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Weather Updates: दिल्ली-NCR सहित इन राज्यों में अगले 6 दिनों तक होगी झमाझम बारिश; मानसून को लेकर भी IMD ने सुनाई खुशखबरी
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली : मानसून के लिए अनुकूल स्थितियां बनने से पहले देशभर में तेज हवाओं के साथ बादल और बारिश का दौर जारी है। प्रशांत महासागर में ला-नीना का छोटी अवधि तक सक्रिय रहकर निरपेक्ष हो जाने का असर मौसम में अप्रत्याशित बदलाव के रूप में दिख रहा है। यह परिवर्तन ऐसा है कि भारत मौसम विभाग (आइएमडी) का पूर्वानुमान भी सटीक नहीं उतर रहा है।
प्रारंभ में कहा गया था कि अप्रैल और मई का महीना बेहद गर्म रहेगा। हीट वेव की संख्या अधिक एवं अवधि भी लंबी होगी, परंतु अभी तक ऐसा कुछ नहीं दिखा। देश के अधिकतर हिस्से में तेज हवा के साथ बारिश की स्थितियां बनी हुई हैं, जो लगभग पांच-छह दिनों तक जारी रह सकती हैं। यानी अगले 10 दिनों तक हीटवेव से राहत रहेगी।
12 मई तक बादलों की सक्रियता बनी रहेगीउत्तर में हिमालय के निचले हिस्से में पश्चिमी विक्षोभ के रूप में चक्रवात संचरण, पूर्व में बंगाल की खाड़ी और पश्चिम में अरब सागर से आने वाली नमी युक्त हवाओं ने देश के बड़े हिस्से को प्रभावित कर रखा है। मौसम विज्ञानियों का मानना है कि इसके असर से उत्तर भारत के मैदानी क्षेत्रों में 12 मई तक बादलों की सक्रियता बनी रहेगी। जहां-तहां तेज आंधी के साथ बारिश भी होती रहेगी। इसके चलते हफ्तेभर तक तापमान में वृद्धि नहीं होगी।
हालांकि, दो-तीन दिनों के बाद बिहार-झारखंड एवं ओडिशा में बारिश बंद हो सकती है और हीट वेव की स्थिति बन सकती है। निजी एजेंसी स्काइमेट के अनुसार दस मई तक उत्तर-पश्चिम में हिमालय से लेकर मैदानों में आंधी के साथ बारिश होती रहेगी। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश के कई जिलों में बारिश और मेघ गर्जन की संभावना है।
ओला वृष्टि और तेज हवाएं भी क्षति पहुंचा सकती हैं। अभी गुजरात एवं राजस्थान समेत देश के कई हिस्से में चक्रवाती संचरण की स्थिति है। इसके चलते जहां-तहां भारी बारिश हो रही है। उत्तराखंड से लेकर आंध्र प्रदेश तक 70 से 100 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से हवा चल रही है। गुजरात में चार-पांच दिनों तक वर्षा का क्रम जारी रह सकता है।
समय से पहले दस्तक देगा मानसूनअंडमान सागर के दक्षिण और दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी की हलचल बता रही है कि इस बार भी मानसून जल्द आ सकता है।
मौसम विभाग ने इस क्षेत्र में 13 मई को मानसून की सक्रियता बढ़ने का अनुमान लगाया है। साथ ही यह भी बताया है कि हो सकता है इससे पहले भी सक्रिय हो जाए। भारत में दक्षिण-पश्चिम मानसून का आगमन केरल के रास्ते होता है। सामान्य तौर पर केरल के तट पर जून के पहले हफ्ते में मानसून दस्तक देता है। इसके पहले मई के दूसरे-तीसरे सप्ताह में अंडमान निकोबार में मानसून का आगमन होता है। पिछले वर्ष 30 मई को मानसून ने केरल में दस्तक दी थी।
मौसम विभाग का पूर्वानुमान बता रहा है कि इस बार भी समय से पहले आने का संकेत है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान में कहा गया है कि मानसून 13 मई के आसपास दक्षिणी अंडमान सागर, दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों और निकोबार आइलैंड की ओर बढ़ सकता है। पिछले वर्ष इस क्षेत्र में 15 मई को मानसून सक्रिय हुआ था।
श्रीलंका एवं भारत के बीच में केरल तट पर पहुंचने से पहले मानसून का अंडमान सागर पहला पड़ाव होता है। हालांकि भारत में मानसून के आगमन के बारे में अभी अनुमान लगाना सटीक नहीं होगा।
