Feed aggregator

KK Pathak: अब CM नीतीश का ऑर्डर नहीं लेंगे केके पाठक! बदल जाएगा काम, जारी हुआ एक और नया नोटिफिकेशन

Dainik Jagran - April 26, 2025 - 10:25pm

राज्य ब्यूरो, पटना। राजस्व पर्षद के अध्यक्ष सह सदस्य केके पाठक व खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के प्रधान सचिव एन सरवन कुमार को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने को लेकर विरमित कर दिया गया है।

सामान्य प्रशासन विभाग ने शनिवार को इस आशय की अधिसूचना जारी की। उन्हें केंद्र में अपर सचिव मंत्रिमंडल सचिवालय के पद पर नियुक्त किया गया है।

एन सरवन कुमार को अपर सचिव स्तर व वेतनमान में उपाध्यक्ष दिल्ली विकास प्राधिकार बनाया गया है।

शिक्षा विभाग से चर्चा में आए में केके पाठक

आईएएस केके पाठक एक वरिष्ठ भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी हैं। वह अपनी ईमानदारी और निष्पक्षता के लिए जाने जाते हैं।

केके पाठक ने बिहार में विभिन्न पदों पर कार्य किया है, जिनमें शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव के रूप में उनकी भूमिका विशेष रूप से उल्लेखनीय है।

उनकी कार्यशैली और निर्णयों के कारण वे अक्सर चर्चा में रहते हैं। केके पाठक के कार्यों और निर्णयों का उद्देश्य आम जनता के हित में होता है, और वह अपने काम में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखने का प्रयास करते हैं।

केके पाठक अब तक बिहार के राजस्व विभाग का काम देख रहे थे। उन्हें बिहार सरकार ने राजस्व विभाग में एसीएस पद पर नियुक्त किया था।

यह भी पढ़ें-

Bhojpur News: केके पाठक के नए ऑर्डर से मचा हड़कंप, रडार पर भोजपुर के ये 17 लोग; बॉडी वारंट जारी

Categories: Bihar News

यात्री बसों की छतों से हटेंगे कैरियर? ओवरलोडिंग को लेकर SC में याचिका दायर, जानिए क्या है दलील

Dainik Jagran - National - April 26, 2025 - 10:09pm

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। रोजाना हाई वे पर ओवरलोडेड यात्री बसें देखी जा सकती हैं जिनमें सिटिंग और स्लीपर व्यवस्था के साथ बस की छत पर भारी मात्रा में सामान लदा होता है जो किसी भी दुर्घटना को आमंत्रण देता दिखता है। लेकिन अब ओवरलोडेड बसों का यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है।

सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल हुई है जिसमें पूरे देश में ओवरलोडेड यात्री बसों का मुद्दा उठाया गया है। कहा गया है कि ओवरलोडेड यात्री बसें न सिर्फ लोगों के जीवन के लिए गंभीर खतरा हैं बल्कि ये पर्यावरण को भी प्रदूषित करती हैं। बस पर लदे सामान का जीएसटी छुपाने से राजस्व का भी नुकसान होता है।

SC में दाखिल याचिका में की गई ये मांग

याचिका में मांग की गई है कि सुप्रीम कोर्ट बसों की ओवरलोडिंग पर लगाम लगाने के लिए मजूबत तंत्र लागू करने का निर्देश दे। यात्री बसों की अनिवार्य रूप से चेकिंग हो और बस की छतों पर लगे कैरियर हटाने के आदेश दिये जाएं। यह याचिका वकील संगम लाल पांडेय ने दाखिल की है। जिसमें केंद्र और सभी राज्यों को पक्षकार बनाया गया है।

ओवरलोडिंग के मामले कोर्ट के हस्तक्षेप की मांग

बसों की ओवरलोडिंग के मामले में न्यायिक हस्तक्षेप का अनुरोध किया गया है। याचिका में राज्य परिवहन और निजी बस ऑपरेटरों की बसों में क्षमता से अधिक यात्रियों और क्षमता से अधिक सामान बस के केबिन और बस के ऊपर लाद कर ले जाने का मुद्दा उठाया गया है और ओवरलोडिंग बसों की दुर्घटनाओं के भी आंकड़े दिये गए हैं।

