Dainik Jagran
बिहार में डिजिटल अरेस्ट का बड़ा मामला, 12 दिन डॉक्टर पति-पत्नी का जीना किया मुश्किल; 1.95 करोड़ उड़ाए
जागरण संवाददाता, पटना। साइबर अपराधियों ने हनुमान नगर की एमआइजी कालोनी में रहने वाले डा. राधे मोहन प्रसाद (79) और उनकी पत्नी डा. छवि प्रसाद को 12 दिनों से डिजिटल अरेस्ट रख कर 1.95 करोड़ रुपये ऐंठ लिए। इस दौरान अपराधी सीबीआइ, अधिवक्ता और जज बनकर दंपती को डराते-धमकाते रहे। उन्होंने किसी को खबर करने पर नुकसान पहुंचाने की भी धमकी दी।
दंपती को इस कदर डराया गया कि उन्होंने स्वयं बैंक जाकर छह बार आरटीजीएस के माध्यम से रुपये ट्रांसफर किए थे। बुधवार को पीड़ित डाक्टर ने साइबर थाने में लिखित शिकायत दी, जिसके आधार पर गुरुवार को प्राथमिकी हुई। डीएसपी राघवेंद्र मणि त्रिपाठी ने बताया कि 23 मई से ही वृद्ध दंपती के साथ साइबर ठगी की जा रही थी। मामले की जांच की जा रही है।
मुंबई में केस दर्ज होने की दी थी धमकीसबसे पहले 21 मई को काल आई थी। तब वृद्ध डाक्टर दंपती घर पर बैठे थे। काल करने वाले ने स्वयं को सीबीआइ का अधिकारी बताया और कहा कि आपके खिलाफ मुंबई के कोलाबा थाने में मनी लाड्रिंग का मामला दर्ज हुआ है। राधे मोहन प्रसाद और छवि प्रसाद के नाम से सिम जारी हुआ था, जिससे कई लोगों से धोखाधड़ी हुई थी। उन्हें मोस्टवांटेड बताया गया। ठग ने उन्हें मुंबई आने को कहा। इस पर डाक्टर ने कहा कि वे अभी नहीं आ सकते हैं, जिसके बाद काल काट दी गई।
फोन कटते ही आई वीडियो कालफोन कटते ही वीडियो काल आई। सामने बैठा व्यक्ति खाकी वर्दी में था। पीछे पुलिस थाने जैसा सेटअप लगा था। उन्हें कई तरीके से धमकाया गया। 15-15 घंटे तक प्रतिदिन दंपती वीडियो काल करने वाले शख्स के सामने गिड़गिड़ाते रहे। फिर, मामला मैनेज करने का प्रस्ताव दिया गया।
डराया गया कि आपके पीछे हमारा आदमी हैजब दंपती तैयार हुए तो उनकी बात अधिवक्ता की वेश में बैठा व्यक्ति से कराई गई। उसने कहा कि गिरफ्तारी से बचने का एकमात्र उपाय उसके कहने पर वे बैंक गए। तब उन्हें डराया गया कि आपके पीछे हमारा आदमी है। जरा सी हरकत आपको नुकसान पहुंचा सकती है। इससे वे सहम गए और जैसा ठगों ने कहा था, वैसा ही उन्होंने किया।
जज ने आनलाइन किया बरीजज की पोशाक में बैठे व्यक्ति ने आनलाइन सुनवाई का स्वांग रचा और मामले की सुनवाई की। इसके बाद उन्हें आनलाइन बरी कर दिया। इसके बाद भी डाक्टर दंपती से ठगी करने की कोशिश की गई, तब उन्हें जालसाजी का अहसास हुआ और वे बुधवार को साइबर क्राइम एसपी से मिलने गए थे। डाक्टर के बड़े बेटे विदेश और छोटे दिल्ली में रहते हैं। छोटे बेटे डा. सौरव ने बताया कि माता-पिता के जीवन भर की पूंजी ठगों ने लूट ली।
जिंदा रहने के लिए खाया खानाडाक्टर दंपती की मानें तो उनकी भूख-प्यास समाप्त हो चुकी थी। वीडियो काल पर पति के रहने के दौरान ही पत्नी को खाना बनाने की इजाजत दी जाती थी। रात में मोबाइल आन रख कर सोने के लिए कहा जाता था। साइबर अपराधियों ने उनसे कहा था कि यदि वे बिना अनुमति के घर से बाहर गए तो उनका आदमी खबर कर देगा, फिर वे स्थानीय थाने की मदद से गिरफ्तारी कर लेंगे।
बिहार में ढाई साल में स्क्रैप को आए 1611 वाहन, नई गाड़ी खरीदने पर ट्रैक्स में छूट; ऐसे करें ई-आवेदन
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य में 15 साल से अधिक पुराने और खटारा वाहनों की स्क्रैपिंग शुरू कर दी गई है। इसके लिए पटना और वैशाली में वाहन स्क्रैपिंग सेंटर मौजूद हैं। परिवहन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, पुराने वाहनों की स्क्रैपिंग के लिए जनवरी 2023 से अबतक एक हजार 611 आवेदन आए हैं। इनमें 748 रक्षा (डिफेंस) के वाहन, 308 सरकारी वाहन और 555 निजी वाहन शामिल हैं।
15 साल से अधिक पुराने वाहनों की स्क्रैपिंगदरअसल, वायु प्रदूषण के स्तर पर कमी लाने के लिए राज्य सरकार वाहन स्वामियों को 15 साल से अधिक पुराने वाहनों की स्क्रैपिंग के लिए प्रोत्साहित कर रही है। इसके लिए टैक्स (कर) में छूट दी जा रही है। इसमें वाहन मालिकों को निक्षेप प्रमाणपत्र (सीओडी) के आधार पर नए वाहनों के पंजीकरण कराने पर टैक्स में रियायत, निजी वाहनों की स्क्रैपिंग पर टैक्स में 25 प्रतिशत और वाणिज्यिक वाहनों की स्क्रैपिंग पर 15 प्रतिशत छूट दी जा रही है।
परिवहन विभाग के अनुसार, सरकारी वाहनों को मोटरवाहन कर, हरित कर, सड़क सुरक्षा उपकर और अर्थदंड में पूरी छूट जबकि गैर परिवहन एवं परिवहन वाहनों को कर में 90 प्रतिशत एवं अर्थदण्ड में 100 प्रतिशत की छूट दी जा रही है।
बकाये में एकमुश्त छूट देने का प्रविधानइसके साथ ही वाहन मालिकों को पहले से लंबित सभी तरह के बकाये में एकमुश्त छूट देने का प्रविधान है। यह छूट 31 मार्च 2026 तक प्रभावी है। विभाग ने 15 साल पुरानी सरकारी गाड़ियों की स्क्रैपिंग का निर्देश भी दिया है। परिवहन मंत्री शीला कुमारी ने कहा कि प्रदेश में बीते एक वर्ष में गाड़ियों की स्क्रैपिंग के लिए काफी काम हो रहा है।
कई तरह की सहूलियत दी जा रहीपुरानी गाड़ी स्क्रैप कराने वाले वाहन मालिकों को कोई नुकसान ना उठाना पड़े इसलिए उन्हें कई तरह की सहूलियत दी जा रही है। इसमें पुराने वाहन मालिकों को नई गाड़ी खरीदने पर कर में छूट का लाभ भी दिया जा रहा है, जिससे लोगों पर आर्थिक बोझ ना पड़े। विभाग आमजनों की सुविधा के लिए सजगता से काम कर रहा है।
स्क्रैपिंग के लिए ई-आवेदननिजी वाहनों की स्क्रैपिंग के लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (मोर्थ) https://vscrap.parivahan.gov.in पोर्टल पर आवेदन करना होगा, जिसे आरवीएसएफ सेंटर खरीद कर स्क्रैप करेगा।
Bihar News: बिहार की पहली पहल, कटहल-फूलगोभी; करेला और लौकी... दुबई के लोग खाएंगे 10 सब्जियां
राज्य ब्यूरो, पटना। सहकारिता मंत्री डा. प्रेम कुमार ने परीक्षण शिपमेंट की सब्जियों की पहली खेप बुधवार को दशरथ मांझी श्रम एवं नियोजन अध्ययन संस्थान परिसर से दुबई के लिए रवाना किया।
इसके बाद उन्होंने सूचना भवन के संवाद कक्ष में आयोजित पत्रकार सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार राज्य सब्जी प्रसंस्करण एवं विपणन फेडरेशन (वेजफेड) के सहयोग से परीक्षण शिपमेंट के तौर पर 1500 किलोग्राम सब्जियों की पहली खेप को दुबई (यूएई) के लिए रवाना किया गया है, जो बिहार के सहकारिता व कृषि क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक पहल है।
हर थाली में बिहारी तरकारी के मूल मंत्र के साथ बिहार में उत्पादित सब्जियां अब विदेशों तक पहुंचने को तैयार हैं। उन्होंने बताया कि आज जो पहली खेप दुबई के लिए रवाना की गई है उसमें कटहल, फूलगोभी, करेला, लौकी समेत 10 प्रकार की सब्जियां शामिल हैं।
हरित सब्जी संघ, पटना, तिरहुत सब्जी संघ, मोतिहारी, मिथिला सब्जी संघ, दरभंगा एवं मगध सब्जी संघ, गया के संयुक्त प्रयास से सब्जियों का पहला परीक्षण शिपमेंट दुबई के लिए भेजा गया है। इसे सड़क मार्ग से पटना से होकर वाराणसी हवाई अड्डा पहुंचाया जाएगा।
- बिहार से दुबई पहुंची सब्जियां, सहकारिता मंत्री ने दिखाई हरी झंडी
- सहकारिता मंत्री बोले-विदेशों में सब्जियों का निर्यात करने को बिहार तैयार
- मंत्री ने परीक्षण शिपमेंट की पहली खेप को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना
- फेयर एक्सपोटर्स लिमिटेड के माध्यम से दुबई के लुलु माल के लिए भेजा गया
