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Bihar Politics: 'प्रशांत किशोर ने तो नीतीश कुमार की कुर्सी बचाई', जसुपा का जदयू विधायक पर पलटवार
राज्य ब्यूरो, पटना। जन सुराज पार्टी (जसुपा) का कहना है कि प्रशांत किशोर (पीके) ने कभी उपमुख्यमंत्री का पद नहीं मांगा, बल्कि उन्होंने तो नीतीश कुमार की सत्ता में वापसी कराई। 2015 में प्रशांत किशोर (पीके) से दिल्ली में मिलकर नीतीश ने रणनीतिक सहायता मांगी थी। पीके ने उस समय सहायता की, जब नीतीश का राजनीतिक भविष्य खतरे में था।
सोमवार को प्रेस-वार्ता कर जसुपा के महासचिव किशोर कुमार मुन्ना ने जदयू विधायक संजय यादव के आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने कहा कि पीके ने समान नागरिक संहिता और राष्ट्रीय नागरिकता पंजी के विरोध में जदयू छोड़ा था।
'अपनी योग्यता और परिश्रम से यहां तक पहुंचे'जसुपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह के संदर्भ में किशोर ने कहा कि वे अपनी योग्यता व परिश्रम से यहां तक पहुंचे हैं। परिवारवाद की बात तो वस्तुत: राजद पर प्रभावी होती है, जहां लालू प्रसाद के राजनीतिक उत्तराधिकारी तेजस्वी यादव ही हो सकते हैं। राजद के उनसे योग्य किसी दूसरे राजनेता को यह सौभाग्य नहीं मिल सकता।
पूर्व एमएलसी रामबली चंद्रवंशी ने कहा कि संजय सिंह के बयान से स्पष्ट है कि इस बार चुनाव मेंं जदयू को भारी नुकसान की आशंका है। प्रेस-वार्ता में प्रवक्ता सोनाली आनंद भी उपस्थित रहीं।
बिहार में तटबंधों की निगरानी और निरीक्षण का कार्य तीव्र गति से जारी
डिजिटल टीम, पटना। मानसून पूर्व संभावित बाढ़ आपदा को देखते हुए जल संसाधन विभाग द्वारा “बाढ़ सुरक्षा सप्ताह” का आयोजन निरंतर जारी है। इस अभियान के अंतर्गत राज्यभर के तटबंधों, जल संरचनाओं और बाढ़ नियंत्रण व्यवस्थाओं की सतत निगरानी एवं निरीक्षण सुनिश्चित किया जा रहा है।
जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी व प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल के स्पष्ट निर्देश के आलोक में सभी प्रक्षेत्रों के मुख्य अभियंताओं, कार्यपालक अभियंताओं और कनीय अभियंताओं द्वारा अपने-अपने क्षेत्र में तटबंधों की स्थिति का जमीनी स्तर पर आकलन किया जा रहा है। विभाग के ‘दृष्टि’ एप के माध्यम से निरीक्षण रिपोर्टें अपलोड की जा रही हैं, जिनके आधार पर त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित की जा रही है।
बता दें कि विभाग का स्पष्ट निर्देश है कि मॉनसून से पूर्व सभी कटाव निरोधी कार्य, तटबंधों की मरम्मत, झाड़ियों की सफाई, रैट होल्स एवं फॉक्स होल्स की पहचान तथा सुधार कार्य निर्धारित समय सीमा में गुणवत्तापूर्ण ढंग से पूर्ण कर लिए जाएं। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि सभी संवेदनशील स्थलों पर वरिष्ठ अधिकारियों का निरीक्षण हो। विभाग के प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल ने स्पष्ट रूप से कहा है कि तटबंधों की सुरक्षा में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
वर्तमान में "बाढ़ सुरक्षा सप्ताह" के अंतर्गत गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, वीरपुर, कटिहार और पटना सहित सभी संवेदनशील क्षेत्रों में विभाग की टीमें युद्धस्तर पर काम कर रही हैं। आम जनता की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए विभाग यह सुनिश्चित कर रहा है कि तटबंधों की मजबूती और आपातकालीन तैयारी समय से पहले पूरी की जाए।
इसके साथ ही राज्य की जनता नियंत्रण कक्ष से जुड़कर बाढ़ से संबंधित किसी भी आपदा, आकस्मिकता, तटबंध में सीपेज, पाइपिंग, कटाव, क्षरण या जानबूझकर की गई क्षति से जुड़ी सूचना या शिकायत सीधे दे सकती है। इसके लिए 24 घंटे सातों दिन कार्यरत टोल फ्री नंबर 1800-3456-145 तथा दूरभाष संख्याएं 0612-2206669 एवं 0612-2215850 उपलब्ध हैं। इन नंबरों पर प्राप्त शिकायतों और सूचनाओं पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी। विभाग अपील करता है कि बाढ़ से जुड़ी किसी भी असामान्य गतिविधि या क्षति की सूचना तुरंत संबंधित कार्यालय को दें, ताकि समय पर आवश्यक कार्रवाई की जा सके।
'ओबीसी-ईबीसी के आंकड़े जारी नहीं हुए तो...', राजद की केंद्र को चेतावनी; चिराग पर भी उठा सवाल
राज्य ब्यूरो, पटना। राजद को आशंका है कि जातिगत जनगणना के बाद केंद्र सरकार पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और अत्यंत पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) के आंकड़े समग्रता में जारी नहीं करेगी। इसकी जानकारी एक समाचार-पत्र से मिली है। पार्टी के राष्ट्रीय मुख्य प्रवक्ता प्रो. मनोज झा ने सोमवार को चेतावनी दी कि अगर ऐसा हुआ तो जो जन-ज्वार उमड़ेगा, उसकी कल्पना नरेन्द्र मोदी ने सपने में भी नहीं की होगी।
पार्टी के प्रदेश कार्यालय में प्रेस-वार्ता में झा ने कहा कि भाजपा का चाल, चरित्र और चेहरा शुरू से ही बहुजन विरोधी और आरक्षण के विरुद्ध रहा है। लालू प्रसाद तो पहले ही बता चुके हैं कि भाजपा की सोच मनुस्मृति व बंच ऑफ थॉट्स से प्रेरित है। संभवत: सरकार की मंशा जातिगत जनगणना को उसके मूल उद्देश्यों से भटकाने की है। राजद ऐसा नहीं होने देगा।
झा ने कहा कि समग्रता में आंकड़े जारी करने के लिए सरकार को राजद के साथ कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, डीएमके आदि विवश कर देंगे। इस आंकड़े पर ही सामाजिक-आर्थिक उत्थान की नीतियों और आरक्षण की सीमा का निर्धारण होना है। आरक्षण से संबंधित तेजस्वी के पत्र पर मुख्यमंत्री द्वारा उत्तर नहीं दिए जाने पर उन्होंने बिहार सरकार की मंशा को संदिग्ध बताया।
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने कहा कि इससे पहले लालू प्रसाद के दबाव में मनमोहन सिंह की सरकार ने जातिगत जनगणना कराई थी। फाइल करप्ट होने का हवाला देकर उसने आंकड़े जारी नहीं किए। इस बार ऐसा नहीं चलेगा।
प्रदेश मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि बिहार फर्स्ट-बिहारी फर्स्ट का नारा देने वाले चिराग पासवान 16 प्रतिशत आरक्षण की चोरी और हकमारी पर चुप क्यों हैं? प्रेस-वार्ता में चित्तरंजन गगन, एजाज अहमद, अरुण कुमार यादव, मनोज शर्मा आदि उपस्थित रहे।
खेत से खादी मॉल तक: अब शहर में भी मिलेगा गांव के जर्दालु आम का असली स्वाद
