Feed aggregator

Bihar Land Survey: भूमि सर्वे के बीच जमीन मालिकों को बड़ी राहत, नीतीश सरकार ने आसान कर दिया ये काम

Dainik Jagran - April 3, 2025 - 6:12pm

राज्य ब्यूरो, पटना। राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री ने भूमि सर्वेक्षण (Bihar Land Survey) के लिए स्वघोषणा जमा करने में देरी करने वाले रैयतों को बड़ी राहत दी है।

उन्होंने गुरुवार को आयोजित समीक्षा बैठक में कहा- अभी आपके पास जमीन से जुड़ा जो भी उपलब्ध कागजात है, उसी आधार पर ऑनलाइन स्वघोषणा जमा कर दें। बाकी कागजात किस्तवार एवं खानापुरी की प्रक्रिया के समय जमा करा दें।

उन्होंने स्वघोषणा की तिथि बढ़ाने की संभावना पर भी विचार किया। इसमें आने वाली तकनीकी एवं कानूनी बाधाओं के अध्ययन का निर्देश दिया। बैठक में बताया गया कि 31 मार्च तक कुल एक करोड़, 15 लाख 916 स्वघोषणा प्राप्त हुई है। ये ऑनलाइन और ऑफलाइन मोड में जमा कराए गए हैं।

1.35 करोड़ स्वघोषणा जमा होने की उम्मीद

इसमें दूसरे चरण में शुरू किए गए 36 जिलों के सभी 445 अंचलों (सर्वे शिविरों) में रैयतों द्वारा जमा की गई स्वघोषणा की संख्या को भी जोड़ा गया है। राज्य में करीब चार करोड़ जमाबंदी है।

एक करोड़ 35 लाख स्वघोषणा जमा होने की उम्मीद है। मंत्री ने भूमि सर्वेक्षण में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले जिलों को सुधार के लिए 15 दिनों का समय दिया।

ये है स्वघोषणा का स्टेटस

पश्चिम चंपारण जिले के पांच अंचलों- बेतिया, पिपरासी, मधुबनी, ठकराहा और भितहा एवं पूर्वी चंपारण जिले के पांच अंचलों- पिपराकोठी, तुरकौलिया, बनकटवा, छौड़ादानो और रक्सौल में स्वघोषणा की संख्या काफी कम रही।

बेतिया सदर में अबतक मात्र 187 स्वघोषणा ही प्राप्त हुई है, जबकि पिपरासी अंचल में प्राप्त स्वघोषणा की संख्या मात्र 524 है।

दूसरी तरफ, अररिया सदर अंचल एवं दरभंगा के बिरौल बहेड़ी, कुशेश्वर स्थान, अररिया के जौकीहाट, फारबिसगंज एवं पलासी में भी बड़ी संख्या में रैयतों ने स्वघोषणा जमा किया है।

इसी प्रकार समस्तीपुर के कल्याणपुर और औरंगाबाद के नबीनगर सर्वे शिविर की स्थिति भी स्वघोषणा प्राप्त करने के मामले में संतोषप्रद है।

ये भी पढ़ें- Bihar Bhumi: लैंड म्यूटेशन को लेकर सरकार सख्त, इन अफसरों पर गिरेगी गाज; अंचलों की बन गई लिस्ट

ये भी पढ़ें- Bihar Jamin Jamabandi: 1958 में अधिग्रहित जमीन की अवैध खरीद-बिक्री, आरा में जमाबंदी रद करने की तैयारी

Categories: Bihar News

EPFO New Rules: अब UAN से बैंक अकाउंट लिंक करने के लिए Employer से नहीं लेनी होगी मंजूरी, जानिए क्या है नया नियम

Dainik Jagran - National - April 3, 2025 - 6:11pm

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के सदस्यों को बैंकिंग की तर्ज पर सुविधाएं मुहैया कराने की पहल को आगे बढ़ाते हुए इपीएफओ दावा निपटान प्रक्रिया (EPFO Claim Settlement Process) को और सरल बनाने के लिए दो बड़े सुधार किए गए हैं।

