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सुप्रीम कोर्ट ने भारी मन से 6 आरोपियों को किया बरी, 87 में से 71 गवाह मुकरे; आखिर क्या है वजह?

Dainik Jagran - National - 16 hours 15 min ago

पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को 'भारी मन' से छह हत्यारोपियों को बरी कर दिया, क्योंकि मामले में पीड़ित के बेटे सहित ज्यादातर गवाह मुकर गए थे। इस 'अनसुलझे अपराध' में कुल 87 गवाहों में से 71 ने अपने बयान वापस ले लिए थे।

जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस के विनोद चंद्रन की पीठ ने कर्नाटक हाई कोर्ट के 27 सितंबर, 2023 के उस आदेश को रद कर दिया, जिसमें ट्रायल कोर्ट के फैसले को खारिज कर छह आरोपियों को दोषी ठहराया गया था।

साक्ष्यों की कमी की वजह से आरोपियों को किया गया बरी 

जस्टिस चंद्रन ने पीठ की ओर से 49 पेज के फैसले में कहा, ''अनसुलझे अपराध के लिए भारी मन से, लेकिन आरोपियों के खिलाफ साक्ष्यों की कमी के मुद्दे पर कोई संदेह नहीं रखते हुए, हम आरोपियों को बरी करते हैं। हाई कोर्ट के फैसले को पलटते हुए और ट्रायल कोर्ट के फैसले को बहाल करते हैं।''

अदालत ने जांच की आलोचना की 

पीठ ने अदालत में गवाहों के पलटने और ''अति उत्साही'' जांच की आलोचना की। पीठ ने कहा कि यह एक क्लासिक मामला है, जहां कुल 87 गवाहों में से 71 पलट गए। अदालत ने आगे कहा, ''यहां तक कि एक लड़का, जो अपने पिता को मौत के घाट उतारते हुए देख रहा था, हमलावरों की पहचान करने में असफल रहा।''

यह मामला दो भाइयों के बीच प्रतिद्वंद्विता के कारण रामकृष्ण नामक व्यक्ति की मृत्यु हो गई थी, जो पहले एक भाई के लिए काम करता था और बाद में दूसरे भाई के साथ जुड़ गया था। पुलिस के अनुसार, 28 अप्रैल, 2011 को रामकृष्ण की उस समय हत्या कर दी गई थी, जब वह अपने बेटे के साथ टहल रहा था।

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इमरजेंसी हुई तो कैसे निपटेगा भारत? आम आदमी को नहीं होगी कोई परेशानी, ये है PM मोदी का मास्टर प्लान

Dainik Jagran - National - 16 hours 22 min ago

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच बनी हुई तनाव (India Pakistan War News) की स्थिति को देखते हुए केंद्र सरकार ने किसी भी आपात स्थिति से निपटने (Modi government strategy) के लिए पूरी तरह कमर कस ली है। विपरीत परिस्थितियों (Civil safety measures) में भी आम जनजीवन पर उसका सीधा असर न पड़े, यही सरकार की चिंता है।

इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को विभिन्न मंत्रालयों के सचिवों के साथ समीक्षा बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए थे। उसके बाद तैयारियों की मंत्रालयवार कमान सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों ने संभाल ली है। शुक्रवार को अलग-अलग मंत्रालयों की सिलसिलेवार बैठकें चलती रहीं।

हर मोर्चे पर तैयारी पूरी
  • यूं तो सरकार हर मोर्चे पर तैयारी में जुटी है, लेकिन उन मंत्रालयों की व्यवस्थाओं और तैयारियों पर विशेष जोर है, जिनका सीधा प्रभाव आम जनजीवन पर पड़ता है।
  • जन सुरक्षा को देखते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने सीआईएसएफ, बीएसएफ और ब्यूरो आफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी के महानिदेशकों के साथ उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की।
  • उन्होंने पाकिस्तान से सटे क्षेत्रों, हवाई अड्डों और प्रमुख प्रतिष्ठानों की सुरक्षा में विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए।
  • केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आपातकालीन स्वास्थ्य सुविधाओं की तैयारियों की समीक्षा के लिए एक उच्चस्तरीय बैठक की।
चिकित्सा आपूर्ति की पर्याप्त उपलब्धता