डिजिटल टीम, पटना। भागलपुर में उत्पादित जीआई टैग प्राप्त जर्दालु आमों को शहरी उपभोक्ताओं तक सीधे पहुंचाने की दिशा में, बिहार राज्य खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड ने जून माह में खादी मॉल परिसर में जर्दालु आम बिक्री केंद्र की स्थापना की है। यह बिक्री केंद्र बिहार की उपजाऊ मिट्टी में पले-बढ़े सुगंधित जर्दालु आमों को उपभोक्ताओं तक सीधे एवं सुलभ रूप में उपलब्ध कराएगा।
बिहार देश के प्रमुख आम उत्पादक राज्यों में से एक है। यहां की अनुकूल जलवायु, उपजाऊ भूमि एवं पारंपरिक बागवानी तकनीकों के कारण राज्य में उच्च गुणवत्ता वाले आमों का उत्पादन होता है। जर्दालु, लंगड़ा, बम्बइया और मालदा जैसी लोकप्रिय किस्मों ने बिहार को आम के नक्शे पर राष्ट्रीय ही नहीं, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी विशिष्ट पहचान दिलाई है।
बिहार से प्रतिवर्ष लाखों टन आम न केवल देश के प्रमुख महानगरों — जैसे दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु — तक भेजे जाते हैं, बल्कि मध्य पूर्व, यूरोप और दक्षिण एशिया के विभिन्न देशों में भी निर्यात किए जाते हैं। विशेष रूप से जीआई टैग प्राप्त जर्दालु आम की अंतरराष्ट्रीय बाजार में निरंतर बढ़ती मांग राज्य के किसानों के लिए नए आर्थिक अवसरों का सृजन कर रही है।
2018 में जीआई टैग प्राप्त करने वाला जर्दालु आम अपनी विशिष्ट सुगंध, पतले छिलके और प्राकृतिक मिठास के लिए जाना जाता है। मुख्य रूप से भागलपुर, नालंदा एवं आसपास के क्षेत्रों में उत्पादित इस आम की मांग देश-विदेश में लगातार बढ़ रही है। जीआई टैग प्राप्त होने के पश्चात इसकी अंतरराष्ट्रीय पहचान और भी सशक्त हुई है।
राज्य सरकार की ओर से जीआई टैग प्राप्त उत्पादों को बढ़ावा देने, उनकी ब्रांडिंग सुनिश्चित करने और किसानों की आय में वृद्धि हेतु विभिन्न चरणबद्ध योजनाएं कार्यान्वित हैं, जिनमें उद्योग विभाग की बिहार एक्सपोर्ट प्रमोशन पॉलिसी 2024 लागू है।
इस संबंध में खादी मॉल के प्रबंधक रमेश चौधरी ने बताया कि पटना स्थित खादी मॉल में स्थापित यह विशेष केंद्र जून माह के अंत तक संचालित रहेगा, जब जर्दालु आम अपने पूर्ण स्वाद और सुगंध के चरम पर होते हैं। यहां उपभोक्ता सीधे किसानों से आम खरीद सकते हैं।
गया और भागलपुर मेडिकल कॉलेज का हुआ कायाकल्प, पीएमसीएच का अंतिम चरण में
डिजिटल टीम, पटना। बिहार के सबसे पुराने अस्पतालों में एक पीएमसीएच (पटना मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल) के कायाकल्प का कार्य तकरीबन पूरा हो गया है। इसका सिविल या आधारभूत संरचना से संबंधित कार्य 90 फीसदी से अधिक पूरा हो चुका है। शेष कार्य आने वाले कुछ महीनों में पूरे हो जाएंगे। प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (पीएमएसएसवाय) के अंतर्गत पीएमसीएच के कायाकल्प की प्रक्रिया चल रही है। इस योजना में दो अन्य भागलपुर और गया मेडिकल कॉलेज के कायाकल्प की प्रक्रिया पूरी हो गई है। तीनों अस्पतालों को अपग्रेड करने से संबंधित यह कवायद प्रधानमंत्री के स्तर से बिहार को दिए गए विशेष पैकेज का ही हिस्सा है। इसे लेकर हाल में मुख्य सचिव और विकास आयुक्त के स्तर पर हुई समीक्षा बैठक में पीएम पैकेज के क्रियान्वयन से संबंधित स्थिति सामने आई।
2 मेडिकल कॉलेजों की बदली सूरतभागलपुर स्थित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज और गया स्थित अनुग्रह नारायण मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल को 200-200 करोड़ रुपये खर्च करके अपग्रेड कर लिया गया है। इन दोनों मेडिकल कॉलेज नए कलेवर में दिखने लगे हैं। इनका उद्घाटन भी केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने पिछले वर्ष सितंबर में कर दिया है। वहीं, पीएमसीएच को अपग्रेड करने की कवायद अंतिम चरण में है। इस पर भी 200 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आई है। हालांकि इसके भवन समेत अन्य जरूरी चीजों का उद्घाटन होने के साथ ही इसे चालू कर दिया गया है।
लक्ष्य से अधिक बनी ग्रामीण सड़केंबिहार की ग्रामीण अंचलों में सड़कों को सुदृढ़ करने के लिए पीएमजीएसवाय (प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना) में 22 हजार 500 किमी सड़कों का नेटवर्क तैयार करने का लक्ष्य रखा गया था। परंतु इससे कहीं ज्यादा 2 हजार 864 किमी लंबी सड़क तैयार हो गई है। इस पर 18 हजार 909 करोड़ रुपये का खर्च आया है, जिसमें केंद्रीय हिस्सेदारी 11 हजार 474 करोड़ रुपये तथा राज्य की हिस्सेदारी 8 हजार 706 करोड़ रुपये है।
पेट्रोलियम एवं गैस के प्रोजेक्ट- बदल रहे बिहार की सूरतपीएम पैकेज में पेट्रोलियम एवं गैस से जुड़े प्रोजेक्ट को भी शामिल कर पूरा किया गया है, जिससे बिहार की सूरत बदलने में काफी मदद मिली है। इसमें आईओसीएल, एचपीसीएल और गेल से जुड़े अधिकांश प्रोजेक्ट पूरे हो गए हैं। जबकि, कुछ प्रोजेक्ट अंतिम चरण में है। आईओसीएल के अंतर्गत बरौनी रिफाइनरी की क्षमता का विस्तार कार्य तेजी से चल रहा है। 14 हजार 810 करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट के अगस्त 2026 तक पूरा होने की संभावना है।
अब तक आईओसीएल के अंतर्गत तीन प्रोजेक्ट पूरे हो चुके हैं, जिनकी लागत 4 हजार 369 करोड़ रुपये है। इसमें बरौनी रिफाइनरी में 1500 करोड़ रुपये की लागत से बीएस-4 एवं बीएस-6 स्तर के ईंधन का शोधन संयंत्र का निर्माण। मोतिहारी से अमलेखगंज के बीच 324 करोड़ रुपये की लागत से पाइपलाइन निर्माण। पारादीप हल्दिया से दुर्गापुर के बीच 2 हजार 545 करोड़ रुपये की लागत से एलपीजी पाइपलाइन का एक्सटेंशन कार्य संपन्न।
इसी तरह एचपीसीएल के चार प्रोजेक्ट भी पूरे हुए हैं, जिनकी लागत 176 करोड़ रुपये है। पटना स्थित एलपीजी प्लांट पर 45 करोड़ रुपये खर्च करके इसकी की क्षमता दोगुणी की गई। इसी प्लांट में 15 करोड़ रुपये खर्च करके 1.5 टन का अतिरिक्त भंडारण क्षमता विकसित किया गया है। पूर्णिया के एलपीजी प्लांट को भी अपग्रेड करते हुए क्षमता को दोगुणी कर दी गई है। मुजफ्फरपुर के सगौली में 110 करोड़ की लागत से नया एलपीजी संयंत्र बनाया गया। गेल के अंतर्गत 2 हजार 300 करोड़ रुपये खर्च करके 617 किमी लंबी जगदीशपुर-हल्दिया पाइपलाइन तैयार की गई है।
