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Bihar Politics: केंद्र से मिल गया एक और गिफ्ट, बिहार आते ही PM मोदी 5.20 लाख लोगों को एकसाथ देंगे खुशखबरी

Dainik Jagran - April 12, 2025 - 9:10pm

राज्य ब्यूरो, पटना। केंद्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को एक दिवसीय बिहार दौरे में कई बैठक ली।

इस दौरान उन्होंने नीतीश सरकार के कई मंत्रियों एवं अधिकारियों के साथ बैठक के उपरांत 5.20 लाख प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास देने की घोषणा की।

मुख्य सचिवालय सभागार में हुई बैठक में शिवराज ने 24 अप्रैल को पंचायत राज दिवस पर मधुबनी में होने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यक्रम की प्रशासनिक तैयारियों की जानकारी ली।

आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। साथ ही, केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने बिहार में ग्रामीण विकास की केंद्रीय योजनाओं की समीक्षा की।

सात माह में मिला 14 लाख आवास

शिवराज सिंह ने बताया कि पिछले वर्ष सात लाख 90 हजार प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के अंतर्गत बिहार के पात्र भाइयों-बहनों को दिए गए थे।

आवास प्लस की जो दो सूची बनी थी, उसमें से लगभग 5 लाख 20 हजार मकान अभी बचे थे। अब 5 लाख 20 हजार मकान और बिहार के कच्चे मकानों में रहने वाले भाई-बहनों को पक्के मकान बनाने के लिए दिए जाएंगे। इस प्रकार कुल मिलाकर 7-8 महीने में 14 लाख मकान बिहार के हमारे भाई-बहनों को मिल जाएगा।

24 अप्रैल को प्रधानमंत्री के हाथों जो नए स्वीकृत मकान हैं 5 लाख 20 हजार, उनके स्वीकृति पत्र और जो पहले से स्वीकृत मकान हैं, मकान बनाने के लिए जो अलग-अलग किस्तों में राशि दी जाती है, वो किस्त सिंगल क्लिक के माध्यम से खाते में डाली जाएगी।

योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में ग्रामीण विकास की हर योजना का यहां बहुत बेहतर और आदर्श क्रियान्वयन हो रहा है।

लखपति दीदी भी 3 लाख से ज्यादा यहां बन चुकी है। 20 लाख इसी वर्ष बनाने का लक्ष्य है, तो तेजी से हर कार्यक्रम को क्रियान्वित करने का आदर्श काम बिहार की सरकार कर रही है।

बैठक में केंद्रीय मंत्री राजीव ललन सिंह, उप मुख्यमंत्री द्वय सम्राट चौधरी, विजय सिन्हा, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के अतिरिक्त कई मंत्री एवं अधिकारी उपस्थित थे।

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स्टालिन की परेशानी बढ़ा सकती है BJP-AIADMK की दोस्ती, विधानसभा चुनाव का रोडमैप तैयार

Dainik Jagran - National - April 12, 2025 - 9:05pm

अरविंद शर्मा, जागरण, नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश की तरह भाजपा ने तमिलनाडु में भी सत्ता का साझीदार बनने की गंभीर कसरत शुरू कर दी है। डेढ़ वर्ष पहले एनडीए का साथ छोड़कर लोकसभा का चुनाव लड़ने वाली अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIDMK) और अन्य छोटे दलों के साथ मिलकर भाजपा ने विधानसभा चुनाव लड़ने का रोडमैप तैयार करने की पहल इसकी शुरूआत है।

2021 के विधानसभा चुनाव से लेकर 2024 के लोकसभा चुनाव तक तीन वर्षों के दौरान सत्तारूढ़ डीएमके के वोट में छह प्रतिशत से अधिक गिरावट आई है और अन्नाद्रमुक को साथ लेकर भाजपा को इसमें उम्मीद दिखती है। वजह यह भी कि इस दौरान भाजपा के वोट में करीब तीन गुना वृद्धि हुई।