यह शिपमेंट फेयर एक्सपोटर्स लिमिटेड के माध्यम से दुबई का प्रतिष्ठित लुलु माल के लिए है, जो मध्य-पूर्व में एक जाना-माना नाम है। उन्होंने बताया कि यह भले ही एक परीक्षण शिपमेंट है, लेकिन यह राज्य के किसानों की मेहनत, लगन, राज्य के मिट्टी की उर्वरता और बिहार सरकार की दूरदर्शी सोच का प्रतीक है।
इस अवसर पर सहकारिता विभाग के सचिव धर्मेन्द्र कुमार, निबंधक, सहयोग समितियां, अंशुल अग्रवाल, वेजफेड के प्रबंध निदेशक प्रभात कुमार व अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।
Bihar Weather: बिहार के 7 जिलों में बिगड़ने वाला है मौसम, आंधी-पानी को लेकर अलर्ट; वज्रपात से सावधान रहने की अपील
जागरण संवाददाता, पटना। बांग्लादेश व पूर्वोत्तर असम और आसपास क्षेत्रों में हवा का चक्रवाती परिसंचरण का क्षेत्र बना हुआ है। इनके प्रभाव से प्रदेश का मौसम सामान्य बने रहने की संभावना है।
मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार अगले 24 घंटों के दौरान पटना एवं आसपास इलाकों में आंशिक रूप से बादल छाए रहने के साथ उत्तर पूर्व भागों के सात जिलों के सुपौल, अररिया, किशनगंज, मधेपुरा, सहरसा, कटिहार एवं खगड़िया जिले में आंधी-पानी के साथ मेघ गर्जन, वज्रपात को लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया है।
24 घंटे बाद चार दिनों के दौरान अधिकतम तापमान में दो से चार डिग्री की वृद्धि का पूर्वानुमान है। नमी युक्त हवा के कारण उमस की स्थिति बनी रहेगी। बुधवार को पटना व आसपास इलाकों में आंशिक रूप से बादल छाए रहे।
बीते 24 घंटों के दौरान प्रदेश के किशनगंज, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, सुपौल , अररिया, पूर्णिया, औरंगाबाद, नवादा , गोपालगंज, रोहतास एवं भभुआ में वर्षा दर्ज की गई।
किशनगंज के बहादुरगंज में 60.2 मिमी सर्वाधिक वर्षा दर्ज की गई। बुधवार को भोजपुर, वैशाली, शेखपुरा, मुंगेर, बांका, कटिहार, पूर्णिया, किशनगंज को छोड़ कर पटना सहित शेष जिलों के न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई।
प्रदेश के न्यूनतम तापमान 27.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जबकि 22.6 डिग्री सेल्सियस के साथ मोतिहारी में सबसे कम न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया।
पटना का अधिकतम तापमान 33.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जबकि 38.4 डिग्री सेल्सियस के साथ बेगूसराय प्रदेश का सबसे गर्म स्थान रहा।
बुधवार को बेगूसराय, खगड़िया, फारबिसगंज को छोड़ कर पटना सहित शेष जिलों के अधिकतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई।
इन स्थानों पर दर्ज हुई वर्षाकिशनगंज के पोठिया में 57.6 मिमी, पूर्वी चंपारण के सुगौली में 44.2 मिमी, सुपौल के छातापुर में 39.2 मिमी, त्रिवेणीगंज में 38.4 मिमी, अररिया के नरपतगंज में 38 मिमी, सुपौल के पिपरा में 37.8 मिमी, पूर्णिया के अमौर में 37.4 मिमी वर्षा दर्ज की गई।
औरंगाबाद में 34 मिमी, सुपौल के परपतगंज में 32.2 मिमी, सुपौल के राघोपुर में 27.6 मिमी, पूर्णिया के जलालगढ़ में 27.5 मिमी, गोपालगंज में 25.2 मिमी, रोहतास के डेहरी में 23.4 मिमी, पूर्णिया के कस्बा में 22 मिमी, रोहतास के कोचस में 21.8 मिमी वर्षा दर्ज की गई।
सुपौल के मरौना में 20.8 मिमी, मधुबनी के जयनगर में 20.8 मिमी, सुपौल के निर्मली में 19.6 मिमी , किशनगंज के तैबपुर में 19.2 मिमी एवं भभुआ के कुदरा में 18.4 मिमी वर्षा दर्ज की गई।
IIT Admission 2025: देशभर में आईआईटी में बढ़ी 420 सीटें, अब 18160 सीटों पर होगा नामांकन
जागरण संवाददाता, पटना। देशभर के आईआईटी में नामांकन के लिए जेईई एडवांस्ड का रिजल्ट जारी होने के बाद अब काउंसलिंग प्रक्रिया मंगलवार से आरंभ हो गई। इस काउंसलिंग के माध्यम से देश की 23 आईआईटीज, 31 एनआईटी, 26 ट्रिपलआईटी, 47 जीएफटीआई में नामांकन होंगे।
इसके साथ ही आईआईटीज की सीट मैट्रिक्स भी जारी हो गई। काउंसलिंग के लिए उपलब्ध सीटों की संख्या के अनुसार इस वर्ष देश की 23 आईआईटीज में 420 सीटें बढ़ी है। गत वर्ष तक आईआईटीज में 17740 सीटें होती थीं, यह बढ़कर अब 18160 हो गई है।
विशेषज्ञों के अनुसार, आईआईटी खड़गपुर में अब 1899 से बढ़कर 1919 यानी 20 सीटें बढ़ाई गई हैं। आईआईटी दिल्ली में 1209 से 1239 सीटें हो गई हैं, यहां 30 सीटें बढ़ी हैं। वहीं आईएसएम धनबाद में 85 सीटें बढ़ी हैं, 1125 से से अब 1210 सीटें हो गई है। आईआईटी जोधपुर में 600 से 610 सीटें हो गई हैं, आईआईटी हैदराबाद में 595 से 630 सीट्स हो गई है। यहां 35 सीट्स बढाई गई है।
सबसे अधिक आईआईटी रोपड़ में 216 सीटें बढ़ी हैं। यहां पहले 430 सीटें थी जो अब 646 हो गई है। आईआईटी भिलाई में 46 सीटें बढ़ी हैं, पहले 283 सीटें थीं जो अब 329 हो गई हैं। आईआईटी जम्मू में 280 से 25 सीट्स बढ़कर 305 हो गई है। आईआईटी गोवा में 157 से बढ़कर 165 सीट हो गई है। इसी तरह देश की कुछ आईआईटी में सीटें घटाई गई है, इसमें आईआईटी मुम्बई में 8, मद्रास में 7, गांधीनगर में 40 सीटें घटी है।
पूरी काउंसलिंग प्रक्रिया होगी ऑनलाइनसम्पूर्ण काउंसलिंग प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। इस वर्ष जोसा काउंसलिंग द्वारा 23 आईआईटी, 32 एनआईटी, 26 ट्रिपलआइटी एवं 47 जीएफटीआई में प्रवेश दिया जाएगा। काउंसलिंग प्रक्रिया 3 जून से 28 जुलाई के मध्य छह राउंड होगी। विद्यार्थी तीन से 12 जून शाम 5 बजे से जोसा काउंसलिंग वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन एवं कॉलेज च्वाइस फिलिंग कर सकेंगे। 14 जून को पहले राउंड का सीट आवंटन होगा।
जिन विद्यार्थियों को पहले राउंड में सीट का आवंटन होगा, उन्हें ऑनलाइन रिपोर्टिंग के दौरान सीट असेपटेंस फीस जमा कर डाक्यूमेंट्स अपलोड कर अपनी सीट 19 जून तक कंफर्म करनी होगी। दूसरे राउंड का सीट आवंटन 21 जून, तीसरे का 28 जून, चौथे का 04 जुलाई व पांचवा 10 जुलाई को होगा। अंतिम यानी छठे राउंड का सीट आवंटन 16 जुलाई को होगा।
ऐसे फिल करें कॉलेज व ब्रांच च्वाइसविद्यार्थियों को जोसा काउंसलिंग में 127 संस्थानों की 700 से अधिक प्रोग्रामों की च्वाइस फिलिंग का अवसर एक बार ही दिया गया है, अतः विद्यार्थी ज्यादा से ज्यादा कॉलेजों के विकल्प को अपनी प्राथमिकता के घटते क्रम में भरें। विद्यार्थी गत वर्षों की कॉलेजों की ओपनिंग एवं क्लोजिंग रैंकों को देखते हुए कॉलेजों को चुनने के ट्रेंड का अनुमान लगा सकते हैं।
विद्यार्थी अपनी रैंक के अनुसार गत वर्षों की क्लोजिंग रैंक से नीचे की रैंक वाले कॉलेज ब्रांचों को भी अपनी रुचि अनुसार कॉलेज प्राथमिकता सूची के क्रम में शामिल करे।
जोसा काउंसलिंग में कॉलेजों को भरने से पूर्व अपनी प्राथमिकता के कॉलेजों की सूची कागज पर बनाकर उसका आंकलन कर ही ऑनलाइन भरें ताकि गलती होने की संभावना ना रहे। विद्यार्थी कॉलेज च्वाइस लाक करने से पूर्व अवश्य चेक करें क्योंकि लाक करने के उपरांत उसमें बदलाव संभव नहीं होंगे।
पहला अलॉटमेंट ओपन रैंक से होगाजोसा काउंसलिंग के दिए गए बिजनेस रूल के अनुसार सभी विद्यार्थियों को उनकी रैंक के अनुसार भरी हुई कॉलेज सीट आवंटन में सबसे पहला सीट आवंटन ओपन रैंक पर ही किया जाएगा।
ओपन रैंक पर सीट नहीं मिलने पर कैटेगिरी वाले अभ्यर्थी को उनकी कैटेगिरी रैंक के अनुसार कॉलेज सीट आवंटित की जाएगी। इस प्रकार कैटेगिरी वाले विद्यार्थियों को ओपन एवं कैटेगिरी, दोनों में से सीट रैंक अनुसार मिल सकती है।
निजी लैब में दो समेत मिले चार नए कोरोना संक्रमित, पटना में 12 दिन में 34 हुए पॉजिटिव
