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SC: दुर्लभ बीमारियों के लिए केंद्रीय मदद की सीमा पर सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई, बढ़ सकती है सहायता लिमिट

Dainik Jagran - National - April 9, 2025 - 2:15am

पीटीआई, नई दिल्ली। स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (एसएमए) जैसी दुर्लभ बीमारियों से पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए केंद्रीय सहायता की 50 लाख रुपये की सीमा को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को विचार करने का फैसला किया।

पीठ ने कही ये बात

प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ ने कहा कि इन याचिकाओं पर जस्टिस पीएस नरसिम्हा की अध्यक्षता वाली पीठ 13 मई से शुरू होने वाले हफ्ते में सुनवाई करेगी।

पीठ ने कहा कि एसएमए की दवा रिस्डिप्लाम बनाने वाली कंपनी एफ हाफमैन-ला रोश लिमिटेड ने इस बीमारी से पीड़ित केरल की 24 वर्षीय सीबा पीए को एक वर्ष दवा मुफ्त देने पर सहमति दी है। दवा की एक बोटल 6.2 लाख रुपये की है। शीर्ष अदालत ने 24 फरवरी को केंद्र की अपील पर हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी।

केंद्र ने कहा था कि उसे 50 लाख रुपये की सीमा पार करने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने इस दलील पर भी गौर किया था कि एसएमए रोगी के इलाज का खर्च 26 करोड़ रुपये तक हो सकता है और पाकिस्तान व चीन में रिस्डिप्लाम के दाम काफी कम हैं।

महिला सुरक्षा पर लोगों की सोच बदलें : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा और दुष्कर्म के खतरे को कम करने के लिए लोगों की सोच बदलनी होगी क्योंकि ये खतरा शहरों व ग्रामीण क्षेत्रों में सब जगह है। इसके लिए सर्वोच्च अदालत ने शिक्षा में बदलाव के साथ ही शिक्षा प्रणाली से दूर और बाहर हो चुके लोगों को सुधारने के लिए केंद्र सरकार को उचित उपाय करने को कहा है।

सुनवाई छह मई तक के लिए स्थगित

सर्वोच्च अदालत ने इस संबंध में केंद्र सरकार को एक विस्तृत हलफनामा दायर करने के लिए तीन हफ्ते का समय देकर सुनवाई छह मई तक के लिए स्थगित कर दी है।

जस्टिस बीवी नागरत्ना और सतीष चंद्र शर्मा की खंडपीठ ने देश में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि महिलाओं को अकेला छोड़ दीजिए। उन्हें अपने चारों तरफ हेलीकाप्टर नहीं चाहिए। उन्हें निगरानी व रोकटोक की जरूरत नहीं। उन्हें पनपने दीजिए, इस देश की महिलाएं यही चाहती हैं।

महिलाओं में खुले में शौच जाने के दौरान होती है परेशानी

खंडपीठ ने कहा कि उन्हें वास्तवित जीवन में ऐसे मामले देखे हैं कि महिलाओं में खुले में शौच जाने के दौरान मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। अभी भी गांवों में शौचालयों की सुविधा नहीं है। अधिवक्ता आदाब हर्षद पोंडा की जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान इस दिशा में शिक्षा और जनजागरूकता के मुद्दे को उठाया है।

देश में दुष्कर्म समेत विभिन्न अपराध बढ़ते ही जा रहे हैं

याचिका में बताया गया कि महिलाओं के खिलाफ दुष्कर्म समेत विभिन्न अपराध बढ़ते ही जा रहे हैं। इस पर केंद्र सरकार ने सर्वोच्च अदालत को बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में शिक्षा पाठ्यक्रमों में नैतिक शिक्षा की व्यवस्था है। याचिका में विज्ञापन, सेमिनारों, पर्चों के जरिये केंद्र को स्थानीय प्रशासन को दिशा-निर्देश देने को कहा गया है। शिक्षा के दायरे से बाहर जा चुके लोगों को भी सुधारने की सलाह दी गई है।

