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ब्रह्मोस मिसाइल को पाकिस्तान तो क्या चीन का डिफेंस सिस्टम भी नहीं रोक सकता: अमेरिकी रक्षा विशेषज्ञ
जेएनएन, नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने अपनी क्षमता प्रदर्शित की है कि वह पाकिस्तान में कहीं पर भी और कभी भी हमला कर सकता है। साथ ही भारत की बचाव की क्षमता भी ऐसी है कि वह पाकिस्तान के किसी भी हमले को रोक सकता है। इस दौरान एक प्रमुख बात और गौर करने वाली रही कि भारत की ब्रह्मोस मिसाइल को रोकने वाला डिफेंस सिस्टम पाकिस्तान और चीन के पास नहीं है।
भारत की सैन्य क्षमताओं के बारे में यह सटीक विश्लेषण अमेरिका के रक्षा मामलों के विशेषज्ञ कर्नल (रिटायर्ड) जॉन स्पेंसर का है। अर्बन वॉरफेयर एक्सपर्ट स्पेंसर ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर की चार दिनों की सैन्य गतिविधियों में भारतीय सेनाओं ने हमले और सुरक्षा के क्षेत्रों में श्रेष्ठता साबित की।
ब्रह्मोस मिसाइल ने पाक वायुसेना अड्डों को किया तबाहएक मीडिया हाउस से इंटरव्यू में स्पेंसर ने कहा कि ब्रह्मोस मिसाइलों ने 10 मई को पाकिस्तान के 11 वायुसेना अड्डों-ठिकानों पर हमला कर वहां तबाही मचाई। पाकिस्तान, चीन निर्मित एयर डिफेंस सिस्टम का इस्तेमाल करता है और वे सिस्टम भारत की ब्रह्मोस मिसाइलों को रोक नहीं पाए। चूंकि यही डिफेंस सिस्टम चीन की सेना भी इस्तेमाल करती है इसलिए भारत की ब्रह्मोस मिसाइलों को रोकने की क्षमता पाकिस्तान और चीन के पास नहीं है।
भारतीय वायुसेना ने साबित की श्रेष्ठतापता चला है कि ब्रह्मोस मिसाइल ने इस एअर डिफेंस सिस्टम को भी निशाना बनाया था। स्पेंसर ने कहा कि सात मई को पाकिस्तान के नौ ठिकानों पर हमले के दौरान भी भारतीय वायुसेना ने श्रेष्ठता साबित की। उसकी मिसाइलों को पाकिस्तानी डिफेंस रोक नहीं पाया और उन्होंने सटीक निशाना लगाकर अपने लक्ष्यों को बर्बाद किया। इस दौरान पाकिस्तानी एअर डिफेंस सिस्टम के सिग्नलों को जाम किए जाने की जानकारी भी सामने आई है।
आतंकी ठिकानों पर भारतीय सेना ने किया हमलाअमेरिकी सेना के पूर्व अधिकारी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के जरिये भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपने अभियान के लक्ष्यों को निर्धारित किया और उन्हें प्राप्त किया। भारत ने साफ कर दिया था कि उसका अभियान पाकिस्तानी सेना के खिलाफ नहीं है। लेकिन जब पाकिस्तानी सेना ने प्रतिरोध किया और भारत पर हमले किए, तब भारत ने उसे भी जवाब देकर अपनी उन्नत क्षमता दिखाई और पाकिस्तान की सैन्य खामियों को उजागर किया।
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माकपा नेता जी सुधाकरन के खिलाफ मामला दर्ज, डाक मतपत्र खोलने का लगा आरोप; चुनाव आयोग ने शुरू की जांच
पीटीआई, अलपुझा। माकपा के वरिष्ठ नेता जी सुधाकरन के खिलाफ शुक्रवार को जनप्रतिनिधित्व कानून और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। सुधाकरन ने हाल ही में दावा किया था कि 1989 के अलपुझा लोकसभा चुनाव के दौरान डाक मतपत्र खोले गए थे।
प्रसारित एक कथित वीडियो में यह टिप्पणी की गई है। वीडियो के सामने आने के बाद चुनाव आयोग ने जांच शुरू की और वरिष्ठ नेता का बयान गुरुवार को चुनाव आयोग के अधिकारियों ने दर्ज किया।
सुधाकरन ने खारिज किया आरोपइसके बाद, सुधाकरन ने गुरुवार को एक अन्य कार्यक्रम में दावा किया कि उन्होंने जो पहले कहा था, वह पूरी तरह सच नहीं था और उन्होंने अपनी ओर से इसमें कुछ और जोड़ा था। ऐसा कभी नहीं हुआ। कोई मतपेटी नहीं खोली गई और न ही कभी मतपत्रों से छेड़छाड़ की गई।
कहा कि मैंने कभी इस तरह के किसी कार्य में हिस्सा नहीं लिया और कोई फर्जी मतदान नहीं किया। फर्जी मतदान के लिए किसी को पैसे नहीं दिए। उस दिन मैंने जो कुछ कहा था, उसका उद्देश्य केवल ऐसी गतिविधियां करने वालों के लिए चेतावनी देना था और यह बताना था कि हम जानते हैं कि वे क्या कर रहे हैं।
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तुर्किये और अजरबैजान के साथ व्यापार का होगा बहिष्कार, व्यापारी प्रतिनिधियों ने दिल्ली बैठक में लिया संकल्प