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'ये बेहद बेतुका बयान', पहलगाम हमले पर OIC की टिप्पणी को भारत ने किया खारिज; जानिए क्या कहा?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव है। भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई एक्शन लिए हैं। भारत के एक्शन से पाकिस्तान हड़बड़ाहट में आ गया है। इस बीच इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) ने इशारों ही इशारों में पाकिस्तान का सहयोग करने की बात की है।
वहीं, भारत ने मंगलवार को इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) की आलोचना की और पहलगाम हमले पर उसके बयान को बेतुका बताया। विदेश मंत्रालय (एमईए) ने कहा कि ओआईसी ने पाकिस्तान के इशारे पर बयान जारी किया है।
जानिए विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?जानकारी दें कि विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "पाकिस्तान के इशारे पर जारी किया गया ओआईसी का बयान पहलगाम आतंकवादी हमले और इसके सीमा पार संबंधों के तथ्यों को स्वीकार करने से इनकार करने में बेतुका है।" उन्होंने कहा, "यह पाकिस्तान द्वारा एक और प्रयास है, जो एक ऐसा देश है जो लंबे समय से सीमा पार आतंकवाद में लिप्त है, ताकि वह ओआईसी समूह को गुमराह करके स्वार्थी बयान जारी कर सके।"
रणधीर जायसवाल ने एक्स पर लिखा कि हम भारत के आंतरिक मामलों में ओआईसी के हस्तक्षेप को अस्वीकार करते हैं। बता दें कि ओआईसी ने दक्षिण एशियाई क्षेत्र में बिगड़ती सुरक्षा स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की और संयम बरतने तथा भारत और पाकिस्तान के बीच तत्काल बातचीत फिर से शुरू करने का आह्वान किया। वहीं, आईओसी ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच मतभेदों को "अंतर्राष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुसार शांतिपूर्ण तरीकों से" हल करना चाहिए।
ब्लूस्मार्ट-जेनसोल कंपनी की मुश्किलें बढ़ीं, धन की हेराफेरी मामले में कॉरपोरेट मंत्रालय ने दिए जांच के आदेश
पीटीआई, नई दिल्ली। कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने कंपनी कानून के कथित उल्लंघन के संबंध में जेनसोल इंजीनियरिंग और ब्लूस्मार्ट मोबिलिटी के मामलों की जांच का आदेश दिया है। जेनसोल इंजीनियरिंग कथित रूप से धन की हेराफेरी और कामकाज संबंधी खामियों के लिए नियामक जांच के दायरे में है।
ब्लूस्मार्ट मोबिलिटी अनमोल सिंह जग्गी द्वारा प्रवर्तितमार्केट रेगुलेटर सेबी ने अप्रैल में एक आदेश पारित कर कंपनी के प्रमोटर अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी को विभिन्न उल्लंघनों के लिए प्रतिभूति बाजार से प्रतिबंधित कर दिया था। ब्लूस्मार्ट मोबिलिटी अनमोल सिंह जग्गी द्वारा प्रवर्तित है।
अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि मंत्रालय ने पिछले सप्ताह कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 210 के तहत कंपनियों के खिलाफ जांच का आदेश दिया। मंत्रालय को धारा 210 के तहत जनहित सहित विभिन्न आधारों पर किसी कंपनी के मामलों की जांच का आदेश देने का अधिकार है।
मंत्रालय आवश्यक कार्रवाई करेगाइससे पहले मंत्रालय ने कहा था कि वह सेबी के आदेश की समीक्षा करने के बाद मामले में आवश्यक कार्रवाई करेगा। सेबी ने 15 अप्रैल को जेनसोल के प्रमोटर के खिलाफ आदेश जारी किया था।
इन प्रमोटरों पर आरोप है कि उन्होंने अपनी सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध कंपनी जेनसोल इंजीनियरिंग से ऋण राशि को निजी उपयोग के लिए गबन किया है। इससे कंपनी के कामकाज के तरीकों और वित्तीय कदाचार को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं।
समीक्षा छह महीने में पूरी करने की संभावनाइस बीच, इंस्टीट्यूट चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आइसीएआइ) के जेनसोल इंजीनियरिंग लिमिटेड और ब्लूस्मार्ट मोबिलिटी के वित्तीय विवरणों की समीक्षा छह महीने में पूरी करने की संभावना है। आइसीएआइ का वित्तीय रिपोर्टिंग समीक्षा बोर्ड (एफआरआरबी) वित्त वर्ष 2023-24 के लिए दोनों कंपनियों के वित्तीय विवरणों की समीक्षा कर रहा है।
