Feed aggregator

'स्वामी सहजानंद सरस्वती के नाम पर हो बिहटा एयरपोर्ट' , केंद्रीय मंत्री नायडु से मिले रोहित कुमार सिंह

Dainik Jagran - May 14, 2025 - 7:18pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। युवा चेतना के राष्ट्रीय संयोजक रोहित कुमार सिंह ने सोमवार को नई दिल्ली में भारत सरकार के नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडु से शिष्टाचार भेंट की। इस दौरान उन्होंने पटना के बिहटा में निर्माणाधीन ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट का नामकरण स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और किसान-मजदूरों के महान नेता स्वामी सहजानंद सरस्वती के नाम पर करने की मांग दोहराई।

रोहित कुमार सिंह ने मंत्री नायडु को बताया कि स्वामी सहजानंद सरस्वती न सिर्फ बिहार बल्कि पूरे भारत के किसानों की आवाज थे। उन्होंने जमींदारी प्रथा के उन्मूलन के लिए बड़ा आंदोलन खड़ा किया और भारतीय किसान सभा जैसी ऐतिहासिक संस्था की स्थापना कर लाखों किसानों को संगठित किया। उनके विचार आज भी ग्रामीण भारत और किसानों के संघर्ष के प्रतीक हैं।

बिहटा से है सहजानंद सरस्वती का ऐतिहासिक संबंध

रोहित ने कहा कि स्वामी सहजानंद सरस्वती का ऐतिहासिक आश्रम  सीताराम आश्रम बिहटा में ही स्थित है, जो आज भी किसान चेतना और सामाजिक न्याय के केंद्र के रूप में देखा जाता है। ऐसे में यह उचित होगा कि पटना के पास बन रहे इस नए अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को स्वामी जी के नाम पर समर्पित किया जाए। इससे एक ओर जहां बिहार के ऐतिहासिक गौरव को मान्यता मिलेगी, वहीं देश के युवाओं और किसानों को प्रेरणा भी मिलेगी।

Categories: Bihar News

खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 में बिहार के खिलाड़ियों ने रचा इतिहास, मणिपुर का दबदबा बरकरार

Dainik Jagran - May 14, 2025 - 7:11pm

डिजिटल डेस्क, गया/पटना। मणिपुर की पारंपरिक मार्शल आर्ट थांग-टा, जो खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 (KIYG) में शामिल पांच स्वदेशी खेलों में से एक है, बुधवार को गया के बिहार इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन एंड रूरल डेवलपमेंट (BIPARD) में समाप्त हुई। मेजबान बिहार ने इतिहास रचते हुए पहली बार दो स्वर्ण पदक जीतकर कीर्तिमान स्थापित किया, जबकि मणिपुर ने सबसे ज्यादा तीन स्वर्ण पदकों के साथ अपना दबदबा बनाए रखा।

बिहार की ओर से प्रिय प्रेरणा और माहिका कुमारी ने स्वर्ण पदक जीतकर राज्य को गौरवान्वित किया। कुल आठ स्वर्ण पदकों में से मणिपुर ने तीन, बिहार और असम ने दो-दो, जबकि मध्य प्रदेश ने एक स्वर्ण पदक जीता।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार थांग-टा, मल्लखंब, गतका, कलरिपयट्टु और योगासन जैसे पारंपरिक स्वदेशी खेलों को लोकप्रिय बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। भारत 2036 ओलंपिक की मेजबानी के लिए प्रयासरत है और अगर ऐसा हुआ तो इन खेलों को ओलंपिक में जगह बनाने का प्रयास किया जाएगा।

थांग-टा का सफर और हुइद्रोम प्रेमकुमार की भूमिका

70 वर्षीय हुइद्रोम प्रेमकुमार, जो थांग-टा के पुनरुत्थान के मुख्य स्तंभ रहे हैं, ने खेल की यात्रा पर प्रकाश डाला।

वह कहते हैं, “1891 में ब्रिटिश सरकार ने इस खेल को प्रतिबंधित कर दिया था क्योंकि यह उनके लिए चुनौती बन रहा था। 1930 में एक स्थानीय राजा के प्रयासों से इसे पुनर्जीवित किया गया और फिर मेरे गुरु राजकुमार सनाहान ने इसकी बागडोर संभाली।”

1988 में सनाहान के निधन के बाद, प्रेमकुमार ने इस परंपरा को आगे बढ़ाया। उन्होंने इसे भारत के कोने-कोने में और विदेशों (दक्षिण कोरिया, ईरान) तक पहुँचाया। 2021 में जब इसे खेलो इंडिया यूथ गेम्स में शामिल किया गया, तब इस खेल को नई पहचान मिली।

प्रेमकुमार ने कहा, “मैंने अपनी पूरी ज़िंदगी थांग-टा को समर्पित कर दी है। हम जहाँ हैं, उस पर गर्व है, लेकिन अभी बहुत कुछ करना बाकी है। स्थानीय मार्शल आर्ट्स को प्राथमिकता मिलनी चाहिए। दूसरों का अपमान नहीं, लेकिन अपनी परंपरा को ज़्यादा समर्थन मिलना चाहिए।”

