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बिहार के स्वास्थ्य मंत्री ने आइजीआइएमएस के कायाकल्प को 300 करोड़ की नई योजनाएं की स्वीकृत

Dainik Jagran - May 23, 2025 - 9:13pm

जागरण संवाददाता, पटना। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि डबल इंजन सरकार व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मार्गदर्शन में कभी निचले पायदन पर रहने वाली स्वास्थ्य सेवाएं, आज कई मानकों देश में सबसे आगे हैं। शहरी क्षेत्र के आइजीआइएमएस जैसे बड़े अस्पतालों ही नहीं गांवों व जिला मुख्यालय तक में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं सुदृढ़ की जा रही हैं।

गत चार माह में 800 हेल्थ एंड वेलनसे सेंटर व हेल्थ सब सेंटर निर्माण का आदेश दिया गया। गत 20 दिन में 400 से अधिक ग्रामीण अस्पतालों का उद्धाटन या शिलान्यास किया गया है। आइजीआइएमएस में मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार किया जा रहा है। 701 करोड़ की योजनाएं पूर्व से चल रही हैं, वे इस वर्ष के अंततक पूर्ण हो जाएंगी।

नई योजनाओं को दी गई मंजूरी 

इसके अलावा करीब 300 करोड़ की नई योजनाओं को मंजूरी दी गई है, जो जल्द शुरू होंगी। संस्थान को आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाओं का हब बनाया जा रहा है। जून के पहले व अंतिम सप्ताह में कई नई सुविधाएं शुरू होंगी। पांच सौ बेड के मेडिसिन ब्लाक की दो विंग का उद्घाटन हो चुका है और अन्य दो का उद्घाटन अगस्त तक होगा। वहीं 1200 बेड वाले अस्पताल के पहले कुछ ब्लाक का उद्घाटन जल्द किया जाएगा।

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने शुक्रवार को आइजीआइएमएस परिसर में 16 करोड़ से बनने वाली चारदीवारी, परिसर के चारो ओर सड़क व नाला निर्माण जैसी आधारभूत संरचनाओं के शिलान्यास समारोह में कहीं। मौके पर स्थानीय विधायक संजीव चौरसिया, बीएमएसआइसीएल के प्रबंध निदेशक धर्मेंद्र कुमार, स्वास्थ्य मंत्री के आप्त सचिव अमिताभ सिंह, आइजीआइएमएस के निदेशक डा. बिन्दे कुमार, चिकित्साधीक्षक डा. मनीष मंडल, डीन एकेडमिक्स डा. ओम कुमार, अतिरिक्त चिकित्साधीक्षक डा. समरेंद्र सिंह, नेत्र अधिकोष के प्रभारी डा. नीलेश मोहन आदि मौजूद थे।

24 घंटे बैट्रीचालित कार मरीजों को पहुंचाएगी विभागों तक 

स्वास्थ्य मंत्री ने आइजीआइएमएस की सुरक्षा के लिए परिसर के चारो ओर 1470 मीटर लंबी 10 फीट ऊंची, 10 इंच चौड़ी चारदीवारी जिसके ऊपर आरसीसी की दो फीट की ग्रिल लगी होगी, बनेगी। साथ ही निगरानी को चार वाच टावर बनेंगे। चारदीवारी से सटाकर छह मीटर की रोड व दो ट्रेंच जिसमें से एक से फोन-बिजली व अन्य तार तो दूसरे से पानी जाएगा। इससे संस्थान परिसर में खुले तारों का जाल खत्म हो जाएगा। परिसर के चारो ओर सड़क बनने के बाद सातो दिन 24 घंटे बैट्रीचालित कारों से मरीजों को विभिन्न विभागों में पहुंचाने की सुविधा शुरू की जाएगी। 15.99 करोड़ की लागत वाली यह योजना तीन से चार माह में पूरी हो जाएगी।