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महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों पर सुप्रीम कोर्ट चिंतित, कहा- वूमन सेफ्टी पर लोगों को अपनी सोच बदलनी होगी

Dainik Jagran - National - April 9, 2025 - 2:15am

 एएनआइ, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा और दुष्कर्म के खतरे को कम करने के लिए लोगों की सोच बदलनी होगी क्योंकि ये खतरा शहरों व ग्रामीण क्षेत्रों में सब जगह है। इसके लिए सर्वोच्च अदालत ने शिक्षा में बदलाव के साथ ही शिक्षा प्रणाली से दूर और बाहर हो चुके लोगों को सुधारने के लिए केंद्र सरकार को उचित उपाय करने को कहा है।

महिलाओं को अकेला छोड़ दीजिए- सुप्रीम कोर्ट

सर्वोच्च अदालत ने इस संबंध में केंद्र सरकार को एक विस्तृत हलफनामा दायर करने के लिए तीन हफ्ते का समय देकर सुनवाई छह मई तक के लिए स्थगित कर दी है।

जस्टिस बीवी नागरत्ना और सतीष चंद्र शर्मा की खंडपीठ ने देश में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि महिलाओं को अकेला छोड़ दीजिए। उन्हें अपने चारों तरफ हेलीकाप्टर नहीं चाहिए। उन्हें निगरानी व रोकटोक की जरूरत नहीं। उन्हें पनपने दीजिए, इस देश की महिलाएं यही चाहती हैं।

अभी भी गांवों में शौचालयों की सुविधा नहीं

खंडपीठ ने कहा कि उन्हें वास्तवित जीवन में ऐसे मामले देखे हैं कि महिलाओं में खुले में शौच जाने के दौरान मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। अभी भी गांवों में शौचालयों की सुविधा नहीं है। अधिवक्ता आदाब हर्षद पोंडा की जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान इस दिशा में शिक्षा और जनजागरूकता के मुद्दे को उठाया है।

महिलाओं के खिलाफ दुष्कर्म समेत विभिन्न अपराध बढ़ते ही जा रहे हैं

याचिका में बताया गया कि महिलाओं के खिलाफ दुष्कर्म समेत विभिन्न अपराध बढ़ते ही जा रहे हैं। इस पर केंद्र सरकार ने सर्वोच्च अदालत को बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में शिक्षा पाठ्यक्रमों में नैतिक शिक्षा की व्यवस्था है। याचिका में विज्ञापन, सेमिनारों, पर्चों के जरिये केंद्र को स्थानीय प्रशासन को दिशा-निर्देश देने को कहा गया है। शिक्षा के दायरे से बाहर जा चुके लोगों को भी सुधारने की सलाह दी गई है।

केरल की मांग, राज्यपाल के विरुद्ध याचिका जस्टिस पार्डीवाला की पीठ को ट्रांसफर हो

केरल सरकार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया कि राज्य विधानसभा से पारित विधेयकों को स्वीकृति देने में विलंब पर राज्यपाल के विरुद्ध दायर उसकी याचिका जस्टिस जेबी पार्डीवाला की अध्यक्षता वाली पीठ को स्थानांतरित कर दी जाए। जस्टिस पार्डीवाला की पीठ ने ही तमिलनाडु सरकार की याचिका पर फैसला सुनाया है।

अटार्नी जनरल आर. वेंकटरमणी ने दलीलों का विरोध किया

केरल सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता केके वेणुगोपाल ने प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ से कहा, ''लगभग दो वर्ष हो गए हैं। विधेयक लंबित हैं। जस्टिस पार्डीवाला ने इसी तरह के मुद्दों पर सुनवाई की है और इसे उसी पीठ को हस्तांतरित किया जा सकता है।''

अटार्नी जनरल आर. वेंकटरमणी ने दलीलों का विरोध किया और कहा कि मुद्दे अलग-अलग हैं। इसके अलावा इस तरह का कोई भी निर्णय लेने से पहले जस्टिस पार्डीवाला का फैसले पढ़ा जाना चाहिए। प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि कोई भी निर्णय अगली सुनवाई पर होगा और सुनवाई 13 मई से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए स्थगित कर दी।