जागरण संवाददाता, पटना। राजधानी में कोरोना संक्रमितों के मिलने का क्रम जारी है। बुधवार को चार नए मरीजों के साथ 23 मई से अबतक 34 संक्रमित मिल चुके हैं। हालांकि, हल्के लक्षणों के कारण इनमें से 10 स्वस्थ हो चुके हैं व 34 होम आइसोलेशन में उपचार करा रहे हैं।
अधिसंख्य को बुखार, सर्दी-खांसी आदिसिविल सर्जन डा. अविनाश कुमार सिंह ने बताया कि कोरोना के लक्षण हल्के हैं और इससे बहुत घबराने की जरूरत नहीं है। जिन लोगों की रिपोर्ट पाजिटिव आई है उनमें से अधिसंख्य बुखार, सर्दी-खांसी आदि लक्षण लेकर आए थे। बावजूद इसके सावधानी और आशंका होने पर जांच करा लें। अबतक किसी कोरोना संक्रमित को अस्पताल में भर्ती कराने की नौबत नहीं आई है।
गायघाट, गर्दनीबाग व पाटलिपुत्र कालोनी के मरीजस्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, बुधवार को तीन नए कोरोना मरीज मिले, उनमें से एक मंगलवार को एनएमसीएच में आया मामला है। शेष दो मरीजों की पुष्टि सरल व लाल पैथोलाजी ने की है। ये तीनों मरीज गायघाट, गर्दनीबाग व पाटलिपुत्र कालोनी के निवासी हैं।
एनएमसीएच परिसर निवासी एक संक्रमितवहीं नालंदा मेडिकल कालेज अस्पताल के माइक्रो बायोलाजी विभाग में बुधवार को 13 आशंकितों की जांच की गई। इनमें से एनएमसीएच परिसर निवासी निवासी 45 वर्षीय एवं अगमकुआं निवासी 20 वर्षीय युवक की रिपोर्ट पाजिटिव आई है।
18 ने सरकारी, 16 ने निजी लैब में जांच कराईउपाधीक्षक डा. सरोज कुमार ने बताया कि दोनों औषधि विभाग की ओपीडी में सर्दी, खांसी व बुखार जैसे लक्षण लेकर आए थे। वर्तमान में जिले में कोरोना के 24 सक्रिय मरीज हैं। अबतक जो 34 संक्रमित मिले हैं, उनमें से 18 ने सरकारी तो 16 लोगों ने निजी लैब में जांच कराई थी।
पटना में मोबाइल झपट भाग रहे थे अपराधी, अचानक आ गई मालिक की कॉल; तीन गिरफ्तार
जागरण संवाददाता, पटना। वाहन जांच के समय तीन मोबाइल झपटमार कंकड़बाग थाने की पुलिस के हत्थे चढ़ गए। इनमें खुसरूपुर बड़ी संगतपर मोहल्ला निवासी राहुल व रोहित और नालंदा के हरनौत निवासी जीतू शामिल हैं। उनके पास से मोबाइल बरामद हुआ, जो पटना जंक्शन पर छीना गया था। थानेदार मुकेश कुमार ने बताया कि आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया है। उनसे पूछताछ की जा रही है।
दरअसल, एसएसपी अवकाश कुमार के निर्देश पर बुधवार की सुबह कंकड़बाग मेन रोड पर वाहनों की जांच चल रही थी। इस दौरान पुलिस ने एक आटो को रोका, जिस पर तीन युवक सवार थे। एक युवक के हाथ में दो मोबाइल था, जिसमें एक बंद था।
पुलिस से कहा, बैटरी समाप्त हो चुकीपुलिस ने उस मोबाइल के बारे में युवक से पूछा तो उसने कहा कि बैटरी समाप्त हो चुकी है। युवकों का संदिग्ध व्यवहार देख पुलिस ने मोबाइल आन किया, जिसके बाद लगातार कॉल आने लगी। पुलिस ने काल उठाया तो मालूम हुआ कि मोबाइल धारक है। उसने अपना परिचय जमुई के गोपालपुर के रहने वाले सुनील चौरसिया के रूप में दिया। बताया कि कुछ देर पहले ही मोबाइल पटना जंक्शन पर झपट लिया गया था। इतना सुनते ही पुलिस ने तीनों युवकों को दबोच लिया।
रेल पुलिस ने चार शराब तस्करों समेत सात को दबोचारेल पुलिस ने मंगलवार को जांच अभियान में चार शराब तस्करों समेत सात बदमाशों को दबोच लिया। उनके पास से चोरी के तीन मोबाइल बरामद किए गए। पुलिस ने सभी को जेल भेज दिया। एसपी एएस ठाकुर ने बताया कि तीन दिनों में 550 लीटर शराब बरामद की गई।
जंक्शन पर चोरी के मोबाइल के साथ तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया गया। मोबाइल चोरी के आरोपितों में वैशाली जिले के राघोपुर थानांतर्गत रामपुर गांव निवासी अजय राय, बुद्धा कालोनी थानांतर्गत चीनाकोठी हरिजन कालोनी निवासी भोला कुमार और सहरसा जिले के बिहरा थानांतर्गत मंझौल गांव निवासी राजेश कुमार शामिल हैं। वहीं, दानापुर रेल पुलिस ने चंडीगढ़-पाटलिपुत्र एक्सप्रेस से शराब के साथ दो शराब तस्करों को गिरफ्तार किया है।
Bihar Politics: ...तो अब फ्रंट फुट पर खेलेंगे चिराग पासवान! नीतीश कुमार को लिखा लेटर; रखी 3 डिमांड
राज्य ब्यूरो, पटना। एनडीए के सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने मुजफ्फरपुर में दलित बच्ची के साथ दुष्कर्म और इलाज में लापरवाही पर नीतीश सरकार को कठघरे में खड़ा किया है और इस मामले में सिस्टम को फेल बताया है। चिराग ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कड़ा पत्र लिखा है और मामले की न्यायिक जांच करने की मांग की है।
चिराग ने मुख्यमंत्री को संबोधित पत्र में कहा है कि 26 मई को मुजफ्फरपुर के कुढ़नी में नौ वर्षीय दलित बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म और फिर नृशंस हत्या का प्रयास की घटना ने पूरे बिहार को झकझोर दिया है। यह हृदयविदारक घटना न केवल एक मासूम जीवन की बर्बर हत्या है, बल्कि हमारे राज्य की कानून व्यवस्था, सामाजिक चेतना और सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था की पूरी विफलता को भी उजागर करती है।
उन्होंने कहा कि यह मामला सामाजिक सिस्टम एवं राज्य की संवैधानिक जिम्मेदारी की विफलता का प्रतीक है। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर इस पर शासन मौन रहा, तो यह मौन ही सबसे बड़ा अपराध बन जाएगा।
चिराग पासवान ने बुधवार को यह पत्र नीतीश कुमार को भेजा है। इसकी जानकारी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता डॉ. राजेश भट्ट ने दी। पत्र में चिराग ने लिखा है कि पीड़िता ने छह दिनों तक जीवन के लिए संघर्ष किया। मगर एक जून को पीएमसीएच में उसने दम तोड़ दिया। बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराने के लिए लगातार छह घंटे तक उसे एंबुलेंस में ही तड़पते इंतजार करवाया गया। यह सिर्फ लापरवाही नहीं, बल्कि अपराध है।
चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री के समक्ष तीन मांगें रखी हैं-- पहली मांग यह कि दुष्कर्मी को तुरंत गिरफ्तार कर कठोर सजा दी जाए।
- दूसरी मांग पीएमसीएच अस्पताल के प्रशासन, डाक्टर और कर्मचारियों की लापरवाही की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच कराई जाए।
- तीसरी मांग यह कि इलाज में जानबूझकर देरी और अमानवीय दिखाने वाले कर्मियों के खिलाफ केस दर्ज कर तुरंत निलंबित किया जाए।
दूसरी ओर, मुजफ्फरपुर में नाबालिग से दुष्कर्म की घटना और इसके बाद उसके इलाज में लापरवाही के आरोपों की जांच को गठित स्वास्थ्य विभाग की कमेटी को जल्द रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। इस मामले की जांच के लिए मंगलवार को डायरेक्टर इन चीफ डॉ. आरएन चौधरी, डॉ. बीके सिंह और डॉ. प्रमोद कुमार के नेतृत्व में जांच टीम गठित की गई थी।
स्वास्थ्य सूत्रों ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा गठित विभाग के पदाधिकारियों की जांच टीम ने पीएमसीएच और एसकेएमसीएच का बुधवार को दौरा कर अपनी जांच पड़ताल का काम पूरा किया। जल्द ही यह रिपोर्ट सरकार को सौंपी जाएगी।
सूत्रों की माने तो रिपोर्ट के आधार पर कई अन्य पदाधिकारियों पर कार्रवाई संभव है। बता दें कि इस मामले में एसकेएमसीएच की अधीक्षक और पीएमसीएच के प्रभारी उपाधीक्षक पर पहले की कार्रवाई की हो चुकी है।
मुजफ्फरपुर कांड के पीड़ित परिवार को प्रतिमाह 7750 की पेंशनमुजफ्फरपुर की दुष्कर्म पीड़िता किशोरी की मृत्यु के बाद उसके परिवार को सरकार की ओर से आर्थिक सहायता दी जा रही है। बुधवार को उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने बताया कि पहली किस्त के तौर पर 412650 रुपये में अंतरित कर दिए गए हैं। इस अनुग्रह राशि के अतिरिक्त मुजफ्फरपुर के जिला पदाधिकारी की ओर से मृतका के परिवार को प्रतिमाह 7750 रुपये की पेंशन स्वीकृत की गई है।