India Inc welcomes UK trade pact
Gaganyaan Mission के 2027 में पूरा होने की उम्मीद, इस साल के अंत में लॉंच हो सकता है गगनयान परियोजना का पहला मानवरहित मिशन
पीटीआई, नई दिल्ली। भारत के पहले मानव अंतरिक्ष उड़ान, गगनयान का प्रक्षेपण 2027 की पहली तिमाही तक टाल दिया गया है। गगनयान अभियान में पृथ्वी की 400 किलोमीटर पर स्थित निचली कक्षा में अंतरिक्षयात्रियों को भेजा जाएगा। उनकी पृथ्वी पर सुरक्षित वापसी भी कराई जाएगी। अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत अंतरिक्ष में मानव भेजने वाला चौथा देश बन जाएगा।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष वी. नारायणन ने कहा कि गगनयान परियोजना का पहला मानवरहित मिशन इस साल के अंत में प्रक्षेपित होने की उम्मीद है। इसके बाद 2026 में इसी तरह के दो और मिशन प्रक्षेपित किए जाएंगे। पहला मानवयुक्त मिशन 2027 की पहली तिमाही में लांच किया जाएगा। अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजने से पहले इसरो मानवरहित मिशन के तहत रोबोट 'व्योममित्र' को भेजेगा।
परियोजना में कई बार हुई देरीप्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2018 में अपने स्वतंत्रता दिवस संबोधन के दौरान गगनयान परियोजना की घोषणा की थी और भारत की पहली मानवयुक्त अंतरिक्ष उड़ान के लिए 2022 का लक्ष्य निर्धारित किया था। इस परियोजना में कई बार देरी हुई है, जिसका एक कारण कोविड महामारी भी रही। देरी का दूसरा कारण मिशन के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों में महारत हासिल करने संबंधी जटिलताएं हैं।
गगनयान मिशन के लिए मानव-योग्य प्रक्षेपण यान विकसित करने के साथ ही इसरो विज्ञानियों ने मिशन के लिए पर्यावरण नियंत्रण एवं जीवन सहायता प्रणाली (ईसीएलएसएस) का भी निर्माण किया है। ईसीएलएसएस मिशन की अवधि के दौरान अंतरिक्ष यान में केबिन दबाव, आर्द्रता, तापमान, वायु गुणवत्ता और व्यक्तिगत स्वच्छता प्रबंधन प्रणाली को बनाए रखने में मदद करेगी।
नारायणन ने कहा, यह जटिल प्रक्रिया है। 90 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है और हम अंतिम चरण में हैं। नारायणन ने कहा कि दिसंबर में पीएसएलवी राकेट द्वारा प्रक्षेपित दो उपग्रहों के अंतरिक्ष 'डा¨कग' प्रयोग सफल रहे और इसरो 'स्पैडेक्स-2' की योजना बना रहा है।
उन्होंने कहा कि इस संबंध में एक प्रस्ताव जल्द ही सरकार के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। नारायणन ने कहा कि 'स्पैडेक्स' मिशन के दौरान ईंधन के विवेकपूर्ण उपयोग से इसरो को कक्षा में और अधिक प्रयोग करने का अवसर मिला। उन्होंने कहा कि इसरो सात से नौ मई तक वैश्विक अंतरिक्ष अन्वेषण सम्मेलन (ग्लेक्स 2025) की मेजबानी कर रहा है, जो भारत को अंतरिक्ष अन्वेषण में भागीदार के रूप में स्थापित करेगा।
आइएसएस में शुभांशु शुक्ला को उपलब्ध कराया जाएगा 'घर का खाना'भारतीय अंतरिक्षयात्री शुभांशु शुक्ला को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आइएसएस) की यात्रा के दौरान भारतीय भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। शुभांशु शुक्ला इस महीने के अंत में एक्सिओम मिशन 4 के तहत आइएसएस की यात्रा करेंगे। इस दौरान वह विभिन्न प्रकार के चावल, मूंग दाल के हलवे और आम के रस का स्वाद ले सकेंगे। शुभांशु आइएसएस में 14 दिन रहेंगे। वह नासा द्वारा मिशन के लिए स्वीकृत विभिन्न अंतरराष्ट्रीय व्यंजनों का भी आनंद ले सकेंगे।
इसरो के विज्ञानियों ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के साथ मिलकर अंतरिक्ष मिशन के दौरान अंतरिक्षयात्रियों के लिए चावल के व्यंजन, मूंग दाल का हलवा और आम का रस सहित अन्य व्यंजन विकसित किए हैं।
