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पटना में जज की बेटी से कहा, पुणे के सिम्बायोसिस कालेज में हो जाएगा एडमिशन, IGIMS के नाम पर ठगे 9 लाख

Dainik Jagran - May 31, 2025 - 8:01pm

जागरण संवाददाता, पटना। बेटी का आइजीआइएमएस (इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस) में एमबीबीएस कोर्स में दाखिला दिलाने के नाम पर एक न्यायाधीश से नौ लाख 30 हजार रुपये ठगने का मामला प्रकाश में आया है।

न्यायाधीश ने दर्ज कराई लिखित शिकायत

न्यायाधीश की लिखित शिकायत पर गांधी मैदान थाने में फार्चुन ग्रुप नामक संस्था के संचालक शकुलुर रहमान और उनकी पत्नी डेजी सुल्तान के विरुद्ध प्राथमिकी कराई है। दंपती पीरबहोर थाना क्षेत्र के बीएम दास रोड स्थित नारायण प्लाजा के फ्लैट नंबर 305 में रहते हैं।

आशियाना टावर कांप्लेक्स में है ऑफिस

उन्होंने गांधी मैदान थानांतर्गत आशियाना टावर कांप्लेक्स की पहली मंजिल पर संस्था का कार्यालय खोल रखा था। थानेदार राजेश कुमार ने बताया कि आरोपित दंपती की तलाश में छापेमारी की जा रही है।

मेडिकल में दाखिला दिलाने के नाम पर ठगी

प्राथमिकी के अनुसार, फुलवारीशरीफ इलाके में रहने वाले एक न्यायाधीश की पुत्री ने इस वर्ष नीट में अच्छे नंबर प्राप्त किए थे। इसके बाद फार्चुन ग्रुप संस्था से लगातार मेडिकल में दाखिला दिलाने में सहयोग कराने के लिए काल आ रही थी।

कानूनी तरीके से हो सकता है दाखिला..

इसके बाद न्यायाधीश वहां पहुंचे तो शकुलुर और डेजी ने बताया कि उनकी पुत्र के प्राप्तांक के अनुसार पुणे के सिम्बायोसिस मेडिकल कालेज में नामांकन हो जाएगा। बातचीत के दौरान दंपती ने बताया कि आइजीआइएमएस में उत्तर-पूर्वी भारत के लिए रिजर्व सीटें रहती हैं, लेकिन मणिपुर में दंगे की वजह से इस बार खाली रह जाएंगी।यदि वह चाहें तो उस सीट पर कानूनी तरीके से उनकी बेटी का दाखिला हो सकता है।

किस्तों न्यायाधीश से 9.30 लाख रुपये ऐंठ लिए

विश्वास में लेकर दंपती ने किस्तों न्यायाधीश से 9.30 लाख रुपये ऐंठ लिए। इसके बदले उन्होंने पावती और चेक भी दिया था। ठगी का अहसास होने पर न्यायाधीश ने दंपती द्वारा दिए गए चेक को बैंक में जमा किया, जो पर्याप्त राशि नहीं रहने के कारण बाउंस हो गया। उनकी ओर से दबाव बनाने पर आरोपित दंपती ने यूपीआइ के माध्यम से दो लाख 75 हजार वापस किए, लेकिन बाकी राशि हड़प ली। इसके बाद न्यायाधीश ने प्राथमिकी कराई।

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Monsoon Update: भूस्खलन और बारिश से नॉर्थ ईस्ट में तबाही, अब तक 19 की मौत; 12 हजार से अधिक लोग प्रभावित

Dainik Jagran - National - May 31, 2025 - 6:26pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जहां देश का एक हिस्सा इस वक्त गर्मी की मार झेल रहा है, तो वहीं पूर्वोत्तर में बारिश कहर बनकर बरपी है। मिजोरम, असम और मणिपुर से लेकर त्रिपुरा और अरुणाचल प्रदेश तक चारों ओर तबाही का मंजर है। बारिश कहीं लैंड स्लाइड लेकर आई, तो कहीं फ्लैश फ्लड का कारण बनी।

अब तक इन घटनाओं में 19 लोगों की मौत की खबर है। पूर्वोत्तर में 12 हजार से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं और दर्जनों लोगों के फंसे होने की आशंका जताई जा रही है। आने वाले दिनों में भी प्रकृति का कहर थमने की कोई उम्मीद दिखलाई नहीं पड़ती। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों के लिए भयंकर बारिश का अलर्ट जारी किया है।

मिजोरम और असम में भयंकर तबाही

पूर्वोत्तर के राज्यों में कई घर बारिश में तबाह हो गए हैं, सड़कें बह गई हैं और हजारों लोग बेघर हो चुके हैं। प्रशासन बचाव अभियान में जुटा है, लेकिन लगातार हो रही बारिश से उसमें बाधा उत्पन्न हो रही है। दक्षिणी मिजोरम के लॉन्ग्टलाई शहर में लैंड स्लाइडिंग की वजह से 8 लोगों के फंसे होने की आशंका है।