आरिफ मोहम्मद खान वर्तमान में बिहार के राज्यपाल

वर्ष 2023 में शीर्ष अदालत ने केरल के तत्कालीन राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान द्वारा राज्य विधानमंडल से पारित विधेयकों को दो वर्ष तक रोके रखने पर नाराजगी व्यक्त की थी। खान वर्तमान में बिहार के राज्यपाल हैं।

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लॉन्च हुआ नया Aadhaar App, अब कहीं नहीं देनी होगी फोटो कॉपी, QR Code से काम होगा आसान

Dainik Jagran - National - April 8, 2025 - 11:56pm

पीटीआई, नई दिल्ली। अब आपको होटलों, दुकानों, हवाईअड्डों या किसी अन्य जगहों पर आधार कार्ड की फोटोकापी देने की जरूरत नहीं होगी। डिजिटल क्रांति का सदुपयोग कर लोगों को सलूहियत देने के लिए प्रयासरत केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए मंगलवार को नया आधार एप लॉन्च किया।

इस एप की मदद से यूजर्स अपने आधार विवरण को डिजिटल रूप से सत्यापित और साझा कर सकेंगे। इससे आधार कार्ड या उसकी फोटोकॉपी जमा करने की कोई जरूरत नहीं होगी।

चेहरे से पहचान का सत्यापन होगी

एप के जरिए चेहरे से पहचान का सत्यापन हो सकेगा। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आइटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एप लॉन्च करने के बाद कहा कि आधार सत्यापन को आसान, तेज और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए यह कदम उठाया गया है।

वैष्णव ने एक्स पर पोस्ट किए गए वीडियो संदेश में कहा, नया आधार एप, मोबाइल एप के जरिए फेस आइडी प्रमाणीकरण। कोई फिजिकल कार्ड नहीं, कोई फोटोकॉपी नहीं। वैष्णव ने कहा कि अब केवल एक टैप से उपयोगकर्ता केवल आवश्यक डाटा ही साझा कर सकते हैं, जिससे उन्हें अपनी व्यक्तिगत जानकारी पर पूर्ण नियंत्रण मिलेगा। एप की सबसे प्रमुख विशेषताओं में से एक फेस आईडी प्रमाणीकरण है, जो सुरक्षा को बढ़ाता है और सत्यापन को सहज बनाता है।

क्यूआर कोड को स्कैन करके किया जा सकेगा आधार सत्यापन

आधार सत्यापन अब केवल क्यूआर कोड को स्कैन करके किया जा सकता है, बिल्कुल उसी तरह जैसे यूपीआई भुगतान करते हैं। यूजर्स अब अपनी गोपनीयता सुनिश्चित करते हुए अपने आधार विवरण को डिजिटल रूप से सत्यापित और साझा कर सकते हैं। यह एप अभी बीटा परीक्षण चरण में है। इसे मजबूत गोपनीयता सुरक्षा उपायों के साथ डिजाइन किया गया है।

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Bihar Gramin Bank: एक-दूसरे मेंं समा जाएंगे दोनोंं ग्रामीण बैंक, तय हुआ नया नाम; 1 मई से बदल जाएगा सबकुछ

Dainik Jagran - April 8, 2025 - 11:03pm

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार के दोनों ग्रामीण बैंकों (उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक और दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक) के विलय की अधिसूचना जारी हो गई है।

पहली मई से ये दोनों बैंक मिलकर एक हो जाएंगे और नाम बिहार ग्रामीण बैंक होगा। पूरे राज्य मेंं इसकी 2105 शाखाएं होंगी और यह बिहार का सबसे बड़ा बैंक बन जाएगा। पंजाब नेशनल बैंक इसका प्रायोजक बैंक होगा और प्रधान कार्यालय पटना में रहेगा।

वित्त मंत्रालय ने बिहार सहित 10 राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश में ग्रामीण बैंकों के लिए "एक राज्य-एक ग्रामीण बैंक" से संबंधित राजपत्र जारी किया है।

