सेल स्मार्टफोन का निर्माण वियतनाम से शिफ्ट करके भारत में शुरू करने की तैयारी कर रही है। सूत्रों का कहना है कि सैमसंग भी वियतनाम से अपने स्मार्टफोन निर्माण को पूरी तरह से भारत में शिफ्ट कर सकती है।

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पहली बार दहशतगर्दों के खिलाफ कश्मीर की आम जनता, क्या आतंकवाद के ताबूत में आखिरी कील साबित होगा पहलगाम हमला?

Dainik Jagran - National - April 25, 2025 - 9:47pm

नीलू रंजन, जागरण, नई दिल्ली। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि पहलगाम में आतंकी हमला कश्मीर में आतंकवाद के ताबूत की आखिरी कील साबित हो सकता है। पहलगाम हमले के बाद आम कश्मीरियों में स्वत:स्फूर्त गुस्से और जम्मू-कश्मीर में सफल बंद को सुरक्षा एजेंसियां आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में बड़ी जीत के रूप में देख रही हैं।

कश्मीर से जुड़े सुरक्षा एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भारतीय एजेंसियां लंबे समय से आम लोगों के बीच पाकिस्तान के असली मंसूबे को बेनकाब करने की कोशिश कर रही थी, जो अब सफल होती नजर आ रही है।

इससे पहले आतंकियों ने पर्यटकों से खुद को दूर रखा

केंद्रीय सुरक्षा एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में 35 सालों के आतंकवाद में एक-दुक्का घटनाओं को छोड़कर कभी पर्यटकों को निशाना नहीं बनाया गया। यहां तक वर्ष 2000 में जब आतंकी घटनाओं में 4000 से अधिक लोग मारे गए थे। उस समय भी पर्यटकों को निशाना नहीं बनाया गया। पर्यटन के बहुत बड़ी जनता के रोजी-रोटी के जुड़े होने के कारण आतंकियों ने पर्यटकों से खुद को दूर रखा।

पहलगाम की घटना ने आम जनता को झकझोर दिया है

पहली बार पहलगाम में पर्यटकों को निशाना बनाया, जिसने आम जनता को झकझोर दिया है। पर्यटकों की ही तरह आतंकी जम्मू-कश्मीर पुलिस के कर्मियों को भी निशाना नहीं बनाते थे। उनके निशाने पर हमेशा सेना और केंद्रीय सुरक्षा बल के जवान होते थे। लेकिन 2015-16 में बुरहान वानी ने पहली बार जम्मू-कश्मीर पुलिस कर्मियों को मारना शुरू किया। उसके बाद से ही जम्मू-कश्मीर पुलिस आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई में अग्रिम भूमिका में आ गई।

जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकियों की संख्या हो रही कम 

उसके बाद धीरे-धीरे स्थानीय युवाओं की आतंकी संगठनों में भर्ती में कमी और बड़ी संख्या में सक्रिय आतंकियों के मारे जाने को इसी से जोड़ कर देखा गया। जाहिर है पहले जम्मू-कश्मीर में आम पुलिस कर्मियों और अब आम जनता की नाराजगी के बाद घाटी में आतंकवाद के लिए बची-खुची जगह भी खत्म हो गई है। वैसे भी जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकियों की संख्या लगातार कम हो रही है।

स्थानीय युवाओं की आतंकी संगठनों में भर्ती लगभग शून्य हो गई है

पाकिस्तान सीमा पार से आतंकी भेजकर 70-75 सक्रिय आतंकियों की संख्या को बनाए हुए है। स्थानीय युवाओं की आतंकी संगठनों में भर्ती लगभग शून्य हो गई है, इस समय घाटी में केवल 15-16 स्थानीय आतंकी ही सक्रिय है। ऐसे में आम जनता का आक्रोश आतंक के पूरे इकोसिस्टम को खत्म कर सकता है।

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Bihar News: बिहार अब उपभोक्ता नहीं, उत्पादक राज्यों में शुमार - कृष्ण कुमार मंटू