भागलपुर में भी केंद्रीय विश्वविद्यालय जल्द मूर्तरूपबोधगया में आईआईएम और भागलपुर में केंद्रीय विश्वविद्यालय इसी प्रोजेक्ट के हिस्से हैं। बोधगया में आईआईएम 543 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित हो गया है। इस संस्थान से पठन-पाठन भी शुरू हो गया है। वहीं, भागलपुर के ऐतिहासिक स्थल विक्रमशीला के पास विक्रमशीला केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना की कवायद तेजी से चल रही है। इसका डीपीआर तैयार नई दिल्ली स्थित स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर ने तैयार कर दिया है। इस पर अनुमोदन लेने के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को भेजा गया है। अनुमति मिलने के बाद इसके निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। इस पर 500 करोड़ रुपये की लागत आने की संभावना है।
इमारत को आग से बचाने के लिए सरकार की पहल, पटना में फायर टेस्टिंग, ट्रेनिंग व रिसर्च लैब की होगी स्थापना
राज्य ब्यूरो, पटना। प्रदेश की महत्वपूर्ण सरकारी इमारतों को आग की विभीषिक से बचाने की दिशा में सरकार ने बड़ी पहल की है। इमारतों में अग्नि सुरक्षा के लिए लगाए जाने वाले उपकरणों की क्षमता परखने के साथ ही अग्नि कांड के बाद होने वाले नुकसान के आकलन और इससे बचाव के लिए सरकार ने पटना में सेंटर आफ एक्सीलेंस फायर टेस्टिंग, ट्रेनिंग एवं रिसर्च लैबोरेट्री की स्थापना का निर्णय लिया है।
प्रस्ताव को मिली स्वीकृतिभवन निर्माण विभाग ने लैब स्थापना का प्रस्ताव तैयार करने के बाद इसे मंत्रिमंडल के ध्यानार्थ भेजा था जिसे स्वीकृति मिल गई है। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार फायर टेस्टिंग, ट्रेनिंग एवं रिसर्च लैबोरेट्री की स्थापना के लिए आइआइटी पटना से करार होगा।
आइआइटी पटना की टीम करेगी निर्धारणलैब कैसा होगा और इसमें किन उपकरणों की जरूरत होगी इसका निर्धारण आइआइटी पटना की टीम करेगी। विभाग के अनुसार सेंटर आफ एक्सीलेंस फायर टेस्टिंग, ट्रेनिंग एवं रिसर्च लैबोरेट्री की स्थापना का उद्देश्य राज्य सरकार के विभिन्न विभागों, निगमों में जो भवन निर्माण का कार्य कर रहे हैं उन परियोजनाओं में अग्नि सुरक्षा में प्रयोग में ली जाने वाली सामग्री, उपकरणों की अग्नि क्षमता तथा उपकरणों की जांच कर उनकी समीक्षा करना है।
सुरक्षात्मक एवं बचाव कार्यो के लिए प्रशिक्षित किया जाएगाइसके अलावा जो इंजीनियर विभागों और निगमों में निर्माण योजनाओं में काम कर रहे हैं लैब के माध्यम से उन्हें अग्नि सुरक्षा बचाव के तरीकों, अग्नि कांड के बाद भवन में होने वाली क्षति का आकलन तथा भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति रोकने के उपाय एवं सुरक्षात्मक एवं बचाव कार्यो के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।
अग्निकांड होने की स्थिति में भवन और यहां लगे उपकरणों का कितना नुकसान हुआ, बहु मंजिला इमारतों को भविष्य में ऐसे खतरों से बचाने के लिए क्या उपाय किए जाने चाहिए, निर्माण में कैसी सामग्री का प्रयोग होना लैब इसका अध्ययन करेगा और सरकार को अपनी रिपोर्ट देगा। विभाग के वरीय अधिकारियों के अनुसार आइआइटी पटना से करार की प्रक्रिया जल्द पूरी कर लैब निर्माण की दिशा में कार्य प्रारंभ होगा।
दाखिल-खारिज से केवल आम लोग ही नहीं परेशान, छह महीने से लटका सेना की 142 एकड़ जमीन का म्यूटेशन
राज्य ब्यूरो, पटना। म्यूटेशन यानी दाखिल खारिज कराने में आम लोगों का ही पसीना नहीं छूटा है। सेना के अधिकारियों को भी इसके लिए कठोर परिश्रम करना पड़ता है। ऐसा ही एक मामला राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की समीक्षा बैठक में सामने आया।
रक्षा मंत्रालय के प्रतिनिधि थे उपस्थितबैठक में रक्षा मंत्रालय के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे। उनकी ओर से बताया गया कि म्यूटेशन का एक आवेदन बिहटा अंचल कार्यालय में पिछले साल 24 दिसंबर को दिया गया था। अबतक उसका निष्पादन नहीं हुआ है। अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने तुरंत मामले के निष्पादन का निर्देश दिया।
142 एकड़ जमीन के लिए छह महीने पहले याचिकाअपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में पिछले दिनों हुई समीक्षा बैठक में रक्षा मंत्रालय के प्रतिनिधि ने उठाया। उन्होंने बताया कि एयर फोर्स स्टेशन बिहटा के लिए 142 एकड़ जमीन की दाखिल-खारिज के लिए एक ऑनलाइन याचिका 25 दिसंबर 2024 को बिहटा अंचल कार्यालय में दायर की गई। इसके लिए अंचलाधिकारी से संपर्क किया गया।
बताया गया कि इस जमीन की जमाबंदी रैयत के नाम पर ऑनलाइन प्रदर्शित नहीं हो रही है। इसलिए म्यूटेशन नहीं हो पा रहा है। बैठके के दौरान ही संयुक्त सचिव ने बिहटा के अंचलाधिकारी से बातचीत की। उनसे जमाबंदी पुनर्गठन प्रस्ताव मांगा गया।
रक्षा मंत्रालय के प्रतिनिधि ने कहा कि रक्षा मंत्रालय की और भी जमीन है, जिसका म्यूटेशन नहीं हुआ है। दरभंगा जिला के बहादुरपुर, लहेरियासराय और केउटी अंचल के अलावा मुजफ्फरपुर जिला के मुशहरी, गया सदर, बोधगया, शेरघाटी, बाराचट्टी, डोभी, टेकारी एवं बरैया अंचल में भी सेना की जमीन का रक्षा मंत्रालय के नाम म्यूटेशन होना बाकी है।
कई स्थानों पर जमीन का मामला अटकाइसके अलावा गोपालगंज जिला के हथुआ अंचल में सेना की जमीन की मापी की गई है। रोहतास के डेहरी अंचल में सेना की जमीन की मापी एवं दखल-कब्जा के साथ म्यूटेशन कराने का अनुरोध किया गया। सासाराम अंचल में रक्षा मंत्रालय के कैंपिंग ग्राउंड की मापी और म्युटेशन के लिए संबंधित अंचलाधिकारी को निर्देश देने का अनुराेध भी रक्षा मंत्रालय के प्रतिनिधि ने किया।
बिहार के जिला केंद्रीय कोऑपरेटिव बैंक 917 करोड़ रुपये के कर्ज में डूबे, अब सुधार के लिए बनी योजना
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के जिला केंद्रीय कोऑपरेटिव बैंक 917 करोड़ रुपये के कर्ज में डूबे हैं। ऐसे बैंक वित्तीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं। खासकर भारतीय रिजर्ब बैंक ने औरंगाबाद जिला केंद्रीय कोआपरेटिव बैंक, मोतिहारी जिला केंद्रीय कोआपरेटिव बैंक, मधुबनी जिला केंद्रीय कोआपरेटिव बैंक, नवादा जिला केंद्रीय कोआपरेटिव बैंक और खगड़िया जिला केंद्रीय कोआपरेटिव बैंक समेत दर्जन भर कोआपरेटिव बैंकों को वित्तीय व्यवस्था में सुधार लाने की हिदायत दी है क्योंकि इन बैंकों का एनपीए (नानपरफार्मिंग एसेट) खस्ताहाल है।