अधिकारियों ने आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए चिकित्सा तैयारियों की वर्तमान स्थिति पर रिपोर्ट दी। एंबुलेंस की तैनाती, उपकरण, दवाइयों आदि की आपूर्ति सहित चिकित्सा आपूर्ति की पर्याप्त उपलब्धता के बारे में बताया। स्वास्थ्य मंत्री ने निर्देश दिया कि सभी राज्य सरकारों से विशेषकर जिला स्तर पर, सीमावर्ती राज्यों के साथ जमीनी स्तर पर संपर्क प्रभावी ढंग से स्थापित किए जाएं, ताकि आवश्यकता पड़ने पर तत्काल आपातकालीन स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित की जा सके।

प्रभावित नहीं होंगी बैंकिंग और वित्तीय सेवाएं

वहीं, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकिंग सेक्टर और साइबर सुरक्षा की तैयारियों के संबंध में उच्चस्तरीय बैठक की। डिजिटल एप्लीकेशन, यूपीआई आदि पर चर्चा की और अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहें। बैंकिंग और वित्तीय सेवाएं प्रभावित न हों।

अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक

आपातकालीन स्थिति में इन्फ्रास्ट्रक्चर की सुरक्षा तथा सड़क यातायात सुनिश्चित हो, इसके लिए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों एवं सीमावर्ती राज्यों के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की।

सुरक्षा एजेंसियों के साथ संपर्क में रहने के निर्देश

गडकरी ने सभी अधिकारियों को सतर्क रहने के साथ जरूरी प्रबंधन, राज्य सरकारों और सुरक्षा एजेंसियों के साथ संपर्क में रहने के निर्देश दिए। इसी तरह केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रालय, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) और ग्रामीण विकास मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की।

बैठक के बाद आश्वस्त किया कि अधिकारियों से फसल बुआई, खाद्यान्न, फल-सब्जी उत्पादन तथा उपलब्धता की जानकारी ली गई है। मौजूदा परिस्थितियों में किसानों को कहीं-कोई दिक्कत नहीं आने देने के संबंध में दिशा-निर्देश दिए गए हैं। देश में गेहूं, चावल व अन्य अनाज पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।

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India Attacks Pakistan: भारत के काउंटर अटैक से घबराया पाकिस्तान, चीन-ईरान और कतर से मांगी मदद

Dainik Jagran - National - May 9, 2025 - 11:51pm

पीटीआई, इस्लामाबाद। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने शुक्रवार को कहा कि सरकार क्षेत्र में तनाव कम करने के प्रयास में ईरान, यूएई, सऊदी अरब, चीन और कतर सहित अन्य देशों के साथ कूटनीतिक संपर्क बनाए हुए है। उनकी टिप्पणियां ऐसे समय आईं जब सऊदी अरब के उप-विदेश मंत्री आदिल अलजुबैर नई दिल्ली की यात्रा के बाद इस्लामाबाद पहुंचे हैं।

भारतीय ड्रोन हमले पर क्या पाक रक्षा मंत्री

नेशनल असेंबली को संबोधित करते हुए आसिफ ने यह भी दावा किया कि हाल के भारतीय ड्रोन हमले टोही उद्देश्यों के लिए थे, न कि तत्काल हमले के लिए। भारतीय ड्रोन को सुरक्षित सीमा में प्रवेश करने की अनुमति दी गई थी, ताकि संवेदनशील स्थानों से समझौता किए बिना उन्हें रोका और निष्कि्रय किया जा सके।

सूचना मंत्री अत्ता तारार ने दावा किया कि बुधवार से गुरुवार शाम तक कम से कम 29 ड्रोन रोके गए और शुक्रवार तक अतिरिक्त 48 ड्रोन मार गिराए गए। 

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India Pakistan News: एलओसी से इस्लामाबाद तक मिलिट्री एक्शन, नए भारत से खौफ खा रहा पाकिस्तान

Dainik Jagran - National - May 9, 2025 - 11:50pm

विनीत त्रिपाठी, नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद रोधी बल के प्रमुख रहे लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) एसके सैनी का कहना है कि ऑपरेशन सिंदूर ने नए भारत की तस्वीर प्रस्तुत की है। नया भारत आदर्शवाद से हटकर यथार्थवादी दृष्टिकोण अपनाता है। उड़ी और पुलवामा हमलों के बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान समर्थित आतंकी ठिकानों पर जवाबी कार्रवाई की थी, लेकिन ये कार्रवाई पाक सीमा तक सीमित थी।

पहलगाम में निर्दोष लोगों की हत्या के जवाब में भारतीय सेना ने पहली बार एलओसी पार कर पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया।

वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ रह चुके एसके सैनी ने कहा कि उड़ी या पुलवामा हमले के बाद सेना ने सर्जिकल और एयर स्ट्राइक के जरिए जवाबी कार्रवाई की थी, लेकिन पूर्व की कार्रवाई एलओसी के आसपास बने आतंकी ठिकानों तक सीमित थीं।