Dainik Jagran - April 25, 2025 - 9:19pm

डिजिटल डेस्क, पटना। बिहारवासियों मे लिए एक बड़ी खुशखबरी है। वर्षों से राज्य में निवेश का इंतजार अब खत्म हो चुका है। राज्य के सूचना प्रावैधिकी मंत्री कृष्ण कुमार मंटू ने शुक्रवार को राजधानी पटना के समीप बिहटा के सिकंदरपुर गांव में निर्माणाधीन आईटी पार्क में देश की दो बड़ी कंपनियों लेक्सा लाइटिंग टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड और आईटी के क्षेत्र में प्रतिष्ठित बेंचमार्क इन्फोटेक की अधारशिला रख दी है। इस मौके पर राज्य के सूचना प्रावैधिकी मंत्री कृष्ण कुमार मंटू ने कहा कि अब बिहार केवक उपभोक्ता राज्य नहीं बल्कि उत्पादक राज्यों की श्रेणी में शामिल हो चुका है।

इस आधारशिला कार्यक्रम में राज्य के सूचना प्रावैधिकी विभाग के सचिव अभय कुमार सिंह के साथ लेक्सा लाइटिंग टेक्नोलॉजी के चारों निदेशक और आईटी विभाग के विशेष सचिव अरविन्द कुमार चौधरी मौजूद थे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्य के आईटी मंत्री कृष्ण कुमार मंटू ने कहा कि अब बिहार की धरती से उत्पादित सोलर लाइट और आईटी से जुड़े उत्पाद न सिर्फ देशभर में बल्कि दुनिया के विभिन्न देशों में भेजे जाएंगे।

उन्होंने कहा कि उनका विभाग इस निवेश के लिए पिछले दो वर्षों से प्रयास कर रहा था। इस निवेश से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। इन दोनों कंपनियों में पांच सौ से भी अधिक लोगों के लिए रोजगार के अवसर सृजित हो रहे हैं। इस मौके पर राज्य के सूचना प्रावैधिकी विभाग के सचिव अभय कुमार सिंह ने बिहटा के आईटी पार्क में निवेश करने वाली कंपनियों के लिए सरकार की नई आईटी नीति के तहत कई तरह की सुविधाओं और सहायता उपलब्ध कराने की घोषणा की।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आईटी मंत्री मंटू ने कहा कि जिस दिन बिहटा के आईटी पार्क में सौ कंपनियां काम शुरू कर देंगी, उस दिन बिहार के लाखों युवाओं को उनके ही राज्य में रोजगार उपलब्ध हो जाएगा। इसके लिए उन्होंने उन बिहटावासियों के प्रति भी आभार व्यक्त किया, जिन्होंने अपनी जमीन इस आईटी पार्क के निर्माण के लिए दी है।

उन्होंने कहा कि बिहटा के स्थानीय लोगों को यहां रोजगार में प्राथमिकता दी जाएगी। आईटी मंत्री ने कहा कि उनकी सरकार राज्य के सभी जिलों में औद्योगिक पार्क का निर्माण कर रही है, ताकि स्थानीय लोगों को को उनके जिले में ही रोजगार उपलब्ध कराया जा सके। कार्यक्रम को लेक्सा लाइटिंग के निदेशक रोनाल्ड सिल्वन डिसूजा, विनीत कुमार गुप्ता और मुकेश अग्रवाल ने भी संबोधित किया। लेक्सा के निदेशकों ने बिहार सरकार की प्रशंसा करते हुए कहा कि बहुत जल्द ही बिहार में बनी सोलर लाइट देश और दुनिया में जगमाएगी।

आईटी विभाग के सचिव अभय कुमार सिंह ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आईटी पार्क में यदि कोई कंपनी एक सौ करोड़ रुपये का निवेश करती है तो इसमें 30 करोड़ रुपये खुद बिहार सरकार खर्च करेगी। साथ ही, स्टेट जीएसटी का वहन भी सरकार खुद करेगी। इतना ही नहीं, इन कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों के ईपीएफ का वहन भी पांच वर्षों तक बिहार सरकार करेगी। सिंह ने याद किया कि वर्ष 2014 में जब वह पटना के जिलाधिकारी थे, तब उन्होंने बिहटा में आईटी पार्क के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की थी।

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बिहार में छह हवाई अड्डों को किया जाएगा विकसित, सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव को मंजूरी