कर्ज में डूबने की बड़ी वजह एनपीएसहकारिता विभाग के एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने बताया कि इन बैंकों के कर्ज में डूबने की बड़ी वजह एनपीए ही है, जो यह 642 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। इसके मद्देनजर बिहार सरकार ने सभी जिला केंद्रीय कोआपरेटिव सहकारी बैंकों की खस्ताहाल में सुधार हेतु कार्य योजना बनाने का निर्देश दिया है। इसमें बहुद्देश्यीय व्यापार प्रबंधन पर भी फोकस करने को कहा गया है।
प्राथमिकता घाटे में चले रहे बैंकों की डिपाजिट बढ़ानासरकार की पहली प्राथमिकता घाटे में चले रहे बैंकों की डिपाजिट बढ़ाना है। इससे पहले बता दें कि बैंक एनपीए का अर्थ है वह संपत्ति या ऋण जो बैंक के लिए आमदनी देना बंद कर दिया है क्योंकि उधारकर्ता ने ब्याज या मूलधन का भुगतान नहीं किया है। उधारकर्ता से मूलधन व ब्याज वसूली पर जोर देने को कहा गया है।
बंदी के कगार पर पहुंच जाएंगेसाथ ही जिन बैंकों पर कर्ज बढ़ता जा रहा है, उन बैंकों को अगर सरकार वित्तीय सहायता नहीं देती है तो ये बंदी के कगार पर पहुंच जाएंगे। इन बैंकों की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सहकारिता विभाग को आवश्यक सुझाव मिले हैं। बैंकों को किसान क्रेडिट कार्ड का ऋण वसूली में भी कठिनाई हो रही है। इसमें वसूली अभियान चलाने का निर्देश दिया गया है।
राज्य में 23 जिला केंद्रीय कोआपरेटिव बैंकजिला केंद्रीय कोआपरेटिव बैंकों से किसान क्रेडिट कार्ड, कृषि ऋण, गैरकृषि ऋण, वाहन ऋण वितरित किए जाते हैं। बता दें कि राज्य में 23 जिला केंद्रीय कोआपरेटिव बैंक हैं और एक बिहार राज्य सहकारी बैंक है। इन बैंकों से ढाई हजार करोड़ रुपये का लेन-देन का काम होता है।
Patna News: NMCH की रिटायर्ड नर्स और उनकी बेटी की सरेआम गोली मारकर हत्या, पति पर भी बदमाशों ने की धड़ाधड़ फायरिंग
जागरण संवाददाता, पटना। पटना से एक बड़ी खबर सामने आई है। एनएमसीएच की रिटायर्ड नर्स महालक्ष्मी और उनकी बेटी की गोली मारकर हत्या कर दी गई है।
अपराधियों ने रिटायर्ड नर्स महालक्ष्मी के पति धनंजय मेहता को भी गोली मारी है। घायल धनंजय मेहता का एनएमसीएच में इलाज चल रहा है।
अब पुलिस पूरे मामले की छानबीन में जुटी है। पुलिस ने घटनास्थल से चार खोखा और एक चाकू बरामद किया है।
आलमगंज थानाक्षेत्र के अरफाबाद कॉलोनी की घटना बताई जा रही है।
घोड़ों पर सवार दूल्हे, सड़क पर नाचते बराती; पटना में एकसाथ 51 लड़के-लड़कियों ने की शादी
जागरण संवाददाता, पटना। शहनाई की गूंज, बधाइयों का तांता और विदाई के आंसुओं के बीच रविवार को शुभ मुहूर्त में 51 जोड़े परिणय सूत्र में बंध गए। घोड़ों पर सवार दूल्हे और सजे-धजे बाराती नाचते-गाते वैवाहिक स्थल श्रीकृष्ण मेमोरियल हाल पहुंचे, जहां 16 हजार स्क्वायर फुट में भव्य पंडाल बना था।
वर-वधू को आशीष देने कई खास लोग पहुंचेविभिन्न प्रकार के फूलों से मंडप सजाए गए थे। रीति रिवाज व वैवाहिक मंत्रों के साथ 51 जोड़ों ने एक-दूजे का जीवन भर साथ निभाने की कसम खाई। वर-वधू को आशीष देने कई खास लोग भी पहुंचे। मां वैष्णो देवी सेवा समिति की ओर से आयोजित सामूहिक विवाह में 51 जोड़े परिणय सूत्र में बंधे।
राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खां ने दिया आशीषकार्यक्रम में प्रदेश के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खां, उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, मंत्री अशोक चौधरी, पूर्व मंत्री श्याम रजक, मंत्री नितिन नवीन समेत अन्य गणमान्य लोगों ने नव विवाहितों को आशीर्वाद देकर उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। इस मौके पर राज्यपाल ने कहा कि मानव सेवा माधव सेवा है।
मां वैष्णो सेवा समिति में व्यवसायी हैं। ये लोग मानव सेवा कार्य में जुड़े हैं। आप सभी ने सामाजिक कार्यों में एक मिसाल पैदा की है। उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि समिति केवल शादी ही नहीं कराती है बल्कि जीवन रक्षक रक्त भी जरूरतमंदों को मुहैया कराती है।
बैंड-बाजे के साथ पहुंची बारातएक विवाह ऐसा भी के 13वें संस्करण के तहत आयोजित सामूहिक विवाह के लिए सुबह 51 दूल्हों की सामूहिक बारात शहर के महाराणा प्रताप भवन से गाजे-बाजे, घोड़े-ऊंट के साथ निकलकर श्रीकृष्ण मेमोरियल पहुंची। रास्ते में अनेक व्यावसायिक और सामाजिक संस्था ने बारातियों का जगह-जगह पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। बारात के श्रीकृष्ण मेमोरियल पहुंचने पर सामूहिक सांस्कृतिक पद्धति से रस्म निभाई गई।
महिलाओं ने मंगल गीत गाते हुए जोड़ों को आशीष दियामहिलाओं ने मंगल गीत गाते हुए जोड़ों को आशीष दी। श्रीकृष्ण मेमोरियल परिसर में पहुंचने के बाद सभी का स्वागत गीत-संगीत के साथ किया गया। कार्यक्रम के दौरान मंच पर धीरज सोनी टीम के कलाकार गणेश वंदना, मिशन सिंदूर और सामूहिक विवाह पर अपनी प्रस्तुतियों से सभी को आनंदित किया।
मंच संचालन कर रहे रेडियो सिटी के आरजे विजेता, डा. सुभाष कृष्णा और आरजे शशि ने अपनी दमदार आवाज से लोगों को मंत्रमुग्ध करते रहे। समारोह के दौरान इंडियन आइडल की रितिका राज, व्यवसायी संजय कुमार और भोजपुरी अभिनेत्री अक्षरा सिंह को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम को यादगार बनाने को लेकर भोजपुरी गायक सुनील सुरीला, बलिया से आए भजन गायक डा. हरिनारायण सिंह ने आज मिथिला नगरिया निहाल सखिया... आज जनकपुर में मड़वा बड़ी सुहावन लागे.. आदि गीतों के जरिए सभी का ध्यान आकर्षित करते हुए सभी को मंत्रमुग्ध किया। शादी संपन्न होने के बाद नवविवाहितों ने सेल्फी लेकर इस पल को यादगार बनाया।
नवविवाहित को मिले उपहारसामूहिक विवाह में 51 मंडपों में 51 पंडितों ने रीति रिवाज के साथ शादी कराई। इस दौरान छह दिव्यांग जोड़े भी शादी के बंधन में बंधे। समिति की ओर से नव विवाहित जोड़े को उपहार स्वरूप साइकिल, सिलाई मशीन, बर्तन सेट आदि दिए गए। समारोह के दौरान स्पाइनल कार्ड इंजरी को सरकार के सामने रखा।
समिति के अध्यक्ष जय प्रकाश सरावगी ने बताया कि स्पाइनल कार्ड इंजरी पर कार्य कर रहे अनुराग को सम्मान करना बड़ी बात है। इन्होंने चार सौ बच्चों को नया जीवन दिया। आयोजन को सफल बनाने में कार्यक्रम संयोजक कन्हैया अग्रवाल कन्नू, सह संयोजक जितेंद्र कुमार, कोषाध्यक्ष नंद किशोर अग्रवाल, मुकेश हिसारिया, एमपी जैन, गोपाल झुनझुनवाला आदि ने सहयोग किया।