27 मई 2025 से 31 मई 2025 तक की पेंशन राशि 1,250 रुपये का उसके खाते में गई है। जून की पेंशन 5 जुलाई तक प्रदान की जाएगी। मृतक किशोरी के परिवार के पुनर्वास और सामूहिक दुष्कर्म के दोषियों को सजा दिलाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।
दुष्कर्म पीड़िता की चिकित्सा में लापरवाही बरतने वाले दो चिकित्सा पदाधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई हो चुकी है। इसके अलावा सरकार ने दुष्कर्म के आरोपितों को यथाशीघ्र गिरफ्तार कर उनके विरुद्ध स्पीडी ट्रायल का निर्णय लिया है।
बिहार में सिख विरासत के प्रतीक 'प्रकाश पुंज' क्षेत्र में सौंदर्यीकरण का काम पूरा, इलाके को हरा-भरा रखने के लिए की गई बागवानी
डिजिटल डेस्क, पटना। पटना साहिब में ‘गुरु का बाग’ के पास 10 एकड़ क्षेत्र में फैले प्रकाश पुंज पार्क क्षेत्र के सौंदर्यीकरण का कार्य पूरा हो गया है। यह प्रक्षेत्र पटना साहिब में सिख श्रद्धालुओं के साथ साथ यहां आने वाले अन्य पर्यटकों के लिए आकर्षण का नया केंद्र बनने वाला है।
बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम के द्वारा इस क्षेत्र में तालाब का जीर्णोद्धार, लैंडस्केपिंग, लाइटिंग और परिसर हरा-भरा बनाने के लिए बड़े पैमाने पर बागवानी की गई है। पूरे इलाके को ज्यादा आकर्षक बनाने के लिए कई स्तर पर नए प्रयोग किए गए हैं। इसमें तालाब के चारो तरफ मोरम परिक्रमा पथ, नौका विहार हेतु जेटी का निर्माण, सौर ऊर्जा द्वारा संचालित डेकोरेटिव लाइटिंग, एक यूनिट शौचालय निर्माण का काम पूरा हो चुका है।
इसके साथ ही यहां वॉच टावर का निर्माण का कार्य प्रगति पर है। यहां भविष्य में नौका विहार भी कराने की योजना है। पटना सिटी के प्रकाश पुंज के विकास के फेज-2 में क्षेत्र के आसपास के इलाके को विकसित करने के लिए अबतक 9 करोड़ 49 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं। आने वाले दिनों में यहां अन्य पर्यटकीय सुविधाएं भी विकसित की जानी है।
सिख इतिहास और संस्कृति का भव्य प्रतीक है ‘प्रकाश पुंज’
‘गुरु का बाग’ के पास स्थित 10 एकड़ क्षेत्र में फैला ‘प्रकाश पुंज’ सिख इतिहास और संस्कृति का एक भव्य प्रतीक है। इस पार्क में गुरु गोविंद सिंहजी के चार पुत्रों अजीत सिंह, जुझार सिंह, जोरावर सिंह और फतेह सिंह के सम्मान में चार प्रवेश द्वार बनाए गए हैं। इन द्वारों के पास पांच गोलाकार संरचनाएं हैं, जिनके नाम प्रमुख सिख तीर्थस्थलों हेमकुंड साहिब, पांवटा साहिब, नांदेड़ साहिब, केशगढ़ साहिब और पटना साहिब पर रखे गए हैं।
इन गोलाकार दीवारों पर इन गुरुद्वारों की लघु आकृतियां (मॉडल) भी उकेरी गई हैं, जो श्रद्धालुओं और पर्यटकों को सिख धर्म की समृद्ध विरासत से परिचय कराती है। इसके अतिरिक्त पार्क परिसर में एक संग्रहालय भी स्थापित किया गया है, जिसमें गुरु गोविंद सिंह जी के जीवन, शिक्षाओं और ऐतिहासिक कार्यों को चित्रों, वस्तुओं और डिजिटल माध्यमों के जरिए प्रस्तुत किया गया है। यह संग्रहालय न केवल उनकी वीरता और बलिदान को दर्शाता है बल्कि लोगों को उनके आदर्शों से भी प्रेरित करता है।
बिहार में महिला किसानों ने उठाया कृषि को लाभकारी बनाने का बीड़ा, मुख्यमंत्री नलकूप योजना में बड़ी संख्या में महिलाएं दिखा रहीं दिलचस्पी
डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार की कृषि को उन्नत और लाभकारी बनाने में अब राज्य की महिला किसान की भूमिका भी काफी अहम साबित हो रही है। अब महिलाएं न सिर्फ खुद खेती कर रही हैं। बल्कि, इससे आय का स्रोत भी बना लिया है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जब राज्य की असिंचित कृषि भूमि को सात निश्चय-2 के तहत “हर खेत तक सिंचाई का पानी” पहुंचाने के लिए “मुख्यमंत्री निजी नलकूप योजना” की शुरुआत की तो इस योजना में राज्य की महिला किसानों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। लघु जल संसाधन विभाग के आंकड़े बताते हैं कि इस योजना के तहत 2024 से अब तक राज्य के 20 हजार 228 किसानों ने 115 करोड़ 74 लाख रुपये सरकारी अनुदान का लाभ उठाया है। इसमें 3 हजार 877 महिला किसान शामिल हैं। इन महिला किसानों ने अपने खेतों में निजी नलकूप गड़वाने के लिए सरकार से कुल 22.52 करोड़ रुपये का अनुदान प्राप्त किया है।
क्या है मुख्यमंत्री निजी नलकूप योजना
दक्षिण बिहार के जिन जिलों में जल स्तर का संकट सबसे अधिक है। इस क्षेत्र में राज्य सरकार ने अपने पांच विभागों से 21 हजार 274 ऐसे स्थलों का चयन किया है, जहां जल संकट के कारण कृषि की भूमि असिंचित है। इसके आधार पर पटवन के लिए निजी नलकूप स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू की गई। इसमें पहले चरण में 18 हजार 747 स्थलों को चिन्हित किया गया। सरकारी अनुदान से निजी नलकूप स्थापित करने वाले किसानों के लिए सरकार ने शर्त यह रखी कि केन्द्रीय भूजल बोर्ड की तरफ से चिन्हित अतिदोहित और संकटग्रस्त प्रखंडों एवं पंचायतों को इस योजना में शामिल नहीं किया जाएगा।
इस योजना में सामान्य वर्ग के किसानों के लिए 50 प्रतिशत, पिछड़ी व अतिपिछड़ी जातियों के किसानों के लिए 70 प्रतिशत और अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग के किसानो को निजी नलकूप स्थापित करने के लिए 80 तक प्रतिशत अनुदान का प्रावधान किया गया है।
योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों की पात्रता
राज्य सरकार ने सर्वेक्षण के बाद राज्य के वैसे प्रगतिशील और इच्छुक किसानों, जिनके पास न्यूनतम 0.40 एकड़ (40 डिसमिल) जमीन है, उन्हें इसका लाभ मिल सकता है। अनुदान उन्हें ही दिया जाता है, जिन्होंने अपने खेतों के पटवन के लिए बोरिंग कराने के लिए पूर्व में लघु जल संसाधन विभाग या किसी अन्य विभाग अथवा संस्था से किसी तरह की वित्तीय सहायता प्राप्त नहीं की हो।
Bihar Politics: चिराग के दिल में चुभेगी तेजस्वी की ये बात! गुस्से में बहुत कुछ बोल गए लालू के लाल
राज्य ब्यूरो, पटना। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय को अमंगल बताने से पहले राजद नेता तेजस्वी यादव उनके पीए पर आईजीआइएमएस में बेड बेचने का आरोप लगा चुके थे। यह आरोप वे मुजफ्फरपुर कांड के पीड़ित परिवार से मिलने के लिए जाते हुए लगाए। पटना वापसी पर प्रेस-वार्ता कर मंगल पांडेय को अमंगल बताया और पीएमसीएच के उपाधीक्षक डॉ. अभिजीत के विरुद्ध हुई कार्रवाई को दिखावटी बताया।
इसी के साथ एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान को पद का लोभी करार दिया। कहा कि ये लोग एनडीए और सरकार में हैं। उसके बावजूद इन्हें सरकार को पत्र लिखना पड़ रहा। इससे बेहतर है कि सरकार से बाहर हो जाएं, लेकिन ये ऐसा नहीं करेंगे, क्योंकि ये लोभी लोग हैं।
तेजस्वी ने आगे कहा, गिरगिट जैसे रंग बदलने और घड़ियाली आंसू बहाने वाले। पार्टी का विघटन और परिवार में फूट कराने वालोंं को भूल गए। अपने पिता के अपमान को भूल गए। चिरागजी! मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आपके पत्र का उत्तर नहीं देने वाले। उल्लेखनीय है कि मुजफ्फरपुर कांड के संदर्भ में चिराग ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख न्यायिक जांच की मांग की है।