राजग को तमिलनाडु में भी फायदा मिल सकता है

पिछले विधानसभा चुनाव में एआइएडीएमके के नेतृत्व में राजग गठबंधन को 39.71 प्रतिशत एवं डीएमके के नेतृत्व में सत्तारूढ़ एसपीए को 45.38 प्रतिशत वोट मिले थे। दोनों गठबंधनों के बीच का अंतर सिर्फ 5.67 प्रतिशत वोटों का था। इस बार गठबंधन में सहजता बनी रही तो आंध्र प्रदेश की तरह राजग को तमिलनाडु में भी फायदा मिल सकता है। वैसे डीएमके नेताओं के सनातन विरोधी बयानों को भी भाजपा तमिलनाडु के एक वोट बैंक को साधने का दांव चल स्टालिन की मुश्किल बढ़ा सकती है। एआइएडीएमके के साथ एक-दो अपवाद को छोड़ दें तो भाजपा का तमिलनाडु में उसके साथ पुराना राजनीतिक सहयोग का रिश्ता है।

2023 में भाजपा और एआईडीएमके का रास्ते हुए अलग

एआइएडीएमके प्रमुख दिवंगत जयललिता ने वर्ष 1998 से ही राजग का साथ दिया। वर्ष 2021 का विधानसभा चुनाव भी भाजपा ने एआइएडीएमके के साथ गठबंधन में ही लड़ा था, लेकिन सत्ता के करीब तक नहीं पहुंच पाया था। इस बीच भाजपा ने जब तेजतर्रार अन्नामलाई के हाथ में कमान सौंपी तो दोनों दलों के बीच दूरियां इतनी बढ़ी कि सितंबर 2023 में दोनों दलों का रास्ता अलग-अलग हो गया। इसका नुकसान दोनों को हुआ और लोकसभा में सुपड़ा साफ हो गया। लोकसभा का सबक दोनों दलों को अब विधानसभा चुनाव में काम आ रहा है।

जयललिता सरकार में रह चुके हैं नए तामिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष

भाजपा ने अन्नामलाई के बदले जयललिता के विश्वासपात्र रहे नयनार नागेंद्रन को प्रदेश संगठन की कमान देने का इरादा जाहिर कर गठबंधन का रास्ता प्रशस्त कर दिया। भाजपा में आने से पहले जयललिता सरकार में नागेंद्रन कई मंत्रालयों का जिम्मा संभाल चुके हैं। स्टालिन सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती डीएमके का घटता वोट प्रतिशत है। 2019 के लोकसभा चुनाव में 33.52 प्रतिशत वोट मिले थे, जो 2024 में 6.59 प्रतिशत घटकर 26.93 प्रतिशत पर आ गया।

हालांकि तब भी डीएमके को 22 सीटों और कांग्रेस को नौ सीटों पर जीत मिली। दूसरी तरफ अलग-अलग चुनाव लड़ रहे भाजपा और एडीएमएके को एक भी सीट नसीब नहीं हुई। मगर इस बार भाजपा की रणनीति अतिरिक्त वोटों का जुगाड़ करने की है। इसके लिए अमित शाह ने एआइएडीएमके के अतिरिक्त अन्य छोटे दलों के साथ भी दोस्ती का संकेत दिया है।

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मौसम का बदलेगा मिजाज, दिल्ली-यूपी में आंधी-तूफान; राजस्थान में लू की चेतावनी; पढ़ें अपने राज्य का हाल

Dainik Jagran - National - April 12, 2025 - 8:43pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Mausam Ki Jankari: दिल्ली एनसीआर में शुक्रवार शाम आई धूल भरी आंधी और छिटपुट बारिश के बाद तापमान में कमी देखने को मिली है। पिछले कुछ दिनों से जारी गर्मी के सितम से लोगों को राहत मिली है। हालांकि, इस बारिश ने किसानों को नुकसान पहुंचाया है।

इस बीच भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने एक नया अपडेट दिया है। मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले कुछ दिनों तक आंधी-तूफान और हल्की बारिश का सिलसिला देखने को मिलेगा। वहीं, उत्तर पश्चिम भारत और गुजरात में आगामी 15 अप्रैल से गर्मी की लहर दस्तक देगी। 

आईएमडी ने हालिया जानकारी में बताया कि उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में 12 अप्रैल को तथा झारखंड में 15 अप्रैल को छिटपुट ओलावृष्टि की संभावना है।

पिछले 24 घंटों के मौसम का हाल

पिछले 24 घंटों में मौसम में भारी बदलाव देखने को मिला। शुक्रवार शाम को दिल्ली एनसीआर समेत सटे राज्यों में आंधी पानी और हल्की बूंदाबादी देखने को मिली। जिससे तापमान में काफी कमी देखने को मिली। IMD ने बताया कि पिछले 24 घंटों में हरियाणा, उत्तर प्रदेश, झारखंड़, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, मध्य प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर तूफानी हवाओं के साथ गरज के साथ बारिश हुईं। वहीं, ये सिलसिला आज और कल जारी रहने की संभावना है।