प्रतियोगिता और प्रतिभागिता

थांग-टा में दो वर्ग शामिल थे:

फुनबा अमा (Phunaba Ama): पारंपरिक संस्करण जिसमें तलवार (चैबी) और ढाल (चुंगोई) का उपयोग होता है।

फुनबा अनीशुबा (Phunaba Anishuba): प्रेमकुमार द्वारा विकसित संस्करण, जिसमें ढाल नहीं होती, लेकिन किकिंग की अनुमति होती है।

25 राज्यों के 128 खिलाड़ियों ने चार भार वर्गों (-52kg, -56kg लड़कियाँ; -56kg, -60kg लड़के) में भाग लिया। 12 से 14 मई तक चले इस तीन दिवसीय आयोजन में प्री-क्वार्टरफाइनल से लेकर फाइनल तक रोमांचक मुकाबले हुए।

बिहार के कोच की भूमिका

बिहार के कोच सारंगथेम टीकेन सिंह, जो मूल रूप से मणिपुर से हैं, ने बिहार की सफलता में अहम भूमिका निभाई।

कोच सिंह ने कहा, “बिहार के बच्चे बहुत प्रतिभाशाली हैं। हमने राजगीर में दो महीने का कैंप किया था। उन्होंने बड़ी मेहनत की और बहुत तेज़ी से सीखा।”

थांग-टा के परिणाम-

फुनबा अनीशुबा (बालक, -56kg):

• स्वर्ण: थोकचोम श्रीनिवास सिंह (मणिपुर)

• रजत: सत्यं डांगी (मध्य प्रदेश)

• कांस्य: राहुल यादव (राजस्थान), मनीष राय (नागालैंड)

फुनबा अनीशुबा (बालक, -60kg):

• स्वर्ण: कोंजेंगबम परेहानबा सिंह (मणिपुर)

• रजत: गर्व (दिल्ली)

• कांस्य: हरमन सैनी (पंजाब), भुमिक राज (बिहार)

फुनबा अमा (बालक, -56kg):

• स्वर्ण: प्रणय दास (असम)

• रजत: वैभव शरद माली (महाराष्ट्र)

• कांस्य: युमनाम मलेमंगनबा मैतेई (मणिपुर), जस्टिन वेनर (नागालैंड)

फुनबा अमा (बालक, -60kg):

• स्वर्ण: राजदीप दास (असम)

• रजत: लक्ष्य (हरियाणा)

• कांस्य: लकी कुमार (बिहार), थोइबा युमनाम (मणिपुर)

फुनबा अनीशुबा (बालिका, -52kg):

• स्वर्ण: थांजम लेम्बिसाना देवी (मणिपुर)

• रजत: थ. रेनूका देवी (असम)

• कांस्य: तानिया डे (त्रिपुरा), सुवाक्षी सरगम (बिहार)

फुनबा अनीशुबा (बालिका, -56kg):

• स्वर्ण: माहिका कुमारी (बिहार)

• रजत: मेमोला देवी (असम)

• कांस्य: आलिया अक्तर (छत्तीसगढ़), प्रियांशी (हिमाचल प्रदेश)

फुनबा अमा (बालिका, -52kg):

• स्वर्ण: प्रिया प्रेर्णा (बिहार)

• रजत: इरोम अनामिका देवी (मणिपुर)

• कांस्य: किरण साहू (छत्तीसगढ़), अपेक्षा बसवराज (महाराष्ट्र)

फुनबा अमा (बालिका, -56kg):

• स्वर्ण: अंजली रावत (मध्य प्रदेश)

• रजत: लौरेंबम डैना देवी (मणिपुर)

• कांस्य: लवली बर्मन (पश्चिम बंगाल), तनिष्का रमेश कुंभार (महाराष्ट्र)

खेलो इंडिया यूथ गेम्स, खेलो इंडिया कार्यक्रम का हिस्सा हैं, जिसे 14 अक्टूबर, 2017 को लॉन्च किया गया था।

Categories: Bihar News

Sebi comes out with composition of internal audit team for CRAs

Business News - May 14, 2025 - 6:25pm
Markets regulator Sebi on Wednesday expanded the list of eligible professionals who can be part of the internal audit team for Credit Rating Agencies (CRAs), making it more inclusive. Earlier, the internal audit team for CRAs was required to include a Chartered Accountant (ACA/FCA), and a Certified Information Systems Auditor (CISA) or someone with a Diploma in Information System Audit (DISA). With the latest update, the revised criteria now allow for either a Chartered Accountant (ACA/FCA) or a Cost Accountant (ACMA/FCMA), along with a professional holding one of the following qualifications: CISA, DISA, or DISSA (Diploma in Information System Security Audit from ICMAI). "The audit team must be composed of at least a Chartered Accountant (ACA/FCA) or a Cost Accountant (ACMA/FCMA) and a Certified Information Systems Auditor/ Diploma in Information System Auditor/ Diploma in Information System Security Audit (CISA/ DISA/ DISSA)," Sebi said in its circular. The new requirements are applicable with immediate effect.
Categories: Business News

