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बिहार में मृदा स्वास्थ्य मिशन को नई गति, राज्य के 470 ब्लॉकों में स्थापित होंगी नई प्रयोगशालाएं
डिजिटल डेस्क, पटना। माननीय उप मुख्यमंत्री-सह-कृषि मंत्री, बिहार विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि मृदा स्वास्थ्य एवं उर्वरता योजना के अंतर्गत इस वित्तीय वर्ष में राज्य के 470 प्रखंडों में एक-एक ग्राम स्तरीय मिट्टी जांच प्रयोगशाला की स्थापना की जाएगी। इन प्रयोगशालाओं के माध्यम से स्थानीय किसानों को उनके खेतों की मिट्टी का परीक्षण सुलभ और समयबद्ध रूप से उपलब्ध होगा, जिससे उन्हें फसल चक्र, उर्वरक उपयोग और भूमि सुधार के संबंध में वैज्ञानिक सलाह प्राप्त हो सकेगी। उन्होंने कहा कि इस पहल से फसलों की उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि होगी एवं खेती की लागत में कमी आएगी, जिससे किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी।
माननीय उप मुख्यमंत्री ने बताया कि इन प्रयोगशालाओं की स्थापना से न केवल कृषि तकनीक को गांवों तक पहुंचाया जाएगा, बल्कि शिक्षित बेरोजगार युवाओं को भी स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे। वर्तमान में राज्य के विभिन्न प्रखण्डों में कुल 72 ग्राम स्तरीय मिट्टी जांच प्रयोगशालाएं कार्यरत हैं, जिन्हें विस्तार देकर अब प्रत्येक प्रखण्ड में एक प्रयोगशाला की स्थापना की जा रही है।
उन्होंने कहा कि मृदा स्वास्थ्य एवं उर्वरता योजना के तहत राज्य के 34 जिलों की विभिन्न पंचायतों में क्षारीय मिट्टी और 4 जिलों में अम्लीय मिट्टी के सुधार का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया है। अत्यधिक क्षारीय अथवा अम्लीय मिट्टी फसलों की उपज को प्रभावित करती है, जिससे किसानों को नुकसान उठाना पड़ता है। इसलिए, मिट्टी का सुधार कृषि उत्पादन की दृष्टि से अत्यंत आवश्यक है।
सिन्हा ने यह भी बताया कि पिछले वर्षों में विश्लेषित किए गए मिट्टी नमूनों के आधार पर राज्य के कुल 1900 हेक्टेयर भूमि में सूक्ष्म पोषक तत्वों की पूर्ति की जाएगी। इसके अंतर्गत प्रत्येक जिले में 500 हेक्टेयर भूमि पर जिंक एवं बोरॉन जैसे आवश्यक तत्वों का वितरण किया जाएगा, जिससे भूमि की उर्वरता में सुधार होगा और बेहतर उपज सुनिश्चित की जा सकेगी।
अपर मुख्य सचिव अरविंद कुमार चौधरी ने जिलेवार की समीक्षा, लंबित मामलों को जल्द निपटाने के दिए निर्देश
डिजिटल डेस्क, पटना। गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अरविंद कुमार चौधरी ने कहा कि जिला स्तर पर लंबित मामलों का निपटारा तेजी से कराएं। लंबे समय से लंबित मामलों का निपटारा प्राथमिकता के स्तर पर करें। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पटना और पूर्णिया प्रमंडल के सभी जिलों की जिलावार समीक्षा की। प्रमंडलवार अभियोजन कार्यों की प्रगति को लेकर समीक्षा की गई।
इस दौरान यह बात सामने आई कि मई में संबंधित जिलों में समन के 13652 मामले किए गए। इसके अलावा 6540 जमानतीय वारंट, 8753 गैर-जमानतीय वारंट, 2078 इश्तेहार और 1328 कुर्की का तामिला किया गया। विभिन्न मामलों में जिले के न्यायालयों में 6033 साक्षियों की गवाही कराई गई।