इन राज्यों में लू की चेतावनी

मौसम विभाग ने कुछ राज्यों में लू को लेकर चेतावनी जारी की है। विभाग के ताजा रिपोर्ट के अनुसार, 14 और 15 अप्रैल को पश्चिमी राजस्थान में अलग-अलग स्थानों पर लू चलने की संभावना है। वहीं, 16-18 अप्रैल के दौरान अलग-अलग स्थानों पर भीषण लू चलने की संभावना है।

विभाग के अपडेट में बताया गया कि 15-17 अप्रैल के दौरान गुजरात राज्य में अलग-अलग स्थानों पर लू चलने की संभावना है। 16-18 अप्रैल के दौरान पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पूर्वी राजस्थान, पश्चिमी मध्य प्रदेश में लू चलने की संभावना है।

इन क्षेत्रों में तूफान का अलर्ट
  • मौसम विभाग ने बताया कि अगले चौबीस घंटों में आंधी तूफान का सिलसिला कुछ राज्यों में जारी रह सकता है। मौसम विभाग का कहना है कि उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में गरज, बिजली और तेज हवाओं के साथ छिटपुट बारिश के होने की संभावना है। अगले 7 दिनों के दौरान पूर्वोत्तर और उससे सटे पूर्वी भारत में गरज, बिजली और तेज हवाओं के साथ छिटपुट बारिश संभावना है।
  • उत्तर प्रदेश और पूर्वी राजस्थान, मध्य प्रदेश, में आने वाले कुछ समय तक धूल भरी आंधी चलने की संभावना है। इसके अलावा कुछ स्थानों पर हल्की से मध्य बारिश भी देखने को मिल सकती है।
  • अगले 5 दिनों के दौरान केरल और माहे में गरज के साथ छिटपुट बारिश की संभावना है। अगले 3 दिनों के दौरान तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल, तेलंगाना, कर्नाटक, तटीय आंध्र प्रदेश और यनम, रायलसीमा में गरज के साथ हल्की बारिश की संभावना है।
दिल्ली एनसीआर का मौसम

दिल्ली एनसीआर के मौसम की बात करें तो यहां पर 12 और 13 अप्रैल को आंशिक रूप से बादल छाए रह सकते हैं। वहीं, इसके बाद तापमान में धीरे-धीरे बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। 14 और 15 अप्रैल के बाद एक बार फिर से एनसीआर में गर्मी का सितम देखने को मिल सकता है। इस दौरान तापमान 40 डिग्री सेल्सियस पार कर सकता है।

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Bihar News: सरकारी स्कूलों में बिना आधार के भी होगा बच्चों का नामांकन, ACS एस. सिद्धार्थ ने दी जानकारी

Dainik Jagran - April 12, 2025 - 8:39pm

राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के सरकारी विद्यालयों में पहली कक्षा में बिना आधार कार्ड के भी बच्चों का नामांकन होगा। इस पर शिक्षा विभाग ने बड़ा फैसला लिया है।

आवश्यक दस्तावेज

आधार कार्ड नहीं रहने की स्थिति में जन्म प्रमाणपत्र या ऐसे ही दूसरे दस्तावेज अभिभावक को विद्यालय में देने होंगे। शिक्षक किसी भी बच्चे को नामांकन के बिना विद्यालय से वापस नहीं करेंगे।

शिक्षा विभाग की घोषणा

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने शनिवार को शिक्षा की बात हर शनिवार कार्यक्रम में इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह जिला प्रशासन का दायित्व है कि वह नामांकन से संबंधित दस्तावेजों को देखें।

गर्मी की छुट्टियों में शिक्षा

अपर मुख्य सचिव ने कहा कि हर गांव में कोई भी बच्चा बिना विद्यालय के नहीं रहे। शत-प्रतिशत बच्चों का नामांकन सुनिश्चित हो। गर्मी की होने वाली छुट्टी में बच्चे घर पर रहेंगे। उस दौरान बच्चों को प्रोजेक्ट बेस्ड शिक्षा दी जाए।

बच्चे के गांव में किस प्रकार के पेड़, चिड़िया, जानवर हैं। इसे प्रोजेक्ट में शामिल किया जाना चाहिए। बच्चों से उनके चित्र भी बनवाए जा सकते हैं। यानी, गर्मी की छुट्टी में बच्चों को घरों में दी जाने वाली शिक्षा में उनके परिवेश पर फोकस किया जाय।