सरकार पर आरोपों की झड़ी लगाते हुए तेजस्वी ने महागठबंधन शासन-काल की अपनी उपलब्धियां गिनाईं और अपना बखान जी भर किए। हम रेफरल पालिसी लाए थे, क्या उसका अनुपालन हो रहा। जिलों से अति गंभीर स्थिति में ही मरीजों को रेफर करने की बात थी। मुजफ्फरपुर से पटना तक की प्रक्रिया में चार-पांच घंटे लगे, उसी कारण लड़की की मृत्यु हो गई। बिहार मेंं भ्रष्ट और सेवानिवृत्त लोगों का काकस चल रहा। अपराध चौतरफा है।
तेजस्वी ने कहा कि छह सितंबर, 2022 को मैंने पीएमसीएच में औचक निरीक्षण किया था। कोताहियों पर डाक्टर अभिजीत को हटाया। उनकी जगह डॉ. सरफराज को तैनात किया। हमारी सरकार जाने के बाद मंगल पांडेय फिर अभिजीत को लाए, जो लापरवाह हैं। उन्हें इसलिए लाया गया, क्योंकि वे पूर्णतया आरएसएस के व्यक्ति हैं।
पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा कि कल की कार्रवाई लीपापोती और अस्पताल अधीक्षक को बचाने के लिए हुई है। यह मामला ठंडा हो जाने पर अभिजीत फिर लाए जाएंगे। स्वास्थ्य विभाग में रैकेट है। सेवानिवृत्त डाक्टर प्रतिनियुक्त हो रहे। ठाकुर को सेवानिवृत्ति के बाद प्रतिनियुक्त किस कारण किया गया। आखिर इनमें क्या खूबी है।
दरअसल, जब तक पीएमसीएच में 5000 करोड़ की बिल्डिंग बनती रहेगी, किसी की मजाल नहीं कि उन्हें बदल सके। बिहार में ट्रांसफर-पोस्टिंग का खेल चल रहा है। निर्मम, निकम्मी और नकारा सरकार संवेदन-शून्य हो चुकी है।
सीएम नीतीश कुमार ने बिक्रम लॉक कैनाल बैंक सौर ऊर्जा परियोजना का किया उद्घाटन, परिसर का किया निरीक्षण
डिजिटल डेस्क, पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज पटना जिला अंतर्गत बिक्रम लॉक कैनाल बैंक सौर ऊर्जा परियोजना का फीता काटकर उद्घाटन किया। उद्घाटन के पश्चात् मुख्यमंत्री ने बिक्रम लॉक कैनाल बैंक सौर ऊर्जा परियोजना परिसर का निरीक्षण किया और परियोजना की कार्य पद्धति एवं व्यवस्थाओं के संबंध में जानकारी ली। निरीक्षण के क्रम में अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि बिहार सरकार के जल-जीवन-हरियाली अभियान के 10वें अवयव (सौर ऊर्जा उपयोग को प्रोत्साहन एवं ऊर्जा की बचत) के तहत हरित ऊर्जा के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए राज्य में सौर ऊर्जा संयंत्र लगाए जा रहे हैं।
इसके तहत पटना जिला में विक्रम लॉक के समीप मुख्य नहर के किनारे जल संसाधन की भूमि पर 2 मेगावाट क्षमता का सौर ऊर्जा परियोजना का निर्माण कराया गया है। इस परियोजना को स्थापित करने के लिये राज्य सरकार द्वारा राशि का वहन नहीं किया गया है। ऊर्जा विभाग द्वारा किए गए एकरारनामा के तहत निजी कंपनी के द्वारा 25 वर्षों के लिए 3.10 प्रति यूनिट की दर से बिजली, ऊर्जा विभाग को उपलब्ध करायी जाएगी। बिक्रम तथा इसके आस-पास के लोगों को सस्ते दर पर हरित एवं स्वच्छ ऊर्जा का लाभ मिलेगा।
निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत सौर ऊर्जा को बढ़ावा दे रही है। इसके लिए राज्य के विभिन्न नहरों, बांधों, नदी एवं तटबंधों के किनारे खाली पड़े स्थलों का सर्वे कराकर बड़े पैमाने पर सौर ऊर्जा संयंत्र का निर्माण कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा के उत्पादन से पारंपरिक ऊर्जा पर निर्भरता कम होगी, प्रदूषण रहित ऊर्जा को बढ़ावा मिलेगा।
साथ ही कार्बन उत्सर्जन में कमी होगी एवं पर्यावरण संरक्षण में इसका लाभ मिलेगा। इस परियोजना के संचालन से स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा और इससे आर्थिक लाभ भी होगा। उन्होंने कहा कि बिजली के क्षेत्र में हमलोगों ने कई काम किए हैं। हर घर तक बिजली पहुंचा दी गई है। लोगों को सस्ती, गुणवत्तापूर्ण एवं निर्बाध बिजली उपलब्ध कराने के लिए हमलोग लगातार काम कर रहे हैं।
कार्यक्रम में ऊर्जा विभाग के सचिव पंकज कुमार पाल ने बिक्रम लॉक कैनाल बैंक सौर ऊर्जा परियोजना तथा राज्य के अन्य सौर ऊर्जा परियोजनाओं की अद्यतन स्थिति के संबंध में प्रस्तुतीकरण के माध्यम से मुख्यमंत्री को विस्तृत जानकारी दी।
कार्यक्रम में जल संसाधन सह संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, ऊर्जा सह योजना एवं विकास मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल, ऊर्जा विभाग के सचिव पंकज कुमार पाल, मुख्यमंत्री के सचिव कुमार रवि, पटना प्रमंडल के आयुक्त डॉ० चंद्रशेखर सिंह, पटना के जिलाधिकारी डॉ० त्यागराजन एस०एम०, वरीय पुलिस अधीक्षक अवकाश कुमार सहित अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे।
Bihar News: सड़क दुर्घटना में घायलों को बेझिझक पहुंचाएं अस्पताल और बने सम्मान के हकदार
डिजिटल डेस्क, पटना। सड़क दुर्घटना में आप यादि किसी घायल व्यक्ति की मदद करते हैं, तो राज्य सरकार आपको इसके लिए सम्मानित भी करती है। सड़क सुरक्षा के प्रति लोगों को जागरूक और प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से यह पहल की गई है। सड़क दुर्घटनाओं में किसी घायल के लिए शुरुआती एक घंटा का समय गोल्डन ऑवर (स्वर्णिम समय) माना जाता है। ताकि इनकी जान बचाई जा सके। इस स्वर्णिम समय में घायलों को चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराने वाले लोगों को गुड सेमेरिटन (अच्छे मददगारों) कहा जाता है। ऐसे लोगों को सरकार की तरफ से 10 हजार रुपए की नकद राशि से सम्मानित किया जाता है।
प्रत्येक वर्ष ऐसे गुड समेटेरिटन को जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) और स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) के मौके पर सम्मानित किया जाता है। इन्हें सम्मान स्वरूप प्रमाण पत्र, मोमेंटो, शॉल और 10 हजार रुपए की नकद राशि दी जाती है।
मोतिहारी में सबसे अधिक गुड सेमेरिटन
इस वर्ष गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) के मौके पर सड़क दुर्घटनाओं में घायलों मददगार बने 84 गुड सेमेरिटन को सम्मानित किया गया है। इसमें सर्वाधिक संख्या पूर्वी चंपारण जिले की है, जहां के 19 अच्छे मददगारों को सम्मानित किया गया है। दूसरे स्थान पर अरवल जिला के 8 के अलावा अररिया, मधुबनी, समस्तीपुर और वैशाली जिले के 4-4 अच्छे मददगारों को सम्मानित किया जा चुका है। पिछले वर्ष 15 अगस्त को 91 ऐसे लोगों को सम्मानित किया गया है।
ऐसे होती है गुड सेमेरिटन की पहचान
इस योजना की शुरुआत मई 2015 से की गई है। केंद्र सरकार के स्तर इसकी अधिसूचना जारी होने के बाद राज्य सरकार ने भी इसे लागू कर दिया है। सड़क दुर्घटना होने पर घायल व्यक्ति की मदद करने के लिए सबसे पहले स्थानीय दुकानदार, निवासी, राहगीर और पुलिसकर्मी आगे आते हैं। इनकी पहचान दो तरीके से की जाती है। पहला, सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराने वाले व्यक्ति की जानकारी अस्पताल की तरफ से रखी जाती है।
सड़क दुर्घटना का समय और दुर्घटना के स्थान के संबंध में अस्पताल की तरफ से अच्छे मददगार व्यक्ति को एक पावती रसीद दी जाती है। दूसरा, दुर्घटना की जानकारी गुड सेमेरिटन पुलिस को देते हैं। इसके बाद पुलिस भी एक पावती रसीद देती है। इसमें संबंधित व्यक्ति का नाम, मोबाइल नंबर, पता, स्थान, दुर्घटना की तिथि और समय की जानकारी होती है। किस प्रकार पीड़ित की मदद की गई है, इसका विवरण भी उसमें दर्ज होता है। इस रसीद की एक प्रति जिला मूल्यांकन समिति (अप्रेजल कमिटी) को भी दी जाती है।
कमेटी करती है इन लोगों का चयन
गुड सेमेरिटन का चयन करने के लिए जिला स्तरीय समिति का गठन किया गया है। इसमें जिला पदाधिकारी, वरीय पुलिस अधीक्षक, मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी एवं जिला परिवहन पदाधिकारी शामिल होते हैं।