Bhargavastra: कितना शक्तिशाली है भारत का 'भार्गवास्त्र' ड्रोन सिस्टम? चीन की भी निकल जाएगी हेकड़ी

Dainik Jagran - National - May 14, 2025 - 5:55pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के दौर में युद्ध भी अब हाईटेक हो चुकी है, जहां ड्रोन (Drone) सबसे बड़ा और घातक हथियार बन चुका है। हाल ही में भारत-पाकिस्तान सैन्य संघर्ष में बड़े पैमाने पर ड्रोन का इस्तेमाल किया गया। वहीं, रूस-यूक्रेन युद्ध में भी ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसी के मद्देनजर भारत अपनी रक्षा क्षमताओं को लगातार मजबूत करता जा रहा है।

पाकिस्तान से चल रहे तनाव के बीच भारत ने स्वदेशी 'भार्गवास्त्र' ड्रोन-रोधी प्रणाली (India anti drone weapon) की सफल टेस्टिंग की है। यह प्रणाली एक साथ 64 गाइडेड माइक्रो-मिसाइल दागने में सक्षम है, जो इसे ड्रोन झुंडों के खिलाफ एक अभूतपूर्व समाधान बनाती है।

कम लागत में तैयार की गई 'भार्गवास्त्र' ड्रोन-रोधी प्रणाली

सोलर डिफेंस एंड एयरोस्पेस लिमिटेड द्वारा ड्रोन-रोधी प्रणाली को तैयार किया गया है। सबसे खास बात है कि इस प्रणाली को विकसित करने में ज्यादा पैसे भी खर्च नहीं किए गए। यह प्रणाली भारत की आत्मनिर्भर रक्षा नीति और 'मेक इन इंडिया' मिशन की एक और सफलता को उदाहरण है।

#WATCH | A new low-cost Counter Drone System in Hard Kill mode 'Bhargavastra', has been designed and developed by Solar Defence and Aerospace Limited (SDAL), signifying a substantial leap in countering the escalating threat of drone swarms. The micro rockets used in this… pic.twitter.com/qM4FWtEF43

— ANI (@ANI) May 14, 2025

'भार्गवास्त्र' की हुई तीन बार टेस्टिंग

13 मई को ओडिशा के गोपालपुर सीवर्ड फायरिंग केंज में इस प्रणाली के माइक्रो रॉकेट्स की टेस्टिंग की गई। टेस्टिंग में रॉकेट्स ने सभी टारगेट (ड्रोन) को हिट किया। आर्मी एयर डिफेंस (एएडी) के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में रॉकेट के लिए तीन टेस्टिंग की गई।

पहली दो टेस्टिंग में एक-एक रॉकेट दागे गए। इसके बाद तीसरे टेस्टिंग में: सैल्वो मोड में दो सेकंड के अंतराल में दो रॉकेट दागे गए।  चारों रॉकेट्स ने शानदार प्रदर्शन किया। रॉकेट्स ने सभी लॉन्च पैरामीटर हासिल किए।

आसान भाषा में समझें तो झुंड में आने वाले ड्रोन को मार गिराने में भी 'भार्गवास्त्र (Bhargavastra Drone System) ने सफलता हासिल की है। बता दें कि पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ 400 से ज्यादा ड्रोन दागे थे। हालांकि, भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने सभी ड्रोन को मार गिराया था।

(फोटो सोर्स: BharatShakti.in)

 'भार्गवास्त्र' की खास विशेषताएं

'भार्गवास्त्र' ड्रोन-रोधी प्रणाली को मुख्य तौर पर तीन अलग कामों के लिए डिजाइन किया गया है।

पहला: अनगाइडेड माइक्रो रॉकेट्स। इन रॉकेट्स का काम ड्रोन झुंड के झुंड को मार गिराना है।

दूसरा: गाइडेड माइक्रो-मिसाइल। इस मिसाइल का काम ड्रोन पर सटीक हमला करना है।

तीसरा:  सॉफ्ट-किल परत। यह जैमिंग और स्पूफिंग की वैकल्पिक सुविधा देती है।  सॉफ्ट-किल परत के जरिए ड्रोन को बिना नष्ट किए निष्क्रिय किया जा सकता है।

(फोटो सोर्स: BharatShakti.in)

सबसे बड़ी बात है कि 'भार्गवास्त्र' ड्रोन-रोधी प्रणाली को थल सेना, नौसेना और वायुसेना तीनों के लिए रक्षा ढाल का काम कर सकती है। इस प्रणाली की वजह से भारत की एयर डिफेंस सिस्टिम और भी मजबूत बन चुकी है।  

यह भी पढ़ें: क्या है Operation Sindoor का 'त्रिवेणी' कनेक्शन? आदमपुर एयरबेस से पीएम मोदी ने पाकिस्तान को दिया अल्टीमेटम

Categories: Hindi News, National News

Pages

Subscribe to Bihar Chamber of Commerce & Industries aggregator

  Udhyog Mitra, Bihar   Trade Mark Registration   Bihar : Facts & Views   Trade Fair  


  Invest Bihar