प्रधानाध्यापकों को दिए जाएंगे हैंडबुक

अपर मुख्य सचिव ने कहा कि सरकारी विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को हैंडबुक भी दिए जाएंगे। हैंडबुक के संचालन से संबंधित गाइडलाइन जारी होगी।

राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) को गाइडलाइन तैयार करने के लिए कहा गया है। भविष्य में जब संसाधन जुटेंगे, तो पहली से पांचवीं कक्षा के बच्चों को भी कंप्यूटर की शिक्षा दी जाएगी।

कंप्यूटर शिक्षा का विस्तार

प्राथमिक विद्यालयों को भी कंप्यूटर उपलब्ध कराये जाएंगे। वर्तमान में छठी कक्षा से कंप्यूटर की शिक्षा की व्यवस्था की गयी है। मध्य विद्यालयों में छठी से आठवीं कक्षा के बच्चों की कंप्यूटर की शिक्षा के लिए आईसीटी लैब है। माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में भी बच्चों को कंप्यूटर की शिक्षा दी जा रही है।

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Bihar Politics: चुनाव से पहले कन्हैया समेत 40 कांग्रेस नेताओं की बढ़ी टेंशन, FIR दर्ज; बिहार में तेज हुई सियासत

Dainik Jagran - April 12, 2025 - 7:37pm

जागरण संवाददाता, पटना। पलायन रोको, नौकरी दो पदयात्रा कार्यक्रम के तहत मुख्यमंत्री आवास जा रहे कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार समेत 40 लोगों पर प्राथमिकी की गई।

एसकेपुरी थाने से सभी बांड भरा कर छोड़ दिया गया। प्राथमिकी नगर निगम के रजिस्ट्रार गोपाल प्रसाद चौहान की लिखित शिकायत पर की गई।

डीएसपी साकेत कुमार ने बताया कि प्राथमिकी में वर्णित धाराएं जमानती हैं। इस कारण सभी को थाने से रिहा कर दिया गया।

सीएम आवास जा रहे थे सभी नेता

बता दें कि शुक्रवार को कन्हैया कुमार ने पार्टी के नेताओं और समर्थकों के साथ सदाकत आश्रम से पदयात्रा निकाली थी। वे मुख्यमंत्री आवास जा रहे थे।

पुलिस ने बैरिकेडिंग कर सभी को राजापुर में रोक लिया था। बावजूद इसके वे आगे बढ़ने लगे तो पुलिस के साथ धक्का-मुक्की हुई।

इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। मौके से कन्हैया समेत 40 कांग्रेसियों को हिरासत में लिया गया था। थानेदार ने बताया कि कन्हैया बिना अनुमति लिए पदयात्रा निकाल रहे थे। उन्हें रोकने का प्रयास किया गया था।

घरेलू गैस की कीमतें बढ़ाने पर कांग्रेस ने किया पुतला दहन

देश में महंगाई से पहले ही परेशान जनता के ऊपर केंद्र सरकार ने रसोई गैस की कीमतों में वृद्धि कर दोहरी चोट दी है। इसका विरोध करते हुए बक्सर में जिला कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने शनिवार को केंद्र सरकार का पुतला दहन किया है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता पार्टी के जिलाध्यक्ष डॉ. मनोज कुमार पांडेय ने की। लोगों को संबाेधित करते जिलाध्यक्ष ने कहा कि केंद्र में बैठी सरकार आम जनता के ध्यान को भटकाकर देश को बर्बादी के कगार पर पहुंचाने का काम कर रही है।

सत्ता में आने से पहले महंगाई और गैस सिलेंडर की कीमतों को ही मुद्दा बनाकर सत्ता हासिल किया था। सत्ता में आने के पहले मोदी सरकार ने हर परिवार के सदस्यों को 15 लाख, किसानों की दोगुनी आय तथा हर साल दो करोड़ युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था।

हर वादे पर विफल मोदी सरकार झूठ की पराकाष्ठा को पार कर चुकी है। पुतला दहन कार्यक्रम में डा. प्रमोद ओझा, विरेंद्र राम, संजय पांडेय, महिमा उपाध्याय, निर्मला देवी, पुष्पा वर्मा, राजारमन पांडेय समेत अनेक कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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Bihar Politics: क्या चुनाव से पहले बिहार में बिखर जाएगा महागठबंधन? सीट शेयरिंग को लेकर सामने आई नई बात