राजगीर के विश्वस्तरीय क्रिकेट स्टेडियम में होंगे 4 पवेलियन, पुणे और मोकामा की मिट्टी से बनेंगी 13 पिच
जितेंद्र कुमार, पटना। राजगीर के विश्वस्तरीय क्रिकेट स्टेडियम में मोकामा की काली मिट्टी से बनी पिच पर शीघ्र ही गेंद व बल्ले का संघर्ष देखने को मिलेगा। पिच पर उछलती गेंद पर चलते बल्ले दर्शकों में रोमांच भरेंगे। राजगीर के बिहार स्पोर्ट्स एकेडमी परिसर में विश्वस्तरीय मानक के अनुसार आकार ले रहे स्टेडियम में मोकामा की काली मिट्टी से सात पिच तैयार की जा रही है।
स्टेडियम में 38,900 दर्शकों के बैठने की क्षमताशेष छह पिच पुणे की लाल मिट्टी से तैयार होगी। स्टेडियम में 38,900 दर्शकों के बैठने की क्षमता वाले चार पवेलियन का निर्माण अंतिम चरण में है, इनमें दो सामान्य दर्शकों के लिए होंगे। प्ले ग्राउंड के दक्षिण में मुख्य पवेलियन पांच तल का होगा।
पवेलियन में फूड कोर्ट, लिफ्ट और प्रसाधन घरशेष तीन पवेलियन दो तल के होंगे। सभी पवेलियन में फूड कोर्ट, लिफ्ट और प्रसाधन घर की सुविधा होगी। प्रत्येक सामान्य पवेलियन का क्षेत्रफल 13,520 वर्गमीटर रखा गया है। रिजर्व पवेलियन 10,983 वर्गमीटर क्षेत्र में बनाया जा रहा है।
काली मिट्टी से बन रही पिच पर घास उगाई जा रहीजानकार बताते हैं कि मोकामा की काली मिट्टी में चिकनाई अधिक होती है, इस कारण इससे तैयार पिच को क्रिकेट के लिए आदर्श माना जाता है। इन दिनों काली मिट्टी से बन रही पिच पर घास उगाई जा रही है। प्ले ग्राउंड के मध्य में एक तरफ लाल और दूसरी ओर काली मिट्टी की पिच बनाई जा रही है।
खिलाड़ी, अंपायर, मीडिया व विशिष्टों के लिए व्यवस्थामुख्य पवेलियन में खिलाड़ियों, अंपायर, मीडिया और विशिष्ट लोगों के लिए अलग-अलग व्यवस्था होगी। जिम, स्पा, लांड्री, फिजियो रूम के साथ चिकित्सा केंद्र की सुविधा रहेगी। थर्ड एंपायर और कैमरा प्लेटफार्म के अलावा टीवी और रेडियो कमेंट्री रूम भी होंगे। कारपोरेट बाक्स, निजी बालकनी युक्त सूइट और टेरेस का भी आनंद ले सकेंगे। पांच तल का मुख्य पवेलियन 14,295 वर्गमीटर क्षेत्र का होगा।
पटना में सड़क पर उतरीं आइजी गरिमा मलिक, वाहन जांच और वायरलेस पर पुलिस की सक्रियता परखी
जागरण संवाददाता, पटना। राजधानी के सभी थाना क्षेत्रों में अपराध की रोकथाम के लिए रविवार की शाम से देर रात तक सघन वाहन जांच अभियान चलाया गया। इस दौरान आइजी गरिमा मलिक और एसएसपी अवकाश कुमार के साथ सभी सिटी एसपी सड़क पर दिखे।
करीब तीन घंटे तक आइजी शास्त्रीनगर, दीघा, राजीव नगर, रूपसपुर, दानापुर सहित पांच थाना क्षेत्रों का जायजा लेते रहीं। वाहन चेकिंग का अनुश्रवण एवं समीक्षा की गई। उन्होंने डायल 112 की गाड़ियों में जीपीएस और वायरलेस पर मिलने वाली सूचना पर कार्रवाई का हाल जाना। वायरलेस पर संदेश प्रसारित कर माकड्रिल भी की गई। अटल पथ, नेहरू पथ और जेपी गंगा पथ पर सुरक्षा व्यवस्था का हाल जाना।
मुंशी छोड़कर सभी वाहन जांच में जुटेदेर शाम आठ से रात 11 बजे तक शहर में विशेष वाहन जांच अभियान चलाया गया। इस अभियान में थाना के ओडी पदाधिकारी एवं मुंशी छोड़ कर सभी पुलिस पदाधिकारी, बल, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक अपने-अपने क्षेत्रों में भ्रमणशील होकर वाहन जांच करते रहे। एसएसपी इस वाहन चेकिंग का अनुश्रवण एवं समीक्षा शास्त्रीनगर, रूपसपुर, दानापुर, बुद्धाकालोनी, दीघा, एवं कोतवाली थाना क्षेत्र में भ्रमणशील रहकर 10.30 बजे तक किया जा रहा है।
क्विक मोबाइल बाइक टीम होगी हथियार से लैसक्विक मोबाइल जवानों को अब छोटे हथियार से लैस किया जाएगा। इन्हें वायरलेस सेट मिलेंगे और जीपीएस डिवाइस भी दिए जाएंगे। डायल 112 की बाइक को भी शामिल किया गया है। किसी भी क्षेत्र के घटना की सूचना मिलने पर ज्यादातर सबसे पहले क्विक मोबाइल या डायल-112 बाइक के पुलिसकर्मी पहुंचते हैं।
इसमें अधिकांश पुलिसकर्मी ऐसे होते हैं, जिनके पास हथियार नहीं होते हैं। अब इन्हें हथियार से लैस किया जा रहा है। वायरेल सेट और जीपीएस सेट मिलने से उन्हें कंट्रोल रूम में बैठे पुलिसकर्मियों की मदद से अपराधियों का लोकेशन भी मिलते रहेगा।
Bihar News: निलंबित ASI सरोज सिंह के नजदीकियों की अब बढ़ेंगी मुश्किलें, एक्शन के लिए STF ने बनाई कई टीमें
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार पुलिस के निलंबित सहायक अवर निरीक्षक (एएसआइ) सरोज सिंह पर कार्रवाई और बड़ी संख्या में हथियारों की बरामदगी के बाद स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने अब कई विशेष टीमों का गठन किया है।
टीमें बिहार के अलग-अलग हिस्सों के साथ ही झारखंड और दिल्ली तक छापेमारी कर रही हैं। सूत्रों की माने तो सरोज सिंह के गिरोह के कुछ मददगारों को एसटीएफ की टीम ने उठाया भी है।
जिनसे गैंग के बारे में और जानकारी लेने के प्रयास किए जा रहे हैं। अब तक की पूछताछ में सरोज सिंह ने अवैध हथियारों के कारोबार और सेना में नियुक्ति से जुड़ी अनियमित गतिविधियों में शामिल होने की बात स्वीकार की है।
जिसके बाद पुलिस पूरे नेटवर्क की जांच में जुटी है। सरोज सिंह और उसके साथ गिरफ्तार परशुराम सिंह, मुन्ना यादव, विश्वजीत सिंह और निशांत कुमार राय से भी कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिली हैं।
बिहार और दूसरे राज्यों में भी बेनामी संपत्ति के प्रमाण मिलेबिहार और दूसरे राज्यों में भी इसकी बेनामी संपत्ति के प्रमाण भी मिले हैं। ये संपत्तियां सरोज सिंह के घर, पटना के सगुना मोड़ स्थित किराये के मकान और रूपसपुर स्थित एक प्राइवेट रियल एस्टेट ऑफिस में हुई छापेमारी में अब तक बरामद संपत्ति से अलग हैं।
एसटीएफ इस पूरी कार्रवाई को बड़े गोपनीय तरीके से अंजाम दे रही है. बता दें कि बिहार पुलिस के निलंबित सहायक अवर निरीक्षक (एएसआइ) सरोज सिंह के समस्तीपुर और पटना के ठिकानों पर शुक्रवार को छापेमारी की गई थी।
इस दौरान जांच टीम को एके-47, इंसास राइफल समेत बड़ी संख्या में अवैध हथियार व गोलियां, साढ़े चार करोड़ रुपये से अधिक की जमीन के दस्तावेज, तीन लाख 40 हजार रुपये नकद, नोट गिनने की मशीन वगैरह बरामद की गई थी।
अब इसी कार्रवाई को आगे बढ़ाते हुए एसटीएफ ने विशेष टीमों का गठन अपनी कार्रवाई को आगे बढ़ाना शुरू किया है।