रोबो स्पाइनल मशीनों से सुसज्जित होगा फिजियोथेरेपी विभाग 

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जून के पहले सप्ताह में फिजियोथेरेपी के रोबो स्पाइनल मशीन, चक्कर मशीन समेत अन्य अत्याधुनिक उपकरणों का लोकार्पण होगा। इसी माह बच्चों के लिए विशेष कैंसर वार्ड, दो माड्यूलर आपरेशन थिएटर, 24 नई डायलिसिस मशीनें व 20 बेड की क्रिटिकल केयर मेडिसिन इकाई का भी शुभारंभ होगा।

बनेगा पूर्वोत्तर भारत का प्रमुख दंत चिकित्सा संस्थान

पटना : स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि आइजीआइएमएस के दंत विभाग में मुंबई व अन्य राज्यों से लोग जटिल रोगों का उपचार कराने आ रहे हैं। इसे देखते हुए इस संस्थान को डेंटल रिसर्च एवं एजुकेशन का राष्ट्रीय केंद्र बनाने के लिए पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट आफ डेंटल एजुकेशन एंड रिसर्च की स्थापना की जाएगी। इस पर 91.70 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके लिए 20291 वर्ग मीटर में आठ मंजिला भवन बनाया जाएगा। इसे पूर्वाेत्तर भारत का प्रमुख दंत चिकित्सा संस्थान बनाने की पहल की जा रही है।

स्वीकृत नई योजनाएं -------------------- लागत राशि करोड़ में

-बाउंड्री वाल, सड़क, नाला, ट्रेंच निर्माण ----16 करोड़

-मल्टी-लेवल कार पार्किंग----- 76.5 करोड़

---लेक्चर थिएटर व स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स--- 96.26 करोड़

-ब्वायज व गर्ल्स हास्टल (100-100 बेड)--- 18.45 करोड़

-पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट आफ डेंटल एजुकेशन एंड रिसर्च--- 91.70 करोड़

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Coronavirus: भारत में फिर पैर पसार रहा कोरोना वायरस, मगर बिहार में नहीं हो रही जांच

Dainik Jagran - May 23, 2025 - 9:11pm

जागरण संवाददाता, पटना। चीन, सिंगापुर, थाईलैंड के बाद कोरोना वायरस (Coronavirus) अब भारत के कई राज्यों में दस्तक दे चुका है। केरल, तमिलनाडु व महाराष्ट्र जैसे राज्यों में तो यह तेजी से फैल रहा है। दूसरी ओर, प्रदेश की राजधानी में अबतक कोरोना जांच की शुरुआत नहीं हुई है।

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद यानी आईसीएमआर के पटना स्थित राजेंद्र मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस यानी आरएमआरआई के निदेशक डॉ. कृष्णा पांडेय ने बताया कि अभी उनके यहां कोरोना की आरटीपीसीआर जांच नहीं हो रही है।

स्वास्थ्य विभाग से अभी इस बाबत कोई दिशा-निर्देश भी नहीं मिले हैं। वहीं पटना के सिविल सर्जन डा. अविनाश कुमार सिंह का कहना है कि पटना व प्रदेश के अधिसंख्य लोगों में वैक्सीन या पूर्व संक्रमण के कारण कोरोना के प्रति रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो चुकी है। ऐसे में न तो घबराने की जरूरत है और न ही फिलहाल इसकी जांच कराने की। हालांकि, उन्होंने कहा कि अभी तक उन्हें स्वास्थ्य विभाग से इस बाबत कोई गाइडलाइन नहीं मिली है। यदि मिलती है तो उसके अनुरूप व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।

12 राज्यों से बड़ी संख्या में हर पटना आते लोग:

देश में कोरोना मरीज केरल, तमिलनाड़, महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, पुडुचेरी, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, राजस्थान व कर्नाटक जैसे राज्यों में मिले हैं। यहां से हर दिन बड़ी संख्या में यात्री पटना आते-जाते हैं। ऐसे में उनके साथ आया कोरोना वायरस घर या आसपास के कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों के लिए घातक हो सकता है।