सीसीटीएनएस पर मई महीने 8 हजार 911 कांड दर्ज किए गए। हालांकि इसे समाहित करते हुए पहले के मामलों को मिलाकर 12 हजार 362 कांडों का निष्पादन कराया गया। इस बैठक में गृह विभाग के सचिव प्रणव कुमार, पुलिस अधीक्षक चंद्रशेखर विद्यार्थी, उत्पाद मद्य निषेध एवं निबंधन विभाग के आयुक्त सह महानिरीक्षक रजनीश सिंह, अभियोजन निदेशालय के निदेशक सुधांशु कुमार चौबे, विधि कोषांग प्रभारी रंजीत शंकर, विधि विभाग के अवर सचिव सह विधि परामर्शी राजीव कुमार के अतिरिक्त अभियोजन निदेशालय के सभी पदाधिकारी तथा सभी जिलों को वरीय पुलिस अधीक्षक या पुलिस अधीक्षक, वरीय उप-समाहर्ता (विधि), पीपी, डीपीओ, विशेष लोक अभियोजक और उत्पाद अधीक्षक शामिल थे।
Bihar News: बिहार बना मछली उत्पादन का हब, बीते 20 सालों में तीन गुना हुई बढ़ोतरी
डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार सरकार के कृषि रोड मैप ने बिहार में मछली उत्पादन की सूरत बदल दी है। मछली का उत्पादन 2.68 लाख मीट्रिक टन (2005 से पहले) से बढ़कर 8.73 लाख मीट्रिक टन (2023-24) हो गया। इस तरह से करीब 20 वर्षों में मछली का उत्पादन बिहार में तीन गुना से अधिक बढ़ चुका है।
मछली उत्पादन में बढ़ोतरी के लिए सरकार कृषि रोड मैप के तहत कई योजनाएं चला रही है। जिसमें मुख्यमंत्री समेकित चौर विकास योजना, जलाशय मात्स्यिकी विकास योजना, निजी तालाबों के जीर्णोद्धार की योजना, राज्य में बहने वाली गंगा नदी के पारिस्थितिकी तंत्र में नदी पुनर्स्थापन कार्यक्रम आदि एवं केन्द्र प्रायोजित योजनान्तर्गत प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का कार्य मुख्य रुप से शामिल है। इन योजनाओं से मछली उत्पादन को बढ़ावा मिला है और रोजगार के अवसर बढ़े हैं।
मुख्यमंत्री समेकित चौर विकास योजना के तहत बिहार की 461 हेक्टेयर चौर भूमि मछली पालन से समृद्ध हुई है। इस योजना से चौर बाहुल्य जिलों में अवस्थित चौर भूमि पर मॉडल आधारित नये तालाबों का निर्माण किया जा रहा है। जिससे राज्य में मछली का उत्पादन तेजी से बढ़ रहा है।
प्रखंडों में बनेंगे मछली बाजारसरकारी योजनाओं के जरिए जहां एक ओर राज्य में मछली उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है वहीं दूसरी ओर सरकार मछली पालकों द्वारा उत्पादित मछली को बाजार भी मुहैया करवाने की लगातार कोशिश कर रही है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री मत्स्य विपणन योजना के अंतर्गत चालू वित्तीय वर्ष में राज्य के चिन्हित प्रखण्डों में 30-30 मत्स्य बाजार का निर्माण किया जा रहा है। साथ ही, मछली के उत्पादन में बढ़ोतरी के लिए नई तकनीक जैसे बायोफ्लॉक तकनीक एवं आरएएस तकनीक से मत्स्य पालन किया जा रहा है।
अब तक राज्य में 439 बायोफ्लॉक इकाई एवं 15 आरएएस इकाई बनाए गए हैं। वहीं चालू वित्तीय वर्ष में गंगा, गंडक, बूढ़ी गंडक आदि नदियों में मछली उत्पादन बढ़ाने के लिए मछली का 61.81 लाख जीरा डाला जा चुका है।
बढ़े रोजगार आई खुशहालीकेस-1समस्तीपुर जिले के शिवाजीनगर प्रखंड के पुरा निवासी ज्योत्सना सिंह मछली बीज के उत्पादन कार्य से जुड़ी हैं। वे खुद आत्मनिर्भर बनने के साथ ही आज 20 लोगों को रोजगार मुहैया करा रही हैं। 2023 में मत्स्य विभाग से इन्होंने और 15.00 लाख रूपये का अनुदान लेकर कमल मत्स्य बीज हैचरी की स्थापना की जिसमें इन्हें अपार सफलता प्राप्त हुई है। आज इनकी सफलता से दूसरे लोग भी प्रभावित होकर मत्स्य पालन से जुड़ रहे हैं।