Bihar Weather: आज सताएगी उमस भरी गर्मी, कल से बदलेगा मौसम का मिजाज; बारिश के लिए आया IMD का अपडेट
जागरण संवाददाता, पटना। प्रदेश में अगले दो दिनों तक मौसम में विशेष बदलाव के आसार नहीं है। अधिकतम व न्यूनतम तापमान सामान्य से ऊपर बने होने के साथ लोगों को उमस भरी गर्मी सताएगी।
रविवार को पटना के अधिकतम तापमान में सामान्य से 3.2 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि के साथ 40.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
पटना का अधिकतम तापमान एक जून के बाद रविवार 40 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। 40.8 डिग्री सेल्सियस के साथ डेहरी व गोपालगंज में प्रदेश का सर्वाधिक अधिकतम तापमान दर्ज किया गया।
बीते चार दिनों के दौरान पटना सहित प्रमुख शहरों के अधिकतम तापमान में वृद्धि दर्ज की गई। पटना के अधिकतम तापमान में चार दिनों के दौरान चार डिग्री की वृद्धि देखी गई।
10 जून से बदलेगा मौसम का मिजाजमौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार 10 जून की रात से दक्षिण पश्चिम से आने वाली नमी युक्त हवा की सक्रियता बढ़ेगी। बंगाल की खाड़ी में मौसमी सिस्टम बनने की संभावना है।
इसके प्रभाव से प्रदेश के उत्तरी भागों में विशेषकर मौसम मेहरबान रहेगा। जबकि पटना सहित दक्षिणी भागों में तेज हवा के साथ हल्की वर्षा की संभावना है।
बिहार की राजधानी पटना समेत दूसरे जिलों के मौसम का हाल जानने के लिए यहां क्लिक करें।
11-14 जून तक प्रदेश के अधिसंख्य भागों में मेघ गर्जन, व्रजपात के साथ आंधी-पानी को लेकर औरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
प्रदेश में अगले 24 घंटों के दौरान पटना सहित दक्षिणी भागों में गर्म व आर्द्र दिन रहने के आसार है। जबकि उत्तरी पूर्वी भागों के सुपौल, अररिया, किशनगंज, मधेपुरा, सहरसा, पूर्णिया व कटिहार के एक या दो स्थानों पर हल्की वर्षा की संभावना है। बीते 24 घंटों के दौरान मधेपुरा में 2.8 मिमी वर्षा दर्ज की गई। जबकि शेष भागों का मौसम सामान्य बना रहा।
वैष्णो देवी का प्लान बना रहे हैं तो जल्द कराएं रिजर्वेशन, बिहार के रास्ते चलेगी स्पेशल ट्रेन; शेड्यूल जारी
जागरण संवाददाता, पटना। माता वैष्णो देवी मंदिर में दर्शन के लिए नौ जून को गुवाहाटी से विशेष ट्रेन चलेगी। यह ट्रेन बिहार में हाजीपुर, बरौनी एवं कटिहार होते हुए आगे जाएगी।
यह ट्रेन प्रत्येक सोमवार को 14 जुलाई तक चलेगी। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि माता वैष्णो देवी जाने वाले यात्रियों की सुविधा के लिए यह निर्णय लिया गया है।
वापसी में यह ट्रेन प्रत्येक शुक्रवार को कटड़ा से चलाई जाएगी। इसके अलावा नौ जून को मालदा टाउन आनंद विहार के लिए स्पेशल ट्रेन रवाना होगी। यह ट्रेन बिहार के भागलपुर, किउल, नवादा, गया, डीडीयू, प्रयागराज के रास्ते चलेगी।
पटना से साबरमती के लिए विशेष ट्रेन 11 कोपटना जंक्शन से साबरमती के लिए विशेष ट्रेन 11 जून को चलेगी। यह ट्रेन 18 एवं 25 जून को भी चलाई जाएगी। पटना जंक्शन से साढ़े चार बजे रवाना की जाएगी। ट्रेन दानापुर, आरा, बक्सर होते हुए अगले दिन जयपुर, अजमेर होते हुए साबरमती जाएगी।
दानापुर से चर्लपल्ली के लिए आज रवाना होगी ट्रेनदानापुर से चर्लपल्ली (हैदराबाद) के लिए विशेष ट्रेन रवाना होगी। यह ट्रेन दानापुर से 14.00 बजे चलेगी, जो आरा, बक्सर एवं डीडीयू में रुकते हुए अगले दिन मंगलवार को 23.40 बजे चर्लपल्ली पहुंचेगी।
अप एवं डाउन में इस ट्रेन को ठहराव मनिकपुर, सतना, कटनी, जबलपुर, पिपरिया, इटारसी, बल्लारशाह, सिरपुर, बेगमपल्ली, पेडापल्ली एवं काजीपेट स्टेशन पर रुकेगी।
हार्डिंग पार्क में तेज हुआ निर्माण कार्यराजधानी के हार्डिंग पार्क में बनने वाले टर्मिनल का काम तेज हो गया है। यहां पर पांच प्लेटफार्म बनाने की योजना है। इससे पटना जंक्शन पर यात्रियों का दबाव कम करने में मदद मिलेगी।
सबसे पहले यहां पर चारदीवारी बनाने का काम चल रहा है। इसके बाद यहां पर प्लेटफार्म का निर्माण भी शुरू कर दिया जाएगा। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि हार्डिंग पार्क में टर्मिनल तैयार होने के बाद ट्रेनों की परिचालन क्षमता में वृद्धि होगी। यहां पर कोई फुटओवर ब्रिज का निर्माण नहीं किया जाएगा।
COVID-19: पटना में तेजी से पांव पसार रहा कोरोना, 5 दिनों में तेजी से बढ़े मरीज; 60 पहुंचा आंकड़ा
जागरण संवाददाता, पटना। राजधानी में कोरोना संक्रमण के प्रति आमजन की उदासीनता का असर अब आंकड़ों में दिखने लगा है। आलम यह है कि पहले 30 मरीज जहां 12 दिन में मिले, वहीं अगले 30 मरीज महज पांच दिन में मिले हैं।
रविवार को मिले आठ नए संक्रमित के साथ 23 मई से अबतक जिले 60 संक्रमित मिल चुके हैं। इनमें से 39 मरीज अब भी घर में आइसोलेशन में रहकर उपचार करा रहे हैं, जबकि 31 स्वस्थ हो चुके हैं। बताते चलें कि शनिवार को जिले में नौ, शुक्रवार को आठ व उसके पहले छह नए मरीज मिले थे।
सिविल सर्जन कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, रविवार को एम्स पटना में दो, निजी लैब में पांच व एनएमसीएच के एक संक्रमित मिला है।
नेऊरा, दानापुर, वैशाली गैस एजेंसी के पास, दीघा, गोलारोड, राजीव नगर व कुम्हरार निवासी की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
बताते चलें कि अबतक एम्स, आइजीआईएमएस, एनएमसीएच में कई डॉक्टर, नर्स, मेडिकल स्टूडेंट कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। छह वर्ष के बच्चे से लेकर 78 वर्ष के बुजुर्ग तक कोरोना की चपेट में आ चुके हैं।
हालांकि, अबतक किसी भी कोरोना मरीज को अस्पताल में भर्ती कराने की नौबत नहीं आई है। सभी मरीजों में कमोवेश सर्दी-खांसी, गले में खराश, बुखार, बदन-सिर दर्द जैसे लक्षण थे। तीन दिन तक बुखार रहने पर अधिसंख्य लोगों ने जांच कराई और रिपोर्ट पॉजिटिव आई।
मरीज बढ़े तो विशेषज्ञ सतर्कता बरतने पर देने लगे जोरसिविल सर्जन डॉ. अविनाश कुमार सिंह ने बताया कि जिले में सक्रिय रोगियों की संख्या 39 है। सभी का उपचार घर पर चल रहा है। अभी तक संक्रमित 60 लोगों में से किसी को अस्पताल में भर्ती कराने की नौबत नहीं आई है।
इसके विपरीत मेडिसिन के विशेषज्ञ देश व प्रदेश में गत कुछ दिनों में संक्रमितों की संख्या बढ़ने के बाद कोरोना अनुकूल नियमों का अनुपालन सख्ती से करने की सलाह देने लगे हैं।
