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नासिक सिंहस्थ कुंभ में शाही स्नान की जगह होगा 'अमृत स्नान', तारीखों का भी हुआ एलान; सीएम फडणवीस ने कही ये बात
पीटीआई, नई दिल्ली। नासिक सिंहस्थ कुंभ में 'शाही स्नान' की जगह पहली बार 'अमृत स्नान' का आयोजन किया जाएगा। शाही स्नान' की परंपरा को 'अमृत स्नान' से बदला जाएगा। नासिक-त्र्यंबकेश्वर सिंहस्थ कुंभ मेला 31 अक्टूबर, 2026 को नासिक के र्त्यंबकेश्वर और रामकुंड में पारंपरिक ध्वजारोहण के साथ शुरू होगा।
रविवार को नासिक में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ अखाड़ा परिषद के साधुओं और महंतों और कुंभ मेला आयोजकों की बैठक में यह फैसला लिया गया। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने महंत राजेंद्रदास महाराज के इस सुझाव को स्वीकार कर लिया कि 'शाही स्नान' को 'अमृत स्नान' कहा जाना चाहिए। इस बैठक में कुंभ मेले की बहुप्रतीक्षित तिथियों की घोषणा भी की गई।
प्रयागराज महाकुंभ में अमृत स्नान का किया गया था आयोजनगौरतलब है कि प्रयागराज में हाल ही में संपन्न कुंभ मेले में भी 'अमृत स्नान' का आयोजन किया गया था। एएनआई के अनुसार अखिल भारतीय वैष्णव अखाड़े के प्रवक्ता महंत भक्ति चरण दास ने बताया, 'शाही स्नान' की परंपरा मुगल काल में शुरू हुई। इसलिए अब इस परंपरा को बदला जा रहा है।
विभिन्न अखाड़ों के संतों ने जोर दिया है कि स्नान समारोह को आध्यात्मिक अनुशासन का प्रतीक होना चाहिए, न कि शाही भव्यता का। ''अमृत स्नान'' का नाम पौराणिक कथा समुद्र मंथन से लिया गया है, जहां दिव्य अमृत की बूंदें कुंभ स्थलों पर गिरी थीं, जिनमें नासिक भी शामिल है।
दो अगस्त, 2027 को होगा पहला 'अमृत स्नान'निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 29 जुलाई 2027 को नासिक में 'नगर प्रदक्षिणा' होगी। जबकि पहला 'अमृत स्नान' 2 अगस्त 2027 को होगा। दूसरा अमृत स्नान 31 अगस्त 2027 को होगा और तीसरा और अंतिम स्नान 11 सितंबर 2027 को नासिक में और 12 सितंबर 2027 को र्त्यंबकेश्वर में होगा। पिछला सिंहस्थ कुंभ मेला वर्ष 2015-16 में नासिक और त्र्यंबकेश्वरर में आयोजित किया गया था।
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साइबर फ्रॉड कवर वाले बीमा लाएं कंपनियां, वित्त मंत्रालय का निर्देश; जानिए आम लोगों को कैसे होगा फायदा
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देश में साइबर फ्रॉड में लगातार बढ़ोतरी हो रही है और इससे लोगों को कई बार भारी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ता है। इसे देखते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में सभी सरकारी इंश्योरेंस कंपनियों के साथ समीक्षा बैठक में उन्हें साइबर फ्रॉड जैसे जोखिम को कवर करने वाले उत्पाद लॉन्च करने का निर्देश दिया।
वर्ष 2024 में देश में इंश्योरेंस फ्रॉड की वजह से लोगों को 1.77 अरब रुपए का नुकसान हुआ है जो पूर्व के वर्ष के मुकाबले दोगुना है। वित्त मंत्री ने इन कंपनियों से कहा कि इंश्योरेंस के क्षेत्र में ग्राहकों की जरूरतें भी बदल रही है और उसे ध्यान में रखते हुए इंश्योरेंस कंपनियों को नए-नए उत्पाद बाजार में लॉन्च करने चाहिए।