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Bihar Politics: क्या चुनाव से पहले बिहार में बिखर जाएगा महागठबंधन? सीट शेयरिंग को लेकर सामने आई नई बात

Dainik Jagran - April 12, 2025 - 7:04pm

विकाश चन्द्र पाण्डेय, पटना। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद का हाल-चाल लेने बिहार कांग्रेस के प्रभारी कृष्णा अल्लावरु पिछले दिनों दिल्ली एम्स पहुंचे थे।

उस भेंट को दोनों दलों के बीच असहज हो रहे संबंधों पर विराम माना जा रहा था, लेकिन अंदरखाने अभी सब कुछ सामान्य नहीं।

गठबंधन में नेतृत्व का मुद्दा

कांग्रेस के दूसरे नेताओं की तरह शुक्रवार को पटना में सचिन पायलट भी यह कह गए कि महागठबंधन के नेता का चयन घटक दलों की आपसी सहमति से चुनाव बाद होगा।

तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित कर चुका राजद मान रहा कि कांग्रेस के इस रुख का कारण हैसियत की होड़ है।

सम्मानजनक सीटों की अपेक्षा वाम दलों को भी है, लेकिन अस्थिर चित्त वाले विकासशील इंसान पार्टी (वीआइपी) की मुखरता सुखद संकेत नहीं।

ऐसे में राजद अभी सीटों के मुद्दे पर मौन रहना ही श्रेयस्कर समझ रहा, ताकि तेजस्वी का हित प्रभावित न हो।

बहरहाल राजद की दुखती रग को कांग्रेस इतना दबा देना चाहती है कि समझौते की पेशकश दूसरी ओर से होने लगे।

यह सोची-समझी रणनीति है, जिसका सबक कांग्रेस को लोकसभा चुनाव से मिला है। तब एक-एक सीट के लिए लालू ने उसे पानी पिलाया था।

अब बारी कांग्रेस की है, जो मनचाही सीटोंं के लिए राजद को उसी के पैंतरे में उलझाए हुए है। महागठबंधन में नेतृत्व को लेकर बनाई गई भ्रम की स्थिति का असली कारण यही है।

सीटों पर खींचतान जारी

अपने वर्चस्व की चिंता में राजद अगर स्ट्राइक रेट की दुहाई देता है तो वामदलों का प्रदर्शन आड़े आ जाता है। महत्वाकांक्षी वीआइपी तो 60 सीटों के साथ उप मुख्यमंत्री का पद भी मांग रही।

कांग्रेस को कम-से-कम 70 सीटें चाहिए। यह संख्या राजद के गणित को गड़बड़ा देती है, जो स्वयं 150 से अधिक सीटों पर लड़ना चाह रहा।

भाकपा (माले) सार्वजनिक रूप से मुखर तो नहीं, लेकिन विधान परिषद में कांग्रेस की रिक्त सीट लेकर वह पूर्वाभास करा चुका है।

अभी राजद का सबसे विश्वस्त सहयोगी माले ही है, जबकि लालू कभी कांग्रेस को हाफ और वामदलों को साफ करने का संदेश दिया करते थे।

उसी कांग्रेस और वामदलों को राजद पिछले तीन-चार चुनावों से अपनी छतरी के नीचे रखे है। ऐसा लालू के राजनीतिक कौशल से संभव हुआ, जिसमें तेजस्वी को अभी सिद्धस्त होना है।

घटक दलों के लिए अपना हित साधने का यही अवसर है। इसीलिए अब पप्पू यादव भी तेजस्वी को अहंकारी राजनीति छोड़ एक कदम पीछे हटने की राय दे रहे।

पप्पू और कन्हैया की भूमिका

दबंग छवि वाले पप्पू और वाकपटु कन्हैया कुमार राजद को इसलिए नहीं जंचते, क्योंकि जातिगत नेतृत्व और युवा-वय के आधार पर वे दोनों तेजस्वी के लिए चुनौती हैं।

अब पप्पू को कांग्रेस अपने अधिवेशन तक में आमंत्रित कर रही और कन्हैया की ''पलायन रोको-नौकरी दो'' यात्रा में राहुल गांधी तक सहभागिता कर रहे।

प्रतिकार में तेजस्वी को यह बताना पड़ रहा कि पलायन, बेरोजगारी, आरक्षण और संविधान पर आंदोलन मेंं राजद सर्वप्रथम है।

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