कोरोना से बचाव को इन बातों का रखें ध्यान- मास्क पहनें, खासकर सार्वजनिक भीड़भाड़ वाली जगहों व बंद जगहों पर।
- हाथों की सफाई, किसी भी अंजान सतह को छूने के बाद 20 सेकेंड तक हाथों को साबुन से धोएं या सैनिटाइज करें।
- लक्षण दिखने पर तुरंत जांच कराएं: कोरोना के लक्षण दिखते ही खुद को आइसोलेट कर जांच कराएं।
- कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वालों यानी बुजुर्गों, बच्चों, गर्भवती महिला, कैंसर, हृदय, मधुमेह या किडनी रोगियों को घर में सुरक्षित रखें।
Bihar: बिहार को लोगों को नीतीश कुमार का तोहफा, राज्य में पहली बार होने जा रहा ये काम; बढ़ेंगे रोजगार के अवसर
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य सरकार ने प्रदेश में पानी के जहाजों की मरम्मत की सुविधा विकसित करने के लिए बड़ी पहल की है।
राज्य सरकार जल परिवहन की सुविधा को और विस्तार देने तथा अधिक से अधिक पानी के जहाजों के परिचालन को बढ़ावा देने के इरादे से पटना में अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के साथ मिलकर ड्राई डॉक का निर्माण करेगी।
यह सुविधा जल्द से जल्द विकसित हो, इसके लिए पटना के दुजरा इलाके में पांच एकड़ जमीन अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय को देने का प्रस्ताव स्वीकृत किया है।
मंत्रिमंडल सचिवालय से मिली जानकारी के अनुसार वर्तमान में प्रदेश की सीमा में गुजरने वाले पानी के जहाजों के नदी में ही खराब होने की स्थिति में इन्हें सुधारने की कोई व्यवस्था नहीं।
जहाजों की मरम्मत के लिए व्यापारी पूरी तरह से कोलकाता पर निर्भर हैं। इस वजह से जहाज की मरम्मत में काफी समय लग जाता है। समस्या को देखते हुए पटना में ड्राई डॉक निर्माण का निर्णय लिया गया है।
डाक निर्माण होने से जल मार्ग से उद्योग करने वालों को प्रोत्साहन मिलेगा साथ ही रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।
यहां बता दें कि ड्राई डॉक का मूल कार्य शिप रिपेयरिंग की सुविधा प्रदान करना है। इसके साथ ही जहाजों का रखरखाव, नए जहाजों का निर्माण भी यहां संभव है।
कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ की माने तो ड्राई डॉक निर्माण से न केवल जल परिवहन को बढ़ावा मिलेगा वहीं, उद्योग जगत को भी इससे लाभ होगा।
पानी के रास्ते उद्योग का विस्तार हो सकेगा, साथ ही इसमें लागत भी कम आएगी। विभाग इस कवायद में है कि अगले दो साल के अंदर ड्राई डॉक का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाए।
चुनाव फिक्सिंग के आरोप पर राहुल को मिला तेजस्वी का साथ, बोले- BJP के प्रकोष्ठ की तरह काम कर रहा ECI
राज्य ब्यूरो, पटना। चुनाव फिक्सिंग के आरोप पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की हां में हां मिलाते हुए रविवार को तेजस्वी यादव ने कहा कि यह आशंका बिल्कुल सही है।
निर्वाचन आयोग की कार्यशैली को देख लीजिए, सब कुछ समझ में आ जाएगा। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों राहुल ने कहा था कि महाराष्ट्र का चुनाव फिक्स था और बिहार में भी चुनाव फिक्स करने की तैयारी चल रही है।
राजद नेता तेजस्वी ने कहा कि राहुल गांधी की बातोंं में दम है। बिहार विधानसभा के पिछले चुनाव में दिन के उजाले में मतगणना को रुकवा दिया गया। रात के अंधेरे में मतगणना हुई। शाम तक राजद के जो प्रत्याशी विजयी रहे थे, उनको रात में हरा दिया गया। ऐसा सरकार और निर्वाचन आयोग की मिलीभगत से हुआ।
उसके बाद तीन-तीन बार प्रेस-वार्ता कर निर्वाचन आयोग सफाई देता रहा। जहां चुनावी प्रक्रिया पर ही प्रश्न-चिह्न लगा हो, वह लोकतंत्र नहीं, बल्कि तानाशाहों का रंगमंच है। निर्वाचन आयोग की घोषणा से पहले ही भाजपा का आईटी सेल चुनावी तिथियां बता देता है।
नरेंद्र मोदी के शासन-काल में देश के सभी संवैधानिक संस्थानों को हाईजैक कर लिया गया है। निर्वाचन आयोग वस्तुत: भाजपा और सरकार के प्रकोष्ठ की तरह काम कर रहा है। ऐसे में राहुल गांधी का प्रश्न स्वाभाविक और उचित है। निर्वाचन आयोग को निष्पक्ष तरीके से चुनाव कराना चाहिए।
मुख्यमंत्री के चेहरे पर क्यों ले रहे तनावमहागठबंधन में अभी मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं। ऐसा कांग्रेस के बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावारू ने कहा था। इस संदर्भ में तेजस्वी ने कहा कि तनाव क्यों ले रहे! इन बातों को छोड़िए।
सभी लोग मिलकर काम कर रहे हैं, सरकार बनाने के लिए नहीं, बल्कि बिहार को मजबूत करने के लिए। अभी मुख्यमंत्री नहीं, बिहार बनाने की पहल चल रही।
प्रधानमंत्री के विशेष पैकेज से बिहार को परिवहन में मिली नई रफ्तार; सड़क, रेल और हवाई यात्रा के नए नेटवर्क हुए विकसित
डिजिटल डेस्क, पटना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 की चुनावी सभा में बिहार को 1 लाख 25 हजार करोड़ रुपये का विशेष पैकेज देने की घोषणा की थी। इसके बाद, बीच के वर्षों में भी कुछ अतिरिक्त पैकेज की घोषणा की गई। सूबे की डबल इंजन की सरकार के प्रयासों से इन पैकेजों की अधिकांश घोषणाएं तकरीबन पूरी हो गईं हैं। बिहार को सड़क, रेल से लेकर हवाई परिवहन तक में एक नई रफ्तार मिली है।
पैकेज का सबसे बड़ा हिस्सा सड़क परिवहन मंत्रालय से संबंधित था, जिसके तहत 2 हजार 836 किमी लंबी सड़क का जाल बिछाने के लिए 74 प्रोजेक्ट की घोषणा की गई थी। इसकी लागत राशि 51 हजार 540 करोड़ रुपये है। इसमें 44 सड़क परियोजनाओं का काम पूरा हो गया है। इससे सूबे में 1 हजार 304 किमी नई सड़कें बनी और इस पर 14 हजार 898 करोड़ रुपये का खर्च आया है।
इसमें कुछ बड़ी सड़क परियोजनाएं भी शामिल हैं। मसलन, एनएच-19 के अंतर्गत 1742 करोड़ रुपये खर्च करके महात्मा गांधी सेतू का फिर से निर्माण और पुनर्वास कार्य, एचएच-83 के तहत 1680 करोड़ रुपये खर्च करके पटना-गया-डोभी का निर्माण, 1063 करोड़ रुपये खर्च कर एनएच-31 पर सिमरिया-खगड़िया 4 लेन सड़क, कईलवर-भोजपुर 4 लेन पर 750 करोड़ रुपये, चार लेन भोजपुर-बक्सर एनएच-84 पर 595 करोड़ रुपये का खर्च करके निर्माण कराना।
22 सड़क परियोजनाओं का कार्य जारी