मुंबई में एक किशोरी समेत दो लोगों की कोरोना से मौत की बात कही जा रही है। हालांकि, सरकार ने अभी इन्हें कोरोना से मृत्यु घोषित नहीं किया है। भारत सरकार ने इस नए जेएन-1 वैरियंट को लेकर गाइडलाइन जारी की है लेकिन राज्य के चीफ सर्विलांस पदाधिकारी डा. अजय कुमार शाही ने वरीय पदाधिकारियों की अनुमति के बिना कुछ भी बताने में असमर्थता दिखाई।

जेएन-1, वैरियंट ऑफ इंटरेस्ट घोषित:

कोरोना का नया जेएन 1 वैरियंट, ओमिक्रोन परिवार का ही सब वैरियंट है। जेएन1 के सब वैरिएंट्स एलएफ-7 व एनबी1.8 विदेशों में तेजी से संक्रमण फैलने के लिए जिम्मेदार हैं। कोरोना वायरस म्यूटेशन के कारण संक्रमण फैलाने, रोग की गंभीरता में बदलाव होता है।

डब्ल्यूएचओ ने इसे वैरियंट आफ इंटरेस्ट (वीओआई) घोषित किया है। हमारे देश के परिप्रेक्ष्य में आइसीएमआर हर वैरियंट के बारे में गाइडलाइन जारी करता है, हम उसका इंतजार कर रहे हैं।

डब्ल्यूएचओ ने अबतक एटा, आईओटा, लैम्ब्डा, म्यू को ही वेरियंट आफ इंटरेस्ट घोषित किया है। हालांकि यह वेरियंट आफ कंसर्न की तरह सिद्ध खतरा, तेज व बड़े पैमाने पर फैलने वाला, गंभीर प्रकृति का नहीं है।

सामान्य लक्षण, गर्भवती, बीमार लोग रहे सावधान:

कोरोना की दो लहरों में एनएमसीएच के नोडल पदाधिकारी रहे डा. अजय कुमार सिन्हा ने बताया कि इस वैरियंट के लक्षण भी बुखार, खांसी, गले में खराश, सिरदर्द, थकान-मांसपेशियों में दर्द, भूख में कमी, दस्त, पाचन संबंधी समस्याएं ही हैं।

इसके अलावा गंध-स्वाद जाना, नाक बंद, उल्टी, आंखों में जलन, गले में चुभन, नींद की समस्या हो सकती है। मधुमेह, थायराइड, हृदय के रोगी, गर्भवती महिलाएं या वैक्सीन की दोनों डोज नहीं लेने वाले भी एहतियात बरतें। भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनें, सर्दी-जुकाम से पीड़ित लोगों से दूरी, हाथों की स्वच्छता व शारीरिक दूरी का ध्यान रखें।

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Agniveer Bharti Bihar 2025: बिहार के 5 जिलों में होगी अग्निवीर भर्ती रैली, इन पदों पर होगी बहाली

Dainik Jagran - May 23, 2025 - 8:42pm

जागरण संवाददाता, पटना। न्यू केएलपी ग्राउंड, चांदमारी दानापुर छावनी में बिहार के सात जिलों के लिए अग्निवीर भर्ती रैली पांच से 15 अगस्त तक होगी। इसके अतिरिक्त सैनिक तकनीकी सहायक, फार्मासिस्ट सिपाही की बहाली भी होनी है। इसको लेकर शुक्रवार को जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में बैठक हुई।

इसमें भर्ती निदेशक कर्नल बिंदु अग्निहोत्री की मौजूदगी में आवश्यक प्रशासनिक इंतजामों पर चर्चा की गई। रैली की व्यापक तैयारियों की समीक्षा की गई। इसमें भारतीय सेना और जिला प्रशासन के बीच भर्ती प्रक्रिया में ईमानदारी, पारदर्शिता और दक्षता के उच्चतम मानकों को बनाए रखने की आपसी प्रतिबद्धता व्यक्त की गई।

पटना समेत बक्सर, भोजपुर, सिवान, सारण, गोपालगंज और वैशाली के शॉर्टलिस्ट किए गए पुरुष अभ्यर्थियों के लिए अग्निवीर (जनरल ड्यूटी), अग्निवीर (टेक्निकल), अग्निवीर (क्लर्क/स्टोर कीपर टेक्निकल), अग्निवीर ट्रेड्समैन (10वीं) और अग्निवीर ट्रेड्समैन (8वीं) के लिए सेना भर्ती रैली होनी है।