ग्राहकों की शिकायतों का तुरंत हो निपटाराउन्होंने इंश्योरेंस का दायरा बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रकार के सस्ते उत्पादों को लॉन्च करने व ग्राहकों की सेवा को आसान बनाने के लिए पूरी तरह से डिजिटल बदलाव लाने के लिए कहा। वित्त मंत्री ने कहा कि कंपनियों को अपने सारे फैसले ग्राहकों को ध्यान में रखकर करना चाहिए और उनकी शिकायतों के निपटान को प्राथमिकता देने की आवश्यकता है। ग्राहकों की सुविधा के लिए सरकारी इंश्योरेंस कंपनियों को सोशल मीडिया से जुड़ने की जरूरत के साथ ग्राहकों से जुड़े अन्य चीजों को भी आसान बनाने का सुझाव दिया।
उन्होंने कहा कि तय समय में इस प्रकार के बदलाव लाने की जरूरत है। वित्त मंत्री ने इंश्योरेंस उत्पाद के मूल्यों को तार्किक बनाने के साथ दावे के मॉडल को अधिक सक्षम बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल का भी निर्देश दिया।
क्यों होने लगी इस बदलाव की मांग?- इस प्रकार के बदलाव की जरूरत इसलिए भी महसूस की जा रही है क्योंकि पिछले कुछ सालों में सरकार की तरफ से लिए गए प्रयास की बदौलत जनरल इंश्योरेंस की पैठ में बढ़ोतरी तो हुई है, लेकिन अब भी यह वैश्विक औसत से काफी कम है।
- वित्त मंत्रालय के मुताबिक भारत में जनरल इंश्योरेंस की पैठ जीडीपी के एक प्रतिशत के बराबर है, जबकि वैश्विक स्तर पर जनरल इंश्योरेंस की पैठ का औसत जीडीपी का 4.2 प्रतिशत है। पिछले पांच सालों में देश में इंश्योरेंस प्रति व्यक्ति इंश्योरेंस प्रीमियम 19 डॉलर से बढ़कर 25 डॉलर तक चला गया है।
- सरकारी कंपनियों की तरफ से वसूले जाने वाले इंश्योरेंस प्रीमियम में भी इजाफा हुआ है। वर्ष 2019 में यह 80,000 करोड़ था जो वित्त वर्ष 2025 में बढ़कर 1.06 लाख करोड़ तक पहुंच गया। सरकारी इंश्योरेंस कंपनियों का हेल्थ इंश्योरेंस दावे का अनुपात निजी कंपनियों के मुकाबले अधिक है।
- हालांकि कोरोना काल की तुलना में इस अनुपात में कमी आई है। वर्ष 2021 में सरकारी कंपनियों के हेल्थ इंश्योरेंस दावे का अनुपात 126 प्रतिशत तो निजी कंपनियों का 105 प्रतिशत था जो वित्त वर्ष 2023-24 में घटकर क्रमश: 103 प्रतिशत और 89 प्रतिशत रह गया।
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नॉर्थईस्ट में अभी जारी रहेगी भारी बारिश, राजस्थान में भी करवट लेगा मौसम; जानें दिल्ली समेत अन्य राज्यों का हाल
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Weather News: देश के विभिन्न हिस्सों में इस समय बारिश से हाहाकार है। जहां एक तरफ समय से पहले मानसून की दस्तक से लोगों में खुशी रही, तो वहीं पूर्वोत्तर में भारी बारिश ने लाखों को लोगों को प्रभावित किया है। मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले पांच दिनों तक बारिश का यही सिलसिला देखने को मिलेगा।
वहीं, राष्ट्रीय राजधानी एवं इससे सटे इलाकों में भी मौसम का बदला मिजाज देखने को मिल रहा है। दिल्ली में भी आने वाले एक से दो दिनों तक हल्की बारी और धूल भरी आंधी दखने को मिल सकती है। दिल्ली में रविवार शाम को हुई बारिश के बाद तापमान में कमी देखने को मिली। वहीं, आईएमडी ने बताया कि राजस्थान में भी मौसम करवट लेने जा रहा है। आइए आपको बताते हैं देश के अन्य हिस्सों में कैसा रहेगा मौसम…