पाकिस्तान के अंदर आतंकी ठिकानों को बनाया निशाना

इस बार की रणनीति में अहम बदलाव यह देखने को मिला कि भारत के इतिहास में पहली बार भारतीय सेना ने एलओसी के साथ पाकिस्तान के अंदर बने आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। पहली बार इन आतंकी कैंपों को समर्थन देने वाले पाकिस्तान के स्टैब्लिशमेंट पर भी हमला किया गया।

हमले की टाइमिंग और योजना के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह तय रणनीति है कि हाई-प्रोफाइल आतंकी हमला होने पर हम जवाब देते हैं। जवाबी कार्रवाई सीमा पार जाकर की जाएगी या फिर दूर से मार करने वाले हथियारों के जरिए, यह सब कुछ सेना की खुफिया जानकारी व तैयारी के आधार पर तय होता है।

पहलगाम हमले के बाद तुरंत जवाबी हमले का दबाव था, लेकिन भारतीय सेना और सरकार ने पूरी तैयारी के बाद कार्रवाई की, जो उचित था।

एक्शन में नेवी की भूमिका

1971 के बाद पहली बार नेवी को कार्रवाई में शामिल करने के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर जल, थल और वायु सेना संयुक्त रूप से काम करती हैं और योजना के तहत संयुक्त जवाब देती हैं। सेना की योजना और पाक द्वारा सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने के बाद जवाबी कार्रवाई के रूप में नेवी को भी लगाया गया है। यह सब सैन्य आपरेशन का हिस्सा है।

मालूम हो कि लेफ्टिनेंट जनरल एसके सैनी सैनिक स्कूल कपूरथला और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के पूर्व छात्र रहे हैं और जून 1981 में जाट रेजिमेंट में कमीशन हुए थे। उन्होंने दक्षिण सेना के पुणे मुख्यालय की कमान संभाली थी।

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Air India ने 25 मई तक स्थगित की तेल अवीव की उड़ानें, चेक करें डिटेल्स

Dainik Jagran - National - May 9, 2025 - 11:31pm

 पीटीआई, नई दिल्ली। एयर इंडिया ने शुक्रवार को कहा कि उसने तेल अवीव जाने वाली और वहां से आने वाली उड़ानों को 25 मई तक निलंबित कर दिया है। चार मई को तेल अवीव हवाई अड्डे के पास मिसाइल हमले के बाद एयरलाइन ने अपनी सेवाओं को छह मई तक निलंबित कर दिया था और बाद में इसे आठ मई तक बढ़ा दिया गया था।

सप्ताह में पांच उड़ानें संचालित करती है एयर इंडिया

एयर इंडिया तेल अवीव के लिए सीधी उड़ान संचालित करने वाली एकमात्र भारतीय एयरलाइन है। यह सामान्यत: दिल्ली से इजरायली शहर के लिए सप्ताह में पांच उड़ानें संचालित करती है।

उड़ानें 25 मई तक निलंबित रहेंगी

एयरलाइन ने शुक्रवार को एक्स पर एक पोस्ट में कहा-हमारी तेल अवीव के लिए और वहां से वापसी की उड़ानें 25 मई तक निलंबित रहेंगी। इस अवधि तक यात्रा के लिए वैध टिकट रखने वाले ग्राहकों को पुनर्निर्धारण शुल्क पर एक बार की छूट या टिकट रद करने पर पूर्ण धनवापसी की सुविधा दी जाएगी।

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PMCH दवा खरीद घोटाला मामले में ED की बड़ी कार्रवाई, 3 करोड़ की संपत्ति जब्त की

Dainik Jagran - May 9, 2025 - 10:38pm

राज्य ब्यूरो, पटना। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के पटना जोनल कार्यालय ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रविधानों के तहत विभिन्न मेडिकल उपकरण और दवा आपूर्तिकर्ताओं की 10 अचल और चल संपत्तियों को अंतिम रूप से कुर्क किया है।

इन संपत्तियों की कीमत 3.01 करोड़ रुपये के करीब है। इन आपूर्तिकर्ताओं ने पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधिकारियों की मिली भगत से अस्पताल को अत्याधिक ऊंची दरों पर और काफी अधिक मात्रा में दवा, मशीन, उपकरण की आपूर्ति की थी।

16 साल पुराना मामला

यह संपत्तियां पीएमसीएच के तत्कालीन अधीक्षक ओपी चौधरी व अन्य की हैं। करीब 16 साल पुराने इस मामले में ओमप्रकाश चौधरी सहित पीएमसीएच के कई अधिकारियों और सप्लायरों को आरोपित बनाया गया था।