केस-2समस्तीपुर जिले के ही शिवाजीनगर प्रखंड के कोची गांव में संजय सहनी मुख्यमंत्री समेकित चौर विकास योजना का लाभ उठाकर प्रति वर्ष 15 टन मछलियों का उत्पान कर रहे हैं। जिससे इन्हें 12 से 15 लाख रूपये की कमाई होती है। इस काम से उनकी आय बढ़ी और परिवार में खुशहाली आई है। इनके इस खुशहाल जीवन को देखकर दो अन्य किसान श्याम बाबु यादव एवं अशर्फी सहनी भी इस व्यवसाय से जुड़ गये है। जिससे इन्हें लगभग 15 से 20 लाख रुपये की आमदनी हो रही है।
केस- 3वहीं सरायगंज प्रखंड के डुबैला चौर, ग्राम रायपुर के रहने वाले लक्ष्मी सहनी, शीला देवी, प्रमोद कुमार सहनी, रानी कुमारी, और सीती देवी द्वारा करीब आठ हेक्टेयर के रकबा में चौर विकास योजना का लाभ उठाकर मछली पालन किया जा रहा है। इन लोगों द्वारा सम्मिलित रूप से प्रतिवर्ष 10-15 टन मछली का उत्पादन किया जा रहा है। इससे इन्हें 13 से 18 लाख रुपए की कमाई हो रही है। यह प्रयास जारी है। मछली पालन से आज सैकड़ों लोगों की जिंदगी में आर्थिक प्रगति आई है।
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पत्नी की आखिरी इच्छा पूरी करने गुजरात आया था शख्स, अहमदाबाद प्लेन क्रैश में चली गई जान; अनाथ हो गईं दो बेटियां
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अहमदाबाद का एक शख्स अपने परिवार के साथ लंदन रहना था। कुछ दिन पहले उसकी पत्नी की मौत हो गई थी और उसकी आखिरी इच्छा थी कि उसकी अस्थियां पैतृक गांव के तालाब में विसर्जित की जाएं। इस आखिरी इच्छा को पूरा करने शख्स अपनी बेटियों को लंदन में ही छोड़ भारत लौटा था।
लेकिन शायद उसने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि उसकी भारत का ये सफर जिंदगी का आखिरी सफर होगा। अहमदाबाद में हुए प्लेन क्रैश ने कई जिंदगियों को लील लिया। प्लेन में सवार लोगों में से केवल 1 ही जिंदा बच पाया और अन्य सभी की दुखद मौत हो गई। अर्जुन पटोलिया भी इसी विमान में सवार थे।
पत्नी की अंतिम इच्छा पूरी कर लौट रहे थेअर्जुन पटोलिया अपनी पत्नी भारती और 8 साल व 4 साल की दो बच्चियों के साथ लंदन में रहते थे। गुजरात के अमरेली जिले के वाडिया गांव में उनका पैतृक निवास है। कुछ दिनों पहले ही उनकी पत्नी भारती का निधन हुआ था। भारती की आखिरी इच्छा थी कि उसकी अस्थियां वाडिया के एक तालाब में विसर्जित की जाएं।
अपनी पत्नी की अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए ही अर्जुन लंदन से गुजरात आए थे। उनकी बेटियां लंदन में ही थीं। पत्नी की अस्थियां विसर्जित करने के बाद अर्जुन लंदन वापस जाने के लिए एयर इंडिया के विमान में बैठे थे। हादसे में उनकी जान चली गई।
बता दें कि अहमदाबाद से लंदन के गैटविक एयरपोर्ट के लिए एयर इंडिया के विमान 171 ने उड़ान भरी थी। लेकिन टेक ऑफ करने के कुछ ही समय बाद विमान की लिफ्ट खत्म होने लगी और वह एयरपोर्ट के करीब स्थित मेघानी नगर में जाकर क्रैश हो गया।
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इंजन फ्यूल, हाइड्रोलिक सिस्टम, केबिन एअर प्रेसर... जानें कौन-कौन सी जांच से गुजरेगा बोइंग ड्रीमलाइनर
जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। Ahmedabad Plane Crash: एअर इंडिया की बोइंग ड्रीमलाइनर विमानों की अब हर उड़ान से पहले गहन जांच की जाएगी। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने शुक्रवार को एअर इंडिया को इस संदर्भ में एक विस्तृत आदेश जारी कर बताया है कि 15 जून, 2025 के बाद बोइंग-787 की आठ और नौ मॉडलों के विमानों का हर उड़ान से पहले छह बिंदुवार जांच करनी होगी।