इसी तरह सैनिक तकनीकी नर्सिंग सहायक और सिपाही फार्मासिस्ट के लिए बिहार और झारखंड राज्यों के शार्टलिस्ट किए गए पुरुष अभ्यर्थियों के लिए भी भर्ती रैली होगी।

मुख्यालय भर्ती क्षेत्र (बिहार और झारखंड) बिहार राज्य के योग्य और प्रेरित युवाओं से देश की सेवा करने और राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के इस प्रतिष्ठित अवसर का लाभ उठाने के लिए युवाओं को आमंत्रित किया है।

कहा है जो युवा साहसिक, अनुशासित, चुनौतीपूर्ण करियर चाहते हैं तथा मातृभूमि के प्रति निस्वार्थ सेवा चाहते हैं, कि वे दानापुर छावनी के चांदमारी स्थित न्यू केएलपी ग्राउंड में आयोजित भर्ती रैली में भाग लें।

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'पाकिस्तान की निंदा में एक भी देश ने क्यों नहीं दिया साथ?' राहुल गांधी ने सरकार से पूछे सवाल

Dainik Jagran - National - May 23, 2025 - 8:17pm

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों में पाकिस्तान की ओर से की गई भारी गोलीबारी में जान-माल की हुई क्षति का जायजा लेने के लिए शनिवार को पूंछ जाने से पहले एक बार फिर मोदी सरकार की विदेश नीति पर हमला बोला।

भारत-पाकिस्तान के बीच अचानक सीजफायर की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से की गई घोषणा का संदर्भ लेते हुए राहुल ने दावा किया कि भारत की विदेश नीति ध्वस्त हो गई है। कांग्रेस नेता इसको लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर पर खासतौर पर निशाना साधते हुए तीखे सवाल भी दागे।

कांग्रेस ने विदेश मंत्री से पूछे सवाल 

पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर की कार्रवाई अमेरिकी मध्यस्थता के दबाव में रोके जाने का दावा कर रही इसे सेना की सफलता और सरकार की कूटनीतिक विफलता बताते हुए लगातार हमले कर रही है। इसी क्रम में राहुल गांधी ने कांग्रेस के आधिकारिक हैंडल से विदेशमंत्री के एक विदेशी मीडिया के इंटरव्यू में लड़खड़ाने के दावे को अनुमोदित करते हुए उनसे सवाल पूछे।

भारत को पाकिस्तान के साथ क्यों जोड़ा गया?: राहुल

एस जयशंकर पर कटाक्ष करते हुए राहुल ने कहा कि क्या जेजे बताएंगे भारत को पाकिस्तान के साथ क्यों जोड़ दिया गया है? पाकिस्तान की निंदा करने में एक भी देश ने हमारा साथ क्यों नहीं दिया? ट्रंप को भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता करने के लिए किसने कहा? भारत की विदेश नीति ध्वस्त हो गई है।

राहुल गांधी के शनिवार को पूंछ के सीमावर्ती इलाकों में पाकिस्तानी गोलीबारी में हुई जान-माल की क्षति का जायजा लेने जाने की पुष्टि करते हुए कांग्रेस के संचार महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि 24 मई को पुंछ दौरे में वे पाकिस्तान द्वारा की गई गोलाबारी के दौरान पीड़ित परिवारों से मिलेंगे।

राहुल गांधी ने की थी श्रीनगर की यात्रा

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भी राहुल गांधी 25 अप्रैल को इसमें घायल लोगों से मिलने के लिए श्रीनगर गए थे। इस दौरान नेता विपक्ष ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से भी मुलाकात की थी।