Dainik Jagran - April 25, 2025 - 9:11pm

डिजिटल डेस्क, पटना। राज्य के छह शहरों में हवाई अड्डा बनाने की कवायद शुरू कर दी गई है। मधुबनी, वीरपुर, मुंगेर, बाल्मीकिनगर, भागलपुर और सहरसा में हवाईअड्डा निर्माण के लिए प्री-फिजिएव्लिटी रिपोर्ट तैयार की जाएगी। एयरपोर्ट ऑथिरिटी ऑफ इंडिया की मदद से तैयार की जाने वाली इस रिपोर्ट के लिए 2 करोड़ 43 लाख 17 हजार रुपये की स्वीकृति राज्य सरकार ने दे दी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में इससे संबंधित मसौदे को मंजूरी दी गई। मंत्रीमंडल की बैठक में 34 एजेंडों पर मुहर लगी।

इसकी विस्तृत जानकारी मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने दी। सूचना भवन के संवाद कक्ष में आयोजित प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट से संबंधित तैयार होने वाली इस रिपोर्ट में तमाम महत्वपूर्ण बातों की जानकारी रहेगी। मसलन, कहां से, किस तरह की कौन-सी उड़ान भरी जाएगी, संभावित यात्रियों की संख्या के अलावा किस हवाईअड्डे की कितनी लंबाई, चौड़ाई एवं क्षेत्रफल होगा।

केंद्र सरकार की उड़ान योजना के अंतर्गत शामिल इन एयरपोर्ट को विकसित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके अलावा केंद्र सरकार के दिशा-निर्देश के अनुरूप दिव्यांगजनों को राज्य सरकार की नौकरी में 4 फीसदी क्षैतिज आरक्षण दिया जाएगा।

अपर मुख्य सचिव डॉ. सिद्धार्थ ने बताया कि बिजली बिल में आम उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए सरकार ने मुख्यमंत्री विद्युत उपभोक्ता सहायता योजना के अंतर्गत अनुदान देने की घोषणा की गई है। इसके लिए 15 हजार 995 करोड़ रुपये भारतीय रिजर्व बैंक के माध्यम से सीधे एनटीपीसी लिमिटेड को भुगतान किया जाएगा। यह वित्तीय लाभ उपभोक्ताओं को वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए दिया गया है।

उन्होंने कहा कि खेलो इंडिया यूथ गेम्स-2025 के आयोजन की सहमति प्रदान करते हुए इस पर आने वाले अनुमानित व्यय 119 करोड़ 4 लाख 79 हजार रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई है। 4 से 15 मई के बीच आयोजित होने वाले इस खेल आयोजन में 27 तरह के खेल प्रतियोगताएं होंगी।

इसके अलावा मुख्यमंत्री ने प्रगति यात्रा के दौरान कुछ जिलों में डिग्री कॉलेज खोलने की घोषणा की थी। इसमें पश्चिम चंपारण के मधुबनी अंचल, वैशाली के गोरौल अंचल, बेगूसराय के शाम्हों, गया के इमामगंज, कैमूर के अधौरा, बांका के कटोरिया, मुंगेर के असरगंज और जमुई जिले के चकाई अंचल में प्रस्तावित डिग्री कॉलेज के लिए प्रति महाविद्यालय एक प्रधानाचार्य समेत शिक्षक के 422 तथा शिक्षकेत्तर श्रेणी के 104 यानी कुल 526 पदों के सृजन की मंजूरी दी गई है।

इसके अलावा पीएमसीएच स्थित इंदिरा गांधी ह्रदय रोग संस्थान में निदेशक पद पर तैनात डॉक्टर की सेवानिवृति की उम्र सीमा बढ़ाकर 70 वर्ष कर दी गई है। इसके मद्देनजर इंदिरा गांधी ह्रदय रोग संस्थान चिकित्सा सेवा (संशोधन) नियमावली-2023 के नियम 14 (1) में संशोधन किया गया है। अन्य सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में निदेशक के सेवानिवृत्ति की उम्रसीमा पहले से ही 70 वर्ष है।

इसके अलावा पटना स्थित राजभवन में आयुर्वेदिक पंचकर्म इकाई का सुचारू तरीके से संचालन किया जाएगा। इसके लिए आयुष चिकित्सा पदाधिकारी (आयुर्वेदिक) के 1 पद के सृजन की स्वीकृति दी गई है।

नगर विकास एवं आवास विभाग के अंतर्गत पटना महायोजना क्षेत्र में पेट्रोल पंप या गैस स्टेशन स्टेशन समेत अन्य की स्थापना करने से संबंधित नियम में संशोधन कर दिया गया है। अब 12.20 मीटर से कम चौड़ी सड़क पर पेट्रोल पंप या गैस स्टेशन को नहीं लगाए जाएंगे। इससे कम चौड़ी सड़क पर इन्हें लगाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। राज्य सरकार ने बिहार बॉयोफ्यूल्स उत्पादन प्रोत्साहन (संशोधन) नीति, 2025 में संशोधन किया है। अब इसके लिए तहत 31 मार्च 2027 तक आदन लिए जा सकेंगे।