इन विमानों के उड़ानों के दौरान विशेष जांच फ्लाइट कंट्रोल इंसपेक्शन की जाएगी और हर पखवाड़े इन विमानों की हर छोटी-बड़ी दिक्कत को पूरी तरह से दूर करके उसकी रिपोर्ट डीजीसीए को सौंपी जाएगी। डीजीसीए ने जिन बिंदुओं की जांच उड़ान से पहले पूरी करने का आदेश दिया है, वो सामान्य उड़ान प्रक्रिया के अतिरिक्त है।
पहली बार बोइंग ड्रीमलाइर विमानों के जांच के आदेशयह पहला मौका है जब बोइंग ड्रीमलाइनर विमानों के लिए इस तरह की जांच का आदेश किसी देश में दिया गया हो। डीजीसीए के आदेश में मूल तौर पर एअर इंडिया को बोइंग ड्रीमलाइनर विमानों को लेकर चार स्तरों पर कदम उठाने को कहा गया है। पहले स्तर में हर उड़ान से पहले छह तकनीकी जांच करने की बात है। इसमें ईंधन पारामीटर मॉनिटरिंग की जांच, केबिन एअर प्रेसर व इससे जुड़े सिस्टम की जांच, इलेक्ट्रोनिक इंजन कंट्रोल सिस्टम की जांच, इंजन फ्यूल की आपरेशनल जांच व ऑयल सिस्टम की जांच करना, हाइड्रोलिक सिस्टम की जांच और उड़ान भरने से संबंधित पैरामीटर को देखना शामिल है।
विमान इन बातों की होगी जांचइसमें से कुछ जांच सामान्य तौर पर हर उड़ान से पहले की जाती है। यह भी निर्देश दिया गया है कि इन विमानों की हर उड़ान में फ्लाइट कंट्रोल इसंपेक्शन हो। यह जांच-पड़ताल की एक विस्तृत प्रक्रिया है जिसमें विमान के मूवमेंट से लेकर दूसरी हर तकनीकी जांच शामिल होती है। कई बार यह विमानों के एयरपोर्ट पर उतरने के बाद और फिर उड़ान भरने से पहले की जाती है। इसमें यह सुनिश्चित किया जाता है कि विमान उड़ाने के लायक है और इसमें कोई भी गड़बड़ी नहीं है।
यह आदेश सुनिश्चित करेगा कि बोइंग ड्रीमलाइनर में इस्तेमाल होने वाले जीई एरोस्पेस जीईएनएक्स इंजन की लगातार जांच हो। हर दो हफ्ते में पावर एसुरेंस परीक्षण कराने का भी आदेश इसमें शामिल है। इससे यह पता चलेगा कि विमान के इंजन पूरी शक्ति से काम कर रहे हैं या नहीं।
दुर्घटनाग्रस्त विमान हादसे की जांच के लिए टीमें पहुंची अहमदाबादउधर, एअर इंडिया की मूल शेयरधारक टाटा समूह की तरफ से यह सूचना आई है कि एआई-171 हादसे की जांच के लिए अमेरिका और ब्रिटेन की टीमें भी अहमदाबाद पहुंच गई है। टाटा समूह के चेयरमैन एन चंद्रसेखरन ने अपने सहयोगियों को एक पत्र लिखा है।
इसमें उन्होंने दुर्घटना के संदर्भ में कहा है "हम जानना चाहते हैं कि क्या हुआ था। पिछले 24 घंटों में ब्रिटेन और अमेरिका की टीम अहमदाबाद पहुंच चुकी है। हम उन्हें पूरा सहयोग देंगे। दुर्घटना के कारण को पता लगाने के लिए हम पूरी तरह से पारदर्शी होंगे। अभी इस हादसे को लेकर कई तरह की अनुमान लगाये जा रहे हैं, कुछ गलत हो सकते हैं, कुछ सही। हमें अभी धैर्य रखना चाहिए। एक बार हमें सच्चाई की सत्यता का पता चल जाए तो हम इसके बारे में बताने में भी पूरी पारदर्शिता बरतेंगे।"
एफएए करेगी जांच में सहयोगअमेरिका की फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफएए) ने भारत अपनी टीम रवाना होने से पहले कहा है कि, जांच जहां दुर्घटना हुई है उस देश की टीम ही करेगी, लेकिन एफएए पूरी तकनीक सहयोग देगी। सनद रहे कि एफएए पहले भी ड्रीमलाइनर को लेकर मिली शिकायतों की जांच कर चुकी है। ड्रीमलाइनर के लिए इंजन बनाने वाली कंपनी जीई एरोस्पेस ने भी कहा है कि वह जांच में पूरी मदद करेगी।