ओवरलोडिंग से एक्सीडेंट का खतरा

ओवरलोडिंग के कारण ब्रेक फेल, टायर फटने और बस पर नियंत्रण नहीं रहने की बातें उत्तराखंड में 2024 में हुई बस दुर्घटना में दर्ज की गई थी। आईआईटी दिल्ली ने 2022 में पाया था कि ओवरलोडेड वाहन की हाई वे पर दुर्घटना की 30 प्रतिशत ज्यादा संभावना होती है। ओवरलोडेड बसें 15 से 20 फीसद ज्यादा ईंधन खाती हैं जिससे प्रदूषण भी बढ़ता है और ऑपरेशनल कास्ट भी बढ़ती है।

बसों नें रेगुलर रुटिन चेकिंग की मांग 

सीएजी ने 2024 में कहा था कि बिना दस्तावेज के बस की छत पर ले जाए जा रहे सामान से करीब 500 करोड़ के जीएसटी का सालाना नुकसान होता है जिसका संबंध ओवरलोडिंग से है। याचिकाकर्ता ने कहा है कि सिर्फ पांच प्रतिशत अंतरराज्यीय बस टर्मिनल पर वेइंगब्रिज यानी वजन लेने की व्यवस्था है। यात्री बसों की रुटीन चेकिग नहीं होती जो कि ओवरलोडिंग की समस्या को बढ़ाती है।

यह भी पढ़ें: 'जिसने बच्चे को पाल-पोसकर बड़ा किया वो मां नहीं है क्या', वायुसेना के पेंशन वाले फैसले पर SC ने पूछे सवाल

यह भी पढ़ें: Kerala: देखभाल के लिए आया मेल-नर्स बना जानी दुश्मन, अल्जाइमर पीड़ित पर बेरहमी से किया हमला; CCTV में कैद हुई वारदात

Categories: Hindi News, National News

वर्ल्ड बैंक ने दी भारत को अच्छी खबर, 10 साल में गरीबी से बाहर आए 17 करोड़ लोग; रोजगार को लेकर भी दिया डाटा

Dainik Jagran - National - April 26, 2025 - 8:21pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। विश्व बैंक ने कहा है कि भारत 2011-12 और 2022-23 के बीच 17.1 करोड़ लोगों को अत्यंत गरीबी से बाहर निकालने में सफल रहा है। विश्व बैंक ने भारत को लेकर गरीबी और समानता पर अपनी रिपोर्ट में कहा कि पिछले एक दशक में भारत ने गरीबी को काफी हद तक कम किया है।

अत्यंत गरीबी यानी प्रतिदिन 2.15 डॉलर से कम पर जीवन यापन करने वाले लोगों की संख्या 2011-12 में 16.2 प्रतिशत से घटकर 2022-23 में 2.3 प्रतिशत पर आ गई। इससे 17.1 करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर आ पाए हैं।

शहरी क्षेत्रों में भी कम हुई गरीबी

रिपोर्ट के मुताबिक, गांवों में अत्यंत गरीबी 18.4 प्रतिशत से घटकर 2.8 प्रतिशत पर आ गई, जबकि शहरी क्षेत्र में यह 10.7 प्रतिशत से घटकर 1.1 प्रतिशत पर रही। इससे ग्रामीण-शहरी अंतर 7.7 प्रतिशत से घटकर 1.7 प्रतिशत पर आ गया। यह सालाना 16 प्रतिशत की गिरावट है।

इसमें कहा गया है कि भारत निम्न-मध्यम आय वर्ग की श्रेणी में भी आने में सफल रहा है। इसमें 3.65 डॉलर प्रतिदिन की निम्न-मध्यम आय वर्ग (एलएमआइसी) गरीबी रेखा का उपयोग करते हुए गरीबी 61.8 प्रतिशत से घटकर 28.1 प्रतिशत पर आ गई।