जानकारी के अनुसार 2008-09 और 2009-10 की अवधि के दौरान पीएमसीएच के अधिकारियों ने विभिन्न आपूर्तिकर्ताओं के साथ मिलीभगत करके आवश्यक मात्रा से कहीं अधिक ऊंची दरों पर दवाइयां, रासायनिक अभिकर्मक, मशीनें व चिकित्सा उपकरण खरीद थे।

सरकार को करीब 12.63 करोड़ रुपये की राजस्व क्षति

जिस वजह से सरकार को करीब 12.63 करोड़ रुपये की राजस्व क्षति हुई। इस मामले में ईडी ने पटना के विशेष निगरानी न्यायालय के समक्ष आईपीसी 1860 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की विभिन्न धाराओं के तहत ओपी चौधरी और अन्य के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी और आरोप पत्र को आधार बनाकर अपनी जांच प्रारंभ की थी।

जांच में पीएमसीएच के अधिकारियों की मिलीभगत से आपूर्तिकर्ताओं को लगभग 3.01 करोड़ रुपये आय की पहचान की गई, जिसे अब पीएमएलए 2002 के प्रावधानों के तहत जब्त किया गया है।

पहले इस मामले में पांच नवंबर 2020 को ओपी चौधरी, विनोद कुमार सिंह, गणेश प्रसाद सिंह, अमित कुमार ढांढानिया और बिमल डालमिया तथा उनके परिवार के सदस्यों के नाम की अपराध से हुई आय से लगभग 3.14 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्तियां अंतिम रूप से कुर्क की गई थी।

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भारत-पाक तनातनी के बीच बिहार में डाक्टरों की क्विक रिस्पांस टीम गठन के निर्देश, ब्लैक आउट के लिए भी तैयारी

Dainik Jagran - May 9, 2025 - 10:27pm

राज्य ब्यूरो, पटना। भारत-पाक के बीच तनातनी की स्थिति को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने संवेदनशील क्षेत्रों में चिकित्सा संस्थानों की पहचान करते हुए उन्हें आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए सभी प्रकार की एहतियातन तैयारी रखने के निर्देश जारी किए हैं। इसके साथ ही सभी जिलों में डाक्टरों और पारा मेडिकल स्टाफ की क्विक रिस्पांस टीम गठन के निर्देश भी जारी किए गए हैं।

डेडिकेटेड बेड की व्यवस्था करने के निर्देश

शुक्रवार को विकास आयुक्त सह स्वास्थ्य के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत और राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक सुहर्ष भगत ने संयुक्त रूप से सभी सिविल सर्जन, मेडिकल कालेज अधीक्षकों और प्राचार्यों के साथ ही मेडिकल अफसरों के साथ वीडियो कांफ्रेंस के जरिये स्वास्थ्य तैयारियों की समीक्षा की।

बैठक में मौजूद रहे सिविल सर्जन

बैठक के दौरान सिविल सर्जनों के साथ ही अन्य स्वास्थ्य पदाधिकारियों को आपरेशन थियेटर, आइसीयू, हाई डिपेंडेंसी यूनिट 24 घंटे क्रियाशील रखने के निर्देश दिए गए। मेडिकल कालेज अस्पतालों में आपातकालीन वार्ड को क्रियाशील रखते हुए डेडिकेटेड बेड की व्यवस्था करने को भी कहा गया है।

आक्सीजन की निर्बाध व्यवस्था सुनिश्चित करें

प्रत्यय अमृत ने कहा कि अस्पतालों में विशेषज्ञ डाक्टर, सामान्य डाक्टर एवं स्टाफ नर्स व अन्य पारा मेडिकल स्टाफ का अलग रोस्टर तैयार रखा जाए। अस्पतालों में आक्सीजन की निर्बाध व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। पर्याप्त संख्या में आक्सीजन सिलेंडर और आक्सीजन कंसनटे्रटर चालू अवस्था में रखे जाएं।

जेनरेटर एवं बैटरी इंवर्टर की रहे व्यवस्था

अगर ब्लैक आउट की स्थिति बनती है तो विद्युत आपूर्ति बहाल रखने के लिए जेनरेटर एवं बैटरी इंवर्टर की समुचित व्यवस्था रखी जाए। क्विक मेडिकल रिस्पांस टीम का जिलास्तर पर कम्युनिकेशन प्लान तैयार किया जाए।