गुरुवार को एयर इंडिया की अहमदाबाद-लंदन गैटविक उड़ान संख्या एआई-171 दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। विमान में सवार 241 यात्रियों, चालक दल व क्रू सदस्यों के मारे जाने की सूचना है। यह विमान बोइंग की ड्रीमलाइनर मॉडल की थी, जिसकी सुरक्षा को लेकर पहले भी कई देशों में सवाल उठते रहे हैं। हालांकि बोइंग का यह दावा रहता है कि उसने दुनिया की सबसे सुरक्षित विमान तैयार किया है। एआइ-171 ड्रीमलाइनर श्रेणी की दुर्घटनाग्रस्त होने वाला पहला यात्री विमान है।
दुर्घटनाग्रस्त विमान का ब्लैक बॉक्स मिलादुर्घटनाग्रस्त विमान का ब्लैक बॉक्स शुक्रवार को मिल गया। नागरिक उड्डयन मंत्री नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू किंजारापू ने सोशल मीडिया पर बताया है कि, अहमदाबाद में दुर्घटनास्थल के पास दुर्घटना के 28 घंटे बाद एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इंवेस्टीगेशन ब्यूरो (एएआइबी) को फ्लाइट डाटा रिकार्डर (ब्लैक बाक्स) मिल गया है। यह जांच की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। दुर्घटना की जांच करने में इससे काफी मदद मिलेगी।
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Air India Plane Crash: मां! लौटकर बात करते हैं... अब कभी नहीं लौटेगी पटना की एयर होस्टेस मनीषा
सैयद नकी इमाम, फुलवारी शरीफ। मां..! प्लेन टेकऑफ होने वाला है, लौटकर आएंगे तब बात करेंगे। ठीक है बेटा... हम भी जा रहे घर का काम समाप्त कर लें। गुरुवार को उड़ान से पहले मनीषा थापा की मां से यही अंतिम बात हुई। अब वह लौटकर बात करने कभी नहीं आएगी।
अहमदाबाद में एअर इंडिया का जो विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ, उसमें वह भी सवार थी। मनीषा तीन वर्षों से एअर इंडिया में एअर होस्टेस थी। गुरुवार को लंदन के लिए उड़ान भरे विमान पर वह भी क्रू की एक सदस्य थी, जिसकी मौत हो गई।
मां लक्ष्मी थापा से बातचीत के थोड़ी ही देर बाद उसके भाई को विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने की सूचना मिली गई, जिसके बाद घर में कोहराम मच गया। उसके माता-पिता, भाई व अन्य रिश्तेदार तत्काल अहमदाबाद निकल गए। घर में क्रंदन और सभी के अचानक अहमदाबाद जाने से मनीषा की दादी शांति देवी को किसी अनहोनी की आशंका हुई।
वे पूछ रही थीं कि क्या हुआ, पर उनसे यह बात छिपाई गई, पर पता चल ही गया। वह होली में आई थी और घर में खूब रंग जमा था। घर की सबसे बड़ी लड़की थी।
मनीषा थापा का परिवार। फोटो- जागरण
उसके रिश्तेदार रितेश थापा ने बताया कि अभी जाने से पहले ही उनकी दुकान से एक मोबाइल खरीद कर ले गई थी। काफी हंसमुख थी। यहां आने पर नाते-रिश्तेदारों से मिले बिना नहीं जाती थी। उसके चाचा-चाची, बुआ आदि पटना में ही रहते हैं।
उसके चाचा बब्लू थापा ने बताया कि इस घटना से वे लोग टूट गए हैं। छोटे भाई-बहन सभी उदास हैं। बस मनीषा की फोटो देखे जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि अहमदाबाद में मनीषा के पिता से संपर्क में हैं। अब यही आस है कि बेटी का शव मिल जाए।
भाई और भतीजे ने बताया कि हादसे में एक को छोड़ कोई नहीं बचा। न ही शव की हालत ऐसी है कि पहचान हो सके। मनीषा का परिवार पटना के जगदेव पथ महुआ बाग में रहता है। उसकी मां बदहवास है। अहमदाबाद से जानकारी दी गई कि पिता और भाई शव ढूंढने के लिए शवगृह के बाहर बैठे हैं।