मिजोरम में एक व्यक्ति के मौत की भी खबर है। वहीं असम के कामरूप मेट्रोपॉलिटन जिले में बीते 3 दिन से हो रही बारिश से 5 लोगों की मौत हो गई। गुवाहाटी और सिलचर समेत कई शहरों में हजारों की संख्या में लोग प्रभावित हुए हैं। लखीमपुर में बांध टूटने की वजह से एक बड़ा इलाका पानी में समा गया।

अरुणाचल, त्रिपुरा और मणिपुर में भी कहर
  • अरुणाचल प्रदेश में भी भूस्खलन से 9 लोगों की जान चली गई है। राज्य के कई हिस्से बाढ़ का सामना कर रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि एनएच 13 पर अचानक हुए भूस्खलन से एक वाहन बह गया और उसमें सवार 7 लोगों की मौत हो गई। सरकार ने लोगों से रात में यात्रा न करने का आग्रह किया है।
  • त्रिपुरा में भी भारी बारिश और आंधी के चलते कई घर क्षतिग्रस्त हो गए। लोग राहत शिविरों में शरण लेने के लिए मजबूर हैं। अगरतला में हावड़ा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। त्रिपुरा में एक व्यक्ति के डूबने की खबर है। कई स्थानों पर पेड़ों के गिरने से सड़क मार्ग अवरुद्ध हो गया। आपदा नियंत्रण की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं।
  • मणिपुर में भी नदियां खतरे के निशान के पास बह रही हैं। इंफाल पूर्वी में कई इलाके बाढ़ के पानी में डूब गए। शुक्रवार को अकेले इंफाल पश्चिम जिले में 197.8 मिमी की रिकॉर्ड बारिश हुई, जिससे निचले इलाकों के कई हिस्सों में अचानक बाढ़ आ गई। पूर्वोत्तर के लिए अभी बारिश का रेड अलर्ट जारी रहेगा।

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अवैध बांग्लादेशियों पर असम सरकार का एक्शन, पहले गिरफ्तार किया अब भेजा नो मेंस लैंड; जानिए वजह

Dainik Jagran - National - May 31, 2025 - 5:54pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत में अवैध बांग्लादेशियों का मुद्दा काफी समय से उठता आ रहा है। इस बीच पूर्वोत्तर राज्य असम की बीजेपी सरकार ने अवैध बांग्लादेशियों के खिलाफ कड़ा कदम उठाया है। राज्य सरकार ऐसे लोगों को ढूंढ रही है, जिन्हें विदेशी ट्रिब्यूनल ने अवैध घोषित किया है।

राज्य की हिमंत सरकार विदेशी ट्रिब्यूनल ने अवैध घोषित कम से कम 49 लोगों को नो मैंस लैंड भेज दिया है। बता दें कि भारत और बांग्लादेश के बीच की सीमा को नो मैंस लैंड कहा जाता है। 

जानकारी के अनुसार, 27 और 29 मई को पश्चिमी और दक्षिणी असम से कम से कम 49 घोषित विदेशी नागरिकों को नो मैंस लैंड भेजा गया है।

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला

राज्य सरकार के इस कड़े एक्शन के बाद असम के कुछ इलाकों में हड़कंप मच गया है। टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ लोगों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटया है और इस एक्शन पर रोक लगाने की मांग की है। इस याचिका में उन्होंने अपने परिवार का पता लगाने के बारे में मांग की है।

याचिकाकर्ताओं ने शक जताया है कि उनके घरवालों को भी वापस भेज दिया है। इन लोगों ने कोर्ट से इस अभियान पर रोक लगाने की मांग की है।

राज्य के सीएम ने क्या कहा?

बता दें कि राज्य के सीएम हिमंत सरमना ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि अब ट्रिब्यूनलों द्वारा विदेशी नागरिक घोषित किए गए 30,000 लो गायब हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि अभी एनआरसी अपडेट प्रक्रिया रुकी हुई है। अब इसको तेज करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि जैसे ही हमें कोई विदेशी मिलता है हम कानून के अनुसार कार्रवाई करेंगे।

आने वाले समय में होंगी कई 'पुश बैक' कार्रवाई

असम के सीएम हिमंत सरमा ने बताया कि आने वाले दिनों में इस प्रकार कि कई पुश बैक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि कोई भी घोषित विदेशी हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकता है। यदि किसी ने अपील नहीं की है तो उसका भारत में रहने का अधिकार समाप्त हो जाता है। लेकिन यदि वह दिखा दे कि उसने अपील की है तो राज्य सरकार उसको नहीं छेड़ती।

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