जेएनएन, नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के साथ खड़ा होने वाले तुर्किये और अजरबैजान का विरोध लगातार बढ़ रहा है। देशभर के 125 से अधिक प्रमुख व्यापारी नेताओं ने इन दोनों देशों के साथ व्यापार का पूरी तरह बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। इस बहिष्कार में यात्रा और पर्यटन क्षेत्र भी शामिल होगा। व्यापारी नेताओं ने भारतीय फिल्म उद्योग से भी अपील की कि तुर्किये और अजरबैजान में शूटिंग न करें।
व्यापारी प्रतिनिधियों की बैठक तय हुए मुद्देशुक्रवार को नई दिल्ली में आयोजित व्यापारी प्रतिनिधियों की बैठक में तय किया गया कि दोनों देशों के साथ व्यावसायिक संबंधों की नीति पर पुनर्विचार के लिए केंद्र सरकार से भी अनुरोध किया जाएगा।
व्यापारिक समुदाय ने स्पष्ट किया है कि फिल्म उद्योग से अपील की गई है कि वे इन दोनों देशों में शूटिंग न करें। यदि ऐसा नहीं किया गया, तो व्यापार जगत और आम जनता ऐसी फिल्मों का बहिष्कार करेगी। सम्मेलन में निर्णय लिया गया कि कोई भी कॉर्पोरेट हाउस तुर्किये और अजरबैजान में अपने उत्पादों के प्रमोशन के लिए शूटिंग नहीं करेगा।
जिलास्तर पर तिरंगा यात्रा निकाली जाएगीआतंकियों और पाकिस्तान के खिलाफ सेना के शौर्य को सम्मानित करने के लिए जिलास्तर पर तिरंगा यात्रा निकालने और राष्ट्रीय रक्षा फंड में योगदान देने का निर्णय लिया गया है।
सम्मेलन में दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र समेत 24 राज्यों से आए व्यापारी प्रतिनिधियों ने भाग लिया। ये प्रतिनिधि विभिन्न ट्रेड जैसे परिधान, किराना, ऑटोमोबाइल, मार्बल, आइटी, जूते-चप्पल, सूखे मेवे और ज्वेलरी का प्रतिनिधित्व करते हैं।
भारत की संप्रभुता और राष्ट्रीय हितों पर आघात किया गयासर्वसम्मति से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ एकजुटता जताते हुए उन ताकतों का सख्ती से विरोध करने का संकल्प लिया गया, जो भारत के खिलाफ खड़ी हैं। कैट (कान्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि तुर्की और अजरबैजान ने भारत की सद्भावना का लाभ उठाया, लेकिन आज आतंकवाद को समर्थन दे रहे हैं। उनका यह रुख भारत की संप्रभुता और राष्ट्रीय हितों पर आघात है।
स्मृति ईरानी ने व्यापारियों की राष्ट्रसेवा भावना कीबताया कि जल्द ही सेना का अभिनंदन करने के लिए तिरंगा यात्रा निकाली जाएगी और राष्ट्रीय रक्षा फंड में भी आर्थिक सहयोग किया जाएगा। इस अवसर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने व्यापारियों की राष्ट्रसेवा भावना की सराहना की और कैट से राष्ट्रीय रक्षा कोष में स्वेच्छा से योगदान देने का आग्रह किया।
उन्होंने स्वयं पूर्व सांसद के नाते मिलने वाले पेंशन को कोष में समर्पित करने की घोषणा की। सम्मेलन को स्वदेशी जागरण मंच के सह संगठक सतीश कुमार व सह संयोजक अश्विनी महाजन ने भी संबोधित किया। व्यापारी प्रतिनिधियों ने ई-कामर्स व क्विक कामर्स से खुदरा व्यापार को चुनौतियां तथा उससे निपटने के उपायों पर भी चर्चा की।
तुर्किये के सेब पर प्रतिबंध की उठी मांगशिमला संवाददाता के अनुसार, हिमालयन एपल ग्रोअर्स सोसायटी के बैनर तले सेब उत्पादकों ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से तुर्किये के सेब पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। उनका कहना है कि तुर्किये के सस्ते सेब के कारण देश के बागबानों को घाटा हो रहा है। तुर्किये से हर वर्ष एक लाख टन से अधिक सेब आयात होता है, जिससे स्थानीय बागबानों को नुकसान हो रहा है।
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Siliguri Biryani Shop Sealed: सिलीगुड़ी में शौचालय में मिली बिरयानी दुकान की सामग्री, दुकान सील
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी। पश्चिम बंगाल में दार्जिलिंग जिले के अधीन सिलीगुड़ी में शुक्रवार को जब विभिन्न विभागों के अधिकारियों की टीम ने होटलों और रेस्टोरेंट की जांच और छापेमारी के लिए निकली तो एक जगह बिरयानी बनाने की सामग्री शौचालय में रखी मिली। यह देख अधिकारियों के होश उड़ गए। उसी समय उस बिरयानी दुकान को सील कर दिया गया। कभी बिरयानी में कीड़े, कभी सड़ा हुआ मांस तो कभी पनीर और क्रीम से बने खाद्य पदार्थ खराब मिलने की शिकायतें लगातार सामने आ रही हैं।