उसके भाई अमित थापा ने बताया कि बहन का शव नहीं मिल रहा। शवगृह में कुछ शव है, मगर उसकी पहचान कर पाना मुश्किल है। मनीषा के पिता राजू थापा बिहार पुलिस में एसआई (दारोगा) के पद पर बेगूसराय में तैनात हैं। चाचा बिहार सशस्त्र विशेष पुलिस बल-1 के गोरखा बटालियन में हैं। मनीषा 2017 में एअर होस्टेस बन गई थी। इससे पहले पटना में इंडिगो में थी।
कोरोना के बाद एअर इंडिया में योगदान कर अहमदाबाद चली गई। वह तीन-चार माह पर छुट्टी में घर आती थी। वह लगभग प्रतिदिन दादी से बात करती थी।
उसकी दादी ने बताया कि हमेशा कहती थी कि इस बार आएंगे तो तुम्हारे लिए यह सब लेकर आएंगे। मैं कहती थी, कुछ नहीं चाहिए, बस तू बता कि कब आएगी। अब तो वह कभी नहीं आएगी, कहते हुए रोने लगती हैं कि मेरी मनीषा से बात कराओ।
Vande Bharat: पटना-गोरखपुर वंदे भारत का शेड्यूल जारी, रेलवे ने रूट भी बताया; ट्रेन में होंगे कुल 16 कोच
जागरण संवाददाता, पटना। राजधानी के पाटलिपुत्र जंक्शन से गोरखपुर के बीच प्रस्तावित वंदे भारत ट्रेन के चलाने का रास्ता अब पूरी तरफ से साफ हो गया है। आगामी 20 जून से इसे चलाए जाने की संभावना है। इसके लिए पाटलिपुत्र जंक्शन पर उद्घाटन समारोह आयोजित किया जाएगा।
इसके लिए पूर्व मध्य रेलवे ने प्रधानमंत्री कार्यालय से समय मांगा है। नई वंदे भारत ट्रेन को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हरी झंडी दिखा सकते हैं। ट्रेन के संचालन को लेकर रेलवे प्रशासन ने अपनी तैयारी तेज कर दी है।
वंदे भारत के चलने से पटना से मुजफ्फरपुर और गोरखपुर आना-जाना काफी आसान हो जाएगा। रेलवे द्वारा ट्रेन की समय-सारिणी तैयार कर ली गई है।
यह ट्रेन सुबह 6 बजे गोरखपुर से रवाना होगी और बेतिया, नरकटियागंज और मुजफ्फरपुर होते हुए पटना पहुंचेगी। वहीं, वापसी में रात 9 बजे तक गोरखपुर लौट आएगी।
गोरखपुर यार्ड में तैयार की जा रही ट्रेनरेलवे सूत्रों का कहना है कि पाटलिपुत्र से गोरखपुर चलने वाली इस ट्रेन को पहले प्रयागराज रूट से चलाने के लिए लाया गया था, लेकिन वहां अब 16 कोच की नई रैक पहुंच गई है। उस ट्रेन को पूर्व मध्य रेलवे रूट पर पाटलिपुत्र से गोरखपुर से चलाने का निर्णय लिया गया है।
ट्रेन को गोरखपुर यार्ड में तैयार किया जा रहा है। इस सप्ताह ट्रायल रन की योजना है। पटना मंडल उद्घाटन समारोह की तैयारियों में जुटा है।
प्रधानमंत्री कार्यालय से स्वीकृति मिलते ही पीएम द्वारा उद्घाटन की घोषणा कर दी जायेगी। हाल में गोरखपुर और बेतिया दौर पर आए रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने गोरखपुर-पटना नई वंदे भारत ट्रेन चलाने की घोषणा की थी।
'हमारे लिए काला दिन, विमान हादसे पर पारदर्शी होगी बातचीत', टाटा के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कर्मचारियों को लिखी चिट्ठी
पीटीआई, मुंबई। टाटा समूह के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने शुक्रवार को कहा कि भले ही यह कठिन समय हो, लेकिन समूह अपनी जिम्मेदारियों और सही कार्य करने से पीछे नहीं हटेगा। एअर इंडिया का स्वामित्व रखने वाला समूह विमान दुर्घटना पर अपनी बातचीत में पारदर्शी रहेगा।