Bihar Board: 11वीं में नामांकन के लिए बिहार बोर्ड ने जारी की पहली मेरिट लिस्ट, यहां पर करें चेक
जांंगरण संवाददाता, पटना। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने राज्य के प्लस टू स्कूलों में इंटर (11 वीं ) में नामांकन के लिए पहली मेधा सूची बुधवार को जारी कर दी। बिहार बोर्ड ने ऑनलाइन फैसिलिटेशन सिस्टम फार स्टूडेंट्स (ओएफएसएसस) व पोर्टल https://ofssbihar.net के माध्यम से पहली मेधा सूची जारी की। इसकेे साथ ही प्लस टू स्कूलों में नामांकन प्रक्रिया भी शुरू हो गई। हालांकि, पहले दिन कहीं भी नामांकन नहीं हुआ है।
नामांकन प्रक्रिया गुरुवार से रफ्तार पकड़ने की संभावना है। छात्रों को नामांकन के लिए इंटिमेशन लेटर दिया जाएगा। छात्रों को अपनी यूजर आईडी डाल कर लेटर को अपलोड करना होगा। इसके बाद आवंटित संस्थानों में 10 जून तक नामांकन लेना होगा। प्रथम चयन सूची में नामांकन के बाद ही स्लाइडअप का विकल्प चुन सकते हैं।
प्रथम चयन सूची के आधार पर विद्यार्थी को आवंटित शिक्षण संस्थान में नामांकन लेना होगा। अगर कोई आवेदक ऐसा नहीं करते हैं तो वर्तमान सत्र 2025-27 में उनका नाम ओएफएसएस सिस्टम से हटा दिया जाएगा। आगे जो चयन सूची जारी की जाएगी उसमें भी उनका नाम नहीं रहेगा। उनका आवेदन रद कर दिया जाएगा।
10 जून तक स्लाइड अप के लिए करें ऑनलाइन आवेदनपहली लिस्ट में स्कूल आवंटन से असंतुष्ट छात्र स्लाइड अप विकल्प का प्रयोग कर सकेंगे। बोर्ड ने कहा है कि अगर कोई छात्र उन्हें आवंटित किए जाने वाले स्कूल से संतुष्ट नहीं हैं और दूसरा स्कूल या संकाय चुनना चाहते हैं तो ऐसे छात्र स्लाइड अप का विकल्प चुन सकते हैं, लेकिन उनके लिए आवश्यक है कि वे पहले उस संस्थान में एडमिशन ले लें, जहां उनका चयन हुआ है। अन्यथा उनका आवेदन रद कर दिया जाएगा।
इस संस्थान में नामांकन कराने के बाद ही वे दूसरे या तीसरे चयन सूची जारी होने पर उच्चतर प्राथमिकता वाले संस्थान में नामांकन ले सकेंगे। स्लाइड अप का विकल्प भी छात्रों को 10 जून के बीच अपनाना होगा। स्लाइड अप के विकल्प में उन्हें उन्हीं संस्थानों में नामांकन मिलेगा जिनका विकल्प उन्होंने आवेदन के वक्त दिया है। नए संस्थान को जोड़ने का मौका नहीं दिया जाएगा।
जहां से 10 वीं पास किए वहां 11वीं में नामांकन का मिल सकता मौका:वैसे संस्थानों में जहां 12 वीं की भी पढ़ाई भी होती है, वैसे संस्थानों से उत्तीर्ण होने वाले विद्यार्थियों ने यदि 12 वीं की पढ़ाई के लिए विकल्पों में अपने विद्यालय (जहां से उन्होंने 10वीं की कक्षा उत्तीर्ण की है) का विकल्प दिया है, तो उन्हें मूल संस्थान में नामांकन के लिए प्राथमिकता दी गई है।
यदि उनको अपने मूल संस्थान से ऊपर का विकल्प नामांकन के लिए प्राथमिकता सूची में नहीं मिलता है, तो उनका चयन अपने मूल विद्यालय में नामांकन के लिए किया जाएगा।
उदाहरण स्वरूप अगर किसी विद्यार्थी ने अपने विद्यालय का विकल्प, जहां से उन्होंने 10वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की है, को छठे स्थान पर दिया है और चयन उनके मेधा एवं आरक्षण के आधार पर आठवें नंबर के विकल्प में होता है, तो उस परिस्थिति में उन्हें छठे नंबर के अपने मूल संस्थान में नामांकन के लिए चयनित किया जाएगा, लेकिन अगर ऐसे विद्यार्थी का चयन तीसरे विकल्प (जो छठे विकल्प से ऊपर है) के संस्थान के लिए होता है, तो उस स्थिति में उनका चयन तीसरे विकल्प में दिये गये संस्थान में नामांकन के लिए चयनित किया जाएगा।
शिक्षण संस्थान के लिए यह प्रावधान उनकी अधिकतम स्वीकृत सीमा के अन्तर्गत ही अनुमान्य है। अर्थात यदि किसी संस्थान में अधिकतम स्वीकृत सीट संख्या से अधिक उसी संस्थान में विद्यार्थियों ने इंटर में नामांकन के लिए आवेदन दिया है तो वैसी स्थिति में आरक्षण श्रेणीवार मेधा सूची में ऊपर से अधिकतम सीट क्षमता के अनुसार ही उस संस्थान में प्राथमिकता के आधार पर इस प्रथम सूची में नामांकन किया जाएगा।
शेष विद्यार्थियों (जो आरक्षण श्रेणीवार मेधा सूची में नीचे हैं) को वह संस्थान नहीं दिया जाएगा, बल्कि उनके द्वारा भरे गये विकल्पों के आधार पर उनको अन्य संस्थान आवंटित किया जाएगासबधित विद्यार्थी को आवंटित शिक्षण संस्थान में नामांकन लेना होगा।
अगर कोई आवेदक आवंटित संस्थान में नामांकन नहीं लेते हैं तो वर्तमान सत्र 2025-27 में उनका नाम ओएफएसएस सिस्टम से हटा दिया जाएगा। आगे जो चयन सूची जारी की जाएगी उसमें भी उनका नाम नहीं रहेगा। उनका आवेदन रद्द कर दिया जाएगा। अगर आवंटित संस्थान से संतुष्ट नहीं है और दूसरे संकाय या संस्थान चाहते हैं तो ऐसे आवेदक पहले आवंटित संस्थान में नामांकन लेंगे। नामांकन के बाद द्वितीय व तृतीय चयन सूची जारी होने पर वे उच्चतर प्राथमिक वाले संस्थान में नामांकन ले सकेंगे।
Bihar News: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जीविका दीदियों को दिया तोहफा, कहा- सरकार रख रही आपका ध्यान
राज्य ब्यूरो, पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को पटना जिले के अथमलगोला और बाढ़ में कई योजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यस किया। उन्होंने अथमलगोला में 20 करोड़ 13 करोड़ रुपये लागत से प्रखंड व अंचल कार्यालय और आवासीय परिसर के नवनिर्मित भवनों का उद्घाटन किया।
मुख्यमंत्री ने नये भवन व परिसर में निरीक्षण कर व्यवस्थाओं और सुविधाओं की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने अथमलगोला के नवनिर्मित जीविका भवन की चाबी जीविका दीदियों को सौंपी। इस दौरान मुख्यमंत्री ने जीविका दीदियों से कहा कि आपलोग अच्छा काम कर रही हैं, इसी तरह काम करते रहिए। आपलोगों की सुविधाओं और सहूलियत का ध्यान सरकार रख रही है ताकि आपलोग आगे बढ़ें।
भवन की छत पर 50 किलोवाट का सोलर पैनल भीअथमलगोला में नवनिर्मित जीविका भवन तीन मंजिला है। साथ ही प्रखंड व अंचल कार्यालय परिसर में पदाधिकारियों एवं कर्मियों के लिए आवास भी निर्मित किया गया है। भवन के छत पर 50 किलोवाट का सोलर पैनल लगाया गया है, जिससे कार्यालय भवन में बिजली की बचत होगी। इसके बाद मुख्यमंत्री ने अथमलगोला में 45.90 करोड़ रुपये लागत से राजकीय अन्य पिछड़ा वर्ग कन्या आवासीय प्लस-टू विद्यालय के नवनिर्मित भवन का उदघाटन किया। उन्होंने भवन का निरीक्षण किया।
इस भवन में प्रशासनिक भवन सहित विद्यालय भवन, 260-260 बेड का दो छात्रावास भवन एवं 20 शिक्षकों तथा अन्य कर्मियों के लिए आवास का निर्माण किया गया है। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने छात्रावास की व्यवस्थाओं की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि यह भवन अच्छा बना है। विद्यार्थियों के पठन-पाठन और रहने-सहने की व्यवस्था की गयी है। विद्यार्थियों के लिए खेल मैदान का भी निर्माण कराएं ताकि पढ़ाई के साथ-साथ खेल कूद में भी सक्रिय रहें।
पालिटेक्निक एवं अनुमंडलीय अस्पताल के भवन का उद्घाटनअथलमगोला के बाद मुख्यमंत्री ने बाढ़ में 72.79 करोड़ रुपये लागत से राजकीय पॉलिटेक्निक संस्थान के नवनिर्मित भवन का उदघाटन किया। मुख्यमंत्री ने शैक्षणिक एवं प्रशासनिक भवन के विभिन्न भागों का निरीक्षण किया। इस दौरान वहां छात्र-छात्राओं से मुलाकात की और लैब को भी देखा।
उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि आपलोग ठीक से पढ़ाई करें और आगे बढ़ें। मुख्यमंत्री ने राजकीय पॉलिटेक्निक संस्थान परिसर में पौधारोपण भी किया। इस भवन में चार मंजिला प्रशासनिक एवं शैक्षणिक भवन तथा छात्र एवं छात्राओं के लिए अलग-अलग छात्रावास का निर्माण किया गया है।