सड़क परिवहन पैकेज के तहत 22 ऐसी सड़क परियोजनाएं हैं, जिनका निर्माण कार्य केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय की देखरेख में जारी है। 1 हजार 57 किमी लंबी इन सड़कों के निर्माण पर 25 हजार 933 करोड़ रुपये का खर्च हो रहा है। इनमें 11 परियोजनाओं का कार्य चालू वित्तीय वर्ष के अंत तक समाप्त हो जाएगा। इसी तरह वित्तीय वर्ष 2027-28 तक सभी 22 सड़क परियोजनाओं का कार्य पूरा हो जाएगा। इसके अतिरिक्त पांच ऐसी परियोजनाएं भी हैं, जिसकी जल्द शुरुआत होने जा रही है। 271 किमी लंबी इस परियोजना की लागत 5 हजार 797 करोड़ रुपये है। दो परियोजनाएं ऐसी भी हैं, जो मंजूरी के स्तर पर हैं। जल्द ही इनकी मंजूरी मिलने के बाद कार्य शुरू हो जाएगा। इन सड़क परियोजनाओं में शुमार सोनबर्षा और रक्सौल सड़क परियोजना को स्थगित कर दिया गया है। इसकी वजह रक्षा मंत्रालय के स्तर से भारत-नेपाल सीमा पर बन रही सीमावर्ती सड़क परियोजना में यह क्षेत्र शामिल है।
जिन 22 परियोजनाओं का कार्य जारी है, उसमें महात्मा गांधी सेतू के समानांतर 4 लेन का पुल, पटना-कोईलवर 4 लेन सड़क, उमगांव-सहरसा सड़क के साथ ही कोसी पर पुल, मुंगेर-मिर्जाचौकी 4 लेन सड़क, गंगा नदी पर बन रहा विक्रमशीला सेतू समेत अन्य योजनाएं शामिल हैं।
रेल की 5 परियोजनाएं पूरी
बिहार पैकेज का दूसरा मुख्य हिस्सा रेलवे से जुड़ी 9 परियोजनाएं हैं, जिनमें 5 का काम पूरा हो गया है और 4 का काम जल्द पूरा होने जा रहा है। अब तक 4 हजार 841 करोड़ रुपये खर्च करके 652 किमी रेल लाइन का निर्माण या दोहरीकरण कार्य हो चुका है। जबकि, 466 किमी की चार परियोजनाओं का कार्य प्रगति पर है, जिस पर 7 हजार 736 करोड़ रुपये की लागत आ रही है। जिन प्रमुख रेल परियोजनाओं इस वर्ष के अंत तक पूरा होने की संभावना है, उसमें किउल-गया लाइन का दोहरीकरण, समस्तीपुर-दरभंगा के बीच दोहरीकरण, धनबाद-सोननगर के बीच तीसरी लाइन और रामपुर डुमरा टाल लाइन का दोहरीकरण एवं राजेंद्र पुल का निर्माण कार्य शामिल है।
पटना समेत 5 एयरपोर्ट का निर्माण
राजधानी पटना के अलावा अन्य शहरों को भी हवाई मार्ग से जोड़ते हुए बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करने के उद्देश्य से 5 शहरों में एयरपोर्ट निर्माण की मंजूरी दी गई है। इसमें पटना के अतिरिक्त बिहटा, गया, रक्सौल और पूर्णिया में हवाई अड्डा का निर्माण शामिल है। पटना स्थित जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा के पुनरउद्धार का कार्य 1 हजार 216 करोड़ रुपये खर्च करके किया गया है। इसके नए भवन से लेकर टर्मिनल तक का निर्माण कराया गया है। इसी तरह 68 करोड़ 72 लाख रुपये खर्च करके गयाजी एयरपोर्ट को भी विकसित किया गया है। जबकि, बिहटा और पूर्णिया में निर्माण कार्य शुरू होने जा रहा है। हाल में प्रधानमंत्री ने पटना हवाईअड्डा के नए टर्मिनल के उद्घाटन के साथ ही बिहटा एयरपोर्ट के निर्माण कार्य का शुभारंभ किया है। पूर्णिया हवाई अड्डे का निर्माण कार्य जल्द शुरू होने की संभावना है। रक्सौल में जमीन सर्वे का काम चल रहा है। इसके बाद यहां भी निर्माण कार्य शुरू होगा।
पटना में 10 बीघा जमीन को लेकर बवाल, दारोगा सहित तीन को मारी गोली; दो दिन पहले हुई थी बेटे की शादी
संवाद सूत्र, धनरुआ। सेवती गांव में रविवार की दोपहर जमीन विवाद सुलझाने को लेकर चल रही पंचायती के दौरान दो पक्षों के बीच ताबड़तोड़ फायरिंग होने लगी।
फायरिंग में एक पक्ष के दारोगा, उनके पुत्र और भतीजा को गोली लगी गई। इधर घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय थाने की पुलिस मौके पर पहुंच गई।
तीनों घायलों को अनुमंडलीय अस्पताल ले जाया गया, जहां से उन्हें पीएमसीएच रेफर कर दिया गया। इसमें एक की हालत गंभीर है।
पुलिस ने घटनास्थल से 12 खोखे बरामद किए हैं। मसौढ़ी के पुलिस अनुमंडल पदाधिकारी कन्हैया सिंह ने बताया कि घटना के समय जमीन विवाद पर आपसी समझौता चल रहा था। इस दौरान कुछ लोगों ने फायरिंग कर दी।
तीन लोगों को गोली लगी है। सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए आसपास के थानों की पुलिस को भी गांव में तैनात किया गया है। पुलिस लगातार गांव में गश्ती कर रही है। स्थिति नियंत्रित में है।
थानाध्यक्ष शुभेन्द्र कुमार ने बताया कि घटनास्थल से 12 खोखे बरामद किए गए हैं। प्रारंभिक जांच में दोनों पक्ष द्वारा फायरिंग की बात सामने आ रही है। एक पक्ष के बिंदेश्वरी राम ने 15 लोगों के खिलाफ केस किया है। चार लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। दारोगा मनोज सिंह मूल रूप से छपरा के नया गांव के निवासी हैं।
धनरुआ के सेवती गांव में मनोज का ससुराल है। उसी गांव में उनकी जमीन है। वह वर्तमान में सहरसा के पथरधट थाना में तैनात हैं। वहीं, दूसरे पक्ष के तेतरी गांव निवासी बिंदेश्वरी राम हैं। दोनों पक्ष के बीच जमीन विवाद चल रहा है।
इस विवाद को सुलझाने को लेकर रविवार की दोपहर करीब साढ़े 11 बजे गांव में पंचायत थी। पंचायत के दौरान दोनों पक्ष में कहासुनी हुई और विवाद हिंसक हो गया।
बताया जा रहा है कि इसी बीच आठ से दस की संख्या में और लोग पहुंच गए। फिर ताबड़तोड़ फायरिंग होने लगी। गोली चलने से वहां अफरातफरी मच गई। पंचायत में शामिल लोग इधर-उधर भागने लगे।
फायरिंग में दारोगा मनोज सिंह के पैर में, उनके पुत्र सावन कुमार के हाथ, पैर और सिर के दाहिने हिस्से में और भतीजा रोहित कुमार के पेट में गोली लग गई।
रोहित की स्थिति गंभीर है, उन्हें राजा बाजार स्थित निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। ग्रामीणों की मानें तो मनोज सिंह का विवाद तेतरी गांव बिंदेश्वरी राम समेत आधा दर्जन लोगों से चल रहा है।
10 बीघा जमीन को लेकर हुआ खूनी संघर्षबताया जा रहा है कि 10 बीघा जमीन को लेकर खूनी संघर्ष हुआ है। जिनकी जमीन हैं, उनकी तीन बेटियां हैं। जमीन उनके दामाद को मिली थी। इसमें मनोज सिंह भी है। वर्तमान ने विवादित जमीन पर छह पट्टेदार लोग का कब्जा है।
इसी जमीन पर तेतरी गांव के भी कुछ और लोग कब्जा जमाना चाह रहे। बिंदेश्वरी राम खतियान दिखा कर कब्जा करना चाह रहा है, जिसमें कई भू माफिया भी शामिल है।
दो दिन पहले हुई है दारोगा के बेटे की शादीदारोगा मनोज कुमार 31 मई से पुत्र के विवाह को लेकर अवकाश लेकर घर गए थे। मनोज के पुत्र सावन नयागांव छपरा में ही रहते हैं। दो दिन पूर्व छह जून को सावन की शादी हुई है। इसी बीच, सावन कुमार पिता के साथ सेवती गांव में जमीन विवाद को सुलझाने पहुंचे थे।