इस समय चारों ओर बहुत सारी अटकलें हैं। कुछ सही हो सकती हैं, कुछ गलत भी। मैं धैर्य रखने का आग्रह करना चाहता हूं। यह नियमित उड़ान आपदा में क्यों बदली, इसे समझने में जांचकर्ता हमारी मदद करेंगे। एक बार जब हम तथ्यों की पुष्टि कर लेंगे, तो इसकी जानकारी देने में पारदर्शी होंगे।
टाटा समूह के चेयरमैन ने कर्मचारियों को भेजा भावुक संदेशकर्मचारियों को भेजे गए एक आंतरिक भावुक संदेश में उन्होंने कहा कि जब टाटा संस ने एअर इंडिया का अधिग्रहण किया था, तो यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना पहली और सबसे बड़ी प्राथमिकता थी। इससे कोई समझौता नहीं किया गया। यह संदेश एअर इंडिया के लंदन जाने वाले विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के एक दिन बाद आया है।
'टाटा समूह के लिए काला दिन'उन्होंने कहा कि यह बहुत मुश्किल क्षण है। हम सदमे में हैं। किसी परिचित को खोना त्रासदी है। एक साथ इतनी सारी मौतें होना समझ से परे है। यह टाटा समूह के इतिहास का सबसे काला दिन है। इस समय शब्दों से सांत्वना नहीं मिल सकती, लेकिन मेरी संवेदनाएं मारे गए और घायल लोगों के परिवारों और प्रियजनों के साथ हैं। मैं कहना चाहता हूं कि आपकी तरह हम भी समझना चाहते हैं कि क्या हुआ। उन्होंने कहा कि पिछले 24 घंटों में दुर्घटना की जांच के लिए ब्रिटेन और अमेरिका से जांच दल अहमदाबाद पहुंचे हैं। उन्हें हमारा पूरा सहयोग प्राप्त है।
पीड़ितों के लिए राहत प्रयासों में पूर्ण सहयोग करेंगे : अंबानीएशिया के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी ने शुक्रवार को एअर इंडिया विमान दुर्घटना के पीड़ितों के लिए राहत कार्यों में पूर्ण सहयोग की पेशकश की है। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक अंबानी ने कहा कि वह और उनकी पत्नी नीता अहमदाबाद में हुए दुखद विमान हादसे में हुई जानमाल की भारी क्षति से बेहद दुखी और व्यथित हैं।
हम इस दुखद घटना से प्रभावित सभी लोगों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हैं। दुख की इस घड़ी में रिलायंस चल रहे राहत प्रयासों को अपना पूर्ण और अटूट समर्थन देता है और हर संभव तरीके से सहायता करने के लिए तैयार है।
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बिहार में 223 जगह बनेंगे रेलवे ओवर ब्रिज, केंद्र सरकार ने दी मंजूरी; स्टेट गवर्नमेंट से मिला NOC
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य सरकार के आग्रह पर रेल मंत्रालय ने प्रदेश के 223 रेल फाटकों पर रेल ओवर ब्रिज (आरओबी) निर्माण को अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है। आरओबी के निर्माण से राज्य की सड़कों पर आवागमन निर्बाध होगा। राज्य सरकार ने 223 रेल फाटकों पर आरओबी निर्माण के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र भी दे दिया है।
पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव मिहिर कुमार सिंह, रेलवे बोर्ड के सदस्य आधारभूत संरचना नवीन गुलाटी, महाप्रबंधक छत्रशाल सिंह, के साथ हुई बैठक में आरओबी निर्माण पर सहमति बनी। रेलवे बोर्ड ने 12 आरओबी, आरयूबी के निर्माण को ले डीपीआर को भी अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी।