भवन के छत पर 150 किलोवाट का सोलर पैनल लगाया गया है, जिससे कार्यालय भवन में बिजली की बचत होगी। मुख्यमंत्री ने बाढ़ में 24.70 करोड़ रुपये लागत की 100 बेड वाले नये अस्पताल भवन का उदघाटन किया। उन्होंने अस्पताल के नर्सेज रूम, ओपीडी, भर्ती कक्ष आदि का निरीक्षण भी किया और वहां की व्यवस्थाओं व सुविधाओं की जानकारी ली। इस मौके मुख्यमंत्री ने कहा कि अस्पताल में मरीजों की सारी सुविधाओं का ध्यान रखें ताकि उन्हें इलाज कराने में किसी प्रकार की असुविधा न हो।
100 बेड वाला अस्पताल भवन में अत्याधुनिक सुविधाएंबाढ़ में 100 बेड वाला अस्पताल भवन चार मंजिला है। इसमें अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध है। भवन में मेडिकल गैस पाइपलाइन, अग्नि सुरक्षा प्रणाली, लिफ्ट एवं एयर कंडीशन की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है।
निर्माणाधीन पुल का तेजी से पूरा करने का निर्देशमुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बहादुरपुर के पास बख्तियारपुर-ताजपुर निर्माणाधीन पुल का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि ताजपुर से करजान तक बनने वाले इस पुल का निर्माण तेजी से पूर्ण करें। इस पुल के बन जाने से लोगों को आवागमन में काफी सहूलियत होगी। उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार की सम्पर्कता को और आसान बनाने में यह पुल उपयोगी होगा।
कार्यक्रम में मौजूद लोगउप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, जल संसाधन एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, विज्ञान प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री सुमित कुमार सिंह, भवन निर्माण मंत्री जयंत राज, पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री हरि सहनी, विधायक ज्ञानेन्द्र सिंह ज्ञानू, विधायक नीलम देवी, विधान पार्षद नीरज कुमार, विकास आयुक्त एवं स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डा.एस. सिद्धार्थ, ग्रामीण विकास विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव कुमार रवि, पथ निर्माण विभाग के सचिव संदीप आर. पुदुकलकट्टी, आयुक्त डा.चंद्रशेखर सिंह, बिहार राज्य पथ विकास निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक शीर्षत कपिल अशोक, जिलाधिकारी डा. त्यागराजन एस.एम. एवं वरीय पुलिस अधीक्षक अवकाश कुमार।
बिहार में ईडी की छापेमारी, पहलगाम के बाद लेन-देन के मिले थे सुराग, बैंकों में अरबों रुपये मंगवाने-निकालने का मामला
राज्य ब्यूरो, पटना। विभिन्न बैंक खातों में अरबों रुपये मंगवाने और निकासी करने के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार की सुबह बेगूसराय में दो युवकों के ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। दरअसल, पहलगाम घटना की जांच में जुटी केंद्रीय एजेंसी को इन युवकों की आर्थिक गतिविधियों को लेकर कई संदिग्ध जानकारियां मिली थीं।
वार्ड नंबर-13 में दी दबिशजिसके बाद मनी लाड्रिंग मामले में मामला दर्ज करने के बाद ईडी की टीम ने बेगूसराय के मंसूरचक थाना क्षेत्र स्थित समसा गांव के वार्ड नंबर-13 में पंकज ठाकुर के पुत्र अविनाश ठाकुर और झप्पू साह के पुत्र रजनीश कुमार राजा के घर पर एक साथ दबिश दी।
जम्मू-कश्मीर में था आना-जानासूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दोनों युवक का जम्मू-कश्मीर और पंजाब में लगातार आना-जाना लगा रहता था। सूत्र बता रहे हैं कि अविनाश और रजनीश पहले फ्लिपकार्ट में काम करते थे। अविनाश का सिलीगुड़ी निवासी एक रिश्तेदार दुबई में रहता था। पिछले साल अविनाश और रजनीश ने फ्लिपकार्ट की नौकरी छोड़ दी और दिल्ली में रहने लगे।
प्रलोभन देकर खाता खुलवाते थेये विभिन्न बैंकों में अपना और अपने जान-पहचान सहित अन्य लोगों को भी प्रलोभन देकर खाता खुलवाते थे। जिसमें अपना नया मोबाइल नंबर देते। उस खाते में बड़े पैमाने पर पैसा आता था और पैसा निकासी करने के बाद ये लोग खाता बंद कर देते थे। सिम भी तोड़ देते थे।
कई तरह के लोगों से मिलेचर्चा है कि इन दोनों ने कई बार दिल्ली और पंजाब से लेकर जम्मू-कश्मीर तक की यात्राएं कीं, जिसमें कई तरह के लोगों से मिले। इस दौरान इनके द्वारा खुलवाये गए खाते में विदेश से अरबों रुपये आए और उनकी निकासी भी की गई। फिलहाल, इस मामले में आगे भी जांच जारी रहेगी।
रजनीश के पिता भुंजा विक्रेताईडी के सहायक निदेशक मनीष कुमार के नेतृत्व में छापेमारी हुई है। 11 घंटे तक दोनों युवकों के घर को खंगाला गया और पूछताछ की गई। रजनीश के पिता भुंजा विक्रेता हैं।
मंत्री के मुकदमे पर प्रशांत किशोर का पलटवार, मैं डरने वाला नहीं; टिकट खरीदने की चर्चा पूरे बिहार में
राज्य ब्यूरो, पटना। जन सुराज पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर (पीके) का कहना है कि उनको मानहानि के मुकदमा और दूसरी प्राथमिकी से डराने वाला कोई पैदा नहीं हुआ है। कोई जितनी बार चाहे, मानहानि का मुकदमा और प्राथमिकी करा दे।
मानहानि के मुकदमे के संदर्भ में बयानबिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी द्वारा मानहानि के मुकदमे के संदर्भ में पीके ने ये बातें कहीं। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों वे यह कह चुके हैं कि चौधरी की पुत्री शांभवी को लोजपा (रामविलास) से मिले लोकसभा के टिकट में लेन-देन हुआ था।
हमारे साथ एक हवलदार तक नहींउन्होंने मंगलवार को एक बयान जारी कर कहा कि हम कोई बालू-शराब माफिया हैं, किसी सरकारी पद पर हैं! डंके की चोट पर तीन वर्ष से अपना अभियान चला रहे हैं। अभी हम यहां आए हैं और देख लीजिए हमारे साथ एक हवलदार तक नहीं है।
बिहार में तीन वर्ष से पैदल चल रहा हूंजिस बिहार में लोग मुखिया बनने के बाद सुरक्षा के बहाने चार गनमैन लेकर घूमते हैं, उसी बिहार में तीन वर्ष से पैदल चल रहा हूं और एक सिपाही तक नहीं लिया। कहा, हम किसी से डरने वाले नहीं। कोई यह नहीं कह सकता है कि हमने कोई गलत काम किया हो। लोकसभा चुनाव में टिकट खरीदने-बेचने के मामले की चर्चा पूरे बिहार में खुलेआम है। प्रशांत किशोर को कहने की आवश्यकता नहीं है।
प्रशांत किशोर के खिलाफ मानहानि मामले में हुई सुनवाईजागरण संवाददाता, पटना। जनसुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर के खिलाफ राज्य सरकार के मंत्री डा. अशोक चौधरी की ओर से दाखिल किए गए मानहानि से संबंधित मामले में पटना के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मनीष कुमार उपाध्याय की अदालत में मंगलवार को सुनवाई हुई। अदालत में परिवादी डा. अशोक चौधरी ने गवाही दी। गवाही में उन्होंने दाखिल मुकदमे एवं आरोपों का समर्थन किया। सुनवाई अधूरी रह गई। अदालत ने आरोपों के संबंध में साक्ष्य दाखिल करने का निर्देश दिया है।
परिवादी ने जनसुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर के उस कथित बयान को मानहानि वाला बताया है, जिसमें उन्होंने यह कहा था कि डा. अशोक चौधरी ने रुपये देकर अपनी पुत्री को संसद का सदस्य बनाया है। यह मुकदमा भारतीय न्याय संहिता की धारा 356 (1) एवं (2) के तहत दाखिल किया गया है।
बिहार में नक्सलियों की बड़ी साजिश नाकाम, मुंगेर में जमीन के अंदर लगाया था आइईडी बम