कांग्रेस नेता के पूंछ जाने से पहले तृणमूल कांग्रेस के पांच सांसदों का प्रतिनधिमंडल भी शुक्रवार को इस सीमावर्ती इलाके में पाकिस्तान की फायरिंग में जान-माल गंवाने वाले नागरिकों का दुख-दर्द समझने के लिए वहां गया था। इसमें डेरेक ओब्रायन और सागरिका घोष जैसे टीएमसी सांसद शामिल थे।

यह भी पढ़ें: 24 मई को राहुल गांधी जाएंगे जम्मू-कश्मीर, पाकिस्तानी गोलाबारी से प्रभावित परिवारों से करेंगे मुलाकात

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बिहार में वोटिंग बढ़ाने को नया प्लान, अब दूरी नहीं बनेगी मत न देने की वजह; लंबी कतार से मिलेगी मुक्ति

Dainik Jagran - May 23, 2025 - 8:16pm

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में मतदान का राष्ट्रीय औसत प्राप्त करने के लिए भारत निर्वाचन आयोग दूरगामी पहल करने जुटा है। अबकी बार बड़ी सोसायटी वाले अपार्टमेंटों और आवासीय कालोनी के अंदर भी बूथ स्थापित किए जाएंगे। शहरी क्षेत्र में मतदान को प्रतिशत बढ़ाने के लिए आयोग ने यह पहल की है। शीघ्र ही ऐसे स्थलों को चिह्नित करने की प्रक्रिया आयोग की ओर शुरू की जाएगी।

नगर निकायों की संख्या बढ़कर 261 हुई

दरअसल, बिहार में नगर निकायों की संख्या बढ़कर अब 261 हो गई है। शहरों में बड़ी संख्या में मतदाता अपार्टमेंटों में रहते हैं। विशेषकर राजधानी पटना के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में अपार्टमेंटों की संख्या अधिक है। साथ ही शहरों में आवासीय कालोनियों की संख्या भी अधिक है। शहरों में बहुमंजिला इमारतों और घनी आबादी वाली कालोनियों के लिए अतिरिक्त मतदान केंद्र बनाने से शहरी मतदाताओं की मतदान केंद्र तक पहुंच में सुधार की संभावना है।

1200 मतदाताओं पर एक बूथ की स्थापना

आयोग ने निर्देश दिया है कि विधानसभा चुनाव में 1200 मतदाताओं पर एक बूथ की स्थापना की जाए। राज्य में वर्तमान में कुल 77895 बूथ हैं। ये बूथ 1500 मतदाताओं के आधार पर बनाए गए थे। शहरी क्षेत्रों में सिर्फ 1167 बूथ हैं जो 5667 स्थानों पर स्थापित किए गए हैं। अपार्टमेंट और कालोनियों में रहने वाले मतदाता अक्सर अपने घरों से निकलकर बूथ की लंबी कतारों में खड़े होकर मतदान करने से बचते हैं।

दूरी नहीं बनेगी मत ने देने की वजह

राज्य में मतदाताओं पर पिछले वर्ष कराए गए केएपी सर्वे में 6.3 प्रतिशत मतदाताओं ने बताया था कि मतदान केंद्र से दूरी के कारण उन्होंने मतदान नहीं किया। इसी तरह से सर्वे में 2.4 प्रतिशत मतदाताओं का कहना था कि वे बूथों पर लंबी कतार के कारण मतदान करने नहीं जाते हैं।

लंबी कतार से भी मुक्ति मिलेगी

अपार्टमेंट में बूथ स्थापित करने के बाद बूथ की दूरी मिट जाएगी और साथ ही लंबी कतार से भी मुक्ति मिलेगी। लोकसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ाने को लेकर आयोग की ओर से बुजुर्ग मतदाताओं को घर पर मतदान की व्यवस्था भी किया गया था।

इसमें 85 वर्ष से अधिक उम्र के मतदाताओं और दिव्यांग मतदाताओं को सुविधा दी गई थी। इसका लाभ हुआ कि लोकसभा चुनाव 2024 में 7902 मतदाताओं ने होम वोटिंग के माध्यम से वोट किया था। इसमें 85 वर्ष और उससे अधिक आयु के कुल 4679 मतदाता थे जबकि 3223 दिव्यांग मतदाताओं ने मत डाला था।

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