इन जगहों पर आरओबी निर्माण के डीपीआर को मिली मंजूरजिन 12 जगहों पर आरओबी निर्माण के लिए डीपीआर को स्वीकृति दी गई है उनमें सहरसा जंक्शन से बैजनाथपुर के बीच के रेल फाटक, छपरा जिले में छपरा जंक्शन से छपरा कचहरी के बीच, सीतामढ़ी जिले में सीतामढ़ी से डुमरा के बीच, गया जिले में पहाड़पुर से गुरपा के बीच तथा परैया से गुरारू के बीच, लखीसराय जिले में अभयपुर से मसुदन तथा कजरा से अभयपुर के बीच, जमुई जिले में झाझा से सिमुलतला के बीच, मुंगेर में जमालपुर से दशरथपुर के बीच, औरंगाबाद जिले में फेशर-बधोई कुशा तथा जाखिम-बधोई कुशा के बीच तथा मुजफ्फरपुर जिले में मोतीपुर से मेहषी शामिल हैं।
48 आरोबी के निर्माण का डीपीआर तैयारपथ निर्माण विभाग सेमिली जानकारी के अनुसार, 48 जगहों पर आरओबी निर्माण के लिए डीपीआर तैयार कर लिया गया है। जून-जुलाई के बीच स्वीकृति मिल जाएगी। वहीं 112 अन्य आरओबी के निर्माण के लिए डीपीआर तैयार किया जा रहा है।
पथ निर्माण मंत्री ने क्या कहा?पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि 223 आरओबी के निर्माण की स्वीकृति से राज्य के किसी कोने से भी साढ़े तीन घंटे में पटना पहुंचने के लक्ष्य को हासिल करना संभव हो सकेगा। रेल फाटकों पर लगने वाले जाम से भी राहत मिलेगी।
Rain Alert: प्रचंड गर्मी से मिलेगी राहत, दिल्ली में इस दिन पहुंचेगा मानसून; इन राज्यों में होगी झमाझम बारिश
पीटीआई, नई दिल्ली। Monsoon Update: भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा कि दक्षिण-पश्चिम मानसून ने इस सप्ताह फिर से गति पकड़ ली है। इस मानसून के सामान्य तिथियों से काफी पहले यानी 25 जून तक दिल्ली समेत उत्तर पश्चिम भारत के ज्यादातर हिस्सों में पहुंचने की संभावना है। मानसून 24 मई को केरल पहुंचा।
वर्ष 2009 के बाद यह मानसून का सबसे जल्दी आगमन है। 2009 में 23 मई को मानसून ने केरल में प्रवेश किया था। अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव वाले मजबूत तंत्र के कारण मानसून अगले कुछ दिन में तेजी से बढ़ा और 29 मई तक मुंबई समेत मध्य महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों और पूरे पूर्वोत्तर तक पहुंच गया। हालांकि यह 28-29 मई से 10-11 जून तक ठहरा रहा और अब फिर से सक्रिय हो गया है।
जून की शुरुआत में तेजी से बढ़ा तापमानजून की शुरुआत से वर्षा की कमी के कारण तापमान में तेज वृद्धि हुई, जिससे 8-9 जून से उत्तर पश्चिम और मध्य भारत के बड़े हिस्से में भीषण गर्मी की स्थिति पैदा हो गई है। आईएमडी के पूर्वानुमान के अनुसार, अब मानसून 18 जून तक मध्य और पूर्वी भारत के शेष हिस्सों और उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ इलाकों को कवर कर लेगा।
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दिल्ली कब पहुंचेगा मानसून?जबकि 19 से 25 जून के बीच उत्तर-पश्चिम के ज्यादातर हिस्सों में मानसून पहुंच सकता है। आईएमडी के एक अधिकारी ने बताया कि मानसून 22-23 जून तक दिल्ली पहुंच सकता है। राष्ट्रीय राजधानी में मानसून के पहुंचने की सामान्य तिथि 27 जून है।
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सामान्य से अधिक वर्षा का अनुमानआईएमडी ने इस बार जून से सितंबर के बीच मानसून के मौसम में सामान्य से अधिक बारिश होने का अनुमान लगाया है। साथ ही अलनीनो के सक्रिय होने की संभावना से इनकार किया है। इसके सक्रिय रहने पर भारतीय उपमहाद्वीप में सामान्य से कम बारिश होती है। मौसम विभाग ने देश में मानसून में जून-सितंबर के दौरान 106 प्रतिशत वर्षा का अनुमान लगाया है।
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