स्टैंडबाइ में रखी जाएं एबुलेंस बनाए नियंत्रण कक्ष

जिलों को यह निर्देश भी दिए गए हैं कि स्वास्थ्य संस्थानों में एंबुलेंस को टैग करें और स्टैंडबाइ में भी एंबुलेंस की व्यवस्था रखें। साथ ही गोल्डन आवर में जरूरतमंदों के लिए अलग से डेडिकेटेड एंबुलेंस की व्यवस्था सुनिश्चित रखें।

जिलों को दिए नियंत्रण कक्ष गठन के निर्देश

इसके अलावा सात दिन 24 घंटे राज्य नियंत्रण कक्ष गठन के निर्देश भी जिलों को दिए गए हैं। बैठक में स्पष्ट किया गया है कि जिला स्तर पर सिविल सर्जन और प्रखंड स्तर पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी नोडल अफसर पद का दायित्व निर्वहन करेंगे।

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बिहार में किस Age में हो रही 40 प्रतिशत लड़कियों की शादी? मां बनने की उम्र तो और चौंकाने वाली

Dainik Jagran - May 9, 2025 - 9:47pm

जागरण संवाददाता, पटना। चाणक्य नेशनल ला यूनिवर्सिटी (सीएनएलयू) के जेंडर रिसर्च सेंटर और यूनाइटेड नेशन पापुलेशन फंड के सहयोग से शुक्रवार को होटल मौर्य में ‘बिहार में बाल विवाह और किशोरावस्था में गर्भावस्था को कम करने’ विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया।

40.8 प्रतिशत की शादी 18 वर्ष में 

वक्ताओं ने कहा कि राष्ट्रीय पारिवारिक स्वास्थ सर्वेक्षण के आंकड़े के अनुसार बिहार में 40.8 प्रतिशत महिलाओं की शादी 18 वर्ष की उम्र में हो जाती है। 15 से 19 वर्ष की 11 प्रतिशत लड़कियां या तो पहले मां बन चुकी हैं या पहली बार गर्भवती हैं। कम उम्र में गर्भावस्था के कारण शारीरिक विकास ठीक से नहीं हो पाता है।

शिक्षा से बढ़ सकती है जागरूकता

यूएनएफपीए के स्वास्थ्य अधिकारी डेविड केन ने कहा कि शिक्षा का स्तर बढ़ने और जागरूकता से लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। कम उम्र में गर्भावस्था के कारण मां और बच्चे दोनों के शारीरिक व मानसिक विकास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

समझ से रुक सकता है बाल विवाह

डा. ख्वाजा इफ्तिखार अहमद ने कहा कि किशोरावस्था और गर्भावस्था सिर्फ स्वास्थ्य का मुद्दा नहीं है, यह मौलिक अधिकारों और मानव गरिमा से जुड़ा विषय है। जमिया मिल्लिया इस्लामिया के प्रो. एजाज मसीह ने कहा कि युवाओं में जागरूकता, भावनात्मक समझ और समावेशी शिक्षा के माध्यम से ही बाल विवाह पर लगाम लगाया जा सकता है।

सरकारी याेजनाओं का दिख रहा सकारात्मक प्रभाव 

समाज कल्याण विभाग की सचिव वंदना प्रेयसी ने विभागीय योजनाओं और समुदाय स्तर की भागीदारी की अहमियत पर प्रकाश डालीं। उन्होंने कहा कि नीतियों की सफलता तभी संभव है जब समुदायों और किशोरियों को साथ लेकर काम किया जाएगा। सरकारी योजनाओं का सकारात्मक प्रभाव दिख रहा है।

कानून और क्रियान्वयन पर दें ध्यान

सीएनएलयू के कुलपति प्रो. फैजान मुस्तफा ने कहा कि हमें कानून बनाने के साथ-साथ उसके क्रियान्वयन पर भी विशेष ध्यान देना होगा। सीएनएलयू-जीआरसी की प्रमुख डा. आयुषी दुबे ने अतिथियों का स्वागत करते हुए विषय की जानकारी दी। यूएनएफपीए की राज्य प्रमुख सादत नूर ने कहा कि इसमें सरकार और समाज के सहयोग को निर्णायक है।

सरकारी पहल के साथ हो साझा दायित्व

यह सिर्फ सरकारी पहल नहीं, बल्कि एक साझा दायित्व है। पैनल चर्चा में संजय कुमार, गुलरेज होदा, डा. ख्वाजा इफ्तिखार अहमद, अनुराग बेहर, मेरी थॉमस, जेरियस लिंगो, दिव्या मुकुंद आदि ने विचार रखें। सीएनएलयू जीआरसी के समन्वयक डा. चंदन ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

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