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों ने नक्सलियों की बड़ी साजिश नाकाम की है। नक्सलियों ने सुरक्षा बलों को क्षति पहुंचाने के उद्देश्य से मुंगेर जिले के हवेली खड़गपुर थाना अंतर्गत राजासराय एवं कांदिनी के बीच नवनिर्मित मोरंग सड़क के किनारे आइईडी पाइप बम लगाया था, जिसे समय रहते पुलिस और सुरक्षा बलों की टीम ने नष्ट कर दिया।
नक्सलियों के विरुद्ध लगातार अभियानदरअसल, बिहार एसटीएफ, सीआरपीएफ और मुंगेर जिला पुलिस की संयुक्त टीम नक्सलियों के विरुद्ध लगातार सर्च अभियान चला रही है। इसी बीच मंगलवार को नवनिर्मित मोरंग सड़क के किनारे टीम को संदिग्ध स्थिति में खुला हुआ नीले रंग का बिजली का तार नजर आया।
हवेली खड़गपुर थाना क्षेत्र का मामलासीआरपीएफ टीम के सहयोग से जांच की गई तो लगभग छह से सात किलोग्राम का 15 इंच लंबा और तीन इंच व्यास का एक आइईडी पाइप बम तार सहित बरामद किया गया। इस मामले में हवेली खड़गपुर थाने में आवश्यक अग्रतर कार्रवाई की जा रही है।
तीस हजार का इनामी नक्सली सुरेश राम गिरफ्तारबिहार एसटीएफ की विशेष टीम ने मोतिहारी जिले के तीस हजार के इनामी नक्सली सुरेश राम उर्फ शुभम उर्फ तुषार को गिरफ्तार किया है। एक सूचना पर शिवहर के तरियानी में छापेमारी कर नक्सली को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार नक्सली के विरुद्ध बगहा, मोतिहारी, सारण और मुजफ्फरपुर जिले के विभिन्न थानों में नक्सल कांड सहित हत्या, लूट, अपहरण, डकैती, आर्म्स एक्ट के सात कांड दर्ज हैं।
बेंगलुरु से पटना फ्लाइट लैंड होते ही बदला नजारा, पैसेंजर पर फूलों की बारिश; तिलक लगाकर स्वागत
जागरण संवाददाता, पटना। लोकनायक जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा (पटना एयरपोर्ट) की नई टर्मिनल बिल्डिंग सोमवार की आधी रात से क्रियाशील हो गई। मंगलवार को इंडिगो की पहली फ्लाइट बेंगलुरु से सुबह 7:14 बजे लैंड हुई। विमानन कंपनियों के कर्मी यात्रियों के स्वागत के लिए एरावइल गेट पर मौजूद थे।
सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुतियात्रियों पर पुष्प की वर्षा की गई। यही फ्लाइट एक घंटे बाद जब एयरपोर्ट के लिए उड़ान भरने लगी तो कंपनी के कर्मियों ने तिलक लगाकर यात्रियों का अभिनंदन किया और सुखद यात्रा की कामना की। सुबह छह बजे महिला कलाकारों ने एंट्री गेट पर सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति भी की।
नए टर्मिनल की भव्यता देख हुए चकितआने-जाने वाले यात्री नए टर्मिनल की भव्यता देख चकित रह गए। वे इधर-उधर नजरें फेर कर भवन का मुआयना करते रहे। सीआइएसएफ के जवान डिपार्चर और एराइवल एरिया में तैनात थे, जो यात्रियों को आगे का रास्ता दिखाने में मदद कर रहे थे। वैसे, सभी जगह साइनेज लगा है।
बोले यात्री, ऐसी कल्पना नहीं की थीइंडिगो के विमान से पटना पहुंचने वाले इंजीनियर राहुल वत्स ने कहा कि इंटरनेट मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा नए टर्मिनल के उद्घाटन की जानकारी मिली थी। टर्मिनल के बारे में कई साइट्स पर खबर भी पढ़ी थी पर इतना खूबसूरत दिखेगा इसका अंदाजा नहीं था। वहीं, पुनाइचक की नेहा सिन्हा ने कहा कि तीन दिनों बाद यात्रा करने का निर्णय लिया था।
ऐतिहासिक क्षण का आनंदजब मालूम हुआ कि तीन जून से नए टर्मिनल भवन से यात्रियों का आवागमन होगा तो पहले का टिकट ले लिया। किराया दोगुना पड़ा, मगर ऐतिहासिक क्षण का आनंद लेने की उत्सुकता के आगे पैसे पर ध्यान ही नहीं गया। बेंगलुरु जाने वाले बिल्डर प्रमोद कुमार ने कहा कि बेटे से मुलाकात के बहाने नए टर्मिनल से पहली फ्लाइट से उड़ान भरने का मौका मिल रहा है। समाचारपत्र से पता चला कि मंगलवार से नया टर्मिनल यात्रियों के लिए शुरू हो जाएगा तो बेटे को सरप्राइज देने का मन बना लिया।
डीजी यात्री एप के उपयोग से प्रवेश कर रहे थे यात्रीएंट्री गेट पर सीआइएसएफ के अलावा बिहार पुलिस के जवान भी सुरक्षा व्यवस्था में लगे थे। विमानन कंपनियों के कर्मचारी भी यात्रियों की सुविधा के लिए गेट पर खड़े दिखे। इस दौरान यात्रियों को डीजी यात्रा एप के बारे में बताया जा रहा था। अधिसंख्य यात्री एप के माध्यम से ही एंट्री कर रहे थे।
गेट पर टिकट और पहचान पत्र दिखाने की आवश्यकता नहींएप में बोर्डिंग पास अपलोड करने के बाद गेट पर टिकट और पहचान पत्र दिखाने की आवश्यकता नहीं होती। एप के माध्यम से जनरेट हुए क्यूआर कोड को स्कैन कर प्रवेश करना आसान है। विमानन कंपनियों के कर्मचारी यात्रियों को गेट पर ही अंदर किस ओर कैसे जाना है, इसकी जानकारी देते रहे।
दो-तीन घंटे पहले पहुंचने की दी गई थी सलाहगौर हो कि एयरपोर्ट प्रबंधन ने यात्रियों की सुविधा के मद्देनजर फ्लाइट के टेकआफ से दो-तीन घंटे पहले पहुंचने की सलाह दी थी। सुबह छह बजे से ट्रैफिक के 20 जवान एयरपोर्ट के एंट्री और एग्जिट गेट पर डटे रहे। हालांकि, यात्रियों को पार्किंग तक पहुंचने में किसी से पूछने की आवश्यकता नहीं पड़ रही थी।
सीआइएसएफ के जवान बता रहे थे रास्तापार्किंग में गाड़ी खड़ी करने के बाद सीआइएसएफ के जवान उन्हें टर्मिनल में जाने का रास्ता बता रहे थे। अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, विजिटर्स पास की अनुमति दे दी गई है। उन्हें सिक्योरिटी होल्ड एरिया से पहले तक जाने दिया जाएगा। यात्रियों की सुविधा के लिए ड्यूटी टर्मिनल मैनेजर का नंबर भी दिया गया था। कई यात्रियों ने काल कर धन्यवाद दिया।
Bihar Cabinet Meeting: दानापुर, फुलवारी और खगौल शहर का बढ़ा दायरा, सरकार ने शामिल किए नए क्षेत्र
राज्य ब्यूरो, पटना। राजधानी के आसपास बढ़ते शहरीकरण को देखते हुए राज्य सरकार ने दानापुर, फुलवारीशरीफ और खगौल के शहरी क्षेत्र का विस्तार किया है। इन तीनों निकायों में आसपास के नए ग्रामीण इलाकों को नगर परिषद क्षेत्र में शामिल किया गया है।
नगर विकास एवं आवास विभाग के इस प्रस्ताव पर मंगलवार को राज्य मंत्रिमंडल ने अपनी स्वीकृति दे दी। इसके साथ ही दानापुर, फुलवारीशरीफ और खगौल शहर का दायरा अब 49.05 वर्ग किलोमीटर तक फैल गया है।
विभागीय जानकारी के अनुसार, दानापुर निजामत नगर परिषद में फरीदनपुर, मैनपुरा, जमसौत (आंशिक), ढिबरा, कोथवां, मस्तफापुर (आंशिक), बबक्करपुर, आशोपुर (आंशिक) और नसीरपुर ग्राम को शामिल किया गया है। इस बदलाव के बाद दानापुर नगर परिषद का क्षेत्रफल 23.14 वर्ग किलोमीटर हो जाएगा, जिसमें वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार कुल आबादी एक लाख 95 हजार 564 है।
इसी तरह फुलवारीशरीफ नगर परिषद क्षेत्र में कुरकुरी, भुसौला दानापुर, नोहसा और नवादा के ग्रामीण इलाकों को शामिल किया गया है। इस बदलाव के बाद फुलवारीशरीफ नगर परिषद का कुल क्षेत्रफल 16.51 वर्ग किलोमीटर हो गया है, जिसकी कुल आबादी एक लाख 13 हजार 594 होगी।
राजधानी से सटे एक और नगर परिषद खगौल का दायरा बढ़ाकर 9.4 वर्ग किमी कर दिया गया है। इसमें सैदपुरा, आदमपुर कला, आदमपुर खुर्द, संदलपुर, बड़ी खगौल, लखनी बिगहा, खेदलपुरा, मुस्तफापुर, आशोपुर और सरारी को शामिल किया गया है। खगौल नगर परिषद की आबादी 65 हजार 451 होगी।
शहरी सुविधाओं का मिलेगा लाभ, होगा सुनियोजित विकास:पटना से सटे दानापुर, फुलवारीशरीफ और खगौल के शहरी क्षेत्र का दायरा बढ़ाने से इन इलाकों का सुनियोजित विकास हो सकेगा। तीनों नगर परिषद की बड़ी आबादी को अब शहरी सुविधाओं का लाभ मिल सकेगा।
जिन ग्रामीण इलाकों को शहरी क्षेत्र में शामिल किया गया है, वहां सड़क, बिजली, जलापूर्ति, जलनिकासी आदि की व्यवस्था अब नगर निकाय करेगा। इन इलाकाें में बड़ी संख्या में घर-अपार्टमेंट भी बनाए जा रहे हैं, जिसकी निगरानी और स्वीकृति शहरी निकायों से मिलेगी।