इन राज्यों का भी योगदान
  • रिपोर्ट के अनुसार, 2021-22 में भारत में अत्यंत गरीबी में रहने वाले लोगों में पांच सबसे अधिक आबादी वाले राज्यों- उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, बंगाल और मध्य प्रदेश की 65 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। वहीं 2022-23 तक अत्यंत गरीबी में आई कमी में इनका योगदान दो-तिहाई रहा।
  • इसके बावजूद इन राज्यों का अब भी भारत के अत्यंत गरीबी में रहने वाले लोगों का 54 प्रतिशत (2022-23) और बहुआयामी यानी विभिन्न स्तरों पर गरीब लोगों (2019-21) का 51 प्रतिशत हिस्सा है।
महिलाओं में बढ़ी रोजगार दर

रिपोर्ट के अनुसार, महिलाओं के बीच रोजगार दर बढ़ रही है। शहरी बेरोजगारी वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में 6.6 प्रतिशत तक घट गई, जो 2017-18 के बाद सबसे कम है। इसमें चुनौतियों का जिक्र करते हुए कहा गया है कि युवा बेरोजगारी 13.3 प्रतिशत है।

उच्च शिक्षा प्राप्त स्नातकों के बीच बेरोजगारी 29 प्रतिशत तक है। विश्व बैंक समूह और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के ये विवरण साल में दो बार जारी किए जाते हैं। यह रिपोर्ट किसी देश की गरीबी और असमानता के संदर्भ को समझने में मदद करती है।

(एजेंसी और पीआईबी इनपुट के साथ)

यह भी पढ़ें: 'कब तक गरीबी को करते रहेंगे पुरस्कृत...', एक्‍सपर्ट ने बताया दक्षिण भारतीय राज्‍यों के विरोध के पीछे की असली वजह

Categories: Hindi News, National News

Rajdhani Express: राजधानी एक्सप्रेस में कस्टम अधिकारियों को मिली ऐसी चीज, जिसे देखकर उड़ गए सभी के होश!

Dainik Jagran - April 26, 2025 - 8:19pm

जागरण संवाददाता, पटना। सीमा शुल्क (निवारण) आयुक्तालय पटना के द्वारा तस्करी के खिलाफ सघन एवं व्यापक अभियान चलाया जा रहा है।

इसमें लगातार सीमा शुल्क (निवारण) पटना की ओर से तस्करी की कोशिश नाकाम करते हुए अनेकों सामान जब्त किए जा रहे हैं।

इसी क्रम में सीमा शुल्क प्रमंडल मुजफ्फरपुर के अधिकारियों ने डिब्रूगढ़-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस के भीपी बोगी से नौ बोरा पोस्ता दाना एवं एक पीकअप वैन से 40 कार्टून चॉकलेट जब्त किया है।

इसकी कीमत लगभग 14.03 लाख रुपये बताई जा रही है। बताया जा रहा है कि सीमा शुल्क प्रामंडल के अधिकारियों को पोस्ता दाना के बारे में गुप्त सूचना मिली थी।

बताया गया कि पोस्ता दाना को बिहार के रास्ते बगैर किसी वैध कागजात के तस्करी कर ट्रेन से नई दिल्ली की तरफ ले जाया जा रहा है।

मुजफ्फरपुर में रेलवे स्टेशन पर उतारा गया माल 

इसके बाद अधिकारियों ने मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन पर ट्रेन के भीपी बोगी से उतारकर माल को जब्त कर लिया। उपरोक्त कार्रवाई सहायक आयुक्त, सीमा शुल्क प्रमंडल मुजफ्फरपुर के नेतृत्‍व में अन्य अधीक्षकों एवं निरीक्षकों के द्वारा की गई।

दूसरी कार्रवाई मोतिहारी प्रमंडल के अधिकारियों ने भारत-नेपाल सीमा के समीप सिकटा बाजार के पास से एक पिकअप वैन से 40 कार्टून चॉकलेट बरामद किया। इसे बिना किसी वैध कागजात के नेपाल ले जाने का प्रयास किया जा रहा था। इसका गाड़ी सहित कुल अनुमानित मूल्य 5.25 लाख रुपये है।

यह भी पढ़ें-

वंदे भारत व राजधानी से भी तेज होगी इन ट्रेनों की रफ्तार, 3 घंटे 55 मिनट में तय की 400 KM की दूरी

Categories: Bihar News

Pages

Subscribe to Bihar Chamber of Commerce & Industries aggregator

  Udhyog Mitra, Bihar   Trade Mark Registration   Bihar : Facts & Views   Trade Fair  


  Invest Bihar