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के तहत बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त (संशोधन) नियमावली, 2025 की स्वीकृति प्रदान की गई है। इसके तहत बदलैन की जमीन का भी

पुनौराधाम में बनेगा अयोध्या की तर्ज पर भव्य मंदिर

माता सीता की जन्मस्थली माने जाने वाले सीतामढ़ी जिले के पुनौराधाम में भव्य मंदिर बनाया जाएगा। यह मंदिर अयोध्या में बने राम मंदिर की तर्ज पर बनाया जाएगा। इसके समग्र विकास के लिए डिजाइन कन्सलटेंट के रूप में नोएडा स्थित मेसर्स डिजाइन एसोसिएट्स इन्कॉरपोरेटेड का मनोनयन किया गया है। इसके अतिरिक्त बिहार पर्यटन एवं मार्केटिंग (संशोधन) नीति-2025 की स्वीतकृति दी गई है। यहां मंदिर बनाने के लिए 17 एकड़ जमीन पहले से मौजूद है। अब 50 एकड़ अतिरिक्त जमीन के अधिग्रहण की प्रक्रिया अंतिम चरण में चल रही है।

14 हजार किमी ग्रामीण सड़क का कराया जाएगा निर्माण

मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना (अवशेष) अंतर्गत सभी 38 जिलों में 100 या इससे अधिक की आबादी के सभी छूटे हुए टोलों को सड़क संपर्कता प्रदान करने की पहल की गई है। इसके तहत 14 हजार किमी ग्रामीण पथों के निर्माण एवं सतत अनुरक्षक कार्य के लिए राज्य सरकार की तरफ से अपने संसाधनों से कराए जाने की स्वीकृति दी गई है। ऐसे ग्रामों या बसावटों या टोलों को बारहमासी एकल संपर्कता प्रदान करने की कार्ययोजना को स्वीकृति प्रदान की गई है। जो ग्रामीण सड़कें एनडीबी वित्तीय सहायता से नहीं बनी हैं, उन छूटी हुई सड़कों का निर्माण कराने का प्रयास शुरू किया गया है।

इन मेलों का प्रबंधन बिहार राज्य मेला प्राधिकार से होगा

राज्य के कुछ प्रमुख मेलों का आयोजन अब बिहार राज्य मेला प्राधिकार के स्तर से किया जाएगा। इसमें वैशाली के महनार में आयोजित होने वाला बाबा गणिनाथ पलवैया धाम मेला, अररिया में आयोजित होने वाला बाबा सुंदरनाथ धाम (सुंदरी मठ) मंदिर मेला और खगड़िया स्थित चैती दूर्गा पूजा मेला का आयोजन खासतौर से किया जाएगा। इससे क्षेत्र का पर्यटकीय विकास हो सकेगा।

इन स्थानों पर नौकरी की जुगत
  • महाधिवक्ता कार्यालय के लिए 34 स्थायी तथा 6 संविदा पर बहाली के लिए पदों को स्वीकृति दी गई है।
  • राजगीर स्थित बिहार खेल विश्वविद्यालय के संचालन के लिए विभिन्न कोटि के 244 पदों का सृजन किया गया है।
  • नगर एवं आवास विभाग के अंतर्गत गठिक एकीकृत शहरी अभियंत्रण संगठन के 71 कार्यालयों के संचालन के लिए विभिन्न कोटि के 663 गैर-तकनीकी पदों के सृजन की अनुमति।
अन्य महत्वपूर्ण निर्णय
  • स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना के अंतर्गत विशेष परियोजना के तहत किशनगंज जिला के पेठिया अंचल स्थित कालीदास किस्मत इकाई की स्वीकृत टी-प्रोसेसिंग एंड पैकेजिंग इकाई को जीविका को स्थानांतरित किया गया है।
  • पश्चिम चंपारण के सिकटा के तत्कालीन अंचलाधिकारी रमण राय को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। वर्तमान में वे किशनगंज में सहायता बंदोबस्त पदाधिकारी के पद पर तैनात थे।

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