अधिसूचना में उन सभी 15 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है, जिनका विलय किया जाना है। सभी बैंकों का विलय एक मई से प्रभावी होगा।

अधिसूचना के अनुसार, नवगठित सभी ग्रामीण बैंकों के पास 2,000 करोड़ रुपये की अधिकृत पूंजी होगी। नाबार्ड, राज्य सरकारों, जम्मू-कश्मीर की सरकार और प्रायोजक बैंकों के परामर्श से पूरे देश में "एक राज्य-एक ग्रामीण बैंक" के संकल्प को अंतिम रूप दिया गया है।

2105 शाखाओं से होगी बिहार ग्रामीण बैंक की शुरुआत

क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के प्रदर्शन और दक्षता में सुधार के उद्देश्य से विलय की प्रक्रिया शुरू हुई थी। यह बहु-प्रतीक्षित योजना थी, जो कुल चार चरणों में संपन्न हुई है। विलय का यह चौथा चरण है।

इससे पहले तीन बार क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का विलय हो चुका है। बैंकिंग के जानकार डीएन त्रिवेदी ने बताया कि 2005 तक देश भर में 196 तथा बिहार में 22 ग्रामीण बैंक कार्यरत थे।

पिछले तीन विलय के बाद पूरे देश मेंं ग्रामीण बैंकों की संख्या घटकर 43 रह गई थी। उनमें से दो बिहार के हैं। चौथे विलय के बाद अब बिहार में एक तथा देश भर में 28 ग्रामीण बैंक रह जाएंगे।

अभी 18 जिलों में कार्यरत उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक की 1027 शाखाएं हैं। दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक का विस्तार 20 जिलों में है और उसकी कुल 1078 शाखाएं हैं।

संयुक्त रूप से शाखाओंं की संख्या बिहार ग्रामीण बैंक के अधीन 2105 होगी। अभी तक उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक का प्रायोजक सेंट्रल बैंक था और दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक का पंजाब नेशनल बैंक।

अधिसूचना के अनुसार, बिहार, उत्तर प्रदेश, बंगाल, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर के क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का एक इकाई में विलय होना है।

बिहार सहित आठ राज्यों के दो-दो ग्रामीण बैंकों को एक में मिलाया जाएगा। शेष राज्य गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर हैं। उत्तर प्रदेश, बंगाल और आंध्र प्रदेश के तीन-तीन ग्रामीण बैंकों का एकल इकाई में विलय होगा।

"ग्रामीण बैंक और उनके प्रायोजक व्यावसायिक बैंक के खर्च समान हैं। हालांकि, ग्रामीण बैंक का व्यापार प्रायोजक बैंक के एक तिहाई से भी कम है, जिससे वायबलिटी संदिग्ध है।

ग्रामीण बैंक का उनके प्रायोजक बैंक में विलय ही मजबूत ग्रामीण अर्थव्यवस्था का एकमात्र निदान है।" - डीएन त्रिवेदी, राष्ट्रीय संयोजक, यूनाइटेड फोरम आफ ग्रामीण बैंक यूनियन्स

उत्तर प्रदेश

बैंक आफ बड़ौदा, बैंक आफ इंडिया और पंजाब नेशनल बैंक द्वारा प्रायोजित क्रमश: बड़ौदा यूपी बैंक, आर्यावर्त बैंक और प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक को विलय कर उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक बनाया जाएगा। प्रधान कार्यालय लखनऊ में होगा। बैंक आफ बड़ौदा इसका प्रायोजक बैंक होगा।

बंगाल

पंजाब नेशनल बैंक, यूको बैंक और सेंट्रल बैंक आफ इंडिया द्वारा प्रायोजित क्रमश: बंगीय ग्रामीण विकास बैंक, पश्चिम बंग ग्रामीण बैंक और उत्तर बंग क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक को बांग्ला ग्रामीण बैंक मेंं समाहित कर दिया जाएगा।पंजाब नेशनल बैंक इसका प्रायोजक होगा और मुख्यालय कोलकाता में होगा।

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