इसमें पहला सुधार चेक लीफ या सत्यापित बैंक पासबुक की तस्वीर अपलोड करने की आवश्यकता को हटा दिया गया है। दूसरा बदलाव यह हुआ है कि यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) के साथ बैंक खाता विवरण जोड़ने के लिए नियोक्ता (Employer) की मंजूरी की आवश्यकता को EPFO ने हटा दिया है।

श्रम मंत्रालय ने बताया कितने लोगों को मिलेगा लाभ

श्रम मंत्रालय ने पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के इन सुधारों को समग्र रूप से इपीएफओ में लागू किए जाने की जानकारी एक बयान जारी कर साझा की। चेक-बैंक पास बुक की तस्वीर अपलोड करने की आवश्यकता को हटाने का लाभ इपीएफओ के 7.7 करोड़ से अधिक सदस्यों को लाभ मिलेगा।

वहीं यूएएन के साथ बैंक खाता विवरण जोड़ने के लिए नियोक्ता की मंजूरी की आवश्यकता को हटाने से लंबित अनुमोदन वाले लगभग 15 लाख सदस्यों को तत्काल लाभ मिलेगा। इस आवश्यकता को शुरू में कुछ केवाईसी-अपडेट सदस्यों के लिए पायलट आधार पर थोड़े सुधार किया गया था।

क्यों लाया गया नया नियम?

मंत्रालय के अनुसार मई 2024 को इसके लांच होने के बाद से इस कदम से 1.7 करोड़ इपीएफ सदस्यों को लाभ मिल चुका है। चूंकि यूएएन के साथ बैंक खाते को जोड़ने के समय बैंक खाताधारक का नाम पहले से ही ईपीएफ सदस्य के विवरण के साथ सत्यापित होता है, इसलिए अब इस अतिरिक्त दस्तावेज की आवश्यकता नहीं है। वहीं यूएएन के साथ बैंक खाता विवरण जोड़ने के लिए नियोक्ता की मंजूरी की आवश्यकता को इसलिए हटा दिया गया है कि वर्तमान में प्रत्येक सदस्य को अपने बैंक खाते को यूएएन से जोड़ना आवश्यक है ताकि उनके पीएफ निकासी को ऐसे खाते में सहजता से जमा किया जा सके।

हर रोज बैंक अकांउट जोड़ने के लिए आते हैं इतने रिक्वेस्ट

उल्लेखनीय है कि सदस्यों द्वारा प्रतिदिन बैंक खाते को जोड़ने के लिए लगभग 36,000 अनुरोध किए जा रहे हैं और बैंकों को सत्यापन पूरा करने में औसतन 3 दिन लगते हैं। हालांकि बैंक सत्यापन के बाद नियोक्ता की ओर से प्रक्रिया को मंजूरी देने में लगने वाला औसत समय लगभग 13 दिन है। इसकी वजह से नियोक्ता के स्तर पर कार्यभार बढ़ जाता है और बैंक खाते को जोड़ने में देरी होती है।

EPFO के अनुसार वर्तमान में प्रत्येक माह योगदान देने वाले 7.74 करोड़ सदस्यों में से 4.83 करोड़ सदस्यों ने अपने बैंक खातों को यूएएन से जोड़ दिया है। जबकि 14.95 लाख स्वीकृतियां नियोक्ताओं के स्तर पर लंबित हैं। इन दोनों सुधारों से उन सदस्यों को भी सुविधा होगी जो अपना नया बैंक खाता नंबर दर्ज करके पहले से जुड़े बैंक खाते को बदलना चाहते हैं।

यह भी पढ़ें: अब सभी के पास होगा सुप्रीम कोर्ट के जजों की संपत्ति का ब्योरा, CJI संजीव खन्ना का बड़ा आदेश

Categories: Hindi News, National News

Pages

Subscribe to Bihar Chamber of Commerce & Industries aggregator

  Udhyog Mitra, Bihar   Trade Mark Registration   Bihar : Facts & Views   Trade Fair  


  Invest Bihar