खाद्य सुरक्षा विभाग और पुलिस ने की छापेमारीशिकायतों को गंभीरता से लेते हुए शुक्रवार को सिलीगुड़ी नगर निगम, खाद्य सुरक्षा विभाग और पुलिस ने संयुक्त रूप से विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की।
इस दौरान यह तस्वीर सामने आई। एक बिरयानी की दुकान में शौचालय के अंदर बिरयानी का चावल, मांस और अन्य सामग्री रखी मिली। बताया गया है कि लगातार शिकायतों के बाद नगर निगम के मेयर गौतम देव ने अधिकारियों के साथ बैठक की और छापेमारी का निर्देश दिया था।
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ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट से तिलमिला उठे नक्सली, निर्दोष ग्रामीणों को बना सकते हैं निशाना; अलर्ट मोड में आई एजेंसियां
नीलू रंजन, जागरण, नई दिल्ली। ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट में जहां नक्सलियों के बड़े कमांडर मारे जा चुके हैं और छोटी-छोटी टुकड़ियों में कुछ नक्सली भाग खड़े हुए हैं, उसके बाद सुरक्षा एजेंसियां और सतर्क हो गई हैं। यह आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है कि नेतृत्वविहीन हताश ये नक्सली निर्दोष ग्रामीणों को भी निशाना बनाने की कोशिश कर सकते हैं।
इस संबंध में खुफिया एजेंसियों से मिल रही जानकारी के बाद सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। सुरक्षा बलों को नक्सलियों को खोजने और खत्म करने के लिए आपरेशन को तेज करने को कह दिया गया है।
ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट को मिली सफलता
गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सुरक्षा बलों को ऑपरेशन ब्लैक फारेस्ट की सफलता के बाद नक्सल विरोधी अभियान को जारी रखने का निर्देश दिया है, ताकि अगले कुछ महीनों में नक्सलवाद मुक्त भारत के सपने को साकार किया जा सके।
कई नक्सली हेडक्वार्टर ध्वस्तइस लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में अगले चार-पांच महीने अहम साबित हो सकते हैं। बीजापुर के विभिन्न कैंपों में तैनात सुरक्षा बल के वरिष्ठ अधिकारियों ने बातचीत में आपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट की सफलता और कुर्रगुट्टा पहाड़ी पर नक्सली हेडक्वार्टर को ध्वस्त करने के बाद निर्दोष ग्रामीणों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई। उनके पास आ रही सूचनाओं के अनुसार ग्रामीणों के बीच अपना दबदबा कायम रखने के लिए नक्सली भय का वातावरण बनाने की योजना बना रहे हैं।
भागे नक्सलियों की जानकारी जुटाने में लगे अधिकारीपिछले कुछ दिनों ऐसी चार-पांच वारदात हो भी चुकी है। नक्सल विरोधी ऑपरेशन का नेतृत्व कर रहे सीआरपीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि छोटी-छोटी टुकड़ियों में भागे नक्सलियों के जानकारी जुटाने का काम तेज कर दिया गया है और जानकारी मिलते ही ऑपरेशन भी किया जाएगा। इसके लिए पूरा प्लान तैयार है।
वहीं, सुरक्षा बलों ने नेतृत्व विहीन हो चुके नक्सलियों के निचले कैडर को आत्मसमर्पण के लिए तैयार करने के भी विशेष अभियान शुरू करने का फैसला किया है। इसके लिए उनके समाज के ही विशिष्ठ लोगों की मदद की जाएगी। पिछले कुछ महीनों में आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों की संख्या में तेजी आई है, जो निचले स्तर के कैडर में अपने नेतृत्व के प्रति मोहभंग को दर्शाता है।
पांच महीने में 750 नक्सिलियों ने किया सरेंडरउनके अनुसार पिछले साल सबसे अधिक लगभग 900 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था। लेकिन इस साल चार महीने में ही 750 से अधिक नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि कुर्रगुट्टा पहाड़ के नजदीक के फॉरवर्ड आपरेशनल बेस (एफओबी) पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के पहुंचने से भी बड़ा संदेश गया है। पिछले पांच दशकों से नक्सलियों के रहमोकरम पर रहने वाले ग्रामीण ने पहली बार राजनीतिक नेतृत्व को अपने करीब देखा है।
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