पूर्वोत्तर में जारी रहेगी बारिशरविवार को जारी प्रेस विज्ञप्ति में भारत मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि आने वाले पांच से सात दिनों तक बारिश का ये सिलसिला पूर्वोत्तर के राज्यों में देखने को मिल सकता है। बता दें कि भारी बारिश और बाढ़ से पूर्वोत्तर के कई राज्यों में स्थिति बदहाल हो गई है। असम में ब्रह्मपुत्र समेत 10 नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं और 15 से अधिक जिलों में 78 हजार लोग बाढ़ से प्रभावित हैं।
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दिल्ली में कैसा रहेगा मौसम
रविवार को दिल्ली एनसीआर के कुछ हिस्सों में अचानक मौसम बदला। तेज हवाओं के साथ बारिश देखने को मिली जिससे गर्मी से राहत मिली। वहीं, मौसम विभाग ने बताया कि आने वाले एक से दो दिनों तक दिल्ली में तापमान में खास बढ़ोतरी देखने को नहीं मिलेगी। वहीं, सोमवार को भी कुछ क्षेत्रों में बारिश की संभावना है। जिससे तापमान में कमी आ सकती है।
यूपी में कैसा रहेगा मौसमपूर्वी उत्तर प्रदेश में जहां तापमान में सारे रिकॉर्ड तोड़ रहा है, वहीं पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में हुई हल्की बारिश के बाद तापमान में कमी देखने मिली है। मौसम विभाग की माने तो आने वाले एक से दो दिनों में मौसम में कुछ खास बदलाव देखने को नहीं मिलेगा।
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राजस्थान में करवट लेगा मौसम
सोमवार से राजस्थान में भी मौसम करवट लेने जा रहा है। मौसम विज्ञान केंद्र जयपुर के अनुसार 2 जून से फिर पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने की संभावना है। इसके चलते 2-4 जून के दौरान दोपहर में कई इलाकों में बारिश, तेज आंधी और 50-60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तूफान आने की संभावना है
जानिए देश के अन्य हिस्सों में कैसा रहेगा तापमानभारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, अगले 2 दिनों के दौरान उत्तर-पश्चिम भारत में अधिकतम तापमान में कोई महत्वपूर्ण परिवर्तन होने की संभावना नहीं है। विभाग ने बताया कि अगले 3 दिनों के दौरान धीरे-धीरे 3-4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट होगी।
वहीं, अगले 4 दिनों के दौरान पूर्वी भारत में अधिकतम तापमान में धीरे-धीरे 2-4 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होगी और उसके बाद कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा। देश के बाकी हिस्सों में अधिकतम तापमान में कोई महत्वपूर्ण परिवर्तन होने की संभावना नहीं है। (पीटीआई इनपुट के साथ)
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केरल के श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर में 270 साल बाद होगा दुर्लभ 'महाकुंभभिषेक', क्या है इसका मुख्य उद्देश्य?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केरल के प्रसिद्ध श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर में 270 साल बाद एक दुर्लभ महाकुंभाभिषेकम होने जा रहा है। ये आठ जून को होगा। इस संबंध में अधिकारियों ने जानकारी दी। बताया जा रहा है कि इस मंदिर मंदिर में लंबे समय से लंबित जीर्णोद्धार कार्य हाल के दिनों में पूरा हुआ है।
इसके पूरा होने के बाद मंदिर में भव्य तरीके से अगले सप्ताह महाकुंभभिषेकम (भव्य अभिषेक) होगा। मंदिर में रह रहे पुजारियों की माने तो इस अनुष्ठान का उद्देश्य आध्यात्मिक ऊर्जा को सुदृढ़ करना और मंदिर की पवित्रता को फिर से जागृत करना है।