इसरो के मानव अंतरिक्ष उड़ान केंद्र के निदेशक डीके. सिंह ने कहा, शुक्ला जी को 'घर का खाना' मिलेगा और उनके पास नासा द्वारा अनुमोदित अंतरराष्ट्रीय व्यंजनों में से चुनने का विकल्प भी होगा। इसरो और डीआरडीओ ने गगनयान मिशन के अंतरिक्षयात्रियों के लिए खाद्य पदार्थ विकसित किए हैं और नासा की मंजूरी से इन्हें शुक्ला को उपलब्ध कराया जा रहा है।
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वायुसेना के लड़ाकू विमान पाकिस्तान सीमा के करीब करेंगे युद्धाभ्यास, जारी हुआ NOTAM का नोटिस
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ सख्त जवाबी कार्रवाई की उठ रही मांग के बीच भारतीय वायुसेना बुधवार-गुरूवार की रात राजस्थान में पाकिस्तान से लगी अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर बड़ा युद्धाभ्यास करेगी।
जम्मू-कश्मीर की बजाय राजस्थान सीमा पर वायुसेना का यह युद्धाभ्यास पाकिस्तान को भारत की जवाबी कार्रवाईयों के लिए पुख्ता तैयारियों का संदेश होगा। भारतीय वायुसेना अपने इस बड़े युद्धाभ्यास में सबसे आधुनिक लड़ाकू विमान राफेल के साथ-साथ सुखोई, जगुआर और मिग आदि को शामिल करेगी।
जारी किया गया NOTAM का नोटिससमझा जाता है कि वायुसेना ने इस युद्धाभ्यास के लिए मंगलवार शाम को नोटिस टू एयरमैन यानि (नोटम) जारी कर इसकी जानकारी दे दी। साथ ही युद्धाभ्यास के लिए बुधवार-गुरुवार रात इस इलाके के बड़े वायुक्षेत्र को नो फ्लाइंग जोन घोषित करते हुए सभी तरह के विमानों के उड़ानों को प्रतिबंधित रखने की घोषणा की गई है। वायुसेना का यह युद्धभ्यास सामान्य से हटकर इसलिए बताया जा रहा है कि इसमें पाकिस्तान से लगी अंतर्राष्ट्रीय सीमा के बड़े क्षेत्र में वायुसेना के लड़ाकू विमान अपनी युद्धक तैयारियों को अंजाम देंगे। समझा जाता है कि वायुसेना यह युद्धाभ्यास बुधवार रात नौ बजे शुरू करेगी और यह छह घंटे तक चलेगा यानि इसका समापन गुरूवार सुबह तीन बजे होगा।
विमानों उड़ान भरने और उतरने रहेगी रोकजाहिर तौर पर इस दौरान अंतर्राष्ट्रीय सीमा के आस-पास उड़ान विमानों के उड़ान भरने और उतरने पर रोक रहेगी। पहलगाम आतंकी हमले के परिप्रेक्ष्य में पाकिस्तान के खिलाफ राजनयिक कदमों और सिंधु जल समझौता रद करने के बाद भारत सामरिक कार्रवाई के विकल्पों पर विचार कर रहा है और तीनों सेनाएं अपने स्तर पर इसकी तैयारियां कर रही हैं। वायुसेना का यह युद्धाभ्यास साफ तौर पर पाकिस्तान को यह संदेश देने का प्रयास है कि पहलगाम जैसी घटनाओं को भारत बर्दाश्त करने को तैयार नहीं है।
थलसेना की भी अग्रिम मोर्चे पर पुख्ता तैयारियां चल रही हैं और सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी पहलगाम हमले के तत्काल बाद श्रीनगर का दौरा कर लौट चुके हैं जहां उन्होंने जम्मू-कश्मीर में तैनात सेना के शीर्ष कमांडरों से रणनीति तथा सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की थी।
पीएम मोदी ने की तीनों सेनाओं के प्रमुख से बातमालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस घटना के बाद तीनों सेनाओं के प्रमुखों से अलग-अलग बातचीत कर चुके हैं। भारतीय नौसेना ने भी हिंद महासागर में अपनी युद्धक तैयारियों का पिछले दिनों अभ्यास किया था। इस बीच गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को बुधवार को नागरिक सुरक्षा अभ्यास कराने के लिए कहा है जिसमें युद्ध के समय सैन्य कार्रवाई की स्थिति में नागरिकों की सुरक्षा सक्रियता जागरूकता बढ़ाई जा सके।
Hot sub-Neptune Exoplanet TOI-421 b NIRISS/NIRSpec Transmission Spectrum - astrobiology.com
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Trump floats ‘marriage’ with Canada, PM Carney fires back: 'Not for sale' | White House meet - Hindustan Times
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