270 साल बाद होगा खास अनुष्ठानबता दें कि 270 साल बाद ये खास प्रकार का महाअनुष्ठान होने जा रहा है। मंदिर प्रबंधक बी श्रीकुमार ने इस संबंध में बताया कि सदियों पुराने मंदिर में 270 वर्षों से अधिक के अंतराल के बाद इस तरह का व्यापक जीर्णोद्धार और उससे जुड़ी रस्में हो रही हैं और अगले कई दशकों में ऐसा फिर से होने की संभावना नहीं है।
उन्होंने आगे कहा कि मंदिर परिसर में 8 जून को 'महाकुंभभिषेक' अनुष्ठान होगा। आगे बताया कि इस कार्यक्रम के तहत विभिन्न अनुष्ठान किए जाएंगे, जिसमें नवनिर्मित 'तजिकाकुडम' (गर्भगृह के ऊपर तीन और ओट्टक्कल मंडपम के ऊपर एक) का अभिषेक, विश्वसेन की मूर्ति की पुनः स्थापना और तिरुवंबाडी श्री कृष्ण मंदिर (मुख्य मंदिर परिसर में स्थित) में 'अष्टबंध कलसम' शामिल है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हुए मंदिर के जीर्णोद्धार का काममंदिर प्रबंधक बी श्रीकुमार ने समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए बताया कि 2017 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त विशेषज्ञ पैनल के निर्देशानुसार जीर्णोद्धार का काम किया गया है। हालांकि काम जल्द ही शुरू हो गया था, लेकिन कोविड की स्थिति के कारण यह आगे नहीं बढ़ सका।
उन्होंने आगे कहा कि मंदिर में सदियों बाद व्यापक जीर्णोद्धार और संबंधित अनुष्ठान किए जा रहे हैं। दुनिया भर में भगवान पद्मनाभ के भक्तों के लिए इतने सालों बाद इन अनुष्ठानों को देखना एक दुर्लभ अवसर है। बता दें कि 8 जून को "महाकुंभभिषेकम" से पहले आने वाले दिनों में मंदिर में आचार्य वरणम, प्रसाद शुद्धि, धारा, कलसम और अन्य सहित विभिन्न अनुष्ठान किए जाएंगे। (एजेंसी इनपुट के साथ)
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लेफ्टिनेंट जनरल दिनेश सिंह राणा को बड़ी जिम्मेदारी, अंडमान-निकोबार के प्रमुख के रूप में संभाला पदभार
पीटीआई, नई दिल्ली। लेफ्टिनेंट जनरल दिनेश सिंह राणा ने रविवार को अंडमान और निकोबार कमांड के कमांडर-इन-चीफ के रूप में पदभार संभाल लिया है। अंडमान और निकोबार कमांड भारत का पहला और एकमात्र संयुक्त संचालन कमांड है, जिसमें सेना, नौसेना, वायुसेना और तटरक्षक शामिल हैं।
अंडमान और निकोबार कमान का पदभार संभालने से पहले वह रक्षा खुफिया एजेंसी के महानिदेशक के पद पर थे। लेफ्टिनेंट जनरल राणा को 19 दिसंबर, 1987 को गढ़वाल राइफल्स की 10वीं बटालियन में कमीशन किया गया था। 37 वर्षों के करियर में उन्होंने ने विभिन्न जिम्मेदारियों को संभाला है। उनकी सेवा में भारतीय सैन्य प्रशिक्षण टीम और लेबनान में संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल के साथ कार्यकाल शामिल हैं।
एयर मार्शल खन्ना ने दक्षिणी वायु कमान का प्रभार संभालाविभिन्न युद्धक और ट्रेनर विमानों पर चार हजार घंटे से अधिक उड़ान का अनुभव रखने वाले एयर मार्शल मनीष खन्ना ने रविवार को दक्षिणी वायु कमान का कार्यभार संभाला है। उन्हें छह दिसंबर, 1986 को भारतीय वायुसेना के फाइटर स्ट्रीम में कमीशन किया गया था।
वह चार दशकों के अपने शानदार करियर में कई जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि एयर मार्शल खन्ना के स्थान पर एयर मार्शल जसवीर ¨सह मान ने वायुसेना की पश्चिमी वायु कमान के सीनियर एयर स्टाफ अफसर के रूप में कार्यभार संभाला है।
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